QuoteWe have spent the last five years in infusing vigour and strength in our armed forces and developing a coherent policy on national security that ensures greater security for all Indians: PM Modi
QuoteWe conducted surgical strikes and air strikes against Pakistan-based terrorists to send our message to the world that India is well capable of defending itself: PM Modi in Haryana
QuoteThe BJP government in Haryana has been continuously carrying out development and providing a clean and transparent government for every community in the state: PM Modi

भारत माता की जय
भारत माता की जय

मंच पर विराजमान हरियाणा के लोकप्रिय और यशस्वी मुख्यमंत्री श्रीमान मनोहर लाल जी, मंच पर उपस्थित सभी वरिष्ठ नेतागण, इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के तीनों प्रत्याशी और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयो और बहनो।

न्याय और ज्ञान की धरती पर कुरुक्षेत्र के अलावा करनाल और अंबाला से पधारे सभी साथियों का बहुत-बहुत अभिनंदन। आपकी यही ऊर्जा, यही आशा, आकांक्षा ही मुझे दिन-रात मेहनत करने के लिए प्रेरित करती है।

साथियो, भगवद्गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है की, नियतं कुरु कर्म त्वं, कर्म ज्यायो ह्यकर्मणः। यानी व्यक्ति को अपना कर्म करते रहना चाहिए, क्योंकि कुछ ना करने से कुछ करना हमेशा श्रेष्ठ होता है। यही प्रयास आपके इस सबसे बड़े सेवक का, इस कामगार का हमेशा रहा है। मैं 130 करोड़ सपनों के लिए अपने जीवन को समर्पित कर देश को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहा हूं। इसीलिए फिर से एक बार, फिर से एक बार आपका आशीर्वाद लेने आया हूं। भाइयो और बहनो, बीते 5 वर्षों में गांव की सड़क से लेकर सैटेलाइट तक, हाईवे से लेकर आई-वे तक इनफार्मेशन वे तक, मोबाइल से लेकर मिसाइल तक, शौचालय से लेकर कार्यालय तक, सफाई से लेकर दवाई तक, सिपाही से लेकर, सिंचाई से लेकर EMI तक, सामान्य मानवी के जीवन को आसान बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास हुआ है। पहले के मुकाबले दो गुनी गति से काम हुआ है। जैसे मनोहर लाल जी ने बताया हरियाणा आना मतलब मेरे लिए अपने घर आने वाली बात है। कभी यहां स्कूटर पर दौरा करता रहता था, कभी झोला लेकर के कभी बस से उतर कर के पैदल चला आता था। यहां की हर गली मोहल्ले से वाकिफ रहा हूं। मैं जब हरियाणा आया हूं तो आपसे पूछना चाहता हूं, आप बताएंगे, पूरी ताकत से जवाब देंगे? ऐसे ढीला-ढीला बोल रहे हो यार। गर्मी बहुत लग रही है क्या? मैंने सारे काम अभी गिनाए, आप मुझे बताइए सब कुछ किसने किया? किसने किया? मैं हरियाणा से हूं एक प्रकार से लेकिन आपका जवाब गलत है। आप बुरा मान गए, आप कह रहे हैं मोदी, मोदी, मोदी। मैं कह रहा हूं आपका जवाब गलत है, सही जवाब बता दूं, बता दूं? ये मोदी ने नहीं ये आपके एक वोट ने किया है।

साथियो, 2014 में आपके एक वोट ने देश के लोगों तक जरूरी सुविधाओं को पहुंचाने का काम किया। अब आपका अगला वोट 12 तारीख को चुनाव है ना, 12 तारीख को आपका कमल के फूल का आपका अगला वोट एक वैभवशाली भारत के निर्माण का रास्ता मजबूत करेगा।

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साथियो, हम भारत के ज्ञान-विज्ञान और अध्यात्म की समृद्ध परंपरा को साथ लेते हुए नए भारत के निर्माण के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। योग और आयुर्वेद को लेकर देश और दुनिया में जो जागरूकता बढ़ी है, वो इसी का परिणाम है। कुरुक्षेत्र को तो अब आयुष यूनिवर्सिटी के रूप में एक नई पहचान भी मिल रही है और यहां मनोहर लाला जी की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती की महोत्सव की भी आन-बान और शान के साथ शुरुआत की है। लेकिन साथियो, जब भारत की संस्कृति की बात आती है तो न जाने क्यों कांग्रेस के मुंह पर वोट बैंक का ताला लग जाता है। ध्यान रखिएगा, इनकी मानसिकता क्या है? रामायण और महाभारत को दिन-रात गाली देने वालों के समर्थक आज भी ये महामिलवटियों के बीच में हैं। भगवान का नाम लेने पर जेल भेजने की मानसिकता, ये मानसिकता वाले लोगों के साथ ये लोग मंच पर बैठ करके हाथ पकड़ के नाचते हैं। 

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साथियो, इन लोगों को पाकिस्तान की हरकतें पसंद हैं, लेकिन देश के गौरव को स्थापित करने वालों को ये दिन रात गलियां देते हैं। पाकिस्तान से तो इनको इतना लगाव है की ये भारत की कुशलता का श्रेय भी ये पाकिस्तान को देते हैं। आप याद कीजिए एयर स्ट्राइक के बाद याद है ना? याद है की नहीं है? एयर स्ट्राइक के बाद जब भारत ने आतंकियों को घर में घुसकर मारा तब हमारे एक वीर सपूत को पाकिस्तान ने कब्जे में ले लिया था। 48 घंटे के भीतर-भीतर पाकिस्तान को उसे छोड़ना पड़ा था। वाघा बॉर्डर तक छोड़ने आना पड़ा था और तब आपने उनकी मुंडी देखी होगी टीवी पर। आपको, आपको गर्व हुआ की नहीं हुआ? आपका सीना चौड़ा हुआ की नहीं हुआ, आपका माथा ऊंचा हुआ की नहीं हुआ? भारत की आन, बान और शान इसका अनुभव हुआ की नहीं हुआ? लेकिन ये कांग्रेस और उसके रागदरबारियों ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के नाम के कसीदे पीटना शुरू कर दिया। यहां तक कह दिया की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। भारत की कूटनीतिक सफलता से हमारा सपूत सकुशल वापस आया, लेकिन कांग्रेस और उसके राग दरबारी पाकिस्तानी सरकार का गुणगान करने लग गए।

साथियो, यही इनकी सच्चाई है, बल्कि इन्होंने तो उल्टा, भारत की संस्कृति और परंपरा को बदनाम करने का अभियान छेड़ा हुआ है।
साथियो, पानीपत के पास जब समझौता एक्सप्रेस में ब्लास्ट हुआ था? याद है आपको? याद है की भूल गए? कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद का झूठ गढ़ने के लिए निर्दोष लोगों को सालों तक जेलों में बंद रखा था। लेकिन कांग्रेस के इस झूठ का, इस साजिश का पर्दाफाश हो गया।

साथियो, कांग्रेस द्वारा हमारी हजारों वर्ष पुरानी महान संस्कृति को दाग लगाने की कोशिश में असली आतंकवादियों के बचने का रास्ता खोल दिया। भारत को बदनाम करने वाली कांग्रेस को देश कभी माफ नहीं करेगा, माफ करेगा क्या, करेगा क्या?आप माफ करेंगे क्या?

साथियो, कांग्रेस सिर्फ एक ही परिवार की चिंता में डूबी रहती है, इसलिए भारत के हितों की रक्षा करने में कभी गंभीरता नहीं दिखाई गई। भारत ने भाइयो-बहनो, भारत ये अनेक नदियां, पाकिस्तान से जाकर के आगे बढ़ती हैं। वहां की जमीन को सोना बनाती हैं और ये सच्चाई है की हमारे हक का पानी पाकिस्तान की नदियों में जा रहा है। देश आजाद हुआ तब से अब तक हिंदुस्तान के किसानों के हक का पानी पाकिस्तान में जा रहा है। लेकिन हमारे हक के पानी को रोकने का काम भी ये कांग्रेस सरकार ने दशकों तक उस नदी का न भी नहीं बोले, नदी का न भी नहीं बोले। अब आपका ये चौकीदार भारत के हक का एक-एक बूंद, भारत के किसान तक पहुंचाने के लिए संकल्प लेकर के बैठा है और काम कर के रहेगा। अब एक बूंद पानी जो हिंदुस्तान के हक का है वो पाकिस्तान नहीं जाएगा दोस्तों। इसके लिए अनेक परियोजनाओं पर काम शुरू हो चुका है। आने वाले पांच वर्षों में ऐसे अनेक प्रोजेक्ट हम खड़े करेंगे। जिससे हरियाणा सहित देश के अनेक हिस्सों को पर्याप्त पानी उपलब्ध हो पाएगा।
साथियो, हरियाणा जय जवान-जय किसान का एक प्रकार से स्वर्ग है। यहां के अन्नदाता हमारे किसान, पूरे देश के लिए एक मिसाल हैं। हम कृषि व्यवस्था को कम लागत और पारदर्शी बनाने का काम कर रहे हैं। हरियाणा कि सभी मंडियों को ऑनलाइन यानी E-NAM प्लेटफॉर्म से जोड़ने का प्रयास चल रहा है। इसी तरह छोटे किसान परिवारों के बैंक खाते में सीधी मदद आनी शुरु हो चुकी है। भाइयो और बहनो, किसानों के साथ-साथ जो हमारे व्यापारी साथी हैं उनका भी ध्यान है। हमने तय किया है, पहली बार देश में एक राष्ट्रीय व्यापारी आयोग बने इतना ही नहीं। व्यापारियों, उद्यमियों के लिए 50 लाख रुपए तक के बिना गारंटी के ऋण की सुविधा भी देने वाले हैं। वहीं छोटे दुकानदारों को, छोटे किसानों को, खेत मजदूरों को, 60 वर्ष के बाद पेंशन की व्यवस्था भी हम करने वाले हैं।

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भाइयो और बहनो, मैं बहुत ईमानदारी से, बहुत परिश्रम से, दिन रात एक करके आपकी सेवा में जुटा हूं। आप ही मेरा परिवार हैं, आपकी ही खुशहाली यही मेरा कर्तव्य है। लेकिन क्योंकि मैं कांग्रेस और उसके महामिलावटी साथियों को उनकी मनमानी नहीं करने देता, उनके भ्रष्टाचार को रोकता हूं, उनके वंशवाद को चुनौती देता हूं, इसलिए ये लोग बार-बार प्रेम, प्रेम, प्रेम का नकाब पहनकर मुझे गालियां देते रहते हैं। इनके प्रेम की डिक्शनरी में इस गरीब मां के बेटे के लिए इस चाय वाले के लिए किस तरह का प्यार उमड़ा है, कैसे ये प्यार जताने में एक-दूसरे से होड़ लगाते हैं। आज मैं अपने घर आया हूं हरियाणा आया हूं, कुरुक्षेत्र सत्य की भूमि है वहां आया हूं तो मैं आज कुरुक्षेत्र की इस धरती से देशवासियों को खुद बताना चाहता हूं की इनकी प्रेम की डिक्शनरी क्या है? उनकी प्रेम की डिक्शनरी में शब्द कौन से है? ये प्रेम वर्षा मोदी पर कैसे करती हैं, सुनाऊं? 

साथियो, कांग्रेस के एक नेता ने मुझे गंदी नाली का कीड़ा कहा, तो दूसरा मुझे गंगू तेली कहने आ गया। इनके एक नेता ने मुझे पागल कुत्ता कहा, तो दूसरा नेता सामने आया और मुझे भस्मासुर की उपाधि दे दी। कांग्रेस के एक और नेता है, देश के विदेश मंत्री रह चुके हैं, उन्होंने मुझे बंदर कहा। इनके और एक मंत्री ने मुझे वायरस कहा तो दूसरे ने दाऊद इब्राहिम का दर्जा दे दिया। इनके एक नेता ने मुझे हिटलर कहा तो दूसरे ने मुझे बदतमीज नालायक बेटा कहा। इतना ही नहीं, मुझे रेबीज बीमारी से पीड़ित बंदर बोला गया, चूहा बोला गया, लहू पुरुष बोला गया, असत्य का सौदागर बोला गया।

साथियो, कांग्रेस के नेताओं ने मुझे रावण, सांप, बिच्छू, गंदा आदमी, जहर बोने वाला तक बोला। कांग्रेस के नेता जिसके सामने नतमस्तक हैं, उन्होंने भी मुझे मौत का सौदागर कहा। ये इनका प्रेम करने का तरीका है, ये इनकी प्रेम की डिक्शनरी है। ये मुझ पर हो रहा प्रेम वर्षा का ये सैंपल है और भाइयो और बहनो, सुनिए जरा देश सुन रहा है सुनें।

भाइयो-बहनो, इनकी ख्वाहिश तो इनकी सोच तो मोदी की बोटी-बोटी करने की भी रही हैं। खुले आम मेरे खिलाफ मोदी की बोटी-बोटी करने वालों की घोषणा करने को कांग्रेस ने हमेशा आगे बढ़ाया है, चुनाव में टिकट देकर उनका मनोबल भी बढ़ाया है क्योंकि वो मोदी की बोटी-बोटी करना चाहते हैं। मुझे पता है की सार्वजनिक मंच से इस तरह के शब्द बोलना सही नहीं है। परिवार में भी छोटे-छोटे बच्चे आठवीं, दसवीं, बारहवीं कक्षा में जाने वाले बच्चे कॉलेज के छात्रा-छात्राएं। वो भी आज ये सब सुन रहे हैं, इस तरह की भाषा न उन बच्चों को ना सुननी चाहिए ना सीखनी चाहिए। लेकिन कांग्रेस के नामदार जिस तरह अपने प्रेम की डिक्शनरी दिखा रहे हैं और कोई ये बड़े देश की लोकतंत्र की मजा देखिए, कोई उन पर सवाल नहीं उठा रहा है, इसलिए आज मैं देश के सामने सारी सच्चाई रख रहा हूं। भाइयो और बहनो, मुझे गाली देते हुए इन लोगों ने कितनी बार मर्यादा तार-तार की है, ये भी इनकी प्रेम वाली डिक्शनरी से पता चलता है। और साथियो, अब जो शब्द मैं आपको गिनाने जा रहा हूं वो भी सब नहीं थोड़े बहुत सैंपल, अब वो शब्द मैं गिनाने जा रहा हूं, ये सारे ये चाय वाला प्रधानमंत्री बना उसके बाद बोले गए हैं। ये दावा करते हैं की ये प्रधानमंत्री पद की बहुत इज्जत करते हैं, बहुत सम्मान देते हैं। इसीलिए उन्होंने मुझे प्रधानमंत्री बनने के बाद क्या-क्या उपहार दिए, कैसी प्रेम वर्षा की है, कैसी सौगातें दी हैं। मैं आज, मेरे अपने घर आया हूं तो मेरे देशवासियों को कुरुक्षेत्र की सत्या की इस धरती से फिर बताना चाहता हूं। ये सारे चैप्टर नंबर-2 पीएम बनने के बाद का प्रेम क्या बोला। मुझे बताया गया मोस्ट स्टुपिड पीएम कहा गया, मुझे कहा गया जवानों के खून का दलाल है। इनके प्रेम की डिक्शनरी से मेरे लिए गद्दाफी, मुसोलिनी, हिटलर जैसे शब्द भी चलते रहते हैं। भाइयो और बहनो, इनके बड़े-बड़े नेताओं ने मुझे मानसिक तौर पर बीमार बताया, नीच आदमी बताया, यहां तक की ये भी पूछा गया कि मेरे पिता कौन थे ये नहीं मालूम, मेरे दादा कौन थे, ये नहीं मालूम।


साथियो, याद रखिएगा, मुझे ये सारे उपहार प्रधानमंत्री बनने के बाद इनकी प्रेम वर्षा निमित्त आज भी दिए जा रहे हैं। निकम्मा, नशेड़ी, औरंगजेब से भी क्रूर तानाशाह, अनपढ़, गंवार, नमक हराम, नालायक बेटा, तुगलक, नटवरलाल, नकारा बेटा, सब कुछ ये प्रेम वर्षा नामदार की और उसके साथियों की प्रेम वर्षा देखो।


साथियो, इन लोगों ने मेरी मां को गाली दी, ये भी पूछा की मेरे पिता कौन हैं। और याद रखिएगा, ये सब कुछ कहा गया मेरे प्रधानमंत्री बनने के बाद। बहुत अच्छे संस्कार हैं कांग्रेस और उसके नेताओं के और ये हैं उनके प्रेम की डिक्शनरी का सच। मेरे देश के लोगों से बस यही प्रार्थना है की कांग्रेस की ये प्रेम की डिक्शनरी अपने बच्चों के हाथ न लग जाए बस इतनी चिंता करना। मुझे मेरी नहीं आपके बच्चों की चिंता है, उनके संस्कार की चिंता हैं, उनके भविष्य की चिंता है, भाइयो।

साथियो, इन लोगों की गलियों की परवाह न करते हुए, पूरी शक्ति से देश की सेवा कर रहा हूं। हरियाणा भी बीते 5 वर्षों में एक बहुत बड़े परिवर्तन का गवाह रहा है। पानीपत से ही बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का अभियान मैंने शुरु किया था। हरियाणा ने इन 5 वर्षों में बेटियों का बहुत ध्यान रखा है। आपने मेरी बात का, देश की भावना का मान रखा है, इसके लिए हर हरियाणा वासी, हर हरियाणा वासी का मैं शीष झुकाकर वंदन करता हूं। भाइयो और बहनो, हरियाणा की बेटियां भारत को गौरवान्वित कर रही हैं। मेरा तो सपना है की भारत स्पोर्टिंग सुपर पावर बने। इसमें हरियाणा के सपूतों विशेष तौर पर बेटियों की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। हमने फाइटर पायलट और मिलिट्री पुलिस तक के रास्ते भी बेटियों के लिए खोल दिए हैं। नए भारत को विकसित और सुरक्षित बनाने में हमारी वीर बेटियां और हमारे वीर बेटों की भूमिका महत्वपूर्ण रहने वाली है। मुझे विश्वास है की कुरुक्षेत्र, अंबाला और करनाल का एक-एक बटन कमल के फूल पर दबेगा। आपका हर वोट सीधा मोदी के खाते में आएगा।
भाइयो-बहनो, मेरा एक काम करोगे? आवाज नहीं आई। मेरा एक काम करोगे, करोगे? आज मैंने पहली बार मेरे सार्वजनिक जीवन में मैं बहुत लंबा समय मुख्यमंत्री रहा हूं, पांच साल से प्रधानमंत्री के रूप में काम कर रहा हूं। मैंने ये दर्द भरी दास्तां अपनी जुबान से पहले कभी नहीं बोली है। आज मैंने अपने घर आया तो ऐसे ही मेरा दिल खुल गया जी भर के बहुत कुछ कह दिया। मैं नहीं जनता हूं जो मैं ये चीज, ये जो विस्तार से मैंने प्रेम वर्षा की कथा बताई है। ये मीडिया के लोग आने वाले 10 दिन तक इसको बताने की हिम्मत करेंगे की नहीं करेंगे मुझे मालूम नहीं है। क्योंकि ये परिवार ये परिवार इन लोगों को बड़ी कृपा रही है वो करें या ना करें, करें तो उनको मैं एडवांस में बहुत धन्यवाद करता हूं। लेकिन क्या आप इन बातों को सोशल मीडिया में मोबाइल फोन पर हिंदुस्तान के कोने-कोने पहुंचा सकते हो?

भाइयो-बहनो, एकतरफा जो मुझ पर जुल्‍म हो रहा है। इसीलिए देश को सच बताना जरूरी है। मैं जनता हूं ये मैं पहली बार नहीं मीडिया में कही ना कही ढूंढो तो कुछ नजर आएगा लेकिन दबा दिया गया है। सबूत के साथ चीजे मौजूद है। भाइयो-बहनो, आप सच्चे दिल में मोदी, मोदी करते हो मोदी को सच्चा प्यार करते हो, सच्चा प्यार करते हो? वो झूठी प्रेम वर्षा, झूठी प्रेम वर्षा नहीं गलियों को छुपाने के लिए बताई गई प्रेम वर्षा नहीं दिल से प्रेम वर्षा करते हो?ये मेरा छोटा सा वीडियो घर-घर पहुंचाओगे, पूरे हिंदुस्तान में जहां भी रिश्तेदार हो पहुंचाओगे? मैं आज विशेष रूप से चाहता हूं क्योंकि इतना झूठ, इतना झूठ चलाया जा रहा है तब जाकर के भाइयो और बहनो, मैं जनता हूं हरियाणा मेरे साथ पूरी तरह खड़े रहने वाला है, हरियाणा में सब की सब सीटों पर कमल खिलने वाला है, मुझे विश्वास है। इसी मिट्टी ने मुझे पाला पोसा बड़ा बनाया है, जिस मिट्टी ने मुझे बड़ा बनाया है उस मिट्टी के लिए मैं जीना मरना भी जनता हूं, दोस्तो। और इसीलिए भाइयो-बहनो, मैं आपसे आग्रह करता हूं 12 तारीख तक चैन से बैठना नहीं है। घर-घर जाएंगे, घर-घर जाएंगे? ऐसा जवाब नहीं चाहिए। घर-घर जाएंगे, सब के सब जाएंगे, पोलिंग बूथ मजबूत बनाएंगे, लोगों को मतदान करवाएंगे? सुबह कितनी गर्मी क्यों ना हो 10 बजे से पहले ज्यादा से ज्यादा मतदान करवा दोगे, सब जगह पर कमल खिलेगा। बहुत बहुत धन्यवाद भाइयो। मेरे साथ हाथ ऊपर कर के बोलिए, भारत माता की जय। दोनों हाथ ऊपर करके बोलिए

भारत माता की… जय
भारत माता की… जय
भारत माता की… जय
बहुत बहुत धन्यवाद।

  • Reena chaurasia August 26, 2024

    बीजेपी
  • Jitender Kumar May 31, 2024

    🇮🇳🆔
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Text of PM’s address at Centenary Celebration Meeting of Conversation between Sree Narayana Guru & Gandhi Ji
June 24, 2025
QuoteThe ideals of Sree Narayana Guru are a great treasure for all of humanity: PM
QuoteIndia has been blessed with remarkable saints, sages and social reformers who have brought about transformative changes in society: PM
QuoteToday, by adopting the saturation approach, the country is working to eliminate every possibility of discrimination as envisioned by Sree Narayana Guru: PM
QuoteMissions like Skill India are empowering the youth and making them self-reliant: PM
QuoteTo empower India, we must lead on every front - economic, social and military. Today, the nation is moving forward on this very path: PM

ब्रह्मर्षि स्वामी सच्चिदानंद जी, श्रीमठ स्वामी शुभंगा-नंदा जी, स्वामी शारदानंद जी, सभी पूज्य संतगण, सरकार में मेरे साथी श्री जॉर्ज कुरियन जी, संसद के मेरे साथी श्री अडूर प्रकाश जी, अन्य सभी वरिष्ठ महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

पिन्ने एनडे ऐल्ला, प्रियपेट्ट मलयाली सहोदिरि सहोदरन मार्कु, एनडे विनीतमाय नमस्कारम्।

आज ये परिसर देश के इतिहास की एक अभूतपूर्व घटना को याद करने का साक्षी बन रहा है। एक ऐसी ऐतिहासिक घटना, जिसने न केवल हमारे स्वतन्त्रता आंदोलन को नई दिशा दी, बल्कि स्वतन्त्रता के उद्देश्य को, आज़ाद भारत के सपने को ठोस मायने दिये। 100 साल पहले श्रीनारायण गुरु और महात्मा गांधी की वो मुलाकात, आज भी उतनी ही प्रेरक है, उतनी ही प्रासंगिक है। 100 साल पहले हुई वो मुलाकात, सामाजिक समरसता के लिए, विकसित भारत के सामूहिक लक्ष्यों के लिए, आज भी ऊर्जा के बड़े स्रोत की तरह है। इस ऐतिहासिक अवसर पर मैं श्रीनारायण गुरु के चरणों में प्रणाम करता हूं। मैं गांधी जी को भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।

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भाइयों बहनों,

श्रीनारायण गुरु के आदर्श पूरी मानवता के लिए बहुत बड़ी पूंजी हैं। जो लोग देश और समाज की सेवा के संकल्प पर काम करते हैं, श्रीनारायण गुरु उनके लिए प्रकाश स्तंभ की तरह हैं। आप सभी जानते हैं कि समाज के शोषित-पीड़ित-वंचित वर्ग से मेरा किस तरह का नाता है। और इसलिए आज भी मैं जब समाज के शोषित, वंचित वर्ग के लिए बड़े निर्णय लेता हूँ, तो मैं गुरुदेव को जरूर याद करता हूँ। 100 साल पहले के वो सामाजिक हालात, सदियों की गुलामी के कारण आईं विकृतियाँ, लोग उस दौर में उन बुराइयों के खिलाफ बोलने से डरते थे। लेकिन, श्रीनारायण गुरु ने विरोध की परवाह नहीं की, वो कठिनाइयों से नहीं डरे, क्योंकि उनका विश्वास समरसता और समानता में था। उनका विश्वास सत्य, सेवा और सौहार्द में था। यही प्रेरणा हमें ‘सबका साथ, सबका विकास’ का रास्ता दिखाती है। यही विश्वास हमें उस भारत के निर्माण के लिए ताकत देता है, जहां अंतिम पायदान पर खड़ा व्यक्ति हमारी

पहली प्राथमिकता है।

साथियों,

शिवगिरी मठ से जुड़े लोग और संतजन भी जानते हैं कि श्रीनारायण गुरु में और शिवगिरी मठ में मेरी कितनी अगाध आस्था रही है। मैं भाषा तो नहीं समझ पा रहा था, लेकिन पूज्य सच्चिदानंद जी जो बातें बता रहे थे, वो पुरानी सारी बातें याद कर रहे थे। और मैं भी देख रहा था कि उन सब बातों पर आप बड़े भाव विभोर होकर के उसके साथ जुड़ जाते थे। और मेरा सौभाग्य है कि मठ के पूज्य संतों ने हमेशा मुझे अपना स्नेह दिया है। मुझे याद है, 2013 में, तब तो मैं गुजरात में मुख्यमंत्री था, जब केदारनाथ में प्राकृतिक आपदा आई थी, तब शिवगिरी मठ के कई पूज्य संत वहाँ फंस गए थे, कुछ भक्त जन भी फंस गए थे। शिवगिरी मठ ने वहाँ फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए भारत सरकार का संपर्क नहीं किया था, प्रकाश जी बुरा मत मानना, शिवगिरी मठ ने मैं एक राज्य का मुख्यमंत्री था, मुझे आदेश दिया और इस सेवक पर भरोसा किया, कि भई ये काम तुम करो। और ईश्चर की कृपा से सभी संत सभी भक्तजन को सुरक्षित मैं ला पाया था।

साथियों,

वैसे भी मुश्किल समय में हमारा सबसे पहला ध्यान उसकी ओर जाता है, जिसे हम अपना मानते हैं, जिस पर हम अपना अधिकार समझते हैं। और मुझे खुशी है कि आप अपना अधिकार मुझ पर समझते हैं। शिवगिरी मठ के संतों के इस अपनेपन से ज्यादा आत्मिक सुख की बात मेरे लिए और क्या होगी?

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साथियों,

मेरा आप सबसे एक रिश्ता काशी का भी है। वर्कला को सदियों से दक्षिण की काशी भी कहा जाता है। और काशी चाहे उत्तर की हो या दक्षिण की, मेरे लिए हर काशी मेरी काशी ही है।

साथियों,

मुझे भारत की आध्यात्मिक परंपरा, ऋषियों-मुनियों की विरासत, उसे करीब से जानने और जीने का सौभाग्य मिला है। भारत की ये विशेषता है कि हमारा देश जब भी मुश्किलों के भंवर में फँसता है, कोई न कोई महान विभूति देश के किसी कोने में जन्म लेकर समाज को नई दिशा दिखाती है। कोई समाज के आध्यात्मिक उत्थान के लिए काम करता है। कोई सामाजिक क्षेत्र में समाज सुधारों को गति देता है। श्रीनारायण गुरु ऐसे ही महान संत थे। निवृत्ति पंचकम्’ और ‘आत्मोपदेश शतकम्’ जैसी उनकी रचनाएँ, ये अद्वैत और आध्यात्म के किसी भी स्टूडेंट के लिए गाइड की तरह हैं।

साथियों,

योग और वेदान्त, साधना और मुक्ति श्रीनारायण गुरु के मुख्य विषय थे। लेकिन, वो जानते थे कि कुरीतियों में फंसे समाज का आध्यात्मिक उत्थान उसके सामाजिक उत्थान से ही संभव होगा। इसलिए उन्होंने आध्यात्म को समाज-सुधार और समाज-कल्याण का एक माध्यम बनाया। और श्रीनारायण गुरु के ऐसे प्रयासों से गांधी जी ने भी प्रेरणा पाई, उनसे मार्गदर्शन लिया। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर जैसे विद्वानों को भी श्रीनारायण गुरु से चर्चा का लाभ मिला।

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साथियों,

एक बार किसी ने श्रीनारायण गुरु की आत्मोपदेश शतकम् रमण महर्षि जी को सुनाई थी। उसे सुनकर रमण महर्षि जी ने कहा था- "अवर एल्लाम तेरीन्जवर"। यानी- वो सब कुछ जानते हैं! और उस दौर में, जब विदेशी विचारों के प्रभाव में भारत की सभ्यता, संस्कृति और दर्शन को नीचा दिखाने के षड्यंत्र हो रहे थे, श्रीनारायण गुरु ने हमें ये अहसास कराया कि कमी हमारी मूल परंपरा में नहीं है। हमें अपने आध्यात्म को सही अर्थों में आत्मसात करने की जरूरत है। हम नर में श्रीनारायण को, जीव में शिव को देखने वाले लोग हैं। हम द्वैत में अद्वैत को देखते हैं। हम भेद में भी अभेद देखते हैं। हम विविधता में भी एकता देखते हैं।

साथियों,

आप सभी जानते हैं, श्रीनारायण गुरु का मंत्र था- “ओरु जाति, ओरु मतम्, ओरु दैवम्, मनुष्यनु।” यानी, पूरी मानवता की एकता, जीव मात्र की एकता! ये विचार भारत की जीवन संस्कृति का मूल है, उसका आधार है। आज भारत उस विचार को विश्व कल्याण की भावना से विस्तार दे रहा है। आप देखिए, अभी हाल ही में हमने विश्व योग दिवस मनाया। इस बार योग दिवस की थीम थी- Yoga for

One Earth, One Health. यानी, एक धरती, एक स्वास्थ्य! इसके पहले भी भारत ने विश्व कल्याण के लिए One World, One Health जैसा initiative शुरू किया है। आज भारत sustainable development की दिशा में One Sun, One Earth, One grid जैसे ग्लोबल मूवमेंट को भी लीड कर रहा है। आपको याद होगा, 2023 में भारत ने जब G-20 समिट को होस्ट किया था, हमने उसकी भी थीम रखी थी- "One Earth, One Family, One Future". हमारे इन प्रयासों में ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना जुड़ी हुई है। श्रीनारायण गुरु जैसे संतों की प्रेरणा जुड़ी हुई है।

साथियों,

श्रीनारायण गुरु ने एक ऐसे समाज की परिकल्पना की थी- जो भेदभाव से मुक्त हो! मुझे संतोष है कि आज देश सैचुरेशन अप्रोच पर चलते हुए भेदभाव की हर गुंजाइश को खत्म कर रहा है। लेकिन आप 10-11 साल पहले के हालात को याद करिए, आज़ादी के इतने दशक बाद भी करोड़ों देशवासी कैसा जीवन जीने को मजबूर थे? करोड़ों परिवारों के सिर पर छत तक नहीं थी! लाखों गांवों में पीने का साफ पानी नहीं था, छोटी-छोटी बीमारी में भी इलाज कराने का विकल्प नहीं, गंभीर बीमारी हो जाए, तो जीवन बचाने का कोई रास्ता नहीं, करोड़ों गरीब, दलित, आदिवासी, महिलाएं मूलभूत मानवीय गरिमा से वंचित थे! और, ये करोड़ों लोग, इतनी पीढ़ियों से इन कठिनाइयों में जीते चले आ रहे थे, कि उनके मन में बेहतर जिंदगी की उम्मीद तक मर चुकी थी। जब देश की इतनी बड़ी आबादी ऐसी पीड़ा और निराशा में थी, तब देश कैसे प्रगति कर सकता था? और इसलिए, हमने सबसे पहले संवेदनशीलता को सरकार की सोच में ढाला! हमने सेवा को संकल्प बनाया! इसी का परिणाम है कि, हम पीएम आवास योजना के तहत, करोड़ों गरीब-दलित-पीड़ित-शोषित-वंचित परिवारों को पक्के घर दे पाये हैं। हमारा लक्ष्य हर गरीब को उसका पक्का घर देने का है। और, ये घर केवल ईंट सीमेंट का ढांचा नहीं होता, उसमें घर की संकल्पना साकार होती है, तमाम जरूरी सुविधाएं होती हैं। हम चार दीवारों वाली ईमारत नहीं देते, हम सपनों को संकल्प में बदलने वाला घर देते हैं।

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इसीलिए, पीएम आवास योजना के घरों में गैस, बिजली, शौचालय जैसी हर सुविधा सुनिश्चित की जा रही है। जलजीवन मिशन के तहत हर घर तक पानी पहुंचाया जा रहा है। ऐसे आदिवासी इलाकों में, जहां कभी सरकार पहुंची ही नहीं, आज वहाँ विकास की गारंटी पहुँच रही है। आदिवासियों में, उसमें भी जो अतिपिछड़े आदिवासी हैं, हमने उनके लिए पीएम जनमन योजना शुरू की है। उससे आज कितने ही इलाकों की तस्वीर बदल रही है। इसका परिणाम ये है कि, समाज में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति में भी नई उम्मीद जगी है। वो न केवल अपना जीवन बदल रहा है, बल्कि वो राष्ट्रनिर्माण में भी अपनी मजबूत भूमिका देख रहा है।

साथियों,

श्रीनारायण गुरु ने हमेशा महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया था। हमारी सरकार भी Women Led Development के मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है। हमारे देश में आज़ादी के इतने साल बाद भी ऐसे कई क्षेत्र थे, जिनमें महिलाओं की एंट्री ही बैन थी। हमने इन प्रतिबंधों को हटाया, नए-नए क्षेत्रों में महिलाओं को अधिकार मिले, आज स्पोर्ट्स से लेकर स्पेस तक हर फील्ड में बेटियाँ देश का नाम रोशन कर रही हैं। आज समाज का हर वर्ग, हर तबका, एक आत्मविश्वास के साथ विकसित भारत के सपने को, उसमें अपना योगदान कर रहा है। स्वच्छ भारत मिशन, पर्यावरण से जुड़े अभियान, अमृतसरोवर का निर्माण, मिलेट्स को लेकर जागरूकता जैसे अभियान, हम जनभागीदारी की भावना से आगे बढ़ रहे हैं, 140 करोड़ देशवासियों की ताकत से आगे बढ़ रहे हैं।

साथियों,

श्रीनारायण गुरु कहते थे- विद्या कोंड प्रब्बुद्धर आवुका संगठना कोंड शक्तर आवुका, प्रयत्नम कोंड संपन्नार आवुका"। यानि, “Enlightenment through education, Strength through organization, Prosperity through industry.” उन्होंने खुद भी इस विज़न को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण संस्थाओं की नींव रखी थी। शिवगिरी में ही गुरुजी ने शारदा मठ की स्थापना की थी। माँ सरस्वती को समर्पित ये मठ, इसका संदेश है कि शिक्षा ही वंचितों के लिए उत्थान और मुक्ति का माध्यम बनेगी। मुझे खुशी है कि गुरुदेव के उन प्रयासों का आज भी लगातार विस्तार हो रहा है। देश के कितने ही शहरों में गुरुदेव सेंटर्स और श्रीनारायण कल्चरल मिशन मानव हित में काम कर रहे हैं।

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साथियों,

शिक्षा, संगठन और औद्योगिक प्रगति से समाज कल्याण के इस विज़न की स्पष्ट छाप, आज हम देश की नीतियों और निर्णयों में भी देख सकते हैं। हमने इतने दशक बाद देश में नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लागू की है। नई एजुकेशन पॉलिसी न केवल शिक्षा को आधुनिक और समावेशी बनाती है, बल्कि मातृभाषा में पढ़ाई को भी बढ़ावा देती है। इसका सबसे बड़ा लाभ पिछड़े और वंचित तबके को ही हो रहा है।

साथियों,

हमने पिछले एक दशक में देश में इतनी बड़ी संख्या में नई IIT, IIM, AIIMS जैसे संस्थान खोले हैं, जितने आज़ादी के बाद 60 वर्षों में नहीं खुले थे। इसके कारण आज उच्च शिक्षा में गरीब और वंचित युवाओं के लिए नए अवसर खुले हैं। बीते 10 साल में आदिवासी इलाकों में 400 से ज्यादा एकलव्य आवासीय स्कूल खोले गए हैं। जो जनजातीय समाज कई पीढ़ियों से शिक्षा से वंचित थे, उनके बच्चे अब आगे बढ़ रहे हैं।

भाइयों बहनों,

हमने शिक्षा को सीधे स्किल और अवसरों से जोड़ा है। स्किल इंडिया जैसे मिशन देश के युवाओं को आत्मनिर्भर बना रहे हैं। देश की औद्योगिक प्रगति, प्राइवेट सेक्टर में हो रहे बड़े reforms, मुद्रा योजना, स्टैंडअप योजना, इन सबका भी सबसे बड़ा लाभ दलित, पिछड़ा और आदिवासी समाज को हो रहा है।

साथियों,

श्री नारायण गुरु एक सशक्त भारत चाहते थे। भारत के सशक्तिकरण के लिए हमें आर्थिक, सामाजिक और सैन्य, हर पहलू में आगे रहना है। आज देश इसी रास्ते पर चल रहा है। भारत तेज़ी से दुनिया की

तीसरे नंबर की इकॉनॉमी बनने की तरफ बढ़ रहा है। हाल में दुनिया ने ये भी देखा है कि भारत का सामर्थ्य क्या है। ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की कठोर नीति को दुनिया के सामने एकदम स्पष्ट कर दिया है। हमने दिखा दिया है कि भारतीयों का खून बहाने वाले आतंकियों के लिए कोई भी ठिकाना सुरक्षित नहीं है।

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साथियों,

आज का भारत देशहित में जो भी हो सकता है और जो भी सही है, उसके हिसाब से कदम उठाता है। आज सैन्य ज़रूरतों के लिए भी भारत की विदेशों पर निर्भरता लगातार कम हो रही है। हम डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर हो रहे हैं। और इसका प्रभाव हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी देखा है। हमारी सेनाओं ने भारत में बने हथियारों से दुश्मन को 22 मिनट में घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया। मुझे विश्वास है, आने वाले समय में मेड इन इंडिया हथियारों का डंका पूरी दुनिया में बजेगा।

साथियों,

देश के संकल्पों को पूरा करने के लिए हमें श्रीनारायण गुरु की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाना है। हमारी सरकार भी इस दिशा में सक्रियता के साथ काम कर रही है। हम शिवगिरी सर्किट का निर्माण करके श्रीनारायण गुरु के जीवन से जुड़े तीर्थ स्थानों को जोड़ रहे हैं। मुझे विश्वास है, उनके आशीर्वाद, उनकी शिक्षाएँ अमृतकाल की हमारी यात्रा में देश को रास्ता दिखाती रहेंगी। हम सब एक साथ मिलकर

विकसित भारत के सपने को पूरा करेंगे। श्रीनारायण गुरू का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे, इसी कामना के साथ, मैं शिवगिरी मठ के सभी संतों को फिर से नमन करता हूं। आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद! नमस्कारम्!