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India is committed to strengthen strategic partnership with Canada: PM Modi
From investment to energy, science and innovation to education and skill development, from sea to space, India and Canada are working together in every sector: PM
Terrorism and militancy are a threat to democratic, pluralistic societies like India and Canada: PM Modi
Being the energy super power, Canada can meet the rising energy requirements of our countries: PM

Your Excellency, The Right Honourable Prime Minister Trudeau

Distinguished Delegation Members,

Friends from the Media,

भारत के राजकीय दौरे पर आए प्रधान मंत्री ट्रूडो का स्वागत करके मुझे खुशी हो रही है।

हालांकि प्रधान मंत्री के तौर पर यह उनका पहला दौरा है, इन्होंने अपने पिता और तत्कालीन प्रधान मंत्री पियर ट्रूडो के साथ 1983 में भारत का दौरा किया था।

Mr. Prime Minister, आपका दौरा बहुत समय से प्रतिक्षित था। हमें प्रसन्नता है कि आप अपनी पत्नी और बच्चों के साथ आए हैं। हमें यह भी खुशी है कि हमारी आज की मुलाकात से पहले आपने भारत के विभिन्न शहरों का दौरा किया है।

वर्ष 2015 में कनाडा की मेरी यात्रा 42 वर्षों में किसी भारतीय प्रधान मंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा थी। तब मैं वैंकुवर, टोरंटो और ओटावा गया था। भारत के प्रति कनाडा की जनता के लगाव और प्रेम का मैंने अनुभव किया।

मुझे विश्वास है कि प्रधान मंत्री Trudeau ने भी कनाडा के प्रति भारत में गर्मजोशी और स्वाभाविक बंधुत्व का अनुभव किया होगा। उन्होंने हमारे देश की विविधता और हमारे लोकतंत्र की जीवंतता को भी महसूस किया होगा।

Friends,

कनाडा के साथ अपने strategic partnership को आगे बढ़ाने को भारत बहुत अधिक महत्व देता है।

हमारे सम्बन्ध लोकतंत्र, बहुलवाद, कानून की सर्वोच्चता और आपसी संपर्क पर आधारित हैं।

व्यापार और निवेश से लेकर ऊर्जा तक; विज्ञान और इनोवेशन से लेकर शिक्षा और कौशल विकास तक; सागर से लेकर अंतरिक्ष तक, हर सेक्टर में भारत और कनाडा एक साथ काम कर सकते हैं।

हमारी आज की चर्चा में, हमने अपने संबंधों के पूरे आयाम की समीक्षा की और आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए ठोस उपायों की पहचान की।

सबसे पहले, हम अपने सुरक्षा सहयोग को सुदृढ़ करने पर सहमत हुए हैं। आतंकवाद और उग्रवाद भारत और कनाडा जैसे लोकतांत्रिक, बहुलवादी समाजों के लिए खतरा हैं। इन ताकतों का मुकाबला करने के लिए हमारा साथ आना महत्वपूर्ण है।

संप्रदाय का राजनीतिक उद्देश्य के लिए दुरूपयोग करने वालों और बॅंटवारे की खाई खोदने वालों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

हमारे देशों की संप्रभुता, एकता और अखंडता को चुनौती देने वालों को भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

आतंकवाद और उग्रवाद के विरूद्ध लड़ने के लिए प्रधान मंत्री Trudeau और मैं सहमत हुए हैं। हमारे NSAs भी पहले मिले हैं। उन्होंने Framework for Cooperation on Countering Terrorism and Violent Extremism को अंतिम रूप दिया है।

Friends,

हमने अपने आर्थिक संबंधों की भी समीक्षा की है। हम सहमत हुए हैं कि भारत और कनाडा के बीच आर्थिक संबंधों को हम और गहरा बनायेंगे।

भारत की तेज और सतत आर्थिक प्रगति और economic reforms प्रचुर अवसर प्रदान करते हैं। कनाडाई पेंशन फंड भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास का प्रबल साझेदार बना हुआ है।

हमारी आर्थिक साझेदारी के लिए एक संस्थागत ढ़ांचे की व्यवस्था करना भी आवश्यक है। इस परिप्रेक्ष्य में, Bilateral Investment and Promotion Agreement और Comprehensive Economic Partnership Agreement को अंतिम रूप देने के लिए हमने अपने वार्ताकारों को प्रयास दोगुना करने का निर्देश दिया है।

आज दोनों देशों के CEOs से भी हमें बातचीत करने का हमें अवसर मिलेगा।

उच्च शिक्षा के लिए कनाडा, भारतीय विद्यार्थियों का महत्वपूर्ण destination है। आज, कनाडा में एक लाख बीस हज़ार से अधिक भारतीय विद्यार्थी हैं। MoU on Higher Education से, जिसे आज renew किया गया है, दोनों पक्ष के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की अधिक आवाजाही को सुगम बनाने में मदद मिलेगी।

मैंने Skilled professionals की आवाजाही को बढ़ावा देनेऔर इसे सुगम बनाने के लिए प्रधान मंत्री Trudeau से आग्रह किया है। इससे हमारे दोनों देश लाभान्वित होंगे और कनाडाई अर्थव्यवस्था को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएंगे।

हमारी technology partnership में विशाल संभावनाएं हैं। हमारे वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं द्वारा नवीन technology और प्रणालियां प्रकाश में लाई जा रही हैं इनसे भारत एवं कनाडा, दोनों ही देशों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। कनाडा Technology Summit 2017 का Partner Country था। सूचना एवं संचार तकनीक के क्षेत्र में सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए भी हमारी सरकारें सहमत हुई हैं।

कनाडा energy super power है और हमारी बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सकता है। आज, हमने अपने Energy Dialogue का विस्तार करने और हमारी ऊर्जा साझेदारी के भविष्य की रूप-रेखा तैयार करने का निर्णय किया है।

हमारे Atomic Energy सहयोग की दृढ़ता यूरेनियम की निर्बाध आपूर्ति से दिखती है। आज, हम अपने सहयोग में nuclear Science, Technology & Innovation जोड़ रहे हैं।

Friends,

मेरे मित्र प्रधान मंत्री Trudeau और मैंने क्षेत्रीय एवं वैश्विक स्थिति पर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया।

अफगानिस्तान की स्थिति पर विस्तार से चर्चा हुई। अफगानिस्तान की सरकार और वहां की जनता को सीमा-पार आतंकवाद की चुनौतियों से निबटने और एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित, समृद्ध और लोकतांत्रिक अफगानिस्तान के निर्माण में उनके प्रयासों में सहयोग करने की आवश्यकता स्पष्ट है।

इंडो-पैसिफिक में समुद्री परिवहन की स्वतंत्रता; उत्तर कोरिया से जुड़ी प्रोलिफरेशन की कड़ियों के ख़तरे; और मालदीव में लोकतांत्रिक संस्थानों की स्वतंत्रता की बहाली पर हमारे विचारों में समानता है।

हम शांति स्थापना के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने के साथ तीसरे देशों में capacity building पर भी विशेष ध्यान देने पर सहमत हुए हैं।

Friends,

People-to-people संपर्क हमारी Strategic Partnership का ठोस आधार है।

कनाडा स्थित भारतीय समुदाय की उपलब्धियों पर भारत को गर्व है। मुझे यह देख कर खुशी है कि प्रधान मंत्री उनमें से बहुतों को अपने साथ इस दौरे पर लाए हैं।

कनाडा स्थित भारतीय समुदाय के साथ मित्रता और सद्भावना के निर्माण हेतु हम प्रतिबद्ध हैं और भारत की प्रगति और विकास में उनकी सक्रिय भागीदारी चाहते हैं।

Mr. Prime Minister,

भारत-कनाडा साझा मूल्यों की एक स्वाभाविक साझेदारी है। मुझे दोनों देशों के बीच अधिक मजबूत साझेदारी और इससे हमारे दोनों देशों के उज्ज्वल भविष्य की आशा है।

धन्यवाद।

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Tamil Nadu has been a bastion of Indian nationalism: PM Modi
May 27, 2023
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“Tamil Nadu has been a bastion of Indian nationalism”
“Under the guidance of Adheenam and Raja Ji we found a blessed path from our sacred ancient Tamil Culture - the path of transfer of power through the medium of Sengol”
“In 1947 Thiruvaduthurai Adheenam created a special Sengol. Today, pictures from that era are reminding us about the deep emotional bond between Tamil culture and India's destiny as a modern democracy”
“Sengol of Adheenam was the beginning of freeing India of every symbol of hundreds of years of slavery”
“it was the Sengol which conjoined free India to the era of the nation that existed before slavery”
“The Sengol is getting its deserved place in the temple of democracy”

नअनैवरुक्कुम् वणक्कम्

ऊँ नम: शिवाय, शिवाय नम:!

हर हर महादेव!

सबसे पहले, विभिन्न आदीनम् से जुड़े आप सभी पूज्य संतों का मैं शीश झुकाकर अभिनंदन करता हूं। आज मेरे निवास स्थान पर आपके चरण पड़े हैं, ये मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है। ये भगवान शिव की कृपा है जिसकी वजह से मुझे एक साथ आप सभी शिव भक्तों के दर्शन करने का मौका मिला है। मुझे इस बात की भी बहुत खुशी है कि कल नए संसद भवन के लोकार्पण के समय आप सभी वहां साक्षात आकर के आशीर्वाद देने वाले हैं।

पूज्य संतगण,

हम सभी जानते हैं कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम में तमिलनाडु की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वीरमंगई वेलु नाचियार से लेकर मरुदु भाइयों तक, सुब्रह्मण्य भारती से लेकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ जुड़ने वाले अनेकों तमिल लोगों तक, हर युग में तमिलनाडु, भारतीय राष्ट्रवाद का गढ़ रहा है। तमिल लोगों के दिल में हमेशा से मां भारती की सेवा की, भारत के कल्याण की भावना रही है। बावजूद इसके, ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत की आजादी में तमिल लोगों के योगदान को वो महत्व नहीं दिया गया, जो दिया जाना चाहिए था। अब बीजेपी ने इस विषय को प्रमुखता से उठाना शुरू किया है। अब देश के लोगों को भी पता चल रहा है कि महान तमिल परंपरा और राष्ट्रभक्ति के प्रतीक तमिलनाडु के साथ क्या व्यवहार हुआ था।

जब आजादी का समय आया, तब सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक को लेकर प्रश्न उठा था। इसके लिए हमारे देश में अलग-अलग परंपराएं रही हैं। अलग-अलग रीति-रिवाज भी रहे हैं। लेकिन उस समय राजाजी और आदीनम् के मार्गदर्शन में हमें अपनी प्राचीन तमिल संस्कृति से एक पुण्य मार्ग मिला था। ये मार्ग था- सेंगोल के माध्यम से सत्ता हस्तांतरण का। तमिल परंपरा में, शासन चलाने वाले को सेंगोल दिया जाता था। सेंगोल इस बात का प्रतीक था कि उसे धारण करने वाले व्यक्ति पर देश के कल्याण की जिम्मेदारी है और वो कभी कर्तव्य के मार्ग से विचलित नहीं होगा। सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर तब 1947 में पवित्र तिरुवावडुतुरै आदीनम् द्वारा एक विशेष सेंगोल तैयार किया गया था। आज उस दौर की तस्वीरें हमें याद दिला रही हैं कि तमिल संस्कृति और आधुनिक लोकतंत्र के रूप में भारत की नियति के बीच कितना भावुक और आत्मीय संबंध रहा है। आज उन गहरे संबंधों की गाथा इतिहास के दबे हुए पन्नों से बाहर निकलकर एक बार फिर जीवंत हो उठी है। इससे उस समय की घटनाओं को समझने का सही दृष्टिकोण भी मिलता है। और इसके साथ ही, हमें ये भी पता चलता है कि सत्ता के हस्तांतरण के इस सबसे बड़े प्रतीक के साथ क्या किया गया।

मेरे देशवासियों,

आज मैं राजाजी और विभिन्न आदीनम् की दूरदर्शिता को भी विशेष तौर पर नमन करूंगा। आदीनम के एक सेंगोल ने, भारत को सैकड़ों वर्षों की गुलामी के हर प्रतीक से मुक्ति दिलाने की शुरुआत कर दी थी। जब भारत की आजादी का प्रथम पल आया, आजादी का प्रथम पल, वो क्षण आया, तो ये सेंगोल ही था, जिसने गुलामी से पहले वाले कालखंड और स्वतंत्र भारत के उस पहले पल को आपस में जोड़ दिया था। इसलिए, इस पवित्र सेंगोल का महत्व सिर्फ इतना ही नहीं है कि ये 1947 में सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक बना था। इस सेंगोल का महत्व इसलिए भी है क्योंकि इसने गुलामी के पहले वाले गौरवशाली भारत से, उसकी परंपराओं से, स्वतंत्र भारत के भविष्य को कनेक्ट कर दिया था। अच्छा होता कि आजादी के बाद इस पूज्य सेंगोल को पर्याप्त मान-सम्मान दिया जाता, इसे गौरवमयी स्थान दिया जाता। लेकिन ये सेंगोल, प्रयागराज में, आनंद भवन में, Walking Stick यानि पैदल चलने पर सहारा देने वाली छड़ी कहकर, प्रदर्शनी के लिए रख दिया गया था। आपका ये सेवक और हमारी सरकार, अब उस सेंगोल को आनंद भवन से निकालकर लाई है। आज आजादी के उस प्रथम पल को नए संसद भवन में सेंगोल की स्थापना के समय हमें फिर से पुनर्जीवित करने का मौका मिला है। लोकतंत्र के मंदिर में आज सेंगोल को उसका उचित स्थान मिल रहा है। मुझे खुशी है कि अब भारत की महान परंपरा के प्रतीक उसी सेंगोल को नए संसद भवन में स्थापित किया जाएगा। ये सेंगोल इस बात की याद दिलाता रहेगा कि हमें कर्तव्य पथ पर चलना है, जनता-जनार्दन के प्रति जवाबदेह बने रहना है।

पूज्य संतगण,

आदीनम की महान प्रेरक परंपरा, साक्षात सात्विक ऊर्जा का प्रतीक है। आप सभी संत शैव परंपरा के अनुयायी हैं। आपके दर्शन में जो एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना है, वो स्वयं भारत की एकता और अखंडता का प्रतिबिंब है। आपके कई आदीनम् के नामों में ही इसकी झलक मिल जाती है। आपके कुछ आदीनम् के नाम में कैलाश का उल्लेख है। ये पवित्र पर्वत, तमिलनाडु से बहुत दूर हिमालय में है, फिर भी ये आपके हृदय के करीब है। शैव सिद्धांत के प्रसिद्ध संतों में से एक तिरुमूलर् के बारे में कहा जाता है कि वो कैलाश पर्वत से शिव भक्ति का प्रसार करने के लिए तमिलनाडु आए थे। आज भी, उनकी रचना तिरुमन्दिरम् के श्लोकों का पाठ भगवान शिव की स्मृति में किया जाता है। अप्पर्, सम्बन्दर्, सुन्दरर् और माणिक्का वासगर् जैसे कई महान संतों ने उज्जैन, केदारनाथ और गौरीकुंड का उल्लेख किया है। जनता जनार्दन के आशीर्वाद से आज मैं महादेव की नगरी काशी का सांसद हूं, तो आपको काशी की बात भी बताऊंगा। धर्मपुरम आदीनम् के स्वामी कुमारगुरुपरा तमिलनाडु से काशी गए थे। उन्होंने बनारस के केदार घाट पर केदारेश्वर मंदिर की स्थापना की थी। तमिलनाडु के तिरुप्पनन्दाळ् में काशी मठ का नाम भी काशी पर रखा गया है। इस मठ के बारे में एक दिलचस्प जानकारी भी मुझे पता चली है। कहा जाता है कि तिरुप्पनन्दाळ् का काशी मठ, तीर्थयात्रियों को बैकिंग सेवाएं उपलब्ध कराता था। कोई तीर्थयात्री तमिलनाडु के काशी मठ में पैसे जमा करने के बाद काशी में प्रमाणपत्र दिखाकर वो पैसे निकाल सकता था। इस तरह, शैव सिद्धांत के अनुयायियों ने सिर्फ शिव भक्ति का प्रसार ही नहीं किया बल्कि हमें एक दूसरे के करीब लाने का कार्य भी किया।

पूज्य संतगण,

सैकड़ों वर्षों की गुलामी के बाद भी तमिलनाडु की संस्कृति आज भी जीवंत और समृद्ध है, तो इसमें आदीनम् जैसी महान और दिव्य परंपरा की भी बड़ी भूमिका है। इस परंपरा को जीवित रखने का दायित्व संतजनों ने तो निभाया ही है, साथ ही इसका श्रेय पीड़ित-शोषित-वंचित सभी को जाता है कि उन्होंने इसकी रक्षा की, उसे आगे बढ़ाया। राष्ट्र के लिए योगदान के मामले में आपकी सभी संस्थाओं का इतिहास बहुत गौरवशाली रहा है। अब उस अतीत को आगे बढ़ाने, उससे प्रेरित होने और आने वाली पीढ़ियों के लिए काम करने का समय है।

पूज्य संतगण,

देश ने अगले 25 वर्षों के लिए कुछ लक्ष्य तय किए हैं। हमारा लक्ष्य है कि आजादी के 100 साल पूरे होने तक एक मजबूत, आत्मनिर्भर और समावेशी विकसित भारत का निर्माण हो। 1947 में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका से कोटि-कोटि देशवासी पुन: परिचित हुए हैं। आज जब देश 2047 के बड़े लक्ष्यों को लेकर आगे बढ़ रहा है तब आपकी भूमिका और महत्वपूर्ण हो गई है। आपकी संस्थाओं ने हमेशा सेवा के मूल्यों को साकार किया है। आपने लोगों को एक-दूसरे से जोड़ने का, उनमें समानता का भाव पैदा करने का बड़ा उदाहरण पेश किया है। भारत जितना एकजुट होगा, उतना ही मजबूत होगा। इसलिए हमारी प्रगति के रास्ते में रुकावटें पैदा करने वाले तरह-तरह की चुनौतियां खड़ी करेंगे। जिन्हें भारत की उन्नति खटकती है, वो सबसे पहले हमारी एकता को ही तोड़ने की कोशिश करेंगे। लेकिन मुझे विश्वास है कि देश को आपकी संस्थाओं से आध्यात्मिकता और सामाजिकता की जो शक्ति मिल रही है, उससे हम हर चुनौती का सामना कर लेंगे। मैं फिर एक बार, आप मेरे यहां पधारे, आप सबने आशीर्वाद दिये, ये मेरा सौभाग्य है, मैं फिर एक बार आप सबका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ, आप सबको प्रणाम करता हूँ। नए संसद भवन के लोकार्पण के अवसर पर आप सब यहां आए और हमें आशीर्वाद दिया। इससे बड़ा सौभाग्य कोई हो नहीं सकता है और इसलिए मैं जितना धन्यवाद करूँ, उतना कम है। फिर एक बार आप सबको प्रणाम करता हूँ।

ऊँ नम: शिवाय!

वणक्कम!