QuoteA fit mind in a fit body is important: PM Modi
QuoteLifestyle diseases are on the rise due to lifestyle disorders and we can ensure we don't get them by being fitness-conscious: PM
QuoteLet us make FIT India a Jan Andolan: PM Modi

मंत्रिपरिषद के मेरे सहयोगी श्रीमान नरेंद्र सिंह जी तोमर, डॉक्‍टर हर्षवर्धन जी, रमेश पोखरियाल निशंक जी और इस पूरे अभियान का जो नेतृत्‍व संभाल रहे हैं, श्रीमान किरेन रिजिजू जी, यहां उपस्थित सभी वरिष्‍ठ महानुभाव, खेल जगत के सारे सितारे और मेरे प्‍यारे विद्यार्थी भाइयो और बहनो,

कुछ लोगों को लगता होगा कि हम तो स्‍कूल जाते नहीं हैं, कॉलेज जाते नहीं हैं, लेकिन मोदी जी ने सिर्फ विद्यार्थियों को क्‍यों कहा। आप लोग यहां आए हैं, उम्र कोई भी हो, लेकिन मुझे विश्‍वास है आपके भीतर का विद्यार्थी जिंदा है।

आप सभी को National Sports Day की अनेक-अनेक शुभकामनाएं। आज के ही दिन हमें मेजर ध्‍यानचंद के रूप में एक महान sports person मिले थे। अपनी fitness, stamina और hockey stick से दुनिया को उन्‍होंने मंत्रमुग्‍ध कर दिया था। ऐसे मेजर ध्‍यानचंद जी को मैं आज आदरपूर्वक नमन करता हूं।

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आज के दिन Fit India Movement, ऐसा initiative launch करने के लिए एक Healthy India की दिशा में एक महत्‍वपूर्ण कदम और इस concept से movement के लिए, मैं खेल मंत्रालय को, युवा विभाग को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

यहां जो आज प्रस्‍तुति हुई, इस प्रस्‍तुति में हर पल fitness का कोई न कोई मैसेज था। परम्‍पराओं का स्‍मरण कराते हुए सहज रूप से हम अपने-आपको फिट कैसे रख सकते हैं, बहुत उत्‍तम तरीके से इन चीजों को प्रस्‍ततु किया। और ये चीजें इतने बढ़िया ढंग से प्रस्‍तुत हुई हैं कि मुझे मेरे भाषण की कोई जरूरत नहीं लगती है। यहां प्रस्‍तुति में जितनी बातें बताई गई हैं, उसी को अगर हम गांठ बांध लें और एकाध-दो, एकाध-दो को जिंदगी का हिस्‍सा बना लें; मैं नहीं मानता हूं कि फिटनैस के लिए मुझे कोई उपदेश देने की आवश्‍यकता पड़ेगी।

इस उत्‍तम कार्य रचना के लिए, इस उत्‍तम प्रकार की प्रस्‍तुति के लिए, जिन्‍होंने इसको conceptualize किया होगा, जिन्‍होंने इसमें नए-नए रंग-रूप भरे होंगे, और जिन्‍होंने परिश्रम करके इसको प्रस्‍तुत किया है; आप सभी बहुत-बहुत अभिनंदन के अधिकारी हैं। मैं भविष्‍य में चाहूंगा कि इसी में से एक अच्‍छा professional video बना करके सभी school, collages में दिखाया जाए ताकि सहज रूप से, क्‍योंकि एक जनआंदोलन बनना चाहिए।

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सा‍थियो,

आज का ये दिन हमारे उन युवा खिलाड़ियों को बधाई देने का भी है, जो निरंतर दुनिया के मंच पर तिरंगे की शान को नई बुलंदी दे रहे हैं। बेडमिंटन हो, टेनिस हो, एथलेटिक्स हो, बॉक्सिंग हो, कुश्ती हो या फिर दूसरे खेल, हमारे खिलाड़ी हमारी उम्मीदों और आकांक्षाओं को नए पंख लगा रहे हैं। उनका जीता हुआ मेडल, उनके तप और तपस्या का परिणाम तो है ही, ये नए भारत के नए जोश और नए आत्मविश्वास का भी पैमाना है। मुझे खुशी है कि बीते पांच वर्षों में भारत के sports के लिए बेहतर माहौल बनाने के जो प्रयास हुए हैं, उसका लाभ आज हमें दिखाई दे रहा है।

साथियो, Sports का सीधा नाता है Fitness से। लेकिन आज जिस Fit India Movement की शुरुआत हुई है, उसका विस्तार Sports से भी बढ़ करके आगे जाने का है। Fitness एक शब्द नहीं है बल्कि स्वस्थ और समृद्ध जीवन की एक जरूरी शर्त है। हमारी संस्‍कृति में तो हमेशा से ही Fitness पर बहुत ज्‍यादा जोर दिया गया है। किसी बीमारी के बाद परहेज से हमने ज्‍यादा बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य के लिए किए जाने वाले उपायों को प्राथमिकता दी है, उनको श्रेष्‍ठ माना है। Fitness हमारे जीवन का सहज हिस्‍सा रही है। और हमारे यहां तो हमारे पूर्वजों ने, हमारे साथियों ने बार-बार कहा है –

व्यायामात् लभते स्वास्थ्यं दीर्घायुष्यं बलं सुखं।

आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम्॥

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यानी व्‍यायाम से ही स्‍वास्‍थ्‍य, लम्‍बी आयु, शक्ति और सुख की प्राप्‍त होती है। निरोगी होना परम भाग्‍य है, और स्‍वास्‍थ्‍य से अन्‍य सभी कार्य सिद्ध होते हैं। लेकिन समय रहते-रहते परिभाषाएं बदल गईं- पहले हमें सिखाया जाता था, हमें सुनने को मिलता था कि स्‍वास्‍थ्‍य से ही सभी कार्य सिद्ध होते हैं, अब सुनने को मिलता है स्‍वार्थ से ही सभी कार्य सिद्ध होते हैं। और इसलिए ये स्‍वार्थ भाव को स्‍वास्‍थ्‍य भाव तक फिर से वापिस ले जाने का एक सामूहिक प्रयास आवश्‍यक हो गया है।

साथियो,

मैं जानता हूं कि कुछ लोग ये सोच रहे होंगे Fitness जरूरी है ये तो हमें भी पता है, फिर अचानक इस तरह की movement की जरूरत क्‍या है? साथियो, जरूरत है और आज शायद बहुत ज्‍यादा जरूरत है। Fitness हमारे जीवन के तौर-तरीकों, हमारे रहन-सहन का अभिन्‍न अंग रहा है, लेकिन ये भी सच है कि समय के साथ Fitness को लेकर हमारे समाज-जीवन में, हमारी सोसायटी में एक उदासीनता आ गई है।

समय कैसे बदला है, उसका एक उदाहरण मैं आपको देता हूं। कुछ दशक पहले तक एक सामान्य व्यक्ति एक दिन में 8-10 किलोमीटर पैदल चल लेता था, कुछ एकाध घंटे भर साइकिल चला लेता था, कभी बस पकड़ने के लिए भागता था। यानी जीवन में शारीरिक गतिविधि सहज हुआ करती थी। फिर धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी बदली, आधुनिक साधन आए और व्यक्ति का पैदल चलना कम हो गया। Physical activity कम हो गई। और अब स्थिति क्या है? टेक्नोलॉजी ने हमारी ये हालत कर दी है कि हम चलते कम हैं और वही टेक्नोलॉजी हमें गिन-गिन के बताती है कि आज आप इतने steps चले, अभी 5 हजार steps नहीं हुए, 2 हजार steps नहीं हुए, और हम मोबाइल फोन देखते रहते हैं। यहां मौजूद आप में से कितने लोग 5 हजार, 10 हजार steps वाला काम करते हैं? कई लोग होंगे जिन्‍होंने इस प्रकार की watch पहनी होगी या मोबाइल फोन पर एप डालकर रखी होगी। मोबाइल पर चैक करते रहते हैं कि आज कितने steps हुए।

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साथियो,

आप में से बहुत से लोग सजग हैं, सतर्क हैं, लेकिन देश में बहुत बड़ी संख्‍या ऐसे लोगों की भी है जो अपनी daily life में इतना मशगूल हैं कि अपनी Fitness पर ध्‍यान ही नहीं दे पाते। इनमें से कुछ लोग तो और भी विशेष हैं। और आपने देखा होगा कुछ चीजें फैशन स्‍टेटमेंट हो जाती हैं। और इसलिए Fitness की जरा बात करना दोस्‍तों में- भोजन की टेबल पर बैठे हैं, भरपूर खा रहे हैं, आवश्‍यकता से डबल खा चुके हैं और बड़े आराम से डायटिंग की चर्चा करते हैं। महीने में कम से कम दस दिन आपको अनुभव होता होगा कि आप डायनिंग टेबल पर बैठे हैं, भरपूर खा रहे हैं और बड़े मजे से डायटिंग पर बढ़िया-बढ़िया उपदेश दे रहे हैं। यानी ये लोग जोश में आकर बातें भी करते हैं और इससे जुड़े गैजेट खरीदते रहते हैं और उनको ध्‍यान में रहता है ऐसे कोई नया गैजेट होगा, शायद मेरा Fitness ठीक हो जाएगा। और आपने देखा होगा, घर में तो बहुत बड़ा जिम होगा, Fitness के लिए सब कुछ होगा, लेकिन उसकी सफाई के लिए भी नौकर रखना पड़ता है क्‍योंकि कभी जाते नहीं है और कुछ दिन बाद वो सामान घर के सबसे किनारे वाले कमरे में रख दिया जाता है। लोग मोबाइल पर Fitness वाले एप भी डाउनलोड करने में सबसे आगे होते हैं, लेकिन कुछ दिन बाद उस एप को कभी देखते भी नहीं हैं, यानी ढाक के तीन पात।

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मेरा जन्‍म गुजरात में हुआ। हमारे यहां गुजरात में एक ज्योतीन्द्र भाई दवे करके बहुत ही उत्‍तम प्रकार के हास्‍य लेखक थे। व्‍यंग्‍य लिखते थे और बड़ा interesting लिखते थे। और ज्‍यादातर वो अपने खुद पर व्‍यंग्‍य करते थे। अच्‍छा, उनके शरीर का वो वर्णन करते – वो कहते थे मैं कहीं खड़ा रहता हूं, दीवार के पास खड़ा हूं तो लोगों को लगता था कि हैंगर पर कुछ कपड़े टंगे हुए हैं, यानी वो इतने दुबले थे कि ऐसा लगता था कि जैसे हैंगर पर कपड़े टंगे हैं, तो कोई मानने को तैयार नहीं होता था कि मैं कोई इंसान वहां खड़ा हूं। फिर वो लिखते थे कि मैं घर से निकलता हूं तो मेरी जेब में पत्‍थर भर के चलता हूं। वो कोट पहनते थे, सभी जेब के अंदर पत्‍थर भरते थे। तो लोग मुझे मानते थे शायद मैं हिंसा कर बैठूंगा, मार दूंगा। तो लोग मुझे पूछते थे- इतने सारे पत्‍थर लेकर क्‍यों चलते हो? तो उन्‍होंने कहा कि मुझे डर लगता है कहीं हवा आए उड़ न जाऊं। ऐसी बड़ी मजेदार चीजें लिखते थे वो। एक बार किसी ने उनको कहा कि पत्‍थर-वत्‍थर ले करके घूमने के बजाय आप थोड़ा जरा व्‍यायाम करते रहिए, व्‍यायामशाला में जाइए। तो उन्‍होंने उस सज्‍जन को पूछा कि कितना व्‍यायाम करना चाहिए, बोले बस पसीना हो जाए इतना तो शुरू करो पहले। व्‍यायामशाला में जाओ और पसीना हो जाए, उतना करिए। तो बोले- ठीक है, कल से जाऊंगा। तो दूसरे दिन बोले- मैं व्‍यायामशाला पहुंच गया और ये हमारे जो कुश्‍तीबाज होते हैं, वो लोग अखाड़े में अपनी कुश्‍ती कर रहे थे। बोले- जा करके मैं देखने लगा और देखते ही मेरा पसीना छूट गया, तो मुझे लगा कि मेरी exercise को गई। यानी ये बात हंसी की जरूर है, मजाक अपनी जगह है, लेकिन स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अच्‍छा भी है, लेकिन कुछ चिंताएं इससे भी बड़ी हैं।

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आज भारत में diabetes, hypertension जैसी अनेक lifestyle diseases बढ़ती जा रही हैं। कभी-कभी तो सुनते हैं परिवार में 12-15 साल का बच्‍चा diabetic patient हो गया है। अपने आसपास देखिए, तो आपको अनेक लोग इनसे पीड़ित मिल जाएंगे। पहले हम सुनते थे कि 50-60 की उम्र के बाद हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन आज कभी-कभी खबर आती है 30 साल, 35 साल, 40 साल का नौजवान बेटा-बेटी चले गए, हार्ट अटैक आ रहा है। ये स्थिति वाकई बहुत चिंताजनक है, लेकिन इन सारी स्थितियों में भी उम्‍मीद की एक किरण भी है। अब आप सोचेंगे कि इन बीमारियों के बीच भी उम्‍मीद की किरण की बात कैसे कह रहा हूं। मैं स्‍वभाव से बहुत ही positive thinking करने वाला इंसान हूं। इसलिए मैं उसमें से भी कुछ अच्‍छी चीजें ढूंढकर निकालता हूं।

साथियो,

Lifestyle disease हो रही है lifestyle disorder की वजह से। अब Lifestyle disorder को हम lifestyle बदल के, उसमें बदलाव करके, उसको ठीक भी कर सकते हैं। तमाम ऐसी बीमारियां हैं जिन्हें हम अपने daily routine में छोटे-छोटे बदलाव करके, अपनी lifestyle में बदलाव करके उससे हम बच सकते हैं, उसको दूर रख सकते हैं। इन बदलावों के लिए देश को प्रेरित करने का नाम ही Fit India Movement है। और ये कोई सरकारी Movement नहीं है। सरकार तो एक catalytic agent के रूप में इस विषय को आगे बढ़ाएगी, लेकिन एक प्रकार से हर परिवार का एजेंडा बनना चाहिए, ये हर परिवार की चर्चा का विषय बनना चाहिए। अगर व्‍यापारी हर महीने हिसाब लगता है कितनी कमाई की, शिक्षा में रुचि रखने वाले परिवार में चर्चा करते हैं बेटों को कितने marks आया; उसी प्रकार से परिवार के अंदर सहज रूप से शारीरिक श्रम, शारीरिक व्‍यायाम, physical fitness, ये रोजमर्रा की जिंदगी की चर्चा के विषय बनने चाहिए।

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और साथियो, भारत में ही अचानक इस तरह की जरूरत महसूस हुई हो, ऐसा नहीं है। समय के साथ ये बदलाव सिर्फ भारत में ही आ रहा है, ऐसा भी नहीं है। पूरे विश्‍व में आज इस तरह के अभियानों की जरूरत महसूस की जा रही है। अनेक देश अपने यहां fitness के प्रति awareness बढ़ाने के लिए बड़े-बड़े अभियान चला रहे हैं। हमारे पड़ोस में चीन- Healthy China 2030, इसको mission mode में काम कर रहा है। यानी 2030 तक China का हर नागरिक तदुरुस्‍त हो, इसके लिए उन्‍होंने पूरा टाइम टेबल बनाया है। इसी तरह ऑस्‍ट्रेलिया अपने नागरिकों की physical activity बढ़ाने और inactive यानी आलसीपन जो है, कुछ करना-धरना नहीं, उस स्‍वभाव को बदलने के लिए उन्‍होंने ल्‍क्ष्‍य तय किया है कि 2030 तक देश के 15 प्रतिशत नागरिकों को आलस से बाहर निकाल करके fitness के लिए, activeness के लिए हम काम करेंगे। ब्रिटेन में जोर-शोर से अभियान चल रहा है कि 2020 तक पांच लाख नए लोग daily exercise के routine से जुड़ें, ये उन्‍होंने target तय किया है। अमेरिका 2021 तक अपने एक हजार शहरों को free fitness अभियान से जोड़ने का काम कर रहा है। जर्मनी में भी fit instead of fat, इसका बड़ा अभियान चल रहा है।

साथियो, मैंने आपको कुछ ही देशों के नाम गिनाए हैं। अनेक देश बहुत पहले से इस पर काम शुरू कर चुके हैं। इन सारे देशों में लोग fitness की जरूरत को समझते हैं, लेकिन फिर भी उन्‍होंने अपने यहां विशेष अभियान शुरू किए हैं। सोचिए- आखिर क्‍यों? क्‍योंकि सिर्फ कुछ लोगों को फिट रहने से नहीं, बल्कि पूरे देश के फिट रहने से ही देश का फायदा होगा। नए भारत का हर नागरि‍क फिट रहे, अपनी ऊर्जा बीमारियों के इलाज में नहीं बल्कि खुद को आगे बढ़ाने में, अपने परिवार, अपने देश को आगे बढ़ाने में लगाए, इस दिशा में हमें आगे बढ़ना होगा।

सा‍थियो,

जीवन में जब आप एक लक्ष्‍य तय कर लेते हैं तो उस लक्ष्‍य के अनुसार ही हमारा जीवन ढलना शुरू हो जाता है। जीवन ढल जाता है, हमारी आदतें वैसी बन जाती हैं, हमारी दिनचर्या वैसी बन जाती है। हमको सुबह आठ बजे उठने की आदत हो, लेकिन कभी सुबह 6 बजे अगर जहाज पकड़ना है, 6 बजे ट्रेन पकड़नी है, तो हम उठते ही हैं, तैयार होकर चलते ही हैं। किसी student ने अगर ये तय किया कि मुझे 10वीं या 12वीं के बोर्ड में कम से कम इतने पर्सेंट लाने ही हैं, तो आपने देखा होगा कि वो अपने-आप, अपने में एक बहुत बड़ा बदलाव लाना शुरू कर देता है। अपने लक्ष्‍य को हासिल करने की धुन में उसका आलस खत्‍म हो जाता है, उसकी sitting capacity बढ़ जाती है, उसकी concentration capacity बढ़ जाती है, वो दोस्‍तों से समय धीरे-धीरे कम करता जाता है, थोड़ा खाने की आदत कम करता जाता है, टीवी देखना बंद कर देता है, यानी जीवन को ढालने लग जाता है क्‍योंकि मन में लक्ष्‍य हो गया कि मुझे ये करना है।

इसी तरह कोई अगर अपने जीवन का लक्ष्‍य wealth creation बनाता है तो उसका जीवन भी बदल जाता है। वो चौबीसो घंटे अपने लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने में जुटा रहता है। ऐस ही जब जीवन में fitness के प्रति awareness आती है, health consciousness आती है, मन एक बार तय करे कि भाई मैं बिल्‍कुल ही कभी थकूंगा नहीं, कभी सांस फूलेगी नहीं, चलना पड़ेगा तो चलूंगा, दौड़ना पड़ेगा तो दौड़ूंगा, चढना पड़े तो चढूंगा, रुकूंगा नहीं। आप देखिए, धीरे-धीरे-धीरे आपकी जीवन दिनचर्या भी वैसी बनना शुरू हो जाती है। और फिर ऐसी चीजें जो शरीर को नुकसान करती हैं, उससे वो व्‍यक्ति दूर रहता है क्‍योंकि उसके अंदर एक consciousness आ जाती है, जागरूक हो जाता है। जैसे वो drugs की गिरफ्त में कभी नहीं आएगा, उसके लिए कभी drugs cool नहीं होगी, style statement नहीं बनेगी।

साथियो,

स्‍वामी विवेकानंद जी भी कहते थे कि अगर जीवन में purpose हो, पूरे passion के साथ उसके लिए काम किया जाए तो अच्‍छा स्‍वास्‍थ्‍य, सुख-समृद्धि उसके by-product के रूप में आपके जीवन में आ जाते हैं। अपने जीवन के उददेश्‍य को हासिल करने के लिए हमारे भीतर एक जुनून, एक इच्‍छाशक्ति, एक लगन का होना भी उतना ही जरूरी है। जब एक purpose के साथ, passion के साथ हम काम करते हैं, आगे बढ़ते हैं तो सफलता हमारे कदम चूमने के लिए तैयार हो जाती है। और सफलता पर आपने वो कहावत भी सुनी होगी- There is no elevator to success, you have to take the stairs. यानी इस कहावत में भी आपको सीढ़ी के कदम चढ़ने के लिए ही कहा गया है। Step तो आप तभी चढ़ पाएंगे जब फिट होंगे, वरना लिफ्ट बंद हो गई तो सोचेंगे यार आज नहीं जाएंगे, कौन चौथी मंजिल पर जाएगा।

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भाइयो और बहनो,

सफलता और फिटनेस का रिश्ता भी एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है। आज आप कोई भी क्षेत्र लीजिए, अपने icons को देखिए, उनकी success stories को देखिए, चाहे वो Sports में हों, फिल्मों में हों, बिजनेस में हों, इनमें से अधिकतर फिट हैं। ये सिर्फ संयोग मात्र नहीं है। अगर आप उनकी lifestyle के बारे में पढ़ेंगे तो पाएंगे कि एक चीज, ऐसे हर व्यक्ति में Common है। सफल लोगों का Common character है - Fitness पर उनका फोकस, Fitness पर उनका भरोसा। आपने बहुत से डॉक्‍टरों को भी देखा होगा, बहुत popular होते हैं और दिन में 10-10, 12-12 घंटे अनेक patients के ऑपरेशन करते हैं। बहुत से उद्यमी सुबह एक मीटिंग एक शहर में करते हैं, दूसरी मीटिंग दूसरे शहर में करते हैं, उनके चेहरे पर शिकन तक नहीं आती। उतनी ही alertness के साथ काम करते हैं। आप किसी भी प्रोफेशन में हों, आपको अपने प्रोफेशन में efficiency लानी है तो मेंटल और फिजिकल फिटनेस बहुत जरूरी है। चाहे Boardroom हो या फिर Bollywood, जो फिट है वो आसमान छूता है। Body fit है तो Mind hit है।

सा‍थियो,

जब फिटनेस की तरफ हम ध्यान देते हैं, हम फिटनेस पर ध्‍यान देते हुए अपने आपको फिट करने की कोशिश करते हैं, तो इससे हमें अपनी बॉडी को भी समझने का मौका मिलता है। ये हैरानी की बात है, लेकिन हम अपने शरीर के बारे में, अपनी ताकत, अपनी कमजोरियों के बारे में बहुत ही कम जानते हैं। इसलिए जब हम Fitness की अपनी यात्रा पर निकलते हैं तो अपनी बॉडी को बेहतर ढंग से समझना शुरु करते हैं। और मैंने ऐसे कई लोगों को देखा है जिन्होंने ऐसे ही अपनी Body की शक्ति को जाना है, पहचाना है। इससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है, जिससे एक बेहतर व्यक्तित्व के निर्माण में उन्हें मदद मिली है।

और इसलिए मैं चाहूंगा कि हर प्रकार से हम फिटनेस को एक उत्‍सव के रूप में, जीवन के एक हिस्‍से के रूप में, परिवार के सफलता के जितने भी मानक हों, उसमें फिटनेस भी एक परिवार की सफलता का मानक होना चाहिए। व्‍यक्ति के जीवन की सफलताओं में भी फिटनेस उसका एक मानक होना चाहिए। अगर इन भावों को ले करके हम चलते हैं और राज्‍य सरकारें हो, मैं उनको भी कहूंगा कि Fit India Movement को ज्‍यादा से ज्‍यादा विस्‍तार देने, इसे देश के दूर-दराज वाले क्षेत्रों में पहुंचाने के लिए हर कोई आगे आए। अपने स्‍कूलों में, अपने कार्यालयों में, अपने राज्‍य के लोगों में फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ाकर, उनके लिए आवश्‍यक संसाधन जुटाकर हमें ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को daily अपना कुछ समय फिटनेस को देने के लिए प्रेरित करना होगा। स्‍वस्‍थ व्‍यक्ति, स्‍वस्‍थ परिवार और स्‍वस्‍थ समाज, यही नए भारत को श्रेष्‍ठ भारत बनाने का रास्‍ता है। जैसे आपने स्‍वच्‍छ भारत अभियान को अपने जीवन का हिस्‍सा बनाया है, उसी तरह Fit India Movement को भी अपने जीवन का हिस्‍सा बनाना है।

आइए, आप आज ये संकल्‍प लें, ये प्रतिज्ञा लें कि आप खुद भी फिट रहेंगे, अपने परिवार, मित्रों, पड़ोसियों, और जिनको भी आप जानते हैं, उन सभी को फिट रहने के लिए प्रोत्‍साहित करेंगे। मैं फिट तो इंडिया फिट।

इसी एक आग्रह के साथ एक बार फिर इस अभियान के लिए देशवासियों को मेरी अनेक-अनेक शुभकामनाएं हैं और समाज के हर तबके में नेतृत्‍व करने वाले लोगों से मेरा आग्रह है कि आप आगे आइए, इस movement को बल दीजिए, समाज के स्‍वस्‍थ होने में आप भी हिस्‍सेदार बनिए। इसी एक अपेक्षा के साथ, अनेक-अनेक शुभकामनाओं के साथ आप सबका बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Prime Minister congratulates eminent personalities nominated to Rajya Sabha by the President of India
July 13, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has extended heartfelt congratulations and best wishes to four distinguished individuals who have been nominated to the Rajya Sabha by the President of India.

In a series of posts on social media platform X, the Prime Minister highlighted the contributions of each nominee.

The Prime Minister lauded Shri Ujjwal Nikam for his exemplary devotion to the legal profession and unwavering commitment to constitutional values. He said Shri Nikam has been a successful lawyer who played a key role in important legal cases and consistently worked to uphold the dignity of common citizens. Shri Modi welcomed his nomination to the Rajya Sabha and wished him success in his parliamentary role.

The Prime Minister said;

“Shri Ujjwal Nikam’s devotion to the legal field and to our Constitution is exemplary. He has not only been a successful lawyer but also been at the forefront of seeking justice in important cases. During his entire legal career, he has always worked to strengthen Constitutional values and ensure common citizens are always treated with dignity. It’s gladdening that the President of India has nominated him to the Rajya Sabha. My best wishes for his Parliamentary innings.”

Regarding Shri C. Sadanandan Master, the Prime Minister described his life as a symbol of courage and resistance to injustice. He said that despite facing violence and intimidation, Shri Sadanandan Master remained committed to national development. The Prime Minister also praised his contributions as a teacher and social worker and noted his passion for youth empowerment. He congratulated him on being nominated to the Rajya Sabha by Rashtrapati Ji and wished him well in his new responsibilities.

The Prime Minister said;

“Shri C. Sadanandan Master’s life is the epitome of courage and refusal to bow to injustice. Violence and intimidation couldn’t deter his spirit towards national development. His efforts as a teacher and social worker are also commendable. He is extremely passionate towards youth empowerment. Congratulations to him for being nominated to the Rajya Sabha by Rahstrapati Ji. Best wishes for his role as MP.”

On the nomination of Shri Harsh Vardhan Shringla, the Prime Minister stated that he has distinguished himself as a diplomat, intellectual, and strategic thinker. He appreciated Shri Shringla’s contributions to India’s foreign policy and his role in India’s G20 Presidency. The Prime Minister said he is glad to see him nominated to the Rajya Sabha and expressed confidence that his insights will enrich parliamentary debates.

The Prime Minister said;

“Shri Harsh Vardhan Shringla Ji has excelled as a diplomat, intellectual and strategic thinker. Over the years, he’s made key contributions to India’s foreign policy and also contributed to our G20 Presidency. Glad that he’s been nominated to the Rajya Sabha by President of India. His unique perspectives will greatly enrich Parliamentary proceedings.
@harshvshringla”

Commenting on the nomination of Dr. Meenakshi Jain, the Prime Minister said it is a matter of immense joy. He acknowledged her distinguished work as a scholar, researcher, and historian, and noted her contributions to education, literature, history, and political science. He extended his best wishes for her tenure in the Rajya Sabha.

The Prime Minister said;

“It’s a matter of immense joy that Dr. Meenakshi Jain Ji has been nominated to the Rajya Sabha by Rashtrapati Ji. She has distinguished herself as a scholar, researcher and historian. Her work in the fields of education, literature, history and political science have enriched academic discourse significantly. Best wishes for her Parliamentary tenure.
@IndicMeenakshi”