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मैं सबसे पहले आप सबसे क्षमा चाहता हूं। मुझे आने में विलंब हुआ। आया तो समय पर था, लेकिन वरूण देवता की इतनी कृपा हो गई, कि हमारे हेलीकाप्‍टर के टेकआफ में विलंब हुआ, और इसके कारण इससे पूर्व के कार्यक्रम में भी जाने में विलंब हो गया और उसके कारण आप लोगों को प्रतीक्षा करनी पड़ी। लेकिन प्रतीक्षा के बाद लगता है मौसम ज्‍यादा अच्‍छा हो गया।

दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है। भारत आजाद हुआ, उसके बाद जो देश आजाद हुए, छोटे-छोटे देश आजाद हुए। लेकिन प्रगति के नाम पर, विकास के नाम पर वे हिन्‍दुस्‍तान से भी आगे निकल गए। हम पीछे क्‍यों रह गए? और क्‍या सवा सौ करोड़ देशवासियों का भारत पीछे रह गया। हम पिछड़ गए, इसकी पीड़ा है क्‍या ? अगर हमारे दिल में ये पिछड़ेपन की पीड़ा न हो, कसक न हो, देश को आगे ले जाने का मकसद न हो और सवा सौ करोड़ देशवासियों का अगर ये सामूहिक सपना न हो, तो देश कभी आगे नहीं बढ़ सकता। दुनिया के जितने देश आगे बढ़े हैं, उस देश के हर नागरिक ने तय कर लिया है कि हम देश को बदलेंगे, हम देश को आगे बढाएंगे। मिल जुल कर के प्रयास करेंगे और यही राष्‍ट्रीय चरित्र होता है जो देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाता है।

हिन्‍दुस्‍तान आजाद हुआ, ये देशवासियों की ताकत के कारण हुआ है। इस देश के कोटि कोटि जन कष्‍ट झेलने को तैयार हुए। अंग्रेजों से मुकाबला करने के लिए तैयार हुए। आजादी की ललक जगी और परिणाम ये आया कि अग्रेजों को जाना पड़ा। 60 साल बीत गए। बिना सत्‍ता, बिना शासन अगर ये देशवासी हिन्‍दुस्‍तान से अंग्रेजों को भगा सकते हैं, तो सवा सौ करोड़ देशवासी हिन्‍दुस्‍तान से गरीबी को भी भगा सकते हैं। जिस मिजाज से हम आजादी का जंग लड़े, जिस त्‍याग, तपस्‍चर्या, बलिदान से हमने गुलामी को, गुलामी की जंजीरों को तोड़ा है, उसी मिजाज से, उसी ताकत से सवा सौ करोड़ देशवासी इस गरीबी की जंजीरों से भी मुक्ति का विश्‍वास विजय प्राप्‍त कर सकते हैं। हिन्‍दुस्‍तान बहुत तेजी से अर्बनाइज हो रहा है, बहुत तेजी से शहरीकरण हो रहा है। अब क्‍या, हम इस शहरीकरण को संकट मानें? क्‍या हम, इस शहरीकरण की प्रक्रिया को चुनौती मानें? कि हम इस शहरीकरण की प्रक्रिया को अवसर मानें? अब तक हमारी सोच रही देश में कि शहरीकरण को हमने संकट माना, बोझ माना, चुनौती माना। मेरी सोच अलग है। मैं शहरीकरण को एक अवसर मानता हूं, एक आपरच्‍युनिटी मानता हूं। आर्थिक विकास की संभावनाओं का केन्‍द्र बिन्‍दु मानता हूं। और इसलिए अब तक उसके साथ व्‍यवहार हुआ है, शहरीकरण याने संकट। और परिणाम क्‍या हुआ, हमारे देश में पहले से प्‍लानिंग नहीं हुई है। 20 साल के बाद हमारा नगर कहां पहुंचेगा, 25 साल के बाद कहां पहुंचेगा, कितनी जनसंख्‍या बढ़ेगी, किनती पानी की व्‍यवस्‍था लगेगी, कितने रोड लगेंगे, कितना ट्रांसपोर्टेशन व्‍यवस्‍था लगेगी, ड्रेनेज किस साइज का लगेगा, यह हमारे यहां सोचा ही नहीं गया। बनता गया, बढ़ता गया। अब फिर इतना प्रेशर आया कि व्‍यवस्‍थाएं टूटने लग गई। अगर पहले से ही हमने योजना की होती तो ये मुसीबत न आती।

आज गांव में कितना ही सुखी किसान क्‍यों न हो, सौ-दो सौ एकड़ भूमि हो, दो चार बेटे हों, वह भी चाहता है, एक-आध बेटा खेती में रहे, बाकी तीन बेटे शहर चले जाएं और वहीं अपना धंधा, रोजगार, नौकरी जो करना हो, करे। हर परिवार अपना एक सदस्‍य शहर भेजना चाहता है। शहर बढ़ने वाले हैं, शहरों की वृद्धि होने वाली है। आवश्‍यक यह है कि इसको हम एक अवसर मानें और अवसर मान कर के विकास का ब्‍लयू प्रिंट तैयार करें। और इसलिए नई सरकार ने कहा है, हमने बजट में भी इसकी चर्चा की है कि जिस तेजी से शहरीकरण हो रहा है, भारत को 100 स्‍मार्ट सिटी की जरूरत है। हर राज्‍य में पांच-छह, पांच-छह बड़े शहर तैयार हो जाएं, वहां पर आर्थिक प्रवृति हो, वर्क टू वर्क का कंसेप्‍ट हो, आधुनिक टेक्‍नोलोजी की पूरी सुविधा हो और दो-दो, पांच-पांच लाख की बस्‍ती के अच्‍छे शहर मैनेजेबल हों, इस दिशा में जितना जल्‍दी हम जाएं, जाने की आवश्‍यकता है और एक बार यह सिलसिला शुरू हुआ, शुरू में शायद एक दो शहर बनेंगे, 5 बनेंगे, 7 बनेंगे, बढ़ता चलेगा कारवां।

उसी प्रकार से आज पूरा विश्‍व ग्‍लोबल वार्मिग की चर्चा कर रहा है। इन्‍वायरामेंट की चिंता हो रही है। मानव जाति के कल्‍याण, प्रकृति से संवाद, प्रकृति से संघर्ष नहीं, यह भारत की विशेष संस्‍कृति रही है। हमारी रगों में है। हम वो लोग हैं, जो पौधे में भी परमात्‍मा देखते हैं। नदी में मां देखते हैं। पर्वत में टीका नजर आता है। हम प्रकृति को प्रेम करने वाली परंपरा की विरासत के धनी हैं। हमें दुनिया के किसी देश से प्रकृति प्रेम के पाठ पढ़ने की आवश्‍यकता नहीं है। यह हमारी रगों में है। लेकिन बदलते हुए युग में सुख सुविधा के बीच, बदलती हुई टेक्नोलोजी के युग में, ये पर्यावरण की रक्षा भी हम सबकी नैतिक जवाबदारी बनती है।

इसलिए ट्रांसपोर्टेशन के क्षेत्र में एक मास ट्रांसपोर्टेशन का कंसेप्‍ट आवश्‍यक बन जाता है। प्रकृति की रक्षा के लिए भी हर कोई अपना स्‍कूटर चलाये, हर कोई अपनी गाडियां चलाये तो ट्रेफिक की भी समस्‍याएं, पर्यावरण की भी समस्‍याएं। अगर उनसे मुक्ति लेनी है तो एक साथ हजारों लोग ट्रेवल कर सके, ऐसी व्‍यवस्‍थाओं को विकसित करना अनिवार्य हो गया है और उसी के तहत बड़े शहरों में, कम खर्च में, तेज गति से, पर्यावरण को नुकसान किए बिना, सामान्‍य से सामान्‍य व्‍यक्ति उसकी यातायात की व्‍यवस्‍था हो, उसमें से मेट्रो रेल का कंसेप्‍ट विकसित हुआ है।

जिस तेजी से नागपुर आगे बढ़ रहा है, पूरे विदर्भ की बडी आर्थिक प्रगति का केन्‍द्र बना हुआ है, उसको देखते हुए नागपुर में भी ये मेट्रो रेल की आवश्‍यकता है। और इस मेट्रो रेल की पूर्ति के लिए भारत सरकार ने नागपुर को प्राथमिकता दी है। और उस प्राथमिकता के तहत नागपुर बहुत ही जल्‍द, नागपुर के नागरिकों के लिए मेट्रो ट्रेन की सुविधा मिल जाएगी। इतना ही नहीं, इन दिनों मेट्रो रेलवे ये स्‍टेटस सिंबल भी बना हुआ है। एक प्रकार से शहर की पहचान के साथ मेट्रो रेलवे जुड़ गई है। नागपुर जब मेट्रो के मैप पर जा जाएगा तो हिन्‍दुस्‍तान के प्रगतिशील शहरों में नागपुर का भी नाम जुड़़ जाएगा। आधुनिक शहर में नागपुर का नाम जुड़ जाएगा और इस दिशा में हम प्रयास कर रहे हैं। और भी एक बात है, हम शहरों का विकास किस रूप में करना चाहते हैं, हम शहरों को किस दिशा में आगे ले जाना चाहते हैं। मैने 15 अगस्‍त को लाले किले से एक बात की विस्‍तार से चर्चा की है। और मैं नागपुर के मेयर अनिल जी को बधाई देता हूं, उन्‍होंने स्‍वच्‍छता की ओर, नागपुर के लोगों की भागीदारी से कई नए-नए कदम उठाए हैं। मैं नागपुर पचासों बार आया हूं और हमेशा ही नाग नदी का दृष्‍य देख कर पीड़ा होती है। अब उसके सफाई का काम भी कर रहे हैं, यह मैंने सुना है। यह हमारी अपनी संपत्ति है।

मैंने 15 अगस्‍त को कहा था, 2019 में महात्‍मा गांधी की 150वीं जयंति आएगी। महात्‍मा गांधी ने हमें आजादी दी, हम तय करें, हम महात्‍मा गांधी को कैसा हिन्‍दुस्‍तान देंगे। जिस महापुरूष ने हमारी इतनी बड़ी सेवा की, उस महापुरूष के सपनों के अनुरूप हम क्‍या करेंगे। और मैं नहीं मानता हूं, आज के युग में प्रेरणा के लिए माहात्‍मा गांधी से बाहर देखने की जरूरत है। महात्‍मा जी को स्‍वच्‍छता प्रिय थी और वे स्‍वच्‍छता के आग्रही थे। क्‍या स्‍वच्‍छता, ये नागरिकों की जिम्‍मेवारी है या नहीं है।

हम सिंगापुर जाते हैं, आ कर के बातें करते हैं, यार इतना साफ-सुथरा था, कहीं गंदगी नजर नहीं आती थी। ऐसा अपने यार-दोस्‍तों को बताते हैं। दुबई जाते हैं, तो यार दोस्‍तों को बताते हैं, क्‍या दुबई है, कहीं गंदगी नहीं है, कोई कूड़ा कचरा नहीं है। कुछ नहीं, बहुत अच्‍छा लगता है। अच्‍छा लगात है ना, नागपुर वाले, अच्‍छा लगता है ना। सिंगापुर आपने साफ-सुथरा आपने साफ सुथरा देखा कि नहीं देखा, दुबई साफ सुथरा दिखता है कि नहीं दिखता है। वहां किसी को गंदगी करते हुए देखा था क्‍या। कोई नागरिक को कूडा-कचरा फेंकते देखा था क्‍या कोई पान खा करके पिचकारी लगाते देखा था क्‍या ? ये जिम्‍मेवारी हमारी नहीं है क्‍या। अगर हम तय करें, हम गंदगी नहीं करेंगे तो कोई म्‍यूनिसिपल कारपोररेशन की ताकत नहीं है कि नागपुर को गंदा कर सके। कोई सरकार गंदा नहीं कर सकती, अगर जनता तय करे कि हमें साफ-सुथरा रखना है।

इस मिशन के तहत एक सपना मेरे मन में चल रहा है, इस देश के 500 नगर को पसंद करके, उन पांच सौ नगर में जैसे यहां फ्लाईओवर की कल्‍पना हो रही है, मेट्रो की कल्‍पना हो रही है, हाउसिंग स्‍कीम्‍स की कल्‍पना हो रही है, स्‍मार्ट्स सिटी की कल्‍पना हो रही है, वह जरूरी है। वह होने वाला है, करना भी चाहिए। लेकिन मैं एक और काम की ओर ध्‍यान देना चाहता हूं। पूरे देश में 500 नगर , महानगर हों, छोटे नगर हों, मेट्रो सिटीज हो, नगर पालिकायें हो, पूरे देश में 500 नगर पसंद करे, और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर सोलिड वेस्‍ट मैनेजमेंट और वेस्‍ट वाटर ट्रीटमेंट, इसका पूरा एक अभियान चलायें। जितना कूड़ा कचरा है, कचरे में से कंचन बनाने का बीड़ा उठायें। और नगरों की सफाई भी होगी, उसके कूड़े-कचरे में से बिजली पैदा हो सकती है। फर्टिलाइजर तैयार हो सकता है, गैस उत्‍पादन हो सकता है, ये वैल्‍यू एडिशन करें हम, कचरे कूड़े कचरे पर। और जो गंदा पानी है, उसको शुद्ध बना करके, वेस्‍ट वाटर ट्रीटमेंट कर के, जो नगर होते हैं, नगर के अरोस-पड़ोस के जो गांव होते हैं, वे ज्‍यादातर सब्‍जी की खेती करते हैं क्‍योंकि शहर में उनकी सब्‍जी बिक जाती है। अधिकतम बड़े शहरों के अगल बगल के गावों में सब्‍जी की खेती बहुत मात्रा में चलती है। इन अरोस-पड़ोस के गांवों को ये जो आर्गेनिक फर्टिलाइजर है, ये उनको दिया जाए। और वो सब्‍जी पैदा करें, वे भी केमिकल फर्टिलाइजर से न करें, आर्गेनिक फर्टिलाइजर से करें और सब्‍जी अगर शहर में आएगी तो शहर के लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य में भी लाभ होगा। शहर में से कूड़ा कचरा जाएगा, शहर के लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य में लाभ होगा और स्‍वास्‍थ्‍य में लाभ होगा तो आरोग्‍य विभाग के जो खर्च होते हैं, उसमें कटौती आएगी। आर्गेनिक फर्टिलाइजर गांव में जाएगा तो केमिकल फर्टिलाइजर का उपयोग कम होगा। उसके कारण सब्सिडी बचेगी। ये जो सब्सिडी बचेगी, उसको वाइबिलिटी गैप फंडिंग में दिया जाए ताकि नगरों की सफाई के लिए काम आए और जो वेस्‍ट वाटर है, वो ट्रीटमेंट करके गांव के लोगों को खेतों में वापिस दिया जाए। खेती के काम आता है वह पानी। वह एक प्रकार का वह फर्टिलाइजर बन जाता है।

आज गांव के लोगों की शिकायत रहती है हमें पानी नहीं मिलता है, शहर वाले उठा ले जाते हैं। हम ऐसी स्थिति पैदा करें कि शहर वाले गांव को पानी वापस दें। वेस्‍ट वाटर ट्रीटमेंट के जरिये दें। पानी उनके खेतों में उपयोग में आए, उनकी आय बढ़े। सब्‍जी विपुल मात्रा में शहर में आए, गरीब से गरीब व्‍यक्ति भी सस्‍ते में सब्‍जी खा सके, उसके लिए हेल्‍थ को वे फायदा देगी। एक ऐसा चक्र शहरी विकास का, मानवीय हितों को ध्‍यान में रख कर के एक ऐसी व्‍यवस्‍था को हम विकसित करना चाहते हैं। अगर 500 नगरों में आने वाले दिनों में बहुत बड़ी मात्रा में इस काम को करने वाले प्राइवेट लोग आए, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर हो, ये विन विन सिचुएशन का काम है। और एक बार नगर में सफाई हो गई तो बीमारी का नामो निशान नहीं रहता है। शुद्ध पानी पीने को मिलता है, जीवन में बदलाव आना शुरू होता है और इन शहरों के जीवन को बदला जा सकता है।

और इसलिए भाइयों-बहनों, आज जब नागपुर शहर में शहरी जीवन की सुविधाओं के कार्यक्रम के लिए आया हूं, तब, बड़े आत्‍मविश्‍वास के के साथ आपके सामने विजन मैं पहली बार प्रस्‍तुत कर रहा हूं। और मुझे विश्‍वास है कि जितने भी नगरपालिका की, महानगर पालिका की बाडीज हैं, चुने हुए जन प्रतिनिधि हैं, वह अपने शहर की स्‍वच्‍छता के लिए, इन व्‍यवस्‍थाओं को विकसित करने के लिए आगे आएंगे। दिल्‍ली में बैठी हुई सरकार भी एक विशिष्‍ट योजना लेकर आएगी। और ये काम करने के लिए कोई बहुत बड़ी सदियां नहीं लगती हैं। अगर पीछे लग जाएं, एक के बाद एक काम शुरू करें ते बहुत तेजी से इन कामों को किया जा सकता है। इसलिए आने वाले दिनों में शहरी विकास पर हम उस प्रकार से बल देना चाहते हैं।

शहरी गरीब- उस पर ध्‍यान केन्द्रित करना आवश्‍यक है। वह गांव छोड़ कर के शहर आता है, रोजी-रोटी कमाने आता है। अपने गरीब बूढ़े मां-बाप को मनीआर्डर भेज करके उनका जीवन चले, इसकी चिंता करने आता है। ये जो गांव से आने वाले नौजवान हैं, उनके लिए रोजगार की संभावनाएं शहरों में हमें तलाशनी पड़ेगी। इसलिए शहरों में आर्थिक प्रवृतियां कैसे बढ़़े, सर्विस सेक्‍टर को बल कैसे मिले, उद्योगों का विकास कैसे हो, और इसके हेतु स्किल डेवलपमेंट आने वाले दिनों में, वह नौजवान जो बेचारा गरीबी के कारण पांचवीं कक्षा छोड़ दी, सातवीं कक्षा में छोड़ दिया, आठवी-दसवीं कक्षा में पढ़ाई छोड़ दी, क्‍या उसको ऐसे ही असहाय छोड़ा जाएगा। ये गरीब मां-बाप का बेटा जाएगा कहां ? अगर, उसके हाथ में हुनर हो तो पत्‍थर पर भी लात मार कर के रोजी-रोटी कमाने की वह ताकत पैदा हो जाती है। और इसलिए शरही गरीबों को, स्किल डेवलपमेंट का अवसर मिले, उसके हाथ में हुनर हो, वह अपने आप रोजी-रोटी कमाना शुरू हो जाएगा।

आज शहरों में एक तरफ बेरोजगार लोग हैं, और दूसरी तरफ आपको घर में प्‍लंबर चाहिए, प्‍लंबर नहीं मिलता, ड्राइवर चाहिए, ड्राइवर नहीं मिलता है, कुक चाहिए, कुक नहीं मिलता है, चौकीदार चाहिए, चौकीदार नहीं मिलता है। एक तरफ बेकार लोग हों, और दूसरी तरफ आपकी आवश्‍यकता की पूर्ति न हो, ऐसी कैसी व्‍यवस्‍था? और इसलिए जो आवश्‍यकता के अनुसार, इन नौजवानों का स्किल डेवलपमेंट हो, ताकि उनको रोजगार मिल जाए, वह अपने पैरों पर खडा हो जाए, बलबूते पर खड़ा हो जाए, और इसलिए रोजगार की संभावनाओं को, शहरों में गरीब जो रहते हैं, उनके लिए बहुत बड़ी आवश्‍यकता है। गावं में अगर कोई गरीब है, गांव का स्‍वभाव है, गांव उसको संभाल लेता है। लेकिन शहर में कोई किसी को पहचानता नहीं है। फ्लैट में बगल वाले को भी नहीं जानता है। ऐसी स्थिति में एक नए स्‍वरूप में समाज की चिंता करने की आवश्‍यकता हुई है। शहरी गरीबों की तरफ विशेष ध्‍यान देने की आवश्‍यकता खड़ी हुई है। और उस दिशा में ये नई सरकार कुछ न कुछ करने के लिए संकल्‍पबद्ध है।

भाइयों-बहनों, देश भ्रष्‍टाचार के कारण बहुत परेशान है। भ्रष्‍टाचार ने देश को तबाह करके रखा है। अगर हम सब तय करें, तो यह भयंकर से भयंकर बीमारी भी जा सकती है। आप मुझे साथ दीजिए भाइयों-बहनों, यह क्‍यों सहन करें हम ? साठ साल हुए, देश लूटा गया है। और सिर्फ राजनेताओं ने नहीं लूटा है, जिसको भी मौका मिला, सबने लूटा है। और उसके कारण अगर मुसीबत झेलनी पड़ी है तो मध्‍यम वर्ग, निम्‍न मध्‍यम वर्ग के लोगों को झेलनी पड़ी है। जब मैं भ्रष्‍टाचार के खिलाफ आवाज उठाने लगा हूं, तो कुछ राजनीतिक दल बहुत परेशान हो जाते हैं। अब आप मुझे बताइए, मुझे कुछ राजनीतिक दलों की खुशी के लिए काम करना है कि आपकी खुशी के लिए करना है। और इसलिए, भाइयों-बहनों, आपकी खुशी के लिए, देश की प्रगति के लिए, और दुनिया के समृद्ध देशों की बराबरी में हमारा देश भी आ जाए। जिस देश के अंदर 65 प्रतिशत नौजवान 35 साल की उमर के हों, वह देश कभी पीछे नहीं रह सकता भाइयों। यह देश कभी पीछे नहीं रह सकता। अब पीछे रहना भी क्‍यों चाहिए। क्‍यों पीछे रहना चाहिए। क्‍या नहीं है हमारे पास। जिस देश के पास इतना सामर्थ्‍य है, वह देश दुनिया के काम आए, ऐसी ताकत रख सकता है। और वह स्थिति हमें फिर से पैदा करनी है। इसी सपने को ले कर के आगे बढ़ना है। फिर एक बार नागपुर वासियों को मेरी बहुत बहुत शुभकामनाएं। बहुत ही जल्‍द मेट्रो ट्रेन दौड़ने लग जाए, फ्लाईओवर बन जाए, नितिन जी जो बीड़ा उठाया है, वह बीड़ा पूरा हो जाए, इस अपेक्षा के साथ मेरे साथ बोलिये- भारत माता की जय।

ऐसे नहीं, नागपुर में आया हूं, तो दोनों मुट्ठी बंद कर के पूरी ताकत से बोलिये, भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय।

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The egoistic Congress-led Alliance intends to destroy the composite culture of Santana Dharma in both Rajasthan & India: PM Modi
September 25, 2023
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The Congress-led misrule for 5 years has ruined the prospects of the people, especially the youth of Rajasthan: PM Modi
Assessing the performance of Congress, the people of Rajasthan desire change and wish to bring the BJP back to power: PM Modi
The various Parivartan rallies in the state of Rajasthan has received a lot of public support, reflecting a change in times in favour of the BJP: PM Modi
India held a successful G20 Leaders’ Summit in New Delhi, where for the first time the G20 New Delhi Declaration was adopted with complete consensus amazing one and all: PM Modi
In the first session in the New Parliament Building, The Nari Shakti Vandan Adhiniyam was passed by both the Houses of the Parliament resulting in a Golden moment: PM Modi
The egoistic Congress-led Alliance intends to destroy the composite culture of Santana Dharma in both Rajasthan & India: PM Modi
Congress-led alliance only indulges in “politics of division and appeasement”. They have only fooled the youth and the people of the state of Rajasthan depriving them of opportunities: PM Modi

भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की।


मैं कहूंगा पंडित दीनदयाल उपाध्याय। आप सब कहेंगे अमर रहे, अमर रहे। पंडित दीनदयाल उपाध्याय, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, पंडित दीनदयाल उपाध्याय।

मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ नेतागण और विशाल संख्या में पधारे मेरे परिवारजनों, आप सब को नमस्कार। सबसे पहले मैं लोक देवता बाबा रामदेव को, लोकदेवता तेजाजी महाराज को प्रणाम करता हूँ। आज झलझूलनी एकादशी का पवित्र दिन भी है। यहां सभा स्थल पर ही भगवान बजरंग बली भी हमें आशीर्वाद दे रहे हैं। लाखों लोगों की आस्था के केंद्र गोनेर में स्थित लक्ष्मी जगदीश महाराज के मंदिर को मैं आदरपूर्वक प्रणाम करता हूँ।

साथियों,
गुलाबी नगरी में इस भव्य आदर-सत्कार के लिए मैं राजस्थान की जनता को नमन करता हूं। आज दीन दयाल उपाध्याय जी की भी जन्म जयंती है। ये हमारे श्रद्धेय भैरों सिंह शेखावत जी का भी शताब्दी वर्ष है। हम आज भी उनकी प्रेरणा से आगे बढ़ रहे हैं।

साथियों,
राजस्थान के लोगों ने कांग्रेस के कुशासन से मुक्ति पाने का बिगुल फूंक दिया है। पिछले 5 साल जिस तरह की सरकार कांग्रेस ने यहां पर चलाई है, वो जीरो नंबर पाने की हकदार है। गहलोत सरकार ने राजस्थान के लोगों के, यहां के युवाओं के पांच महत्वपूर्ण वर्ष बर्बाद कर दिए। इसलिए राजस्थान के लोगों ने ठान लिया है- गहलोत सरकार को हटाएंगे, बीजेपी को वापस लाएंगे। मैं साफ देख रहा हू कि राजस्थान में परिवर्तन होके रहेगा। राजस्थान में अब परिवर्तन होकर रहेगा। राजस्थान के कोने-कोने में जो परिवर्तन संकल्प यात्राएं भाजपा ने निकाली हैं, उन्हें बहुत जनसमर्थन मिला है। ये साफ संकेत है कि राजस्थान का मौसम बदल चुका है। मैं राजस्थान के हर भाजपा कार्यकर्ताओं को और राजस्थान के जनता-जर्नादन को इन सफल यात्राओं के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

मेरे परिवारजनों,
आज मैं जयपुर ऐसे समय में आया हूं जब देश का गौरव नए आसमान पर है। आज पूरी दुनिया में भारत के सामर्थ्य की वाहवाही हो रही है। हमारा चंद्रयान वहां पहुंचा, जहां दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच पाया है। G-20 में भारत की सफलता से भारत के विरोधी देश भी हैरान है-परेशान है। भारत ने गणेश चतुर्थी के दिन अपनी नए संसद भवन से कामकाज शुरू किया है। और नई ईमारत में सबसे पहला काम, भाजपा सरकार ने हमारी माताओं-बहनों-बेटियों को ही समर्पित किया है। अनेक दशकों से हमारी माताएं-बहनें लोकसभा और विधानसभा में 33 परसेंट आरक्षण की आस लगाए बैठी थीं। माताओं-बहनों की ये उम्मीद किसने पूरी की? माताओं-बहनों की ये उम्मीद किसने पूरी की? किसने पूरी की? किसने पूरी की? आप मुझे बताइए, किसने महिलाओं को आरक्षण दिलवाया? महिलाओं को आरक्षण किसने दिलवाया? आपका जवाब गलत है। ये मैंने नहीं किया है। ये तो आपके एक वोट की ताकत है जिसने करके दिखाया है। आपके एक वोट ने मुझे चुना और मैंने आपकी सेवा की गारंटी दी। आज आपकी ये गारंटी मैंने पूरी कर दी है। मैं राजस्थान अनेकों बार आया हूं। मैं कह सकता हूं अनगिनत बार आया हूं। लेकिन इतनी बड़ी तादाद में माताएं-बहनें आकरके आर्शीवाद दे, ये अपने आप में… मैं आप सब माताओं का इतने आर्शीवाद देने के लिए आने के लिए हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। और जब मैं अंदर आ रहा था तब मैंने देखा जितने लोग अंदर हैं, उससे ज्यादा बाहर हैं। साथियों, याद रखिएगा, भूलिएगा मत। याद रखिएगा मोदी यानि...गारंटी पूरा होने की गारंटी !

मेरे परिवारजनों,
गरीब के पास स्वाभिमान होता है, गरीब मेहनत करना जानता है। मैं जिस घर से निकलकर यहां आया हूं, मेरे पास करने के लिए सिर्फ और सिर्फ मेहनत है, सिर्फ मेहनत है। इसलिए, मैं पूरे परिश्रम से आपकी सेवा में, अपने देशवासियों की सेवा में पूरी तरह जुटा हुआ हूं। इसलिए, मैं जो कहता हूं, वो करके दिखाता हूं। इसलिए, मेरी गारंटी में दम होता है। और ये मैं सिर्फ हवा में नहीं कह रहा हूं, बल्कि बीते 9 वर्ष का मेरा पूरा ट्रैक रिकॉर्ड यही है। (वहां मेरा आप सब से प्रार्थना है, अब पंडाल में कहीं जगह नहीं है। कृपा करके वहीं रुक जाइए। आप जहां हैं वहीं रुकिए। मैं आपके प्यार के लिए बहुत-बहुत आभारी हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।)

मेरे परिवारजनों,
आप याद कीजिए, हमारी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन लागू करने की गारंटी देश के पूर्व सैनिकों को दी थी। आप देख रहे हैं कि मोदी ने वो गारंटी पूरी कर दी। अब तक सैनिकों को जो निवृत्त हैं, वन रैंक वन पेंशन के 70 हजार करोड़ रुपए मिल चुके हैं। अब आप कल्पना करिए, कांग्रेस जब सरकार में थी तो उन्होंने 500 करोड़ रुपए की पोटली बनाकर वो झूठ बोलती थी कि वो वन रैंक वन पेंशन लागू करेगी। कहां 500 करोड़ कहां 70 हजार करोड़। ये भाजपा सरकार है जिसने 70 हजार करोड़ रुपए देकर वन रैंक वन पेंशन को लागू किया है।

साथियों,
जब नीयत साफ होती है, जब खुद पर भरोसा होता है, तो गारंटी पूरी करना सरकार की पहचान बन जाती है। हमने भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की गारंटी दी थी। आज देश के भ्रष्टाचारियों पर कानून का जो डंडा चल रहा है, वो सब देख रहे हैं। आप मुझे बताइए, भ्रष्टाचारियों पर कदम उठाने चाहिए कि नहीं उठाने चाहिए, कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए कि नहीं करनी चाहिए..? इस देश से भ्रष्टाचार को खत्म करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए ?

साथियों,
तीन तलाक के चलते मुस्लिम बहनों के साथ अन्याय कई पीढ़ियों से हो रहा था। उम्मीद की कोई किरण नहीं दिखती थी। लेकिन हर बहन के आंसू पोंछने की इच्छाशक्ति के कारण हम तीन तलाक के खिलाफ कानून लाए। इस कानून से लाखों बहनों को न्याय मिला है।

मेरे परिवारजनों,
कांग्रेस की कभी नीयत नहीं थी कि वो देश की महिलाओं को सशक्त करे। जो कांग्रेसी आज महिला आरक्षण की बातें कर रहे हैं, ये काम वो तीस साल पहले कर सकते थे… जब-जब मौका मिला तब कर सकते थे। लेकिन सच्चाई ये है कि कांग्रेसी कभी चाहते ही नहीं थे कि महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिले। आज भी अगर ये नारीशक्ति वंदन अधिनियम के समर्थन में आए हैं, तो मन से नहीं आए। बल्कि ये आप सभी बहनों के दबाव के परिणाम है, सीधी लाइन में आए हैं। इसलिए आपको याद रखना है, मेरी हर बहन-बेटी को याद रखना है। कांग्रेस और इसके घमंडिया साथी, महिला आरक्षण के घोर विरोधी हैं। नारी को सशक्त करने के इतने बड़े फैसले को भी वो भटकाने में लगे हैं। जिन्होंने यूपीए सरकार के दौरान ये बिल रोका था, कांग्रेस के वही साथी उस पर अभी भी दबाव बना रहे हैं। इसलिए राजस्थान की बहनों को, देश की बहनों को बहुत सतर्क रहना है।

मेरे परिवारजनों,
राजस्थान तो गौरवशाली इतिहास और परंपराओं की भूमि है। यहां के कण-कण में गौरव गाथाएं हैं। महाराणा प्रताप, महाराजा सूरजमल से लेकर राणा सांगा, राणा कुंभा तक, वीर दुर्गादास राठौड़ से लेकर गोविंद गुरू तक मीराबाई, पन्नाधाय, रानी पद्मिनी से लेकर अमृता देवी, काली बाई, करमा बाई तक, ऐसी अनेक संतानों ने एक महान सनातन धरोहर हमारे लिए छोड़ी है। लेकिन कांग्रेस और उसके घमंडिया गठबंधन ने इस धरोहर के विरुद्ध हल्ला बोल शुरू कर दिया है। इन्होंने घोषणा की है कि ये सतातन को जड़ से मिटा देंगे। हमारी पहचान को मिटा देंगे। कुछ वोटों के लिए, तुष्टीकरण की इस पराकाष्ठा को राजस्थान का समाज अच्छे से समझ रहा है। और मै जानता हूं, राजस्थान चुनाव में ही नहीं बल्कि आने वाले हर चुनाव में घमंडिया गठबंधन को इसका नुकसान उठाना ही पड़ेगा। वो जड़ों से उखड़ जाएंगे।

मेरे परिवारजनों,
राजस्थान के हर क्षेत्र में कांग्रेस की सरकार के विरुद्ध जनाक्रोश बढ़ता जा रहा है। यहां की कांग्रेस सरकार, युवाओं को अवसर नहीं बल्कि सिर्फ धोखा दे सकती है। राजस्थान में जितनी बार पेपर लीक होते हैं, वो हर बार पूरे राज्य को शर्मिंदगी से भर देते हैं। यहां की कांग्रेस सरकार पेपर लीक माफिया को संरक्षण देती है। मैं आज राजस्थान के युवाओं को भरोसा देता हूं। राजस्थान में बीजेपी सरकार बनने के बाद, इस पेपरलीक माफिया पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले किसी माफिया को बख्शा नहीं जाएगा।

साथियों,
आज देश के अलग-अलग राज्यों में औद्योगिक विकास नई ऊंचाई पर है। राजस्थान में भी निवेश बढ़े, यहां नए कारखाने लगें, नई फैक्ट्रियां लगें, ये बहुत जरूरी है। लेकिन जहां कदम-कदम पर करप्शन हो, जहां लाल डायरी में काली करतूतें हो, हर कोई कट और कमीशन में व्यस्त हो, वहां कौन पैसा लगाना चाहेगा? कौन पूंजी निवेश करेगा? जहां सरेआम गला काटने की घटनाएं हों, और सरकार मजबूर हो, ऐसे वातावरण में निवेश कैसे हो सकता है? ये साधारण अपराध नहीं है। ये कांग्रेस की तुष्टीकरण की नीति का परिणाम है। जब कांग्रेस सरकार, आतंकियों पर कार्रवाई के बजाय उन पर मेहरबान हो, जब कांग्रेस सरकार अपराधियों को खुली छूट दे रही हो तो, फिर कानून का खौफ कैसे रहेगा किसमें होगा? इसलिए आज राजस्थान की पस्त कानून व्यवस्था की बहुत बड़ी भुक्तभोगी, हमारी माताएं-बहनें-बेटियां हैं। जो सरकार बहनों-बेटियों को सुरक्षा और सम्मान का जीवन तक नहीं दे सकती, उस सरकार का जाना तय है।

मेरे परिवारजनों,
राजस्थान की ये भूमि वचन की मर्यादा रखने वाली भूमि है। लेकिन कांग्रेस की आदत झूठ बोलकर भूल जाने की है। राजस्थान के किसानों को तो अच्छे से याद है। कांग्रेस ने 5 साल पहले जो वचन दिया था, वो कभी पूरा नहीं किया। कांग्रेस ने किसानों से कई वादे किए थे। उनका क्या हुआ? इसका कोई हिसाब नहीं है। आज औने-पौने भाव पर किसानों को बाजरा बेचना पड़ रहा है। किसानों को इस स्थिति में ला दिया है एकमात्र जिम्मवार है, कांग्रेस और गहलोत सरकार जिम्मेवार है। लेकिन मैं किसान बहन-भाइयों को कहूंगा कि अब चिंता की कोई बात नहीं है। किसानों की चिंता करने वाली भाजपा सरकार जल्द ही आने वाली है।

साथियों,
भाजपा कदम-कदम पर किसानों और पशुपालकों के साथ खड़ी है। पीएम किसान सम्मान निधि से हज़ारों करोड़ रुपए राजस्थान के किसानों को मिल चुके हैं। आप भी जानते हैं कि दुनिया में खाद की कीमतें बहुत अधिक बढ़ गई हैं। कई देशों में खाद की बोरी 3 हज़ार रुपए तक की मिल रही है। लेकिन भारत में भाजपा सरकार वही खाद की बोरी किसानों को सिर्फ 300 रुपए से भी कम कीमत में उपलब्ध करा रही है।

साथियों,
भाजपा सरकार ने अपने कारीगरों, अपने शिल्पकारों, हमारे विश्वकर्मा साथियों के लिए एक बहुत बड़ी योजना शुरू की है। कांग्रेस की सरकारों ने कभी इन साथियों की सुध नहीं ली। लेकिन आज हमारे दर्जी भाई-बहन, हमारे बाल काटने वाले भाई-बहन, जूता बनाने वाले भाई-बहन, हमारे कुम्हार भाई-बहन, सुनार भाई-बहन, लोहार भाई-बहन, सुतार भाई-बहन, मालाकार भाई-बहन, ऐसे अनेक काम से जुड़े साथियों के लिए हम विशेष योजना लेकर आए हैं। इस विश्वकर्मा योजना के तहत इन साथियों को ट्रेनिंग और आधुनिक उपकरण सरकार देगी। यही नहीं, इन्हें लाखों रुपए का कम ब्याज वाला ऋण भी मिलेगा। ये योजना राजस्थान के लाखों विश्वकर्मा परिवारों का जीवन बेहतर बनाने में मददगार सिद्ध होगी।

साथियों,
मोदी हवा-हवाई बातें नहीं करता, क्योंकि मोदी के पांव पूरी मजबूती से ज़मीन पर ही रहते हैं। इसलिए बीते 9 वर्षों में हमने सामान्य से सामान्य लोगों की छोटी-छोटी कठिनाइयों को दूर करने का प्रयास किया। एक तरफ हम स्वनिधि योजना से रेहड़ी, ठेले, पटरी वालों को मदद दे रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ PLI स्कीम्स के माध्यम से दुनियाभर के उद्योगों को भारत आमंत्रित कर रहे हैं। आज हम मुद्रा योजना से करोड़ों छोटे-छोटे उद्यमियों, महिला उद्यमियों, दलित-पिछड़े समाज के साथियों को सपोर्ट कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ खेती से जुड़े उद्योगों, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को भी बढ़ावा दे रहे हैं। हमारा विकास सर्वस्पर्शी भी है, हर वर्ग को लाभ हो रहा है। गरीब कल्याण अन्न योजना से गरीब, SC-ST-OBC- सभी को लाभ हुआ है।

साथियों,
हम वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम भी चला रहे हैं। राजस्थान इसका बड़ा लाभार्थी है। राजस्थान के सीमावर्ती गांवों में कांग्रेस ने सुविधाओं का निर्माण नहीं किया। कांग्रेस वाले तो कहते थे कि सीमाओं पर इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बनना चाहिए, क्योंकि इससे दुश्मन को अंदर आने का आसानी हो जाएगी। कांग्रेस की इस नीति का हमें बहुत नुकसान हुआ है। लेकिन भाजपा सरकार आज सीमावर्ती गांवों का विकास कर रही है। हमारी सरकार वहां ऐसी सुविधाएं बना रही है, जिससे बॉर्डर के किनारे बसे गांवों का भी तेज विकास हो, वहां टूरिज्म के अवसर बढ़ें।

साथियों,
भाजपा सरकार की प्राथमिकता, गरीबों का, मध्यम वर्ग का स्वास्थ्य भी है। पिछले 9 वर्षों में देश में मेडिकल कॉलेज की संख्या लगभग दोगुनी हो चुकी है। इसका लाभ राजस्थान को भी हुआ है। बीते वर्षों में राजस्थान में अनेक नए मेडिकल कॉलेज खुले हैं। केंद्र की भाजपा सरकार ने देश में डेढ़ सौ से अधिक नए नर्सिंग कॉलेज खोलने का भी निर्णय लिया है। इसमें बहुत सारे कॉलेज राजस्थान के लिए भी स्वीकृत हुए हैं।

मेरे प्यारे परिवारजनों,
मुफ्त राशन, मुफ्त इलाज, मुफ्त गैस कनेक्शन ये गरीब परिवारों को, दलित, पिछड़े, आदिवासी परिवारों को गरिमा का जीवन देते हैं। अगर हमने राजस्थान के लाखों गरीब परिवारों को पक्का घर दिया है, तो मध्यम वर्ग के परिवारों को भी घर बनाने के लिए मदद दी है। देशभर में मिडिल क्लास परिवारों को ब्याज़ सब्सिडी के रूप में करीब-करीब 60 हजार करोड़ रुपये की मदद दी गई है। इस वर्ष लाल किले से मैंने मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए एक और घोषणा भी की है। जो साथी शहरों में किराए पर रहते हैं, वे अगर अपना घर बनाना चाहते हैं, तो उन्हें कम ब्याज़ पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। आपको याद होगा, साल 2014 तक देश में 2 लाख रुपए की इनकम पर टैक्स लग जाता था। आज 7 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री कर दिया गया है। इसका सीधा लाभ हमारे मध्यम वर्गीय परिवारों को हुआ है। हर साल कम से कम 50 हजार रुपए की बचत तो इनकम टैक्स से ही हो रही है। कांग्रेस की सरकार थी, तो 3G नेटवर्क का फोन बिल भी भारी भरकम आता था। आज तो 5G चलने लगा है। तब तो मोबाइल फोन रखना ही असंभव था। आज परिवार के करीब-करीब हर सदस्य के पास फोन है। ऐसे में 2014 की तुलना में हर परिवार को हर महीने हज़ारों रुपए की बचत हो रही है।

मेरे परिवारजनों,
भाजपा, राजस्थान को देश के एक प्रमुख औद्योगिक और व्यापारिक केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। बीते 9 वर्षों में राजस्थान में हर प्रकार के आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार हुआ है। आज राजस्थान, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस काम को हम बहुत जल्द पूरा करने वाले हैं।

मेरे परिवारजनों,
ये भारत के लिए अवसरों का समय है। ये राजस्थान के लिए भी अवसरों का समय है। अगर भारत की साख दुनिया में बढ़ रही है, तो इसका लाभ राजस्थान को भी मिलता है। राजस्थान में ऐसी सरकार नहीं चाहिए, जो इन अवसरों को गंवा दे। आने वाले कुछ सालों में ही भारत दुनिया में टॉप-3 अर्थव्यवस्थाओं में होगा। टॉप-3 अर्थव्यवस्थाओं में होगा- ये मोदी की गारंटी है। लेकिन इसके लिए राजस्थान को भी देश के अग्रणी राज्यों में लाना होगा। ये तभी होगा जब जयपुर में भी कमल खिलेगा। जब राजस्थान में विकास का डबल इंजन लगेगा। इसलिए आपको भारी बहुमत से भाजपा की सरकार बनानी है। मैं भाजपा के हर कार्यकर्ता से कहूंगा कि हमारी पहचान और हमारी शान सिर्फ कमल का फूल है। इसलिए बूथ-बूथ पर कमल का फूल खिले, इसके लिए हमें प्रयास करना है। एक बार फिर इतनी बड़ी संख्या में यहां पधारने के लिए मैं हृदय से आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।
दोनों हाथ ऊपर करके मेरे साथ बोलिए
भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की।
बहुत-बहुत धन्यवाद !