QuoteIt is only the Bharatiya Janata Party, which is democratic in its functioning: PM Modi
QuoteThe BJP has always stood by the people despite facing political violence in several states: PM Modi
Quote10% reservation will empower the economically weak belonging to General Category: PM Modi

नमस्कार,
भारत माता की...जय। भारत माता की...जय। भारत माता की...जय।

बारामती, गढ़चिरौली, हिंगोली, नांदेड़, नंदूरबार... सर्वकार्यकर्त्यांना माझा प्रेमपूर्वक नमस्कार। ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ इस मंत्र के साथ हम सब कार्यकर्ता आज संवाद कर रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि आज का हमारा यह संवाद हम सबको अपने- अपने बूथ को मजबूत बनाने की प्रेरणा देगा। एक रोडमैप बनाकर बूथ के एक- एक परिवार से संपर्क के अपने संकल्प को मजबूती देगा। आइए, सबसे पहले चलते हैं बारामती।

कार्यकर्ता – नमस्कार
पीएम मोदी - नमस्कार

कार्यकर्ता - महाराष्ट्र के आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज के पदस्पर्श से पावन, संत श्रेष्ठ ज्ञानेश्वर महाराज, तुकाराम महाराज के पदस्पर्श से पावन ये पुण्यनगरी, बारामती लोकसभा चुनाव क्षेत्र से मैं दत्तात्रेय वसंत चौधरी प्रधानमंत्री से ये सवाल पूछना चाहता हूं कि बीजेपी और बाकी पार्टी में आप क्या अंतर देखते हैं। और दूसरा सवाल ये रहेगा कि हम किस तरह से लोगों के बीच में ये बात पहुंचाएं कि क्यों बीजेपी ही देश की आशा और आकांक्षा पर खरी उतर सकती है? धन्यवाद।

पीएम मोदी – दत्तात्रेय जी, ये बूथ के कार्यकर्ता हैं और कार्यकर्ता के संबंध में बात हो रही है तो मैं सबसे पहले शुरुआत करूंगा...देखिए, भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं की पार्टी है, कार्यकर्ताओं द्वारा बनाई गई पार्टी है और देश के लिए समर्पित पार्टी है। पार्टी में कार्यकर्ताओं की आवाज और अर्ज उसी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अगर कोई पार्टी ऐसी है जो वास्तव में पूरी तरह से लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन करती है तो वह भारतीय जनता पार्टी है। लोकतंत्र हमारी रगों में है, हमारे संस्कारों में है और यही कारण है कि देश की जनता हमसे एक स्वाभाविक जुड़ाव महसूस करती है।

हमारी पार्टी में कोई भी निर्णय इस बात से नहीं होते हैं कि एक व्यक्ति या एक परिवार की इस विषय में क्या इच्छा है या क्या चाहता है, बल्कि हमारे यहां निर्णय इस बात से होते हैं कार्यकर्ता क्या चाहता है। और इसलिए कहा जाता है कि देश में ज्यादातर cases में परिवार ही पार्टी है लेकिन भाजपा में पार्टी ही हमारा परिवार है। देश में ज्यादातर पॉलिटिकल लीडर्स कांग्रेस गोत्र के हैं यानि वो कांग्रेस संस्कृति में ही पले-बढ़े हैं, संस्कारित हुए हैं। जब मैं कांग्रेसमुक्त भारत की बात करता हूं तो उसका मतलब यही है कि हम भारतीय राजनीति में से कांग्रेस कल्चर को खत्म करना चाहते हैं। जब मैं ये बात करता हूं तब मैं जरा बारामती के कार्यकर्ताओं से पूछना चाहता हूं...क्योंकि यहां पर कांग्रेस कल्चर किसी न किसी रूप में बहुत नीचे तक पहुंचा हुआ है... और इसलिए आपको भलीभांति पता है कि कांग्रेस कल्चर क्या होता है...लेकिन मैं बारामती के लोगों से सुनना चाहूंगा कि बताइए आपके हिसाब से कांग्रेस कल्चर का मतलब क्या है। बताएंगे बारामती के कोई? कोई बोलेंगे क्या? आपकी आवाज मुझे नहीं सुनाई दे रही है।

कार्यकर्ता - प्रधानमंत्री जी, पुणे जिले में बारामती लोकसभा क्षेत्र, आज तक इस क्षेत्र का जिन्होंने नेतृत्व किया है, यहां पे जातिवाद, पारिवारिक भ्रष्टाचार, ये इनका मकसद है और आज तक इन्होंने यही किया है। आपके माध्यम से ये खत्म हो रहा है, इसलिए ये सब एकजुट हो रहे हैं। और आपके खिलाफ, बीजेपी के खिलाफ ये एकजुट हुए हैं फिर भी आपको और भारतीय जनता पार्टी को कोई रोक नहीं सकता।

पीएम मोदी - अब आप देखिए, हममें से हर एक जानता है कि कांग्रेस कल्चर का मतलब है...कैसी-कैसी बुराइयों से भरा हुआ है। अगर इनमें से एक बुराई हमारे में आती है इसका मतलब कांग्रेस हमारे अंदर भी घुस रही है। आप सब लोग बारामती से हैं। सब जानते हैं कि कांग्रेस पार्टी ने वहां के सर्वोच्च नेता के साथ कैसा-कैसा व्यवहार किया। मैं व्यक्तिगत रूप से उनका सम्मान करता हूं। उन्होंने कई वर्षों तक सार्वजनिक जीवन में रहते हुए जनता के लिए काम किया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता होते हुए उनके साथ कांग्रेस ने बहुत ही अपमानजनक व्यवहार किया। हम भी गुजरात में थे, सुना करते थे...सही-गलत क्या था ये तो भगवान जाने...पर कहते हैं कि उनकी गलती सिर्फ इतनी सी थी कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनने के लिए अपनी दावेदारी पेश की। सिर्फ इस बात के लिए उन्हें रातोंरात पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। ऐसा सिर्फ परिवारवादी पार्टी में हो सकता है। और सबसे मजेदार बात यही है कि वही पवार साहब जिनका कांग्रेस ने अपमान किया था, एक बार फिर से वे कांग्रेस के पाले में चले गए।

हमारी पार्टी वह है जो भारत के लोकतंत्र की सुरक्षा में हमेशा सबसे आगे रही है। आपातकाल का विरोध करने में हमारे लाखों कार्यकर्ता सबसे आगे थे। आज भी हमारे बहुत सारे कार्यकर्ता राजनीतिक हिंसा के शिकार हो रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भी हमारे कार्यकर्ता लोगों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। अब आप देखिए कि पश्चिम बंगाल में वहां की सरकार ने लोकतांत्रिक तरीकों से चुनाव नहीं होने दिए क्योंकि वो जानते थे कि अगर स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव होते तो उन्हें बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ता। वे तानाशाही के रास्ते पर चलते रहे लेकिन हम लोकशाही के लिए प्रतिबद्ध हैं और हमेशा उसी रास्ते पर चलेंगे।

आइए, अब चलते हैं गढ़चिरौली ।

पीएम मोदी – गढ़चिरौली नमस्कार।

कार्यकर्ता – नमस्कार मोदी जी। मैं नरेंद्र कुमार। मेरा आपसे एक सवाल है। सर आपकी सरकार आने के बाद माओवाद और नक्सलवाद का खौफ हमारे क्षेत्र में कम हो गया लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि मीडिया इसकी बिल्कुल चर्चा ही नहीं करता। हमारे कार्यकर्ता भी इस बारे में ज्यादा बात नहीं करते। आप इसे कैसे देखते हैं सर जी। नमस्कार।

पीएम मोदी – मुझे अच्छा लगा कि हमारे कार्यकर्ता देश में क्या हो और कैसे बदलाव आ रहा है उसे अच्छी तरह पहचान रहे हैं। एक समय था जब पूर्व प्रधानमंत्री ने खुद कहा था कि माओवाद देश पर हावी हो रहा है। और आज आपने सही कहा है कि देश भर में नक्सलवाद-माओवाद का खौफ कम हो रहा है। देखिए, कोई भी क्षेत्र स्वयं को माओवाद प्रभावित इलाका कहलाना पसंद नहीं करता है। स्थानीय लोगों की मानसिकता पर इसका बहुत ही विपरीत प्रभाव पड़ता है। लेकिन आपको यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता होगी कि आज माओवाद पीछे चला गया है, डरता है, भाग रहा है और विकासवाद आगे आ बढ़ रहा है। हिम्मत के साथ, योजना के साथ आगे बढ़ रहा है।

माओवादी अपनी हिंसा के मार्ग से लोगों को विकास से वंचित रखने का काम करते, फिर चाहे वो सड़क हो, स्कूल हो या बिजली हो। हमने ना सिर्फ इनकी हिंसा को उनकी ही भाषा में मुंहतोड़ जवाब दिया बल्कि लोगों को विकास से वंचित रखने के उनके मंसूबों को भी नाकाम कर दिया। इन क्षेत्रों के गरीब लोगों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन लाने के लिए यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर और सामाजिक सशक्तिकरण पर लगातार बल दिया जा रहा है। और जब भी माओवादियों के खिलाफ लड़ाई की बात उठती है तो मैं सबसे पहले अपने सुरक्षा बल के बहादुर जवानों को नमन करता हूं क्योंकि जनता-जनार्दन की शांति और कुशलता बरकरार रखने के लिए वे सदा ही चौकन्ने रहते हैं। उनके साहसिक प्रयासों और हमारी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के चलते पिछले चार-साढ़े चार वर्षों में माओवादी हिंसा में आई गिरावट को देखकर आज हर भारतीय के मन में एक नया विश्वास, नई आशा पैदा हुई है।

भौगोलिक तौर पर भी माओवादी हिंसा का प्रभाव काफी हद तक कम हो गया है। माओवाद प्रभावित जिलों की संख्या अब पहले के 126 से घटकर सिर्फ 90 रह गई है। इतना ही नहीं पहले के 36 सबसे प्रभावित यानि खूंखार माने जाते थे, वो भी अब घटकर के 30 पर आए हैं। माओवाद प्रभावित जिलों में करीब साढ़े चार हजार किलोमीटर से अधिक सड़क का निर्माण किया जा चुका है। पहले शायद कोई सोच सकता था कि इन इलाकों में भी इस स्केल और स्पीड से काम हो सकता है।

कनेक्टिविटी का दायरा बढ़ाने के लिए करीब 2,400 मोबाइल टॉवर्स स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा चार हजार और टॉवर्स स्थापित करने को मंजूरी दी जा चुकी है। जब हमने कार्यभार संभाला था तब माओवादी हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से 11 में एक भी केंद्रीय विद्यालय नहीं था, वहां आज आठ नए केंद्रीय विद्यालय और पांच नए जवाहर नवोदय विद्यालय बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन दे रहे हैं। माओवाद से प्रभावित इलाकों में बैंकों की पहुंच सीमित थी। माओवादी हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में बड़ी संख्या में बैंकों के ब्रांच और एटीएम खोलने की पहल की गई है। आज देश देख रहा है कि माओवाद को हराने की हमारी जो व्यूह रचना है वो कामयाब हो रही है।
आइए, गढ़चिरौली से हम चलते हैं हिंगोली की तरफ।

पीएम मोदी – हिंगोली नमस्ते।

कार्यकर्ता – प्रधानमंत्री जी मेरा आपको नमस्कार।
पीएम मोदी – नमस्कार।
जगदेव राव पवार (बूथ प्रमुख, हिंगोली) – सर, मेरा प्रश्न है...पिछले चार सालों में आम नागरिकों का रिश्ता बदला है। कई सरकारी प्रक्रिया सरल हुई है। आप भी ईज ऑफ लिविंग के बारे में बात करते हैं। नागरिकों के लिए इसका क्या अर्थ है?

पीएम मोदी – जगदेव राव नमस्कार। ऐसा कहा जाए तो गलत नहीं होगा कि किसी परियोजना का फीता काटना और फिर उसे अपने भाग्य पर छोड़ देना, ये हमारे सिस्टम का एक हिस्सा ही बन गया था। एक तरीके से कहा जाए तो पीपल फ्रेंडली व्यवस्था के निर्माण से लोगों के जीवन को आसान बनाना ईज ऑफ लिविंग है। एक ऐसी व्यवस्था जिसमें ‘पीपल फर्स्ट’ के नजरिए से हर प्रोसेस डिजाइन है। सामान्य व्यक्ति को केंद्र में रखते हुए नीतियों का निर्माण हो और ऐसे निर्णय लिए जाएं जिनसे लोगों के जीवन में आसानी आए, यही ईज ऑफ लिविंग है। मैंने लोगों को सरकारों से जद्दोजहद करते हुए बहुत करीब से देखा है। छोटी-छोटी चीजों को सरकार से करवाने के लिए परेशान होते हुए देखा है।

हमने आने के बाद चार प्रिंसिपल काम करना शुरू किया। एक, जितनी चीजों को नागरिकों के विश्वास पर छोड़ा सकता है, सरकार उसमें से निकल जाए। टेक्नोलॉजी की मदद से जहां-जहां ह्यूमन इंटरवेंशन खत्म कर सकते हैं, वहां करना...सिटिजन सेंट्रिक सर्विसेस से संबंधित इन्फ्रास्ट्रक्चर का छोटे शहरों और गांवों तक में विस्तार करना...पूरे गवर्नेंस के तंत्र को जनता के प्रति संवेदनशील बनाना, जवाबदेह बनाना। अपने डॉक्यूमेंट्स को एटेस्ट कराने के लिए कितने चक्कर काटने पड़ते थे। देश के नागरिकों पर अविश्वास का एक माहौल था। और इसलिए हमने आने के कुछ हफ्तों के भीतर ही इस नियम को समाप्त कर दिया। सेल्फ एटेस्टेशन को ही पर्याप्त बना दिया। आज सिस्टम मान्य लोगों पर विश्वास करता है।

इसके कई उदाहरण आप देख सकते हैं। ट्रेनों में अब यात्रा करने के लिए ई-टिकट खरीदना पर्याप्त है। जब कोई पुलिसवाला आपसे ड्राइविंग लाइसेंस, ऑटो इंश्योरेंस या कोई अन्य दस्तावेज दिखाने को कहता है तो अब आप उसे अपने मोबाइल में रखे डॉक्यूमेंट्स की इलेक्ट्रॉनिक कॉपी भी दिखा सकते हैं। डॉक्यूमेंट्स को साथ में लेकर घूमने की जरूरत नहीं है। हम अपने साथ-साथ प्रक्रियाओं को भी 21वीं सदी की तरफ लेकर जा रहे हैं। हमारे बुजुर्गों को पेंशन पाने के लिए, अपने जीवित होने का प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए धक्के खाने पड़ते थे वो सब कम हो गया। अब उन्हें जीवन प्रमाण पोर्टल पर आधार लिंक्ड डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है।

अब अधिकांश प्रक्रिया हमने ऑनलाइन कर दी है जो सरल भी है और संवेदनशील भी है। अब स्कॉलरशिप का लाभ लेने के लिए छात्रों को किसी को खर्चा पानी देने की आवश्यकता तो नहीं है। ऑनलाइन अप्लाई और डीबीटी से स्कॉलरशिप सीधे बैंक खाते में जमा हो जाती है। आपको याद होगा कि पहले गैस कनेक्शन हो या बिजली कनेक्शन...काफी दिन लग जाते थे। अब ये काम ऑनलाइन बहुत कम समय में हो रहा है। आपमें से कई लोगों ने इसको स्वयं अनुभव किया होगा कि अब इनकम टैक्स रिफंड्स कुछ ही दिनों में मिल जाते हैं, जहां पहले महीने लग जाते थे। और अब तो हम एक दिन में इनकम टैक्स रिफंड मिले, उस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

भीम ऐप के माध्यम से डिजिटल लेनदेन को बहुत ही सरल बना दिया गया है। इसी तरह से यदि आप उमंग ऐप डाउनलोड करते हैं तो 300 से अधिक सरकारी सर्विस आपको अपने मोबाइल पर मिल जाती है। आपको याद होगा कि पहले पासपोर्ट बनवाना भी एक प्रकार से चुनौतीपूर्ण कार्य हुआ करता था, क्योंकि उस वक्त देश में बहुत कम पासपोर्ट केंद्र हुआ करते थे। मैं खुद ऐसे लोगों को जानता हूं जो दूसरे शहरों में सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करते थे और कुछ दिनों के लिए किसी और के घर में रहते थे क्योंकि उनके शहर में पासपोर्ट कार्यालय ही नहीं था। ऐसा क्यों है कि आजादी के 60 साल बाद भी देश में केवल 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे। केवल साढ़े चार वर्ष में ही हमने उस संख्या को 77 से 300 के पार पहुंचा दिया है। गांव-गांव तक कॉमन सर्विस सेंटर्स के माध्यम से सरकारी सेवाओं को पहुंचाने का काम भी बहुत बड़े स्तर पर किया गया है। आज देश में ढाई लाख से ज्यादा CSCs काम कर रहे हैं। इसी तरह का एक और कदम है जो मैंने उठाया...और वो है सरकारी नौकरियों के लिए interviews का समाप्त होना। एक तरह से कहा जाए तो इंटरव्यू से भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिल रहा था। हमने इसे समाप्त कर दिया। अब योग्यता के आधार पर ही नौकरियां दी जाती हैं।

चलिए अब नांदेड़ की तरफ चलना है साथियो।

पीएम मोदी – नांदेड़ नमस्कार।

कार्यकर्ता – नमस्कार। नमस्कार। नमस्कार।

पीएम मोदी - नांदेड़ सचखंड श्री हजूर साहब की भूमि है। नांदेड़ वही पुण्यभूमि है जहां श्री गुरु गोबिंद सिंह जी शहीद हुए थे। मैं श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को नमन करता हूं। और अब आप अपनी बात शुरू कीजिए।

कार्यकर्ता – नमस्कार। मैं साइलू लालू मुत्तनवार, महाराष्ट्र नांदेड़ लोकसभा क्षेत्र से हूं। मेरा बूथ क्रमांक 108 है। सर जी मैं आपसे एक प्रश्न पूछता हूं। सर आप कांग्रेस के अटकने, लटकने और भटकने की बात काफी करते हैं। आप बताते हैं कि हमारी सरकार ने बहुत सी लंबित परियोजनाओं को पूरा कर लिया है। आप इसका कुछ उदहरण दे सकते हैं कि हमने किन-किन लंबित योजनाओं को पूरा किया है। धन्यवाद।

पीएएम मोदी – देखिए पिछले साढ़े चार वर्षों में आपने देखा होगा कि सरकार के काम करने के तरीके में पूरी तरह से बदलाव आया है। अब परियोजनाएं न केवल शुरू होती हैं बल्कि समयबद्ध तरीके से पूरी भी होती हैं। जो योजनाएं हमने शुरू की हैं उन्हें तो हम पूरा करते ही हैं पर जो पहले से लटकी चली आ रही हैं उनको भी हम पूरा कर रहे हैं। चार दशकों से हमारे सैनिक वन रैंक वन पेंशन-OROP की मांग कर रहे थे। आप सोच सकते हैं, चार दशकों तक ये मामला ऐसे ही लटका रहा...फाइलों में बंद पड़ा रहा। हमने इस मसले को सुलझाया और OROP के सपने को साकार किया।

असम के लोग दशकों से बोगीबील ब्रिज का इंतजार कर रहे थे। आप सोच सकते हैं, देशवासियों को एक पुल के लिए दशकों तक इंतजार करना पड़ा। हमने चार साल के भीतर ही असम के लोगों को बीगीबील ब्रिज दे दिया। असम की गैसक्रैकर परियोजना जो पूर्वोत्तर में सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक थी...आप सोचिए, तीन दशक पहले इसकी कल्पना की गई थी। इतना समय बीत गया लेकिन इसका काम पूरा नहीं हो सका था। लेकिन हमने इस परियोजना को पूरा करने का बीड़ा उठाया और 2016 में इसका काम पूरा भी कर लिया।

हरियाणा के लोगों ने लगभग एक दशक तक कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे का इंतजार किया और हमने चार साल के भीतर इसका काम पूरा किया। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के लिए दशकों से प्लानिंग ही चल रही थी, काम कुछ नहीं हो रहा था और हमने उसको भी पूरा किया। जबसे हमारी सरकार आई है, हमने फर्टिलाइजर के आयात पर निर्भरता को दूर करने के लिए कई फर्टिलाइजर प्लांट्स को फिर से शुरू किया है।

देश के 18 हजार गांव आजादी से अंधकार में जी रहे थे, उन्हें अंधकार में से बाहर निकालने का सौभाग्य हमें मिला। देश के करोड़ों घर आजादी से अंधकार में जी रहे थे, उन्हें अंधेरे में से बाहर निकालने का सौभाग्य भी हमें ही मिला। देश में लाखों-करोड़ों किसानों को लाभान्वित करने वाली सिंचाई योजनाएं अटकी पड़ी थीं। इन्हें शुरू कर किसानों का जीवन बेहतर बनाने का सौभाग्य हमें ही प्राप्त हुआ। आजादी से देश में पिछड़े जिलों के नाम से कई जिले छूटे पड़े थे। हमने ना सिर्फ उनका नाम बदलकर आकांक्षी जिले रखा बल्कि यह कार्यक्रम मिशन मोड में चलाया है।

अब मैं आप ही के राज्य में चल रही विकास परियोजनाओं की बात करता हूं। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे एक ऐसी परियोजना है जो इन दो शहरों के बीच स्थित क्षेत्रों का रूप बदल देगी। इससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय घटकर केवल 12 घंटे रह जाएगा। इसे एक लाख करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, मैन्युफैक्चरिंग के हब के तौर पर विकसित हो रहा है। पूरी दुनिया इस मैन्युफैक्चरिंग हब में स्थान पाना चाहती है। और पहले से ही ऐसे कुछ मेगा ग्रीनफील्ड प्रोजक्ट पर तेजी से काम चल रहा है। मुंबई अहमदाबाद हाईस्पीड कॉरिडोर काफी बड़ी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजना है। इस परियोजना से इस क्षेत्र के विकास की संभावनाओं को बढ़ावा मिलेगा।

कुछ दिन पहले मुझे कल्याण में ठाणे-भिवंडी-कल्याण कॉरिडोर पर मुंबई मेट्रो लाइन-5 और दहिसर-मीरा-भायंदर मेट्रो लाइन-9 का शिलान्यास करने का अवसर मिला। सालों के इंतजार के बाद इसका काम शुरू हो चुका है। पिछले चार वर्षों में हमने मेट्रो परियोजनाओं में तेजी से काम किया है। मुंबई, पुणे, नागपुर शहरों में मेट्रो से वहां के लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आएगा। मैं प्रगति के माध्यम से हर महीने परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा करता हूं और परियोजनाओं में अगर कोई समस्या सामने आती है तो वहीं तुरंत के तुरंत उसका हल निकाला जाता है। बीते साढ़े चार वर्षों में प्रगति के माध्यम से 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाली परियोजनाओं की समीक्षा की जा चुकी है। अब ना केवल हम अपनी परियोजनाओं की शुरुआत अच्छी तरह करते हैं बल्कि हम यह भी सुनिश्चित करते हैं कि परियोजनाएं समय पे पूरी हों।

आइए अब चलते हैं नंदूरबार।

पीएम मोदी – नंदूरबार नमस्ते।

सुनीता सुभाष शिंदे (बूथ प्रमुख, नंदूरबार) - माननीय प्रधानमंत्री जी को मेरा सादर प्रमाण। माननीय प्रधानमंत्री जी से मैं ये सवाल पूछना चाहती हूं कि गरीबों को आपने सवर्णों में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया है। ये ऐतिहासिक कदम आपने उठाया है। लेकिन कांग्रेस के एक नेता ने कहा है कि इस मुद्दे को मैं अदालत में चुनौती दूंगा। ऐसे गरीबों के विरुद्ध कांग्रेस का कैसे हम पर्दाफाश कर सकते हैं, इसका कृपया मार्गदर्शन करें।

पीएम मोदी – आपका प्रश्न महत्वपूर्ण है। इसके पहले कि मैं इसका जवाब दूं, पहले ये जानना जरूरी है कि आखिर इसकी जरूरत क्यों पड़ी। साथियो, सैकड़ों वर्षों के कालखंड में हमारी सामाजिक व्यवस्था में ऐसे बदलाव हुए जिनकी वजह से कुछ वर्गों के साथ बहुत ज्यादा अन्याय होना शुरू हो गया। जाति की वजह से उनका अपमान किया गया, उनका शोषण किया गया। समय के साथ वो हर प्रकार से पिछड़ते चले गए। और इसलिए संविधान बनाते समय ये सवाल उठा तो बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की अगुआई में हमारे संविधान निर्माताओं ने ये फैसला किया कि समाज के उस शोषित और वंचित वर्ग के लिए ऐसी व्यवस्था की जाए जहां वो अवसरों के लिए दूसरे लोगों के साथ मुकाबला कर सकें। ये व्यवस्था आरक्षण थी और इसके पीछे की पूरी सोच ही अवसरों की समानता थी।

आजादी के बाद के दशकों में आरक्षण की इस व्यवस्था ने करोड़ों लोगों के जीवन में नई ऊर्जा का संचार किया, उन्हें आगे बढ़ाने में मदद की। आज भी आरक्षण की ये व्यवस्था मेरे दलित, मेरे पिछड़े भाई-बहनों, मेरे आदिवासी भाई- बहनों उनको अवसरों की समानता दे रही है। संविधान द्वारा बनाई यह व्यवस्था चट्टान की तरह उनके साथ है और हमेशा रहेगी। साथियो, इस व्यवस्था को बनाए रखने के साथ ही बीते काफी समय से ये मांग भी की जा रही थी कि जो सामान्य वर्ग के गरीब हैं उन्हें भी अवसरों की समानता मिले।

उन गरीबों के साथ भी न्याय हो। जब हमारी सरकार ने संविधान संशोधन का कदम उठाया तो ये हैरान रह गए। आधे-अधूरे मन से इनको संसद में इसका समर्थन करना पड़ा। अब ये पिछले दरवाजे से सरकार के इस पवित्र काम को जिसका संसद में उनको भी समर्थन करना पड़, उस फैसले को अदालत में चुनौती देने का प्रयास कर रहे हैं। इन्होंने अपने लोग इस काम में लगा दिए हैं। गरीबों के लिए की गई इस ऐतिहासिक शुरुआत के खिलाफ ये कोर्ट में जा रहे हैं। उन्होंने खुद सकारात्मक पहले करने में तो कभी इंटरेस्ट नहीं दिखाया लेकिन नकारात्मकता का माहौल बनाने में यहां भी ये बाज नहीं आ रहे हैं।

मैं आपको ये भी बता देता हूं कि आरक्षण का जो प्रावधान किया गया है ये बिल्कुल अलग से किया गया है। पहले से जिन वर्गों को आरक्षण दिया गया है, उनके हक पर कोई भी असर नहीं पड़ेगा। उल्टा हम देश में उच्च शिक्षा के सभी शिक्षण संस्थान की सीटों में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर रहे हैं और ये इसी सेशन से लागू हो जाएगा। यानि अब सामान्य वर्ग के बच्चे भी आईआईटी और आईआईएम जैसे प्रीमियर संस्थानों में आसानी से पहुंच पाएंगे और बाकी बच्चों की संभावनाओं पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा। रही बात अफवाह की तो अफवाह फैलाने वालों का काम ही यही होता है। लेकिन अगर हम हमारी बात ज्यादा लोगों को पहुंचाते हैं तो फिर अफवाह टिकती नहीं है, अफवाह पहुंच ही नहीं सकती है। और मैं आपको स्पष्ट कर दूं...मैं चाहता हूं कि आप और इस कार्यक्रम से जुड़े मेरे लाखों कार्यकर्ता ये साफ जान लें कि ये आरक्षण किसी भी आरक्षण को खत्म करने या कम करने के लिए नहीं दिया गया है।

ये आरक्षण देश में आरक्षण की एक नई कैटेगरी है। इस आरक्षण से हर गरीब का फायदा होगा और इससे किसी का कोई नुकसान होने वाला नहीं है। ये मेरे देश के गरीबों को दिया गया आरक्षण है। मैं आपको फिर विश्वास दिलाता हूं कि दलित, पिछड़े, आदिवासी और वंचितों को जो संविधान में आरक्षण की सुविधा है, उस पर किसी तरह की कोई आंच नहीं आएगी। जब तक देश में मोदी है, किसी दलित को, आदिवासी को, ओबीसी को दिया जा रहा आरक्षण, किसी पिछड़ा को दिया जा रहा आरक्षण, किसी आदिवासी को दिया जा रहा आरक्षण कोई छीन नहीं सकता।

मैं आपको और अपने लाखों कार्यकर्ताओं को ये भी स्पष्ट कर रहा हूं कि चुनावी साल है। ऐसे में आपको सतर्क रहना है, सजग रहना है कि इस तरह की अफवाह समाज में ना फैले। मुझे विश्वास है कि विरोधी पूरी तरह से भ्रम फैलाने में जुटे हैं। सत्य के आधार पर पब्लिक के बीच में जाने का उनका हौसला ही नहीं है। उनकी जमीन कच्ची है। दलित, आदिवासी और पिछड़े बहन-भाइयों के बीच जाकर जो लोग झूठ बोलने में जुटे हैं, उनको निरुत्तर करना, उनके असली चेहरों को लोगों के सामने लाना, ये बीजेपी के आप सभी कार्यकर्ताओं का काम है। और इस प्रचार का, अपप्रचार का पूरी शक्ति से सामना करेंगे, करना है और यही बात एक-एक नागरिक तक हमें पहुंचानी है। और अभी जो कोर्ट-कचहरी के माध्यम से गरीबों के हकों पर अड़ंगा लगा रहे हैं ये बात भी उनको जाकर के बतानी है कि कांग्रेस पार्लियामेंट में तो वोट देती है लेकिन बाहर अब सुप्रीम कोर्ट में जाकर के खेल खेलना शुरू कर रही है। ‘सबका साथ सबका विकास’ की तरह यह बहुत बड़ा कदम है। इसको इसी भावना से लोगों तक हमें पहुंचाना है।

साथियो, मेरा बूथ सबसे मजबूत यह सिर्फ एक संवाद का नाम नहीं है बल्कि एक भावना है एक संकल्प है जिससे हमारी पार्टी मजबूत बनती है। मुझे पिछले दिनों में केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, गोवा, महाराष्ट्र के कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करने का मौका मिला है और मैंने देखा है कि कार्यकर्ता किसी भी राज्य का हो, उसकी भाषा चाहे कोई भी हो, उसके राज्य में भाजपा की सरकार हो या ना हो, उसकी भारत माता के प्रति भक्ति, देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा, सुशासन के लिए संघर्ष करने की भावना, हर जगह समान है, प्रमुख है। यही तो चीजें हैं जिससे भाजपा कार्यकर्ता की पहचान होती है। साथियो, आप सबसे बातें करना, आपके सुझाव और प्रश्न सुनना मुझे बहुत ही आनंद देता है। अगली बार फिर मिलेंगे। बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

 

 

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Today, North East is emerging as the ‘Front-Runner of Growth’: PM Modi at Rising North East Investors Summit
May 23, 2025
QuoteThe Northeast is the most diverse region of our diverse nation: PM
QuoteFor us, EAST means - Empower, Act, Strengthen and Transform: PM
QuoteThere was a time when the North East was merely called a Frontier Region.. Today, it is emerging as the ‘Front-Runner of Growth’: PM
QuoteThe North East is a complete package for tourism: PM
QuoteBe it terrorism or Maoist elements spreading unrest, our government follows a policy of zero tolerance: PM
QuoteThe North East is becoming a key destination for sectors like energy and semiconductors: PM

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, सुकांता मजूमदार जी, मणिपुर के राज्यपाल अजय भल्ला जी, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व शर्मा जी, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू जी, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा जी, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा जी, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग जी, नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो जी, मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा जी, सभी इंडस्ट्री लीडर्स, इन्वेस्टर्स, देवियों और सज्जनों!

आज जब मैं राइज़िंग नॉर्थईस्ट के इस भव्य मंच पर हूँ, तो मन में गर्व है, आत्मीयता है, अपनापन है, और सबसे बड़ी बात है, भविष्य को लेकर अपार विश्वास है। अभी कुछ ही महीने पहले, यहां भारत मंडपम् में हमने अष्टलक्ष्मी महोत्सव मनाया था, आज हम यहां नॉर्थ ईस्ट में इन्वेस्टमेंट का उत्सव मना रहे हैं। यहां इतनी बड़ी संख्या में इंडस्ट्री लीडर्स आए हैं। ये दिखाता है कि नॉर्थ ईस्ट को लेकर सभी में उत्साह है, उमंग है और नए-नए सपने हैं। मैं सभी मंत्रालयों और सभी राज्यों की सरकारों को इस काम के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आपके प्रयासों से, वहां इन्वेस्टमेंट के लिए एक शानदार माहौल बना है। नॉर्थ ईस्ट राइजिंग समिट, इसकी सफलता के लिए मेरी तरफ से, भारत सरकार की तरफ से आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

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साथियों,

भारत को दुनिया का सबसे Diverse Nation कहा जाता है, और हमारा नॉर्थ ईस्ट, इस Diverse Nation का सबसे Diverse हिस्सा है। ट्रेड से ट्रेडिशन तक, टेक्सटाइल से टूरिज्म तक, Northeast की Diversity, ये उसकी बहुत बड़ी Strength है। नॉर्थ ईस्ट यानि Bio Economy और Bamboo, नॉर्थ ईस्ट यानि टी प्रोडक्शन एंड पेट्रोलियम, नॉर्थ ईस्ट यानि Sports और Skill, नॉर्थ ईस्ट यानि Eco-Tourism का Emerging हब, नॉर्थ ईस्ट यानि Organic Products की नई दुनिया, नॉर्थ ईस्ट यानि एनर्जी का पावर हाउस, इसलिए नॉर्थ ईस्ट हमारे लिए ‘अष्टलक्ष्मी’ हैं। ‘अष्टलक्ष्मी’ के इस आशीर्वाद से नॉर्थ ईस्ट का हर राज्य कह रहा है, हम निवेश के लिए तैयार हैं, हम नेतृत्व के लिए तैयार हैं।

साथियों,

विकसित भारत के निर्माण के लिए पूर्वी भारत का विकसित होना बहुत जरूरी है। और नॉर्थ ईस्ट, पूर्वी भारत का सबसे अहम अंग है। हमारे लिए, EAST का मतलब सिर्फ एक दिशा नहीं है, हमारे लिए EAST का मतलब है – Empower, Act, Strengthen, and Transform. पूर्वी भारत के लिए यही हमारी सरकार की नीति है। यही Policy, यही Priority, आज पूर्वी भारत को, हमारे नॉर्थ ईस्ट को ग्रोथ के सेंटर स्टेज पर लेकर आई है।

साथियों,

पिछले 11 वर्षों में, जो परिवर्तन नॉर्थ ईस्ट में आया है, वो केवल आंकड़ों की बात नहीं है, ये ज़मीन पर महसूस होने वाला बदलाव है। हमने नॉर्थ ईस्ट के साथ केवल योजनाओं के माध्यम से रिश्ता नहीं जोड़ा, हमने दिल से रिश्ता बनाया है। ये आंकड़ा जो मैं बता रहा हूं ना, सुनकर के आश्चर्य होगा, Seven Hundred Time, 700 से ज़्यादा बार हमारे केंद्र सरकार के मंत्री नॉर्थ ईस्ट गए हैं। और मेरा नियम जाकर के आने वाला नहीं था, नाइट स्टे करना कंपलसरी था। उन्होंने उस मिट्टी को महसूस किया, लोगों की आंखों में उम्मीद देखी, और उस भरोसे को विकास की नीति में बदला, हमने इंफ्रास्ट्रक्चर को सिर्फ़ ईंट और सीमेंट से नहीं देखा, हमने उसे इमोशनल कनेक्ट का माध्यम बनाया है। हम लुक ईस्ट से आगे बढ़कर एक्ट ईस्ट के मंत्र पर चले, और इसी का परिणाम आज हम देख रहे हैं। एक समय था, जब Northeast को सिर्फ Frontier Region कहा जाता था। आज ये Growth का Front-Runner बन रहा है।

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साथियों,

अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर, टूरिज्म को attractive बनाता है। जहां इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा होता है, वहां Investors को भी एक अलग Confidence आता है। बेहतर रोड्स, अच्छा पावर इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक नेटवर्क, किसी भी इंडस्ट्री की backbone है। Trade भी वहीं Grow करता है, जहाँ Seamless Connectivity हो, यानि बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, हर Development की पहली शर्त है, उसका Foundation है। इसलिए हमने नॉर्थ ईस्ट में Infrastructure Revolution शुरू किया है। लंबे समय तक नॉर्थ ईस्ट अभाव में रहा। लेकिन अब, नॉर्थ ईस्ट Land of Opportunities बन रहा है। हमने नॉर्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर पर लाखों करोड़ रुपए खर्च किए हैं। आप अरुणाचल जाएंगे, तो सेला टनल जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर आपको मिलेगा। आप असम जाएंगे, तो भूपेन हज़ारिका ब्रिज जैसे कई मेगा प्रोजेक्ट्स देखेंगे, सिर्फ एक दशक में नॉर्थ ईस्ट में 11 Thousand किलोमीटर के नए हाईवे बनाए गए हैं। सैकड़ों किलोमीटर की नई रेल लाइनें बिछाई गई हैं, नॉर्थ ईस्ट में एयरपोर्ट्स की संख्या दोगुनी हो चुकी है। ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों पर वॉटरवेज़ बन रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में मोबाइल टावर्स लगाए गए हैं, और इतना ही नहीं, 1600 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का नॉर्थ ईस्ट गैस ग्रिड भी बनाया गया है। ये इंडस्ट्री को ज़रूरी गैस सप्लाई का भरोसा देता है। यानि हाईवेज, रेलवेज, वॉटरवेज, आईवेज, हर प्रकार से नॉर्थ ईस्ट की कनेक्टिविटी सशक्त हो रही है। नॉर्थ ईस्ट में जमीन तैयार हो चुकी है, हमारी इंड़स्ट्रीज को आगे बढ़कर, इस अवसर का पूरा लाभ उठाना चाहिए। आपको First Mover Advantage से चूकना नहीं है।

साथियों,

आने वाले दशक में नॉर्थ ईस्ट का ट्रेड पोटेंशियल कई गुना बढ़ने वाला है। आज भारत और आसियान के बीच का ट्रेड वॉल्यूम लगभग सवा सौ बिलियन डॉलर है। आने वाले वर्षों में ये 200 बिलियन डॉलर को पार कर जाएगा, नॉर्थ ईस्ट इस ट्रेड का एक मजबूत ब्रिज बनेगा, आसियान के लिए ट्रेड का गेटवे बनेगा। और इसके लिए भी हम ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर तेज़ी से काम कर रहे हैं। भारत-म्यांमार-थाईलैंड ट्रायलेटरल हाईवे से म्यांमार होते हुए थाईलैंड तक सीधा संपर्क होगा। इससे भारत की कनेक्टिविटी थाईलैंड, वियतनाम, लाओस जैसे देशों से और आसान हो जाएगी। हमारी सरकार, कलादान मल्टीमोडल ट्रांजिट प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने में जुटी है। ये प्रोजेक्ट, कोलकाता पोर्ट को म्यांमार के सित्तवे पोर्ट से जोड़ेगा, और मिज़ोरम होते हुए बाकी नॉर्थ ईस्ट को कनेक्ट करेगा। इससे पश्चिम बंगाल और मिज़ोरम की दूरी बहुत कम हो जाएगी। ये इंडस्ट्री के लिए, ट्रेड के लिए भी बहुत बड़ा वरदान साबित होगा।

साथियों,

आज गुवाहाटी, इम्फाल, अगरतला ऐसे शहरों को Multi-Modal Logistics Hubs के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। मेघालय और मिज़ोरम में Land Custom Stations, अब इंटरनेशनल ट्रेड को नया विस्तार दे रहे हैं। इन सारे प्रयासों से नॉर्थ ईस्ट, इंडो पेसिफिक देशों में ट्रेड का नया नाम बनने जा रहा है। यानि आपके लिए नॉर्थ ईस्ट में संभावनाओं का नया आकाश खुलने जा रहा है।

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साथियों,

आज हम भारत को, एक ग्लोबल Health And Wellness Solution Provider के रुप में स्थापित कर रहे हैं। Heal In India, Heal In India का मंत्र, ग्लोबल मंत्र बने, ये हमारा प्रयास है। नॉर्थ ईस्ट में नेचर भी है, और ऑर्गोनिक लाइफस्टाइल के लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन भी है। वहां की बायोडायवर्सिटी, वहां का मौसम, वेलनेस के लिए मेडिसिन की तरह है। इसलिए, Heal In India के मिशन में इन्वेस्ट करने के, मैं समझता हूं उसके लिए आप नॉर्थ ईस्ट को ज़रूर एक्सप्लोर करें।

साथियों,

नॉर्थ ईस्ट के तो कल्चर में ही म्यूज़िक है, डांस है, सेलिब्रेशन है। इसलिए ग्लोबल कॉन्फ्रेंसेस हों, Concerts हों, या फिर Destination Weddings, इसके लिए भी नॉर्थ ईस्ट बेहतरीन जगह है। एक तरह से नॉर्थ ईस्ट, टूरिज्म के लिए एक कंप्लीट पैकेज है। अब नॉर्थ ईस्ट में विकास का लाभ कोने-कोने तक पहुंच रहा है, तो इसका भी पॉजिटिव असर टूरिज्म पर पड़ रहा है। वहां पर्यटकों की संख्या दोगुनी हुई है। और ये सिर्फ़ आंकड़े नहीं हैं, इससे गांव-गांव में होम स्टे बन रहे हैं, गाइड्स के रूप में नौजवानों को नए मौके मिल रहे हैं। टूर एंड ट्रैवल का पूरा इकोसिस्टम डेवलप हो रहा है। अब हमें इसे और ऊंचाई तक ले जाना है। Eco-Tourism में, Cultural-Tourism में, आप सभी के लिए निवेश के बहुत सारे नए मौके हैं।

साथियों,

किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए सबसे जरूरी है- शांति और कानून व्यवस्था। आतंकवाद हो या अशांति फैलाने वाले माओवादी, हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलती है। एक समय था, जब नॉर्थ ईस्ट के साथ बम-बंदूक और ब्लॉकेड का नाम जुड़ा हुआ था, नॉर्थ ईस्ट कहते ही बम-बंदूक और ब्लॉकेड यही याद आता था। इसका बहुत बड़ा नुकसान वहां के युवाओं को उठाना पड़ा। उनके हाथों से अनगिनत मौके निकल गए। हमारा फोकस नॉर्थ ईस्ट के युवाओं के भविष्य पर है। इसलिए हमने एक के बाद एक शांति समझौते किए, युवाओं को विकास की मुख्य धारा में आने का अवसर दिया। पिछले 10-11 साल में, 10 thousand से ज्यादा युवाओं ने हथियार छोड़कर शांति का रास्ता चुना है, 10 हजार नौजवानों ने। आज नॉ़र्थ ईस्ट के युवाओं को अपने ही क्षेत्र में रोजगार के लिए, स्वरोजगार के लिए नए मौके मिल रहे हैं। मुद्रा योजना ने नॉर्थ ईस्ट के लाखों युवाओं को हजारों करोड़ रुपए की मदद दी है। एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स की बढ़ती संख्या, नॉर्थ ईस्ट के युवाओं को स्किल बढ़ाने में मदद कर रही है। आज हमारे नॉर्थ ईस्ट के युवा, अब सिर्फ़ इंटरनेट यूज़र नहीं, डिजिटल इनोवेटर बन रहे हैं। 13 हजार किलोमीटर से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर, 4जी, 5जी कवरेज, टेक्नोलॉजी में उभरती संभावनाएं, नॉर्थ ईस्ट का युवा अब अपने शहर में ही बड़े-बडे स्टार्टअप्स शुरू कर रहा है। नॉर्थ ईस्ट भारत का डिजिटल गेटवे बन रहा है।

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साथियों,

हम सभी जानते हैं कि ग्रोथ के लिए, बेहतर फ्यूचर के लिए स्किल्स कितनी बड़ी requirement होती है। नॉर्थ ईस्ट, इसमें भी आपके लिए एक favourable environment देता है। नॉर्थ ईस्ट में एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट इकोसिस्टम पर केंद्र सरकार बहुत बड़ा निवेश कर रही है। बीते दशक में, Twenty One Thousand करोड़ रुपये से ज्यादा नॉर्थ ईस्ट के एजुकेशन सेक्टर पर इन्वेस्ट किए गए हैं। करीब साढ़े 800 नए स्कूल बनाए गए हैं। नॉर्थ ईस्ट का पहला एम्स बन चुका है। 9 नए मेडिकल कॉलेज बनाए गए हैं। दो नए ट्रिपल आईटी नॉर्थ ईस्ट में बने हैं। मिज़ोरम में Indian Institute of Mass Communication का कैंपस बनाया गया है। करीब 200 नए स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में स्थापित किए गए हैं। देश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी नॉर्थ ईस्ट में बन रही है। खेलो इंडिया प्रोग्राम के तहत नॉर्थ ईस्ट में सैकड़ों करोड़ रुपए के काम हो रहे हैं। 8 खेलो इंडिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, और ढाई सौ से ज्यादा खेलो इंडिया सेंटर अकेले नॉर्थ ईस्ट में बने हैं। यानि हर सेक्टर का बेहतरीन टेलेंट आपको नॉर्थ ईस्ट में उपलब्ध होगा। आप इसका जरूर फायदा उठाएं।

साथियों,

आज दुनिया में ऑर्गेनिक फूड की डिमांड भी बढ़ रही है, हॉलिस्टिक हेल्थ केयर का मिजाज बना है, और मेरा तो सपना है कि दुनिया के हर डाइनिंग टेबल पर कोई न कोई भारतीय फूड ब्रैंड होनी ही चाहिए। इस सपने को पूरा करने में नॉर्थ ईस्ट का रोल बहुत महत्वपूर्ण है। बीते दशक में नॉर्थ ईस्ट में ऑर्गेनिक खेती का दायरा दोगुना हो चुका है। यहां की हमारी टी, पाइन एप्पल, संतरे, नींबू, हल्दी, अदरक, ऐसी अनेक चीजें, इनका स्वाद और क्वालिटी, वाकई अद्भुत है। इनकी डिमांड दुनिया में बढ़ती ही जा रही है। इस डिमांड में भी आपके लिए संभावनाएं हैं।

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साथियों,

सरकार का प्रयास है कि नॉर्थ ईस्ट में फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स लगाना आसान हो। बेहतर कनेक्टिविटी तो इसमें मदद कर ही रही है, इसके अलावा हम मेगा फूड पार्क्स बना रहे हैं, कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क को बढ़ा रहे हैं, टेस्टिंग लैब्स की सुविधाएं बना रहे हैं। सरकार ने ऑयल पाम मिशन भी शुरु किया है। पाम ऑयल के लिए नॉर्थ ईस्ट की मिट्टी और क्लाइमेट बहुत ही उत्तम है। ये किसानों के लिए आय का एक बड़ा अच्छा माध्यम है। ये एडिबल ऑयल के इंपोर्ट पर भारत की निर्भरता को भी कम करेगा। पाम ऑयल के लिए फॉर्मिंग हमारी इंडस्ट्री के लिए भी बड़ा अवसर है।

साथियों,

हमारा नॉर्थ ईस्ट, दो और सेक्टर्स के लिए महत्वपूर्ण डेस्टिनेशन बन रहा है। ये सेक्टर हैं- एनर्जी और सेमीकंडक्टर। हाइड्रोपावर हो या फिर सोलर पावर, नॉर्थ ईस्ट के हर राज्य में सरकार बहुत निवेश कर रही है। हज़ारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स स्वीकृत किए जा चुके हैं। आपके सामने प्लांट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश का अवसर तो है ही, मैन्युफेक्चरिंग का भी सुनहरा मौका है। सोलर मॉड्यूल्स हों, सेल्स हों, स्टोरेज हो, रिसर्च हो, इसमें ज्यादा से ज्यादा निवेश ज़रूरी है। ये हमारा फ्यूचर है, हम फ्यूचर पर जितना निवेश आज करेंगे, उतना ही विदेशों पर निर्भरता कम होगी। आज देश में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को मजबूत करने में भी नॉर्थ ईस्ट, असम की भूमिका बड़ी हो रही है। बहुत जल्द नॉर्थ ईस्ट के सेमीकंडक्टर प्लांट से पहली मेड इन इंडिया चिप देश को मिलने वाली है। इस प्लांट ने, नॉर्थ ईस्ट में सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए, अन्य cutting edge tech के लिए संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं।

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साथियों,

राइज़िंग नॉर्थ ईस्ट, सिर्फ़ इन्वेस्टर्स समिट नहीं है, ये एक मूवमेंट है। ये एक कॉल टू एक्शन है, भारत का भविष्य, नॉर्थ ईस्ट के उज्ज्वल भविष्य से ही नई उंचाई पर पहुंचेगा। मुझे आप सभी बिजनेस लीडर्स पर पूरा भरोसा है। आइए, एक साथ मिलकर भारत की अष्टलक्ष्मी को विकसित भारत की प्रेरणा बनाएं। और मुझे पूरा विश्वास है, आज का ये सामूहिक प्रयास और आप सबका इससे जुड़ना, आपका उमंग, आपका कमिटमेंट, आशा को विश्वास में बदल रहा है, और मुझे पक्का विश्वास है कि जब हम सेकेंड राइजिंग समिट करेंगे, तब तक हम बहुत आगे निकल चुके होंगे। बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद !