PM Modi says, “My vision for the north-east is transformation by transportation”
India's development is not possible without the development of the Northeast: PM Narendra Modi
Be it bureaucracy, music, art, sports, textiles, the people of Nagaland have contributed greatly to our nation: PM Modi
A strong and stable government is in the interest of Nagaland: PM Modi
We are focusing on enhancing road, air and rail connectivity in Nagaland: PM Modi
We are encouraging farmers to shift towards organic farming, this will add to their incomes: PM Modi in Nagaland
Youth of Nagaland are extremely talented, we want them to shine, says PM Modi in Nagaland

किशोर लाला नागतेय सब मानुष के सलाम दिला छे, बीजेपी एनडीडीपी पावरते आए छे  कोय ने डवलपमेंट आपनी नागा बोस्ती पंचायती दिवो। मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्रीमान विसासोली लहोनगु, सांसद और मेरे मित्र श्रीमान नेफियू रियो जी, मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभाव, सभी उम्मीदवार और दूर-दूर से आए हुए मेरे प्यारे भाइयो और बहनो।

हमारा देश कितना विविध है, कितना विस्तृत है फिर भी कितना एकजुट है, उसका इस ताकत का अहसास नागालैंड में आकर होता है। अलग-अलग जनजाति, समुदाय लेकिन जन गण मन का गान सभी एक स्वर में होकर करते हैं। एक भारत श्रेष्ठ भारत का विहंगम दृश्य मैं अपने सामने आज मैं देख रहा हूं। देश के इस सुदूर कोने में त्वेनसांग में हमारे गठबंधन की लहर, दिल्ली में बैठे हुए हमारे कई मित्रों को इससे संकट जरूर नजर आएगी। जब सबका साथ और सबका साथ और इसी एक मंत्र को लेकरके हिन्दुस्तान के हर कोने को, हिन्दुस्तान के हर राज्य को, हिन्दुस्तान के हर समाज को साथ लेकर के प्रयास होता है और ईमानदारी से होता है तब इतनी बड़ी संख्या में आकर जाकरके लोग हमें आशीर्वाद देते हैं। जो लोग वोट बैंक की राजनीति करते हैं, जिनको समाज को बांटना, तोड़ना, एक-दूसरे के साथ लड़ाते रहने की आदत है। आज आपने अपनी उपस्थिति से उन सबको एक करारा जवाब दिया है। आपने इतनी बड़ी संख्या में आकर के मुझे आशीर्वाद दिये। आपने प्रेम बरसाया। इसलिए मैं आपका ह्रदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। इस भूमि को प्रणाम करता हूं। यहां की महान परंपराओं को प्रणाम करता हूं। यहां के एक-एक नागरिक बंधु भगिनी को प्रणाम करता हूं।

साथियों।

नागालैंड के प्रतिभावान लोगों ने देश के विकास में अपना अमूल्य योगदान दिया है। ब्यूरोक्रेसी हो, सेना हो, स्पोर्ट्स सेक्टर हो, टैक्सटाइल सेक्टर हो, म्यूजिक हो, नागालैंड के लोगों ने हमेशा अपने भारत का मान बढ़ाया है। मैं नागालैंड के लोगों के कठिन परिश्रम उनकी निष्ठा और उनकी बहादुरी, नागा समाज के समृद्ध सांस्कृतिक का मैं हमेशा प्रशंसक रहा हूं। अब ये देश न्यू इंडिया के संकल्प को पूरा करने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। अब नागालैंड के लोगों का विकास, यहां के लोगों का संकल्प न्यू इंडिया के सपने को पूरा करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आप सभी के योगदान से ही राष्ट्र का निर्माण का कार्य तेज गति से आगे बढ़ेगा। न्यू इंडिया का सपना, न्यू नागालैंड का सपना भी साकार होगा।

साथियों।

मैं नागालैंड के लोगों की  इस बात के लिए प्रशंसा करना चाहता हूं कि उन्होंने शांति और स्थायीत्व के लिए सामूहिक प्रयास किया है। नागालैंड की प्रगति और विकास की ये यात्रा तब और तेज होगी। जब हम सभी सबको साथ लेकरके आगे बढ़ेंगे। और इसलिए बीते कुछ वर्षों में जिस तरह राजनीतिक अस्थिरता इस क्षेत्र के लोगों ने देखी है। उससे अब आगे बढ़ने का समय है। चार साल में चार-चार बार कैबिनेट शपथ ग्रहण करे, ये स्थिति विकास को अवरूद्ध करने वाली है। इसलिए बहुत आवश्यक है कि नागालैंड में स्थिर और मजबूत सरकार बने। जो सिर्फ और सिर्फ नागालैंड के विकास को समर्पित हो, विकास के लिए काम करती हो।

साथियों।

विकास के रास्ते में एक बड़ा चैलेंज हमेशा रहेगा - करप्शन। बहुत आवश्यक है कि सरकार जिन योजनाओं पर जितनी राशि खर्च करना तय करती है, उसका पूरा लाभ सामान्य मानवी को मिले। ये भी बहुत जरूरी है कि केंद्र सरकार नागालैंड के विकास के लिए भेजती है, उसका पाई-पाई आपके विकास के लिए खर्च होनी चाहिए। हमारे देश में, एक बार एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया जाता है और वो गांव जाते-जाते 15 पैसा रह जाता है। ये स्थिति बदलने का हम संकल्प लेकर काम कर रहे हैं। नागालैंड में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि आपके विकास के लिए दिल्ली से भेजी गई राशि आप तक अवश्य पहुंचे। हम आधुनिक तकनीक के माध्यम से पूरे देश में वो लोप होल्स खत्म कर रहे हैं, लीकेज खत्म कर रहे हैं, जिनकी वजह से सरकारी पैसों की लूट हो रही थी। उसमें धीरे-धीरे कमी आना शुरू हो गया है।

 

साथियों।

यहां पर जो राजनीतिक समस्या है, उसके समाधान के लिए भी हमारी सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है। मुझे उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में नागालैंड के लोगों के लिए सम्मानजनक और  उनके राजनीतिक अधिकारों का आदर करने वाला समाधान प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए हम सबको साथ चलना होगा, सबको साथ लेकर चलना है। नागालैंड के लोगों की इस चिंता का समाधान हमारे देश के लोकतंत्र को और मजबूत करेगा। एक परिवार के तौर पर हम सभी देश के विकास के लिए खुद को खपा सके, इस मार्ग को प्रशस्त करेगा। हमारी सरकार नागालैंड की भलाई के लिए उठ रही हर आवाज का सम्मान करती है। देश की लोकतंत्र में आस्था रखने वाले हर व्यक्ति के साथ हमारी सरकार ने बातचीत का रास्ता हमेशा खुला रखा है। यहां के त्वेसांग में जो कुछ संगठन है, यहां की सिविल सोसायटी है, उसकी चिंताओं पर उनसे बातचीत के लिए हमारी सरकार हमेशा तैयार है। ईस्टर्न नागालैंड, ईएनपीओ एरिया बहुत ही पिछड़ा क्षेत्र है। नागालैंड के साथ-साथ ईएनपीओ एरिया का हम विशेष ध्यान देंगे।

साथियों।

हमारा संविधान देश के हर के नागरिक के अधिकारों की सुरक्षा करता है। अपने शास्त्रों की विविधता के लिए, सबको साथ में लेकरके चलने का भाव, पूरे विश्व में अलग पहचान बनाता है। नागालैंड के अधिकारों की सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य है। आपकी अनूठी जीवन शैली भारत का राष्ट्रीय गौरव है। और उसकी रक्षा के लिए केंद्र सरकार और मैं स्वयं भी पूरी तरह प्रतिबद्ध है। भारत की विकास गाथा तब तक पूरी नहीं हो सकती है, जब तक हमारे देश का संतुलित विकास न हो। पूर्वी भारत का विकास पश्चिमी भारत के बराबर न हो। इसलिए हमारी सरकार ने अष्टलक्ष्मी यानि पूर्वोत्तर के 8 राज्यों के विकास पर विशेष बल दिया है। सरकार एक्ट ईस्ट पॉलिसी पर काम कर रही है। जिस कारण पूर्वोत्तर के साथ भारत के पूर्व में स्थित देशों विशेषकर आसियान देशों और बांग्लादेश के बीच पीपुल टू पीपुल संबंध बढ़ता है। लोगों के बीच बढ़ते संपर्क से संपूर्ण पूर्वोत्तर क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी। म्यांमार के साथ बेहतर संबंधों को बेहतर सीमा पार व्यापार के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार लाने पर बहुत जोर दिया है।

पूर्वोत्तर के लिए मेरा विजन है - ट्रांसफोरमेशन बॉय ट्रांसपोर्टेशन। सरकार ने हाल ही में नोर्थ ईस्ट स्पेशल इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट को मंजूरी दी है। इसके तहत इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में होने वाली निधि की कमी को पूरा करने के लिए  शत-प्रतिशत फंडिंग करती है। सरकार तीन वर्षों में लगभग पांच हजार तीन सौ करोड़ रुपए देगी। नई योजना में मोटे तौर पर वाटर सप्लाय, पॉवर, कनेक्टिविटी और विशेष रूप से पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा सामाजिक क्षेत्रों की इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने वाली परियोजनाओं से संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण शामिल है। सरकार अलग से पूर्वोत्तर क्षेत्र की विशेष जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष ध्यान दे रही है। जिससे कि इस क्षेत्र का विकास अन्य क्षेत्रों के बराबर लगे। इस दिशा में विभिन्न मंत्रालय अपने तमाम योजनाओं के तहत पूर्वोत्तर को विशेष छूट दे रहे हैं। सभी केंद्रीय मंत्रालयों के लिए अपने बजट के लिए 10 प्रतिशत पूर्वोत्तर क्षेत्र पर खर्च करना अनिवार्य किया।

भाइयो बहनो।

नागालैंड में कनेक्टिविटी एक बहुत बड़ी समस्या है। चाहे वो सड़क हो, रेल हो या एयर कनेक्टिविटी हो या फिर पॉवर की कनेक्टिविटी। कनेक्टिविटी से जुड़ी इस परेशानी को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। जब केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी थी। तब नागालैंड में 1000 किमी के नेशनल हाईवे थे। चार साल से भी कम समय में हमने नागालैंड में 500 नेशनल हाइवे की वृद्धि कर दी। हजार से हमने 1500 किमी पहुंचा दिया। इस समय नागालैंड में छह हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। अगले तीन-चार सालों में केंद्र सरकार 10 हजार करोड़ से ज्यादा नागालैंड में सड़कों के पीछे निवेश करने वाली है।

इसी तरह रेल कनेक्टिविटी की बात करें। पूरे पूर्वोत्तर में नई रेल लाइनों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार 5500 करोड़ रुपए से ज्यादाखर्च कर रही है। सरकार पूर्वोत्तर के हर राज्य को, हर राज्य की राजधानी को ब्रॉड गेज लाइन से जोड़ने का काम कर रही है। 3000 करोड़ रुपए की लागत से दीमापुर-कोहिमा नई रेललाइन का काम शुरू हो चुका है। देश के दूर-दराज वाले क्षेत्रों को हवाई संपर्क से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने उड़ान नाम की योजना शुरू की है। इस योजना का मकसद है - उड़े देश का आम नागरिक। मैं चाहता हूं कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी आसानी से हवाई जहाज से यात्रा कर सके। मुझे बताया गया कि उड़ान योजना के तहत दीमापुर से शिलांग एयरपोर्ट तक के बीच उड़ान योजना के तहत सरकार के पास प्रस्ताव आया है। ये सेवा शुरू होने के बाद यहां के लोगों को शिलांग तक सीधी फ्लाइट की सुविधा मिल जाएगी।

नागालैंड में पॉवर कनेक्टिविटी और पॉवर इंस्टीट्यूशन सुधारने के लिए भी केंद्र सरकार करीब-करीब 800 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। ये केंद्र सरकार के प्रयास का ही परिणाम है कि पिछले तीन सालों में नागालैंड के उन गांवों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है जहां आजादी के इतने सालों के बाद भी बिजली नहीं थी। अब भारत के हर गांव में बिजली पहुंचाने का काम, नागालैंड के हर गांव में बिजली पहुंचाने का काम ...। अब अगला हमारा कदम है हर घर में बिजली पहुंचाने का काम। सौभाग्य योजना के तहत नागालैंड में आज भी एक लाख परिवार ऐसे हैं, जिनके पास बिजली नहीं है। हमारा लक्ष्य है उन सभी परिवारों के पास बिजली पहुंचे। और ये बिजली का कनेक्शन मुफ्त में दिया जाएगा।

 

साथियों।

नागालैंड की आबादी करीब 20 लाख है। 20 लाख वाली आबादी वाले राज्य में 60 प्रतिशत घरों में बिजली कनेक्शन है। राज्य के करीब 40 प्रतिशत घरों में बिजली कनेक्शन न होना, इस बात को दिखाता है कि किस प्रकार से राज्य और देश में सरकारों को चलाया गया है। भारत सरकार ने हर परिवार में बिजली बचे, उजाला ज्यादा हो और बिजली का खर्च कम हो। इसलिए एलईडी बल्ब करीब-करीब 10 लाख एलईडी बल्ब नागालैंड में हर घर में पहुंचे हैं। इस कारण जिन घर में एलईडी बल्ब पहुंचा है। पूरे नागालैंड में करीब-करीब 50 करोड़ रुपए का बिजली बिल कम हुआ है। ऐसे परिवारों का बिजली खर्चा बच गया है।

आप जानते हैं देश में चैलेजिंग रूप से स्मार्ट सिटी बनाने का अभियान चल रहा है। यहां कोहिमा को स्मार्ट सिटी के लिए उसको नंबर मिला है। भारत सरकार 1800 करोड़ रुपये कोहिमा मे स्मार्ट सिटी बनाने के लिए खर्च करने के लिए आगे आई है। हमारी योजना है, गरीब से गरीब परिवार को अपना घर मिले। 2022, जब आजादी के 75 साल होंगे, हिन्दुस्तान में एक भी परिवार ऐसा न हो, जिसको रहने के लिए अपना घर न हो। अभी नागालैंड में 8500 घरों के निर्माण के लिए हमने स्वीकृति दे दी है। नए घरों और पुरानी योजनाओं के तहत अलग से घर के निर्माण के लिए केंद्र द्वारा 160 करोड़ रुपए राशि देना तय हुआ है।

भाइयो बहनो।

नागालैंड में हेल्थ इंश्योरेंस, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधारने के लिए केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है। यहां पर किस तरह इंस्टीट्यूशनल डेलिवरी में दिक्कतें आती है, इसकी जानकारी केंद्र सरकार को है। इसलिए पिछले चार साल में नागालैंड को नेशनल हेल्थ मिशन के तहत 400 करोड़ रुपए दिया गया है। इस बार बजट में भारत सरकार ने बहुत ही दुनिया की सबसे बड़ी एक योजना लेकरके आए हैं। इस योजना के 10 करोड़ ऐसे परिवार, अगर उन परिवारों में बीमारी आ जाए, दवाई कराने के लिए पैसे नहीं होते, ऑपरेशन कराने के लिए पैसे नहीं होते हैं। गंभीर बीमारी होती है। हमने आयुष्मान भारत योजना के तहत तय किया है कि ऐसे परिवारों में अगर बीमारी आ गई और दवाई का खर्च करना पड़ा, ऑपरेशन का खर्च करना पड़ा। एक साल में 5 लाख रुपए तक का खर्च होगा, वो 5 लाख रुपए का खर्च इंश्योरेंस के माध्यम से भारत सरकार चुकाएगी। इस महत्वपूर्ण योजना को, आयुष्मान भारत योजना को आज हिन्दुस्तान में मोदी केयर, मोदी केयर के नाम से लोग पुकारने लगे हैं।

साथियों।

हमारे देश में नोर्थ ईस्ट ऐसा क्षेत्र है, जहां पर भारत सरकार ऑर्गेनिक खेती पर अपना बल देना चाहती है। यहां इतनी ताकत है कि हम पूरी दुनिया में यहां के खेतों में जो पैदा होती है, उसके लिए पूरी दुनिया को खरीदने के लिए मजबूर कर सकें। ऐसा काम यहां हो सकता है। और इसलिए शत-प्रतिशत हमारा राज्य ऑर्गेनिक स्टेट कैसे बने, उस दिशा में हम काम कर रहे हैं। इससे किसान को खर्चा भी कम होगा और उसको लाभ भी ज्यादा मिलेगा। सिक्किम ने हमारे नोर्थ ईस्ट के एक राज्य सिक्किम ने अपने आपको शत-प्रतिशत आर्गेनिक स्टेट बना दिया है। और नोर्थ ईस्ट के अन्य राज्य ऑर्गेनिक राज्य बनने के लिए प्रतिस्पर्द्धा कर रहे हैं। इसके लिए हमने देशभर में दस हजार से ज्यादा ऑर्गेनिक क्लस्टर विकसित करने के लिए सारे कदम उठाया है। नोर्थ-ईस्ट में भी 100 फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन बनाए गए हैं। इनसे 50 हजार से ज्यादा किसानों को जोड़ा जा चुका है।

भूतकाल में दिल्ली में बैठी हुई सरकारें, इस इलाके के मनोस्थिति से, मनोभाव से इतनी दूर थी, इतनी दूर थी कि उन्हें यहां की मूलभूत ताकत का पता नहीं था। इसी के कारण बांस, बंबू अब तक हमारे देश में ट्री माना गया, पेड़ माना गया। और इसके कारण देखते थे, लेकिन काट नहीं सकते थे, बेच नहीं सकते थे। अब भारत सरकार ने फैसला कर लिया कि मेरे नोर्थ-ईस्ट के भाई-बहन, मेरे नागालैंड के भाई-बहनजहां इतनी बड़ी मात्रा में बंबू की संभावना है। बंबू की खेती कर सकते हैं। क्यों न उनको काटने का, बेचने का अधिकार दिया जाए इसलिए हमने बंबू को ट्री की कैटेगरी से निकालकर ग्रास की कैटेगरी में ला दिया है। जो यहां के भविष्य को बदलने वाला है। हमने नेशनल बंबू मिशन को फिर से एक बार जीवंत किया, इसके लिए इंनिशिएटिव शुरू किए। और पहली बार 1000 करोड़ रुपया सिर्फ बंबू के लिए खर्च करना तय किया है। इसका सबसे ज्यादा फायदा नोर्थ-ईस्ट को मिलेगा, यहां के किसान को मिलेगा।

मेरे प्यारे भाइयो और बहनो।

नागालैंड के इनर्जेटिक नौजवान, यहां की क्रिएटिव महिलाएं, यहां के इनोवेटिव किसान, यहां का डेमोग्राफिक ..., राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। नागालैंड में स्पोर्ट्स का टैलेंट है, जो राज्य को नई पहचान दिलाने में सक्षम है। नागालैंड में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो प्रगति की है, उसकी वजह से और ज्यादा संभावनाएं बनी है, जिसको आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार, भारतीय जनता पार्टी श्रीमान रियो हम सब मिलकरके आपके भविष्य के सपने को दिनरात जुटा देंगे।

नागालैंड के युवा अंग्रेजी भाषा से भली-भांति काम्फरटेबल हैं। इस वजह से आईटी, आउटसोर्सिंग, बीपीओ विदेश में, यहां के लोगों के लिए बहुत सारे अवसर हैं। यहां के नौजवानों को अपने पैरों पर खड़े रहने के लिए सामर्थ्य मिले, और देश के विकास में वो योगदान कर सके। इसके लिए स्किल इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया जैसी अनेक योजनाओं के तहत यहां के नौजवानों को भारत सरकार सहायता कर रही है। और मुद्रा योजना के तहत बिना कोई गारंटी बैंकों से ऐसे नौजवानों को लोन देकर के, उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने और आगे बढ़ने के लिए हम प्रेरित कर रहे हैं। इतने छोटे से राज्य में ये मुद्रा योजना को आए हुए ज्यादा समय नहीं हुआ है। इतने कम समय में 27 हजार से ज्यादा हमारे नागा वासियों को मुद्रा योजना से पैसे मिले हैं और वो अपने पैरों पर खड़े होकरके काम कर रहे हैं।

इस वर्ष बजट मे हमारी सरकार ने आदिवासी इलाके में रहने वाले बच्चों की शिक्षा से जुड़ा भी एक बहुत बड़ा ऐलान किया है। ऐसे ब्लॉक जहां पर 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या अनुसूचित जनजाति की होगी, 20 हजार से ज्यादा आदिवासी लोग हैं, वहां पर नवोदय विद्यालय की तर्ज पर एकलव्य मोर्डन रेसिडेंसियल स्कूल खोले जाएंगे।

मेरे लिए खुशी की बात है, जब मैंने दिल्ली में सुना कि नागालैंड की कई संगठनों ने, नागालैंड की सिविल सोसायटी ने, नागालैंड के जागरूक प्रबुद्ध नागरिकों ने मिलकरके यहां पर पारदर्शी और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए एक बीड़ा उठाया है, जागृति पैदा करने का काम किया है। मैं ऐसे सभी संगठनों का, ऐसे सभी व्यक्तियों का, ऐसे सभी महानुभावों का जो लोकतंत्र को ताकत देने के लिए आगे आए हैं। उनका मैं ह्रदय से अभिनंदन करता हूं, उनका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं।

27 तारीख को मतदान होगा। मैं आप सबसे आग्रह करता हूं कि 27 तारीख को बीजेपी और एनडीडीपी गठबंधन को आप भारी मात्रा में वोट देकरके एक स्थिर, मजबूत और पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाइए और बीजेपी और एनडीपीपी को रियो के नेतृत्व में विजयी बनाइए। ये मैं आग्रह करता हूं।

मैं विश्वास दिलाता हूं कि बीजेपी और एनडीपीपी की नई सरकार बनेगी। तो यहां के विकास के लिए एक आपकी पसंद का इंजन लगेगा। और उसको आगे बढ़ाने के लिए दूसरा इंजन दिल्ली की भारत सरकार पूरी तरह लग जाएगी। आप कल्पना कर सकते हैं कि हमारा नागालैंड कितना आगे बढ़ेगा।

मोई इराम दूर भा आहे छे। मोई इराम दूर भा आहे छे। नागा लागे नेओम आरा मोईके खाली हाथ ना पाठावी। मोरोन धारा बीजेपी एनडीडीपी एलायंस के वोट दिवी। कुकनाएम। जय नागालैंड।

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‘Restoring Balance’ is a global urgency: PM Modi highlights global health challenges at WHO Global Summit on Traditional Medicine
December 19, 2025
It is India’s privilege and a matter of pride that the WHO Global Centre for Traditional Medicine has been established in Jamnagar: PM
Yoga has guided humanity across the world towards a life of health, balance, and harmony: PM
Through India’s initiative and the support of over 175 nations, the UN proclaimed 21 June as International Yoga Day; over the years, yoga has spread worldwide, touching lives across the globe: PM
The inauguration of the WHO South-East Asia Regional Office in Delhi marks another milestone. This global hub will advance research, strengthen regulation & foster capacity building: PM
Ayurveda teaches that balance is the very essence of health, only when the body sustains this equilibrium can one be considered truly healthy: PM
Restoring balance is no longer just a global cause-it is a global urgency, demanding accelerated action and resolute commitment: PM
The growing ease of resources and facilities without physical exertion is giving rise to unexpected challenges for human health: PM
Traditional healthcare must look beyond immediate needs, it is our collective responsibility to prepare for the future as well: PM

WHO के डायरेक्टर जनरल हमारे तुलसी भाई, डॉक्टर टेड्रोस़, केंद्रीय स्वास्थ्य में मेरे साथी मंत्री जे.पी. नड्डा जी, आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव जी, इस आयोजन से जुड़े अन्य देशों के सभी मंत्रीगण, विभिन्न देशों के राजदूत, सभी सम्मानित प्रतिनिधि, Traditional Medicine क्षेत्र में काम करने वाले सभी महानुभाव, देवियों और सज्जनों !

आज दूसरी WHO Global Summit on Traditional Medicine का समापन दिन है। पिछले तीन दिनों में यहां पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े दुनिया भर के एक्सपर्ट्स ने गंभीर और सार्थक चर्चा की है। मुझे खुशी है कि भारत इसके लिए एक मजबूत प्लेटफार्म का काम कर रहा है। और इसमें WHO की भी सक्रिय भूमिका रही है। मैं इस सफल आयोजन के लिए WHO का, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय का और यहां उपस्थित सभी प्रतिभागियों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

ये हमारा सौभाग्य है और भारत के लिए गौरव की बात है कि WHO Global Centre for Traditional Medicine भारत के जामनगर में स्थापित हुआ है। 2022 में Traditional Medicine की पहली समिट में विश्व ने बड़े भरोसे के साथ हमें ये दायित्व सौंपा था। हम सभी के लिए खुशी की बात है कि इस ग्लोबल सेंटर का यश और प्रभाव locally से लेकर के globally expand कर रहा है। इस समिट की सफलता इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इस समिट में Traditional knowledge और modern practices का कॉन्फ्लूएंस हो रहा है। यहां कई नए initiatives भी शुरू हुए हैं, जो medical science और holistic health के future को transform कर सकते हैं। समिट में विभिन्न देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रतिनिधियों के बीच विस्तार से संवाद भी हुआ है। इस संवाद ने ज्वाइंट रिसर्च को बढ़ावा देने, नियमों को सरल बनाने और ट्रेनिंग और नॉलेज शेयरिंग के लिए नए रास्ते खोले हैं। ये सहयोग आगे चलकर Traditional Medicine को अधिक सुरक्षित, अधिक भरोसेमंद बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

साथियों,

इस समिट में कई अहम विषयों पर सहमति बनना हमारी मजबूत साझेदारी का प्रतिबिंब है। रिसर्च को मजबूत करना, Traditional Medicine के क्षेत्र में डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाना, ऐसे रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार करना जिन पर पूरी दुनिया भरोसा कर सके। ऐसे मुद्दे Traditional Medicine को बहुत सशक्त करेंगे। यहां आयोजित Expo में डिजिटल हेल्थ टेक्नोलॉजी, AI आधारित टूल्स, रिसर्च इनोवेशन, और आधुनिक वेलनेस इंफ्रास्ट्रक्चर, इन सबके जरिए हमें ट्रेडिशन और टेक्नोलॉजी का एक नया collaboration भी देखने को मिला है। जब ये साथ आती हैं, तो ग्लोबल हेल्थ को अधिक प्रभावी बनाने की क्षमता और बढ़ जाती है। इसलिए, इस समिट की सफलता ग्लोबल दृष्टि से बहुत ही अहम है।

साथियों,

पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली का एक अहम हिस्सा योग भी है। योग ने पूरी दुनिया को स्वास्थ्य, संतुलन और सामंजस्य का रास्ता दिखाया है। भारत के प्रयासों और 175 से ज्यादा देशों के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को योग दिवस घोषित किया गया था। बीते वर्षों में हमने योग को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचते देखा है। मैं योग के प्रचार और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले हर व्यक्ति की सराहना करता हूं। आज ऐसे कुछ चुनींदा महानुभावों को पीएम पुरस्कार दिया गया है। प्रतिष्ठित जूरी सदस्यों ने एक गहन चयन प्रक्रिया के माध्यम से इन पुरस्कार विजेताओं का चयन किया है। ये सभी विजेता योग के प्रति समर्पण, अनुशासन और आजीवन प्रतिबद्धता के प्रतीक हैं। उनका जीवन हर किसी के लिए प्रेरणा है। मैं सभी सम्मानित विजेताओं को हार्दिक बधाई देता हूं, अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

मुझे ये जानकर भी अच्छा लगा कि इस समिट के आउटकम को स्थायी रूप देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया हैं। Traditional Medicine Global Library के रूप में एक ऐसा ग्लोबल प्लेटफॉर्म शुरू किया गया है, जो ट्रेडिशनल मेडिसिन से जुड़े वैज्ञानिक डेटा और पॉलिसी डॉक्यूमेंट्स को एक जगह सुरक्षित करेगा। इससे उपयोगी जानकारी हर देश तक समान रूप से पहुंचने का रास्ता आसान होगा। इस Library की घोषणा भारत की G20 Presidency के दौरान पहली WHO Global Summit में की गई थी। आज ये संकल्प साकार हो गया है।

साथियों,

यहां अलग-अलग देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने ग्लोबल पार्टनरशिप का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। एक साझेदार के रूप में आपने Standards, safety, investment जैसे मुद्दों पर चर्चा की है। इस संवाद से जो Delhi Declaration इसका रास्ता बना है, वो आने वाले वर्षों के लिए एक साझा रोडमैप की तरह काम करेगा। मैं इस joint effort के लिए विभिन्न देशों के माननीय मंत्रियों की सराहना करता हूं, उनके सहयोग के लिए मैं आभार जताता हूं।

साथियों,

आज दिल्ली में WHO के South-East Asia Regional Office का उद्घाटन भी किया गया है। ये भारत की तरफ से एक विनम्र उपहार है। ये एक ऐसा ग्लोबल हब है, जहां से रिसर्च, रेगुलेशन और कैपेसिटी बिल्डिंग को बढ़ावा मिलेगा।

साथियों,

भारत दुनिया भर में partnerships of healing पर भी जोर दे रहा है। मैं आपके साथ दो महत्वपूर्ण सहयोग साझा करना चाहता हूं। पहला, हम बिमस्टेक देशों, यानी दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में हमारे पड़ोसी देशों के लिए एक Centre of Excellence स्थापित कर रहे हैं। दूसरा, हमने जापान के साथ एक collaboration शुरू किया है। ये विज्ञान, पारंपरिक पद्धितियों और स्वास्थ्य को एक साथ जोड़ने का प्रयास है।

साथियों,

इस बार इस समिट की थीम है- ‘Restoring Balance: The Science and Practice of Health and Well-being’, Restoring Balance, ये holistic health का फाउंडेशनल थॉट रहा है। आप सब एक्स्पर्ट्स अच्छी तरह जानते हैं, आयुर्वेद में बैलेन्स, अर्थात् संतुलन को स्वास्थ्य का पर्याय कहा गया है। जिसके शरीर में ये बैलेन्स बना रहता है, वही स्वस्थ है, वही हेल्दी है। आजकल हम देख रहे हैं, डायबिटीज़, हार्ट अटैक, डिप्रेशन से लेकर कैंसर तक अधिकांश बीमारियों के background में lifestyle और imbalances एक प्रमुख कारण नजर आ रहा है। Work-life imbalance, Diet imbalance, Sleep imbalance, Gut Microbiome Imbalance, Calorie imbalance, Emotional Imbalance, आज कितने ही global health challenges, इन्हीं imbalances से पैदा हो रहे हैं। स्टडीज़ भी यही प्रूव कर रही हैं, डेटा भी यही बता रहा है कि आप सब हेल्थ एक्स्पर्ट्स कहीं बेहतर इन बातों को समझते हैं। लेकिन, मैं इस बात पर जरूर ज़ोर दूँगा कि ‘Restoring Balance, आज ये केवल एक ग्लोबल कॉज़ ही नहीं है, बल्कि, ये एक ग्लोबल अर्जेंसी भी है। इसे एड्रैस करने के लिए हमें और तेज गति से कदम उठाने होंगे।

साथियों,

21वीं सदी के इस कालखंड में जीवन के संतुलन को बनाए रखने की चुनौती और भी बड़ी होने वाली है। टेक्नोलॉजी के नए युग की दस्तक AI और Robotics के रूप में ह्यूमन हिस्ट्री का सबसे बड़ा बदलाव आने वाले वर्षों में जिंदगी जीने के हमारे तरीके, अभूतपूर्व तरीके से बदलने वाले हैं। इसलिए हमें ये भी ध्यान रखना होगा, जीवनशैली में अचानक से आ रहे इतने बड़े बदलाव शारीरिक श्रम के बिना संसाधनों और सुविधाओं की सहूलियत, इससे human bodies के लिए अप्रत्याशित चुनौतियां पैदा होने जा रही हैं। इसलिए, traditional healthcare में हमें केवल वर्तमान की जरूरतों पर ही फोकस नहीं करना है। हमारी साझा responsibility आने वाले future को लेकर के भी है।

साथियों,

जब पारंपरिक चिकित्सा की बात होती है, तो एक सवाल स्वाभाविक रूप से सामने आता है। ये सवाल सुरक्षा और प्रमाण से जुड़ा है। भारत आज इस दिशा में भी लगातार काम कर रहा है। यहां इस समिट में आप सभी ने अश्वगंधा का उदाहरण देखा है। सदियों से इसका उपयोग हमारी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में होता रहा है। COVID-19 के दौरान इसकी ग्लोबल डिमांड तेजी से बढ़ी और कई देशों में इसका उपयोग होने लगा। भारत अपनी रिसर्च और evidence-based validation के माध्यम से अश्वगंधा को प्रमाणिक रूप से आगे बढ़ा रहा है। इस समिट के दौरान भी अश्वगंधा पर एक विशेष ग्लोबल डिस्कशन का आयोजन किया गया। इसमें international experts ने इसकी सुरक्षा, गुणवत्ता और उपयोग पर गहराई से चर्चा की। भारत ऐसी time-tested herbs को global public health का हिस्सा बनाने के लिए पूरी तरह कमिटेड होकर काम कर रहा है।

साथियों,

ट्रेडिशनल मेडिसिन को लेकर एक धारणा थी कि इसकी भूमिका केवल वेलनेस या जीवन-शैली तक सीमित है। लेकिन आज ये धारणा तेजी से बदल रही है। क्रिटिकल सिचुएशन में भी ट्रेडिशनल मेडिसिन प्रभावी भूमिका निभा सकती है। इसी सोच के साथ भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि आयुष मंत्रालय और WHO-Traditional Medicine Center ने नई पहल की है। दोनों ने, भारत में integrative cancer care को मजबूत करने के लिए एक joint effort किया है। इसके तहत पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को आधुनिक कैंसर उपचार के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। इस पहल से evidence-based guidelines तैयार करने में भी मदद मिलेगी। भारत में कई अहम संस्थान स्वास्थ्य से जुड़े ऐसे ही गंभीर विषयों पर क्लिनिकल स्टडीज़ कर रहे हैं। इनमें अनीमिया, आर्थराइटिस और डायबिटीज़ जैसे विषय भी शामिल हैं। भारत में कई सारे स्टार्ट-अप्स भी इस क्षेत्र में आगे आए हैं। प्राचीन परंपरा के साथ युवाशक्ति जुड़ रही है। इन सभी प्रयासों से ट्रेडिशनल मेडिसिन एक नई ऊंचाई की तरफ बढ़ती दिख रही है।

साथियों,

आज पारंपरिक चिकित्सा एक निर्णायक मोड़ पर खड़ी है। दुनिया की बड़ी आबादी लंबे समय से इसका सहयोग लेती आई है। लेकिन फिर भी पारंपरिक चिकित्सा को वो स्थान नहीं मिल पाया था, जितना उसमें सामर्थ्य है। इसलिए, हमें विज्ञान के माध्यम से भरोसा जीतना होगा। हमें इसकी पहुंच को और व्यापक बनाना होगा। ये जिम्मेदारी किसी एक देश की नहीं है, ये हम सबका साझा दायित्व है। पिछले तीन दिनों में इस समिट में जो सहभागिता, जो संवाद और जो प्रतिबद्धता देखने को मिली है, उससे ये विश्वास गहरा हुआ है कि दुनिया इस दिशा में एक साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार है। आइए, हम संकल्प लें कि पारंपरिक चिकित्सा को विश्वास, सम्मान और जिम्मेदारी के साथ मिलकर के आगे बढ़ाएंगे। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।