The first 100 days of our government at the Centre have been marked by Promise, Performance and Delivery: PM Modi
Be it the farmers or the women, ordinary people in Maharashtra have witnessed rapid progress in their lives through the transparent and efficient governance of CM Fadnavis: PM Modi in Nashik
On one hand, the state saw massive infrastructure development, on the other hand, this government also ensured that the cultural heritage of Maharashtra was also promoted at all levels: PM Modi

महाराष्ट्र के लोकप्रिय और ऊर्जावान मुख्यमंत्री श्रीमान देवेंद्र फडणवीस जी, प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष श्रीमान चंद्रकांत दादा पाटील, नासिक जिले के अभिभावक मंत्री भाई गिरीश महाजन जी, केंद्र में मंत्री परिषद के मेरे साथी श्रीमान रामदास आठवले जी, श्रीमान रावसाहेब दानवे जी और भारतीय जनता पार्टी में जिनका आगमन हुआ है, ऐसे छत्रपति शिवाजी महाराज के परिवारजन, मंच पर आसीन सभी महानुभाव, भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता, सभी मेरे साथी और विशाल संख्या में आए हुए मेरे प्यारे भाइयो और बहनो। 

आज मैं एक विशेष धन्यता अनुभव कर रहा हूं और मैं इसे अपने जीवन का बहुमूल्य पल मानता हूं क्योंकि आज छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज, छत्रपति उदयन जी ने, खुद ने मेरे सर पर एक छत्र रखा है। ये सम्मान भी है और छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रति दायित्व का भी संकेत है। नासिक की पवित्र धरती, महाराष्ट्र के कोटि-कोटि जन मुझे आशीर्वाद दें ताकी इसकी इज्जत के लिए मैं अपनी जिंदगी खपा दूं। हमारे यहां एक सांस्कृतिक परंपरा रही है यात्रा की, सदियों से ये परंपरा चली है।

रामेश्वरम से कोई जाता है, गंगा जी का जल ले कर आता है और रामेश्वरी जी को अभिषेक करता है, यात्रा का हमारे यहां बहुत महत्व रहा है लेकिन साथ-साथ ये भी परंपरा रही है कि अगर सब लोग यात्रा में नहीं जा सकते हैं तो यात्रा कर के अपने परिवार में वापस लौटते हैं तो उनको नमस्कार करते हैं तो मान्यता है कि आधा पुण्य आपको मिल जाता है। मैं भी आज यहां देवेंद्र जी जैसे यात्री को नमन करने आया हूं क्योंकि आज देवेंद्र जी पे 4 हजार किलोमीटर की यात्रा में कोटि-कोटि जनों ने आशीर्वाद बरसा करके उनके भीतर एक आध्यात्मिक सामर्थ्य की चेतना को जगाया है। आज उनको मिलने के बाद, उनको नमस्कार करने के बाद महाराष्ट्र के लोगों के इस आशीर्वाद का कुछ हिस्सा भी मैं लेकर जाऊंगा। 

अप्रैल में जब लोकसभा चुनाव बड़ी चरम पर थे, गर्मी भी बहुत थी, तब मैं डिंडोरी में सभा करने के लिए आया था, आप से आशीर्वाद मांगने के लिए आया था। डिंडोरी की उस जनसभा में ऐसा जन सैलाब उमड़ा था और उसने ऐसे वाइब्रेशन क्रिएट किए थे कि पूरे देश में चल रही भाजपा की लहर को और प्रचंड बना दिया था। आज मैं देख रहा हूं कि अप्रैल की इस रिकॉर्ड तोड़ रैली से ये हमारा नासिक उससे भी आगे निकल गया है, जहां-जहां मेरी नजर पहुंच रही है लोग ही लोग नजर आ रहे हैं।

देवेंद्र फडणवीस जी और उनकी टीम को महा आशीर्वाद देने के लिए ये जन सागर उमड़ आया है, पावन कुंभ की धरती पर ये जो दृश्य देखने को मिल रहा है ये अपने आप में लोकतंत्र के कुंभ का परिचय दे रहा है, ये स्पष्ट संदेश दे रहा है और अब महाराष्ट्र की जनता ने ठान लिया है, आशीर्वाद उसी को मिलेंगे जो आशा के अनुरूप काम करेगा और महाराष्ट्र की जनता ने ये मन बना लिया है। मैं महाराष्ट्र के राजनीतिक पंडितों का आवाहन करता हूं, वे तत्कालीन घटनाओं पर तो बहुत कुछ लिखते हैं, अच्छा भी है लेकिन समय की मांग है कि महाराष्ट्र के राजनीतिक उतार-चढ़ाव को लेकर के आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की जनता को भी जरा अवगत कराएं।

पालिटिकल इन्स्टैबिलिटी के कारण, राजनीतिक अस्थिरता के कारण महाराष्ट्र जिस तेजी से आगे जाना चाहिए था, महाराष्ट्र जिस सामर्थ्य के साथ देश को भी आगे ले जा सकता था, अकेले मुंबई महानगरी की चकाचौंध ने महाराष्ट्र के दूर दराज के क्षेत्र, महाराष्ट्र के गांव, गरीब, किसान, राजनीतिक अस्थिरता के शिकार हो गए। कोई भी हैरान हो जाएगा कि महाराष्ट्र, पुणे तो एक प्रकार से दूसरा काशी कहा जाता है, ज्ञान की नगरी कही जाती है, ज्योतिबा फुले से लेकर बाबा साहेब अंबेडकर तक अनेक तेजस्वी-ओजस्वी महापुरुषों को जिस धरती ने जन्म दिया है।

छत्रपति शिवाजी महाराज की चरणरज आज भी हम लोगों को ऊर्जा देती है। उस महाराष्ट्र में कोई मुख्यमंत्री, कोई सरकार लगातार पांच साल ना चलना इतने बड़े लंबे कालखण्ड में सिर्फ दो ही उदाहरण, एक वसंतराव और दूसरे देवेंद्र जी। देवेंद्र जी ने पांच साल अखंड, अविरल साधना करके महाराष्ट्र की सेवा की, मैं बधाई देता हूं लेकिन मेरा दुख बताना चाहूंगा, अच्छा होता कि पूर्व में भी महाराष्ट्र में सरकारें लंबे समय तक स्थिरता के साथ चली होतीं। आपने देखा होगा कि पूर्ण बहुमत ना होने के बावजूद भी स्थिर सरकार, प्रगतिशील सरकार, विकासशील सरकार, महाराष्ट्र को समर्पित सरकार ये चला कर के देवेंद्र जी ने महाराष्ट्र को एक नई दिशा दी है। अब महाराष्ट्र की जिम्मेवारी है कि फिर एक बार देवेंद्र जी के नेतृत्व में स्थिर राजनीति का फायदा उठाना चाहिए। मेरा ये सौभाग्य रहा है आप लोगों ने इतने आशीर्वाद दिए हैं, मैं गुजरात का रहने वाला हूं गुजरात तो आपका छोटा भाई है, कभी आप ही के साथ एक ही थाली में खाना खाते थे।

गुजरात अलग हुआ, महाराष्ट्र अलग हुआ, गुजरात बना सन 60 में, महाराष्ट्र राज्य भी उसी समय बना 1 मई को और जनता जनार्दन के आशीर्वाद से गुजरात के पूरे जीवन में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री के रूप में जनता की सेवा करने का सौभाग्य वहां के लोगों ने मुझे दिया और इतना ही नहीं पॉलीटिकल पंडितों को समझ में नहीं आता है। वो तो, वो इसके साथ गया तो ऐसा होगा, वो उसके साथ गया तो ऐसा होगा, वो बैठ गया तो ऐसा होगा, वो खड़ा हो गया तो ऐसा होगा, वो इसी में उलझे होते हैं।

जनता जनार्दन के प्रति समर्पण भाव की अपनी एक ताकत होती है। जो फायदा देवेंद्र जी को मिला है, जो फायदा मैं कभी राज्य में था तो मुझे मिला था और जब लोकसभा का चुनाव हुआ, ये हमारे पॉलीटिकल पंडितों को मुश्किल है इन बातों को कहना, उनकी अपनी तकलीफें हैं। साठ साल के बाद पहली बार एक सरकार दोबारा चुनकर के आई और पहले से ज्यादा ताकत लेकर के आई, ये हमारे देश में 60 साल के बाद हुआ है। और आपने देखा ना, जब आप ताकत देते हैं तो सरकार कैसे ताकत से काम करती है। करती है ना, आप खुश हैं, सौ दिन में नजारा देख लिया? ये आपकी ताकत है, ये आपके आदर्श का सामर्थ्य है, ये आपके आदेश के कारण हो पा रहा है।

साथियों थोड़ी देर पहले फडणवीस जी बता रहे थे कि कैसे पूरे महाराष्ट्र में जन-जन के बीच जाकर उन्होंने अपने पांच वर्ष के काम का हिसाब दिया। ज जिम्मेदारी आप सब ने इनको पांच वर्ष पहले सौंपी थी उसका रिपोर्ट कार्ड उन्होंने आपके सामने रखा है। बीते पांच साल में महाराष्ट्र को स्थिरता मिली, विकास मिला, कानून व्यवस्था का विश्वास मिला, बीते पांच साल में महाराष्ट्र को सामाजिक सद्भाव मिला, सहकार मिला और सरोकार का भाव भी मिला। बीते पांच साल में महाराष्ट्र को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का साथ मिला तो यहां की सांस्कृतिक भव्यता को मान और सम्मान भी मिला।

बीते पांच साल में महाराष्ट्र में निवेश का बेहतरीन माहौल बना तो किसान को भी बेहतर सुविधाएं और सहयोग मिला, बीते पांच साल में महाराष्ट्र की बहनों को मुद्रा ऋण और स्व सहायता समूहों से स्वरोजगार के अनेक नए अवसर मिले, धुएं से मुक्ति मिली और पानी के लिए संघर्ष भी कम हुआ। बीते पांच साल में महाराष्ट्र के जन जातीय समाज की, बंजारा समाज की आवाज को बुलंदी मिली, उनके सपनों और आकांक्षाओं को नया विस्तार मिला। ये सिर्फ फडणवीस सरकार का रिपोर्ट कार्ड नहीं है ये महाराष्ट्र के उत्थान की कहानी है और आने वाले दिनों में उसमें भव्यता का संकेत समाया हुआ है। 

साथियो, ये रिपोर्ट कार्ड सिर्फ पांच वर्ष बाद आया है, ऐसा भी नहीं है बल्कि भाजपा की हर सरकार की ये विशेषता रही है कि वो अपनी परफार्मेंस का निरंतर हिसाब देती रहती है। भाइयो-बहनो, लोकसभा चुनाव के दौरान जब आपके बीच मैं आया था तब भी मैंने आपसे कहा था कि देश के विकास की गति तेज होगी, समय सीमा के भीतर होगी और समय-समय पर उसका हिसाब, जनता-जनार्दन के दरबार में आकर के देता रहूंगा। केंद्र में नई सरकार को बने 100 दिन पूरे हो चुके हैं और इस कार्यकाल का पहला शतक आपके सामने है, देश के सामने है। इस पहले शतक में धार भी है रफ्तार भी है और आने वाले पांच वर्षों की एक साफ सुथरी तस्वीर भी है। पहले शतक में देश, समाज और दुनिया में नए भारत के नए दृष्टिकोण की झलक है, कठिन चुनौतियों से टक्कर की ललक भी है, पहले शतक में ही विकास का जोश भी है और भारत की वैश्विक ताकत का संदेश भी है। पहले शतक में वेलफेयर का विश्वास भी है और देश के अर्थतंत्र में सुधार का, रोजगार के नए अवसरों के निर्माण का प्रयास भी है। 

साथियो, इस पहले शतक में प्रामिस है, परफार्मेंस है और डिलिवरी भी है। हमने प्रामिस किया था महाराष्ट्र के, देश के हर किसान परिवार को, चाहे वो महाराष्ट्र का हो, हिंदुस्तान के किसी कोने का हो, पीएम किसान सम्मान निधी का लाभ उसको देंगे और सरकार बनते ही ये काम हमने पूरा भी कर दिया। आज देश भर में 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक किसानों के खाते में ये रकम पहुंच चुकी है और जिसमें 15 सौ करोड़ रुपए, उससे भी ज्यादा अकेले मेरे महाराष्ट्र के किसान परिवार के खातें में जमा हो गई। हमने प्रामिस किया था कि छोटे किसानों को, व्यापारियों और दुकानदारों को निश्चित पेंशन से जोड़ेंगे और कुछ दिन पहले इसको भी हमने डिलीवर कर दिया।

हमने प्रामिस किया था कि जिस तरह देश गांव-गांव में बिजली पहुंचाने का काम किया है उसी तरह, और मेरी माताएं-बहने खास सुनें। हमने जैसे शौचालय का काम चलाया, बिजली का चलाया, अब ठान लिया है मेरी माताएं-बहने घर-घर जल पहुंचाने के लिए जुटेंगी। पानी पहुंचाएंगे, इस पर भी बहुत तेजी से काम आरंभ हो चुका है, हमने प्रामिस किया था कि देश के पशु धन को गांव और किसान की समृद्धि की रीढ़ बनाएंगे। देश के 50 करोड़ से अधिक पशुधन, उनको बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण का काम शुरू हो चुका है और मैंने देखा है हमारे पालीटिकल पंडित, सरकार कोई भी काम करती है तो दिमाग खपाते हैं कि ये चुनाव है इसलिए किया। ये जो 50 करोड़ पशुधन को टीकाकरण का अभियान चलाया है, इन पालीटिकल पंडितों को पता होना चाहिए कि ये पशुधन वोट देने के लिए नहीं जाता है, हम काम देश के लिए करते हैं। हमने प्रामिस किया था कि आदिवासी युवाओं को शिक्षित करने के लिए, कौशल निर्माण के लिए एकलव्य मॉडल स्कूल का जाल बिछाएंगे, देश भर में 462 स्कूल की डिलीवरी का काम शुरू हो चुका है। हमने प्रामिस किया था कि देश की सेना को सशक्त बनाने के लिए, अपने सैनिकों के सशक्तिकरण के लिए आवश्यक हर कदम उठाएंगे। हाल में दो महाशक्तिशाली हेलीकाप्टर हमारी सैन्य शक्ति का हिस्सा बन चुके हैं, बहुत जल्द राफेल फाइटर जेट भी हमारी वायु सेना को सशक्त करेगा। तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल के लिए, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाने के लिए दशकों से चर्चा चल रही थी, ये फैसला भी मैंने लाल किले से 15 अगस्त को घोषित किया था और उसको भी आगे बढ़ा दिया। 

साथियो, देश की सुरक्षा तैयारियों को लेकर हमारी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है, अपने हर वादे को पूरा कर रही है लेकिन देश की रक्षा को लेकर पहले की सरकारों का कैसा रवैया रहा है इसे बार-बार याद किए जाने की जरूरत है। भाइयो-बहनो, हमारी सेना ने दस साल पहले यानी 2009 में 1 लाख 86 हजार बुलेटप्रूफ जैकेट की मांग की थी, बिना बुलेटप्रूफ जैकेट हमारा वार जवान देश के दुश्मनों से लड़ रहा था। 2009 से लेकर अगले पांच सालों के बीच, समय गया लेकिन कांग्रेस की सरकार ने, NCP के समर्थन से चल रही सरकार ने सेना की इस जरूरत पर ध्यान नहीं दिया है, उनके लिए बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं खरीदीं। जब भाजपा-एनडीए की सरकार आई तो हमने बुलेटप्रूफ जैकेट खरीदने की प्रक्रिया शुरू की और ये हमारा नासिक तो भोंसला मिलिट्री स्कूल से जाना जाता है। इतना ही नहीं हमने व्यवस्थाएं बनाईं ताकी ये जैकेट भारत में ही बने। साथियो, बीते पांच वर्षों में हमने ना सिर्फ सेना की जरूरतों को, हमारे वीर-जवानों की जरूरतों को पूरा किया, उन्हें बुलेटप्रूफ जैकेट दिलाई बल्कि अब उससे भी एक कदम आगे बढ़ गए हैं। अब भारत दुनिया के उन कुछ देशों में शामिल हो गया है जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर की बुलेटप्रूफ जैकेट बनाता है। इतना ही नहीं, दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में आज भारत में बनी बुलेटप्रूफ जैकेट एक्सपोर्ट हो रही है, निर्यात की जा रही है। 

साथियो, भाजपा सरकार का मतलब ही है, देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता, हमारे लिए देश से बड़ा कुछ नहीं है। देश की उम्मीद ही हमारे लिए आदेश होता है, इसलिए हम वादे करते हैं तो पूरा करके भी दिखाते हैं। साथियो, हमने महाराष्ट्र सहित पूरे देश से प्रामिस किया था, हमने वादा किया था जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की समस्याओं के लिए नई कोशिश, नए प्रयास करेंगे। आज मैं ये संतोष के साथ कह सकता हूं कि देश उन सपनों को साकार करने की दिशा में चल पड़ा है। जम्मू-कश्मीर में भारत के संविधान को समग्रता से लागू करना, सिर्फ एक सरकार का फैसला नहीं है। ये 130 करोड़ भारतीयों की इच्छा का, भावना का प्रकटीकरण है। ये फैसला जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को हिंसा के, आतंक के, अलगाव के, भ्रष्टाचार के कुचक्र से निकालने के लिए है, ये फैसला भारत की एकता और अखंडता के लिए, ये हमारी प्रतिबद्धता तो थी ही, जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षा, उनके सपनों की पूर्ति का भी माध्यम बनने वाला है।

मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या आप मेरे इस निर्णय से सहमत हैं? आप खुश हैं? अभी जब देवेंद्र जी बोल रहे थे तो मैं नारा सुन रहा था, आप नारा लगा रहे थे, कश्मीर हमारा है। लगा रहे थे ना? अब नारा लगाना है, अब हम हिंदुस्तानियों ने कश्मीर बनाना है। कल तक कहते थे कश्मीर हमारा है, अब हिंदुस्तानी कहेगा हमें नया कश्मीर बनाना है, वहां फिर से एक बार स्वर्ग बनाना है, हर कश्मीरी को गले लगाना है। 40 साल तक 42 हजार लोगों को जिस धरती पर मौत के घाट उतार दिया गया, जो धरती रक्त से रंग दी गई अब 130 करोड़ देशवासियों का संकल्प है कि फिर एक बार उस कश्मीर को स्वर्ग बना के रहेंगे, सारा देश लगेगा। आप कश्मीर की भलाई के लिए आगे आएंगे, वहां के लोगों की भली के लिए आगे आएंगे, उनके घावों को ठीक करने के लिए आगे आएंगे? मेरी देशवासियों से यही अपेक्षा है। आओ कश्मीर के दुखों पर मरहम लगाएं, 40 साल से उन्होंने जो यातनाएं झेली हैं, दिल्ली की गलत नीतियों के वो शिकार हुए हैं, अब देश का काम है उनको मुसीबतों से मुक्ति दिलाना दोस्तों। 

भाइयो-बहनो, देश को अहसास है इस फैसले की आड़ में अस्थिरता और अविश्वास फैलाने की तमाम कोशिशें सरहद के पार से हो रही हैं। जम्मू-कश्मीर में हिंसा भड़काने की भरपूर कोशिशें हो रही हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर के युवा साथी, वहां की माताएं, बहने हिंसा के इस लंबे दौर से बाहर निकलने के लिए अब मन बना चुकी हैं, वो विकास चाहते हैं, रोजगार के नए अवसर चाहते हैं। आपका ये सेवक, आपकी ये सरकार आप सब लोगों के साथ को लेकर के जम्मू-कश्मीर के, लद्दाख के लोगों के साथ मिलकर विकास का नया युग शुरू करने को लेकर प्रतिबद्ध है।

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख नई संभावनाओं को गले लगा रहा है लेकिन मैं हैरान हूं कि विपक्ष के हमारे साथी इसमें भी राजनीतिक स्वार्थ ढूंढ रहे हैं। इतना बड़ा फैसला देश ने लिया है, ये ठीक से लागू हो पाए और कम से कम परेशानी के साथ लागू हो पाए इसके लिए पूरा देश एकजुट है। पूरा देश एकजुट है कि नहीं है, हिंदुस्तान के हर कोने में लोग एकजुट हैं कि नहीं हैं, गांव का भी इंसान साथ है कि नहीं है, पढ़ा-लिखा भी साथ है कि नहीं है, अनपढ़ व्यक्ति भी साथ है कि नहीं है, बड़े-बुजुर्ग भी साथ हैं कि नहीं हैं, नवजवान भी साथ हैं कि नहीं हैं? लेकिन दुर्भाग्य से कांग्रेस के, एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं को जिस तरह का बर्ताव और सहयोग करना चाहिए था वो दिख नहीं रहा है। विपक्ष के नाते वो सरकार की आलोचना करें, मेरी आलोचना करें, देवेंद्र जी की आलोचना करें ये उनका अधिकार है लेकिन राष्ट्रहित में ऐसी बातें करना जो आतंकपरस्तों के लिए अपप्रचार का हथियार बन जाए, विदेशों में उनके बयानों के आधार पर भारत पर हमला हो, ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है, ऐसे लोगों के पहचानने की जरूरत है। 

साथियो, कांग्रेस की कंफ्यूजन, ये तो मुझे समझ आती है लेकिन शरद पवार, आप जैसा अनुभवी नेता जब कुछ वोट के लिए गलतबयानी करने लगे तब बहुत दुख होता है। शरद पवार जी को पड़ोसी देश अच्छा लगता है, ये उनकी मर्जी, वहां के शासक-प्रशासक उनको कल्याणकारी लगते हैं ये भी उनका आकलन है लेकिन ये पूरा महाराष्ट्र जानता है, पूरा भारत जानता है, पूरी दुनिया जानती है कि आतंक की फैक्ट्री कहां पर है और जुल्म और शोषण की तस्वीरें कहां से आती हैं। साथियो, राजनीति में नेताओं की, दलों की हार-जीत होती रहती है लेकिन देश को जिताना हम सभी का दायित्व होता है। महाराष्ट्र की इस भूमि की विशेषता है, ये हमारी आस्था की विरासत तो है ही, वीरता और राष्ट्रभक्ति का भी स्वर्णिम इतिहास रहा है।

छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्वराज्य का संकल्प लेकर मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने का आदर्श हमारे सामने रखा था। महाराष्ट्र की इस धरती ने स्वातंत्र वार सावरकर जैसे महान सुपूत को जन्म दिया है और सावरकर जी का नासिक से नाता हर कोई जानता है। स्वतंत्रता के लिए हर यातना को मुस्कुराहट के साथ सहने वाले सावरकर ने हमें राष्ट्रवाद के अभूतपूर्व संस्कार दिए हैं। इस धरती ने ज्योतिबा फूले, सावित्री बाई फुले, डॉक्टर बाबा साहेब अंबेडकर जैसे अनेक समाज सुधारकों को गढ़ा है, इन्होंने भारत में सामाजिक समरसता की भावना विकसित की। गरीब हो, पीड़ित हो, वंचित हो शोषित हो, हर किसी को सम्मान के साथ जीने के लिए प्रेरित किया। 

भाइयो-बहनो, इन तमाम विभूतियों ने अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए हमेशा मिशन के साथ काम किया। मुझे खुशी है कि आज का भारत, नया भारत भी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए संकल्पबद्ध होकर निकला है, मिशन पर निकला है देश के हर गरीब परिवार को अपना पक्का घर देने का संकल्प पूरी करने के लिए हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र सहित पूरे देश में करीब दो करोड़ आवास बन चुके हैं, देश की गरीब बहनों को धुएं से मुक्ति के मिशन का पहला पड़ाव हमने पूरा कर लिया है। कुछ दिन पहले औरंगाबाद में ही देश का 8 करोड़वां उज्जवला कनेक्शन दिया गया है। स्वच्छ भारत मिशन को लेकर आपने अभूतपूर्व काम किया है, जिसका परिणाम है कि बहुत ही जल्द पूरा देश खुद को खुले में शौच से मुक्त करने वाला है। इसी तरह साल 2022 तक भारत को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का अभियान भी तेजी से चल रहा है। महाराष्ट्र के आप सभी साथी भी स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत इससे जुड़े हैं। 2 अक्टूबर तक जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती देश मना रहा है तब तक बड़ी मात्रा में प्लास्टिक से जुड़े कचरे से हमें देश को निजात दिलानी है। 

साथियो, जल-जीवन मिशन से जल संरक्षण का और घर-घर जल पहुंचाने का एक व्यापक अभियान देश में चल रहा है। मैं आप सभी को, फडणवीस जी की टीम को बधाई देता हूं, इसमें महाराष्ट्र प्रशंसनीय काम कर रहा है। जलयुक्त शिवार, इस अभियान के तहत आप सभी ने 17 हजार से अधिक गांवों को जल संकट से मुक्ति दिलाने में मदद की है, ये बहुत बड़ी उपलब्धि है। आने वाले पांच वर्षों में हमें इस अभियान को और गति देनी है ताकी महाराष्ट्र की मेरी बहनों को, मेरे किसान भाइयों को पानी के लिए तरसना ना पड़े। एक बार महाराष्ट्र पानी के मामले में समर्थ हो गया, संपन्न हो गया तो यहां के सामान्य जन की प्रगति को, किसानों की खुशहाली को, नए-नए उद्योगों से बनने वाले अवसरों को कोई रोक नहीं सकता। 

भाइयो-बहनो, बीते पांच वर्षों में भाजपा की सरकारों ने महाराष्ट्र की सरकार को विकास का डबल इंजन दिया है। यहां युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनाने पर बल दिया है, महाराष्ट्र में हेरिटेज टूरिज्म की संभावनाओं को तराशा जा रहा है। यहां नासिक में ही आप देख सकते हैं कि कैसे देश के दूसरे हिस्से से यहां की कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा रहा है। यहां के हवाई अड्डे को उड़ान योजना से जोड़ा गया है, साथ ही स्वदेश दर्शन योजना के तहत नासिक को रामायण सर्किट में शामिल किया गया है।

त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग में भक्तों के लिए सुविधाओं का विकास, प्रसाद योजना के तहत किया जा रहा है। सरकार की पूरी कोशिश है कि देश भर के श्रद्धालु और पर्यटक यहां आराम से पहुंचें और पूरी संतुष्टि के साथ अपने घर लौटें। साथियो, टूरिज्म के साथ-साथ यहां उद्योगों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है, मेक इन इंडिया के प्रोग्राम को भी नासिक और महाराष्ट्र में गति मिल रही है। आने वाले समय में नासिक भारत की सुरक्षा के साजो-सामान को निर्माण करने वाला अहम सेंटर बनने वाला है। यहां डिफेंस इनोवेशन हब बने, इस पर काम चल रहा है। इतना ही नहीं महाराष्ट्र में जो फोर मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क बन रहे हैं, उसमें से एक नासिक में ही बनने वाला है। हमारा प्रयास है कि महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाए, पोर्ट्स की कनेक्टिविटी को सशक्त किया जाए। इसके लिए सागरमाला योजना के तहत देश भर में करीब ढाई लाख करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है, जिसका एक बड़ा हिस्सा महाराष्ट्र को भी मिल रहा है। 

भाइयो-बहनो, विकास के लिए समर्पित और भ्रष्टाचार से मुक्त सुशासन, जो बीते पांच वर्ष में यहां फडणवीस जी और उनकी टीम ने दिया है उसको हमें जारी रखना है, आगे बढ़ाना है, नई ऊर्जा, नई ताकत देना है। महाराष्ट्र की प्रगति के लिए दिन रात सोचने वाली सोच को समर्थन देना जरूरी है। महाराष्ट्र लोड शेडिंग के अंधेरे में वापस ना चला जाए इसके लिए भाजपा सरकार बहुत-बहुत जरूरी है। साथियो, आज देवेंद्र जी की नासिक में महा जनादेश यात्रा का यहां भले ही समापन हो रहा है लेकिन जन आशीर्वाद के लिए महाराष्ट्र के एक-एक भाजपा कार्यकर्ता का संकल्प आज से शुरू हो रहा है और आज मैं जब नासिक आया हूं। नासिक के साथ प्रभु रामचंद्र जी का नाम भी उतना ही जुड़ा हुआ है तब मैं आज एक और बात भी बताना चाहता हूं। मैं देख रहा हूं, पिछले दो-तीन सप्ताह से कुछ बयान बहादुर लोग, कुछ बड़बोले लोग अनाप-शनाप बयानबाजी, राम को लेकर शुरू कर दी है। देश के सभी नागरिकों का भारत की सुप्रीम कोर्ट के प्रति सम्मान बहुत आवश्यक होता है।

जब मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा हो, सब पक्ष अपनी बात रख रहे हों, सुप्रीम कोर्ट लगातार समय निकाल कर के बातों को सुन रही हो तब मैं हैरान हूं ये बयानबहादुर कहां से टपक गए। क्यों पूरे मामले में अड़ंगे डाल रहे हैं। हमारा सुप्रीम कोर्ट में भरोसा होना चाहिए, हमारा बाबा साहेब अंबेडकर ने जो संविधान दिया है उस पर भरोसा होना चाहिए। हमारा भरोसा भारत की न्याय प्रणाली पर होना चाहिए और इसलिए आज नासिक की पवित्र धरती से मैं देश भर में ये जो बड़बोले लोग हैं, बयानबहादुर लोग हैं उनको हाथ जोड़कर के विनती करता हूं। भगवान की खातिर, प्रभु राम की खातिर आंख बंद करके सिर्फ और सिर्फ भारत की न्याय प्रणाली के प्रति श्रद्धा रखें। खैर साथियो, जिस उत्साह और उमंग के साथ आप आए हैं, अब घर-घर जाना है, एक-एक मतदाता को मिलना है, इस अभियान को आगे बढ़ाना है। जय भीम, जय भवानी, जय शिवाजी। दोनों मुट्ठी बंद करके बोलिए, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्यवाद।  

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Prime Minister holds a telephone conversation with the Prime Minister of New Zealand
December 22, 2025
The two leaders jointly announce a landmark India-New Zealand Free Trade Agreement
The leaders agree that the FTA would serve as a catalyst for greater trade, investment, innovation and shared opportunities between both countries
The leaders also welcome progress in other areas of bilateral cooperation including defence, sports, education and people-to-people ties

Prime Minister Shri Narendra Modi held a telephone conversation with the Prime Minister of New Zealand, The Rt. Hon. Christopher Luxon today. The two leaders jointly announced the successful conclusion of the historic, ambitious and mutually beneficial India–New Zealand Free Trade Agreement (FTA).

With negotiations having been Initiated during PM Luxon’s visit to India in March 2025, the two leaders agreed that the conclusion of the FTA in a record time of 9 months reflects the shared ambition and political will to further deepen ties between the two countries. The FTA would significantly deepen bilateral economic engagement, enhance market access, promote investment flows, strengthen strategic cooperation between the two countries, and also open up new opportunities for innovators, entrepreneurs, farmers, MSMEs, students and youth of both countries across various sectors.

With the strong and credible foundation provided by the FTA, both leaders expressed confidence in doubling bilateral trade over the next five years as well as an investment of USD 20 billion in India from New Zealand over the next 15 years. The leaders also welcomed the progress achieved in other areas of bilateral cooperation such as sports, education, and people-to-people ties, and reaffirmed their commitment towards further strengthening of the India-New Zealand partnership.

The leaders agreed to remain in touch.