On one side there is Congress and BRS and on the other side is BJP. They have the mentality to rule the people while BJP is dedicated to serving the people: PM Modi
Only BJP can guarantee social justice to the people of Telangana. Only BJP can take Telangana on the golden path of development: PM Modi in Secunderabad
The BJP made the laws, about the atrocities on SC and ST, stricter. We ensured that the poor got a bank account, gas connection, toilet, homes: PM Modi
BRS government allied with Delhi's AAP govt in corruption. They are involved in the Liquor Scam. They cooperate not in work but in corruption: PM Modi

भारत माता की जय, भारत माता की जय
देवी सम्मक्का सरलअम्मा की जय
यदाद्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी की जय
अनगरिना वर्गाला विश्वरूप महासभा कि वच्चिना ना बंधुवुलकु ना सुभाकांक्षलु
जी किशन रेड्डी जी, मेरा छोटा भाई मन्दा कृष्ण मादिगा जी, दूर-दूर से आए मादिगा समुदाय के मेरे भाइयों और बहनों, अन्य महानुभाव।

देवियों और सज्जनों,
तेलंगाना के मेहनती और प्रतिभाशाली लोगों के बीच आना, हमेशा ही एक सुखद अनुभव होता है। और त्योहार के इस माहौल में, जब हम अपने परिवार के बीच होते हैं, तो खुशी दोगुनी हो जाती है। मैं तेलंगाना के दलित समुदाय का, तेलंगाना के मादिगा समुदाय का इस विशेष आयोजन में अभिनंदन करता हूं। मैं मेरे छोटे भाई कृष्णा का आभारी हूं। मैं आप सबका भी आभारी हूं क्योंकि आपने मुझे इतनी आत्मीयता से इस कार्यक्रम में आने का निमंत्रण दिया।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
आजादी के बाद आपने देश में बहुत सी सरकारें देखी हैं। हमारी सरकार ऐसी है जिसकी सर्वोच्च प्राथमिकता गरीब कल्याण है, वंचितों को वरीयता देना है। बीजेपी जिस मंत्र पर चलती है, वो सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास है। हम सोशल जस्टिस-सामाजिक न्याय सुनिश्चित कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम तेलंगाना की धरती के महान सपूत, श्री गुर्रम जशुवा जी और उनके सामाजिक न्याय के कार्यों को अपनी प्रेरणा मानते हैं। मुझे बताया गया है कि अपने लिखे साहित्य में उन्होंने एक दलित भाई का वर्णन किया था जिन्होंने काशी में विराजमान बाबा विश्वनाथ को अपनी दुर्दशा बताई थी। काशी का सांसद होने के नाते इसे मैं अपना सौभाग्य समझता हूं कि आज मुझे आपके बीच आने, आपसे सुख-दुख साझा करने का अवसर मिला है। मुझे लगता है कि आज बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से ही मैं आप सबके बीच यहां उपस्थित हूं।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
मैं आज इस अवसर पर मादिगा समुदाय के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाली टीएन सदालक्ष्मी जी और टीवी नारायणा जी को श्रद्धापूर्वक याद कर रहा हूं। इन महान व्यक्तित्वों ने मादिगा समुदाय के हितों के लिए अपना जीवन खपाया है। मैं उन्हें नमन करता हूं। और मेरा छोटा भाई कृष्णा 30 साल से वन लाइफ वन मिशन, आपके हक के लिए लड़ाई लड़ रहा है। कृष्णा आपको बहुत साथी मिले, लड़ने के लिए। आज एक साथी और जोड़ दो। मादिगा समुदाय के मेरे भाइयों-बहनों और कृष्णा, मैं आज आपसे कुछ मांगने के लिए नहीं आया हूं। मैं आज आया हूं आपके बीच आजादी के बाद जितनी भी पोलिटिकल पार्टियों, जितने भी पोलिटिकल लीडर्स ने आपको वादा किया, आपसे धोखा किया, मैं आज एक पोलिटिकल बिरादरी का होने के नाते उनके पापों की क्षमा मांगने के लिए और उनके लिए पापों का प्रायश्चित करने आया हूं।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
तेलंगाना आज इतिहास के एक बेहद अहम मोड़ पर खड़ा है। दशकों के आंदोलन के बाद 10 साल पहले जो सरकार यहां बनी, वो तेलंगाना के गौरव की, तेलंगाना के सम्मान की रक्षा नहीं कर पाई। तेलंगाना के लोगों के सामर्थ्य की पूरी दुनिया प्रशंसा करती है लेकिन जब बात यहां की गवर्नमेंट की आती है, गवर्नेंस की आती है, तो हर कोई निराश हो जाता है। इन 10 वर्षों में तेलंगाना सरकार ने हर किसी के साथ, मादिगा समुदाय के साथ सिर्फ विश्वासघात किया है। कौन भूल सकता है कि कांग्रेस ने किस तरह तेलंगाना के निर्माण में बाधाएं खड़ी की थीं। लेकिन जब अनेक बलिदानों के बाद तेलंगाना बना, तो BRS के नेता आपको भूलकर सबसे पहले कांग्रेस के नेताओं को धन्यवाद करने गए। आंदोलन के दिनों में आपसे ये वादा किया गया था कि किसी दलित को ही तेलंगाना का पहला सीएम बनाया जाएगा। लेकिन राज्य के निर्माण के बाद, हर दलित आकांक्षा को कुचलते हुए सीएम की कुर्सी पर KCR ने कब्जा कर लिया। BRS ने दलितों को जमीन देने का भी वादा किया था। क्या उन्होंने ये वादा पूरा किया? BRS ने आपको दलित बंधु स्कीम के जरिए हजारों करोड़ रुपये देने की बात कही थी। क्या आपको इसका लाभ हुआ? सच्चाई ये है कि ये स्कीम BRS विधायकों के रिश्तेदारों की स्कीम बन गई है। कोर्ट तक को ये कहना पड़ा कि दलित बंधु स्कीम के लाभार्थियों का चयन निष्पक्ष होना चाहिए। यहां की सरकार ने किसानों के लोन माफ करने का भी वादा किया था। लेकिन किसानों को इसका भी लाभ नहीं मिला। यहां की सरकार ने Irrigation Schemes के बदले आप लोगों को Irrigation Scams दिए हैं।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
मैं मादिगा समुदाय के आप सभी भाई-बहनों को, ये स्पष्ट रूप से कहूंगा। आपको जितना BRS से सतर्क रहना है उतना ही कांग्रेस से भी सावधान रहना है। BRS दलित विरोधी है और कांग्रेस भी उससे कम नहीं है। BRS ने नए संविधान की मांग करके बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान किया तो कांग्रेस का इतिहास भी कुछ ऐसा ही है। ये कांग्रेस ही है जिसने बाबा साहेब का विरोध करके उन्हें दो बार चुनाव नहीं जीतने दिया। कांग्रेस ने दशकों तक पुरानी संसद भवन के सेंट्रल हॉल में बाबा साहब की फोटो नहीं लगने दी। कांग्रेस की वजह से ही दशकों तक बाबा साहेब को भारत रत्न तक नहीं दिया गया। सेंट्रल हॉल में बाबा साहेब की तस्वीर हो या फिर भारत रत्न, ये तब संभव हुआ, जब केंद्र में बीजेपी के समर्थन से सरकार बनी।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
बीआरएस की तरह ही कांग्रेस का इतिहास भी, दलितों से, पिछड़ों से नफरत का रहा है। इसका एक बड़ा उदाहरण बाबू जगजीवन राम थे, जिन्हें कांग्रेस के अपमान का सामना करना पड़ा। जब बीजेपी ने रामनाथ कोविंद जी को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया तो कांग्रेस ने उन्हें हराने के लिए पूरी ताकत लगा दी। दलित समाज से आने वाले कोविंद जी जब राष्ट्रपति बन गए, तो पूरे देश के राष्ट्रपति थे, हम सबके राष्ट्रपति थे, लेकिन तब भी कांग्रेस ने उनका तिरस्कार किया। (जरा बिजली के लोग वहां देख लें, शायद वहां शार्ट सर्किट न हो, और वहां सब साथियों से रिक्वेस्ट है थोड़ा दूर रहें वहां से...प्लीज) जब बीजेपी ने एक महिला को भारत का पहला आदिवासी राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव रखा, तो कांग्रेस ने द्रौपदी मुर्मू जी का भी विरोध किया। उन्हें भी अपमानित करने का कांग्रेस कोई मौका नहीं छोड़ती। साथियों, राजस्थान में जन्मे हुए और राजस्थान से आकर तेलंगाना को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले दलित अफसर हीरालाल सामरिया को कुछ दिन पहले ही Chief Information Commissioner बनाया गया है। पहला दलित अफसर, जो देश का पहला Chief Information Commissioner बना। कांग्रेस नहीं चाहती थी कि एक दलित अफसर इतना बड़ा दायित्व संभाले, इसलिए जिस बैठक में ये अहम निर्णय लिया गया, कांग्रेस ने उसका भी बहिष्कार किया। उनका शपथ समारोह हुआ, उसका भी बहिष्कार किया।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
कांग्रेस ने इन दिनों जिस इंडी अलायंस का छाता खोल रखा है, उसमें बिहार के मुख्यमंत्री भी हैं जो जातिवादी राजनीति का झंडा लेकर घूमते हैं। मुझे याद है, उन्होंने मेरे करीबी दोस्त और दलित नेता राम विलास पासवान जी का लगातार अपमान किया था। यहां तक कि जब राम विलास पासवान जी को राज्यसभा सीट की बात आई थी, तो भी वो समर्थन देने में आनाकानी कर रहे थे। मैंने राम विलास पासवान जी के बेटे चिराग पासवान में इस दुख को हमेशा महसूस किया है। अभी हमने दो दिन पहले ही देखा है कि बिहार के उन्हीं सीएम ने सदन के फ्लोर पर एक और दलित नेता का, वहां के पूर्व सीएम का अपमान किया है। वहां के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, जो दलितों में भी अति दलित हैं, जिन्होंने अपने जीवन में बहुत ही संघर्ष किया है, उनको बिहार के सीएम ने भरे सदन में बुरी तरह अपमानित किया। बहुत ही निर्लज्जता के साथ जीतन बाबू को ये जताने की कोशिश की गई कि वो सीएम पद के योग्य नहीं थे। ये अहंकार की भावना, दलितों का अपमान करने की भावना कांग्रेस और उसके सहयोगियों की पहचान है।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
भ्रष्टाचार के मामले में भी कांग्रेस और बीआरएस, एक दूसरे से अलग नहीं हैं। भारत में सामान्य तौर पर अलग-अलग राज्य, विकास योजनाओं के लिए दूसरे राज्यों के साथ cooperation करते हैं। लेकिन बीआरएस की सरकार ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर हजारों करोड़ रुपए का शराब घोटाला कर दिया है। ये लोग काम में नहीं, corruption में cooperation करते हैं। और मैं तेलंगाना के लोगों को ये स्पष्ट तस्वीर भी देखने को कहूंगा। दिल्ली में कांग्रेस की कट्टर सहयोगी आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर तेलंगाना की बीआरएस पार्टी कट्टर भ्रष्टाचार करती है। और फिर यहां वही बीआरएस, कांग्रेस के खिलाफ लड़ने का ड्रामा भी कर रही है। तेलंगाना के लोगों को इस दोहरेपन से भी बहुत सावधान रहना है।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
कांग्रेस और बीआरएस दोनों मिले हुए, पर्दे के पीछे उनके खेल अलग हैं। कांग्रेस और बीआरएस एक तरफ हैं और दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी है। उनमें राज करने की मानसिकता है, बीजेपी में सेवा करने का संकल्प है। हमने एससी और एसटी लोगों पर अत्याचार से जुड़े कानून को और सख्त किया। हमने ये सुनिश्चित किया कि गरीबों को Bank Account, गरीबों को Toilets, गरीबों को Gas Connections, गरीबों को Loans, गरीबों को पक्के घर, गरीबों को किसी चीज की दिक्कत ना हो। इन सारी योजनाओं में एससी, एसटी, ओबीसी समाज के लोगों को सबसे अधिक लाभ दिया गया है।

 

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
आज Standup इंडिया जैसी स्कीम्स SC-ST को करोड़ों रुपये का लोन देकर उन्हें Entrepreneur बना रही हैं। मुद्रा लोन का सबसे अधिक लाभ, एससी एसटी और ओबीसी समुदाय के मेरे भाइयों और बहनों को ही हुआ है। पीएम आवास योजना के तहत करोड़ों घर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आवंटित किए गए हैं। पिछले 9 वर्षों में तेलंगाना में ही 13 लाख से ज्यादा SC छात्रों को करीब 1,000 करोड़ रुपये की scholarship दी गई है।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
अभी कुछ महीनों पहले ही बीजेपी सरकार ने पीएम विश्वकर्मा योजना भी शुरू की है। हमारे कुम्हार हों, सुनार हों, सुथार हों, मूर्तिकार हों, ऐसे 18 प्रोफेशन से जुड़े लोगों पर केंद्र सरकार 13 हजार करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है। चाहे राज्य में हो या राष्ट्र के स्तर पर, बीजेपी निरंतर वंचितों के विकास के लिए काम कर रही है।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
अपने गरीब भाई-बहनों का ध्यान रखते हुए बीजेपी सरकार ने पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को भी, गरीबों को जो मुफ्त राशन देते हैं, 80 करोड़ लोगों को, उनका घर का चूल्हा जलता रहे, गरीब के घर बच्चा भूखा सो न जाए, इसलिए गरीब कल्याण अन्न योजना चल रही है। यही दिसंबर में उसका काम पूरा हो रहा था। लेकिन गरीब मां की गोद से पैदा हुआ ये बेटा अब गरीबों को ऐसे छोड़ नहीं सकता और इसीलिए मैंने संकल्प किया है कि अगले 5 साल के लिए ये योजना को आगे बढ़ा दिया जाएगा। अब यहां तेलंगाना में भी लाखों साथियों को 5 साल तक मुफ्त राशन मिलता रहेगा। केंद्र सरकार, तेलंगाना के किसानों का हित देखते हुए पैडी की सरकारी ख़रीद को भी लगातार बढ़ा रही है। बीते वर्षों में यहां पैडी की 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपए से ज़्यादा की ख़रीद हुई है। केंद्र सरकार किसानों से boiled राइस भी लेती है। अब हमारी सरकार ने ये निश्चय किया है इस ख़रीफ़ सीज़न में तेलंगाना के किसानों से 20 लाख मीट्रिक टन boiled राइस अतिरिक्त खरीदा जाएगा। इससे MSP का और ज़्यादा लाभ हमारे किसान को मिलेगा। मेरा यहां की राज्य सरकार को भी कहना है कि इस काम में ढिलाई ना बरतें, ये किसानों के हक का काम है, उनके फायदे का निर्णय है...इसमें कोई चुनाव की आचार संहिता बीच में नहीं आनी चाहिए।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
तेलंगाना की इस विकास यात्रा में मादिगा समुदाय के साथ जो अन्याय हुआ है, उसे बीजेपी भली-भांति समझती है। मेरा सौभाग्य रहा, आप मुझे प्रधानमंत्री के रूप में, प्रधान सेवक के रूप में जानते हो, लेकिन आप में से बहुत कम लोगों को पता होगा कि बंगारू लक्ष्मण जी मेरे नेता थे। वो मेरी पार्टी के अध्यक्ष थे और मैं उनके अंडर में काम करता था। वो मेरा मार्गदर्शन करते थे, उन्होंने मुझे ट्रेन किया, एक कार्यकर्ता के रूप में संगठन का काम सिखाया। मेरे लिए गर्व की बात है कि मैं बंगारू लक्ष्मण के साथ उनके हाथ के नीचे काम करने वाला कार्यकर्ता रहा हूं। इसीलिए आपको भलीभांति जानता हूं।

मेरे परिवारजनों,
मैं आज बहुत भावुक हूं। आप कल्पना करिए, कृष्णा ने 30 साल अपनी जवानी पूरी खपा दी, इतना बड़ा आंदोलन अनवरत रूप से चलाया, कृष्णा मेरा छोटा भाई है। भारतीय जनता पार्टी में जैसे बंगारू लक्ष्मण के नेतृत्व में जैसे मुझे काम करने का सौभाग्य मिला, वैसा ही मैं आज इतने बड़े सामने समाज के साथ खड़े होकर कहना चाहता हूं, कि अब मुझे कृष्णा भले मेरा छोटा भाई है, लेकिन उसके नेतृत्व में आपके लिए काम करने का सौभाग्य मिला है। मैं आज कृष्णा के माता-पिता को भी आज आदरपूर्वक, श्रद्धापूर्वक प्रणाम करता हूं जिन्होंने ऐसे बेटे को जन्म दिया, जो समाज के हित के लिए 30 साल तक जूझता रहा, लड़ता रहा, हर किसी के पास पहुंचता रहा, मैं उस कृष्णा का आदर करता हूं, उसको जन्म देने वाले माता-पिता को भी श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। मैं आज जैसा मैंने कहा मेरे लिए बहुत भावुक पल है। मैं आज मादिगा समाज के हर व्यक्ति को बहुत आदर के साथ प्रणाम करता हूं। जिन्होंने 30 साल अपने न्याय के लिए लड़ाई लड़ी और पूरी तरह अहिंसक लड़ाई रही। इतना बड़ा आंदोलन, इतना लंबा समय, पूरी तरह अहिंसा, आपने जग्गू बाबू को भी बचाया, आपने बाबा साहेब अंबेडकर को भी बचाया और आपने बंगारू लक्ष्मण जी को भी बचाया और इसलिए मैं विशेष रूप से आप सबके इस आंदोलन की पवित्रता के लिए श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।

भारतीय जनता पार्टी पिछले तीन दशक से हर संघर्ष में आपके साथ खड़ी रही है। हम जल्द से जल्द इस अन्याय का अंत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं जानता हूं कि यहां पर ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने अपने अधिकारों के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया है। ये हमारा वादा है कि हम जल्द ही एक कमिटी का गठन करेंगे, जो आपके सशक्तिकरण के हर रास्ते को अपनाएगी। हम और आप ये भी जानते हैं कि एक बड़ी न्यायिक प्रक्रिया, सुप्रीम कोर्ट में भी चल रही है। आपकी इस लड़ाई को हम न्याय की लड़ाई मानते हैं। बाबा साहेब आंबेडकर ने हमें जो संविधान बनाया, उस संविधान ने न्य़ाय की जिम्मेदारी मुझपर दी है। हम उस न्याय को सुनिश्चित करा करके ही रहेंगे। अदालत में भी आपको न्याय मिले, ये भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पूरी मजबूती के साथ भारत सरकार न्याय के पक्ष में आपके साथी बनकर के खड़ी रहेगी।

(बेटे, बेटी, बेटा आप नीचे आओ बेटा... बेटा नीचे आओ...बेटा नीचे आओ...देखिए बेटा आपको चोट पहुंचेगी...बेटा ये अच्छा नहीं है। बेटा ये तार इसका बिगड़ा हुआ है बेटा...हम आपके साथ हैं बेटा, प्लीज। आप नीचे आइए बेटा...बेटा आप नीचे आइए...देखिए बेटा...ये तार की स्थिति अच्छी नहीं है बेटा। प्लीज बेटा नीचे आइए...बेटा मैं आपकी बात सुनूंगा...बैठिए बेटा...बेटा नीचे आइए...ये वहां पर शार्ट सर्किट है, बेटा नीचे आइए...नहीं बेटा ये ठीक नहीं है...बेटा यहां ऐसा करने से लाभ नहीं होगा। मैं यहां आपके लिए आया हूं। प्लीज...आप कृष्णा जी की बात मानिए बेटा...आप कृष्णा जी की बात मानिए...आप कृष्णा जी की बात मानिए बेटा....थैंक्यू बेटा।)

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
बीजेपी ही तेलंगाना के लोगों को सामाजिक न्याय की गारंटी दे सकती है। बीजेपी ही तेलंगाना को विकास के स्वर्णिम रास्ते पर ले जा सकती है। मुझे विश्वास है, बीजेपी और आपका सहयोग, आपका साथ, तेलंगाना डबल इंजन सरकार के गठन में अहम भूमिका निभाएगा।

मेरे भाइयों-बहनों,
मैं एक महत्वपूर्ण बात यहां से बताकर जाना चाहता हूं। अगर मेरी बात आपको अच्छी लगे, सही लगे, तो आप सब अपने मोबाइल फोन निकाल करके उसकी फ्लैश लाइट चालू करके मुझे आशीर्वाद देना। आज से इस आंदोलन में कृष्णा मेरा नेता है। मैं उसका असिस्टेंट हूं। और मैं आपके लिए पूरे दायित्व के साथ इस न्याय की लड़ाई में साथ रहूंगा। आप सभी यहां आए, हमें आशीर्वाद दिया, इसके लिए आप सबका फिर एक बार बहुत-बहुत धन्यवाद। और इस आंदोलन में मेरे नेता कृष्णा है। मैं कृष्णा का साथी हूं। और मैं कृष्णा के नेतृत्व में आपके साथ खड़ा हूं।

बोलिए,
भारत माता की...जय
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‘Restoring Balance’ is a global urgency: PM Modi highlights global health challenges at WHO Global Summit on Traditional Medicine
December 19, 2025
It is India’s privilege and a matter of pride that the WHO Global Centre for Traditional Medicine has been established in Jamnagar: PM
Yoga has guided humanity across the world towards a life of health, balance, and harmony: PM
Through India’s initiative and the support of over 175 nations, the UN proclaimed 21 June as International Yoga Day; over the years, yoga has spread worldwide, touching lives across the globe: PM
The inauguration of the WHO South-East Asia Regional Office in Delhi marks another milestone. This global hub will advance research, strengthen regulation & foster capacity building: PM
Ayurveda teaches that balance is the very essence of health, only when the body sustains this equilibrium can one be considered truly healthy: PM
Restoring balance is no longer just a global cause-it is a global urgency, demanding accelerated action and resolute commitment: PM
The growing ease of resources and facilities without physical exertion is giving rise to unexpected challenges for human health: PM
Traditional healthcare must look beyond immediate needs, it is our collective responsibility to prepare for the future as well: PM

WHO के डायरेक्टर जनरल हमारे तुलसी भाई, डॉक्टर टेड्रोस़, केंद्रीय स्वास्थ्य में मेरे साथी मंत्री जे.पी. नड्डा जी, आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव जी, इस आयोजन से जुड़े अन्य देशों के सभी मंत्रीगण, विभिन्न देशों के राजदूत, सभी सम्मानित प्रतिनिधि, Traditional Medicine क्षेत्र में काम करने वाले सभी महानुभाव, देवियों और सज्जनों !

आज दूसरी WHO Global Summit on Traditional Medicine का समापन दिन है। पिछले तीन दिनों में यहां पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े दुनिया भर के एक्सपर्ट्स ने गंभीर और सार्थक चर्चा की है। मुझे खुशी है कि भारत इसके लिए एक मजबूत प्लेटफार्म का काम कर रहा है। और इसमें WHO की भी सक्रिय भूमिका रही है। मैं इस सफल आयोजन के लिए WHO का, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय का और यहां उपस्थित सभी प्रतिभागियों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

ये हमारा सौभाग्य है और भारत के लिए गौरव की बात है कि WHO Global Centre for Traditional Medicine भारत के जामनगर में स्थापित हुआ है। 2022 में Traditional Medicine की पहली समिट में विश्व ने बड़े भरोसे के साथ हमें ये दायित्व सौंपा था। हम सभी के लिए खुशी की बात है कि इस ग्लोबल सेंटर का यश और प्रभाव locally से लेकर के globally expand कर रहा है। इस समिट की सफलता इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इस समिट में Traditional knowledge और modern practices का कॉन्फ्लूएंस हो रहा है। यहां कई नए initiatives भी शुरू हुए हैं, जो medical science और holistic health के future को transform कर सकते हैं। समिट में विभिन्न देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रतिनिधियों के बीच विस्तार से संवाद भी हुआ है। इस संवाद ने ज्वाइंट रिसर्च को बढ़ावा देने, नियमों को सरल बनाने और ट्रेनिंग और नॉलेज शेयरिंग के लिए नए रास्ते खोले हैं। ये सहयोग आगे चलकर Traditional Medicine को अधिक सुरक्षित, अधिक भरोसेमंद बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

साथियों,

इस समिट में कई अहम विषयों पर सहमति बनना हमारी मजबूत साझेदारी का प्रतिबिंब है। रिसर्च को मजबूत करना, Traditional Medicine के क्षेत्र में डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाना, ऐसे रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार करना जिन पर पूरी दुनिया भरोसा कर सके। ऐसे मुद्दे Traditional Medicine को बहुत सशक्त करेंगे। यहां आयोजित Expo में डिजिटल हेल्थ टेक्नोलॉजी, AI आधारित टूल्स, रिसर्च इनोवेशन, और आधुनिक वेलनेस इंफ्रास्ट्रक्चर, इन सबके जरिए हमें ट्रेडिशन और टेक्नोलॉजी का एक नया collaboration भी देखने को मिला है। जब ये साथ आती हैं, तो ग्लोबल हेल्थ को अधिक प्रभावी बनाने की क्षमता और बढ़ जाती है। इसलिए, इस समिट की सफलता ग्लोबल दृष्टि से बहुत ही अहम है।

साथियों,

पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली का एक अहम हिस्सा योग भी है। योग ने पूरी दुनिया को स्वास्थ्य, संतुलन और सामंजस्य का रास्ता दिखाया है। भारत के प्रयासों और 175 से ज्यादा देशों के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को योग दिवस घोषित किया गया था। बीते वर्षों में हमने योग को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचते देखा है। मैं योग के प्रचार और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले हर व्यक्ति की सराहना करता हूं। आज ऐसे कुछ चुनींदा महानुभावों को पीएम पुरस्कार दिया गया है। प्रतिष्ठित जूरी सदस्यों ने एक गहन चयन प्रक्रिया के माध्यम से इन पुरस्कार विजेताओं का चयन किया है। ये सभी विजेता योग के प्रति समर्पण, अनुशासन और आजीवन प्रतिबद्धता के प्रतीक हैं। उनका जीवन हर किसी के लिए प्रेरणा है। मैं सभी सम्मानित विजेताओं को हार्दिक बधाई देता हूं, अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

मुझे ये जानकर भी अच्छा लगा कि इस समिट के आउटकम को स्थायी रूप देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया हैं। Traditional Medicine Global Library के रूप में एक ऐसा ग्लोबल प्लेटफॉर्म शुरू किया गया है, जो ट्रेडिशनल मेडिसिन से जुड़े वैज्ञानिक डेटा और पॉलिसी डॉक्यूमेंट्स को एक जगह सुरक्षित करेगा। इससे उपयोगी जानकारी हर देश तक समान रूप से पहुंचने का रास्ता आसान होगा। इस Library की घोषणा भारत की G20 Presidency के दौरान पहली WHO Global Summit में की गई थी। आज ये संकल्प साकार हो गया है।

साथियों,

यहां अलग-अलग देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने ग्लोबल पार्टनरशिप का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। एक साझेदार के रूप में आपने Standards, safety, investment जैसे मुद्दों पर चर्चा की है। इस संवाद से जो Delhi Declaration इसका रास्ता बना है, वो आने वाले वर्षों के लिए एक साझा रोडमैप की तरह काम करेगा। मैं इस joint effort के लिए विभिन्न देशों के माननीय मंत्रियों की सराहना करता हूं, उनके सहयोग के लिए मैं आभार जताता हूं।

साथियों,

आज दिल्ली में WHO के South-East Asia Regional Office का उद्घाटन भी किया गया है। ये भारत की तरफ से एक विनम्र उपहार है। ये एक ऐसा ग्लोबल हब है, जहां से रिसर्च, रेगुलेशन और कैपेसिटी बिल्डिंग को बढ़ावा मिलेगा।

साथियों,

भारत दुनिया भर में partnerships of healing पर भी जोर दे रहा है। मैं आपके साथ दो महत्वपूर्ण सहयोग साझा करना चाहता हूं। पहला, हम बिमस्टेक देशों, यानी दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में हमारे पड़ोसी देशों के लिए एक Centre of Excellence स्थापित कर रहे हैं। दूसरा, हमने जापान के साथ एक collaboration शुरू किया है। ये विज्ञान, पारंपरिक पद्धितियों और स्वास्थ्य को एक साथ जोड़ने का प्रयास है।

साथियों,

इस बार इस समिट की थीम है- ‘Restoring Balance: The Science and Practice of Health and Well-being’, Restoring Balance, ये holistic health का फाउंडेशनल थॉट रहा है। आप सब एक्स्पर्ट्स अच्छी तरह जानते हैं, आयुर्वेद में बैलेन्स, अर्थात् संतुलन को स्वास्थ्य का पर्याय कहा गया है। जिसके शरीर में ये बैलेन्स बना रहता है, वही स्वस्थ है, वही हेल्दी है। आजकल हम देख रहे हैं, डायबिटीज़, हार्ट अटैक, डिप्रेशन से लेकर कैंसर तक अधिकांश बीमारियों के background में lifestyle और imbalances एक प्रमुख कारण नजर आ रहा है। Work-life imbalance, Diet imbalance, Sleep imbalance, Gut Microbiome Imbalance, Calorie imbalance, Emotional Imbalance, आज कितने ही global health challenges, इन्हीं imbalances से पैदा हो रहे हैं। स्टडीज़ भी यही प्रूव कर रही हैं, डेटा भी यही बता रहा है कि आप सब हेल्थ एक्स्पर्ट्स कहीं बेहतर इन बातों को समझते हैं। लेकिन, मैं इस बात पर जरूर ज़ोर दूँगा कि ‘Restoring Balance, आज ये केवल एक ग्लोबल कॉज़ ही नहीं है, बल्कि, ये एक ग्लोबल अर्जेंसी भी है। इसे एड्रैस करने के लिए हमें और तेज गति से कदम उठाने होंगे।

साथियों,

21वीं सदी के इस कालखंड में जीवन के संतुलन को बनाए रखने की चुनौती और भी बड़ी होने वाली है। टेक्नोलॉजी के नए युग की दस्तक AI और Robotics के रूप में ह्यूमन हिस्ट्री का सबसे बड़ा बदलाव आने वाले वर्षों में जिंदगी जीने के हमारे तरीके, अभूतपूर्व तरीके से बदलने वाले हैं। इसलिए हमें ये भी ध्यान रखना होगा, जीवनशैली में अचानक से आ रहे इतने बड़े बदलाव शारीरिक श्रम के बिना संसाधनों और सुविधाओं की सहूलियत, इससे human bodies के लिए अप्रत्याशित चुनौतियां पैदा होने जा रही हैं। इसलिए, traditional healthcare में हमें केवल वर्तमान की जरूरतों पर ही फोकस नहीं करना है। हमारी साझा responsibility आने वाले future को लेकर के भी है।

साथियों,

जब पारंपरिक चिकित्सा की बात होती है, तो एक सवाल स्वाभाविक रूप से सामने आता है। ये सवाल सुरक्षा और प्रमाण से जुड़ा है। भारत आज इस दिशा में भी लगातार काम कर रहा है। यहां इस समिट में आप सभी ने अश्वगंधा का उदाहरण देखा है। सदियों से इसका उपयोग हमारी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में होता रहा है। COVID-19 के दौरान इसकी ग्लोबल डिमांड तेजी से बढ़ी और कई देशों में इसका उपयोग होने लगा। भारत अपनी रिसर्च और evidence-based validation के माध्यम से अश्वगंधा को प्रमाणिक रूप से आगे बढ़ा रहा है। इस समिट के दौरान भी अश्वगंधा पर एक विशेष ग्लोबल डिस्कशन का आयोजन किया गया। इसमें international experts ने इसकी सुरक्षा, गुणवत्ता और उपयोग पर गहराई से चर्चा की। भारत ऐसी time-tested herbs को global public health का हिस्सा बनाने के लिए पूरी तरह कमिटेड होकर काम कर रहा है।

साथियों,

ट्रेडिशनल मेडिसिन को लेकर एक धारणा थी कि इसकी भूमिका केवल वेलनेस या जीवन-शैली तक सीमित है। लेकिन आज ये धारणा तेजी से बदल रही है। क्रिटिकल सिचुएशन में भी ट्रेडिशनल मेडिसिन प्रभावी भूमिका निभा सकती है। इसी सोच के साथ भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि आयुष मंत्रालय और WHO-Traditional Medicine Center ने नई पहल की है। दोनों ने, भारत में integrative cancer care को मजबूत करने के लिए एक joint effort किया है। इसके तहत पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को आधुनिक कैंसर उपचार के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। इस पहल से evidence-based guidelines तैयार करने में भी मदद मिलेगी। भारत में कई अहम संस्थान स्वास्थ्य से जुड़े ऐसे ही गंभीर विषयों पर क्लिनिकल स्टडीज़ कर रहे हैं। इनमें अनीमिया, आर्थराइटिस और डायबिटीज़ जैसे विषय भी शामिल हैं। भारत में कई सारे स्टार्ट-अप्स भी इस क्षेत्र में आगे आए हैं। प्राचीन परंपरा के साथ युवाशक्ति जुड़ रही है। इन सभी प्रयासों से ट्रेडिशनल मेडिसिन एक नई ऊंचाई की तरफ बढ़ती दिख रही है।

साथियों,

आज पारंपरिक चिकित्सा एक निर्णायक मोड़ पर खड़ी है। दुनिया की बड़ी आबादी लंबे समय से इसका सहयोग लेती आई है। लेकिन फिर भी पारंपरिक चिकित्सा को वो स्थान नहीं मिल पाया था, जितना उसमें सामर्थ्य है। इसलिए, हमें विज्ञान के माध्यम से भरोसा जीतना होगा। हमें इसकी पहुंच को और व्यापक बनाना होगा। ये जिम्मेदारी किसी एक देश की नहीं है, ये हम सबका साझा दायित्व है। पिछले तीन दिनों में इस समिट में जो सहभागिता, जो संवाद और जो प्रतिबद्धता देखने को मिली है, उससे ये विश्वास गहरा हुआ है कि दुनिया इस दिशा में एक साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार है। आइए, हम संकल्प लें कि पारंपरिक चिकित्सा को विश्वास, सम्मान और जिम्मेदारी के साथ मिलकर के आगे बढ़ाएंगे। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।