BJP ended mafiaraj, gundaraj in Uttar Pradesh, says PM Modi in Sitapur rally
It is a matter of happiness for me that I am the MP of Kashi where Sant Ravidas ji was born: PM Modi in Sitapur
Earlier the ration of poor was looted by mafias, now we have ensured there is no loot: PM Narendra Modi in Sitapur

भारत माता की
भारत माता की

नमस्कार।

मैं देख रहा हूं मेरी नजर जहां पहुंच रही है उससे भी उस पार मैं इतना बड़ा जनसागर देख रहा हूं। आप इतनी बड़ी तादाद में हमें आशीर्वाद देने के लिए आए, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। और यहां तो मैं देख रहा हूं कर्टेन के भी पीछे यहां लोगों को तकलीफ हो रही है, लेकिन खड़े हैं। ऋषियों-मुनियों की तपोस्थली सीतापुर, और आसपास से आए सभी बहनों-भाइयों को मेरा सिर झुकाकर प्रणाम। आपका ये उत्साह बता रहा है कि यूपी में अगले पांच चरणों में भी बीजेपी का ही परचम लहराएगा। अब आप सभी को मिलकर के भाजपा को रिकॉर्ड सीटों से जिताना है। 2017 में जो रिकॉर्ड यूपी के लोगों ने बनाया, अब आपको अपना ही रिकॉर्ड तोड़ना है। तोड़ोगे ना, पक्का। आप याद रखिए, यूपी में भाजपा सरकार होने का मतलब है- दंगाराज, माफियाराज, गुंडाराज इन पर बराबर कंट्रोल। है कि नई है। है कि नई है। यूपी में भाजपा सरकार का मतलब है- पूजा के दिन हों, पर्वों के दिन हों, पूजा-पर्वों को मनाने की खुली स्वतंत्रता। यूपी में भाजपा सरकार का मतलब है- बहनों-बेटियों की मनचलों से सुरक्षा। यूपी में भाजपा सरकार का मतलब है- गरीब के कल्याण के लिए निरंतर काम। यूपी में भाजपा सरकार का मतलब है- केंद्र की योजनाओं पर डबल स्पीड से काम।

साथियों,

आज संत रविदास जी की जन्म जयंती भी है। रविदास जी के अनेकों मंदिरों में उनके भक्त जुटे हुए हैं। आज सुबह मुझे भी दिल्ली में संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास विश्रामधाम मंदिर में जाने का सौभाग्य मिला। मान्यता है कि जब एक बार गुरू रविदास जी राजस्थान जा रहे थे तो दिल्ली में उसी स्थान पर उन्होंने विश्राम किया था। मेरे लिए दोहरी खुशी ये भी है कि मैं उस काशी का सांसद हूं, जहां संत रविदास जी का जन्म हुआ था। ये भी मेरा सौभाग्य है कि बनारस में उनके मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण का कार्य, एक पवित्र कार्य करने के लिए ईश्वर ने मुझे निमित्त बनाया। मुझे एक माध्यम के रूप में इतने सालों से जो काम नहीं हुआ था, वो काम मुझे उस स्थान पर करने का, रविदास जी के पूरे मंदिर परिसर को सजाने का मौका मिला। दशकों से रविदास जी के भक्त, हर सरकार से इसकी मांग करते थे। हर व्यक्ति से इसकी मांग करते थे, लेकिन चुनाव आता था। लंगर चखना और फोटू निकालना और भाग जाना यही होता था। भाजपा सरकार वहां संत रविदास जन्मस्थली विकास परियोजना पर भी तेजी से काम कर रही है। रविदास जी के श्रद्धालुओं के लिए अनेक सुविधाएं वहां विकसित की गई हैं। आज वहां उनके भव्य मंदिर में दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से लोग पहुंच रहे हैं। मुझे विश्वास है कि संत रविदास जी की जन्मस्थली पर भाजपा सरकार जो सुविधाएं बना रही है, उससे श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव मिलेगा। हालांकि मुझे ये देखकर भी तकलीफ होती है कि यहां पहले जिन्होंने पांच साल तक सरकार चलाई, 2017 से पहले, उन्हें संत रविदास जी के नाम से भी कितनी चिढ़ रही है। ये मुझसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के लोग जानते हैं।


साथियों,

संत रविदास जी की प्रेरणा से हमारी सरकार सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर चल रही है। हमारी योजनाओं के केंद्र में गरीब है, दलित-शोषित-पिछड़े-वंचितों का कल्याण है। आप सब जानते हैं भाइयो-बहनो, पूरी दुनिया पिछले दो साल से, 100 साल में नहीं आई ऐसी भयंकर महामारी की चपेट में है पूरी दुनिया। इस महामारी के इस काल में, भाजपा सरकार ने गरीब का जीवन बचाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। संत रविदास जी भी कह गए थे-और आप, मैं जो रविदास जी कहकर गए थे, वो तो बताउंगा और आपको भी विश्वास होगा कि हमारा काम करने का तरीका, पूज्य संत रविदास जी ने सदियों पहले जो मार्गदर्शन किया था, उसी नक्शेकदम पर चल रहे हैं। संत रविदास जी ने क्या कहा था, संत रविदास जी ने कहा था, ऐसा चाहूं राज मैं, यानी मैं ऐसा राज चाहता हूं,...ऐसा चाहूं राज मैं, मिले सबन को अन्न। छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न। यानि मैं एक ऐसा राज चाहता हूं, रविदास जी ने कहा है, मैं एक ऐसा राज चाहता हूं, जिसमें सभी को अन्न मिले, हर कोई एक समान, समरस होकर रहे। इसी सोच के साथ, यूपी के करोड़ों लोगों को करीब-करीब दो साल से मुफ्त राशन दिया जा रहा है। इसमें सवा 9 करोड़ से अधिक साथी पिछड़े वर्ग से हैं। अनुसूचित वर्ग के हमारे 3 करोड़ भाइयों और बहनों को भी भाजपा सरकार मुफ्त राशन दे रही है। करीब 3 करोड़ साथी सामान्य वर्ग के गरीब परिवारों के भी हैं। अल्पसंख्यक समाज के भी लाखों साथियों को इसका लाभ मिल रहा है। जब गरीब की तकलीफ का ऐहसास हो, तो ऐसे ही काम होता है, ऐसे ही काम किया जाता है। गरीब का राशन जो पहले माफिया लूट लेता था, उसका एक-एक दाना आज गरीब के घर पहुंच रहा है। इस पूरे कोरोना काल में मैं एक बात पर ध्यान केंद्रित रहा कि किसी गरीब के घर में ऐसा दिन नहीं आना चाहिए कि घर का चूल्हा न जला हो। गरीब के घर में रात को किसी को भूखा न सोना पड़े। इसके लिए हम जागते रहे हैं और सरकार इस पर 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर रही है। गरीब भले ही किसी भी वर्ग का हो, दलित हो, पिछड़ा हो, वो जानता है कि किसने संकट के समय में साथ दिया और कौन संकट के समय लापता हो गया था। ये गरीब बराबर अपने दिमाग में भरकर रखता है।

साथियों,

कोरोना के इस समय में, गरीबों को मुफ्त वैक्सीन का भी हमारी सरकार ने पूरा ध्यान रखा है। पहले की सरकारों के समय कभी ऐसे अभियान चलाकर, इतना बड़ा अभिया चलाकर, समयसीमा में गरीबों को मुफ्त वैक्सीन नहीं दी गई है। आजादी के बाद इतने सालों में ये पहली बार हुआ है। पहले तो हालत ये थी कि पहले की सरकारों का वैक्सीनेशन कार्यक्रम हमारे गांवों तक, आदिवासी इलाकों तक ठीक से पहुंच ही नहीं पाता था। बरसों-बरस कार्यक्रम चलते थे, गरीबों को वैक्सीन की एक डोज नहीं लग पाती थी। आज ये भाजपा सरकार है जो देश के कोने-कोने में गरीब से गरीब को मुफ्त वैक्सीन लगवा रही है। भाइयो-बहनो मैं आपसे पूछना चाहता हूं, जरा जवाब देंगे। मैं सवाल पूछूं तो जवाब देंगे। जरा जोरों से बताएंगे तो पता चले। इधर वाले देंगे। यहां वाले देंगे....आप मुझे बताइये कि आपने वैक्सीन लगवाई है। हाथ ऊपर करके बताइये, लगवाई है। आपको वैक्सीन के लिए एक भी पैसा खर्च करना पड़ा है। आपके घर-घर सरकार ने चिंता की है कि नहीं की है। इतनी बड़ी महामारी में आपके, आपके परिवार के आपके गांव के लोगों की जिंदगी बचाने के लिए हमने जी-जान लगा दी कि नहीं लगा दी। विदेशों में कोरोना का यही टीका बहुत ज्यादा कीमत पर लग रहा है। लेकिन भारत में भाजपा की सरकार, हमारे लिए तिजोरी नहीं मेरे देश की जिंदगी बहुत उत्तम है कीमती है, तिजोरी खाली कर देंगे, लेकिन टीका घर-घर पहुंचाके रहेंगे यह काम हमने किया है। ये इसलिए क्योंकि हमें गरीब की, दलित की, हर पीड़ित-शोषित-वंचित की चिंता है, उसकी परवाह है। इस पर भी हमारी सरकार हजारों करोड़ रूपये खर्च कर रही है भाइयो बहनो, हजारों करोड़ रुपये... इस कोरोना काल में गरीबों को आयुष्मान भारत योजना का भी बहुत लाभ मिला है। जो गरीब पहले अच्छे अस्पताल में इलाज की सोच भी नहीं सकता था, और मैंने तो देखा है क्योंकि मैं भी आप ही की तरह एक बहुत सामान्य परिवार से आया हूं। मैंने गरीबी के भाषण नहीं सुने, मैं गरीबी जीकर के आया हूं। गरीब की जिंदगी क्या होती है, ये मैं उससे गुजरकर के आपके बीच में पहुंचा हूं,

भाइयो-बहनो,

गरीब के घर में मां अगर बीमार होती है तो सालों साल तक दर्द सहती है, किसी को बताती तक नहीं है घर में और दर्द हद से बाहर हो जाए और डॉक्टर के पास ले जाएं बच्चें और डॉक्टर आपरेशन के लिए कहे तो मां कहती है मुझे ऑपरेशन नहीं करवाना है, इसलिए नहीं की वो ऑपरेशन से डरती थी वो इसलिए ऑपरेशन नहीं करवाती थी कि वो सोचती थी कहीं बच्चे कर्ज लेकर के मेरा ऑपरेशन करवाएंगे और मेरे बाद उनके सर पर इतना कर्ज बना रहेगा और वो जिंदगी नहीं जी पाएंगे और इसलिए मां खुद बीमार रहना पसंद करती थी, लेकिन बच्चों के माथे पर कर्ज नहीं आने देती थी। ये सही है कि नहीं है भाईयों, ऐसा ही होता है कि नहीं होता है। इस दुख को कौन दूर करेगा भाईयों...ये गरीब की चिंता कौन करेगा। अगर गरीब मां बीमार है तो उस मां का इलाज कौन करवाएगा औऱ इसलिए हमने प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना लाकर के हर गरीब परिवार के व्यक्ति को पांच लाख तक का अगर खर्च आता है तो उसका सारा जिम्मा हमने उठा लिया ताकि मेरा कोई गरीब परिवार दवाई के अभाव में ड़ॉक्टर के अभाव, अस्पताल के अभाव में दम तोड़ ना दे भाइयो। आखिर सरकार होती किसके लिए है सरकार गरीबों के लिए होती है। अरे अमीर तो बीमार हो जाएगा तो 10 डॉक्टर उसके घर कतार लगा कर खड़े हो जाएंगे। हवाई जहाज में उठाकर उसको ले जाएंगे जहां अच्छी अस्पताल होगी, लेकिन गरीब कहां जाएगा। और इसलिए भाइयो-बहनो डबल इंजन की सरकार, डबल शक्ति से यूपी को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए, गरीब को सशक्त करने के लिए काम कर रही है। हमारे गरीब, पिछड़े, दलित भाई-बहनों का बहुत बड़ा सपना था कि उनके पास भी पक्का घर हो। भाजपा सरकार ने अपने पांच साल में सिर्फ उत्तर प्रदेश में, मेरे भाइयो-बहनो आंकड़ा याद रखना जरा, पांच साल में उत्तर प्रदेश में 34 लाख, 34 लाख पक्के घर बनाकर हमने गरीबों को दिए हैं। और आज गरीब पक्के घर में रहने लगा है भाइयों-बहनों। और जिनको अभी घर मिला नहीं है, उनको भी मैं विश्वास दिलाता हूं, ये काम अभी भी तेजी से चल रहा है। आने वाले दिनों में आपका भी नंबर लगने वाला है, ये मोदी है कर के रहेगा, दे के रहेगा। और मेरे लिए खुशी की बात है, मेरे अब मंत्रि परिषद में, पंकज चौधरी जैसे वित्त मंत्री हैं, फाइनेंस मिनिस्टर हैं एमओएस, इस बार के बजट की पूरे हिंदुस्तान में तारीफ हो रही है, ये बजट किसने दिया है, ये पंकज चौधरी जी ने दिया है। और उन्होंने भी आपके दुख-दर्द को जानते हैं। इस बजट में भी गरीबों को लाखों घर देने के लिए कोटि-कोटि रुपयों का प्रावधान कर दिया है। मैं पंकज जी को अभिनंदन देता हूं।

भाइयों- बहनों।

गरीब माताओं-बहनों-बेटियों को खुले में शौच के अपमान से, पीड़ा से मुक्ति चाहिए थी। कैसे दिन थे, आजादी के सात-सात दशक के बाद, मेरी गरीब मां, अंधेरे का इंतजार करती थी। शौच जाना है तो सुबह सूरज उगने से पहले भागती थी। कितनी ही ठंड हो जाना पड़ता था, कहीं जगल में और शाम को सूरज ढलने के बाद जा पाती थी, पीड़ा सहन करती थी शौचालय की सुविधा नहीं मिलती थी। ये मेरी मां का दर्द, मेरे इन गरीब परिवारों का दर्द, गरीबी से आया हुआ उनका बेटा ही जान सकता है। भाजपा सरकार ने यूपी में दो करोड़ से ज्यादा इज्जत घरों का-शौचालयों का निर्माण करके उनके जीवन की बहुत बड़ी परेशानी दूर की। और मैं उत्तर प्रदेश की बहनों का एक विशेष कारण से आभार व्यक्त करता हूं, क्योंकि शौचालय को इज्जतघर जो नाम मिला है न, वो मेरी उत्तर प्रदेश की बेटियों ने दिया है। मैं पहली बार जब उत्तर प्रदेश में दौरा कर रहा था, शौचालय बनाने के बाद मैं एक गांव भी चला गया था क्योंकि शौचालय बनाने का जो काम कर रहा था मैं उसके साथ जुड़ा था, तो बेटियों ने इसे इज्जत घर शब्द दिया था, और मैं समझ गया था कि मेरी बहन बेटियों के लिए, ये शौचालय कितना बड़ा महत्वपूर्ण है। ये दिल्ली में आज तक शासन करने वालों को गरीब की जिंदगी में शौचालय क्या होता है, ये इनकी समझ के बाहर है भाइयों-बहनों, मुझे इसकी समझ है।


भाइयो-बहनों

रसोईघर के धुएं को उसी में जिंदगी जीना हमारी माताओं-बहनों ने उसे ही अपना भाग्य समझ लिया था, दिन भर चूल्हे की आग से निकलते हुए धुएं, उसमें खाना पकाना, धुएं के कारण बच्चों की आंखें जल रही हैं बच्चे रो रहे हैं, मां के शरीर में हर दिन चार सौ सिगरेट जितना धुआं उसके शरीर में जा रहा है, कितना दर्द झेलती होगी। हमने ऐसी करोड़ों बहनों को इस दर्द से मुक्ति के लिए, उज्ज्वला योजना के तहत गैस का कनेक्शन दिया। भाइयो-बहनों हमारे देश में आज से सात साल पहले गैस का कनेक्शन स्टेटस सिंबल हुआ करता था। एमपी, एमएलए, मंत्री उनकी सिफारिश से गैस कनेक्शन मिलता था। सिर्फ प्रधानमंत्री बदल गया सोच बदल गई और सामने से गैस का कनेक्शन देना शुरू कर दिया भाइयों । जिन करोड़ों बहनों-बेटियों का अधिकतर समय पीने के पानी के इंतजाम में बीत जाता है, मैं तो एक ऐसे राज्य से आता हूं, जहां 10 साल में 7 साल सूखा रहता था, पानी की किल्लत रहती थी मैं उस दर्द को जानता हूं, और इसलिए मैं देखता था मेरी माताएं, बहनें…बच्चियां स्कूल नहीं जाती थी… क्यों… क्योंकि तीन-तीन किलोमीटर पानी लेने जाना पड़ता था।

भाइयों-बहनों

आज नल से जल का ये बड़ा अभियान चलाया है। और पानी की सुविधा घर में पहुंचे सरकार इसकी चिंता कर रही है। हर घर जल अभियान इस पर यूपी में तेजी से काम किया जा रहा है। भाइयो-बहनो, आप ये भी जान लीजिए, आपको कई नेता मिल जाएंगे, बहुत बड़ी बातें कहेंगे, हम आपको इतने पैसे दे देंगे। दूसरा आएगा हम वो हजार दे रहा है तो मैं ग्यारह सौ दे दूंगा। तीसरा आएगा, ये एक चीज मुफ्त देता है तो मैं दो चीज मुफ्त देगा। ऐसे ही राजनीति में खेल चल रहा है। लेकिन मैं आपसे पूछना चाहता हूं, जरा मुझे जवाब देना दोस्तो। आपके पास घर है शानदार बंगलो है गाड़ी है उद्योग है व्यापार है। खेत है, खलिहान है सुख ही सुख है दुख का नामौनिशान नहीं है, लेकिन आपका जवान बेटा या जवान बेटी घर से बाहर गई है और शाम को उसका डेड बॉडी, उसका मृत देह घर आ जाए तो ये घर किस काम का। ये बंगलो किस काम का, ये पैसे- मिल्कियत किस काम की... आपको चाहिए सुरक्षा, सुरक्षा चाहिए कि नहीं चाहिए। सुरक्षित जीवन होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए। आपको सुरक्षा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए। जब कानून का राज नहीं होता, तो सबसे ज्यादा पिसना मेरे गरीब को ही पड़ता है। असुरक्षा की जिंदगी जीनी पड़ती है। माफियाओं के राज में गरीब की सुनवाई नहीं होती। उत्तर प्रदेश में पहले जो घोर परिवारवादियों की सरकार रही, उन्होंने यूपी का यही हाल बना रखा था। हमारे दुकानदार, व्यापारी-कारोबारी कभी नहीं भूल सकते कि की कैसे पहले की सरकार के समय गुंडागर्दी चरम पर थी। हर एक दुकानदार, स्थानीय गुंडों की घुड़की और धमकी सुनने के लिए मजबूर रहता था। कारोबार के सिलसिले में शहर के दुकानदारों का गांव आना, गांव के दुकानदारों को शहर जाना लगा ही रहता है। लेकिन पहले आए दिन व्यापारियों से, दुकानदारों से पैसा लूट लिए जाने की खबरें अखबारों में छाई रहती थीं।

भाइयो और बहनो,

यहां तो हालत ये थी कि अगर कोई त्योहार बिना तनाव, बिना कर्फ्यू के निकल जाता था, तो लोग राहत की सांस लेते थे। अब योगी जी की सरकार यूपी के लोगों को, इन दंगाइयों से, अपराधियों से, मुक्ति दिलाने का काम कर रही है। और इसलिए, इसलिए आज पूरा यूपी कह रहा है, आज पूरा यूपी कह रहा है- जो कानून का राज लाए हैं, हम उनको लाएंगे।


साथियों,

उत्तर प्रदेश में तो पारंपरिक लघु और कुटीर उद्योगों की एक समृद्ध विरासत है। सीतापुर की सूती और ऊनी दरी, तो देशभर में मशहूर है। और आज मुझे भी तोहफा मिल गया। मैं आपका आभारी हूं। वैसे मैं बताऊं जी, मैं जब छोटा था, तो मैंने बड़े-बड़े शहरों के नाम तो सुने थे, लेकिन सीतापुर का नाम बहुत सुना था। मेरे गांव में, शायद वर्तमान पीढ़ी को मालूम नहीं होगा, जब मैं छोटा था तो मैं मेरे गांव में सीतापुर नाम सुनता था। तब ये भी मालूम नहीं था कि सीतापुर कहां पड़ता है। हम तो सोच रहे थे कि गुजरात के किसी कोने में होगा। क्योंकि जो थोड़े अच्छे घर के लोग होते थे और उनको आंख की तकलीफ होती थी तो वे सीतापुर आते थे। मेरे गुजरात से आंख की बीमारी से दवाई के लिए लोग सीतापुर आते थे। और आज हालत ये है, मैं इसका वर्णन नहीं करता हूं, योगी जी ने इसे ठीक करने के लिए पांच साल बड़ी मेहनत की है भाई। अब मेरे सीतापुर के बुनकर साथियों का ये जो दरी वाला काम है जो उनका परिश्रम है, ये दुनिया भर में जाए इसके लिए हम एक जनपद-एक उत्पाद योजना लेकर आए हैं। मुझे बताइये भइया, अगर मैं वोकल फॉर लोकल…वोकल फॉर लोकल, वोकल फॉर लोक ये बार-बार चीख-चीखकर बोलता रहता हूं। दीवाली आए तब भी बोलता हूं, होली आए तब भी बोलता रहता हूं। शिवरात्रि आए तब भी बोलता हूं। शादी की सीजन आए तब भी बोलता हूं….क्यों बोलता हूं। मेरा तो कोई कारखाना है नहीं, मैं मेरा माल बेचने के लिए नहीं कर रहा हूं। क्योंकि मुझे मालूम है कि हिंदुस्तान के हर जिले में ऐसे उत्पाद हैं, उनके लिए मैं बोलता रहूंगा। दुनिया में बेचता रहूंगा, ताकि सीतापुर की दरी दुनिया के बाजार में बिकना शुरू हो जाए।

आप मुझे बताइये भइया, अगर कोई भी राजनीतिक दल का नेता अगर ये बोलेगा, कोई भी राजनीतिक दल का नेता कि भई वोकल फॉर लोकल, स्थानीय चीजें खरीदीए, तो बताइये उस पार्टी का कोई नुकसान होगा क्या, कोई नुकसान होगा क्या। अगर वो ऐसा बोलते हैं और आपकी दस-बारह, पचास दरी ज्यादा बिकती है तो आपका भला होगा कि नहीं होगा। आपका भला होगा कि नहीं होगा, लेकिन उनको तो इसमें भी दर्द है कि अगर वोकल फॉर लोकल बोल दिया और सीतापुर की दरी ज्यादा बिक गई और सीतापुर के लोग सुखी हो गए तो क्रेडिट तो योगी जी को मिलेगा। क्रेडिट तो मोदी जी को मिलेगा। इसलिए बोलना ही नहीं।

भाइयो और बहनो

मैं आपके लिए बोलता हूं। आपके परिश्रम के लिए बोलता हूं। आपके हुनर के लिए बोल रहा हूं भाइयो। ये घोर परिवारदियों की सोच ने तो इतने वर्षों तक अपने कारीगरों के हुनर के बजाए विदेश से आयात पर ही बल दे दिया। अब तो हमने झांसी से लेकर अलीगढ़ तक डिफेंस कॉरिडोर का जो काम शुरू किया है ना…हमने तो हमारे बजट में पंकज जी ने बहुत बढ़िया काम कर दिया है। उन्होंने बजट में कह दिया है कि रक्षा क्षेत्र में भी इतने रुपयों का माल तो हिंदुस्तान में से ही लेना होगा, बाहर से नहीं ला सकते हो। इसके कारण हमारे देश में जो लोग तैयार करते हैं चीजें, वो बिकेंगी।

भाइयो और बहनो,

आज हम वोकल के लिए लोकल की बात कर रहे हैं। इसके पीछे यही हमारा प्रयास है। हमारी कोशिश है कि देश में अधिक से अधिक उत्पादन हो। अधिक से अधिक नए रोजगार के नए अवसर बनें। आपको याद होगा सात-आठ साल पहले मोबाइल फोन कितना महंगा होता था। उस समय ज्यादातर मोबाइल फोन विदेश से ही आते थे। भाजपा सरकार की कोशिशों की वजह से आज भारत मोबाइल फोन बनाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा, दूसरा सबसे बड़ा देश आज भारत बन गया है। आज भारत में मोबाइल फोन बहुत सस्ता हुआ है। इंटरनेट सस्ता हुआ है। गरीब से गरीब की पहुंच में है। और ये मोबाइल फोन मेरे देश के नौजवान बेटे-बेटियां बना रही हैं और मेरे देश में माल तैयार हो रहा है और बिक रहा है और लोगों को रोजगार मिल रहा है। आपको सस्ता मोबाइल मिल रहा है।

साथियो,

नीयत साफ हो, प्रयास ईमानदार हों, दिल में सेवा का भाव हो तो रास्ते तो निकलते ही हैं। आप ये भी याद करिए, आपके घर में जो एलईडी बल्ब आता है, वो छह साल पहले तीन सौ-चार सौ रूपये में एक लट्टू आता था, हमने देश में ही इनका बहुत बड़ी मात्रा में उत्पादन करने पर जोर दिया। आज ये बल्ब, ये लट्टू पचास-साठ रूपये में मिल रहा है। सिर्फ बल्ब सस्ता नहीं हुआ, बल्कि बिजली का बिल भी कम हुआ। यूपी के लोगों के भी सैकड़ों करोड़ रूपये एलईडी बल्ब की वजह से बचे हैं।

भाइयों और बहनों,

योगी जी के नेतृत्व में रोज़गार और स्वरोज़गार की दिशा में भी अभूतपूर्व प्रयास किए गए हैं। मैं एक और आकंड़ा देना चाहता हूं जो कोरी बातें करने वालों की पोल खोलने के लिए बहुत जरूरी है। 2007 से लेकर 2017 तक के 10 सालों में इन्होंने 2 लाख से भी कम सरकारी नौकरियां यूपी के युवाओं को दी थीं। कितनी नौकरियां भइया, दो लाख से भी कम, कितनी-दो लाख से भी कम। कितनी-कितनी-कितनी दो लाख से कम और कितने समय में, पांच साल में। जबकि योगीजी की सरकार ने अपने अपने 5 साल में साढ़े 4 लाख सरकारी नौकरियां दी हैं। और आप ये भी याद करिए कि घोर परिवारवादियों की सरकार में नौकरियां किस तरह मिलती थीं, लोगों को क्या-क्या पापड़ बेलना पड़ता था। ये मेरे उत्तर प्रदेश के नौजवान जानते हैं।

भाइयों और बहनों,

2017 से पहले खनन माफिया और भूमाफिया का ही राज चलता था। माफियावादियों को तब बार-बार बाढ़ से जूझते सीतापुर के गांवों की चिंता क्या कभी हो सकती है क्या ? जो लूटने में लगे हैं, योगी जी की सरकार ने इस चुनौती के समाधान के लिए ईमानदार प्रयास किए हैं। नैमिषारण्य को लेकर भी घोर परिवारवादियों का रवैया क्या था वो आप मुझसे ज्यादा जानते हैं। हमारी सरकार ने नैमिषारण्य के विकास के लिए ठोस कदम उठाए हैं।

साथियों,

जिन्होंने यूरिया तक के लिए किसानों पर लाठियां चलाईं, वो गांव-किसान का हित नहीं सोच सकते। सीतापुर के किसान कभी नहीं भूल सकते कि कैसे गन्ना बेचने आए किसानों पर मिल के फाटक के सामने लाठियां बरसाई गई थीं। ये सीतापुर की बात आपको याद होगी भाइयो। इनका ट्रैक रिकॉर्ड गन्ना फैक्ट्रियों को बंद करने का भी रहा है, योगी सरकार नई गन्ना फैक्ट्रियां भी लगा रही हैं और पुरानी फैक्ट्रियों की क्षमता भी बढ़ा रही है। आज गन्ना किसान को पर्ची घर बैठे अपने मोबाइल पर ही मिल रही है। हम इथेनॉल के उत्पादन पर भी जोर दे रहे हैं ताकि गन्ना किसानों को आय का एक और विकल्प मिले। पशुपालन से गांव के किसान की आमदनी बढ़े, इसके लिए भी हम ईमानदार प्रयास कर रहे हैं। हम बेसहारा पशुओं के लिए पशु-शालाएं बनवा रहे हैं ताकि किसानों की दिक्कत कम हो। कोशिश ये भी है कि पशुओं के गोबर से भी अतिरिक्त आय किसान मिलना शुरू हो जाए।

साथियों,

यूपी का विकास वो लोग नहीं कर सकते जो दंगाइयों को, गुंडों को, माफियाओं को बढ़ावा देते हों। उत्तर प्रदेश के जागरूक लोग इस बात को भली-भांति जानते हैं। इसीलिए उत्तर प्रदेश के लोग जी-जान से कह रहे हैं- आएगी तो भाजपा ही, आएगी तो भाजपा ही आएंगे तो योगी ही ! लेकिन आपको एक बात का ध्यान रखना है। ये दंगावादी, आप लोगों को बांटने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। लेकिन आपको एकजुट रहना है। एकजुट होकर के मतदान करना है। और आप याद रखिए, पहले मतदान, कमल निशान, फिर दूसरा कोई काम।
मेरे साथ जोर से बोलिए....

भारत माता की जय
भारत माता की जय

मेरी उम्मीदवारों से प्रार्थना है, जरा आगे आ जाएं और पंकज जी भी उनके साथ आ जाएं जरा। हमारे एमपी साहब भी थोड़ा आगे आ जाएं। मेरे साथ हाथ ऊपर करके बोलिए

भारत माता की जय
भारत माता की जय
बहुत-बहुत धन्यवाद !

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Visit of Prime Minister Narendra Modi to Vientiane, Lao PDR
October 09, 2024

At the invitation of H.E. Mr. Sonexay Siphandone, Prime Minister of the Lao People’s Democratic Republic, Prime Minister Shri Narendra Modi will visit Vientiane, Lao PDR, on 10-11 October 2024.

2. During the visit, Prime Minister will attend the 21st ASEAN-India Summit and the 19th East Asia Summit being hosted by Lao PDR as the current Chair of ASEAN.

3. India is marking a decade of the Act East Policy this year. Relations with ASEAN are a central pillar of the Act East Policy and our Indo-Pacific vision.

4. The ASEAN-India Summit will review progress of India-ASEAN relations through our Comprehensive Strategic Partnership and chart the future direction of cooperation.

5. The East Asia Summit, a premier leaders-led forum that contributes to building an environment of strategic trust in the region, provides an opportunity for leaders of EAS Participating Countries, including India, to exchange views on issues of regional importance.

6. Prime Minister is expected to hold bilateral meetings on the margins of the Summits.