मंच पर विराजमान यहां के राज्‍यपाल आदरणीय एन एन वोहरा जी, यहां के मुख्‍यमंत्री श्रीमान उमर अब्‍दुल्‍ला जी, केंद्र सरकार में मेरे साथी मंत्री, ऊर्जा मंत्री, श्रीमान पीयूष गोयल जी, राज्‍यसभा के सांसद श्री मुख्‍तार अब्बास नकवी जी, अभी –अभी जिनको आपने लोकसभा में भेजा है विजयी बनाकर के और आपके आशीर्वाद से लोकसभा में बैठ कर आपके विकास के कामों की दिन रात चिंता चर्चा करते हैं, ऐसे मेरे साथी श्री थूपस्‍टल चेवांग जी, एडिशनल सचिव ऊर्जा विभाग, श्रीमान देवेन्‍द्र चौधरी जी और विशाल संख्‍या में पधारे हुए, मेरे प्‍यारे भाइयो और बहनो। ये मेरा सदभाग्‍य है कि मुझे हिंदुस्‍तान के एक आखिरी छोर पर रहने वाले कारगिल के मेरे भाइयो–बहनो से बातचीत करने का अवसर मिला है।

मैं कारगिल पहले भी आया हूं और जैसे मुख्‍यमंत्री जी बता रहे थे कि आज जब मैं आया तो तालियों की गड़गड़ाहट सुन रहा हूं, लेकिन पहले तब भी आया था जब बम, बंदूक और पिस्‍तौल की आवाजें सुनाई दे रही थी। सीमापार से गोलियां चल रही थी, युद्ध जारी था। उसी समय मैं यहां पर था, आपके बीच रहता था। आज एक बात जो मेरे मन को छू गई थी मैं पत्रकार नहीं था, सबको मालूम था कि मैं भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता हूं, लेकिन जितना समय मैं रूका, मुझे किसी भी चीज की जरूरत पड़ी, यहां के लोगों ने मेरे से एक नया पैसा नहीं लिया था। यह एक बहुत बड़ी बात है। पानी पीओ, चाय पीयो, पकौड़े खाओ, खाना खाओं, रात रूकों, एक पैसा लेने को कोई तैयार नहीं था, वो कह रहे थे कि यह भी एक देश सेवा है और हम देश सेवा कर रहे हैं। मैं देख रहा था कि सेना के जवान जो लड़ाई लड़ रहे थे, उनको जितनी मदद जितना सहयोग आप नागरिकों की तरफ से मिलता था और जिसके कारण उनका हौंसला इतना बुलंद रहता था यह मैंने अपनी आंखों से देखा है।

जिस दिन टाइगर हिल जीता गया था का‍रगिल ने जिस दिन आनंद उत्‍सव मनाया था, वह आज भी मेरे आंखों के सामने है ओर इसलिए कारगिल के लोगों की देशभक्ति, भारत की रक्षा के लिए उनकी जागरूकता, ये पूरे देश को प्ररेणा देने वाली है और मैं इस धरती को वंदन करता हूं, यहां के लोगों का अभिनंदन करता हूं। भाइयो बहनो पुराने जमाने में कहा जाता था कि पानी और जवानी कभी पहाड़ के काम नहीं आती, ऐसा पुराने जमाने में कहा जाता था। भाइयो बहनो युग बदल चुका है। इस मान्‍यता को बदलना हमने ठान लिया है। पहले भले पानी और जवानी पहाड़ के काम न आती हो, हम ऐसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं, पानी भी पहाड़ के काम आये, जवानी भी पहाड़ के काम आये। जब पानी से बिजली पैदा करते हैं, बिजली पहाड़ों को पहुंचाते है, वह पानी परोक्ष रूप से पहाड़ों को काम आता है और यहां की जवानी रोजी रोटी कमाने के लिए परिवार के नौजवान, बूढ़े मां-बाप को गांव व पहाड़ों में छोड़कर करके चले कही जाते हैं, रोजी रोटी कमाने के लिए। घर छोड़ने के लिए मजबूर हो जाते हैं। यार दोस्‍तों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है और कहीं जा करके रोजी रोटी कमाने के लिए, मजदूरी करने के लिए झुग्‍गी- झोपड़ी में गुजारा करना पड़ता है इधर-उधर, फुटपाथ पर रहना पड़ता है। क्‍या हम हमारी जवानी को ऐसे ही बेकार जाने देंगे। भाइयों, बहनों पहाड़ की जवानी भी पहाड़ को काम आ सकती है। अगर पहाड़ के जवानों के पास हुनर हो, कौशल्‍य हों, विकास का अवसर हो, रोजी रोटी कमाने के लिए अगर उसको मौका दिया जाएं तो पहाड़ के जवान को शहर की भीड़ में जिंदगी गुजारना अच्‍छा नहीं लगता है और इसलिए यह जो बिजली यहां पहुंची है वह सिर्फ घर के अंदर उजाला कराने के लिए नहीं है, लट्टू जलाने के लिए नहीं है, मोबाइल फोन सिर्फ चार्ज करने के लिए नहीं है, टी वी पर भिन्‍न-भिन्‍न प्रकार के सीरियल देखने के लिए सिर्फ नहीं हैं, यह बिजली यहां के औद्योगिक विकास के लिए उसकी प्राथमिकता है। छोटे-बड़े उद्योग शुरू हो अगर बिजली है तो उद्योग की संभावनाएं बढ़ती हैं। कृषि आधारित कामों को अवसर मिलें। यहां का जो पारंपरागत हुनर हैं, कला है, उसको आधुनिक रूप मिलें टेक्‍नॉलोजी का अवसर मिले। मुझे विश्‍वास है यहां का नौजवान अपने पसीने से पैसे कमा भी सकता है, अपने परिवार को चला भी सकता है और गौरवपूर्ण अपनी जिंदगी का गुजारा भी कर सकता है। ये दूर-सुदूर रहने वाले लोग जब बर्फ बीच में जाती है तो हिंदुस्‍तान से कट जाते हैं। हमको क्‍नेटिविटी चाहिए। हम प्रतिबद्ध हैं, उनको क्‍नेटिविटी के लिए आज मैंने लद्दाख में घोषणा की है। ये रोड का काम बंद पड़ा था, क्‍यों? क्‍योंकि टेंडर की जो रकम थी वह इतनी बड़ी आई थी कि कोई सरकार पैसे देने के लिए तैयार नहीं था सरकार आई, गई रोड वहीं के वहीं लटके रहे जो रोड बना नहीं। मैंने उसका जब रिव्‍यू किया तो ध्‍यान में आया कि जितना बजट हमने तय किया है उससे काम नहीं चलेगा,अतिरिक्‍त बजट की जरूरत पड़ेगी। भाइयों बहनों हमने तय किया है कि आठ हजार करोड़ रूपया लगा करके ये काम पूरा कर दिया जायेगा।

मैं जब लाहुल स्पिति जाता था सब सीजन में काम करता था। मैं यहां भी काम करता हूं। मैं रोहतांग पास से जब रास्‍ता देखता था, तो मुझे लगता था कि लाहुल स्पिति से कारगिल अगर जुड़ जाये तो देश को कितनी बड़ी ताकत मिल जाएगी और वह ताकत देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। यहां पर शिक्षा के लिए क्षेत्र खुले। यहां के नौजवानों को हिंदुस्‍तान के किसी भी नौजवान के साथ आंख से आंख मिलाकर के खड़ा हो सके, ऐसी शिक्षा उपलब्‍ध हो, ऐसे शिक्षा के विकास के लिए भी दिल्‍ली में बैठी हुई भारत सरकार प्रतिबद्ध और आने वाले दिनों में आप इसको देखेंगे। आज एक ट्रांसमिशन लाइन का शिलान्‍यास हुआ, ये सपना अटल बिहारी वाजपेयी जी ने देखा था, लेकिन बीच में बात ही रह गई। वाजपेयी जी का वह सपना पूरा करने के लिए हमने कदम उठाया है। करीब-करीब 18 सौ करोड़ रूपया लगा करके यह ट्रांसमिशन लाइन से बिजली की क्‍नेकटविटी सीधे आपके श्रीनगर के साथ जुड़ जायेगी। आप हिंदुस्‍तान के साथ जुड़ जाओगे ताकि बिजली की कभी कटौती का मुकाबला आपको करना पड़े। उस प्रकार की व्‍यवस्‍था होगी। भाइयों, बहनों जम्‍मू-कश्‍मीर आर्थिक विकास की धरोहर बन सकता है। विकास की नई ऊचांईयों को पार कर सकता है। उसकी समस्‍याओं को गिनती कर करके जन भावनाओं को लुभाने काम मेरा नहीं है, मैं एक एक समस्‍याओं को हाथ में ले करके उन समस्‍याओं के समाधान के लिए रास्‍ते खोजने वाला इंसान हूं और मेरी पूरी कोशिश यही है कि आप लोगों ने मुझे जो आशीर्वाद दिए हैं, आपने जो प्रेम दिया हैं, देश की जनता की आशा और आकांक्षाओं को पूरा करना, कारगिल की जनता की आशा और आकांक्षाओं को पूर्ण करना, इसमें मैं पूरी कोशिश करूंगा, पूरी ताकत लगाऊंगा और जी जान से जुटा रहूंगा। ये आपको मैं विश्‍वास दिलाता हूं।

अब देखिए जम्‍मू- कश्‍मीर का हाल यहां की पूरी जनसंख्‍या में करीब 20 प्रतिशत लोग विस्‍थापित है। इन विस्‍थापितों को भी अगर हम स्‍थापित नहीं करेंगे, उनको रोजी रोटी कमाने का अवसर नहीं देंगे, ये 20 प्रतिशत जनता जम्‍मू - कश्‍मीर के भाग्‍य को बदलने का हिस्‍सा बने, इसके लिए जो भी आवश्‍यक योजना हो उस पर कार्य करने के लिए हम प्रतिबद्ध है। 2 लाख से ज्‍यादा को विस्‍थापित वेस्ट पाकिस्तान के रिफ्यूजी हैं, 1 लाख से ज्‍यादा विस्‍थापित शंभ सेक्‍टर के हैं, 4 लाख से ज्‍यादा विस्‍थापित कश्‍मीरी पंडित हैं, 8-10 लाख लोग आंतकवादियों के कारण जिनका अपने परिवार को स्‍वजनों को खोना पड़ा है, बेहाल हो गये ये भी तो अपने भाई हैं, उनके जीवन की भी तो कुछ चिंता होनी चाहिए। इसलिए भाईयों और बहनों, ये 20 प्रतिशत के करीब जनसंख्‍या उनको गौरव के साथ जीने के लिए उनके मान-सम्‍मान क्‍योंकि उन्‍होंने भारत के लिए प्‍यार किया है, भारत के लिए वह जी रहे है, उनके लिए अब तक बहुत उदासीनता बरती गई है, नेग्लेक्ट किया गया। अब वह दिन चले गए मैं पूरे जम्‍मू कश्‍मीर के ऐसे विस्‍थापित भाई-बहनों किसी भी प्रकार के विस्‍थापित क्‍यों न हो, वो हमारे भाई है वो हमारे परिवार-जन हैं, उनका सुख-दु:ख हमारा सुख दु:ख है, उनकी प्रगति ये हमारा मकसद है, उनका विकास ही हमारा मकसद है और उस काम को आगे बढ़ाने के लिए यहां विकास की नित्‍य नवीन योजनाओं के द्वारा हम आगे बढ़ाना चाहते हैं।

भाईयो-बहनो एक बात मैं अपने अनुभव से कहना चाहता हूं। अब मुझे लगता है कि मैं कारगिल में वो बात करूगा तो अच्‍छा लगेगा। मैं जब गुजरात में काम करता था तो कभी भी हम कच्‍छ जाते थे तो हमेशा हम सीमा की समस्‍या,पाकिस्‍तान, वहां से आने वाली तकलीफें उसी की चर्चा करते थे, जो भी राजनेता जाए वहीं बोलता था मैं मुख्‍यमंत्री बना तो वहां से 5-7 लोग मुझसे मिले आए, क्‍योंकि भूंकप के बाद मैं मुख्‍यमंत्री बना था, भूंकप तो था भयानक बर्बादी हुई थी वहां तो, वह मुझसे मिलने आए थे, उन्‍होंने कहा साहब हमने सुना है आप शपथ के बाद तुरंत कच्‍छ पहुंच रहे हो, मैंने कहा हां शपथ के बाद मैं पहला काम करने वाला हूं कच्‍छ के भूंकप पीडि़तों को मिलने जा रहा हूं। उन्‍होंने कहा हमारा एक सुझाव है मैंने कहा क्‍या बोले मेहरबानी करके जब आप कच्‍छ आए तो सिर्फ सीमा, सीमा की समस्‍याएं, पाकिस्‍तान इसमें अपना टाइम बर्बाद मत किजिए। उसी चर्चा के अंदर सब नेताओं ने हर साल यही काम किया। आप भविष्‍य की बात करके जाइए। मैं भी पहले कच्‍छ जाता तो यही बातें करता, लेकिन उस दिन जब उन्‍होंने कहा तो मेरे मन मे स्‍पार्क हुआ, मुझे लगा हां इस बात को नए ढंग से सोचना चाहिए और मैं जब भी कच्‍छ गया मैं चार टाइम मुख्‍यमंत्री रहा, मैं जब भी कच्‍छ के लोगों के पास गया मैंने सिवा विकास के कोई बात नहीं की,आज विकास को महत्‍वपूर्ण पहलू बना दिया और कच्‍छ ऐसा जिला है हमारे यहां, जहां पूरे गुजरात की सबसे ज्‍यादा मुस्लिम पॉप्युलेशन इस जिले में है। कच्‍छ की एक ओर भी विशेषता है। हमारे जम्‍मू कश्‍मीर के गुजर लोग जो है वो जिस प्रकार के रंग-रंगीन कपड़े पहनते है जिस प्रकार का सर पर बांधते है मेरे कच्‍छ के अंदर भी वैसे ही बांधते है बिल्‍कुल, हमारा कच्‍छी मुसलमान और यहां का गुजर को खड़ा कर दो तो लगता है कि एक ही बिरादरी के लोग हैं, इतनी साम्‍यता है, इतनी निकटता है। मैं चार बार मुख्‍यमंत्री रहा इतने सालों तक वहां एक ही काम किया, डिवलेपमेंट का। सारे विषयों की चर्चा करना मैंने मेरे लेवल पर बंद कर दिया। भईयो-बहनो आज मैं गर्व से कहता हूं वो कच्‍छ जिला, हिन्‍दुस्‍तान का तेज गति से विकास करने वाला जिला बना गया जबकि वो कच्‍छ किसी समय माइनस ग्रोथ वाला रहा था। हर बार जनसंख्‍या लोग खाली करके चले जाते थे। उस अनुभव से मैं कहता हूं चाहे लेह हो, लद्दाख हो, कारगिल हो, सीमावर्ती इलाका हो, चाहे नॉर्थ-ईस्‍ट हो, मेरे लिए यहां की जीवन बदलने का सबसे उचित रास्‍ता जो मैं अनुभव से सीख कर आया हूं, वो है विकास, मुझे विकास के रास्‍ते पर चलना है, मुझे समस्‍याओं के समाधान का रस है। और मुझे जन-जन को अपने साथ लेकर आगे चलने में रस है। आपने हमारा साथ दिया है और आगे भी साथ देंगे, मुझे पूरा विश्‍वास है और हम सब मिलकर के जो भारत का भाग्‍य बदलने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन आज जो उस भाग्‍य को बदलने में दूर खड़े हैं उनको सबसे पहले आगे ले जाना है यह मकसद लेकर मैं काम कर रहा हूं।

चाहे हवाई कनेक्टिविटी हो, रेल कनेक्टिविटी हो, रोड कनेक्टिविटी हो, टेलिकॉम कनेक्टिविटी सब प्रकार से हिन्‍दुस्‍तान का कोई कोना अछूत नहीं रहना चाहिए। उसके विकास के लिए पूरा प्रयास होना चाहिए लेकिन सबसे पहली प्राथमिकता है रोजगार मेरे नौजवान को रोजगार मिले उसके लिए हर वो जो उपलब्‍ध संसाधन है उसी को केन्‍द्र में रखकर के आगे बढ़ना है। पशमिना हमारी पहचान थी धीरे-धीरे हम खो रहे है। इसी बजट में हमने कहा है पशमिना प्रमोशन के लिए पी-3 प्रोजेक्‍ट शुरू करने वाले है ताकि यहां से दूर-दूर पहाड़ों में रहने वाले लोगों को एक नया अवसर मिले। यहां का केसर दुनिया के अच्‍छे क्‍वालिटी के केसर में जम्‍मू कश्‍मीर का केसर है यह दुनिया के बाजार में अपना डंका क्‍यों न जमाएं और अगर एक बार विश्‍व के बाजार में जम्‍मू कश्‍मीर के केसर की पहचान बन गई तो मार्केट अपने आप मिलेगा तब यहां का मेरा किसान आर्थिक रूप से संपन्‍न होगा। पैकेजिंग की भी इंडस्‍ट्री आएगी, मार्केटिंग की इंडस्‍ट्री आएगी, एक्‍सपोर्ट करने वाले यूनिट आ जाएंगे तो यहां का किसान कमाना शुरू कर देगा। फलों से लदे हुए इलाके हैं हमारे पास। हम एपल की खेती करते हैं लेकिन एपल बाजार में पहुंचते पहुंचते बिगड़ जाता है, बेचारे किसान का 15-20 प्रतिशत नुकसान वहीं हो जाता है। लेकिन अगर हम वॅल्यू एडिशन करें, और जब जब बिजली आ रही हो तो छोटे-छोटे यूनिट लगा करके, वॅल्यू एडिशन करके, पैक टीन के अंदर उनका जूस हों, उसके कट फ्रूट हो , या एप्‍पल को ऐसे ही सुरक्षित रखना हो,वो सब संभव है टैक्‍नालाजी से। हमारे यहां जो कृषि उत्‍पादन है, उसको वॅल्यू आडेलीशन करके, उद्योगिक इकाइयों को जोड़ करके हमारे यहां के किसान को हम ताकतवर बनाना चाहते हैं। मजबूत बनाना चाहते है।

भाइयो एवं बहनो, विकास तो करना है। लेकिन मैं अनुभव से कहता हूं, इस देश को आगे बढ़ने के लिए पैसों की कमी नहीं है। इस देश को आगे बढ़ाने के लिए देश के नागरिकों के पसीने में खोट नहीं है। पुरूषार्थ में भी खोट नहीं है, पैसों में भी खोट नहीं है, उसके बाद भी हमारा देश वहीं का वहीं न जाने कहां ठप्‍प हो गया है। सामान्‍य मानव की जिन्‍दगी में बदलाव क्‍यों नहीं आता, उसका एक महत्‍वपूर्ण कारण है, भ्रष्‍टाचार ने हमें तबाह करके रखा है। आप मुझे बताइए भाइयों एवं बहनों, भ्रष्‍टाचार से मुक्ति चाहिए या नहीं चाहिए? भ्रष्‍टाचार जाना चाहिए कि नहीं जाना चाहिए? हिंदुस्‍तान के हर कोने से भ्रष्‍टाचार जाना चाहिए कि नहीं जाना चाहिए? भाईयों एवं बहनों, मैंने बेड़ा उठाया है। मेरा तो मंत्र है न खाउंगा न खाने दूंगा। इतने पैसे अगर भ्रष्‍टाचार के पापाचार में बंद हो जाए, उन्‍हीं पैसों से देश को आगे बढ़ाया जा सकता है। लोगों की, नौजवानों की इच्‍छाओं को पूर्ण किया जा सकता है। मुझे आपसे मदद चाहिए भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए, मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए, मुझे आपकी तरफ से ताकत चाहिए ताकि भ्रष्‍टाचार मुक्‍त शासन को विकसित करें, ताकि गरीब से गरीब आदमी की भलाई के लिए हमें अवसर मिले और पैसे आयेंगे, जाएंगे, कोई भलाई ही नहीं। बात बिगड़ती चली जाती है, मुझे बात को बनाना है। इसलिए भाईयों एवं बहनों अटल बिहारी बाजपेयी जी ने जम्‍मू और कश्‍मीर के लिए जो सपने देखे थे, उन सपनों को हमें पूरा करना है। यहां के जनसामान्‍य को ताकत देनी है। भाइयों एवं बहनों कोई हिंदुस्‍तान के किसी कोने में कल्‍पना नहीं कर सकता लेह लद्दाख हो या कारगिल हो, इतनी बड़ी जनसभा को संबोधन करने का हमें अवसर मिला। हिंदुस्‍तान में कई लोगों को कल्‍पना तक नहीं है। आज जब टीवी पर चीजें देखेंगे पूरा देश चकित हो जाएगा, आपकी देशभक्ति से चकित हो जाएगा, आपके उत्‍साह से चकित हो जाएगा, और हिंदुस्‍तान के कई कोनों के लोगों को भी कारगिल के उत्‍साह से भी प्रेरणा मिलेगी, ये प्रेरणा लेकर आज मैं जा रहा हूं।

मैं फिर एक बार आप सब का हृदय से धन्‍यवाद करता हूं। विकास के लिए दिल्‍ली में बैठी हुई सरकार पीछे मुड़कर देखने वाली नहीं है। आप आशा आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए दिल्‍ली बैठी हुई सरकार जितना भी कर सकती है करने के लिए प्रतिबद्ध है, क्‍योंकि दिल से हम जुड़े हुए हैं। और उसी के कारण हम इसे आगे बढ़ाना चाहते हैं। बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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TMC hatao, Bangla bachao: PM Modi in Durgapur, West Bengal
July 18, 2025
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BJP will never let any conspiracy against Bengal’s identity succeed — this is Modi ki Guarantee: PM Modi’s stand on infiltrators and identity
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भारत माता की... भारत माता की...

बोरोरा आमार प्रोणाम नेबेन छोटोरा भालोबासा। जय मां काली, जय मां दुर्गा! ये सावन का पवित्र महीना है। ऐसे पावन समय में... मुझे पश्चिम बंगाल के विकास पर्व में हिस्सा लेने का मौका मिला है। थोड़ी देर पहले ही, 5 हजार चार सौ करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया है। बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के लिए बड़े सपने देखे हैं। बीजेपी...एक समृद्ध पश्चिम बंगाल बनाना चाहती है। बीजेपी...एक विकसित पश्चिम बंगाल का निर्माण करना चाहती है। ये सारी परियोजनाएं, इस सपने को साकार करने का ही हमारा नम्र प्रयास हैं।

साथियों,

पश्चिम बंगाल की ये धरती...प्रेरणाओं से भरी हुई है...

मैं देख रहा हूं कई छोटे-छोटे बच्चे चित्र बनाकर ले आए हैं, शायद वो देना चाहते हैं। अगर आपने अपना नाम और पता उस पर लिख दिया है तो मैं आपको चिट्ठी भेजूंगा और मैं अपने एसपीजी के लोगों से कहता हूं कि जो सब बच्चे कुछ ना कुछ अपनी कला लेकर के आए हैं जरूर आप ले लिजिए इनसे। आप लोग लंबे समय से इंतजार कर रहे थे, बीच में बारिश भी बड़ी तेज आ गई, आपने वो मुकाबला भी कर लिया।

साथियों,

पश्चिम बंगाल की ये धरती...प्रेरणाओं से भरी हुई है... ये देश के पहले उद्योग मंत्री, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की धरती है। उन्होंने भारत के औद्योगिक विकास की नींव रखी...देश को पहली इंडस्ट्रियल पॉलिसी दी। ये बीसी रॉय जैसे विजनरी नेतृत्व की धरती है...जिन्होंने दुर्गापुर को बड़े सपनों, बड़े संकल्पों के लिए चुना था। पश्चिम बंगाल ने देश को...द्वारकानाथ टैगोर जी जैसे रिफॉर्मर दिए...जिन्होंने गुलामी के कालखंड में बैंकिंग रिफॉर्म्स पर काम किया.. उद्योगों-उद्यमों से कैसे समाज का भला हो सकता है, ये करके दिखाया। इस भूमि पर सर बीरेन मुखर्जी हुए...जिनके विजन से भारत में स्टील उद्योग को मजबूत नींव मिली। ऐसे महान लोगों ने ही पश्चिम बंगाल की महान विरासत को आगे बढ़ाया है। और तभी पश्चिम बंगाल, एक समय में भारत के विकास के विकास का केंद्र हुआ करता था। यहां उद्योग फले फूले, व्यापार-कारोबार को बल मिला। लोग यहां देशभर से रोज़गार के लिए आते थे। लेकिन आज स्थिति पूरी तरह उलट गई है। आज पश्चिम बंगाल का नौजवान... पलायन के लिए मजबूर है। छोटे-छोटे काम के लिए भी उसे दूसरे राज्यों की तरफ जाना पड़ रहा है। दुर्गापुर, बर्धमान और आसनसोल...ये पूरा क्षेत्र भारत के औद्योगिक विकास को किसी जमाने मे गति दे रहे थे। लेकिन आज यहां नए उद्योग लगने के बजाय, जो है उसको भी ताले लग रहे हैं।

साथियों,

हमें बंगाल को इस बुरे दौर से बाहर निकालना है और आज जो परियोजनाएं यहां शुरू हुई हैं...वो इसी का प्रतीक हैं। बंगाल बदलाव चाहता है, बंगाल विकास चाहता है, बांग्ला...पोरिबोर्तन चाहे, बांग्ला...उन्नयन चाहे।

साथियों,

बंगाल के प्रबुद्ध लोग जानते हैं कि 21वीं सदी का ये समय नई टेक्नोलॉजी का है। बंगाल के उद्योगों को भी नई टेक्नोलॉजी की जरूरत है। आज जो गैस आधारित इकोनॉमी का काम आगे बढ़ा है...स्टील प्लांट को आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस करने का काम हुआ है..वो भारत सरकार की इसी सोच का नतीजा है। दुर्गापुर-कोलकाता गैस पाइपलाइन से यहां के उद्योगों को नया जीवनदान मिलेगा। ये जो गैस-पाइपलाइन है, इस पर केंद्र की भाजपा सरकार हज़ारों करोड़ रुपए खर्च कर रही है। ताकि यहां CNG वाली गाड़ियां चल पाएं... आपके पैसे बचे, यहां नए-नए कारखानों को बल मिले... और सबसे बड़ी बात...इससे बंगाल के नौजवानों के लिए रोजगार के नए मौके बनेंगे।

साथियों,

आज़ादी के अनेक दशकों तक पश्चिम बंगाल के लाखों परिवारों के लिए गैस कनेक्शन एक सपना था। बीते सालों में ऐसे परिवारों को गैस कनेक्शन मिला। अब हमारा प्रयास है कि बहनों के किचन में, रसोई घर में जैसे नल से पानी आता है वैसे ही पाइप से सस्ती गैस आपके किचन तक पहुंचे। अभी कुछ देर पहले जो कार्यक्रम हुआ है...वो आपका जीवन भी आसान बनाएगा और यहां उद्योगों को भी गति देगा।

साथियों,

मैं आज आपको...पश्चिम बंगाल के नौजवानों को...ये यकीन दिलाने आया हूं, बंगाल की बदहाल स्थिति को बदला जा सकता है। बीजेपी सरकार आने के बाद...कुछ ही वर्षों में...पश्चिम बंगाल, देश के टॉप इंडस्ट्रियल राज्यों में से एक बन सकता है। ये मेरा दृढ़ विश्वास है। और मेरे इस विश्वास का कारण है... पश्चिम बंगाल में समर्थ और प्रतिभाशाली मेरे नौजवान भाई-बहन हैं, यहां नदियां भी हैं और समंदर भी है। पश्चिम बंगाल, सैकड़ों वर्षों से इंपोर्ट-एक्सपोर्ट का केंद्र रहा है... यहां पोर्ट्स का बहुत बड़ा नेटवर्क है। यहां प्राकृतिक संसाधन हैं... यानि मेक इन इंडिया को गति देने के लिए मिशन मैन्यूफैक्चरिंग में तेजी लाने के लिए पश्चिम बंगाल के पास हर शक्ति मौजूद है। बस यहां की टीएमसी सरकार...बंगाल के विकास के आगे दीवार बनकर खड़ी है। जिस दिन टीएमसी सरकार की दीवार बंगाल में गिरी...उसी दिन से बंगाल विकास की नई तेजी पकड़ लेगा। टीएमसी की सरकार जाएगी, तभी असली परिवर्तन आएगा टीएमसी जाबे, तबेई आशोल पोरिबोर्तोन आशबे

साथियों,

विकसित भारत बनाने में पश्चिम बंगाल की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसी संकल्प के साथ...बीजेपी आपका आशीर्वाद मांग रही है। आप अपने आसपास देखिए...असम में लंबे समय बाद बीजेपी को अवसर मिला। आज असम तेज़ गति से प्रगति कर रहा है। बगल में त्रिपुरा की क्या स्थिति थी ये भी किसी से छिपी नहीं है। आज बीजेपी सरकार त्रिपुरा को विकास की नई रफ्तार दे रही है। अब ओडिशा में भी भाजपा सरकार बन चुकी है। आप देखिएगा...ओडिशा भी बहुत जल्द देश के सबसे तेज़ी से विकसित होने वाले राज्यों में से अपनी जगह बना लेगा। इसलिए, भाजपा की तरफ से मेरा ये आग्रह है कि आप एक बार भाजपा को अवसर दें... एक ऐसी सरकार बनाएं...जो ईमानदार हो, कामदार हो और दमदार हो। बिकोशितो बांग्ला, मोदीर गारंटी! बिकोशितो बांग्ला, बीजेपीर शंकल्पो!

साथियों,

हमें दुर्गापुर का, पश्चिम बंगाल का पुराना गौरव वापस लाना है। इसके लिए ज़रूरी है कि पश्चिम बंगाल में नया निवेश आए..लोग यहां उद्योग लगाने के लिए आगे आएं...यहां के नौजवानों की शिक्षा और कौशल पर ज्यादा निवेश हो...लेकिन जब तक यहां TMC की सरकार रहेगी...ये कभी भी नहीं होने देगी। बीते दशकों में...जो स्थितियां यहां पैदा की गई हैं...वो बंगाल में निवेश विरोधी हैं, नौकरी विरोधी है। आप ज़रा सोचिए...जहां मुर्शीदाबाद जैसे दंगे होते हों...छोटी-छोटी बातों पर हिंसा हो जाती हो...और पुलिस एकतरफा कार्रवाई करे...जहां न्याय की कोई उम्मीद ना हो... वहां कोई कैसे निवेश कर सकता है। यहां की राज्य सरकार, लोगों की जान और उनकी दुकान की सुरक्षा नहीं कर सकती... तो निवेशकों को भी चिंता होती है। मैं जानता हूं कि पश्चिम बंगाल में जितनी संभावनाएं हैं... उनको देखते हुए दुनियाभर के निवेशक यहां पैसा लगाने आना चाहेंगे... लेकिन जब वो यहां सिंडिकेट राज देखते हैं.. वो ये देखते हैं कि कैसे यहां उगाही होती है। बिजनेस करने वालों से पैसे मांगे जाते हैं... कैसे टीएमसी के लोग...धमकाते हैं, तोड़फोड़ करने की, काम बंद करने की धमकियां देते हैं... वो भी डरकर भाग जाते हैं। ये जो TMC का गुंडा टैक्स है...ये बंगाल में निवेश को रोकता है। यहां संसाधनों पर माफिया का कब्ज़ा है...वो बंगाल में निवेश को रोकता है। यहां की सरकार, नीतियां ही अपने नेताओं को भ्रष्टाचार की खुली छूट देने के लिए बनाती है। कब कौन सी नीति पलट दी जाए...इसकी भी कोई गारंटी नहीं। यही कारण है कि टीएमसी के राज में सैकड़ों कंपनियां पश्चिम बंगाल छोड़ चुकी हैं। तभी तो यहां नौजवानों को आगे बढ़ने के अवसर नहीं मिल रहे...तभी तो बंगाल का हाल बेहाल हो गया है। इसलिए आज हर कोई कह रहा है...टीएमसी हटाओ, बंगाल बचाओ टीएमसी के शोराओ, बांग्ला के बाचाओ

साथियों,

युवाओं की शिक्षा और कौशल के साथ जो कुछ यहां हो रहा है, वो और ज्यादा चिंता बढ़ाने वाला है। प्राइमरी एजुकेशन हो या फिर हायर एजुकेशन...सबको बर्बाद किया जा रहा है। टीएमसी, यहां के एजुकेशन सिस्टम पर, करप्शन और क्राइम का डबल अटैक कर रही है। ये जो हज़ारों शिक्षक बेरोजगार हुए हैं...इसका कारण टीएमसी का भ्रष्टाचार है। इससे हजारों परिवारों उनपर तो संकट आया ही है, स्कूलों में जो लाखों बच्चे पढ़ रहे हैं...उनका भविष्य भी टीचर्स की कमी के कारण अंधेरे में है। हालत ये है कि कोर्ट को भी कहना पड़ा कि - ये सिस्टमिक फ्रॉड है। टीएमसी ने बंगाल के नौजवानों के वर्तमान और भविष्य...दोनों को संकट में डाल दिया है।

साथियों,

मां, माटी, मानुष की बात करने वाली पार्टी की सरकार में...बेटियों के साथ जो अन्याय हो रहा है, वो पीड़ा भी देता है और आक्रोश से भर भी देता है। ये उस धरती पर हो रहा है...जिसने कादंबिनी गांगुली जैसी बेटी को संस्कार दिए... जो भारत की पहली वेस्टर्न मेडिसिन डॉक्टर थीं। आज उनका जन्मदिन भी है। लेकिन आज पश्चिम बंगाल में अस्पताल भी बेटियों के लिए सुरक्षित नहीं है। और आप सबने देखा है... जब यहां डॉक्टर बेटी के साथ अत्याचार हुआ तो कैसे टीएमसी सरकार अपराधियों को बचाने में जुट गई। इस घटना से देश अभी बाहर निकला भी नहीं था कि एक और कॉलेज में एक बेटी के साथ भयंकर अत्याचार किया गया। इसमें भी जो आरोपी हैं, उनका कनेक्शन टीएमसी से निकला है। टीएमसी के बड़े नेता, मंत्री... आरोपियों के बजाय, पीड़ित को ही दोषी ठहराते रहे। ऐसे कई उदाहरण हैं...जो टीएमसी की निर्ममता के साक्षी हैं। हमें मिलकर के बंगाल को इस निर्ममता से मुक्ति दिलानी है।

साथियों,

पश्चिम बंगाल, भारत की सांस्कृतिक विरासत की भी आत्मा है। आज प्रसिद्ध बांग्ला कवि...बिष्णु डे जी का भी जन्मदिवस है। बांग्ला भाषा को समृद्ध करने में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। टीएमसी और लेफ्ट ने सालों तक दिल्ली में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चलाई। इस दौरान इनको बांग्ला भाषा की याद तक नहीं आई। ये भाजपा सरकार है, जिसने बांग्ला को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया। ऐसा करके हमने बांग्ला साहित्य की सेवा करने वाले बिष्णु डे जी जैसे अनेक साहित्यकारों को भी श्रद्धांजलि दी है।

साथियों,

भाजपा, ऐसी राष्ट्रीय पार्टी है....जिसका बीज बंगाल की मिट्टी में पनपा है। भाजपा की वैचारिक नींव को...बंगाल के सपूत, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपने खून से सींचा है। डॉक्टर मुखर्जी ने, एक देश एक संविधान का जो सपना देखा...वही भाजपा का संकल्प बना...और उसे हमने पूरा करके भी दिखाया। भाजपा, बांग्ला भाषा को प्रेरणा, परंपरा और पहचान का माध्यम मानती है। भाजपा के लिए बांग्ला अस्मिता सर्वोपरि है। देश में जहां भी भाजपा है, वहां बांग्ला का सम्मान है, पश्चिम बंगाल के लोगों का सम्मान है। लेकिन यहां पश्चिम बंगाल में क्या हो रहा है? यहां टीएमसी ने अपने स्वार्थ में पश्चिम बंगाल की पहचान को भी दांव पर लगा दिया है। इसके लिए यहां घुसपैठ को बढ़ावा दिया जा रहा है...घुसपैठियों के फर्जी कागज़ बनाए जा रहे हैं...इसका एक पूरा इकोसिस्टम यहां डवलप किया गया है। ये पश्चिम बंगाल की, देश की सुरक्षा के लिए खतरा है...ये बांग्ला संस्कृति के लिए खतरा है...लेकिन तुष्टिकरण के लिए टीएमसी हर हद पार कर रही है। आज जब देश के सामने टीएमसी की साजिशें उजागर हो गई हैं...तो उसने घुसपैठियों के पक्ष में नई मुहिम शुरू कर दी है। ये देश के संविधान को, संवैधानिक संस्थाओं को भी चुनौती दे रहे हैं। टीएमसी अब उनके समर्थन में खुलकर उतर आई है। लेकिन मैं दुर्गापुर की धरती से साफ-साफ कह दूं... जो भारत का नागरिक नहीं है.. फिर से सुन लिजिए.. जो भारत का नागरिक नहीं है.जो घुसपैठ करके आया है...उसके साथ भारत के संविधान के तहत न्याय-सम्मत कार्रवाई होती रहेगी। बंगाल की अस्मिता के खिलाफ होने वाली किसी भी साजिश को बीजेपी, कामयाब नहीं होने देगी। ये आपको...मोदी की गारंटी है।

साथियों,

पश्चिम बंगाल को बीजेपी की डबल इंजन की सरकार की जरूरत है। यहां भाजपा सरकार इसलिए भी चाहिए...ताकि दिल्ली से भेजा एक-एक रुपया आपकी सुविधा के लिए लगे। गरीब कल्याण की, आदिवासी कल्याण की जो योजनाएं पूरे देश में लागू हैं, उनका लाभ पश्चिम बंगाल के लोगों को भी मिले। टीएमसी सरकार...केंद्र की योजनाओं को या तो रोक लेती है या फिर उनमें भ्रष्टाचार करती है। रोड, रेल, टेलिकॉम ऐसे अनेक विभागों से जुड़े...अनेक प्रोजेक्ट हैं, जो यहां लटके हुए हैं। केंद्र सरकार इनके लिए हजारों करोड़ रुपए दे रही है...फिर भी इन परियोजनाओं को जानबूझकर लटकाया जा रहा है। हमने पूरे देश में हर घर जल का अभियान चलाया है। देश में कई राज्य ऐसे हैं...जहां हर घर में नल लग चुका है। लेकिन पश्चिम बंगाल में दुर्भाग्य से एक जिला भी ऐसा नहीं है, जहां शत-प्रतिशत नल से जल पहुंचा हो। देशभर में 4 करोड़ गरीब परिवारों को पीएम आवास योजना के तहत पक्के घर दिए जा चुके हैं। लेकिन पश्चिम बंगाल के लाखों गरीब परिवारों को उनके पक्के घर नहीं मिल पा रहे है।

साथियों,

5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज देने वाली आयुष्मान स्कीम पूरे देश में चल रही है। करोड़ों लोग इसका फायदा उठा चुके हैं...लेकिन टीएमसी निर्ममता के साथ यहां इसे लागू नहीं कर रही। अगर बंगाल का मेरा कोई भाई इंटरव्यू के लिए कहीं गया है टूरिज्म के लिए कहीं गया है, रिश्तेदार को मिलने गया है और वहां कुछ हो गया तो उसको आयुष्मान कार्ड के अभाव में वहां मुफ्त इलाज नहीं मिल पा रहा।

साथियों,

गरीब हो या आदिवासी...अपनी राजनीति के लिए टीएमसी सभी को वंचित कर रही है। केंद्र की ऐसी कई योजनाएं हैं...जिनको टीएमसी ने यहां रोक रखा है। भाजपा सरकार बनते ही...इन सभी योजनाओं का फायदा पश्चिम बंगाल के हर परिवार को मिलेगा...ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,

भाजपा...बंगाल को संकट से बाहर निकालने के लिए प्रतिबद्ध है। बंगाल को माफिया नहीं...काबिल शिक्षक चाहिए। बंगाल को परिवारवाद नहीं...प्रतिभा का सम्मान चाहिए। बंगाल को सिंडिकेट नहीं...स्टार्टअप का इकोसिस्टम चाहिए। बंगाल को ऐसी सरकार चाहिए...जो शांति और सुरक्षा की गारंटी दे सके। भाजपा...इसी संकल्प को लेकर आगे बढ़ रही है। ये पश्चिम बंगाल के पुनर्जागरण का कालखंड है। मैं यहां के गांव-गांव में एक नई उम्मीद, नई लहर देख रहा हूं। मैं यहां के नौजवानों में एक नया जोश अनुभव कर रहा हूं।

हमें मिलकर...नया सवेरा लाना है...परिवर्तन का कमल खिलाना है। बीकोशितो बांग्ला, मोदीर गारंटी!

एक बार फिर...आप सभी का इतनी बड़ी संख्या में आशीर्वाद देने के लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं।

मेरे साथ बोलिए

भारत माता की

दोनों मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिए..

भारत माता की...जय

भारत माता की...जय

वंदे... वंदे... वंदे... वंदे... वंदे... वंदे... वंदे...

बहुत-बहुत धन्यवाद!