Felicitates and gives certificates to 11 lakh new Lakhpati Didis
Release a revolving fund of Rs 2,500 crores and disburses bank loans worth Rs 5,000 crores
“Our government is fully committed to making the lives of mothers and sisters easier”
“Traditions of Maharashtra are known not only in India but around the world”
“Entire India has been inspired by ‘Matrushakthi’ of Maharashtra”
“‘Matrushakthi’ of India has always contributed immensely in building the future of the society and the nation”
“Fortunes of an entire family are transformed when one sister becomes Lakhpati Didi”
“Our government is opening every sector for daughters which was once restricted for them”
“Governments may change, but our biggest responsibility as a society and as a government should be to protect the life and dignity of women”
“I assure you, the central government is with the state governments in every way to stop atrocities against women. We cannot stop until this sinful mentality has been eradicated from Indian society”

महाराष्ट्रातील माझ्या बंधू-भगिनींना!

जय श्रीकृष्ण...

उद्या श्रीकृष्ण जयंती आहे, मी तुम्हाला आजच शुभेच्छा देतो.

महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री सीपी राधाकृष्णन जी, मुख्यमंत्री श्रीमान एकनाथ शिंदे जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी, देश के कृषि मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री श्रीमान शिवराज सिंह चौहान जी, इसी धरती की संतान मंत्री परिषद के मेरे साथी, प्रताप राव जाधव, केंद्रीय सरकार में हमारे मंत्री श्री चंद्रशेखर जी, इसी धरती की संतान बहन रक्षा खडसे जी, उप-मुख्यमंत्री श्री अजीत पवार जी, देवेंद्र फडणवीस जी, महाराष्ट्र सरकार के मंत्रीगण, सांसद और विधायकगण, और विशाल संख्‍या में हमें आशीर्वाद देने के लिए आई हुई माताएं-बहनें। दूर-दूर मेरी जहां भी नजर पहुंच रही है, ऐसा लग रहा है माताओं का महासागर उमड़ पड़ा है। ये दृश्‍य अपने-आप में सुकून देता है।

अपनी बात शुरू करने से पहले मैं नेपाल बस हादसे को लेकर अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं। इस हादसे में हमने महाराष्ट्र के, जलगांव के अनेक साथियों को खोया है। मैं सभी पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। जैसे ही ये हादसा हुआ, भारत सरकार ने तुरंत नेपाल सरकार से संपर्क किया। हमने हमारी मंत्री रक्षाताई खडसे को तुरंत नेपाल जाने के लिए कहा। हमारे जो परिजन नहीं रहे, उनके पार्थिव शरीर को हम वायुसेना के विशेष विमान से वापस लाए हैं। जो घायल हैं, उनका अच्छे से इलाज चल रहा है। मैं उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मैं सभी पीड़ितों को विश्वास दिलाता हूं कि उन्हें केंद्र और राज्य सरकार की ओर से पूरी मदद दी जाएगी।

साथियों,

आज लखपति दीदी का ये महासम्मेलन हो रहा है। मेरी सभी ‘लाडकी बहिण’ यहां बड़ी संख्या में उपस्थित हैं। आज यहां से देशभर के लाखों सखी मंडलों के लिए 6 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी की गई है। लाखो बचत गटांशी जोडल्या गेलेल्या महाराष्ट्रातील आमच्या भगिनींना सुद्धा कोट्यवधी रुपयांची मदत मिळाली आहे। इस पैसे से लाखों बहनों को लखपति दीदी बनाने में मदद मिलेगी। मेरी सभी माताओं-बहनों को बहुत-बहुत शुभेच्छा !

साथियों,

आप सभी में मुझे महाराष्ट्र की गौरवशाली संस्कृति और संस्कारों के भी दर्शन होते हैं। और महाराष्ट्र के ये संस्कार, भारत ही नहीं, विश्व भर में फैले हैं। मैं कल ही, अपने विदेश के दौरे से लौटा हूं, मैं यूरोप के देश पोलैंड गया था। वहां भी मुझे महाराष्ट्र के दर्शन हुए। महाराष्ट्र की संस्कृति, यहां के संस्कारों के दर्शन हुए। पोलैंड के लोग, महाराष्ट्र के लोगों का बहुत सम्मान करते हैं। यहां बैठ करके आप इसकी कल्‍पना नहीं कर सकते। वहां की राजधानी में एक कोल्हापुर मेमोरियल है। पोलैंड के लोगों ने ये मेमोरियल, कोल्हापुर के लोगों की सेवा और सत्कार की भावना को सम्मान देने के लिए बनाया है।

आप में से कुछ लोगों को पता होगा दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, पोलैंड की हज़ारों माताओं और बच्चों को कोल्हापुर के राज परिवार ने शरण दी थी। छत्रपति शिवाजी महाराज के संस्कारों के अनुरूप, राज परिवार ने, सामान्य लोगों ने शरणार्थियों की सेवा की। जब वहां मैं महाराष्ट्र के लोगों के सेवाभाव, मानवता प्रेम की प्रशंसा सुन रहा था तो मेरा माथा गर्व से ऊंचा हो रहा था। हमें ऐसे ही महाराष्ट्र का विकास करके, महाराष्ट्र का नाम पूरी दुनिया में और ऊंचा करते रहना है।

साथियों,

महाराष्ट्र के संस्कारों को यहां की वीर और धीर, माताओं ने सृजित किया है। यहां की मातृशक्ति ने पूरे देश को प्रेरित किया है। आमचे जळगाव हेतर वारकरी परंपरेचे तीर्थ आहे। महान संत मुक्ताईची ही भूमी आहे। उनकी साधना, उनका तप, आज की पीढ़ी के लिए भी प्रेरणा है। बहिणाबाई की कविताएं, आज भी समाज को रूढ़ियों से बाहर निकल सोचने के लिए मजबूर करती हैं। महाराष्ट्र का कोई भी कोना हो, इतिहास का कोई भी कालखंड हो, मातृशक्ति का योगदान अप्रतिम रहा है। छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन को किसने दिशा दी? ये काम माता जीजाऊ ने किया।

जब समाज में बेटियों की शिक्षा, बेटियों के कामकाज को महत्व नहीं दिया जाता था। तब सावित्रीबाई फुले आगे आईं। यानी भारत की मातृशक्ति ने हमेशा समाज और राष्ट्र के भविष्य को बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। और आज जब हमारा देश विकसित बनने के लिए मेहनत कर रहा है, तो फिर से हमारी मातृशक्ति आगे आ रही है। मैं अपने सामने देख रहा हूं, महाराष्ट्र की आप सभी बहनें, कितना अच्छा काम कर रही हैं। तुमच्या सगळ्यांमध्ये मी राजमाता जिजाऊ आणि सावित्रीबाई फुलेंची छाप पाहतो।

साथियों,

जब मैं लोकसभा चुनाव के दौरान आपके बीच आया था, तब मैंने कहा था कि हमें 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाना है। यानी 3 करोड़ ऐसी बहनें और जो सेल्‍फ हेल्‍प ग्रुप में काम करती हैं। जिनकी एक साल की कमाई, एक लाख रुपये से अधिक होगी। बीते 10 वर्षों में एक करोड़ लखपति दीदी बनीं और बीते 2 महीनों में, सिर्फ दो महीने में 11 लाख और लखपति दीदी उसमें जुड़ गईं, नई बन गईं। यात सुद्धा एक लाख नवीन लखपती दिदी, याच आपल्या महाराष्ट्रात तयार झाल्या आहेत। इसमें यहां की महायुति की सरकार ने भी बहुत मेहनत की है। एकनाथ जी, देवेंद्र जी और अजीत दादा की पूरी टीम, माताओं-बहनों को सशक्त करने में जुटी हुई है। महाराष्ट्र में माताओं-बहनों के लिए, नौजवानों के लिए, किसानों के लिए, एक से बढ़कर एक स्कीम्स, नई-नई योजनाएं चलाई जा रही हैं।

साथियों,

लखपति दीदी बनाने का ये अभियान, सिर्फ बहनों-बेटियों की कमाई बढ़ाने का अभियान है, इतना नहीं है। ये पूरे परिवार को, आने वाली पीढ़ियों को सशक्त करने का एक महाअभियान है। ये गांव के पूरे अर्थतंत्र को बदल रही हैं। यहां इस मैदान में मौजूद, हर बहन-बेटी अच्छी तरह जानती है कि जब वो कमाने लगती है तो कैसे उसका अधिकार बढ़ जाता है, घर-परिवार में उसका सम्मान बढ़ जाता है। जब किसी बहन की कमाई बढ़ती है, तो परिवार के पास खर्च करने के लिए पैसे भी ज्यादा जुटते हैं। यानी एक बहन का भी लखपति दीदी बनना, पूरे परिवार का भाग्य बदल रहा है।

यहां आने से पहले मैं देश के अलग-अलग कोने से आई हुई ऐसी बहनों के अनुभव सुन रहा था। सभी लखपति दीदियों में जो आत्‍मविश्‍वास था, मैं कहता तो लखपति दीदी हूं लेकिन उसमें सब कोई दो लाख कमाने वाली थी, कोई तीन लाख वाली थी, कोई आठ लाख वाली भी थी। और ये पिछले कुछ ही महीनों में उन्‍होंने कमाल करके दिखाया है।

साथियों,

आज आप हर तरफ सुनते हैं कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनने जा रहा है। इसमें हमारी बहनों-बेटियों की भूमिका बहुत बड़ी है। लेकिन कुछ साल पहले तक ये स्थिति नहीं थी। बहनें हर घर, हर परिवार की खुशहाली की गारंटी होती हैं। लेकिन महिलाओं को मदद मिले, इसकी गारंटी लेने वाला कोई नहीं था। देश की करोड़ों बहनों के नाम पर कोई प्रॉपर्टी नहीं होती थी। अगर उन्हें बैंक से लोन लेना होता था, तो उनको मिल ही नहीं सकता था। ऐसे में वो कोई भी छोटा-मोटा काम करना चाहें, तो चाहकर भी नहीं कर पाती थीं। और इसलिए आपके इस भाई ने, आपके बेटे ने, एक संकल्प लिया। मैंने तय किया कि कुछ भी हो जाए, मेरे देश की माताओं-बहनों-बेटियों की मुश्किल को कम करके ही रहूंगा। इसलिए मोदी सरकार ने एक के बाद एक महिला हित में निर्णय लिए। मैं आज चुनौती देता हूं पहले की सरकारों के सात दशक एक तरफ रख लीजिए। एक तराजू में एक तरफ सात दशक और दूसरे तराजू में मोदी सरकार के दस साल तराजू में रख लिए जाएं; जितना काम मोदी सरकार ने देश की बहनों-बेटियों के लिए किया है, वो आजादी के बाद किसी सरकार ने नहीं किया है।

साथियों,

ये हमारी सरकार है, जिसने तय किया कि गरीबों के जो घर सरकार बनाती है, वो महिलाओं के नाम पर रजिस्टर हों। अभी तक जो 4 करोड़ घर बने हैं, उनमें से अधिकतर महिलाओं के नाम पर है। अभी 3 करोड़ और घर बनाने वाले हैं। इनमें से भी अधिकतर घर हमारी माताओं-बहनों के नाम ही होंगे, महिलाओं के नाम होंगे। दूसरा काम हमने बैंकों से जुड़ी व्यवस्था में किया। पहले जनधन खाते खोले, तो सबसे ज्यादा बहनों के खाते खुले। फिर मुद्रा योजना शुरु की। हमने बैंकों को कहा कि आप बिना गारंटी के लोन दो। और अगर गारंटी चाहिए तो मोदी मौजूद है। इस योजना की करीब 70 प्रतिशत लाभार्थी माताएं-बहनें हैं। देश में कुछ लोग थे, वो कहते थे कि महिलाओं को ऐसे लोन मत दो, डूब जाएगा, इसमें रिस्क है। लेकिन मेरी सोच अलग थी, मुझे आप पर, अपनी मातृशक्ति पर, उनकी ईमानदारी पर, उनके कृतित्व पर पूरा भरोसा है। माताओं-बहनों ने मेहनत की और ईमानदारी से लोन भी लौटाए हैं।

अब तो मुद्रा ऋण की सीमा हमने 20 लाख कर दी है। हमने रेहड़ी-फुटपाथ पर काम करने वालों के लिए भी स्वनिधि योजना चलाई। इसमें भी बिना गारंटी का ऋण दिया जा रहा है। इसका भी बहुत बड़ा फायदा हमारी बहनों को, हमारी बेटियों को हो रहा है। हमारे विश्वकर्मा परिवार, जो हस्तकला का काम करते हैं, इसमें भी बड़ी संख्या में हमारी बहनें जुड़ी हैं। उनकी गारंटी भी हमारी सरकार ने ली है।

साथियों,

पहले जब मैं सखी मंडलों की बात करता था, महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप की बात करता था, तो बहुत कम लोग थे, जो ये देख पाते थे कि इसका महत्व क्या है। आज देखिए, ये भारत के अर्थतंत्र की एक बहुत बड़ी शक्ति बनती जा रही है। गांव-गांव में, दूर-सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में, सखी मंडलों से जो परिवर्तन आ रहे हैं, वो सबके सामने हैं। 10 साल में, ये आंकड़ा भी बहुत बड़ा है, दस साल में 10 करोड़ बहनें इस अभियान से जुड़ चुकी हैं और हमने इनको भी बैंकों से जोड़ा है। हमने उन्हें बैंकों से आसान और सस्ता ऋण दिलाया है।

मैं आपको एक आंकड़ा देता हूं। और ये सुन करके आप जरूर चौंक जाएंगे। और आपको शायद मन में गुस्‍सा भी आएगा कि मेरा देश पहले ऐसे भी चलता था क्‍या। साल 2014 तक 25 हज़ार करोड़ रुपए से भी कम बैंक लोन सखी मंडलों को मिला था। याद रखिए ये मैं उन महिला सेल्‍फ हेल्‍प ग्रुप की बात करता हूं, सिर्फ 25 हजार करोड़, जबकि पिछले 10 सालों में करीब 9 लाख करोड़ रुपए की मदद दी गई है। कहां 25 हजार करोड़ और कहां 9 लाख करो़ड़। इतना ही नहीं, सरकार जो सीधी मदद देती है, उसमें भी लगभग 30 गुणा की बढ़ोतरी की गई है। इसका परिणाम ये आया है कि आज गांव की हमारी बहनें, अपनी आय भी बढ़ा रही हैं और देश को मजबूत भी बना रही हैं। और मैं फिर से कहता हूं ये तो अभी ट्रेलर है। अब हम बहनों-बेटियों की भूमिका का और विस्तार कर रहे हैं। आज सवा लाख से अधिक बैंक सखियां, गांव-गांव बैंकिंग सेवाएं दे रही हैं। और अभी मुझे कुछ बहनें बता रही थीं, एक-एक करोड़ रुपये का कारोबार करती हैं।

अब हम बहनों को ड्रोन पायलट बना रहे हैं। हम बहनों के समूहों को लाखों रुपए का ड्रोन दे रहे हैं ताकि वे ड्रोन से आधुनिक खेती करने में किसानों की मदद कर पाएं। हम 2 लाख पशु सखियों को भी trained कर रहे हैं ताकि वे पशुपालकों की मदद कर सकें। यही नहीं, आधुनिक खेती के लिए, प्राकृतिक खेती के लिए भी हम नारी शक्ति को ही नेतृत्व दे रहे हैं। इसके लिए हमने कृषि सखी कार्यक्रम शुरू किया है। ऐसी लाखों कृषि सखियां आने वाले समय में देश के गांव-गांव में हम बनाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। इन सभी अभियानों से बेटियों को रोजगार भी मिलेगा, उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और बेटियों के सामर्थ्य को लेकर समाज में भी एक नई सोच का निर्माण होगा।

साथियों,

अभी पिछले महीने ही देश का एक बजट आया है। इसमें माताओं-बहनों-बेटियों से जुड़ी योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपए रखे गए हैं। बेटियां ज्यादा संख्या में नौकरी करें। इसके लिए दफ्तरों में, फैक्ट्रियों में उनके लिए विशेष सुविधाएं बनाने की घोषणा की गई है। रहने के लिए वर्किंग वीमेन होस्टल की सुविधा हो, बच्चों के लिए क्रेच की सुविधा हो, इसके लिए केंद्र सरकार काम कर रही है। हमारी सरकार बेटियों के लिए हर सेक्टर खोल रही है, जहां कभी उन पर पाबंदियां थीं। आज तीनों सेनाओं में महिला अफसर तैनात हो रही हैं, फाइटर पायलट तैनात हो रही हैं। सैनिक स्कूलों में, सैन्य अकादमियों में बेटियों को दाखिला मिल रहा है। जो हमारी पुलिस फोर्स है, जो हमारे अर्धसैनिक बल हैं, उनमें बेटियों की संख्या में बहुत बड़ी वृद्धि हुई है। गांव में कृषि और डेयरी सेक्टर से लेकर स्टार्ट अप्स क्रांति तक, आज बड़ी संख्या में बेटियां बिजनेस मैनेज कर रही हैं। राजनीति में भी बेटियों की भागीदारी बढ़े, इसके लिए हमने नारीशक्ति वंदन कानून बनाया है।

साथियों,

माताओं-बहनों-बेटियों का सामर्थ्य बढ़ाने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा भी देश की प्राथमिकता है। मैंने लाल किले से भी बार-बार इस विषय को उठाया है। आज देश का कोई भी राज्य हो, अपनी बहनों-बेटियों की पीड़ा को, उनके गुस्से को मैं समझ रहा हूं। मैं एक बार फिर देश के हर राजनीतिक दल से कहूंगा, हर राज्य सरकार से कहूंगा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध अक्षम्य पाप है। दोषी कोई भी हो, वो बचना नहीं चाहिए। उसको किसी भी रूप में मदद करने वाले बचने नहीं चाहिए। अस्पताल हो, स्कूल हो, दफ्तर हो या फिर पुलिस व्यवस्था, जिस भी स्तर पर लापरवाही होती है, सबका हिसाब होना चाहिए। ऊपर से नीचे तक मैसेज एकदम साफ जाना चाहिए कि ये पाप अक्षम्य है। अरे सरकारें आती रहेंगी, जाती रहेंगी, लेकिन जीवन की रक्षा और नारी गरिमा की रक्षा, ये समाज के रूप में भी और सरकार के रूप में भी हम सबका बड़ा दायित्व है।

साथियों,

महिलाओं पर अत्याचार करने वालों को कड़ी से कड़ी सज़ा देने के लिए हमारी सरकार कानूनों को भी लगातार सख्त कर रही है। आज इतनी बड़ी संख्या में देश की बहनें-बेटियां यहां हैं, तो इसलिए मैं विशेष तौर पर ये आपको बताना चाहता हूं। पहले ये शिकायत आती थी कि समय पर FIR नहीं होती। सुनवाई नहीं होती। मुकदमों में देर बहुत लगती है। ऐसी अनेक अड़चनों को हमने भारतीय न्याय संहिता में दूर कर दिया है। इसमें एक पूरा चैप्टर, महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अत्याचार के संबंध बनाया गया है। अगर पीड़ित महिलाओं को थाने नहीं जाना है, तो वो घर बैठे e-FIR दर्ज करा सकती है। हमने ये भी पक्का किया है कि e-FIR से थाने के स्तर पर कोई टालमटोल या फिर छेड़छाड़ नहीं कर पाएगा। इससे तेज़ी से जांच करने और दोषियों को कड़ी सज़ा मिलने में भी मदद मिलेगी।

साथियों,

नए कानूनों में नाबालिगों से हुए यौन अपराधों पर फांसी और उम्रकैद की सजा का प्रावधान किया गया है। बेटियों के साथ शादी के नाम पर भी धोखे के कई मामले आते रहे हैं। पहले इसके लिए कोई स्पष्ट कानून नहीं था। अब भारतीय न्याय संहिता में शादी के झूठे वादों और छल को भी साफ-साफ परिभाषित किया गया है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं केंद्र सरकार, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार रोकने के लिए हर तरीके से राज्य सरकारों के साथ है। हमें भारत के समाज से इस पाप की मानसिकता को मिटाकर ही रुकना होगा।

इसलिए साथियों,

आज भारत विकसित होने के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है और उसमें महाराष्ट्र की बहुत बड़ी भूमिका है। महाराष्ट्र, विकसित भारत का एक चमकता सितारा है। महाराष्ट्र, दुनियाभर के निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। महाराष्ट्र का भविष्य ज्यादा से ज्यादा निवेश में है, नौकरी के नए अवसरों में है।

आणि महायुतीचे सरकार म्हणजे गुंतवणूक आणि नोकरीची गॅरंटी आहे। महाराष्ट्र को आने वाले कई-कई बरसों तक महायुति की स्थिर सरकार की ज़रूरत है। महाराष्ट्र को महायुति की ऐसी सरकार की ज़रूरत है, जो यहां उद्योगों को प्रोत्साहित कर सके। महाराष्ट्र में ऐसी सरकार की ज़रूरत है, जो नौजवानों की पढ़ाई, कौशल और नौकरी पर बल दे सके। मुझे पूरा भरोसा है कि महाराष्ट्र की स्थिरता और समृद्धि के लिए यहां की माताएं-बहनें आगे बढ़कर मेरा साथ देंगी।

मुझे आप बहनों पर पूरा भरोसा है। एक बार फिर महाराष्‍ट्र की युति सरकार के कामों को भारत सरकार की तरफ से हर प्रकार की मदद का आश्‍वासन देते हुए आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

मेरे साथ बोलिए-

भारत माता की-जय

दोनों हाथ ऊपर करके मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिए-

भारत माता की- जय

भारत माता की- जय

भारत माता की- जय

भारत माता की- जय

भारत माता की- जय

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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