The Union Cabinet chaired by Prime Minister Shri Narendra Modi has approved setting up of a new All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) in Deoghar, Jharkhand. A provision of funds worth Rs. 1103 crore has been approved for the project and the said AIIMS will be set up under the Pradhan Mantri Swasthya Suraksha Yojana (PMSSY).
Details:
The AIIMS at Deoghar will consist of:
A hospital with a capacity of 750 beds, trauma center facilities A medical college with an in-take of 100 MBBS students per year A nursing college with an int-ake of 60 B.Sc.(Nursing) students per year, residential complexes and allied facilities / services, broadly on the pattern of AIIMS, New Delhi. 20 Speciality/Super Speciality Departments including 15 Operation Theatres. An Ayush Department with 30 beds for providing treatment facilities in the traditional system of medicine.
Impact:
The setting up of new AIIMS at Deoghar will serve the dual purpose of providing super speciality health care to the population while also helping to create a large pool of doctors and other health workers in this region to be available for primary and secondary-level institutions/facilities being created under the National Health Mission (NHM).
Background:
Under the PMSSY, AIIMS have been established in Bhubaneswar, Bhopal, Raipur, Jodhpur, Rishikesh and Patna. Work of AIIMS Rae Bareli (U.P.), Nagpur (Maharashtra), Kalyani (West Bengal) and Mangalagiri in Guntur (A.P.) is in progress. Construction work has also been awarded for AIIMS, Gorakhpur (U.P.).
Further, following AIIMS have also been sanctioned:
Bathinda, Punjab in July 2016 Guwahati (Assam), May 2017 Bilaspur (Himachal Pradesh) in January 2018
We are moving ahead with the goal of a quantum jump, not just incremental change: PM Modi
August 23, 2025
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India is the world's fastest-growing major economy and is soon set to become the third-largest globally: PM
India, with its resilience and strength, stands as a beacon of hope for the world: PM
Our Government is infusing new energy into India's space sector: PM
We are moving ahead with the goal of a quantum jump, not just incremental change: PM
For us, reforms are neither a compulsion nor crisis-driven, but a matter of commitment and conviction: PM
It is not in my nature to be satisfied with what has already been achieved. The same approach guides our reforms: PM
A major reform is underway in GST, set to be completed by this Diwali, making GST simpler and bringing down prices: PM
A Viksit Bharat rests on the foundation of an Aatmanirbhar Bharat: PM
'One Nation, One Subscription' has simplified access to world-class research journals for students: PM
Guided by the mantra of Reform, Perform, Transform, India today is in a position to help lift the world out of slow growth: PM
Bharat carries the strength to even bend the course of time: PM
नमस्कार!
मैं World Leaders Forum में आए सभी मेहमानों का अभिनंदन करता हूं। इस फोरम की टाइमिंग बहुत perfect है, और इसलिए मैं आपकी सराहना करता हूँ। अभी पिछले हफ्ते ही लाल किले से मैंने नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म्स की बात कही है, और अब ये फोरम इस स्पिरिट के फोर्स मल्टीप्लायर के रूप में काम कर रहा है।
साथियों,
यहां वैश्विक परिस्थितियों पर, Geo-Economics पर बहुत विस्तार से चर्चाएं हुई हैं, और जब हम ग्लोबल Context में देखते हैं, तो आपको भारत की इकॉनॉमी की मजबूती का एहसास होता है। आज भारत दुनिया की Fastest Growing मेजर इकॉनॉमी है। हम बहुत जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनॉमी बनने वाले हैं। एक्सपर्ट कह रहे हैं कि दुनिया की ग्रोथ में भारत का कंट्रीब्यूशन बहुत जल्द, करीब 20 परसेंट होने जा रहा है। ये ग्रोथ, ये रेज़ीलियन्स, जो हम भारत की इकॉनॉमी में देख रहे हैं, इसके पीछे बीते एक दशक में भारत में आई Macro-Economic Stability है। आज हमारा फिस्कल डेफिसिट घटकर Four Point Four परसेंट तक पहुंचने का अनुमान है। और ये तब है, जब हमने कोविड का इतना बड़ा संकट झेला है। आज हमारी कंपनियां, Capital Markets से Record Funds जुटा रही हैं। आज हमारे Banks, पहले से कहीं ज्यादा मज़बूत हैं। Inflation बहुत Low है, Interest Rates कम हैं। आज हमारा Current Account Deficit कंट्रोल में है। Forex Reserves भी बहुत मजबूत हैं। इतना ही नहीं, हर महीने लाखों Domestic Investors, S.I.P’s के ज़रिये हजारों करोड़ रुपए मार्केट में लगा रहे हैं।
साथियों,
आप भी जानते हैं, जब इकॉनॉमी के फंडामेंटल्स मजबूत होते हैं, उसकी बुनियाद मजबूत होती है, तो उसका प्रभाव भी हर तरफ होता है। मैंने अभी 15 अगस्त को ही इस बारे में विस्तार से चर्चा की है। मैं उन बातों को नहीं दोहराउंगा, लेकिन 15 अगस्त के आसपास और उसके बाद एक हफ्ते में जो कुछ हुआ है, वो अपने आप में भारत की ग्रोथ स्टोरी का शानदार उदाहरण है।
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साथियों,
अभी latest आंकड़ा आया है कि अकेले जून महीने में, यानी मैं एक महीने की बात करता हूं, अकेले जून के महीने में E.P.F.O डेटा में 22 लाख फॉर्मल जॉब्स जुड़ी हैं, और ये संख्या अब तक के किसी भी महीने से ज्यादा है। भारत की रिटेल इंफ्लेशन 2017 के बाद सबसे कम स्तर पर है। हमारे Foreign Exchange Reserves अपने रिकार्ड हाई के करीब है। 2014 में हमारी Solar PV Module Manufacturing Capacity करीब ढाई गीगावॉट थी, ताजा आंकड़ा है कि आज ये कैपिसिटी 100 गीगावॉट के ऐतिहासिक पड़ाव तक पहुंच चुकी है। दिल्ली का हमारा एयरपोर्ट भी ग्लोबल एयरपोर्ट्स के elite Hundred-Million-Plus Club में पहुंच गया है। आज इस एयरपोर्ट की एनुअल पैसेंजर हैंडलिंग कैपिसिटी 100 मिलियन Plus की है। दुनिया के सिर्फ 6 एयरपोर्ट्स इस Exclusive Group का हिस्सा हैं।
साथियों,
बीते दिनों एक और खबर चर्चा में रही है। S&P Global Ratings ने भारत की Credit Rating Upgrade की है। और ऐसा करीब 2 दशकों के बाद हुआ है। यानी भारत अपनी Resilience और Strength से बाकी दुनिया की उम्मीद बना हुआ है।
साथियों,
आम बोलचाल में एक लाइन हम बार बार सुनते आए हैं, कभी हम भी बोलते हैं, कभी हम भी सुनते हैं, और कहा जाता है - Missing The Bus. यानी कोई अवसर आए, और वो निकल जाए। हमारे देश में पहले की सरकारों ने टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्री के अवसरों की ऐसी कई Buses छोड़ी हैं। मैं आज किसी की आलोचना के इरादे से यहां नहीं आया हूं, लेकिन लोकतंत्र में कई बार तुलनात्मक बात करने से स्थिति और स्पष्ट होती है।
साथियों,
पहले की सरकारों ने देश को वोटबैंक की राजनीति में उलझाकर रखा, उनकी सोच चुनाव से आगे सोचने की ही नहीं थी। वो सोचते थे, जो Cutting Edge Technology है, वो बनाने का काम विकसित देशों का है। हमें कभी ज़रूरत होगी, तो वहां से इंपोर्ट कर लेंगे। यही वजह थी कि सालों तक हमारे देश को दुनिया के बहुत से देशों से पीछे रहना पड़ा, हम Bus Miss करते रहे। मैं कुछ उदाहरण बताता हूं, जैसे हमारा कम्यूनिकेशन सेक्टर है। जब दुनिया में इंटरनेट का दौर शुरु हुआ, तो उस वक्त की सरकार असमंजस में थी। फिर 2G का दौर आया, तो क्या-क्या हुआ, ये हम सबने देखा है। हमने वो Bus मिस कर दी। हम 2G, 3G और 4G के लिए भी विदेशों पर निर्भर रहे। आखिर कब तक ऐसे चलता रहता? इसलिए 2014 के बाद भारत ने अपनी अप्रोच बदली, भारत ने तय कर लिया कि हम कोई भी Bus छोड़ेंगे नहीं, बल्कि ड्राइविंग सीट पर बैठकर आगे बढ़ेंगे। और इसलिए हमने पूरा अपना 5G स्टैक देश में ही विकसित किया। हमने मेड इन इंडिया 5G बनाया भी, और सबसे तेजी से देश भर में पहुंचाया भी। अब हम मेड इन इंडिया 6G पर तेज़ी से काम कर रहे हैं।
और साथियों,
हम सब जानते हैं, भारत में सेमीकंडक्टर बनने की शुरुआत भी 50-60 साल पहले हो सकती थी। लेकिन भारत ने वो Bus भी मिस कर दी, और आने वाले कई बरसों तक ऐसा ही होता रहा। आज हमने ये स्थिति बदली है। भारत में सेमीकंडक्टर से जुड़ी फैक्ट्रियां लगनी शुरु हो चुकी हैं, इस साल के अंत तक पहली मेड इन इंडिया चिप, बाजार में आ जाएगी।
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साथियों,
आज नेशनल स्पेस डे भी है, मैं आप सभी को National Space Day की शुभकामनाएं और उसके साथ ही, इस सेक्टर की भी बात करूंगा। 2014 से पहले स्पेस मिशन्स भी सीमित होते थे, और उनका दायरा भी सीमित था। आज 21वीं सदी में जब हर बड़ा देश अंतरिक्ष की संभावनाओं को तलाश रहा है, तो भारत कैसे पीछे रहता? इसलिए हमने स्पेस सेक्टर में रिफॉर्म भी किए और इसे प्राइवेट सेक्टर के लिए ओपन भी कर दिया। मैं आपको एक आंकड़ा देता हूं। Year 1979 से 2014 तक भारत में सिर्फ 42 Missions हुए थे, यानी 35 Years में 42 मिशन्स, आपको ये जानकर खुशी होगी कि पिछले 11 सालों में 60 से ज्यादा Missions पूरे हो चुके हैं। आने वाले समय में कई सारे मिशन लाइन्ड अप हैं। इसी साल हमने, स्पेस डॉकिंग का सामर्थ्य भी हासिल किया है। ये हमारे फ्यूचर के मिशन्स के लिए बहुत बड़ी अचीवमेंट है। अब भारत गगनयान मिशन से अपने Astronauts को Space में भेजने की तैयारी में है। और इसमें हमें ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अनुभवों से भी बहुत मदद मिलने वाली है।
साथियों,
स्पेस सेक्टर को नई एनर्जी देने के लिए उसे हर बंधन से आजाद करना जरूरी था। इसलिए हमने पहली बार Private Participation के लिए Clear Rules बनाए, पहली बार Spectrum Allocation Transparent हुआ, पहली बार Foreign Investment Liberalise हुआ, और इस साल के बजट में हमने Space Startups के लिए 1,000 करोड़ रुपए का Venture Capital Fund भी दिया है।
साथियों,
आज भारत का स्पेस सेक्टर इन रीफॉर्म्स की सफलता देख रहा है। साल 2014 में भारत में सिर्फ एक Space Startup था, आज 300 से ज्यादा हैं। और वो समय भी दूर नहीं जब अंतरिक्ष में हमारा अपना स्पेस स्टेशन होगा।
साथियों,
हम इंक्रीमेंटल चेंज के लिए नहीं बल्कि क्वांटम जंप का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहे हैं। और रिफॉर्म्स हमारे लिए न कंपल्शन हैं, न क्राइसिस ड्रिवेन हैं, ये हमारा कमिटमेंट है, हमारा कन्विक्शन है! हम होलिस्टिक अप्रोच के साथ किसी एक सेक्टर की गहरी समीक्षा करते हैं, और फिर One By One उस सेक्टर में रीफॉर्म्स किए जाते हैं।
Friends,
कुछ ही दिन पहले संसद का मानसून सत्र समाप्त हुआ है। इसी मानसून सत्र में आपको Reforms की निरंतरता दिखेगी। विपक्ष द्वारा अनेक व्यवधान पैदा करने के बावजूद हम पूरे कमिटमेंट के साथ Reforms में जुटे रहे। इसी मानसून सत्र में जन विश्वास 2.0 है, यह ट्रस्ट बेस्ड गवर्नेंस और प्रो पीपल गवर्नेंस से जुड़ा बहुत बड़ा रिफॉर्म हुआ है। जन विश्वास के पहले एडिशन में हमने करीब 200 minor offences को डी-क्रिमिनलाइज किया था। अब इस कानून के दूसरे एडिशन में हमने 300 से ज्यादा minor offences को डी-क्रिमिनलाइज कर दिया है। इसी सेशन में इनकम टैक्स कानून में भी रीफॉर्म किया गया है। 60 साल से चले आ रहे इस कानून को अब और सरल बनाया गया है। और इसमें भी एक खास बात है, पहले इस कानून की भाषा ऐसी थी कि सिर्फ़ वकील या CA ही इसे ठीक से समझ पाते थे। लेकिन अब इनकम टैक्स बिल को देश के सामान्य टैक्सपेयर की भाषा में तैयार किया गया है। यह दिखाता है कि नागरिकों के हितों को लेकर हमारी सरकार कितनी संवेदनशील है।
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साथियों,
इसी मानसून सेशन में माइनिंग से जुड़े कानूनों में भी बहुत संशोधन किया गया है। शिपिंग और पोर्ट्स से जुड़े कानून भी बदले गए हैं। यह कानून भी अंग्रेजों के जमाने से ऐसे ही चले आ रहे थे। अब जो सुधार हुए हैं, वह भारत की ब्लू इकॉनॉमी को, पोर्ट लेड डेवलपमेंट को बढ़ावा देंगे। इसी तरह स्पोर्ट्स सेक्टर में भी नए रीफॉर्म किए गए हैं। हम भारत को बड़े इवेंट्स के लिए तैयार कर रहे हैं। स्पोर्ट्स इकोनॉमी के पूरे इकोसिस्टम का निर्माण कर रहे हैं। इसलिए सरकार, नई नेशनल स्पोर्ट्स पॉलिसी-खेलो भारत नीति लेकर भी आई है।
साथियों,
जो लक्ष्य हासिल कर लिया, उसी में संतुष्ट हो जाऊं, वो इतना करके बहुत हो गया, मोदी आराम कर लेगा! यह मेरे स्वभाव में नहीं है। रिफॉर्म्स को लेकर भी हमारी यही सोच हैं। हम आगे के लिए तैयारी करते रहते हैं, हमें और आगे बढ़ना हैं। अब रिफॉर्म्स का एक और पूरा आर्सेनल लेकर आने वाले हूं। इसके लिए हम कई मोर्चों पर काम कर रहे हैं। हम बेवजह के कानूनों को खत्म कर रहे हैं। नियमों और प्रक्रियाओं को सरल बना रहे हैं। प्रोसीजर्स और अप्रूवल्स को डिजिटल कर रहे हैं। अनेक प्रावधानों को डिक्रिमनलाइज कर रहे हैं। इसी कड़ी में GST में भी बहुत बड़ा रिफॉर्म किया जा रहा है। इस दीवाली तक ये प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इससे GST और आसान बनेगा और कीमतें भी कम होंगी।
साथियों,
नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म्स के लिए इसके इस आर्सनल से भारत में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ेगी, मार्केट में डिमांड बढ़ेगी, इंडस्ट्री को नई एनर्जी मिलेगी, Employment के नए अवसर बनेंगे और Ease Of Living, Ease Of Doing Business दोनों इंप्रूव होंगे।
साथियों,
आज भारत 2047 तक विकसित होने के लिए पूरी शक्ति से जुटा है और विकसित भारत का आधार आत्मनिर्भर भारत है। आत्मनिर्भर भारत को भी हमें तीन पैरामीटर्स पर देखने की जरूरत है। यह पैरामीटर हैं–स्पीड, स्केल और स्कोप। आपने ग्लोबल पेंडेमिक के दौरान भारत की स्पीड भी देखी है, स्केल भी देखा है और स्कोप भी महसूस किया है। आपको याद होगा, उस समय कैसे एकदम बहुत सारी चीजों की जरूरत पड़ गई थी और दूसरी तरफ ग्लोबल सप्लाई चेन भी एकदम ठप हो गई थी। तब हमने देश में ही जरूरी चीज़ें बनाने के लिए कदम उठाए। देखते ही देखते, हमने बहुत बड़ी मात्रा में टेस्टिंग किट्स बनाए, वेंटिलेटर्स बनाए, देशभर के अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट्स लगाए। इन सारे कामों में भारत की स्पीड दिखाई दी। हमने देश के कोने-कोने में जाकर, अपने नागरिकों को 220 करोड़ से ज्यादा मेड इन इंडिया वैक्सीन लगाईं और वो भी बिल्कुल मुफ्त। इसमें भारत का स्केल दिखाई देता है। हमने करोड़ों लोगों को तेज़ी से वैक्सीन लगाने के लिए कोविन जैसा प्लेटफॉर्म बनाया। इसमें भारत का स्कोप नजर आता है। यह दुनिया का सबसे अनूठा सिस्टम था, जिसके चलते रिकॉर्ड समय में हमने वैक्सीनेशन भी पूरा कर लिया।
साथियों,
ऐसे ही, एनर्जी के क्षेत्र में भारत की स्पीड, स्केल और स्कोप को दुनिया देख रही है। हमने तय किया था कि 2030 तक हम अपनी टोटल पावर कैपेसिटी का फिफ्टी परसेंट, नॉन फॉसिल फ्यूल से जनरेट करेंगे, यह 2030 तक का लक्ष्य था। यह टारगेट हमने पांच साल पहले इसी साल 2025 में ही अचीव कर लिया।
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साथियों,
पहले के समय जो नीतियां थीं, उसमें इंपोर्ट पर बहुत जोर रहा। लोगों के अपने फायदे थे, अपने खेल थे। लेकिन आज आत्मनिर्भर होता भारत, एक्सपोर्ट में भी नए रिकॉर्ड बना रहा है। पिछले एक साल में हमने चार लाख करोड़ रुपए के एग्रीकल्चर प्रॉडक्ट एक्सपोर्ट किए हैं। पिछले एक साल में पूरी दुनिया में 800 करोड़ वैक्सीन डोज बनी है। इसमें 400 करोड़ भारत में ही बनी हैं। आजादी के साढ़े छह दशक में हमारा इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट, 35 हज़ार करोड़ रुपए के आस-पास पहुंच पाया था। आज ये करीब सवा तीन लाख करोड़ रुपए तक पहुंच रहा है।
साथिय़ों,
2014 तक भारत 50 हजार करोड़ रुपए के आसपास के ऑटोमोबाइल एक्सपोर्ट करता था। आज भारत एक साल में एक लाख बीस हज़ार करोड़ रुपए के ऑटोमोबाइल एक्सपोर्ट कर रहा है। आज हम मेट्रो कोच, रेल कोच से लेकर रेल लोकोमोटिव तक एक्सपोर्ट करने लगे हैं। वैसे आपके बीच आया हूं, तो भारत की एक और सफलता के बारे में आपको बता दूं, भारत अब दुनिया के 100 देशों को इलेक्ट्रिक व्हीकल भी एक्सपोर्ट करने जा रहा है। दो दिन के बाद 26 अगस्त को इससे जुड़ा एक बहुत बड़ा कार्यक्रम भी हो रहा है।
साथियों,
आप सभी जानते हैं, देश की प्रगति का बहुत बड़ा आधार रिसर्च भी है। इंपोर्टेड रिसर्च से गुज़ारा तो हो सकता है, लेकिन जो हमारा संकल्प है, वह सिद्ध नहीं हो सकता। इसलिए, रिसर्च फील्ड में हमें Urgency चाहिए, वैसा Mindset चाहिए। हमने रिसर्च को प्रोत्साहित करने के लिए बहुत तेजी से काम किया है। इसके लिए जो जरूरी पॉलिसी और प्लेटफार्म चाहिए, उस पर भी हम लगातार काम कर रहे हैं। आज, रिसर्च और डेवलपमेंट पर होने वाला खर्च 2014 की तुलना में दोगुने से भी अधिक हो गया है। 2014 की तुलना में फाइल किए जाने वाले पेटेंट्स की संख्या भी 17 टाइम ज्यादा हो गई है। हमने करीब 6,000 हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स में रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल स्थापित किए गए हैं। ‘वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन’ से भी आप परिचित हैं। इसने छात्रों के लिए विश्वस्तरीय रिसर्च जर्नल्स तक पहुँचने में उनको बहुत आसान बना दिया है। हमने 50 हज़ार करोड़ रुपए के बजट के साथ नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बनाया है। एक लाख करोड़ रुपए की रिसर्च डेवलपमेंट एंड इनोवेशन स्कीम को भी मंजूरी दे दी है। लक्ष्य ये है कि प्राइवेट सेक्टर में, विशेषकर Sunrise और Strategic Sectors में नई रीसर्च को सपोर्ट मिले।
साथियों,
यहां इस समिट में इंडस्ट्री के बड़े-बड़े दिग्गज भी हैं। आज समय की मांग है कि इंडस्ट्री और प्राइवेट सेक्टर आगे आएं, विशेषकर Clean Energy, Quantum Technology, Battery Storage, Advanced Materials और Biotechnology जैसे सेक्टर्स में रिसर्च पर अपना काम और अपना निवेश और बढ़ाएँ। इससे विकसित भारत के संकल्प को नई एनर्जी मिलेगी।
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साथियों,
रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म के मंत्र पर चल रहा भारत आज उस स्थिति में है कि वो दुनिया को धीमी ग्रोथ से बाहर निकाल सकता है। हम ठहरे हुए पानी में किनारे पर बैठकर के कंकड़ मारकर एंजॉय करने वाले लोग नहीं हैं, हम बहती तेज़ धारा को मोड़ने वाले लोग हैं और जैसा मैंने लाल किले से कहा था, भारत...समय को भी मोड़ देने का सामर्थ्य लेकर चल रहा है।
साथियों,
एक बार आप सबसे मिलने का मुझे अवसर मिला है, इसके लिए मैं इकोनॉमिक टाइम्स का आभार व्यक्त करता हूं। आप सबका भी हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं!