The daughters of Kerala have shaped India’s Freedom, Culture, and constitution: PM Modi
India’s Nari Shakti will ensure the ‘Sankalp se Siddhi’ of a Viksit Bharat: PM Modi
The politics of LDF-UDF has always been to weaken the Nari Shakti: PM Modi
I.N.D.I alliance only aims to hurt the religious sentiments of the people: PM Modi

भारत माता की... भारत माता की.. भारत माता की
केरला की मेरी माताओं और बहनों, केरेला-थिल्ले एन्डे अम्मा मारे - सहोदरि मारे, आप सभी इतनी बड़ी संख्या में ‘स्त्रीशक्ति’ मुझे आशीर्वाद देने आई हैं, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। आप सभी को 2024 की अनेक-अनेक शुभकामनाएं। कल ही भारत केसरी मन्नाथु पद्मनाभन की जन्मजयंती थी। मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

साथियों,
सौभाग्य से मैं भगवान शिव की काशी का सांसद हूं। और यहां भी वडक्कुम-नाथन मंदिर में शिव खुद विराजे हैं। इस मैदान पर जब हम एकत्र हुए हैं तो, विश्व प्रसिद्ध त्रिशूर पूरम उत्सव का उत्साह ही नजर आ रहा है। केरला की कल्चरल कैपिटल, त्रिशूर से निकलने वाला ये संदेश, पूरे केरला में नई चेतना का संचार करेगा।

केरेला-थिल्ले एन्डे अम्मा मारे - सहोदरि मारे,
आज शिवगंगई की महान पराक्रमी रानी, वेलू नाचियार की जन्म जंयती है। आज देश ही महान शिक्षाविद और समाज सुधारक सावित्रिबाई फुले जी की भी जन्म जयंति है। नारीशक्ति का सामर्थ्य कितना बड़ा होता है, ये इन दोनों के व्यक्तित्व से सीखने को मिलता है। केरला की मिट्टी, इस मिट्टी ने ऐसी अनेक संतानें देश को दी हैं, जिन्होंने भारत की बौद्धिक और सामाजिक चेतना को समृद्ध किया है। केरला की बेटियों ने भारत की आज़ादी, संस्कृति और संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ए. वी. कुट्टिमालू अम्मा, अकम्मा चेरियन, रोसम्मा पनूस जैसी वीरांगनाओं ने स्वतंत्रता आंदोलन को नई ऊर्जा दी। केरला की कार्त्यायनी अम्मा और भागीरथी अम्मा ने देश को दिखाया कि सीखने की कोई आयु नहीं होती। आदिवासी कलाकार, नांजियम्मा को उनकी अद्भुत कला के लिए नेशनल अवॉर्ड देने का सौभाग्य भी हमे मिला। पीटी ऊषा जी हों, अंजू बॉबी जॉर्ज हों, ये पूरे देश की बेटियों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा हैं।

केरेला-थिल्ले एन्डे अम्मा मारे - सहोदरि मारे,
आजकल देश में मोदी की गारंटी की चर्चा है। लेकिन मैं मानता हूं देश की नारीशक्ति, विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि की सबसे बड़ी गारंटी है। दुर्भाग्य से आज़ादी के बाद लेफ्ट-कांग्रेस की सरकारों ने, LDF-UDF की सरकारों ने नारीशक्ति को कमजोर माना। लेफ्ट और कांग्रेस ने लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को रिज़र्वेशन देने वाला कानून बरसों तक लटकाए रखा। लेकिन मोदी ने आप सभी बहनों को आपका हक देने की गारंटी दी थी और उस गारंटी को पूरा भी करके दिखाया। नारीशक्ति वंदन अधिनियम अब कानून बन चुका है। आपको याद होगा, जब तक देश में लेफ्ट और कांग्रेस के गठबंधन की सरकारें थीं, तब तक मुस्लिम बहनें ट्रिपल तलाक से परेशान थीं। मोदी ने मुस्लिम बहनों को ट्रिपल तलाक के मुक्ति देने की गारंटी दी थी और उसे ईमानदारी से पूरा भी करके दिखाया है।

केरेला-थिल्ले एन्डे अम्मा मारे - सहोदरि मारे,
बीजेपी के नेतृत्व वाली NDA सरकार के लिए 4 जातियां सर्वोपरि हैं। जब देश के गरीब, देश के युवा, देश के किसान और देश की महिलाओं का विकास होगा, तभी देश का विकास होगा। इसलिए बीजेपी सरकार की योजनाओं का बड़ा लाभ इन 4 जातियों को सबसे ज्यादा मिला है। लेफ्ट-कांग्रेस के लंबे शासनकाल में नारीशक्ति, अनेक बेसिक सुविधाओं से वंचित थीं। मोदी ने बहनों की समस्याओं को दूर करने की गारंटी दी थी और आपके आशीर्वाद से उन्हें पूरा भी किया।

साथियों,
बीते 10 वर्षों में हमने महिलाओं का जीवन आसान बनाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। हमने 10 करोड़ उज्ज्वला गैस कनेक्शन दिए- ये सफलता कैसे मिली? मोदी युडे गारंटी। (मोदी की गारंटी) हमने 11 करोड़ परिवारों की बहनों को पाइप से पानी दिया- ये क्यों हुआ? मोदी-युडे गारंटी। हमने 12 करोड़ परिवारों की बहनों के लिए टॉयलेट बनवाया- ये कैसे बने? मोदी-युडे गारंटी। हमने 1 रुपए में ‘सुविधा सेनिटेरी पैड्स’ की योजना शुरु की- इसे किसे संभव बनाया? मोदी-युडे गारंटी। हमने केरला की 60 लाख महिलाओं के बैंक अकाउंट खोले- ये सफलता कैसे मिली? मोदी-युडे गारंटी। हमने 30 करोड़ से अधिक मुद्रा लोन, महिला लाभार्थियो को दिए- ये कैसे संभव हुआ? मोदी-युडे गारंटी। हमने प्रेग्नेंसी लीव को बढ़ाकर 26 हफ्ते किया- इसे किसे संभव बनाया? मोदी-युडे गारंटी। हमने सैनिक स्कूलों में बेटियों की एडमिशन का रास्ता खोला- ये कैसे संभव हुआ? मोदी-युडे गारंटी। हमने लोकसभा-विधानसभा में महिलाओं को रिजर्वेशन दिया- ये वायदा कैसे पूरा हुआ? मोदी-युडे गारंटी।

मेरे परिवारजनों,
आज जब हम विकसित भारत की बात कर रहे हैं, तो उसमें नारीशक्ति को हम एक सशक्त फोर्स बनाना चाहते हैं। इसलिए आने वाले समय में हमारी माताओं-बहनों-बेटियों के लिए अवसर ही अवसर आने वाले हैं। अब 15 हजार महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप को ड्रोन मिलेंगे। क्योंकि आपके पास है- मोदी - युडे गारंटी। अब देश में 2 करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बनाई जाएंगी- ये कैसे होगा? मोदी - युडे गारंटी। पीएम विश्वकर्मा योजना से महिलाओं को पैसे और ट्रेनिंग मिलेगी। क्योंकि आपके पास है- मोदी-युडे गारंटी। पीएम स्वनिधि योजना से रेहड़ी-फुटपाथ पर दुकान लगाने वाली महिलाओं को मदद मिलेगी क्योंकि आपके पास है- मोदी-युडे गारंटी। बेटियों को स्पोर्ट्स में आगे बढ़ाया जाएगा क्योंकि आपके पास है- मोदी-युडे गारंटी। आपको 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज मिलता रहेगा- क्योंकि आपके पास है- मोदी - युडे गारंटी। आपको सस्ती रसोई गैस मिलती रहेगी क्योंकि आपके पास है- मोदी - युडे गारंटी। पीएम आवास योजना के घर आपके नाम रजिस्टर होते रहेंगे...क्योंकि आपके पास है- मोदी - युडे गारंटी।

केरेला-थिल्ले एन्डे अम्मा मारे - सहोदरि मारे,
केरला की अनेक माताओं की संतानें दुनियाभर में काम कर रही हैं, पढ़ाई के लिए गई हुई हैं। आप देख रहे हैं कि बीते वर्षों में दुनिया में कैसे-कैसे संकट आए हैं। कोरोना हो, सुडान का संकट हो, यूक्रेन का संकट हो, गाजा का संकट हो, बड़े-बड़े संकट हमने देखे हैं। कितना ही बड़ा संकट क्यों ना हो, बीजेपी सरकार ने अपने लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है। जब केरला की नर्सेस इराक में फंसी थीं तो ये बीजेपी सरकार थी, जो उन्हें सुरक्षित बाहर निकालकर केरला वापस लाई। कल्पना कीजिए कि अगर दिल्ली में लेफ्ट-कांग्रेस की कमज़ोर सरकार होती तो क्या होता? ये मोदी की गारंटी है, कि दुनिया में कहीं भी, संकट चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, हर भारतीय की सुरक्षा की जाएगी।

केरेला-थिल्ले एन्डे अम्मा मारे - सहोदरि मारे,
केरला में लंबे समय से लेफ्ट और कांग्रेस पक्ष और विपक्ष का ढोंग रचते रहे हैं। जबकि ये हमेशा से एक ही थे, ये सिर्फ नाम के लिए दो पार्टियां हैं। केरला में करप्शन हो, क्राइम हो या परिवारवाद, ये दोनों सबकुछ मिलकर करते हैं। अब इंडी गठबंधन बनाकर इन्होंने घोषणा कर दी कि इनकी विचारधारा और इनकी नीतियों में कोई अंतर नहीं है। अब केरला की जनता को भी साफ पता चला है कि केरला का विकास कोई कर सकता है तो वो बीजेपी है, NDA है। लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन यानि इंडी अलायंस को केरला में भी बीजेपी ही हराएगी।

केरेला-थिल्ले एन्डे अम्मा मारे - सहोदरि मारे,
केंद्र की बीजेपी सरकार का मंत्र, राज्य के विकास से, देश के विकास का है। आज देश में चौड़ी सड़कें बन रही हैं, आधुनिक रेलवे, आधुनिक एयरपोर्ट बन रहे हैं। लेकिन इंडी गठबंधन की सरकार, सिर्फ मोदी विरोध के कारण, यहां काम होने नहीं देती। इंडी गठबंधन यहां केरला में लूट की खुली छूट चाहता है। यहां गोल्ड की स्मग्लिंग को लेकर जो खेल चलता है, जिन दफ्तरों से चलता है, वो किसी से छिपा नहीं है। ये लोग चाहते हैं कि केंद्र सरकार गरीबों के लिए, यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जो फंड देती है, उसके बारे में पूछताछ ही न हो। इसलिए, ये केंद्र की हर योजना पर अड़ंगे लगाते हैं।

केरेला-थिल्ले एन्डे अम्मा मारे - सहोदरि मारे,
इंडी गठबंधन को सिर्फ एक ही काम आता है। इंडी गठबंधन, हमारी आस्था पर चोट करता है। इन्होंने मंदिरों को, हमारे त्योहारों को भी लूट का माध्यम बना दिया है। त्रिशूर पूरम के साथ जिस प्रकार की राजनीति की जा रही है, वो दुर्भाग्यपूर्ण है। सबरीमाला में भी जिस प्रकार की अव्यवस्था सामने आई है, उससे भी श्रद्धालुओं को बहुत असुविधा हुई है। ये यहां की राज्य सरकार की अक्षमता का प्रमाण है।

केरेला-थिल्ले एन्डे अम्मा मारे - सहोदरि मारे,
भाजपा जब सबका सबका, सबका विकास की बात करती है, तो इसमें सबकी आस्था का सम्मान भी शामिल है। इसलिए, आज नॉर्थ ईस्ट सहित देश के ऐसे अनेक राज्य जहां बड़ी संख्या में ईसाई आबादी रहती है, वहां भाजपा की सरकारें हैं। हाल में क्रिसमस के दौरान मुझे दिल्ली में अपने आवास पर क्रिश्चन कम्यूनिटी को होस्ट करने का अवसर मिला। कम्यूनिटी के धर्मगुरुओं ने, इंटेलेक्चुअल्स और अचीवर्स ने जो आशीर्वाद मुझे दिया, सरकार के काम को सराहा, उसके लिए मैं उनका फिर से आभार व्यक्त करता हूं।

केरेला-थिल्ले एन्डे अम्मा मारे - सहोदरि मारे,
आपने इतना बड़ा आयोजन किया। इस उत्साह को हमें अब केरला में नारीशक्ति के आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाना है। एक ऐसा आंदोलन, जो विकसित भारत में केरला की सशक्त भूमिका सुनिश्चित करेगा। इस आंदोलन का आधार केरला की आप जैसी मेरी माताएं- बहनें ही होंगी। आपने इतनी बड़ी तादाद में आकर के हमें आशीर्वाद दिया और पूरे रास्ते भर जिस प्रकार से स्वागत सम्मान किया। इसके लिए मैं केरला के नागरिकों का हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। आप सबका भी बहुत आभार व्यक्त करता हूं। आप भी झंडी ऊपर कीजिए और मेरे साथ बोलिए, भारत माता की... आवाज जोर से आनी चाहिए... भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की... सब खड़े होने अपनी झंडी हिलाइए... भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की...
वंदे... मातरम... वंदे... मातरम... वंदे... मातरम...वंदे...मातरम.. वंदे...मातरम...वंदे...मातरम
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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‘Restoring Balance’ is a global urgency: PM Modi highlights global health challenges at WHO Global Summit on Traditional Medicine
December 19, 2025
It is India’s privilege and a matter of pride that the WHO Global Centre for Traditional Medicine has been established in Jamnagar: PM
Yoga has guided humanity across the world towards a life of health, balance, and harmony: PM
Through India’s initiative and the support of over 175 nations, the UN proclaimed 21 June as International Yoga Day; over the years, yoga has spread worldwide, touching lives across the globe: PM
The inauguration of the WHO South-East Asia Regional Office in Delhi marks another milestone. This global hub will advance research, strengthen regulation & foster capacity building: PM
Ayurveda teaches that balance is the very essence of health, only when the body sustains this equilibrium can one be considered truly healthy: PM
Restoring balance is no longer just a global cause-it is a global urgency, demanding accelerated action and resolute commitment: PM
The growing ease of resources and facilities without physical exertion is giving rise to unexpected challenges for human health: PM
Traditional healthcare must look beyond immediate needs, it is our collective responsibility to prepare for the future as well: PM

WHO के डायरेक्टर जनरल हमारे तुलसी भाई, डॉक्टर टेड्रोस़, केंद्रीय स्वास्थ्य में मेरे साथी मंत्री जे.पी. नड्डा जी, आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव जी, इस आयोजन से जुड़े अन्य देशों के सभी मंत्रीगण, विभिन्न देशों के राजदूत, सभी सम्मानित प्रतिनिधि, Traditional Medicine क्षेत्र में काम करने वाले सभी महानुभाव, देवियों और सज्जनों !

आज दूसरी WHO Global Summit on Traditional Medicine का समापन दिन है। पिछले तीन दिनों में यहां पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े दुनिया भर के एक्सपर्ट्स ने गंभीर और सार्थक चर्चा की है। मुझे खुशी है कि भारत इसके लिए एक मजबूत प्लेटफार्म का काम कर रहा है। और इसमें WHO की भी सक्रिय भूमिका रही है। मैं इस सफल आयोजन के लिए WHO का, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय का और यहां उपस्थित सभी प्रतिभागियों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

ये हमारा सौभाग्य है और भारत के लिए गौरव की बात है कि WHO Global Centre for Traditional Medicine भारत के जामनगर में स्थापित हुआ है। 2022 में Traditional Medicine की पहली समिट में विश्व ने बड़े भरोसे के साथ हमें ये दायित्व सौंपा था। हम सभी के लिए खुशी की बात है कि इस ग्लोबल सेंटर का यश और प्रभाव locally से लेकर के globally expand कर रहा है। इस समिट की सफलता इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इस समिट में Traditional knowledge और modern practices का कॉन्फ्लूएंस हो रहा है। यहां कई नए initiatives भी शुरू हुए हैं, जो medical science और holistic health के future को transform कर सकते हैं। समिट में विभिन्न देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रतिनिधियों के बीच विस्तार से संवाद भी हुआ है। इस संवाद ने ज्वाइंट रिसर्च को बढ़ावा देने, नियमों को सरल बनाने और ट्रेनिंग और नॉलेज शेयरिंग के लिए नए रास्ते खोले हैं। ये सहयोग आगे चलकर Traditional Medicine को अधिक सुरक्षित, अधिक भरोसेमंद बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

साथियों,

इस समिट में कई अहम विषयों पर सहमति बनना हमारी मजबूत साझेदारी का प्रतिबिंब है। रिसर्च को मजबूत करना, Traditional Medicine के क्षेत्र में डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाना, ऐसे रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार करना जिन पर पूरी दुनिया भरोसा कर सके। ऐसे मुद्दे Traditional Medicine को बहुत सशक्त करेंगे। यहां आयोजित Expo में डिजिटल हेल्थ टेक्नोलॉजी, AI आधारित टूल्स, रिसर्च इनोवेशन, और आधुनिक वेलनेस इंफ्रास्ट्रक्चर, इन सबके जरिए हमें ट्रेडिशन और टेक्नोलॉजी का एक नया collaboration भी देखने को मिला है। जब ये साथ आती हैं, तो ग्लोबल हेल्थ को अधिक प्रभावी बनाने की क्षमता और बढ़ जाती है। इसलिए, इस समिट की सफलता ग्लोबल दृष्टि से बहुत ही अहम है।

साथियों,

पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली का एक अहम हिस्सा योग भी है। योग ने पूरी दुनिया को स्वास्थ्य, संतुलन और सामंजस्य का रास्ता दिखाया है। भारत के प्रयासों और 175 से ज्यादा देशों के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को योग दिवस घोषित किया गया था। बीते वर्षों में हमने योग को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचते देखा है। मैं योग के प्रचार और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले हर व्यक्ति की सराहना करता हूं। आज ऐसे कुछ चुनींदा महानुभावों को पीएम पुरस्कार दिया गया है। प्रतिष्ठित जूरी सदस्यों ने एक गहन चयन प्रक्रिया के माध्यम से इन पुरस्कार विजेताओं का चयन किया है। ये सभी विजेता योग के प्रति समर्पण, अनुशासन और आजीवन प्रतिबद्धता के प्रतीक हैं। उनका जीवन हर किसी के लिए प्रेरणा है। मैं सभी सम्मानित विजेताओं को हार्दिक बधाई देता हूं, अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

मुझे ये जानकर भी अच्छा लगा कि इस समिट के आउटकम को स्थायी रूप देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया हैं। Traditional Medicine Global Library के रूप में एक ऐसा ग्लोबल प्लेटफॉर्म शुरू किया गया है, जो ट्रेडिशनल मेडिसिन से जुड़े वैज्ञानिक डेटा और पॉलिसी डॉक्यूमेंट्स को एक जगह सुरक्षित करेगा। इससे उपयोगी जानकारी हर देश तक समान रूप से पहुंचने का रास्ता आसान होगा। इस Library की घोषणा भारत की G20 Presidency के दौरान पहली WHO Global Summit में की गई थी। आज ये संकल्प साकार हो गया है।

साथियों,

यहां अलग-अलग देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने ग्लोबल पार्टनरशिप का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। एक साझेदार के रूप में आपने Standards, safety, investment जैसे मुद्दों पर चर्चा की है। इस संवाद से जो Delhi Declaration इसका रास्ता बना है, वो आने वाले वर्षों के लिए एक साझा रोडमैप की तरह काम करेगा। मैं इस joint effort के लिए विभिन्न देशों के माननीय मंत्रियों की सराहना करता हूं, उनके सहयोग के लिए मैं आभार जताता हूं।

साथियों,

आज दिल्ली में WHO के South-East Asia Regional Office का उद्घाटन भी किया गया है। ये भारत की तरफ से एक विनम्र उपहार है। ये एक ऐसा ग्लोबल हब है, जहां से रिसर्च, रेगुलेशन और कैपेसिटी बिल्डिंग को बढ़ावा मिलेगा।

साथियों,

भारत दुनिया भर में partnerships of healing पर भी जोर दे रहा है। मैं आपके साथ दो महत्वपूर्ण सहयोग साझा करना चाहता हूं। पहला, हम बिमस्टेक देशों, यानी दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में हमारे पड़ोसी देशों के लिए एक Centre of Excellence स्थापित कर रहे हैं। दूसरा, हमने जापान के साथ एक collaboration शुरू किया है। ये विज्ञान, पारंपरिक पद्धितियों और स्वास्थ्य को एक साथ जोड़ने का प्रयास है।

साथियों,

इस बार इस समिट की थीम है- ‘Restoring Balance: The Science and Practice of Health and Well-being’, Restoring Balance, ये holistic health का फाउंडेशनल थॉट रहा है। आप सब एक्स्पर्ट्स अच्छी तरह जानते हैं, आयुर्वेद में बैलेन्स, अर्थात् संतुलन को स्वास्थ्य का पर्याय कहा गया है। जिसके शरीर में ये बैलेन्स बना रहता है, वही स्वस्थ है, वही हेल्दी है। आजकल हम देख रहे हैं, डायबिटीज़, हार्ट अटैक, डिप्रेशन से लेकर कैंसर तक अधिकांश बीमारियों के background में lifestyle और imbalances एक प्रमुख कारण नजर आ रहा है। Work-life imbalance, Diet imbalance, Sleep imbalance, Gut Microbiome Imbalance, Calorie imbalance, Emotional Imbalance, आज कितने ही global health challenges, इन्हीं imbalances से पैदा हो रहे हैं। स्टडीज़ भी यही प्रूव कर रही हैं, डेटा भी यही बता रहा है कि आप सब हेल्थ एक्स्पर्ट्स कहीं बेहतर इन बातों को समझते हैं। लेकिन, मैं इस बात पर जरूर ज़ोर दूँगा कि ‘Restoring Balance, आज ये केवल एक ग्लोबल कॉज़ ही नहीं है, बल्कि, ये एक ग्लोबल अर्जेंसी भी है। इसे एड्रैस करने के लिए हमें और तेज गति से कदम उठाने होंगे।

साथियों,

21वीं सदी के इस कालखंड में जीवन के संतुलन को बनाए रखने की चुनौती और भी बड़ी होने वाली है। टेक्नोलॉजी के नए युग की दस्तक AI और Robotics के रूप में ह्यूमन हिस्ट्री का सबसे बड़ा बदलाव आने वाले वर्षों में जिंदगी जीने के हमारे तरीके, अभूतपूर्व तरीके से बदलने वाले हैं। इसलिए हमें ये भी ध्यान रखना होगा, जीवनशैली में अचानक से आ रहे इतने बड़े बदलाव शारीरिक श्रम के बिना संसाधनों और सुविधाओं की सहूलियत, इससे human bodies के लिए अप्रत्याशित चुनौतियां पैदा होने जा रही हैं। इसलिए, traditional healthcare में हमें केवल वर्तमान की जरूरतों पर ही फोकस नहीं करना है। हमारी साझा responsibility आने वाले future को लेकर के भी है।

साथियों,

जब पारंपरिक चिकित्सा की बात होती है, तो एक सवाल स्वाभाविक रूप से सामने आता है। ये सवाल सुरक्षा और प्रमाण से जुड़ा है। भारत आज इस दिशा में भी लगातार काम कर रहा है। यहां इस समिट में आप सभी ने अश्वगंधा का उदाहरण देखा है। सदियों से इसका उपयोग हमारी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में होता रहा है। COVID-19 के दौरान इसकी ग्लोबल डिमांड तेजी से बढ़ी और कई देशों में इसका उपयोग होने लगा। भारत अपनी रिसर्च और evidence-based validation के माध्यम से अश्वगंधा को प्रमाणिक रूप से आगे बढ़ा रहा है। इस समिट के दौरान भी अश्वगंधा पर एक विशेष ग्लोबल डिस्कशन का आयोजन किया गया। इसमें international experts ने इसकी सुरक्षा, गुणवत्ता और उपयोग पर गहराई से चर्चा की। भारत ऐसी time-tested herbs को global public health का हिस्सा बनाने के लिए पूरी तरह कमिटेड होकर काम कर रहा है।

साथियों,

ट्रेडिशनल मेडिसिन को लेकर एक धारणा थी कि इसकी भूमिका केवल वेलनेस या जीवन-शैली तक सीमित है। लेकिन आज ये धारणा तेजी से बदल रही है। क्रिटिकल सिचुएशन में भी ट्रेडिशनल मेडिसिन प्रभावी भूमिका निभा सकती है। इसी सोच के साथ भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि आयुष मंत्रालय और WHO-Traditional Medicine Center ने नई पहल की है। दोनों ने, भारत में integrative cancer care को मजबूत करने के लिए एक joint effort किया है। इसके तहत पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को आधुनिक कैंसर उपचार के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। इस पहल से evidence-based guidelines तैयार करने में भी मदद मिलेगी। भारत में कई अहम संस्थान स्वास्थ्य से जुड़े ऐसे ही गंभीर विषयों पर क्लिनिकल स्टडीज़ कर रहे हैं। इनमें अनीमिया, आर्थराइटिस और डायबिटीज़ जैसे विषय भी शामिल हैं। भारत में कई सारे स्टार्ट-अप्स भी इस क्षेत्र में आगे आए हैं। प्राचीन परंपरा के साथ युवाशक्ति जुड़ रही है। इन सभी प्रयासों से ट्रेडिशनल मेडिसिन एक नई ऊंचाई की तरफ बढ़ती दिख रही है।

साथियों,

आज पारंपरिक चिकित्सा एक निर्णायक मोड़ पर खड़ी है। दुनिया की बड़ी आबादी लंबे समय से इसका सहयोग लेती आई है। लेकिन फिर भी पारंपरिक चिकित्सा को वो स्थान नहीं मिल पाया था, जितना उसमें सामर्थ्य है। इसलिए, हमें विज्ञान के माध्यम से भरोसा जीतना होगा। हमें इसकी पहुंच को और व्यापक बनाना होगा। ये जिम्मेदारी किसी एक देश की नहीं है, ये हम सबका साझा दायित्व है। पिछले तीन दिनों में इस समिट में जो सहभागिता, जो संवाद और जो प्रतिबद्धता देखने को मिली है, उससे ये विश्वास गहरा हुआ है कि दुनिया इस दिशा में एक साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार है। आइए, हम संकल्प लें कि पारंपरिक चिकित्सा को विश्वास, सम्मान और जिम्मेदारी के साथ मिलकर के आगे बढ़ाएंगे। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।