Our development initiatives must be centred around rural development: PM Modi

Published By : Admin | April 14, 2016 | 15:53 IST
Dr. Ambedkar had fought against injustice in society: PM Modi
Gram Uday Se Bharat Uday Abhiyan will focus on development initiatives in rural areas: PM
Our development initiatives must be centred around rural development: PM Modi
18,000 unelectrified villages are being electrified with a 1000 day deadline: PM
Digital connectivity is essential in villages: PM Modi
Gov't aims to double farmers' income, increase purchasing power of people in rural areas: PM

विशाल संख्‍या में पधारे हुए मेरे प्‍यारे भाइयो और बहनों,

ये मेरा सौभाग्‍य है कि आज डॉ. बाबा साहेब अम्‍बेडकर की 125वीं जन्‍म जयंती निमित्‍त, जिस भूमि पर इस महा पुरूष ने जन्‍म लिया था, जिस धरती पर सबसे पहली बार जिसके चरण-कमल पड़े थे, उस धरती को नमन करने का मुझे अवसर मिला है।

मैं इस स्‍थान पर पहले भी आया हूं। लेकिन उस समय के हाल और आज के हाल में आसमान-जमीन का अंतर है और मैं मध्‍य प्रदेश सरकार को, श्रीमान सुंदरलाल जी पटवा ने इसका आरंभ किया, बाद में श्रीमान शिवराज की सरकार ने इसको आगे बढ़ाया, परिपूर्ण किया। इसके लिए हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं उनका अभिनंदन करता हूं।

बाबा साहेब अम्‍बेडकर एक व्‍यक्ति नहीं थे, वे एक संकल्‍प का दूसरा नाम थे। बाबा साहेब अम्‍बेडकर जीवन जीते नहीं थे वो जीवन को संघर्ष में जोड़ देते थे, जोत देते थे। बाबा साहेब अम्‍बेडकर अपने मान-सम्‍मान, मर्यादाओं के लिए नहीं लेकिन समाज की बुराईयों के खिलाफ जंग खेल करके आखिरी झोर पर बैठा हुआ दलित हो, पीढि़त हो, शोषित हो, वंचित हो। उनको बराबरी मिले, उनको सम्‍मान मिले, इसके लिए अपमानित हो करके भी अपने मार्ग से कभी विचलित नहीं हुए। जिस महापुरूष के पास इतनी बड़ी ज्ञान संपदा हो, जिस महापुरूष के युग में विश्‍व की गणमान्‍य यूनिवर्सिटिस की डिग्री हो, वो महापुरूष उस कालखंड में अपने व्‍यक्तिगत जीवन में लेने, पाने, बनने के लिए सारी दुनिया में अवसर उनके लिए खुले पड़े थे। लेकिन इस देश के दलित, पीढि़त, शोषित, वंचितों के लिए उनके दिल में जो आग थी, जो उनके दिल में कुछ कर गुजरने का इरादा था, संकल्‍प था। उन्‍होंने इन सारे अवसरों को छोड़ दिया और वह अवसरों को छोड़ करके, फिर एक बार भारत की मिट्टी से अपना नाता जोड़ करके अपने आप को खपा दिया।

आज 14 अप्रैल बाबा साहेब अम्‍बेडकर की जन्‍म जयंती हो और मुझे हमारे अखिल भारतीय भिक्षुक संघ के संघ नायक डॉ. धम्मवीरयो जी का सम्‍मान करने का अवसर मिला। वो भी इस पवित्र धरती पर अवसर मिला। बहुत कम लोगों को पता होगा कि कैसी बड़ी विभूति आज हमारे बीच में है।

कहते है 100 भाषाओं के वो जानकार है, 100 भाषाएं, Hundred Languages. और बर्मा में जन्‍मे बाबा साहेब अम्‍बेडकर उन्‍हें बर्मा में मिले थे और बाबा साहेब के कहने पर उन्‍होंने भारत को अपनी कर्म भूमि बनाया और उन्‍होंने भारत में बुद्ध सत्‍व से दुनिया को जोड़ने को प्रयास अविरत किया।

मेरा तो व्‍यक्तिगत नाता उनके इतना निकट रहा है, उनके इतने आर्शीवाद मुझे मिलते रहे है। मेरे लिए वो एक प्रेरणा को स्‍थान रहे है। लेकिन आज मुझे खुशी है कि मुझे उनका सम्‍मान करने का सौभाग्‍य मिला। बाबा साहेब अम्‍बेडकर के साथ उनका वो नाता और बाबा साहेब अम्‍बेडकर ने कहा तो पूरा जीवन भारत के लिए खपा दिया। और ज्ञान की उनकी कोई तुलना नहीं कर सकता, इतने विद्यमान है। वे आज हमारे मंच पर आए इस काम की शोभा बढ़ाई इसलिए मैं डॉ. धम्मवीरयो जी का, संघ नायक जी का हृदय से आभार करता हूं। मैं फिर से एक बार प्रणाम करता हूं।

आज 14 अप्रैल से आने वाली 24 अप्रैल तक भारत सरकार के द्वारा सभी राज्‍यों सरकारों के सहयोग के साथ “ग्राम उदय से भारत उदय”, एक व्‍यापक अभियान प्रारंभ हो रहा है और मुझे खुशी है कि बाबा साहेब अम्‍बेडकर ने हमें जो संविधान दिया। महात्‍मा गांधी ने ग्राम स्‍वराज की जो भावना हमें दी, ये सब अभी भी पूरा होना बाकी है। आजादी के इतने सालों के बाद जिस प्रकार से हमारे गांव के जीवन में परिवर्तन आना चाहिए था, जो बदलाव आना चाहिए था। बदले हुए युग के साथ ग्रामीण जीवन को भी आगे ले जाने का आवश्‍यक था। लेकिन ये दुख की बात है अभी भी बहुत कुछ करना बाकि है। भारत का आर्थिक विकास 5-50 बढ़े शहरों से होने वाला नहीं है। भारत का विकास 5-50 बढ़े उद्योगकारों से नहीं होने वाला। भारत का विकास अगर हमें सच्‍चे अर्थ में करना है और लंबे समय तक Sustainable Development करना है तो गांव की नींव को मजबूत करना होगा। तब जा करके उस पर विकास की इमारत हम Permanent बना सकते है।

और इसलिए इस बार आपने बजट में भी देखा होगा कि बजट पूरी तरह गांव को समर्पि‍त है, किसान को समर्पित है। और एक लंबे समय तक देश के ग्रामीण अर्थकारण को नई ऊर्जा मिले, नई गति मिले, नई ताकत मिले उस पर बल दिया गया है। और मैं साफ देख रहा हूं, जो भावना महात्‍मा गांधी की अभिव्‍यक्ति में आती थी, जो अपेक्षा बाबा साहेब अम्‍बेडकर संविधान में प्रकट हुई है, उसको चरितार्थ करने के लिए, टुकड़ो में काम करने से चलने वाला नहीं है। हमें एक जितने भी विकास के स्रोत हैं, सारे विकास के स्रोत को गांव की ओर मोड़ना है।

मैं सरकार में आने के बाद अगल-अलग कामों का Review करता रहता हूं, बहुत बारिकी से पूछता रहता हूं। अभी कुछ महिने पहले मैं भारत में ऊर्जा की स्थिति का Review कर रहा था। मैंने अफसरों को पूछा कि आजादी के अब 70 साल होने वाले है कुछ ही समय के बाद। कितने गांव ऐसे है जहां आजादी के 70 साल होने आए, अभी भी बिजली का खंभा नहीं पहुंचा है, बिजली का तार नहीं पहुंचा है। आज भी वो गांव के लोग 18वीं शताब्‍दी की जिंदगी में जी रहे है, ऐसे कितने गांव है। मैं सोच रहा था 200-500 शायद, दूर-सुदूर कहीं ऐसी जगह पर होंगे जहां संभव नहीं होगा। लेकिन जब मुझे बताया गया कि आजादी के 70 साल होने को आए है लेकिन 18,000 गांव ऐसे जहां बिजली का खंभा भी नहीं पहुंचा है। अभी तक उन 18,000 हजार गांव के लोगों ने उजियारा देखा नहीं है।

20वीं सदी चली गई, 19वीं शताब्‍दी चली गई, 21वीं शताब्‍दी के 15-16 साल बीत गए, लेकिन उनके नसीब में एक लट्टू भी नहीं था। मेरा बैचेन होना स्‍वाभाविक था। जिस बाबा साहेब अम्‍बेडकर ने वंचितों के लिए जिंदगी गुजारने का संदेश दिया हो, उस शासन में 18,000 गांव अंधेरे में गुजारा करते हों, ये कैसे मंजूर हो सकता है।

मैंने अफसरों को कहा कितने दिन में पूरा करोंगे, उन्‍होंने न जवाब मुझे दिन में दिया, न जवाब महिनों में दिया, उन्‍होंने जवाब मुझे सालों में दिया। बोले साहब सात साल तो कम से कम लग जाएंगे। मैंने सुन लिया मैंने कहा भई देखिए सात साल तक तो देश इंतजार नहीं कर सकता, वक्‍त बदल चुका है। हमने हमारी गति तेज करनी होगी। खैर उनकी कठिनाईयां थी वो उलझन में थे कि प्रधानमंत्री कह रहे है कि सात साल तो बहुत हो गया कम करो। तो बराबर मार-पीट करके वो कहने लगे साहब बहुत जोर लगाये तो 6 साल में हो सकता है।

खैर मैंने सारी जानकारियां ली अभ्‍यास करना शुरू किया और लाल किले पर से 15 अगस्‍त को जब भाषण करना था, बिना पूछे मैंने बोल दिया कि हम 1000 दिन में 18,000 गांव में बिजली पहुंचा देंगे। मैंने देश के सामने तिरंगे झंडे की साक्षी में लाल किले पर से देश को वादा कर दिया। अब सरकार दोड़ने लगी और आज मुझे खुशी के साथ कहना है कि शायद ये सपना मैं 1000 दिन से भी कम समय में पूरा कर दूंगा। जिस काम के लिए 70 साल लगे, 7 साल और इंतजार मुझे मंजूर नहीं है। मैंने हजार दिन में काम पूरा करने का बेड़ा उठाया पूरी सरकार को लगाया है। राज्‍य सरकारों को साथ देने के लिए आग्रह किया है और तेज गति से काम चल रहा है।

और व्‍यवस्‍था भी इतनी Transparent है। कि आपने अपने मोबाइल पर ‘गर्व’ - ‘GARV’ ये अगर App लांच करेंगे तो आपको Daily किस गांव में खंभा पहुंचा, किस गांव में तार पहुंचा, कहां बिजली पहुंची, इसका Report आपकी हथेली में मोबाइल फोन पर यहां पर कोई भी देख सकता है। ये देश की जनता को हिसाब देने वाली सरकार है, पल-पल का हिसाब देने वाली सरकार है, पाई-पाई का हिसाब देने वाली सरकार है और हिन्‍दुस्‍तान के सामान्‍य मानवी के सपनों को पूरा करने के लिए तेज गति से कदम आगे बढ़ाने वाली सरकार है। और उसी का परिणाम है कि आज जिस गांव में इतने सालों के बाद बिजली पहुंची है उन गांवों में ऊर्जा उत्‍सव मनाए जा रहे है, हफ्ते भर नाच-गान चल रहे है। लोग खुशियां मना रहे है कि चलो गांव में बिजली आई, अब घर में भी आ जाएंगी ये mood बना है।

हमारी दुनिया बिजली की बात तो दुनिया के लिए 18वीं, 19वीं शताब्‍दी की बात है। आज विश्‍व को optical fiber चाहिए, आज विश्‍व को digital network से जुड़ना है। जो दुनिया में है वो सारा उसकी हथेली पर होना चाहिए। ये आज सामान्‍य-सामान्‍य नागरिक भी चाहता है। अगर दुनिया के हर नागरिक के हाथ में उसके मोबाइल फोन में पूरा विश्‍व उपलब्‍ध है तो मेरे हिन्‍दुस्‍तान के गांव के लोगों के हाथ में क्‍यों नहीं होना चाहिए। ढाई लाख गांव जिसको digital connectivity देनी है, optical fiber network लगाना है। कई वर्षों से सपने देखें गए, काम सोचा गया लेकिन कहीं कोई काम नजर नहीं आया। मैं जानता हूं ढाई लाख गांवों में optical fiber network करना कितना कठिन है, लेकिन कठिन है तो हाथ पर हाथ रख करके बैठे थोड़े रहना चाहिए। कहीं से तो शुरू करना चाहिए और एक बार शुरू करेंगे तो गति भी आएंगी और सपने पूरे भी होंगे। आखिरकर बाबा साहेब अम्‍बेडकर जैसे संकल्‍प के लिए जीने वाले महापुरूष हमारी प्ररेणा हो तो गांव का भला क्‍यों नहीं हो सकता है।

हमारा देश का किसान, किसान कुछ नहीं मांग रहा है। किसान को अगर पानी मिल जाए तो मिट्टी में से सोना पैदा कर सकता है। बाकि सब चीजें वो कर सकता है। उसके पास वो हुनर है, उसके पास वो सामर्थ्‍य है, वो मेहनतकश है वो कभी पीछे मुड़ करके देखता नहीं है। और किसान, किसान अपनी जेब भरे तब संतुष्‍ट होता है वो स्‍वभाव का नहीं है, सामने वाले का पेट भर जाए तो किसान संतुष्‍ट हो जाता है ये उसका चरित्र होता है। और जिसे दूसरे का पेट भरने से संतोष मिलता है वो परिश्रम में कभी कमी नहीं करता है, कभी कटौती नहीं करता है।

और इसलिए हमने देश के किसानों के सामने एक संकल्‍प रखा है। गांव के अर्थ कारण को बदलना है। 2022 में किसान की income double करना बड़े-बड़े बुद्धिमान लोगों, बड़े-बड़े अनुभवी लोगों ने, बड़े-बड़े अर्थशस्त्रियों ने कहा है कि मोदी जी ये बहुत मुश्किल काम है। मुश्किल है तो मैं भी जानता हूं। अगर सरल होता तो ये देश की जनता मुझे काम न देती, देश की जनता ने काम मुझे इसलिए दिया है कि कठिन का ही तो मेरे नसीब में आए। काम कठिन होगा लेकिन इरादा उतना ही संकल्‍पबद्ध हो तो फिर रास्‍ते भी निकलते है और रास्‍ते मिल रहे है।

मैं शिवराज जी को बधाई देता हूं उन्‍होंने पूरी डिजाइन बनाई है, मध्‍य प्रदेश में 2022 तक किसानों की आया double करने का रास्‍ता क्‍या-क्‍या हो सकता है, initiative क्‍या हो सकते है, तरीके क्‍या हो सकते है, पूरा detail में उन्‍होंने बनाया। मैंने सभी राज्‍य सरकारों से आग्रह किया कि आप भी अपने तरीके से सोचिए। आपके पार जो उपलब्‍ध resource है, उसके आधार पर देखिए।

लेकिन ग्रामीण अर्थकारण भारत की अर्थनीति को ताकत देने वाला है। जब तक गांव के व्‍यक्ति का Purchasing Power बढ़ेगा नहीं और हम सोचें कि नगर के अंदर कोई माल खरीदने आएंगा और नगर की economy चलेंगी, तो चलने वाली नहीं है। इंदौर का बाजार भी तेज तब होगा, जब मऊ के गांव में लोगों की खरीद शक्ति बढ़ी होगी, तब जा करके इंदौर जा करके खरीदी करेगा और इसलिए ग्रामीण अर्थकारण की मजबूती ये भारत में आर्थिक चक्र को तेज गति देने का सबसे बड़ा Powerful engine है। और हमारी सारी विकास की जो दिशा है वो दिशा यही है।

बाबा साहेब अम्‍बेडकर जैसे एक प्रकार कहते थे कि शिक्षित बनो, संगठित बनो, संघर्ष करो। साथ-साथ उनका सपना ये भी था कि भारत आर्थिक रूप से समृद्ध हो, सामाजिक रूप से empowered हो और Technologically के लिए upgraded हो। वे सामाजिक समता, सामाजिक न्‍याय के पक्षकार थे, वे आर्थिक समृद्धि के पक्षकार थे और वे आधुनिक विज्ञान के पक्षकार थे आधुनिक Technology के पक्षकार थे। और इसलिए सरकार ने भी ये 14 अप्रैल से 24 अप्रैल, 14 अप्रैल बाबा अम्‍बेडकर साहेब की 125वीं जन्‍म जन्‍म जयंती और 24 अप्रैल पंचायती राज दिवस इन दोनों का मेल करके बाबा साहेब अम्‍बेडकर से सामाजिक-आर्थिक कल्‍याण का संदेश लेता हुए गांव-गांव जा करके गांव के एक ताकत का निर्णय लिया है।

आज सरकारी खजाने से, भारत सरकार के खजाने से एक गांव को करीब-करीब 75 लाख रुपए से ज्‍यादा रकम उसके गांव में हाथ में आती है। अगर योजनाबद्ध दीर्घ दृष्टि के साथ हमारा गांव का व्‍यक्ति करें काम, तो कितना बड़ा परिणाम ला सकता है ये हम जानते है।

हमारी ग्राम पंचायत की संस्‍था है। देश संविधान की मर्यादाओं से चलता है, कानून व्‍यवस्‍था, नियमों से चलता है। ग्राम पंचायत के अंदर उस भावना को प्रज्‍जवलित रखना आवश्‍यक है, वो निरंतर चेतना जगाए रखना आवश्‍यक है और इसलिए गांव के अंदर पंचायत व्‍यवस्‍था अधिक सक्रिय कैसे हो, अधिक मजबूत कैसे हो, दीर्घ दृष्‍टि वाली कैसे बने, उस दिशा में प्रयत्‍न करने की आवश्‍यकता, गांव-गांव में एक चेतना जगाकर के हो सकती है। बाबा साहेब अम्‍बेडकर का व्‍यक्‍तित्‍व ऐसा है कि गांव के अंदर वो चेतना जगा सकता है। गांव को संविधान की मर्यादा में आगे ले जाने के रास्‍ते उपलब्‍ध है। उसका पूरा इस्‍तेमाल करने का रास्‍ता उसको दिखा सकता है। अगर एक बार हम निर्णय करें।

मैं आज इंदौर जिले को भी हृदय से बधाई देना चाहता हूं और मैं मानता हूं कि इंदौर जिले ने जो काम किया है। पूरे जिले को खुले में शौच जाने से मुक्‍त करा दिया। यह बहुत उत्‍तम काम.. अगर 21वीं सदीं में भी मेरी मॉं-बहनों को खुले में शौच के लिए जाना पड़े, तो इससे बड़ी हम लोगों के लिए शर्मिन्‍दगी नहीं हो सकती। लेकिन इंदौर जिले ने, यहां की सरकार की टीम ने, यहां के राजनीतिक नेताओं ने, यहां के सामाजिक आगेवानों ने, यहां के नागरिकों ने, यह जो एक सपना पूरा किया, मैं समझता हूं बाबा साहेब अम्‍बेडकर को एक उत्‍तम श्रद्धांजलि इंदौर जिले ने दी है। मैं इंदौर जिले को बधाई देता हूं। और पूरे देश में एक माहौल बना है। हर जिले को लग रहा है Open defecation-free होने के लिए हर जिले में यह स्‍पर्धा शुरू हुई है। भारत को स्‍वच्‍छ बनाना है तो हमें सबसे पहले हमारी मॉं-बहनों को शौचालय के लिए खुले में जाना न पड़ रहा है, इससे मुक्‍ति दिलानी होगी। उसके लिए बहुत बड़ी मात्रा में हर किसी को मिलकर के काम करना पड़ेगा। ये करे, वो न करे; ये credit ले, वो न ले; इसके लिए काम नहीं है, यह तो एक सेवा भाव से करने वाला काम है, जिम्‍मेवारी से करने वाला काम है। इस “ग्रामोदय से भारत उदय” का जो पूरा मंत्र है, उसमें इस बात पर भी बल दिया गया है।

मेरे प्‍यारे भाइयो-बहनों, हमारे देश में हम कभी-कभी सुनते तो बहुत है। कई लोग छह-छह दशक से अपने आप को गरीबों के मसीहा के रूप में प्रस्‍तुत करते रहे हैं। जिनकी जुबां पर दिन-रात गरीब-गरीब-गरीब हुआ करता है। वे गरीबों के लिए क्‍या कर पाए, इसका हिसाब-किताब चौंकाने वाला है। मैं अपना समय बर्बाद नहीं करता। लेकिन क्‍या कर रहा हूं जो गरीबों की जिन्‍दगी में बदलाव ला सकता है। अभी आपने देखा मध्‍य प्रदेश के गरीबों के लिए, दलितों के लिए, पिछड़ों के लिए जो योजनाएं थी, उसके लोकार्पण का कार्यक्रम हुआ। कई लाभार्थियों को उनकी चीजें दी गई। इन सब में उस बात का संदेश है कि Empowerment of People. उनको आगे बढ़ने का सामर्थ्‍य दिया जा रहा है। जो मेरे दिव्‍यांग भाई-बहन है, किसी न किसी कारण शरीर का एक अंग उनको साथ नहीं दे रहा है। उनको आज Jaipur Foot का फायदा मिला और यह आंदोलन चलता रहने वाला है। यहां तो एक टोकन कार्यक्रम हुआ है और बाबा साहेब अम्‍बेडकर की जन्‍मभूमि पर यह कार्यक्रम अपने आप को एक समाधान देता है।

भाइयो-बहनों, आपको जानकर के हैरानी होगी। आज भी हमारे करोड़ों-करोड़ों गरीब भाई-बहन, जो झुग्‍गी-झोपड़ी में, छोटे घर में, कच्‍चे घर में गुजारा करते हैं, वे लकड़ी का चूल्‍हा जलाकर के खाना पकाते हैं। विज्ञान कहता है कि जब मॉ लकड़ी का चूल्‍हा जलाकर खाना पकाती है। एक दिन में 400 सिगरेट जितना धुँआ उस मॉं के शरीर में जाता है। आप कल्‍पना कर सकते हो, जिस मॉं के शरीर में 400 सिगरेट जितना धुँआ जाएगा, वो मॉं बीमार होगी कि नहीं होगी? उसके बच्‍चे बीमार होंगे कि नहीं होंगे और समाज के ऐसे कोटि-कोटि परिवार बीमारी से ग्रस्‍त हो जाए, तो भारत स्‍वस्‍थ बनाने क सपने कैसे पूरे होंगे?

पिछले एक वर्ष में, हमने trial basis पर काम चालू किया। मैंने समाज को कहा कि भाई, आप अपने गैस सिलेंडर की सब्‍सिडी छोड़ दीजिए और मुझे आज संतोष के साथ कहना है कि मैंने तो ऐसे ही चलते-चलते कह दिया था, लेकिन करीब-करीब 90 लाख परिवार और जो ज्‍यादातर मध्‍यम वर्गीय है, कोई स्‍कूल में टीचर है, कोई टीचर रिटायर्ड हुई मॉं है, पेंशन पर गुजारा करती है लेकिन मोदी जी ने कहा तो छोड़ दो। करीब 90 लाख लोगों ने अपने गैस सिलेंडर की सब्‍सिडी छोड़ दी और पिछले एक वर्ष में आजादी के बाद, एक वर्ष में इतने गैस सिलेंडर का कनेक्‍शन कभी नहीं दिया गया। पिछले वर्ष एक करोड़ गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर का कनेक्‍शन दे दिया गया और उनको चूल्‍हे के धुँअे से मुक्‍ति दिलाने का काम हो गया। जब ये मेरा ‘पायलट प्रोजेक्ट’ सफलतापूर्वक हुआ और मैंने कोई घोषणा नहीं की थी, कर रहा था, चुपचाप उसको कर रहा था। जब सफलता मिली तो इस बजट में हमने घोषित किया है कि आने वाले तीन वर्ष में हम भारत के पॉंच करोड़ परिवार, आज देश में कुल परिवार है 25 करोड़ और थोड़े ज्‍यादा; कुल परिवार है 25 करोड़। संख्‍या है सवा सौ करोड़, परिवार है 25 करोड़ से ज्‍यादा। पॉंच करोड़ परिवार, जिनको गैस सिलेंडर का कनेक्‍शन देना है, गैस सिलेंडर देना है और उन पॉंच करोड़ परिवार में लकड़ी के चूल्‍हे से, धुँए में गुजारा कर रही मेरी गरीब माताओं-बहनों को मुक्‍ति दिलाने का अभियान चलाया है।

गरीब का भला कैसे होता है? प्रधानमंत्री जन-धन योजना! हम जानते है, अखबारों में पढ़ते हैं। कभी कोई शारदा चिट फंड की बात आती है, कभी और चिट फंड की बात आती है। लोगों की आंख में धूल झोंककर के बड़ी-बड़ी कंपनियॉं बनाकर के, लोगों से पैसा लेने वाले लोग बाद में छूमंतर हो जाते हैं। गरीब ने बेचारे ने बेटी की शादी के लिए पैसे रखे हैं, ज्‍यादा ब्‍याज मिलने वाला है इस सपने से; लेकिन बेटी कुंवारी रह जाती है क्‍योंकि पैसे जहां रखे, वो भाग जाता है। ये क्‍यों हुआ? गरीब को ये चिट फंड वालों के पास क्‍यों जाना पड़ा? क्‍योंकि बैंक के दरवाजे गरीबों के लिए खुलते नहीं थे। हमने प्रधानमंत्री जन-धन योजना के द्वारा हिन्‍दुस्‍तान के हर गरीब के लिए बैंक में खाते खोल दिए और आज गरीब आदमी को साहूकारों के पास जाकर के ब्‍याज के चक्‍कर में पड़ना नहीं पड़ रहा है। गरीब को अपने पैसे रखने के लिए किसी चिट फंड के पास जाना नहीं पड़ रहा है और गरीब को एक आर्थिक सुरक्षा देने का काम हुआ और उसके साथ उसको रूपे कार्ड दिया गया। उसके परिवार में कोई आपत्‍ति आ जाए तो दो लाख रुपए का बीमा दे दिया और मेरे पास जानकारी है, कई परिवार मुझे मिले कि अभी तो जन-धन एकाउंट खोला था और 15 दिन के भीतर-भीतर उनके घर में कोई नुकसान हो गया तो उनके पास दो लाख रुपए आ गए। परिवार ने कभी सोचा भी नहीं था कि दो लाख रुपए सीधे-सीधे उनके घर में पहुंच जाएंगे।

गरीब के लिए काम कैसे होता है? प्रधानमंत्री जन-धन योजना के द्वारा सिर्फ बैंक में खाता खुला, ऐसा नहीं है। वो भारत की आर्थिक व्‍यवस्‍था की मुख्‍यधारा में हिन्‍दुस्‍तान के गरीब को जगह मिली है, जो पिछले 70 साल में हम नहीं कर पाए थे। उसको पूरा करने से भारत की आर्थिक ताकत को बढ़ावा मिलेगा। आज दुनिया के अंदर हिन्‍दुस्‍तान के आर्थिक विकास का जय-जयकार हो रहा है। विश्‍व की सभी संस्‍थाएं कह रही हैं कि भारत बहुत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। उसका मूल कारण देश के गरीब से गरीब व्‍यक्‍ति को साथ लेकर के चलने का हमने एक संकल्‍प किया, योजना बनाई और चल रहे हैं। जिसका परिणाम है कि आज आर्थिक संकटों के बावजूद भी भारत आर्थिक ऊंचाइयों पर जा रहा है। दुनिया आर्थिक संकटों को झेल रही है, हम नए-नए अवसर खोज रहे हैं।

अभी मैं मुम्‍बई से आ रहा था। आज मुम्‍बई में एक बड़ा महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम था। बहुत कम लोगों को अम्‍बेडकर साहेब को पूरी तरह समझने का अवसर मिला है। ज्‍यादातर लोगों को तो यही लगता है कि बाबा साहेब अम्‍बेडकर यानी दलितों के देवता। लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम है कि बाबा साहेब अम्‍बेडकर दीर्घदृष्‍टा थे। उनके पास भारत कैसा बने, उसका vision था। आज मैंने मुम्‍बई में एक maritime को लेकर के, सामुद्रिक शक्‍ति को लेकर के एक अंतर्राष्‍ट्रीय बड़े कार्यक्रम का उद्घाटन किया। वो 14 अप्रैल को इसलिए रखा था कि भारत में बाबा साहेब अम्‍बेडकर पहले व्‍यक्‍ति थे जिन्‍होंने maritime, navigation, use of water पर दीर्घदृष्‍टि से उन्होंने vision रखा था। उन्‍होंने ऐसी संस्‍थाओं का निर्माण किया था उस समय, जब वे सरकार में थे, जिसके आधार पर आज भी हिन्‍दुस्‍तान में पानी वाली, maritime वाली, navigation वाली संस्‍थाएं काम कर रही हैं। लेकिन बाबा साहेब अम्‍बेडकर को भुला दिया। हमने आज जानबूझ करके 14 अप्रैल को बाबा साहेब अम्‍बेडकर ने जो vision दिया था, उनके जन्‍मदिन 14 अप्रैल को, उसको साकार करने की दिशा में आज मुम्‍बई में एक समारोह करके मैं आ रहा हूं, आज उसका मैंने प्रारम्‍भ किया। लाखों-करोड़ों समुद्री तट पर रहने वाले लोग, हमारे मछुआरे भाई, हमारे नौजवान, उनको रोजगार के अवसर उपलब्‍ध होने वाले हैं, जो बाबा साहेब अम्‍बेडकर का vision था। इतने सालों तक उसको आंखों से ओझल कर दिया गया था। उसको आज चरितार्थ करने की दिशा में, एक तेज गति से आगे बढ़ने का प्रयास अभी-अभी मुम्‍बई जाकर के मैं करके आया हूं।

अभी हमारे दोनों पूर्व वक्‍ताओं ने पंचतीर्थ की बात कही है। कुछ लोग इसलिए परेशान है कि मोदी ये सब क्‍यों कर रहे हैं? ये हमारे श्रद्धा का विषय है, ये हमारे conviction का विषय है। हम श्रद्धा और conviction से मानते हैं कि बाबा साहेब अम्‍बेडकर ने सामाजिक एकता के लिए बहुत उच्‍च मूल्‍यों का प्रस्‍थापन किया है। सामाजिक एकता, सामाजिक न्‍याय, सामाजिक समरसता, बाबा साहेब अम्‍बेडकर ने जो रास्‍ता दिखाया है उसी से प्राप्‍त हो सकती है इसलिए हम बाबा साहेब अम्‍बेडकर के चरणों में बैठकर के काम करने में गर्व अनुभव करते हैं।

सरकारें बहुत आईं.. ये 26-अलीपुर, बाबा साहेब अम्‍बेडकर की मृत्‍यु के 60 साल के बाद उसका स्‍मारक बनाने का सौभाग्‍य हमें मिला। क्‍या 60 साल तक हमने रोका था किसी को क्‍या? और आज हम कर रहे हैं तो आपको परेशानी हो रही है। पश्‍चाताप होना चाहिए कि आपने किया क्‍यों नहीं? परेशान होने की जरूरत नहीं है, आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देने के लिए यही तो सामाजिक आंदोलन काम आने वाला है। और इसलिए मेरे भाइयो-बहनों एक श्रद्धा के साथ.. और मैं बड़े गर्व के साथ कहता हूं कि ऐसा व्‍यक्‍ति जिसकी मॉं बचपन में अड़ोस-पड़ोस के घरों में बर्तन साफ करती हो, पानी भरती हो, उसका बेटा आज प्रधानमंत्री बन पाया, उसका credit अगर किसी को जाता है तो बाबा साहेब अम्‍बेडकर को जाता है, इस संविधान को जाता है। और इसलिए श्रद्धा के साथ, एक अपार, अटूट श्रद्धा के साथ इस काम को हम करने लगे हैं। और आज से कर रहे हैं, ऐसा नहीं। हमने तो जीवन इन चीजों के लिए खपाया हुआ है। लेकिन वोट बैंक की राजनीति करने वालों ने समाज को टुकड़ों में बांटने के सिवाए कुछ सोचा नहीं है।

बाबा साहेब आम्‍बेडर, उन पर जो बीतती थी, शिक्षा में उनके साथ अपमान, जीवन के हर कदम पर अपमान, कितना जहर पीया होगा इस महापुरुष ने, कितना जहर पीया होगा जीवन भर और जब संविधान लिखने की नौबत आई, अगर वो सामान्‍य मानव होते, हम जैसे सामान्‍य मानव होते तो उनकी कलम से संविधान के अंदर कहीं तो कहीं उस जहर की एक-आध बिन्‍दु तो निकल पाती। लेकिन ऐसे महापुरुष थे जिसने जहर पचा दिया। अपमानों को झेलने के बाद भी जब संविधान बनाया तो किसी के प्रति कटुता का नामो-निशान नहीं था, बदले का भाव नहीं था। वैर भाव नहीं था, इससे बड़ी महानता क्‍या हो सकती है? लेकिन दुर्भाग्‍य से देश के सामने इस महापुरुष की महानताओं को ओझल कर दिया गया है। तब ऐसे महापुरुष के चरणों में बैठकर के कुछ अच्‍छा करने का इरादा जो रखते हैं, उनके लिए यही रास्‍ता है। उस रास्‍ते पर जाने के लिए हम आए हैं। मुझे गर्व है कि आज 14 अप्रैल को पूरे देश में “ग्राम उदय से भारत उदय” के आंदोलन का प्रारंभ इस धरती से हो रहा है। सामाजिक न्‍याय के लिए हो रहा है, सामाजिक समरसता के लिए हो रहा है।

मैं हर गांव से कहूंगा कि आप भी इस पवित्रता के साथ अपने गांव का भविष्‍य बदलने का संकल्‍प कीजिए। बाबा साहेब की 125वीं जयंती की अच्‍छी श्रद्धांजलि वही होगी कि हम हमारे गांव में कोई बदलाव लाए। वहां के जीवन में बदलाव लाए। सरकारी योजनाओं का व्‍यय न करते हुए, पाई-पाई का सदुपयोग करते हुए चीजों को करने लगे तो अपने आप बदलाव आना शुरू हो जाएगा।

मैं फिर एक बार मध्‍यप्रदेश सरकार का, इतनी विशाल संख्‍या में आकर के आपने हमें आशीर्वाद दिया। इसलिए जनता-जनार्दन का हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं।

जय भीम, जय भीम। दोनों मुट्ठी पूरी ऊपर करके बोलिए जय भीम, जय भीम, जय भीम, जय भीम।

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Today's victory is historic and unprecedented. The idea of 'Sabka Saath, Sabka Vikas' has won today: PM Modi
December 03, 2023
Today's victory is historic and unprecedented. The idea of 'Sabka Saath, Sabka Vikas' has won today: PM Modi at BJP HQ
PM Modi says, "Some people are even saying that today's hat-trick has guaranteed the hat-trick of 2024"
In this election, there were efforts to divide the country based on castes. I kept saying that for me, four castes are important - Nari Shakti, Yuva Shakti, Kisaan aur Gareeb Parivaar: PM Modi
I want to assure women that all promises made to them will be fulfilled 100 per cent; this is Modi's guarantee: PM Modi

भारत माता की…जय..

आवाज तेलंगाना तक पहुचनी चाहिए, भारत माता की...जय...

भारत माता की...जय...


आज की विजय़ ऐतिहासिक है, अभूतपूर्व है। आज सबका साथ-सबका विकास की भावना जीती है। आज विकसित भारत के आह्वान की जीत हुई है। आज आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की जीत हुई है। आज वंचितों को वरीयता के विचार की जीत हुई है। आज भारत के विकास के लिए, राज्यों का विकास, इस सोच की जीत हुई है। आज ईमानदारी, पारदर्शिता और सुशासन की जीत हुई है। मैं इस मंच से सभी मतदाताओं को आदरपूर्वक नमन करता हूं। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के लोगों ने भाजपा पर भरपूर स्नेह दिखाया है। तेलंगाना में भी बीजेपी के प्रति समर्थन लगातार बढ़ रहा है। ये हम सभी का सौभाग्य है। जब अपने परिवारजनों से इतना प्यार मिलता है, विश्वास मिलता है तब मैं व्यक्तिगत रूप से अनुभव करता हूं कि मेरी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है। आज भी मेरे मन में यही भाव है। मैं अपनी माताओं-बहनों-बेटियों के सामने, मैं अपने युवा साथियों के सामने, मैं अपने किसान भाई-बहनों के सामने, मैं अपने गरीब परिवारों के सामने, उन्होंने जो निर्णय किया है, जो बढ़-चढकर समर्थन दिया है इसके लिए मैं उनके सामने नतमस्तक हूं।

इस चुनाव में देश को जातियों में बांटने की बहुत कोशिशें हुई। लेकिन मैं लगातार कह रहा था कि मेरे लिए देश में चार जातियां ही सबसे बड़ी जातियां हैं। और मैं जब चार जातियों की बात करता हूं...हमारी नारीशक्ति, हमारी युवा शक्ति, हमारे किसान और हमारे गरीब परिवार, इन चार जातियों को सशक्त करने से ही देश सशक्त होने वाला है। आज बड़ी संख्या में हमारे ओबीसी साथी, इसी वर्ग में आते हैं। आज बड़ी संख्या में हमारे आदिवासी साथी, इसी वर्ग में आते हैं। और इन चुनावों में, इन चारों जातियों ने भाजपा की योजनाओं और भाजपा के रोडमैप को लेकर बहुत उत्साह दिखाया है। आज हर गरीब कह रहा है- वो खुद जीता है। आज हर वंचित के मन में भावना है- कि ये चुनाव वो खुद जीता है। आज हर किसान यही कहता है ये चुनाव हर किसान जीता है। आज हर आदिवासी भाई-बहन ये सोचकर खुश है कि उसने जिसे वोट दिया वो विजय उसकी अपनी है। आज हर फर्स्ट टाइम वोटर बड़े गर्व के साथ कह रहा है मेरा पहला वोट मेरे विजय का कारण बना है। इसी जीत में हर महिला अपनी जीत देख रही है। इसी जीत में बेहतर भविष्य का सपना देखने वाला हर युवा अपनी जीत देख रहा है। हर वो नागरिक इसे अपनी सफलता समझ रहा है, जो 2047 में भारत को एक विकसित राष्ट्र देखना चाहता है।

साथियों,
मैं आज विशेष रूप से देश की नारीशक्ति का अभिनंदन करूंगा। रैलियों में, मैं अक्सर कहता था कि इन चुनावों में नारीशक्ति ये ठानकर निकली है कि भाजपा का परचम लहराएगी। और जब देश की नारीशक्ति किसी का सुरक्षा कवच बन जाए, तो कैसी भी ताकत उसे नुकसान नहीं पहुंचा सकती। आज नारीशक्ति वंदन अधिनियम ने, देश की माताओं-बहनों-बेटियों के मन में नया विश्वास जगाया है। आज देश की हर महिला में ये भरोसा जगा है कि भाजपा सरकार में उनकी सक्रिय भागीदारी को नई बुलंदी मिलने वाली है। आज हर बहन-बेटी को साफ-साफ लगता है कि बीजेपी ही नारी गरिमा, नारी सम्मान, नारी सुरक्षा की सबसे बड़ी गारंटी है। उन्होंने देखा है कि बीते 10 वर्षों में भाजपा ने उन तक टॉयलेट, बिजली, गैस, नल से जल, बैंक में खाते, ऐसी बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने के लिए कितनी ईमानदारी से काम किया है। आज वो देख रही हैं कि कैसे बीजेपी, घर-परिवार में, समाज में उनकी आर्थिक भागीदारी बढ़ाने के लिए, उन्हें रोजगार-स्वरोजगार के नए अवसर देने के लिए निरंतर काम कर रही है। नारीशक्ति का विकास, बीजेपी के विकास मॉडल का महत्वपूर्ण स्तंभ भी है। और इसलिए इन चुनावों में महिलाओं ने, बहनों-बेटियों ने एक प्रकार से भाजपा की विजय की पूरी जिम्मेवारी अपने हाथ में उठा ली थी और भरपूर आशीर्वाद दिया है। मैं आज पूरी विनम्रता से देश की हर बहन-बेटी को यही कहूंगा कि आपसे जो वायदे बीजेपी ने किए हैं, वो शत प्रतिशत पूरे किए जाएंगे और ये मोदी की गारंटी है। और मोदी की गारंटी यानि...गारंटी पूरा होने की गारंटी।

साथियों,
चुनाव नतीजों ने एक और बात स्पष्ट की है। देश का युवा सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। जहां भी सरकारों ने युवाओं के खिलाफ काम किया है, वो सरकारें सत्ता से बाहर हुई हैं। चाहे राजस्थान हो, छत्तीसगढ़ हो, या तेलंगाना हो....ये सारी सरकारें पेपर लीक और भर्ती घोटालों के आरोपों में घिरी हुई थीं। परिणाम ये हुआ, कि इन तीनों ही राज्यों में सत्ता में बैठे दल अब सरकार से बाहर हैं। आज देश के युवा में ये भरोसा लगातार बढ़ रहा है कि बीजेपी ही उसकी आकांक्षाएं समझती है, उसके लिए काम करती है। देश का युवा ये जानता है कि बीजेपी की सरकार युवा हितैषी होती हैं, युवाओं के लिए नए अवसर बनाने वाली होती है।

साथियों,
आज देश का आदिवासी समाज भी अब खुलकर अपनी बात रख रहा है। ये वो आदिवासी समाज है, जो कांग्रेस की नीतियों की वजह से सात दशक तक पीछे रहा, जिसे अवसर नहीं दिए गए। इनकी जनसंख्या आज 10 करोड़ के आसपास है। हमने गुजरात के चुनाव परिणामों में भी ये देखा है। जिस कांग्रेस ने आदिवासी समाज को कभी पूछा तक नहीं, उस आदिवासी समाज ने कांग्रेस का सफाया कर दिया। यही भावना आज हमने एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी देखी है। इन राज्यों की आदिवासी अंचल की सीटों पर कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। आदिवासी समाज आज विकास के लिए आकांक्षी है। और उन्हें भरोसा है कि इस आकांक्षा को सिर्फ और सिर्फ भाजपा सरकार ही पूरा कर सकती है।

मेरे परिवारजनों,
मैं आज हर राज्य के भाजपा कार्यकर्ताओं की भी सराहना करूंगा, भूरि-भूरि प्रशंसा करूंगा। भाजपा और कमल के प्रति आपकी निष्ठा, आपका समर्पण, अतुलनीय है। डबल इंजन सरकार का मैसेज आपने पूरी ईमानदारी से जन-जन तक पहुंचाया। इसी का परिणाम आज हमें मिल रहा है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष, नड्डा जी जिस प्रकार अपनी नीति-रणनीति को अमल में लाए, ये विजय उसका भी परिणाम है। चुनाव के दौरान उनके परिवार में एक दुखद दुर्घटना घटी, उसके बावजूद भी नड्डा जी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में दिन-रात डटे रहे।

साथियों,
राजनीति के इतने वर्षों में, मैं हमेशा भविष्यवाणियों से दूर रहा हूं। मैं कभी भी वायदे-वायदे या बड़ी-बड़ी घोषणाएं नहीं करता, इतने साल हो गए, कभी नहीं करता। लेकिन इस बार चुनाव में मैंने अपना ये नियम भी तोड़ा था। मैंने राजस्थान में मावजी महाराज को प्रणाम करते हुए उन्ही की धरती पर ये भविष्यवाणी की थी कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार लौटकर नहीं आएगी। मैं भविष्यवेत्ता नही हूं लेकिन मेरा राजस्थान के लोगों पर भरोसा था, वहां की जनता पर भरोसा था और आज हम नतीजे देख रहे हैं। मध्य प्रदेश ने भी हमें फिर दिखाया है कि भाजपा के सेवाभाव का कोई विकल्प नहीं है। दो दशक से वहां भाजपा की सरकार है और इतने वर्षों के बाद भी भाजपा पर भरोसा लगातार मजबूत ही हो रहा है। छत्तीसगढ़ के परिवारजनों को तो मैं, जब वहां चुनाव सभाओं में गया, तो मैं खुद ही पहली सभा में, छत्तीसगढ़ के चुनाव की पहली सभा में मैंने खुद कहा था कि मैं आपसे कुछ मांगने नहीं आया हूं, मैं तो आपको 3 दिसंबर के बाद सरकार बनेगी तो शपथ समारोह में निमंत्रण देने के लिए आया हूं। छत्तीसगढ़ के परिणाम से साफ है कि हर परिजन ने उस बात को स्वीकार किया है। मैं तेलंगाना की जनता और तेलंगाना के भाजपा कार्यकर्ताओं का विशेष आभार व्यक्त करता हूं। हर चुनाव में तेलंगाना में भाजपा का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। मैं तेलंगाना के लोगों को ये विश्वास दिलाता हूं कि बीजेपी, आपकी सेवा में कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।
भारतीय जनता पार्टी तेलंगाना अभिवृद्धि कोसम एल्लापुरुपनी चिंतुने उट्टूंदी तेलंगानातो माकोचालामंची अनुवंधमउंडी।

मेरे परिवारजनों,
इन चुनाव परिणामों की गूंज सिर्फ एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ तक सीमित नहीं रहेगी। इन परिणामों की गूंज दूर तक जाएगी। पूरी दुनिया में इन चुनाव परिणामों की गूंज सुनाई देगी। ये चुनाव परिणाम, भारत के विकास पर भरोसा दुनिया के भरोसे को और मजबूती देगा। ये चुनाव परिणाम, दुनियाभर के निवेशकों को भी नया विश्वास देगा। भरोसा ये कि आज़ादी के अमृतकाल में विकसित भारत का जो संकल्प हमने लिया है, उसे जनता जनार्दन का लगातार आशीर्वाद मिल रहा है। आज दुनिया देख रही है कि भारत का लोकतंत्र और भारत का वोटर, दोनों कितने परिपक्व हैं, कितने मैच्योर हैं। आज दुनिया देख रही है कि भारत की जनता, पूर्ण बहुमत के लिए, स्थिर सरकार के लिए सोच-समझकर वोट कर रही है।

साथियों,
भाजपा ने सेवा और सुशासन की राजनीति का नया मॉडल देश के सामने प्रस्तुत किया है। हमारी नीति और निर्णयों के मूल में सिर्फ और सिर्फ देश है, देशवासी है, भारत माता की जय यही हमारा मंत्र है। इसलिए भाजपा सरकारें सिर्फ नीतियां नहीं बनातीं, बल्कि हर हकदार, हर लाभार्थी तक वो पहुंचे, ये भी सुनिश्चित करती है। भाजपा, परफॉर्मेंस और डिलिवरी की राजनीति देश के सामने हकीकत बनकर के लेकर आई है। भारत का मतदाता जानता है कि स्वार्थ क्या है, जनहित और राष्ट्रहित क्या है। दूध का और पानी का भेद देश जानता है। जैसे-तैसे जीतने के लिए हवा-हवाई बातें करना और लोभ-लालच की घोषणाएं करना, ये मतदाता पसंद नहीं करता। मतदाता को उसका जीवन बेहतर करने के लिए एक स्पष्ट रोडमैप चाहिए, एक विश्वसनीयता चाहिए, एक भरोसा चाहिए। भारत का वोटर ये जानता है कि जब भारत आगे बढ़ता है, तो राज्य आगे बढ़ता है, हर परिवार का जीवन बेहतर होता है। इसलिए वो बीजेपी को चुन रहा है, लगातार चुन रहा है। और कुछ लोग तो कह रहे हैं कि आज की इस हैट्रिक ने 24 की हैट-ट्रिक की गारंटी दे दी है।

साथियों,
आज के जनादेश ने ये भी साबित किया है कि भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण और परिवारवाद को लेकर देश के भीतर, देश के हर नागरिक के दिल में जीरो टॉलरेंस बन रही है। आज देश को लगता है कि इन तीनों बुराइयों को खत्म करने में अगर कोई प्रभावी है, तो वो भाजपा ही है। भाजपा की केंद्र सरकार ने देश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध जो अभियान छेड़ रखा है, उसको भारी जनसमर्थन मिल रहा है। ये उन दलों, उन नेताओं को वोटर की साफ-साफ चेतावनी है, जो भ्रष्टाचारियों के साथ खड़े होने में जरा भी शर्म अनुभव नहीं करते उन लोगों को देश की जनता ने आज साफ-साफ संदेश दे दिया है। और ऐसे लोग, जो भांति-भांति के तर्कों से भ्रष्टाचारियों को कवच देते हैं, कवर-अप करने की कोशश करते हैं.... ऐसे लोग, जो भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करने वाली जांच एजेंसियों को बदनाम करने में दिन-रात जुटे हुए हैं...वे समझ लें ये चुनाव नतीजे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का भी जनसमर्थन है। ये चुनाव नतीजे, कांग्रेस और उसके घमंडिया गठबंधन के लिए भी बहुत बड़ा सबक है। सबक ये है कि सिर्फ कुछ परिवारवादियों के मंच पर एक साथ आ जाने से, फोटो कितनी भी अच्छी क्यों न निकल जाए देश का भरोसा नहीं जीता जाता। देश की जनता का दिल जीतने के लिए राष्ट्रसेवा का जज्बा होना चाहिए, वो घमंडिया गठबंधन में रत्ती भर भी वो नजर नहीं आता है। गाली-गलौज, निराशा, निगेटिविटी, ये घमंडिया गठबंधन को मीडिया की हेडलाइन्स ज़रूर दे सकती हैं, लेकिन जनता के दिल में स्थान नहीं दिला सकती।

साथियों,
आज के ये नतीजे उन ताकतों को भी चेतावनी है, जो प्रगति और जन कल्याण की राजनीति के खिलाफ खड़े रहते हैं। जब भी विकास होता है, कांग्रेस और उसके साथी विरोध करते हैं। जब हम वंदे भारत ट्रेन लॉन्च करते हैं, तो कांग्रेस और उसके साथी उसका मजाक उड़ाते हैं। जब हम आयुष्मान भारत लॉन्च करते हैं, तो कांग्रेस और उसके साथी इसमें रोड़ा अटकाते हैं। जब हम गरीबों के लिए घर बनाते हैं, तब कांग्रेस और उसके साथी रुकावटे डालते हैं। जब हम गरीबों तक नल से जल पहुंचाते हैं, तो कांग्रेस और उसके साथी इसमें भ्रष्टाचार का रास्ता बनाने में लग जाते हैं। जब हम ग्रामीण विकास के लिए फंड भेजते हैं, तो कांग्रेस और उसके साथी इसे गरीबों तक पहुंचने में रुकावटें डालते हैं। ऐसी सभी पार्टियों को आज गरीबों ने चेतावनी दी है - सुधर जाइए, वरना जनता आपको चुन-चुनकर के साफ कर देगी। आज ऐसी पार्टियों के लिए सबक है कि केंद्र सरकार की गरीब कल्याण की योजनाओं और उनके लिए भेजे जा रहे फंड के बीच में आने की कोशिश मत करो, ये जनता का आदेश है वरना जो बीच में आएगा उसे जनता हटा देगी। लोकतंत्र के हित में, मेरी कांग्रेस और उसके साथियों को नम्रतापूर्वक सलाह है। कृपा करके ऐसी राजनीति ना करें जो देश विरोधी ताकतों को बल दे, जो देश को बांटना चाहते हैं ऐसे लोगों को मजबूती दे, जो देश को कमजोर करने वाले विचारों को गति दे।

साथियों,
आज भारत की अर्थव्यवस्था का हर पहिया पूरी गति से घूम रहा है। कुछ लोग कह रहे थे कि विश्व में मंदी का असर भारत पर पड़ेगा। लेकिन भारत ने हर आकलन से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है। आज भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से विकसित होती आर्थिक ताकत है। आज भारत का आत्मविश्वास, भारत के लोगों का आत्म-विश्वास, अभूतपूर्व स्तर पर है। आज भारत में, आज देश में रिकॉर्ड GST कलेक्शन हो रहा है। कृषि उत्पादन में नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। भारत के शेयर मार्केट पर भरोसा चरम पर है। आज भारत के निर्यात के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। UPI ट्रांजेक्शन के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। त्योहारों में खरीद के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। गाड़ियों की सेल के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। आज भारत में सीमेंट प्रोडक्शन बढ़ा है, कोयला प्रोडक्शन बढ़ा है। आज भारत में स्टील उत्पादन बढ़ा है, बिजली उत्पादन बढ़ा है। दुनिया भर की कंपनियां भारत में मैन्युफेक्चरिंग करने के लिए आतुर हैं। हवाई यात्रा करने वालों की संख्या उच्चतम स्तर पर है होम लोन के सेक्टर में भी बहुत अधिक वृद्धि दिख रही है।

साथियों,
आज भारत का फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से ट्रांसफॉर्म हो रहा है। आप देखिए, चारों तरफ एक्सप्रेसवे का, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर्स का जाल बिछ रहा है। भारतीय रेल आज अपने ट्रांसफॉर्मेशन के सबसे बड़े दौर से गुजर रही है। आज देश में नए रेलवे स्टेशन बन रहे हैं, आधुनिक ट्रेनें आ रही हैं। गति नई है। संकल्प नए हैं। और मैं देशवासियों को कहना चाहता हूं, हर देशवासी को कहना चाहता हूं, और मैं मेरे ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर कहना चाहता हूं, बड़ी ईमानदारी के साथ कहना चाहता हूं.. बड़ी जिम्मेदारी से कहना चाहता हूं... आपके सपने... आपके सपने मेरे देशवासियों, आपके सपने मेरा संकल्प है। आपके सपनों को पूरा करने का मेरा जो संकल्प है वो मेरी साधना भी है और मेरी तपस्या भी है।

साथियों,
भारत का डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर दुनिया में श्रेष्ठता की तरफ बढ़ रहा है। भारत आज दुनिया में 5G नेटवर्क के मामले में अग्रणी देशों में पहुंच चुका है। आज भारत में गांव-गांव तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंच रहा है। आज देश के सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी अभूतपूर्व गति से काम हो रहा है। हर गरीब को मुफ्त राशन वाली योजना अगले 5 साल के लिए बढ़ा दी गई है। भाजपा सरकार में 4 करोड़ गरीब परिवारों के पक्के घर बन चुके हैं। हम हर गरीब परिवार को पक्की छत देने के संकल्प की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। घर-घर नल से जल देने का अभियान तेज़ गति से चल रहा है। आज देश में रिकॉर्ड गति से नए अस्पताल बन रहे हैं, मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं, कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ की संख्या बढ़ रही है।

साथियों,
आज भारत आगे बढ़ रहा है, भारत का नागरिक आगे बढ़ रहा है। भारत के लोग इस momentum को बनाए रखना चाहते हैं। अब इससे पीछे नही हटना है। और पीछे हटना ये तो मोदी को कभी स्वीकार नहीं हो सकता है। भारत के लोग stability चाहते हैं, स्थायित्व चाहते हैं। भारत के लोग विकसित भारत की यात्रा को गति देना चाहते हैं। मैं देश के प्रत्येक युवा का आह्वान करता हूं- वो विकसित भारत का एंबेसडर बने। वो विकसित भारत के संकल्पों का नेतृत्व करे। मैं भाजपा कार्यकर्ताओं से भी कहूंगा- प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता, नमो एप पर जाएं और कम से कम 10 लोगों को विकसित भारत का एंबेसडर बनाएं। हमें आज एक ऐसी पीढ़ी तैयार करनी है, जिसका सपना हो विकसित भारत, जिसका संकल्प हो विकसित भारत। जिसकी साधना हो विकसित भारत, जिसका समर्पण हो विकसित भारत।

साथियों,
विकसित भारत के निर्माण के लिए ये बहुत जरूरी है कि कोई भी नागरिक पीछे नहीं छूटे। इन चुनावों में मैंने लगातार कहा है कि हर लाभार्थी तक पहुंचकर भाजपा सरकार उसे सरकारी योजनाओं का लाभ देगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने 14 नवंबर यानि, जनजातीय गौरव दिवस, यानि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती से विकसित भारत संकल्प यात्रा शुरू की है। योजनाओं से वंचित लोगों को जोड़ने के लिए सरकार खुद लोगों के दरवाज़े पर दस्तक दे रही है। जिन क्षेत्रों में ये यात्रा पहुंच रही है, वहां लोग खुशियां मना रहे हैं कि कि मोदी की गारंटी वाली गाड़ी, हमारे गांव आ रही है। मैं आज विजय के इस समारोह से, हर बीजेपी कार्यकर्ता को सलाह दूंगा, आग्रह करूंगा। अब आज से आपको मोदी की गारंटी वाली इस गाड़ी के आगे-आगे चलना है। मोदी की गारंटी वाली गाड़ी, देश की सफलता की गारंटी बनेगी, और ये भी मोदी की गारंटी है। और आपको एक और बात याद रखनी है- जहां दूसरों से उम्मीद खत्म होती है, वहां से मोदी की गारंटी शुरू होती है।

मेरे परिवारजनों,
विधानसभा चुनाव के नतीजों ने पॉजिटिव एनर्जी का एक ऐसा प्रवाह शुरू किया है, जिसे आज पूरा देश महसूस कर रहा है। इस शक्ति ने विकसित भारत के लिए तैयार हुई नींव को और मजबूत कर दिया है। हमें ये ऊर्जा बनाए रखनी है, हमें ये शक्ति बढ़ाते रहना है। हमें 140 करोड़ भारतीयों के विश्वास को जगाए रखना है। हमें जन-जन को अपने साथ जोड़ना है। हमें हर मन को समझना है। हमें सबको साथ लेकर चलना है। हमें हर एक को अमृत काल की विकास यात्रा का साथी बनाना है। जो हमसे दूर हैं, हमें उनके पास पहुंचना है। जिन्हें संदेह है, हमें उनमें भरोसा जगाना है। भाजपा के कार्यकर्ताओं पर जिम्मेदारी और बढ़ गई है। क्योंकि नकारात्मक शक्तियां अब तेजी से एकजुट होने का प्रयास करेंगी। देश को बांटने वाली ताकतें अब एड़ी-चोटी का जोर लगाएंगी। समाज में खाई पैदा करने वाले अब नए मौके तलाशेंगे। हमें उनसे मुकाबला भी करना है, उनके फेक नैरेटिव का जवाब भी देना है। लेकिन उससे बढ़कर, हमें जनता के यकीन को बनाए रखना है।

साथियों,
उत्साह और उमंग के इस वातावरण के बीच, मेरी आदत छूटती नहीं है, मैं फिर से अनुरोध तो करता ही रहता हूं, क्योंकि मैं मूलतः संगठन से निकला हूं तो स्वभाव मेरा जाता नहीं। मैं आज पूरा दिन टीवी पर क्या चल रहा था, ज्यादा समय नहीं दे पाया, देख नहीं पाया, क्योंकि मैं, हमारे जो भारत के पूर्वी समुद्री तट है, वहां साइक्लोन की संभावनाएं नजर आ रही हैं, जरा तेजी की संभावनाएं नजर आ रही है। और इसलिए विजय के महोत्सव में भी, मैं तो यही कार्य करता हूं इसलिए कहूंगा कि हमें सायक्लोन मिचौंन्ग से भी सतर्क रहना है। बंगाल की खाड़ी से सटे तटीय इलाकों में इसका प्रभाव पड सकता है। केंद्र सरकार लगातार इस पर राज्य सरकारों से संपर्क में है, उनकी हरसंभव मदद कर रही है। मैं तमिलनाडु, पुडुचेरी, ओडिशा और ख़ासतौर से आंध्र प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ताओं से भी कहूंगा कि राज्य सरकार भले ही किसी भी दल की हो, आप पूरी शक्ति से राहत और बचाव के काम में जुट जाना। प्रशासन को पूरा साथ देना और यही एक समर्पित भाजपा कार्यकर्ता के संस्कार होते हैं। हमारे लिए दल से बड़ा देश है, हमारे दिल से भी बड़ा देशवासी है।

साथियों,
सबके प्रयास से ही हम अपने संकल्पों की सिद्धि कर सकते हैं। मुझे देश की अमृत पीढ़ी पर पूरा भरोसा है। हमारा लक्ष्य एक है, साधना एक है, सपना एक है। भारत विकसित होकर रहेगा। इसी विश्वास के साथ मैं फिर एक बार सभी मतदाताओं का अभिनंदन करता हूं। जो भी विजयी हुए हैं उनको शुभकामनाएं देता हूं। हम सब मिलकर के देश के सामान्य मानवी की आशा अपेक्षाओं को पूरा कर पाएं। मैं आप सब कार्यकर्ताओं को, आपके माध्यम से मैदान में जो लोग मेहनत कर रहे थे उन सबको हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
मेरे साथ बोलिए भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की...
बहुत-बहुत धन्यवाद।