PM Modi's interview to India TV

Published By : Admin | February 12, 2022 | 17:19 IST

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भरोसा जताते हुए कहा कि 'हम उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गोवा में अपनी पार्टी के पक्ष में 2014 के जैसी लहर देख रहे हैं।'

शनिवार की शाम एक टेलीफोनिक इंटरव्यू में, उत्तराखंड में चुनाव प्रचार से लौटने पर मोदी ने इंडिया टीवी के पॉलिटिकल एडिटर देवेंद्र पाराशर से कहा कि ‘उत्तर प्रदेश में हमें बहुत ही अद्भुत और बहुत ही उत्तम रेस्पॉन्स मिल रहा है। मुझे गोवा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में हमारी पार्टी के पक्ष में 2014 जैसी लहर दिखती है। मुझे अभी पंजाब और मणिपुर का दौरा करना है, लेकिन मुझे जो भी जमीनी रिपोर्ट मिल रही हैं, वे सकारात्मक हैं।’ 

'किसी का निजी स्वार्थ है तो विरोध स्वाभाविक है'
मोदी ने कहा, ‘देखिए जनता का समर्थन भरपूर मिल रहा है, जनता की कोई शिकायत नहीं है, बाकी जो अपने एजेंडा पर चलते हैं, जिनका अपना पॉलिटिकल एजेंडा है या किसी का निजी स्वार्थ है, तो उनकी तरफ से विरोध बहुत स्वाभाविक है। उनकी तरफ से मुझपर गुस्सा होना बहुत स्वाभाविक है। अगर भ्रष्टाचार बंद करूंगा, तो जिन लोगों को उससे फायदा होता था, वो गुस्सा करेंगे ही करेंगे। मेरे पर नाराजगी करेंगे ही करेंगे। हमारा काम है जिनके लिए काम दिया गया है, वो जनता जनार्दन है। हमें जनता जनार्दन की सेवा करते रहना चाहिए,तो हम उसी पर ध्यान देते हैं।’

'जनता की नब्ज मैं भलीभांति जानता हूं'
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जनता की नब्ज को मैं भलीभांति जानता हूं। आज जब मैं उत्तराखंड में गया तो हेलिपैड से लेकर सभा के मंच तक पूरे रास्ते में इतने लोग थे, ये जो लोगों का प्यार है, आशीर्वाद है, वो जब कोई विश्वास होता है तब होता है। और विश्वास तब होता है जब आप जो बातें करते हैं उसके प्रति आपकी नीयत साफ है, आप उसके लिए भरपूर मेहनत करते हैं और उसे जमीन पर उतारने का प्रयास करते हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड से उनका लगाव बहुत पुराना है और बचपन से ही वह हिमालय में भ्रमण करते रहते थे।

'उत्तराखंड का टेकऑफ का टाइम है'
मोदी ने कहा, ‘मैंने उत्तराखंड में अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा बिताया है। उत्तराखंड का निर्माण 20 साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी जी ने किया। अब तक उत्तराखंड अपने आपको एक शेप दे रहा था। लेकिन अब उत्तराखंड ने एक नए राज्य के नाते करीब-करीब जो 20 साल बिताए हैं तो उसका अपना एक स्वरूप बन चुका है। एक प्रकार से वह रनवे पर आ चुका है और उसका टेकऑफ का टाइम है। इन 10 सालों में अगर उसको स्थिर, विजन वाली और कमिटेड सरकार मिलती है तो उत्तराखंड कहां से कहां पहुंच जाएगा, और उसके युवाओं के लिए यह कालखंड बहुत महत्वपूर्ण है। उत्तराखंड दुनिया भर के लोगों के लिए एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र भी है। अमेरिका में रहने के दौरान, मैं शाकाहारी भोजन की तलाश में सुदूर इलाके में गया था। इतने में वहां मुझे एक अमेरिकन मिला, जो 'माला' पहने हुए था। उसने मुझे बताया कि वह हर साल ऋषिकेश आता था।’

'उत्तराखंड में टूरिज्म पर ध्यान देना चाहते हैं'
मोदी ने कहा, ‘आज हम मुख्य रूप से उत्तराखंड में नेचर और एडवेंचर टूरिज्म पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। उत्तराखंड में लोग अब टूरिस्टों को 'होम स्टे' की सुविधाएं देकर अपनी आय बढ़ा रहे हैं। हम रेल, सड़क और यहां तक कि रोपवे की कनेक्टिविटी में सुधार पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि अगला दशक 'उत्तराखंड का दशक' बने।’

'धामीजी उत्तराखंड के लिए अच्छा चेहरा हैं'
जब इंडिया टीवी के रिपोर्टर ने सवाल किया कि पिछले 5 सालों में उत्तराखंड में 3 मुख्यमंत्री हुए, तो प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी एक विशाल संगठन है, और हमारे यहां संगठन में एक पारिवारिक भाव होता है। त्रिवेंद्र रावत जी को जब मौका मिला तो उनको सब चीजें खुद करनी पड़ती थीं, लेकिन आज धामीजी का सौभाग्य है कि उनके पास 2 पूर्व मुख्यमंत्री हैं, उनका अनुभव है। उनका अनुभव उनको काम आ रहा है। धामीजी अत्यंत ही सरल, मृदुभाषी, मितभाषी, हमेशा हंसता चेहरा और बहुत ही छोटी आयु है। और इसके कारण उत्तराखंड जैसे कठिन इलाके में मेहनत करने वाला व्यक्ति चाहिए वह भी लोग देख रहे हैं। दूसरी बात है धामीजी एक सैनिक के बेटे हैं। तो सैनिकों और एक्स-सर्विसमेन के मन में भी उनके प्रति बहुत लगाव है। धामीजी उत्तराखंड चुनावों के लिए एक अच्छा चेहरा है।’

'हमने 23 बार मुख्यमंत्रियों से मीटिंग की'
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि भारत कैसे कोविड महामारी से निपटने में सफल रहा। उन्होंने कहा, ‘जब कोरोना का प्रारंभिक समय था तब पूरी दुनिया इस बात से चिंतित थी कि भारत में इतनी बड़ी जनसंख्या, सामूहिकता से भरी हुई जीवन पद्धति, हर पल लोग सामूहिक ही रहते हैं, हर दिन कोई न कोई उत्सव ही रहता है। ऐसी स्थिति में ये कोरोना का संक्रमण तो बहुत तेजी से फैल जाएगा तो भारत कैसे बच पाएगा। मैं मानता हूं कि पहले हमने ‘कोरोना कर्फ्यू’, ‘ताली’ और ‘थाली’ के द्वारा जनता को एजुकेट करने का काम किया, उससे देश एक प्लेटफॉर्म पर आ गया। हमने मुख्यमंत्रियों के साथ 23 बार मीटिंग की जो शायद ही कभी हिंदुस्तान के इतिहास में हुआ है।’ 

'पूरे देश को हम साथ लेकर चले'
मोदी ने कहा, ‘पूरे देश को हम साथ लेकर चले और उसका परिणाम भी मिला। दूसरी तरफ, बहुत पहले से ही हमने वैक्सीनेशन पर ध्यान देने के लिए टीमें लगाईं, धन खर्च करने का भी निर्णय कर लिया, वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित किया तो भारत को अपनी वैक्सीन भी मिल गई। और फिर नीचे तक हेल्थ वर्कर्स को मोटिवेट किया, और राज्य सरकारों को भी वैक्सीनेशन का महत्व समझाया। इसी का परिणाम है कि आज देश में पहला डोज करीब-करीब सभी लोगों को लग चुका है और सेकेंड डोज पर भी हम आगे बढ़ रहे हैं। उत्तराखंड में तो वैक्सीनेशन को लेकर लोग मुझे इतना आशीर्वाद देते हैं कि मैं हैरान हो जाता हूं। उत्तराखंड की माताओं का आशीर्वाद बना हुआ है। एक मां तो कह रही थी कि आज मोदी है जो मेरा बेटा है, मेरी सेवा करता है।’

'सार्वजनिक जीवन में आलोचना स्वाभाविक है'
विपक्षी नेताओं द्वारा उनकी और उनकी सरकार की आलोचना करने पर मोदी ने जवाब दिया: ‘सार्वजनिक जीवन में आलोचना होना और आरोप लगने स्वाभाविक है। यह इस क्षेत्र की ही प्रकृति है तो मुझे लगता है कि इसे स्वीकार करके चलना चाहिए। दूसरा हमें उन चीजों में उलझना नहीं चाहिए। बल्कि लोगों ने हमें जिस काम के लिए जिम्मेदारी दी है, उसी में लगे रहना चाहिए। संसद के दोनों सदनों में मेरा प्रयास रहता है कि चर्चा के दौरान बड़ी-बड़ी बातें करने की बजाय तथ्यों और तर्कों के आधार पर अपनी बात रखें। इसके लिए मैं रिसर्च भी करता हूं और जब हमारे पास पक्के उदाहरण होते हैं तो उसे हम सदन में रखते हैं। डिबेट को ऊंचाई पर ले जाने का मेरा प्रयास रहता है।’

Source: India TV

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May 12, 2025
Today, every terrorist knows the consequences of wiping Sindoor from the foreheads of our sisters and daughters: PM
Operation Sindoor is an unwavering pledge for justice: PM
Terrorists dared to wipe the Sindoor from the foreheads of our sisters; that's why India destroyed the very headquarters of terror: PM
Pakistan had prepared to strike at our borders,but India hit them right at their core: PM
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Zero tolerance against terrorism is the guarantee of a better world: PM
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প্ৰিয় দেশবাসী,

নমস্কাৰ !

যোৱা কেইটামান দিনত দেশৰ শক্তি আৰু সংযম দুয়োটাই আমি সকলোৱে প্ৰত্যক্ষ কৰিছো।মই প্ৰথমে আমাৰ শক্তিশালী ভাৰতীয় সেনাবাহিনীক প্ৰণাম জনাইছো, সশস্ত্ৰ বাহিনী, আমাৰ চোৰাংচোৱা সংস্থা, আমাৰ বিজ্ঞানী, সকলোকে মই প্ৰতিজন ভাৰতীয়ৰ হৈ প্ৰণাম জনাইছো।

আমাৰ সাহসী জোৱানসকলে ‘অপাৰেচন সিন্দুৰ’ৰ লক্ষ্যত উপনীত হ’বলৈ গৈ অপৰিসীম সাহস প্ৰদৰ্শন কৰিলে। মই তেওঁলোকৰ বীৰত্বক, তেওঁলোকৰ সাহসক, তেওঁলোকৰ পৰাক্ৰমক সমৰ্পিত কৰিছো৷ মই তেওঁলোকৰ এই পৰাক্ৰমক , আমাৰ দেশৰ প্ৰতিগৰাকী মাতৃলৈ, দেশৰ প্ৰতিগৰাকী ভগ্নী আৰু প্ৰতিগৰাকী কন্যাৰ বাবে উৎসৰ্গা কৰিছো।

 

বন্ধুসকল,

যোৱা ২২ এপ্ৰিলত পহলগামত সন্ত্রাসবাদীয়ে প্রদর্শন কৰা বৰ্বৰতাই দেশ আৰু বিশ্বক স্তম্ভিত কৰি তুলিছিল৷

বন্ধৰ দিন উদযাপন কৰিবলৈ যোৱা নিৰ্দোষ নিৰীহ নাগৰিকক ধৰ্মৰ বিষয়ে সুধি পৰিয়ালৰ সন্মুখতে, শিশুসকলৰ সন্মুখতে...

নিৰ্দয়ভাবে হত্যা কৰা হৈছিল।

এয়া আছিল আতংকৰ এক বীভৎস ছবি, এয়া আছিল নিষ্ঠুৰতাৰ ভয়ংকৰ প্ৰকাশ৷ এয়া আছিল দেশৰ সমন্বয় বিনষ্ট কৰাৰ এক ঘৃণনীয় অপচেষ্টা। মোৰ ক্ষেত্ৰত ব্যক্তিগতভাৱে এই নাৰকীয় ঘটনাৰ বেদনা অসহনীয় আছিল।

এই সন্ত্ৰাসবাদী আক্ৰমণৰ পিছত সমগ্ৰ দেশ, প্ৰতিগৰাকী নাগৰিক, সমাজ, প্ৰতিটো শ্ৰেণীৰ লোক, প্ৰতিটো ৰাজনৈতিক দল একত্ৰিত হৈ 'একেষাৰে সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে শক্তিশালী ব্যৱস্থাৰ দাবীৰে থিয় দিলে।

সন্ত্ৰাসবাদীক নিঃশেষ কৰিবলৈ ভাৰতীয় নিৰাপত্তা বাহিনীক আমি পূৰ্ণ কৰ্তৃত্ব প্ৰদান কৰিলো। আমি তেওঁলোকক এইক্ষেত্ৰত সম্পূৰ্ণ স্বাধীনতা প্ৰদান কৰিলো।

আৰু আজি প্ৰতিজন সন্ত্ৰাসবাদীয়ে, প্ৰতিটো সন্ত্ৰাসবাদী সংগঠনে উপলব্ধি কৰিবলৈ বাধ্য হৈছে আমাৰ ভগ্নী-কন্যাৰ কপালৰ সেন্দুৰ মচি পেলোৱাৰ পৰিণতি কি হ'ব পাৰে ।

 

বন্ধুসকল,

অপাৰেচন সিন্দুৰ ...এয়া কেৱল এটা নাম নহয়৷এয়া দেশৰ কোটি কোটি মানুহৰ আৱেগৰ প্ৰতিফলন।

অপাৰেচন 'সিন্দুৰ' ন্যায়ৰ অখণ্ড প্ৰতিজ্ঞা। ৬ মে’ৰ গভীৰ নিশা.. ৭ মে’ৰ পুৱা.. সমগ্ৰ বিশ্বই এই প্ৰতিজ্ঞা ফলাফলত পৰিণত হোৱা দেখিবলৈ পাইছে। ভাৰতীয় বাহিনীয়ে পাকিস্তানৰ সন্ত্ৰাসবাদী শিবিৰত আক্ৰমণ কৰিছে।

তেওঁলোকৰ প্ৰশিক্ষণ কেন্দ্ৰত নিখুঁতভাৱে আঘাত কৰিছে । সন্ত্ৰাসবাদীয়ে সপোনতো কল্পনা কৰা নাছিল যে ভাৰতে ইমান ডাঙৰ সিদ্ধান্ত ল’ব পাৰে। কিন্তু যেতিয়া দেশখন একত্ৰিত হয়, দেশ প্ৰথমৰ মনোভাৱেৰে মানুহৰ মনবোৰ ভৰি পৰে, তেতিয়া দেশেই সৰ্বোচ্চ হৈ পৰে। তেতিয়াই শক্তিশালী সিদ্ধান্ত লোৱা হয় আৰু তাৰ ফল লাভ কৰা হয়।

ভাৰতীয় ক্ষেপণাস্ত্ৰই যেতিয়া পাকিস্তানৰ সন্ত্ৰাসবাদী ঘাটিত আক্ৰমণ কৰিছিল, ভাৰতীয় ড্ৰোনে যেতিয়া আক্ৰমণ চলাইছিল, তেতিয়া কেৱল সন্ত্ৰাসবাদী সংগঠনৰ ভৱনবোৰেই নহয়, তেওঁলোকৰ আত্মবিশ্বাসো কঁপি উঠিছিল।

 

বহাৱালপুৰ আৰু মুৰিদকেৰ দৰে সন্ত্ৰাসবাদীৰ আত্মগোপন স্থানসমূহ এককথাত বিশ্ব সন্ত্ৰাসবাদৰ বিশ্ববিদ্যালয় স্বৰূপ হৈ পৰিছে।

বিশ্বৰ যিকোনো ঠাইত সংঘটিত হোৱা যিকোনো ডাঙৰ সন্ত্ৰাসবাদী আক্ৰমণ- সেয়া ৯/১১ৰ সন্ত্ৰাসবাদী আক্ৰমণেই হওঁক , লণ্ডন টিউব বোমা বিস্ফোৰণেই হওঁক বা ভাৰতত দশকজুৰি সংঘটিত হোৱা বৃহৎ সন্ত্ৰাসবাদী আক্ৰমণেই হওঁক, ক’ৰবাত নহয় ক’ৰবাত এই ঘটনাসমূহ সন্ত্ৰাসবাদীয়ে আত্মগোপন কৰি থকা এই স্থানসমূহৰ সৈতে সংযুক্ত হৈ পৰিছে। সন্ত্ৰাসবাদীয়ে আমাৰ ভগ্নীহঁতৰ সেন্দুৰ মচি পেলাইছিল৷ সেইবাবেই ভাৰতে সন্ত্ৰাসবাদৰ এই মুখ্য কাৰ্যালয় ধ্বংস কৰিছে। ভাৰতৰ এই আক্ৰমণত ১০০ৰো অধিক দুৰ্ধৰ্ষ সন্ত্ৰাসবাদী নিহত হৈছে। ইমানবোৰ সন্ত্ৰাসবাদীয়ে যোৱা ডেৰৰ পৰা তিনি দশক ধৰি পাকিস্তানত মুক্তভাৱে ঘূৰি ফুৰিছিল৷ যিসকলে পূৰ্বে ভাৰতৰ বিৰুদ্ধে ষড়যন্ত্ৰ কৰিছিল, তেওঁলোকক ভাৰতে এটা আঘাততে ধ্বংস কৰি পেলালে।

 

বন্ধুসকল,

ভাৰতৰ এই কাৰ্য্যত পাকিস্তান গভীৰভাৱে হতাশগ্ৰস্ত হৈ পৰিছে৷ সকলোতে কেৱল হতাশাৰ কলীয়া ডাৱৰে ছানি ধৰিছিল৷ তেওঁলোক বিভ্ৰান্ত হৈ পৰিছিল৷এনে বিভ্ৰান্তিকৰ অৱস্থাৰ মাজতে তেওঁলোকে আৰু এটা বেয়া কাম কৰিলে। সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে ভাৰতে গ্ৰহণ কৰা ব্যৱস্থাক সমৰ্থন কৰাৰ পৰিৱৰ্তে পাকিস্তানে ভাৰতকহে আক্ৰমণ কৰিবলৈ আৰম্ভ কৰিলে।

পাকিস্তানে আমাৰ স্কুল আৰু কলেজসমূহ লক্ষ্য কৰি লৈছিল, গুৰুদ্বাৰ, মন্দিৰ, সাধাৰণ নাগৰিকৰ ঘৰ আদিও পাকিস্তানৰ আক্ৰণৰ লক্ষ্য হৈ পৰিছিল৷ এনে কাৰ্যৰ জড়িয়তে পাকিস্তানে নিজকে উদঙাই দিলে। বিশ্বই দেখিলে পাকিস্তানৰ ড্ৰোন আৰু মিছাইল কেনেকৈ ভাৰতৰ সন্মুখত খেৰৰ দৰে জ্বলি ছাই হৈ গল৷ ভাৰতৰ শক্তিশালী বায়ু প্ৰতিৰক্ষা ব্যৱস্থাই সেইবোৰ আকাশতে ধ্বংস কৰি পেলালে। সীমান্তত আক্ৰমণ কৰিবলৈ সাজু হৈছিল পাকিস্তান৷ কিন্তু ইয়াৰ বিপৰীতে ভাৰতে পাকিস্তানৰ বুকুত আঘাত হানিলে। ভাৰতৰ ড্ৰোন আৰু ক্ষেপণাস্ত্ৰই নিখুঁতভাৱে পাকিস্তানৰ লক্ষ্যস্থানত আঘাত কৰিছিল। ফলত পাকিস্তানী বায়ুসেনাৰ সেই বিমানঘাটিসমূহ ক্ষতিগ্ৰস্ত হৈছিল, যিবোৰকলৈ পাকিস্তানে গৌৰৱ কৰি আহিছিল৷ প্ৰথম তিনিদিনতে যে ভাৰতে পাকিস্তানক এনেদৰে ধ্বংস কৰিব সেয়া তেওঁলোকে কল্পনাও কৰা নাছিল । সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে ভাৰতৰ আগ্ৰাসী কাৰ্য্য ব্যৱস্থাৰ পিছত পাকিস্তানে পলায়নৰ উপায় বিচাৰিবলৈ আৰম্ভ কৰিলে। পাকিস্তানে উত্তেজনা হ্ৰাস কৰিবলৈ বিশ্বক অনুৰোধ কৰিবলৈ ধৰিলে৷ বেয়াকৈ ক্ষতিগ্ৰস্ত হোৱাৰ পিছত বাধ্যবাধকতাত পৰি ১০ মে’ৰ দুপৰীয়া পাকিস্তানী সেনাই আমাৰ ডিজিএমঅ’ৰ সৈতে যোগাযোগ কৰিলে। তেতিয়ালৈকে আমি পাকিস্তানৰ সন্ত্ৰাসবাদৰ আন্তঃগাঁথনি বৃহৎ পৰিসৰত ধ্বংস কৰি পেলাইছিলো৷ বহু সন্ত্ৰাসবাদী নিহত হৈছিল৷ আমি পাকিস্তানৰ সন্ত্ৰাসবাদী ঘাটিবোৰ ধ্বংসাৱশেষলৈ ৰূপান্তৰিত কৰিছিলোঁ৷ গতিকে, দিশহাৰা পাকিস্তানৰ পৰা এটা আবেদন কৰা হৈছিল৷ এই কথা পাকিস্তানৰ পৰা কোৱা হৈছিল যে তেওঁলোকৰ পক্ষৰ পৰা আৰু কোনো সন্ত্ৰাসবাদী কাৰ্যকলাপ তথা সামৰিক দুষ্কাৰ্য কৰা নহ’ব ৷গতিকে ভাৰতেও এই কথা বিবেচনা কৰিলে। আৰু মই আকৌ কওঁ...আমি মাত্ৰ পাকিস্তানৰ সন্ত্ৰাসবাদী আৰু সামৰিক ঘাটিৰ বিৰুদ্ধে আমাৰ ব্যৱস্থা স্থগিতহে ৰাখিছো৷

অনাগত দিনত আমি পাকিস্তানৰ প্ৰতিটো খোজৰ হিচাব লম৷ তেওঁলোকে কি মনোভাৱ গ্ৰহণ কৰে সেয়া লক্ষ্য কৰিম৷

 

বন্ধুসকল,

ভাৰতৰ তিনিটা সেনাবাহিনী-আমাৰ বায়ুসেনা, আমাৰ সেনাবাহিনী আৰু আমাৰ নৌসেনা, আমাৰ সীমান্ত সুৰক্ষা বাহিনী-বিএছএফ, ভাৰতৰ অৰ্ধসামৰিক বাহিনী নিৰন্তৰ সষ্টম হৈ আছে ।ছাৰ্জিকেল ষ্ট্ৰাইক আৰু এয়াৰ ষ্ট্ৰাইকৰ পিছত এতিয়া অপাৰেচন সিন্দুৰ সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে ভাৰতৰ এক বলিষ্ঠ পদক্ষেপ হিচাবে পৰিগণিত হৈছে। ভাৰতে এয়া নীতিগতভাবে গ্ৰহণ কৰিছে৷ ছাৰ্জিকেল ষ্ট্ৰাইক আৰু এয়াৰ ষ্ট্ৰাইকৰ পিছত এতিয়া অপাৰেচন সিন্দুৰ সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে ভাৰতৰ সন্ত্ৰাসবাদ বিৰোধী নীতিৰ শক্তিশালী প্ৰমাণ হৈ পৰিছে। সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে যুঁজত নতুন ৰেখা টানিছে অপাৰেচন সিন্দুৰে। এটা নতুন মান, এটা নতুন ধৰণ নিৰ্ধাৰণ কৰা হৈছে।

প্ৰথম কথা - ভাৰতত সন্ত্ৰাসবাদী আক্ৰমণ হ’লে উপযুক্ত উত্তৰ দিয়া হ’ব।আমি নিজৰ ধৰণে, নিজৰ চৰ্তত সঁহাৰি জনাম।

সন্ত্ৰাসবাদৰ শিপা য’ৰ পৰা বিস্তাৰিত হৈছে তাতেই আমি কঠোৰ ব্যৱস্থা গ্ৰহণ কৰিম। দ্বিতীয়তে – ভাৰতে কোনো ধৰণৰ পাৰমাণৱিক ব্লেকমেইল সহ্য নকৰে। পাৰমাণৱিক ব্লেকমেইলৰ আৱৰণেৰে ঘেৰি ৰখা সন্ত্ৰাসবাদীৰ আত্মগোপনৰ স্থানসমূহত ভাৰতে এক নিখুঁত আৰু নিৰ্ণায়ক আক্ৰমণ চলাব। তৃতীয়তে, সন্ত্ৰাসবাদক পৃষ্ঠপোষকতা কৰা চৰকাৰখন আৰু সন্ত্ৰাসবাদৰ মালিকসকলক আমি পৃথক সত্তা হিচাপে কেতিয়াও নাচাম।

'অপাৰেচন সিন্দুৰ'ৰ সময়ত বিশ্বই আকৌ দেখিছে পাকিস্তানৰ কুৎসিত মুখ।যেতিয়া মৃত সন্ত্ৰাসবাদীক বিদায় দিয়া হৈছিল।

পাকিস্তানী সেনাৰ শীৰ্ষ বিষয়াৰ মাজত লৰাধপৰা লাগিছল। দেশ খনৰ পৃষ্ঠপোষকতাত চলি থকা সন্ত্ৰাসবাদৰ এয়া এক ডাঙৰ প্ৰমাণ। ভাৰত আৰু আমাৰ নাগৰিকক যিকোনো ভাবুকিৰ পৰা ৰক্ষা কৰিবলৈ আমি নিৰ্ণায়ক পদক্ষেপ গ্ৰহণ কৰি যাম।

 

বন্ধুসকল,

আমি প্ৰতিবাৰেই যুদ্ধক্ষেত্ৰত পাকিস্তানক পৰাস্ত কৰিছো আৰু এইবাৰ অপাৰেচন সিন্দুৰে ইয়াত এক নতুন মাত্ৰা সংযোজন কৰিলে। আমি মৰুভূমি আৰু পৰ্বতমালাত আমাৰ সামৰ্থ্য উজ্জ্বলভাৱে প্ৰদৰ্শন কৰিছো৷ লগতে আধুনিক যুদ্ধত নিজৰ শ্ৰেষ্ঠত্ব প্ৰমাণ কৰিছো।এই অপাৰেচনৰ সময়ত আমাৰ মেড ইন ইণ্ডিয়া অস্ত্ৰৰ সত্যতাও প্ৰমাণিত হ’ল। আজি বিশ্বই লক্ষ্য কৰিছে- একবিংশ শতিকাৰ যুদ্ধত মেড ইন ইণ্ডিয়া প্ৰতিৰক্ষা সঁজুলিৰ সময় আহি পৰিছে।

 

বন্ধুসকল,

আমাৰ আটাইতকৈ ডাঙৰ শক্তি হৈছে সকলো ধৰণৰ সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে আমাৰ মাজত গঢ় লোৱা ঐক্য। এয়া নিশ্চিতভাৱে যুদ্ধৰ যুগ নহয়৷ কিন্তু এয়া সন্ত্ৰাসবাদৰো যুগ নহয়। সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে শূন্য সহনশীলতাই হৈছে এখন উন্নত পৃথিৱীৰ নিশ্চয়তা প্ৰদানৰ প্ৰথম চৰ্ত৷

 

বন্ধুসকল,

পাকিস্তানৰ সেনা, পাকিস্তান চৰকাৰে যি সন্ত্ৰাসবাদক লালন-পালন কৰি আহিছে এদিন সেই সন্ত্ৰাসবাদেই পাকিস্তানক ধ্বংস কৰিব। পাকিস্তানে যদি জীয়াই থাকিব বিচাৰে তেন্তে নিজৰ দেশত থকা সন্ত্ৰাসবাদীৰ ঘাটি ধ্বংস কৰিব লাগিব। ইয়াৰ বাহিৰে শান্তিৰ কোনো বিকল্প পথ নাই। এইক্ষেত্ৰত ভাৰতৰ স্থিতি অতি স্পষ্ট৷ আতংক আৰু আলোচনা একেলগে আগবাঢ়িব নোৱাৰে৷

সন্ত্ৰাস আৰু বাণিজ্য একেলগে আগুৱাব নোৱাৰে। আনকি পানী আৰু তেজ একেলগে বৈ যাব নোৱাৰে। আজি বিশ্ব সমাজকো ক'ব বিচাৰিছো- আমাৰ ঘোষিত নীতি হৈছে- পাকিস্তানৰ সৈতে যদি আলোচনা হয়, সেয়া হ'ব সন্ত্ৰাসবাদৰ বিষয়ত, যদি পাকিস্তানৰ সৈতে আলোচনা হয়, তেন্তে সেয়া হ'ব পাক অধিকৃত কাশ্মীৰৰ বিষয়ত৷

 

প্ৰিয় দেশবাসী,

আজি বুদ্ধ পূৰ্ণিমা।

ভগৱান বুদ্ধই আমাক শান্তিৰ পথ দেখুৱাইছে। শান্তিৰ পথো শক্তিৰ মাজেৰেই পৰিচালিত হয়৷ মানৱতা শান্তি আৰু সমৃদ্ধিৰ পথেৰে আগবাঢ়ি যাওক৷ প্ৰতিজন ভাৰতীয়ই শান্তিৰে জীয়াই থাকিবলৈ সক্ষম হওক৷ যিয়ে বিকশিত ভাৰতৰ সপোন পূৰণ কৰিব পাৰিব৷

ইয়াৰ বাবে ভাৰত শক্তিশালী হ'ব লাগিব আৰু প্ৰয়োজনৰ সময়ত শক্তি ব্যৱহাৰ কৰাটোও গুৰুত্বপূৰ্ণ কথা হৈ পৰিব। যোৱা কেইটামান দিনত ভাৰতে ঠিক এনে কামেই কৰিছে।ভাৰতীয় সেনা আৰু সশস্ত্ৰ বাহিনীক পুনৰবাৰ প্ৰণাম জনাইছো।

ভাৰতবাসীৰ সাহস আৰু ঐক্যক প্ৰণাম জনাইছো।

ধন্যবাদ...

ভাৰত মাতা কী জয় !!!

ভাৰত মাতা কী জয় !!!

ভাৰত মাতা কী জয় !!!