In Madhya Pradesh, Congress has three leaders but zero vision for the development of the state: PM Modi
The BJP government has transformed Madhya Pradesh from being a ‘BIMARU’ state to a ‘BEMISAAL’ state: PM Modi
‘Statue of Unity’ is a tribute to the great Sardar Patel, who devoted his energy for India's unity: PM Modi
We have identified 115 aspirational districts and with a focused action plan, we are working for developing those regions: PM Modi
Everyone has a bank account today, every village has electricity, every school has a toilet…all these have happened for the first time: PM Modi
For the first time, a significant milestone has been achieved as 5 lakh villages have been declared open defection free: PM Modi

नमस्कार,
‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत’ इस कार्यक्रम में आप सबका स्वागत है। सबसे पहले आप सभी कार्यकर्ताओं को और देशवासियों को महाष्टमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

साथियो,
इस बात की बहुत खुशी है कि आज मध्य प्रदेश में होशंगाबाद, झारखंड में चतरा, राजस्थान में पाली, उत्तर प्रदेश में गाजीपुर और उत्तर मुंबई से भारी संख्या में हमारे सभी कार्यकर्ता जुड़े हैं।मुझे इस बात की भी अत्यंत प्रसन्नता है कि इन जगहों पर हमारे एमपी और एमएलए भी कार्यकर्ताओं के साथ उपस्थित हैं। मुझे पता चला है कि एक कॉन्स्टीट्यून्सी में तो सौ जगहों पर इस संवाद को सुना जा रहा है।नमो ऐप के माध्यम से अपने परिश्रमी कार्यकर्ताओं से इस प्रकार से जुड़ना मेरे लिए बहुत ही बड़ा सुखद अनुभव होता है। यह संवाद जन सेवा के लिए हमारे संकल्प को और मजबूती प्रदान करता है।

आइए बातचीत को आगे बढ़ाते हैं और चलते हैं , सबसे पहले आरंभ करेंगे होशंगाबाद से। बताइए कौन बात करेगा होशंगाबाद से? देखिए होशंगाबाद, मध्यप्रदेश में हमारे उदयप्रताप सिंह हमारे बहुत सक्रिय सांसद हैं। हमारे विधायक भाई श्री जालम सिंह जी पटेल, हमारे गोविंद सिंह जी पटेल, सरताज सिंह जी, डॉ सीतासरण जी, श्री विजयपाल जी, श्री ठाकुरदास नागमुंशी जी, श्री रामकिशन पटेल जी और इतने सारे कार्यकर्ता वहां इकट्ठा हुए हैं। होशंगाबाद में तो बड़े पावर प्रोजेक्ट का काम बहुत तेजी से चल रहा है और मैंने सुना है कि होशंगाबाद में हर गांव को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के द्वारा अच्छे से जोड़ा गया है और हाईवेज का भी काम बहुत अच्छे ढंग से चल रहा है। कार्यकर्ताओं द्वारा दिव्यांगों के लिए स्कूटर की व्यवस्था की गई है, जो अपने आप में काफी प्रशंसनीय कार्य है।

आइये अब हम आपकी बात सुनते हैं कौन पूछेगा?

जया शर्मा (मंडल कार्यकर्ता, होशंगाबाद) - नमस्कार

पीएम मोदी – नमस्कार। नमस्कार।

जया शर्मा – माननीय प्रधानमंत्री जी से मेरा प्रश्न है,मध्य प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस सिर्फ और सिर्फ दुष्प्रचार कर रही है। झूठी बातें और कहानियां बता कर लोगों को गुमराह कर रही है। कृपया इस हेतु मार्गदर्शन करें। धन्यवाद।

पीएम मोदी– देखिए लोकतंत्र में विपक्ष का या देश का छोटा से छोटा व्यक्ति भी कोई बात कहता है, तो वो बहुत गंभीरता से लेनी होती है, और मैं मानता हूं कि लोकतंत्र का ये मूलभूत स्वभाव है, और वो हमारा लगातार प्रयास भी रहता है, मध्यप्रदेश सरकार का भी प्रयास रहता है, भाजपा की सभी सरकारों का प्रयास रहता है। लेकिन इन दिनों जो बातें होती हैं, जो टीवी पर सुनने को मिलता है, तो आपको नहीं लगता कि ये बहुत काम आने वाली चीज है। आप चुनाव में इतने थककर के आते हैं, थकान महसूस करते हैं, तनाव महसूस करते हैं, तो आपको भी मनोरंजन की जरूरत है कि नहीं है। तो थोड़ा मनोरंजन लीजिए। मैं मानता हूं ये चुनाव के समय कुछ लोग मिल जाते हैं और हर चुनाव में किसी न किसी दल से कोई न कोई तो मिल ही जाता है, जो देश को चुनाव के इस तनावपूर्ण वातावरण में, तू-तू, मैं-मैं के वातावरण में हंसी-खुशी की शाम देता है। और इसलिए मैं मानता हूं कि इसको उस रूप में भी थोड़ा आनंद लीजिए, ऐसे गंभीर मत हो जाइये। और जहां तक मध्य प्रदेश का सवाल है मध्य प्रदेश में ऐसी हालत है कि हमारे विरोधियों के पास मुद्दे ही नहीं हैं और जब मुद्दे ही नहीं हैं तो करेंगे क्या? विकास के हमारे कामकाज ने उन्हें इस प्रकार से हताश कर दिया है कि अब वे अनाप-शनाप हरकतों पर उतर आए हैं। कभी वे विरोध के लिए पाकिस्तान का फ्लाईओवर ले आते हैं तो कभी बांग्लादेश की तस्वीर जड़ देते हैं। कभी फेक न्यूज तो कभी गुमराह करने वाली तस्वीरें।

दरअसल, मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह जी की सरकार ने हर वर्ग और हर क्षेत्र के लोगों के कल्याण के लिए इतना काम करके दिखाया है, जिन पर सवाल उठाना कांग्रेस के लिए संभव नहीं है। बेटियों के लिए लाडली लक्ष्मी योजना ने जहां परिवारों में खुशियां भरी हैं, वहीं किसानों को उनके पसीने की पूरी कीमत देने के लिए कई फसलों पर प्रोत्साहन राशि का भी प्रावधान किया गया है, और जिससे मध्यप्रदेश कृषि के क्षेत्र में काफी आगे निकल गया है।

राज्य की मौजूदा सरकार ने सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के साथ ही, घरों में 24 घंटे बिजली देने का भी काम किया है। जनकल्याण संबल योजना से गरीबों को नई ताकत मिली है, साथ ही सस्ता राशन, पक्के मकान, नि:शुल्क इलाज, सस्ती बिजली, गरीबों की सामाजिक सुरक्षा भी मध्यप्रदेश सरकार ने सुनिश्चित की है। यही वो सरकार है, जिसने नर्मदा मैया का पानी क्षिप्रा में लाने का बहुत ही कठिन कार्य संभव कर दिखाया। आप सब उस मध्य प्रदेश को भी देख चुके हैं, जिसे दुनिया ने बीमारू राज्य कहा था, लेकिन भाजपा की सरकार ने उसे बेमिसाल राज्य में परिवर्तित कर दिया है।

भाजपा सरकार के खाते में ये ऐसी उपलब्धियां हैं, जिनसे कांग्रेस बेचैन है, परेशान है, निराश है, हताश है, मैदान खो चुकी है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के पास विकास का तो कोई एजेंडा नहीं है, अब लगता है कि विरोध के लिए उनके पास कुछ नहीं बचा है।

मैं एक टीवी चैनल पर देख रहा था, मध्य प्रदेश के सागर की रिपोर्ट चल रही थी और उस टीवी चैनल ने दिखाया कि गर्ल्स कॉलेज में पहली बार वोट देने वाली युवा बच्चियों का कार्यक्रम था और उनसे पूछा गया कि वो कांग्रेस और बीजेपी में से किसको चुनेंगी। तो मध्य प्रदेश में चुनाव की हवा चल रही है, ऐसे समय सागर की उन पहली बार वोट देने वाली बच्चियों में से 90 प्रतिशत बच्चियों ने कहा-हम बीजेपी को वोट देंगे, शिवराज सिंह चौहान को वोट देंगे। मोदी सरकार के काम को लेकर वहां के यूथ इतने पॉजिटिव दिखे।

कांग्रेस की हालत ऐसी है कि राज्य में तीन-तीन सीएम उम्मीदवार, सीएम बनने के लिए दूसरे की टांग खींचने में लगे हुए हैं। और एक डजन से ज्यादा इसकी दूसरी कतार में खड़े हैं, जो अभी बोलते नहीं हैं लेकिन ये तीन गिर जाएं तो हममें से कोई ऊपर आएगा, उसका खेल खेल रहे हैं। यानि जहां डजन-सवा डजन मुख्यमंत्री की आशा लेकर के चलने वाले लोग हैं वो आपके विकासके लिए क्या करेंगे जी। ना ही विकास की कोई नीति है, ना उनकी कोई नीयत है...ऐसे में वो झूठ पर आधारित रणनीति बनाने में जुटी हुई है। जनता जनार्दन के हक में इस झूठ का पर्दाफाश आत्मविश्वास के साथ करते रहना चाहिए, ये हम सबका दायित्व है।

कोई और शायद पूछना चाहता है।

पुरुषोत्तम रघुवंशी (मंडल अध्यक्ष, होशंगाबाद)–माननीय प्रधानमंत्री जी...हमारी सरकार, केंद्र एवं राज्य की बहुत अच्छा कार्य कर रही है इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई, बहुत-बहुत मेरी ओर से शुभकामनाएं। मेरा आपसे एक सवाल है, देश को आजाद हुए इतने वर्ष हो गए हैं लेकिन फिर भी कुछ जिले इतने पिछड़े हुए हैं, इसके लिए सरकार क्या प्रयास कर रही है। मेरा ये सवाल है आपसे, कृपया जवाब देने की कृपा करें। धन्यवाद। जय हिंद, जय भारत।

पीएम मोदी- पुरुषोत्तम जी, आप एक मंडल के अध्यक्ष हैं लेकिन मुझे खुशी है कि आप पूरे देश के भी विषयों की चर्चा करते हो और यही भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपेक्षित है कि वो किसी स्थान पर हो, किसी पद पर हो लेकिन वो सोच राष्ट्रव्यापी होनी चाहिएऔर वो आज आपके सवाल में मुझे दिख रहा है। मैं सबसे पहले आपके सवाल के लिए बधाई देता हूं।
देखिए, हमारे देश में Backward District के विकास के लिए योजनाएं तो आजादी के समय से बनती रही हैं। ये योजनाएं बनती रहीं, चलती रहीं। सरकारें भी बदलती रहीं, योजनाएं भी बदलती रहीं, परन्तु इन पिछड़े जिलों की किस्मत नहीं बदली। और मेरा मानना है कि स्थिति से बाहर निकालने के लिए पूरे देश को एकजुट होना पड़ेगा। सरकार, अधिकारी, जन प्रतिनिधि, जनता स्वयं हर कोई एक फोकस्ड ऐक्शन प्लान के तहत काम करे।

इसके लिए हमने Aspirational district-आकांक्षी जिलों पर काम शुरू किया है। इन जिलों को लेकर Backward होने का जो माइंडसेट बना हुआ था, सबसे पहले हमने उसको तोड़ने का काम किया है। मेरा मानना है कि अगर किसी जिले पर पिछड़े होने का ठप्पा लग जाएगा तो उसे आगे बढ़ने में मानसिकता ही टूट जाती है, अनेक दिक्कतें आती हैं। इसलिए हमने इन जिलों को Aspirational districtsया आकांक्षी जिले का नाम दिया। सरकार ने देश में 115 Aspirational district की पहचान की है और उसी भावना के अनुरूप उन्हें उनका उचित सम्मान दिलाने की ठानी है। अभी जिन राज्यों के बूथ कार्यकर्ताओं से बात हो रही है, इन राज्यों के भी कई जिले आकांक्षी जिलों में शामिल हैं। हमारा ध्येय यही है कि जो जिले पहले पिछड़े होने का दाग झेलते आए थे, वोविकास की यात्रा में गर्व से सहभागी बन सकें। यहां के लोग अपनी आकांक्षाओं के अनुसार खुद को आगे लेकर के बढ़ें।

अभी पिछले दिनों मैं छत्तीसगढ़ के जांजगीर दौरे पर गया था। मैंने देखा कि अब वहां की तस्वीर बदल रही है। किसानों को यूरिया मिलने से लेकर गरीबों के घर गैस कनेक्शन पहुंचा है। गांव-गांव तक बिजली पहुंच गई है। कम समय में काफी बदलाव आया है।यही तरीके हैं इन चीजों को आगे बढ़ाने के लिए।

आइए अब मध्य प्रदेश के लोग वहां बैठेंगे, देश के और राज्यों के कार्यकर्ताओं की बातें भी सब सुनेंगे। अभी हम चलते हैं झारखंड और झारखंड में हम चतरा जा रहे हैं। आप सबको चतरा मालूम होगा? और झारखंड में वहां के हमारे सांसद हैं श्री सुनील कुमार सिंह जी बहुत ही सक्रिय सांसद हैं। हमारे वहां के विधायक भाईश्री जयप्रकाश जी हैं, भाई श्री गणेश जी हैं, श्रीमान हरिकृष्ण जी हैं और आपके यहां तो टोरी और शिवपुरके बीच कॉल कनेक्टिविटी के लिए रेल लाइन भी स्थापित हो गई है।

चतरा में इटखोरी महोत्सव बहुत फेमस है और इस बार तो केंद्र सरकार ने भी इसके लिए आर्थिक मदद की है। हमारे जन प्रतिनिधि की मदद से नेतरहाट और बेतिया टाइगर रिजर्व को स्वदेशी दर्शन स्कीम में भी स्थान मिला है। नेतरहाट स्कूल काफी प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध है और मुझे आज इतनी प्रतिष्ठित जगह से जुड़ने का अवसर मिला है। मेरे आदिवासी भाई-बहन अपने परंपरागत वेश में, अपने बहुत बड़े-बड़े ढोल-नगाड़े लेकर के आए हैं। बड़ी खुशी के साथ उन्होंने उन ढोल- नगाड़ों के साथ मेरा स्वागत किया। मैं सचमुच में सुनील जी और उनकी टीम को बधाई देता हूं कि मुझे मेरे इन आदिवासी भाई-बहनों के साथटेक्नोलॉजी के माध्यम से भी मिलने का आपने सौभाग्य दिया।

आइए वहां प्रश्न कौन पूछने वाले हैं।
लखन डांगी (मंडल अध्यक्ष, चतरा) - जोहार
पीएम मोदी- जोहार जोहार
लखन डांगी- प्रधानमंत्री जी मैं आपसे एक सवाल पूछना चाहता हूं।
पीएम मोदी- हां लखन डांगी जी,बताइए
लखन डांगी- उत्तरी कोयल प्रोजेक्ट जो मंडल डैम से जाना जाता है ये 1972-73 ईस्वी से लटकी पड़ी थी अंधकार में थी, लेकिन सर आपकी सरकार आते ही इसका कार्य प्रारंभ कर दिया गया। क्या कारण है, सर इसे थोड़ा बताने की कृपा करें।

पीएम मोदी- लखन लाल जी आपके सवाल में इतना उमंग और उत्साह दिख रहा है कि मुझे साफ दिखता है कि आप इस प्रोजेक्ट से कितना खुश हैं। आपने झारखंड में चतरा के 'North Koel water Reservoir Project'की बात की। इसकी शुरुआत 1973 में ही की गई थी। 1993 तक यानि 20 साल तक 800 करोड़ रुपये खर्च भी किए जा चुके थे। बाद में लटकाना, अटकाना, भटकाना ये जो हमारे देश में परंपरा रही पुरानी, सरकारों की उस लापरवाही के कारण ये अधूरी पड़ी रही। लोगों के सपने बर्बाद हो गए, रुपये बर्बाद हो गए, खेती सूखती रही लेकिन उनके पेट का पानी नहीं हिला। हमारी सरकार एक संवेदनशील सरकार है। दूर-सुदूर जंगलों में रहने वाले लोगों की भी चिंता करने वाली सरकार है। और हमारी सरकार ने पिछले साल अगस्त में इसके लिए 1,622 करोड़ रुपये की मंजूरी देकर इतने समय से लटके पड़े काम को शुरू करवाया, जिसपर अभी कार्य चल रहा है। यानि, ये हमारी इच्छाशक्ति और देश के नागरिकों के आशीर्वाद का परिणाम है कि हम एक मृतप्राय परियोजना में न केवल नई जान फूंकने में सफल रहे हैं, बल्कि इसे पूर्ण करने के संकल्प के साथ निरंतर जुटे भी हुए हैं। इसी इलाके में एनटीपीसी के प्रोजेक्ट की कहानी भी आप सबको मालूम होगी।

आपको मालूम है राजस्थान में बाड़मेर रिफाइनरी के साथ क्या किया? वर्षों तक लटकाए रखा और जब 2013 में चुनाव आया तो जाकर के पत्थर डाल दिया। फोटो अपॉर्च्यूनिटी कर लिए। इस साल जनवरी में फिर से उसका शुभारंभ हमने किया है। 2014 में केंद्र में सरकार बनाने के बाद ऐसे प्रोजेक्ट खोज-खोज कर निकाले जा चुके हैं जो वर्षों से लटके हुए थे। हमने PRAGATI नाम से एक व्यवस्था विकसित की है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों से संबंधित अफसरों को बिठाकर सवाल-जवाब किया जाता है। और आपको खुशी होगी, अब तक लगभग 12 लाख करोड़ रुपये के 2,500 प्रोजेक्ट की समीक्षा 30PRAGATI की बैठकों में की जा चुकी है।

इनमें बड़ी-बड़ी सड़क परियोजनाएं, रेल प्रोजेक्ट, गैस पाइप लाइन ऐसे बड़े-बड़े प्रोजेक्ट भी शामिल हैं। इन परियोजनाओं की छोटी-छोटी दिक्कतों को पकड़कर उन्हें दूर किया जा रहा है। और मुझे विश्वास है कि आपको इस योजना का बहुत ही निकट भविष्य में लाभ मिलेगा। वहां के किसानों की जिंदगी बदल जाएगी, रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, हमारे नौजवानों को रोजी-रोटी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगाऔर इसलिए हमने इसका बीड़ा उठाया है। और इसके लिए मैं आपके सांसदको,आपके विधायकों को, सबको बधाई देता हूं, उनकी सक्रियता के कारण ये सब संभव होता है।

आइए वहां से कोई और भी सवाल पूछना चाहता है।
माननीय प्रधानमंत्री जी नमस्कार
पीएम मोदी - नमस्ते जी
मैं राजकुमार साहू चंदवा प्रखंड महामंत्री, जिला लातेहार
पीएम मोदी - आपका नाम राजकुमार है या राजकुमार हैंआप
राजकुमार- जी नहीं, राजकुमार साहू मेरा नाम है सर
पीएम मोदी - क्योंकि कभी कभी राजकुमारों से बचके रहना पड़ता है।
राजकुमार साहू (हंसते हुए)- जी नहीं सर मैं सोने के चम्मच वाला राजकुमार नहीं हूं।
पीएम मोदी- अच्छा...(हंसते हुए)

राजकुमार साहू- सर नवरात्र के इस शुभ अवसर पर मैं चतरा संसदीय क्षेत्र की तमाम जनता की ओर से आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं और मां भवानी सेकामना करता हूं कि आप स्वस्थ रहें और आपको शक्ति प्रदान करें मां। सर मेरा सवाल ये है कि गुजरात के नर्मदा में जो सरदार वल्लभभाई पटेल जी की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा जो आपके द्वारा बनवाई गई, जिसका कुछ ही दिनों बाद उद्घाटन होगा। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए सर आपके मन में ऐसा क्या विचार आया था कि इस प्रतिमा का आप निर्माण करवाए और इस प्रतिमा के निर्माण करवाने का जो आप कार्य कर रहे थे, कांग्रेसियों के द्वारा लगातार आपकी आलोचना की जाती रही, पानी पी-पीकर के आपको कोसते रहे। सर इसका जवाब देने की कृपा करें। धन्यवाद।
पीएम मोदी - राजकुमार जी सबसे पहले तो आप सबको और देशवासियों को भी ये नवरात्रि के पावन पर्व की मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

दूसरा आपने मेरी सुरक्षा की, मेरी सेहत की चिंता की इसके लिए मैं आभारी हूं। लेकिन जिस भारतीय जनता पार्टी के पास 11 करोड़ सिपाही हों आप जैसे जानदार मेरे साथी हों तो मुझे कोई चिंता नहीं रहती है। न मेरे स्वास्थ्य की रहती है, न मेरी सुरक्षा की रहती है। मुझे तो आपलोगों के शब्द ही इतनी ताकतदेतेहैं कि बस आपके इन शब्दों के भरोसे दौड़ता रहूं, देश के लिए कुछ ना कुछ करता रहूं। तो आपके इस प्यार के लिए, इस सम्मान के लिए राजकुमार जी आपका आभार व्यक्त करता हूं। और आपने जो कहा सरदार पटेल के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के संदर्भ में, आप बिलकुल सही हैं, यह प्रोजेक्ट मेरे दिल के बहुत करीब है।और मुझे आज भी 31 अक्टूबर, 2013 का वह दिन याद है, जब इस प्रतिमा की स्थापना के लिए भूमि पूजन हुआ था। तब से लेकर आज तक हमने पांच वर्षों का लंबा सफर तय किया है और आज यह Statue of Unity बनकर तैयार है।

भाइयो और बहनो, ये स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सिर्फ हिंदुस्तान में नहीं, ये दुनिया का सबसे ऊंचा काम है। और ये ईंट-सीमेंट और आधुनिक इंजीनियरिंग का नमूना भर नहीं है। ये विशालकाय मूर्ति एक ऐसे व्यक्ति के सम्मान का प्रतीक है, जिसने अपना जीवन देश की एकता और अखंडता के लिए समर्पित कर दिया। इस गगनचुंबी प्रतिमा का सौंदर्य केवल इसकी भव्यता में ही सीमित नहीं है, बल्कि देश के 130 करोड़ लोगों की भावना भी इसके साथ जुड़ी हुई है।स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के जरिए सरदार पटेल के उत्तम विचार, उनका विजन औरसंघर्षकीकहानी, उस समय की इतिहास की घटनाएं, आजादी के आंदोलन के पीछे ऐसे महापुरुषों का योगदान, ये सारी बातें आने वाली पीढ़ी को इसके कारण हमेशा-हमेशा मिलती रहेंगी।

भारत को प्रशासनिक तौर पर एक जुट करने के लिए सरदार पटेल ने देसी रियासतों को जितने कम समय में राजी कर लिया, वह किसी और के लिए शायद पूरे जीवन भर भी करना संभव नहीं था। Statue of Unity के माध्यम से भारत के युवा इस कालजयी महापुरुष से जीवन भर जुड़े रहेंगे। जिस स्थान पर Statue of Unity स्थापित की गई है, वहां बड़ी संख्या में देश-विदेश से टूरिस्ट आएंगे, जिससे वहां के स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।इससे उनकी आर्थिक उन्नति होगी।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर कांग्रेस के रवैये से हैरानी क्यों होनी चाहिए। वो मोदी की आलोचना नहीं कर रहे हैं, वो गुजरात सरकार की आलोचना नहीं कर रहे हैं, उनके दिल में जो सदियों से, सालों से कुछ चीजें भरी पड़ी हैं वो निकलकर के आती हैं। इतिहास गवाह है कि सरदार पटेल के प्रति उनके मन में कितना तिरस्कार था कैसा अनादर था।

वे यह पचा नहीं सकते कि सरदार पटेल जैसे एक किसान पुत्र और अपने परिश्रम से इस ऊंचाई तक पहुंचने वाले ये नेता इतिहासका एक विशिष्ट हिस्सा बनें। इसलिए वे इसके बारे में इस प्रकार का अनगिनत झूठफैलारहेहैं।ये उनका सरदार पटेल के प्रति गुस्सा है, सरदार पटेल के प्रति नफरत है। ये मोदी के खिलाफ नहीं है, ये गुजरात सरकार के खिलाफ नहीं है। भीतर उनके दिमाग में सरदार साहब को कैसे करके नीचा दिखाना है, ये उनके मन में है और पिछले 70 साल में क्या नहीं हुआ है, सब जानते हैं। कभी वे इसे मेड इन चाइना बताते हैं, कभी वे जूते से इसकी तुलना करते हैं। वे बिना किसी तथ्य के लांछन लगाने में जुटे हैं और इस तरह से सरदार पटेल का अपमान करते हैं।

लानत है ऐसी राजनीति पर!
इसमें राजनीतिक दल नहीं आते हैं, देश प्रमुख होता है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ इन्होंने यही किया, आचार्यकृपलानी जी के साथ यही हुआ, डॉक्टर बाबा साहेब अम्बेडकर के साथ भी यही हुआ। यह सूची इतनी लंबी है कि मैं एक हफ्ते भर बोलता रहूंगा तो भी कम पड़ जाएगा समय। आप देखिए कि कुछ खास नेताओं की तुलना में सरदार पटेल, लोकनायकजयप्रकाश नारायण, गोपीनाथ बोरदोलोई इन को भारत रत्न से कब सम्मानित किया गया।

मैं तो ये मानता हूं कि अगर कोई समाज अपने इतिहास से कट जाता है, तो वो कटा हुआ समाज कटी हुई पतंग की तरह कभी ऊपर नहीं जाता है उसका गिरना तयहोता है। हम सभी का सम्मान करने वाले लोग हैं। सबका सम्मान करते हैं। हर कोई, इस देश के लिए काम करने वाला, दल कोई भी हो, हमारा विरोधी क्यों ना हो, लेकिन जिसने देश की सेवा की, उसका सम्मान होना चाहिए।
ओडिशा के पाइका विद्रोह के 200 वर्ष पूरे होने पर पिछले साल हमने उसमें शामिल रहे अमर बलिदानियों को याद किया।कुछ दिन पहले सर छोटूराम की प्रतिमा के अनावरण के लिए मैं रोहतक में था। उनके जैसे बहुमुखी व्यक्तित्व के बारे में लोगों को अधिक से अधिक पढ़ना चाहिए, जिन्होंने कृषि, सिंचाई, शिक्षा और भूमिसुधार के क्षेत्र में व्यापक स्तर पर कार्य किया था।
इसी तरह हमारी सरकारने बाबासाहेब अम्बेडकर से जुड़े हुए पंच तीर्थ के लिए भी काम किया है।

ऐसा इसलिए क्योंकि पांच महत्वपूर्ण स्थल बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर के जीवन की अलग- अलग समेटी बात को हमारे सामने प्रस्तुत करते हैं।
इतना ही नहीं हमने ये भी तय किया कि आजादी की जंग में 1857 से लेकर के हमारे आदिवासी भाइयों ने बहुत बड़ा योगदान दिया है। भगवान बिरसा मुंडा को कौन जानता था, भुला दिया गया था। हमने तय किया है, हमारे आदिवासी भाइयों-बहनों ने देश की आजादी की जंग में जो कुर्बानी दी, उसके इतिहास को लेकर के ऐसे राज्य जहां आदिवासी जनसंख्या है, जहां ऐसी घटनाएं हैं, वहां म्यूजियम बनाए जाएंगे। काम तेजी से चल रहा है।

और अब से कुछ दिनों बाद, 21अक्टूबर को लाल किले के प्राचीर से होने वाले झंडारोहण समारोह में शामिल होने का भी मुझे सौभाग्य मिलेगा।अब आप पूछेंगे कि 21अक्टूबर को लाल किले पर ये झंडारोहण क्या है भाई, मुझे मालूम है कुछ लोग इसकी भी आलोचना करने वाले हैं, न जाने मेरे बाल नोच लेंगे, लेकिन करेंगे। इस दिन का महत्त्व क्या है? 21 अक्टूबर का? तो मैं आपको बताना चाहता हूं कि 21 अक्टूबर 2018 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा गठित आजाद हिन्द फौज ने स्वतंत्र भारत की सरकार की स्थापना के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं।और सब को पता है कि आजाद हिन्द फौज का गठन कर नेता जी ने कैसे ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती दी थी।आपको याद होगा कि हमारी सरकार ने ही नेता जी के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण फाइलें सार्वजनिक की थी। 70 साल के अधिकतर हिस्सों में जिस पार्टी ने देश पर शासन किया, उसने कभी ये बीड़ा नहीं उठाया। और इसलिए भाइयो और बहनो, जिसने भी निस्वार्थ भाव से देश के लिए जीवन दिया है वो देश के सभी नागरिकों के लिए सम्मानित होते हैं। उसमें दल बीच में नहीं आता है, विचारधाराएं बीच में नहीं आती हैं। हम ऐसी उच्च परंपराएं प्रस्थापित करना चाहते हैं और आगे भी चलती रहे इस कामना को लेकर के काम कर रहे हैं।

आइए चलिए, अब झारखंड से निकलते हैं एकदम मुंबई नगरी चलते हैं
(भारत माता की जय और मोदी-मोदी के नारे लग रहे)
देखिए हमारे सांसद गोपाल शेट्टी जी, वहां की हमारी विधायक मनीषा चौधरी जी, योगेश सागर जी, विनोद तावड़े जी, अतुल जी और हमारे मुंबई के अध्यक्ष जी, सबको मैं देख रहा हूं।मेट्रो का काम तेजी से चल ही रहा होगा, ऐसा मैं मानता हूं। मुझे याद है 2007 में मैं वीर सावरकर उद्यान के उद्घाटन में आया था और 2014 में बोरीवली विधानसभा के लिए मैंने यहां पर सभा संबोधित की थी।
आइए शुरू करते हैं और लंबी बातें किए बिना..कौन सवाल पूछना चाहता है..
सायली संदीप सावंत (बूथ कार्यकर्ता, नॉर्थ मुंबई)-नमस्कार प्रधानमंत्री जी।मेरा सवाल है हमारी जो भी योजनाहै, वो हमारे समाज में, हमारे देश के हर क्षेत्र में आई है और उसे उस जगह फैलाया गया है। मुझे ऐसा लगता है कि सरकार की जो भी योजना है उसने हर घर में,हर समाज में,हर परिवार के सदस्यों का ख्याल भी रखा है। तो आपका इस पर क्या विचार है? धन्यवाद। जय हिन्द, जय महाराष्ट्र।

पीएम मोदी- सायली जीनमस्ते। आप एक बूथ की कार्यकर्ता हैं और एक बूथ की कार्यकर्ता इस व्यापक संदर्भ में जब सवाल पूछती हैं तो मुझे सबसे ज्यादा संतोष होता है क्योंकि मैं यही चाहता हूं कि धरती की आखिरी इकाई पर भाजपा का झंडा लेकर के चलने वाले हमारे छोटे और मेहनती कार्यकर्ता भी जब भी बात करें, देश के विषय में सोचें देश के संदर्भ में अपने क्षेत्र के विकास की सोचेंऔर समग्र देश के विकास में अपने क्षेत्र के विकास का सपना लेकर के चलें। तो आपके इस सवाल में वो संस्कार मुझे नजर आया और इसलिए मैं मुंबई इकाई को बधाई देता हूं, मुंबई के अध्यक्ष को बधाई देता हूं और आप सभी कार्यकर्ताओं को बधाई देता हूंकिआपने इस प्रकार से हमारे कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दी हैऔर जो मैं मजमा देख रहा हूं आज, मैं देख रहा हूं किबहुत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता काआज इस वीडियोकॉन्फ्रेंस के माध्यम से, उनका दर्शन करने का मौका मिला है।

देखिए, जब हम ‘सबका साथ, सबका विकास’ कहते हैं तो इसका अर्थ सीमित नहीं, लेकिन वो एक संपूर्ण है। मतलब, यह देश के हर वर्ग, हर क्षेत्र के समान विकास की बात तो है ही, हर परिवार के हर सदस्य की बेहतरी की भी इसमें अवधारणा है। आज अगर आप देखेंगे तो सरकार ने परिवार के हर सदस्य को यानिबच्चों से लेकर के बुजुर्गों तक, युवाओं, महिलाओं, पुरुषों सभी लोगों के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कार्य किया है।

एक ओर जहां प्रसूता माता के स्वास्थ्य और पोषण के लिए सुरक्षित मातृत्व अभियान चल रहा है, तो दूसरी ओर शिशुओं को स्वस्थ रखने के लिए उनके पोषक भोजन का भी ध्यान रखा जा रहा है।‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान’ से बेटियों की जन्म से पहले ही हत्या की प्रवृत्ति में लगाम लगाने की ओर बड़ा कदम उठाया है, तो बेटियों की उच्च शिक्षा से लेकर अन्य बड़े खर्चों के लिए ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ भी चलाई जा रही है। इस योजना के तहत करीब डेढ़ करोड़ बेटियों के बैंक खाते खुल चुके हैं, जिसमें करीब 30 हजार करोड़ रुपए जमा हैं। इस योजना में ब्याज अन्य सेविंग स्कीम से इन बेटियों को ज्यादा दिया जाता है, ऊपर से इनकम टैक्स में भी परिवार को छूट मिलती है।

वहीं पढ़ाई और कमाई के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व सुधार हुए हैं। विशेषतौर पर इंजीनियरिंग, टेक्नॉलॉजी, मेडिकल और बिजनेस जैसे सेक्टर्स में अवसरों की बात करें तो बीते चार वर्षों में कई गुणा बढ़ोतरी हुई है। अब स्कॉलरशिप सीधे बैंक खाते में पहुंच रही हैं और लाभार्थियों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ते।स्व-रोजगार की बात करें तो एक तरफ जहां Start Up India योजना के तहत हजारों युवाओं को अपना खुद का Start Up शुरू करने का अवसर मिला है। वहीं दूसरी तरफ मुद्रा योजना के तहत छोटे व्यवसायियों को बिना गारंटी के 14 करोड़ से अधिक लोन दिए जा चुके हैं। इसके तहत दिए गए करीब साढ़े 8 लाख करोड़ रुपये के ऋण से आज करोड़ों लोगों के लिए कमाई के नए अवसर पैदा हुए हैं। जॉब सीकर आज जॉब गिवर बन गया है। इसमें परिवार के मुखिया भी शामिल हैं और नौजवान सदस्य भी हैं।

पढ़ाई और कमाई के साथ-साथ दवाई भी सस्ती की गई है। जहां जन-औषधि केंद्र पर दवाइयां करीब 90 प्रतिशत कम दाम पर उपलब्ध हो रही हैं। वहीं हृदय रोगियों को हार्ट की बीमारियों के लिए स्टेंट लगवाने के लिए लाखों रुपये होने वाला खर्च घटकर अब 40 प्रतिशत तक रह गया है। यही नहीं, जिन्हें घुटनों की तकलीफ है, उन्हें अगर Knee Implant भी कराना हो तो इसका खर्च अब 70 प्रतिशत तक कम हो गया है। यानि जो पहले सौ रुपया लगता था अब तीस रुपया हो गया है।

बुजुर्गों के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनकी बचत को भी सुरक्षा दी गई है। उनके लिए एक निश्चित रिटर्न देने वाली वय वंदना योजना चल रही है। इसके तहत 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को अपनी जीवन भर की कमाई पर 8 प्रतिशत से अधिक का निश्चित रिटर्न मिलता है। ये ब्याज हर महीने पेंशन के रूप में भी लिया जा सकता है।
अटल पेंशन योजना से दुकानों में, सड़कों पर, घर बनाने में, खेतों में श्रम करने वाले वो बुजुर्ग लोग भी पेंशन की सुविधा से जुड़े हैं, जिन पर पहले कम ध्यान दिया गया था। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से भी करीब 20 करोड़ देशवासियों को मामूली प्रीमियम पर जीवन बीमा और दुर्घटना बीमा की सुरक्षा मिल चुकी है।

मुंबई के मेरे साथियो, ये सारी बातें मैंने परिवार के सदस्यों के एज ग्रुप के हिसाब से बताईहैं। गर्भाधान से लेकर बुजुर्ग की जिंदगी तक। लेकिन, हमारी कई सारी योजनाएं ऐसी हैं, जिनका लाभ पूरे परिवार को मिल रहा है। जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना हो या उज्ज्वला योजना हो;सौभाग्य योजना हो या फिर आयुष्मान भारत अर्थात् प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना। यानि इस प्रकार से सारी बातें सबका साथ सबका विकास इसी मंत्र को लेकर के चल रही हैं।
आइए कोई और बात करना चाहता है उनसे भी कुछ बात करें। कोई और प्रश्न है क्या।

वैशाली बाजवे (मंडल कार्यकर्ता, नॉर्थ मुंबई)–प्रधानमंत्री जी प्रणाम। मेरा प्रश्न है कि हम कार्यकर्ता कई बार सुनते हैं कि कुछ उपलब्धियां हमारी सरकार बनने के बाद पहली बार हासिल हुई हैं। मेरा प्रश्न है कि सर, ऐसी कौन-कौन सी उपलब्धियां हैं जो हमारी सरकार बनने के बाद पहली बार हासिल हुई हैं? धन्यवाद। जय हिन्द जय महाराष्ट्र।

पीएम मोदी-वैशाली जी नमस्कार और मैं मुंबई के अध्यक्ष को एक विशिष्ट बधाई दूं आज क्योंकि उन्होंने सवाल पूछने के लिए पहले दो बहनों को पसंद किया है। शायद पुरुष कार्यकर्ता थोड़े नाराज हो जाएंगे!
देखिए, यह हम सभी के लिए खुशी और गर्व की बात है कि हमें जनता की सेवा करने का अवसर मिला और जितनी भी उपलब्धियां हैं, वो सिर्फ सरकार की नहीं बल्कि सवा सौ करोड़ देशवासियों की भी हैं। हमारी जितनी भी योजनाएं हैं, उन सबके मूल में आखिर देश का सामान्य जन और उसका कल्याण ही तो है।
ऐसा कोई काम, जो पहली बार तो हो ही रहा हो, लेकिन उसके साथ-साथ वो देश और देशवासियों के हित से भी जुड़ा हो, तो वो सोने पे सुहागा हो जाता है, वो इतिहास बनाता है, बदलाव लाता है और आने वाली कई पीढ़ियों तक याद किया जाता है।

अब आप सर्जिकल स्ट्राइक को याद करेंगे, आप मंगलायन को याद करेंगे, आप हमारे देश की छह बेटियां नाव में दुनिया का भ्रमण करके आईं, ये तो दुनिया में पहली बार हुआ है।
प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना, आयुष्मान भारत की शुरुआत ये सब पहली बार हो रहा है। 10 करोड़ परिवारों को यानि लगभग 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये का सालाना स्वास्थ्य बीमादेने की योजना है ये। और ये 50 करोड़ जनसंख्या मतलब पूरा अमेरिका पूरा मेक्सिको पूरा कनाडा ये तीन की जनसंख्या लगाओ न,इससे ज्यादा लोगों को हम इस योजना का लाभ दे रहे हैं। पूरे यूरोप की जनसंख्या लगा दो न, उससे ज्यादा लोगों को हम इस योजना से हिन्दुस्तान में लाभ दे रहे हैं।

आज देश के लगभग हर घर में बैंक खाता है- ये पहली बार हुआ है।
आज देश का कोई भी गांव बिजली से वंचित नहीं है- ये भी पहली बार हुआ है।
पहली बार ऐसा होगा कि देश के प्रत्येक घर में LPG पहुंच जाएगी।
आज देश के हर सरकारी स्कूलमें शौचालय है- यह भी पहली बार हुआ है।

पहली बार देश के 5 लाख से अधिक गांव आज खुले में शौच से मुक्त यानि ODF घोषित किए गए हैं।
अब देश में हवाई जहाज में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या AC के रेलवे यात्रियों से भी ज्यादा हो गई है- ऐसा भी पहली बार हुआ है।
योग को न सिर्फ दुनिया की मान्यता मिली है, बल्कि भारत की पहल पर United Nation ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भी घोषित किया है- यह भी पहली बार हुआ है।
यूनाइटेड नेशन्स ने भारत को चैंपियन्स ऑफ द अर्थ का अवॉर्ड दिया है, यह भी पहली बार हुआ है।
भारत इकट्ठे 104 सैटेलाइट स्पेस में और एक मंगल पर भेजने में सफल रहा है- यह भी पहली बार संभव हुआ है।

पहली बार भारत Ease of Doing Business रैंकिंग में 42 अंक की ऊंची छलांग लगाकर Top 100 देशों में शामिल हुआ है।
पहली बार इतने सारे टैक्स सिमटकर एकमात्र टैक्स जीएसटी में समाहित हो गए हैं।अनगिनत चीजें हैं। मैं बोलता रहूंगा और आप लोग शायद थक जाएंगे। और जब ये सब पहली बार हो रहा है तो ये भी याद रखना जरूरी है कि पहली बार देखा गया है कि जनता ने भी अपनी सब्सिडी छोड़ी है - चाहे गैस की हो, चाहे रेलवे में मिलने वाली सब्सिडी हो। और ये सब जनभागीदारी से ही संभव हो पाया है। और ये जनभागीदारी की ताकत है। समाज को समर्पित सरकार का परिणाम है, संवेदनशील सरकार होने का परिणाम है।
आइए हम अब राजस्थान चलते हैं। राजस्थान में पाली जाएंगे। पाली में सबसे बात करेंगे।

नमस्ते जी... पाली में हमारे सांसद श्रीमान पीपी चौधरी जी, विधायक अर्जुन लाल गर्ग जी, भैयाराम सियोल जी, कमसा मेघवाल जी संजना आगरी जी, ज्ञानचंद पारख जी, मदन राठौड़ जी, केसाराम चौधरी जी,पुष्पेंद्र राणावत जी। पाली संसदीय क्षेत्र भाजपा का सबसे मजबूत गढ़ रहा है और गुजरात का पड़ोसीहोने के कारण मेरा आप लोगों से जरा नाता भी ज्यादा रहा है। और क्षेत्र की सभी आठ विधानसभा क्षेत्रों पर, क्षेत्र की दोनों जिला परिषदों पर, संसदीय क्षेत्र में 16 पंचायत समितियों में से 15 पर, 10 शहरी नगर निकायों में से नौ पर भारतीय जनता पार्टी की सेवा का असर जनता ने आशीर्वाद देकर के दिखाया है। पाली का काफी हिस्सा दिल्ली-मुंबई कॉरीडोर में पड़ता है। तोआपको इसका काफी फायदा मिलने वाला है और मैंने सुना है कि पाली में यहां के सांसद और कार्यकर्ताओं ने लाखों महिलाओं को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना दिलवाई है। इस काम के लिए मैं विशेष रूप से आप को बधाई देता हूं। पाली वालों को, सांसद महोदय को भी बधाई देता हूं, सब कार्यकर्ताओं को भी बधाई देता हूं कि आपने सच्चा और समय पर काम किया है।
आइए पाली के कार्यकर्ताओं से बात करते हैं। वहां से कौन सवाल पूछेगा।

कुसुम त्रिवेदी (मंडल कार्यकर्ता, पाली)- आज मेरी माता रानी ने मेरा सपना पूरा कर दिया। मैं पिछले नौ वर्षोंसे अखंड नवरात्रि कर रही हूं। और आज के दिन मेरी मां ने इतना अच्छा तोहफा दिया है कि मैं ता जिंदगी इसको याद करूंगी। मेरा हमेशा से सपना रहा है, मैं कभी आपसे मिलूं। अब मैं मिल तो नहीं पा रही हूं लेकिन आपसे बात करने का सौभाग्य मिला है। साहब मैं आपसे एक प्रश्न पूछना चाह रही हूं कि पिछले कुछ दिनों से टैक्स कलेक्शन बहुत बढ़ा है। इसका क्या कारण है। धन्यवाद। वंदे मातरम्, जय हिन्द, जय भारत।
पीएम मोदी–कुसम जी आप पर, आपके परिवार पर सदा सर्वदा माता रानी कीकृपा बनी रहे ।और आपका अखंड नवरात्रि का व्रत आपके स्वास्थ्य को, आपके परिवार के सुख को और बढ़ाए, यही मेरी शुभकामना है।

राष्ट्र-निर्माण एक यज्ञ है, जिसे आगे बढ़ाने के लिए हम सबको मिलकर अपने-अपने हिस्से की आहुति उसमें देनी होती है। जिस तरह ‘यज्ञ’ कभी अकेले संभव नहीं होता, एक व्यापक जनसमूह इसका हिस्सा बनता है, ठीक उसी प्रकार समाज और राष्ट्र निर्माण के यज्ञ में भी अनेकों-अनेक देशवासी अपना सहयोग देते हैं और इसे संभव बनाते हैं।लेकिन एक सत्य और है, यज्ञ अनुष्ठान हो या राष्ट्र निर्माण, सहयोग के लिए लोग तभी जुड़ते हैं, जब उन्हें सामने वाले पर भरोसा होता है। हमारे करदाता यानि taxpayers ने यही भरोसा हम पर जताया है। अब ये यानि हमारा उत्तरदायित्व है कि हम अपने नागरिकों को बताएं कि टैक्स के रूप में उन्होंने अपनी मेहनत से कमाया जो पैसा सरकार को दिया है, उसका इस्तेमाल कहां और कैसे हो रहा है।
ये हमारे करदाताओं के साथ और विश्वास से ही संभव हुआ है कि आज हम प्रगति-पथ पर, कदम-दर-कदम बढ़ने की बजाय लंबी-लंबी छलांग लगाने में समर्थ हो पाए हैं...
अब शहर हो या गांव हो, हर जगह सड़कें और हाईवे दोगुनी रफ्तार में बनते हैं।आज आप हिंदुस्तान के किसी भी इलाके में 100 स्क्वेयर किलोमीटर में जाइए, कहीं ना कहीं भारत सरकार के द्वारा कोई ना कोई निर्माण कार्य आपको दिखेगा। ये देश में पहली बार हुआ है। 2013-14 में हाईवे का निर्माण 12 किलोमीटर प्रतिदिन की गति से होता था, जो 2017-18 में बढ़कर के डेली 27 किलोमीटर होता है। । इसका मतलब पहले की तुलना में इस काम में डबल खर्चा होता है ये डबल खर्चा संभव इसलिए हुआ कि हमारे टैक्सपेयर ने सरकार के खजाने में ताकत दी तो देश की ताकत बना उनका पैसा।

आज देश के आखिरी गांव तक बिजली पहुंच चुकी हैऔर जिन 1 करोड़ 65 लाख घरों में अब तक अंधियारा छाया था, वहां भी अब रोशनी है, ये सब संभव बनाया है टैक्सपेयर ने - हमारे करदाताओं ने...राष्ट्र निर्माण में योगदान के उनके संकल्प ने।
आज साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा गरीब परिवारों को चूल्हे के धुएं से आजादी मिल चुकी है। इन सबके पास अपना रसोई गैस कनेक्शन है। यह भी संभव हुआ है तो हमारे ईमानदार करदाताओं के सहयोग से।

शहरों और गांवों के गरीब परिवारों के लिए करीब 1 करोड़ घरों का निर्माण हुआ।
देश में पहले जहां मात्र 65 operational airports थे, वहीं ये आंकड़ा पिछले साढ़े 4 सालों में बढ़कर 100 हो गया है।
आजादी के बाद पिछले 70 सालों में जहां साढ़े 6 करोड़ शौचालय बने, वहीं पिछले 4 सालमें साढ़े 8 करोड़ से ज्यादा toilets का निर्माण हुआ।
जब इतनाकाम हो रहा है तो जनता में भी विश्वास बढ़ता है और जनता को भी लगता है कि हमारे दिए हुए पैसों का उपयोग विकास कार्यों के लिए हो रहा है।

अब इसे विश्वास का बढ़ना ही तो कहेंगे कि 2013-14 में जहां 3.8 करोड़ लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया था तो 2017-18 में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या लगभग दोगुनी यानि 6.8 करोड़ हो गई।
GST आने तक 65 लाख enterprises registered थे, आज इनकी संख्या बढ़कर के 1 करोड़ 15 लाख हो गई है। ये हमारे ईमानदार करदाताओं का विश्वास सरकार के प्रति बढ़ा है, विकास में विश्वास बढ़ा है, विकास उनको सामने दिख रहा है।

क्या ये सारे काम, ये सारे फैसले, ये सारी योजनाएं, हमारे taxpayers के सहयोग के बिना संभव हो पातीं? कदापि नहीं...ये हमारे करदाता ही हैं, जो राष्ट्र के असली विकास यात्रा के भागीदार हैं।और ये उनका सहयोग और हम पर विश्वास ही है जो हमें लगातार देश और देशवासियों की बेहतरी के लिए कुछ करने की प्रेरणा देता है, नई ऊर्जा देता है। सचमुच में तो हर गांव में जो ज्यादा से ज्यादा टैक्स पे करते हैं न, उननागरिकों का सार्वजनिक सम्मान करना चाहिए, आदत बनानी चाहिए उनका मान-सम्मान बढ़ेगा औरों को प्रेरणा मिलेगी कि टैक्स देना कितना जरूरी होता है, कितना महत्त्व होता है। और ईमानदार टैक्सपेयर की इज्जत बढ़नी चाहिए, देश तभी आगे बढ़ता है। हमहर किसी को गाली देते हैं तो राजनीति चलती है लेकिन देश का भला नहीं होता है।

आइए पाली से कोई और भी बात करना चाहेगा।
पुखाराम खोजा (मंडल अध्यक्ष, पाली) – राम राम सर।
पीएम मोदी – राम राम पुखाराम।
पुखाराम खोजा - मोदी जी से और सब कार्यकर्ता से, मेरा भाग्य है कि आज मैं मिला और इस मोदी ऐप से पार्टी को डोनेट करने का भी मौका मिला। और मेरा एक प्रश्न है कि 2019के चुनाव आ रहे हैं, उसमें सभी कार्यकर्ताओं को आप तैयारी के लिए गुरुमंत्र बताएं।

पीएम मोदी– पुखाराम जी, मुझे खुशी हुई कि पाली के छोटे से क्षेत्र के मंडल अध्यक्ष होने के बाद भी आप नरेन्द्र मोदी ऐप से परिचित हैं। नरेन्द्र मोदी ऐप पर अभी थोड़े दिन पहले ही पार्टी को डोनेशन की एक व्यवस्था खड़ी की गई है उसका आपको ज्ञान है और आपने डोनेशन किया है इसका गर्व से आपने उल्लेख किया, तो आपकी सक्रियता को और पार्टी की गतिविधियों का आपको जो इतना ध्यान है इसके लिए सचमुच में पाली के सभी कार्यकर्ता और विशेषकर के हमारे पुखाराम जी, आप सब अभिनंदन के अधिकारी हैं। देखिए आजकल नरेन्द्र मोदी ऐप पर जो डोनेशन की फैसिलिटी है वो काफी पॉपुलर हो रही है। मुझे बहुत सारे लोगों ने बताया है कि ये काफी Easy और Convenient है। जहां लोग छोटी- छोटी राशि में, यानि 5 रु, 50रु,100 रुभारतीय जनता पार्टी को योगदान दे सकते हैं। इसमें कार्यकर्ता भी डोनेट कर सकते हैं, और लोगों से भी इसके लिए आग्रह कर सकते हैं कि चलो भाई इसमें डालिए ।

इसके अलावा नमो ऐप पर Merchandise की फैसिलिटी भी शुरू की गई है। यानि आपको कुछ खरीद करना है भाजपा से संबंधित चीजें तो वो मर्चेंडाइज में से आप बुक कर सकते हैं और आपके घर परवो मिल जाता है। और ये भी काफी लोकप्रिय हो रहा है। अभी तो प्रचार भी नहीं हुआ है लेकिन लाखों रुपये का सामान पूरे देश के कोने-कोने में लोग ले रहे हैं। इसे लेकर कार्यकर्ता बहुत उत्साही हैं लोग उत्साही हैं। वोअपने लिए टीशर्ट, कैप, बुक और बाकी सामान तो खरीद ही रहे हैं, मैं देख रहा हूं कि पार्टी कार्यकर्ता भी इसे व्यापक रूप से अपना रहे हैं। इसी तरह से वॉलन्टियर सेक्शन भी युवाओं में काफी पॉपुलर हुआ है।

हर रोज लाखों की संख्या में कार्यकर्ता इसका उपयोगकरते हैं। रही बात 2019 के लिए कैम्पेन की तो आपको मालूम है कि भारतीय जनता पार्टी जनता को समर्पित पार्टी है, हमारी सरकार जनता को समर्पित सरकार है, इसलिए हमारे लिए हर दिन जनता की सेवा का दिन होता है, एक भाजपा कार्यकर्ता के लिए हर दिन कैम्पेन जैसा है। हम जो सेवा करते हैं वही हमारा कैम्पेन होता है। मैं पाली के सभी कार्यकर्ताओं को हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आपने राजनीतिक यात्रा बहुत सफलतापूर्वक आगे बढ़ाई है, आगे भीआगे बढ़ाएंगे और हिन्दुस्तान के भविष्य बनाने में पाली जिला पीछे नहीं रहेगा, राजस्थान का भविष्य बनाने में पाली क्षेत्र पीछे नहीं रहेगा, ऐसा मुझे पूरा विश्वास है।
आइए, अब उत्तर प्रदेश चलते हैं।

चलिए, गाजीपुर में आपको काफी इंतजार करना पड़ा लेकिन सब बातें आपको सुनने को मिलीं। देखिए, हमारे सांसद और मेरे मंत्रिपरिषद के साथ मनोज सिन्हा जी वहां आपकी सेवा में हैं और विधायक संगीता बलवंत जी, सुनीता सिंह जी।आपके यहां पासपोर्ट सेवा केंद्र भी खुला है उसके लिए आप सबको बधाई।हाईवेज का काम काफी अच्छे से चल रहा है। रेलवे डबलिंग का काम भी चल रहा है और रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन का भी काम हो चुका है। और मनोज जी तो मोबाइल क्लिनिक के द्वारा अपने मत क्षेत्र में लोगों तक स्वास्थ्य की सुविधाएं पहुंचा रहे हैं। और इतना ही नहीं सरकारी स्कूलों को गोद लेकर इनका जीर्णोद्धार और आधुनिकीकरण कर रहे हैं और मुझे बताया गया कि आज इतनी ही बड़ी भीड़ और करीब- करीब सौ स्थानों पर है । गाजीपुर ने कमाल करके दिखाया है। देश के कार्यकर्ताओं को भी गाजीपुर से प्रेरणामिलेगी कि टेक्नोलॉजी का कैसे अद्भुत उपयोग किया जा सकता हैऔर प्रधानमंत्री को इस प्रकार से इतनी बड़ी संख्या में आप आशीर्वाद देने आए। तो एक कार्यकर्ता के नाते इन सौ स्थानों पर कार्यकर्ता जब आज मुझे आशीर्वाद दे रहे हैं, मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। नवरात्रिकी शुभकामनाओं के साथ आइए गाजीपुर से किसी का सवाल सुनें। कौन हैं।

सरोज मिश्रा (जिला मंत्री, गाजीपुर)- मैं अपने और अपने भारतीय जनता पार्टी जनपद गाजीपुर की तरफ से माननीय प्रधानमंत्री जी को प्रणाम करती हूं। सर मैं जिस घाट पे खड़ी हूं, इस घाट पे पंडित दीन दयाल जी स्नान किया करते थे। और सन् 2014 में इसके सामने मैं देख रही हूं जो गंगा ब्रिज का आपने शिलान्यास किया था वो 2019 तक बनकर के तैयार हो जाएगा। सर मेरा प्रश्न है, आयुष्मान भारत शुरू हुए लगभग दो-चारहफ्ते हुए हैं। ये योजना कैसे लोगों की मदद कर रही है।

पीएम मोदी - सरोज जी नमस्कार। आपने मां गंगा को याद किया, आपने पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी को याद किया और ऐसी पवित्र बातों से जब हम शुरुआत करते हैं, तो हमारे भीतर की पवित्रता उजागर होती है। आज जब आयुष्मान भारत से हजारों लोगों को लाभ हो रहा है तब इस योजना द्वारा आ रहे परिवर्तन का हम सभी को एहसास हो रहा है । आखिर इस योजना के लाभार्थी हैं कौन। देखिए मैं इस योजना के संबंध में कार्यकर्ताओं से एक अपेक्षा करता हूं कि आप जिला और तहसील या गांवों के प्रशासन के साथ जुड़िए और हर घर में मेरा पत्र पहुंचा है,उस पत्र को और उस परिवार को लेकर के अस्पताल जाइए। अस्पताल जाकर के ये जो पत्र है उसमें उनका गोल्ड कार्ड निकाल दीजिए। जैसे राशन के लिए गरीब लाल कार्ड के लिए हमारे पीछे लगा रहता है, मुझे लाल कार्ड दिलाओ लाल कार्ड दिलाओ, हम कार्यकर्ताओं का काम है कि हम खुद उसको जाकर के उसको गोल्ड कार्ड दिलवाएं, हिन्दुस्तान के सभी कार्यकर्ताओं से मेरा आग्रह है। मेरा जो पत्र जिन-जिन घरों में पहुंच चुका है औरवो प्रक्रिया बहुत तेजी से चल रही है।

10 करोड़ परिवारों में मेरा पत्र पहुंचेगाऔर उस पत्र के अंदर एक foil है, कटिंग करने का है। ये सारा लेकर के, परिवार के किसी मुखिया को लेकर के आपलोग अस्पताल जाइए जो अस्पताल इसमें रजिस्टर्ड है। और वहां उसका गोल्ड कार्ड निकलवा दीजिए ये बहुत बड़ी सेवा होगी। देखिए आयुष्मान भारत योजना को अभी तो महीना भी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन इसके जो अनुभव मैं सुनता हूं, मैं सच बताता हूं, मुझे जीवन में इतना संतोष होता है कि आज इस योजना ने मेरे गरीब के दुख-दर्द को कम करने का बहुत बड़ा काम किया है। इसका कितना मजाक हमारे विरोधियों ने उड़ाया । मैं हैरान हूं कि उनको कुछ समझ ही नहीं है। खैर उनकी समझ के लिए क्या चर्चा करें।

लेकिन मैं कुछ घटना बताना चाहता हूं। मैंगुजरात की बात बताना चाहता हूं। गुजरात में मेहसाणा जिला है। वहां 200 रु की दिहाड़ी पर काम करने वाले एक मजदूर की किडनी में स्टोन था - पथरी थी। जब वह मजदूर पथरी की बीमारी होती थी, मजदूरी नहीं कर पाता था, कमाई नहीं कर पाता था, बड़ा परेशान था। वो डॉक्टर के पास अपनी इस बीमारी का इलाज कराने के लिए गया, तो डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए एक लाख रुपये तक का खर्च बताया। अब बताइए, 200 रुपये दिहाड़ी वाला एक लाख कहां से लाएगा। वो बीमारी कब तक झेलेगा, आखिरकार उसे मौत से मुकाबला करना पड़ेगा। कहां से वो एक लाख रुपये का इंतजाम कर सकता है। औरअगर ब्याज से लाता तो जिंदगी भर ब्याज ही देता रहता । लेकिन आज मुझे संतोष है, आपको भी खुशी होगी कि आयुष्मान भारत योजना के तहत उसने कार्ड निकलवाया, अस्पताल पहुंचा और मुफ्त में उसकी किडनी का ऑपरेशन हो गया।एक लाख रुपया का खर्च होना था, एक भी खर्चा नहीं हुआ।

मैंने कहीं पढ़ा, रांची में एक साठ वर्षीय वयोवृद्धउनको ब्रेन ट्यूमर हो गया था। अब जब इस उम्र में ब्रेन ट्यूमर हो तो बच्चे भी सोचे-क्या करें और बाप भी कहता-बेटे कर्ज मत करो मुझे मरने दो। बाप भी दुख सहन करने को तैयार होता है लेकिन बच्चों को विरासत में दुख देकरके जाना नहीं चाहता है। और दिल्ली के अस्पताल में डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक उनकी सर्जरी की। आम तौर पर इसमें चार-पांच लाख रुपये का खर्च आता है लेकिन आयुष्मान भारत के तहत उनका इलाज बिना एक पैसा दिए हो गया।

कुछ दिनों पहले मुझे पता चला कि उत्तर प्रदेश में एक सात साल के छोटे बच्चे के दिल में छेद था। डायग्नोसिस किया गया और अस्पताल वालों ने उसके इलाज के लिए 3-4 लाख रुपये खर्च होगा, ये बताया। उस बच्चे के पिता पेंटर का काम करते हैं। अब आप सोच सकते हैं कि उनके लिए ये रकम जुटाना कितना बड़ा मुश्किल काम था। लेकिन आपको येजानकर खुशी होगी कि आयुष्मान भारत के तहत उस बच्चे का मुफ्त में इलाज हो गया। । ऐसे हर दिन सैकड़ों घटनाएं मेरे कान पे आती हैं। एक महीने में हजारों ऐसी घटनाएं सामने आई हैं। ये गरीबों की ऐसी सेवा, शायद जीवन में ऐसा संतोष,मैं कल्पना नहीं कर सकता हूं कि ऐसा काम हुआ है कि गरीब जीवन भर इसको भूलेगा नहीं, आशीर्वाद देता रहेगा। और मेरा गरीब सशक्त हो जाएगा न तो मेरा देश सशक्त होने से कभी रुक नहीं सकता है।
मैं समझता हूं कि कोई और भी शायद बात करना चाहता है।

अभय कुमार मौर्य (मंडल अध्यक्ष, गाजीपुर)- मैं सबसे पहले देश के यशस्वी प्रधानमंत्री जी का हार्दिक स्वागत करता हूं, प्रणाम करता हूं। मेरा सवाल ये है कि भाजपा ने जिस तरह से शून्य से लेकर के शिखर तक की यात्रा की है। ऐसे में हम कार्यकर्ताओं का क्या दायित्व बनता है। धन्यवाद।

पीएम मोदी –अभय जी नमस्कार। देखिए 6 अप्रैल, 1980 को भारत के पश्चिमी तट पर मुंबई में भाजपा की स्थापना हुई थी। भाजपा की स्थापना सिर्फ सरकार के सत्ता में आने के लिए नहीं हुई थी, बल्कि मां भारतीकी सेवा करने और राष्ट्र की विकास यात्रा में अपना योगदान देने के लिए हुई थी। और तब अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कहा था,‘अंधेरा छंटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा’ और कुछ वर्षों के बाद अटलजी की कही हुई बात सच साबित हुई। 1984 में सिर्फ दो सीटों से शुरू हुआ यह सफर 2014 में 282 सीटों तक पहुंच गया। भाजपा के अलावा अब तक किसी भी पार्टी का इतनी जल्दी इतने बड़े पैमाने पर विस्तार नहीं हुआ है। हम कश्मीर में भी हैं, हम कन्याकुमारी में भी हैं, हम कच्छ में भी हैं, हम कामरूप में भी हैं। हमारी पार्टी एक ऐसी पार्टी है जो 24 घंटे सातोंदिन निरंतर जनसेवा में जुटी रहती है। हम वो पार्टी नहीं हैं जो थकने, रुकने या झुकने में विश्वास करती है। आखिर ये किसका परिणाम है। ये भाजपा के लाखों कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत और कठोर परिश्रम का परिणाम है। आप जैसे मेरे साथियों ने जिंदगी खपा दी है दो-दो, तीन-तीन, चार-चार पीढ़िया खपा दी हैं तब जाकर के संभव हुआ है।

आज जब भाजपा की उपस्थिति देश के हर कोने में है तो आप सभी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियां भी बढ़ी हैं। आप सभी कार्यकर्ता लोगों से जुड़े रहे हैं। आप हर सुख-दुख में लोगों का साथ दें और आप से जो भी बन पड़े वो करें। भाजपा के हर कार्यकर्ता की पहचान उसके विनम्र स्वभाव से है। हमारे कार्यकर्ता हमेशा लोगों से विनम्र रहते हैं और कभी अहंकार नहीं दिखाते हैं। आप देख सकते हैं, कांग्रेस और वामपंथी आज इतने सिमटगए हैं। आखिर उनकी ऐसी परिस्थिति क्यों है। ये उनका जो अहंकार पिछले 50-60 साल तक जो राज किया न,उससेसातवें आसमान पर पहुंच गयाहै। उसी का परिणाम है कि जनता ने उनको रौंद डाला है। वे जनता की उम्मीदों पर उतरने में असफल रहे हैं। आइए, हम संकल्प लें कि हम कभी भी किसी बात का अहंकार नहीं करेंगे। आज देश की जो हमसे उम्मीद है, अपेक्षाएं हैं, आकांक्षाएं हैं,हम उसे पूरा करने के लिए जी-जान से जुटे रहेंगेऔर अपना स्वभाव हमेशा ऐसे ही विनम्र बनाए रखंगे।हमारे संस्कारों और सिद्धांतों की नींव मजबूत है और हम सभी कार्यकर्ताओं को मिलकर उसे और मजबूत करना है। और मुझे यकीन है कि इन्हीं संस्कारों और सिद्धातों के बल आप सभी कार्यकर्ता अपनी खुद की पहचान स्थापित करेंगे और हमारी पार्टी को राष्ट्र कोगौरवान्वित करने का जो दायित्व मिला उसे पूरा करने में योगदान करेंगे।

आज मुझे इतने सारे कार्यकर्ताओं के साथ, इतने दूर-दूर के लोगों के साथ..टेक्नोलॉजी के माध्यम से मिलने का अवसर मिला। मेरा बहुत सौभाग्य है आपके सवाल भी इतने अच्छे थे कि मुझे बहुत सी बातें बताने का मौका मिला। मैं फिर एक बार आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं, बहुत-बहुत शुभकामनाएं करता और इस नवरात्रि की शुभकामनाओं के साथऔर आने वाले दिनों में विजयादशमी की शुभकामनाओं के साथ मेरी बात को समाप्त करता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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PM chairs Fifth National Conference of Chief Secretaries in Delhi
December 28, 2025
Viksit Bharat is synonymous with quality and excellence in governance, delivery and manufacturing: PM
PM says India has boarded the ‘Reform Express’, powered by the strength of its youth
PM highlights that India's demographic advantage can significantly accelerate the journey towards Viksit Bharat
‘Made in India’ must become a symbol of global excellence and competitiveness: PM
PM emphasises the need to strengthen Aatmanirbharta and strengthen our commitment to 'Zero Effect, Zero Defect’
PM suggests identifying 100 products for domestic manufacturing to reduce import dependence and strengthen economic resilience
PM urges every State must to give top priority to soon to be launched National Manufacturing Mission
PM calls upon states to encourage manufacturing, boost ‘Ease of Doing Business’ and make India a Global Services Giant
PM emphasises on shifting to high value agriculture to make India the food basket of the world
PM directs States to prepare roadmap for creating a global level tourism destination

Prime Minister Narendra Modi addressed the 5th National Conference of Chief Secretaries in Delhi, earlier today. The three-day Conference was held in Pusa, Delhi from 26 to 28 December, 2025.

Prime Minister observed that this conference marks another decisive step in strengthening the spirit of cooperative federalism and deepening Centre-State partnership to achieve the vision of Viksit Bharat.

Prime Minister emphasised that Human Capital comprising knowledge, skills, health and capabilities is the fundamental driver of economic growth and social progress and must be developed through a coordinated Whole-of-Government approach.

The Conference included discussions around the overarching theme of ‘Human Capital for Viksit Bharat’. Highlighting India's demographic advantage, the Prime Minister stated that nearly 70 percent of the population is in the working-age group, creating a unique historical opportunity which, when combined with economic progress, can significantly accelerate India's journey towards Viksit Bharat.

Prime Minister said that India has boarded the “Reform Express”, driven primarily by the strength of its young population, and empowering this demographic remains the government’s key priority. Prime Minister noted that the Conference is being held at a time when the country is witnessing next-generation reforms and moving steadily towards becoming a major global economic power.

He further observed that Viksit Bharat is synonymous with quality and excellence and urged all stakeholders to move beyond average outcomes. Emphasising quality in governance, service delivery and manufacturing, the Prime Minister stated that the label "Made in India' must become a symbol of excellence and global competitiveness.

Prime Minister emphasised the need to strengthen Aatmanirbharta, stating that India must pursue self-reliance with zero defect in products and minimal environmental impact, making the label 'Made in India' synonymous with quality and strengthen our commitment to 'Zero Effect, Zero Defect.’ He urged the Centre and States to jointly identify 100 products for domestic manufacturing to reduce import dependence and strengthen economic resilience in line with the vision of Viksit Bharat.

Prime Minister emphasised the need to map skill demand at the State and global levels to better design skill development strategies. In higher education too, he suggested that there is a need for academia and industry to work together to create high quality talent.

For livelihoods of youth, Prime Minister observed that tourism can play a huge role. He highlighted that India has a rich heritage and history with a potential to be among the top global tourist destinations. He urged the States to prepare a roadmap for creating at least one global level tourist destination and nourishing an entire tourist ecosystem.

PM Modi said that it is important to align the Indian national sports calendar with the global sports calendar. India is working to host the 2036 Olympics. India needs to prepare infrastructure and sports ecosystem at par with global standards. He observed that young kids should be identified, nurtured and trained to compete at that time. He urged the States that the next 10 years must be invested in them, only then will India get desired results in such sports events. Organising and promoting sports events and tournaments at local and district level and keeping data of players will create a vibrant sports environment.

PM Modi said that soon India would be launching the National Manufacturing Mission (NMM). Every State must give this top priority and create infrastructure to attract global companies. He further said that it included Ease of Doing Business, especially with respect to land, utilities and social infrastructure. He also called upon states to encourage manufacturing, boost ‘Ease of Doing Business’ and strengthen the services sector. In the services sector, PM Modi said that there should be greater emphasis on other areas like Healthcare, education, transport, tourism, professional services, AI, etc. to make India a Global Services Giant.

Prime Minister also emphasized that as India aspires to be the food basket of the world, we need to shift to high value agriculture, dairy, fisheries, with a focus on exports. He pointed out that the PM Dhan Dhanya Scheme has identified 100 districts with lower productivity. Similarly, in learning outcomes States must identify the lowest 100 districts and must work on addressing the issues around the low indicators.

PM also urged the States to use Gyan Bharatam Mission for digitization of manuscripts. He said that States may start a Abhiyan to digitize such manuscripts available in States. Once these manuscripts are digitized, Al can be used for synthesizing the wisdom and knowledge available.

Prime Minister noted that the Conference reflects India’s tradition of collective thinking and constructive policy dialogue, and that the Chief Secretaries Conference, institutionalised by the Government of India, has become an effective platform for collective deliberation.

Prime Minister emphasised that States should work in tandem with the discussions and decisions emerging from both the Chief Secretaries and the DGPs Conferences to strengthen governance and implementation.

Prime Minister suggested that similar conferences could be replicated at the departmental level to promote a national perspective among officers and improve governance outcomes in pursuit of Viksit Bharat.

Prime Minister also said that all States and UTs must prepare capacity building plan along with the Capacity Building Commission. He said that use of Al in governance and awareness on cyber security is need of the hour. States and Centre have to put emphasis on cyber security for the security of every citizen.

Prime Minister said that the technology can provide secure and stable solutions through our entire life cycle. There is a need to utilise technology to bring about quality in governance.

In the conclusion, Prime Minister said that every State must create 10-year actionable plans based on the discussions of this Conference with 1, 2, 5 and 10 year target timelines wherein technology can be utilised for regular monitoring.

The three-day Conference emphasised on special themes which included Early Childhood Education; Schooling; Skilling; Higher Education; and Sports and Extracurricular Activities recognising their role in building a resilient, inclusive and future-ready workforce.

Discussion during the Conference

The discussions during the Conference reflected the spirit of Team India, where the Centre and States came together with a shared commitment to transform ideas into action. The deliberations emphasised the importance of ensuring time-bound implementation of agreed outcomes so that the vision of Viksit Bharat translates into tangible improvements in citizens’ lives. The sessions provided a comprehensive assessment of the current situation, key challenges and possible solutions across priority areas related to human capital development.

The Conference also facilitated focused deliberations over meals on Heritage & Manuscript Preservation and Digitisation; and Ayush for All with emphasis on integrating knowledge in primary healthcare delivery.

The deliberations also emphasised the importance of effective delivery, citizen-centric governance and outcome-oriented implementation to ensure that development initiatives translate into measurable on-ground impact. The discussions highlighted the need to strengthen institutional capacity, improve inter-departmental coordination and adopt data-driven monitoring frameworks to enhance service delivery. Focus was placed on simplifying processes, leveraging technology and ensuring last-mile reach so that benefits of development reach every citizen in a timely, transparent and inclusive manner, in alignment with the vision of Viksit Bharat.

The Conference featured a series of special sessions that enabled focused deliberations on cross-cutting and emerging priorities. These sessions examined policy pathways and best practices on Deregulation in States, Technology in Governance: Opportunities, Risks & Mitigation; AgriStack for Smart Supply Chain & Market Linkages; One State, One World Class Tourist Destination; Aatmanirbhar Bharat & Swadeshi; and Plans for a post-Left Wing Extremism future. The discussions highlighted the importance of cooperative federalism, replication of successful State-level initiatives and time-bound implementation to translate deliberations into measurable outcomes.

The Conference was attended by Chief Secretaries, senior officials of all States/Union Territories, domain experts and senior officers in the centre.