Bihar has achieved a historic victory and if we leave Surat without meeting the people of Bihar, our journey feels incomplete: PM Modi
The Congress has now turned into ‘MMC’ - the Muslim League Maowadi Congress: PM Modi at Surat Airport
Congress secured fewer seats across the last six state elections, while the BJP won more seats in a single state: PM Modi on NDA’s victory in Bihar elections
In the Bihar assembly election, there is a 10% vote difference between the victorious NDA alliance and the defeated Mahagathbandhan: PM Modi

भारत माता की, भारत माता की।

बिहार का ऐतिहासिक विजय हुआ हो और अगर हम सूरत से आगे जा रहे हों और बिहार के लोगों को मिले बिना जाएं तो लगता है यात्रा अधूरी रह गई। और इसलिए गुजरात में रहने वाले और खास करके सूरत में रहने वाले मेरे बिहारी भाइयों का हक बनता है और इसलिए मेरी स्वाभाविक जिम्मेवारी भी बनती है कि आप लोगों के बीच आकर के इस विजयोत्सव की कुछ पल का मैं भी हिस्सा बनूं। अचानक कार्यक्रम बन गया। मैं सुबह जा रहा था डेडियापाड़ा तो यहां के हमारे साथियों ने मुझे कहा कि बिहार के लोगों की इच्छा है अगर आप 5-10 मिनट बाहर आ जाएं तो लोग आ जाएंगे। और मैं देख रहा हूं दूर-दूर तक काफी मात्रा में लोग बाहर भी दिखते हैं।

साथियों,
आप भी जानते हैं बिहार के लोग भी जानते हैं। हम वो पार्टी हैं जब हम गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में आपने मुझे काम दिया था। तब भी हमारा एक मंत्र था कि भारत के विकास के लिए गुजरात का विकास। हमारी मूलभूत सोच रही है यह हमारा देश, नेशन फर्स्ट। और इसलिए काम भले गुजरात में करते थे, काम भले गुजरात की जिम्मेवारी को निभाने का था, लेकिन गुजरात का विकास भी भारत के विकास के लिए। यही मंत्र हमारे लिए हिंदुस्तान का हर कोना, हिंदुस्तान का हर राज्य, हिंदुस्तान का हर भाषा-भाषी नागरिक यह हमारे लिए पूजनीय है, वंदनीय है। और इसलिए बिहार का भी गौरव करना, बिहार के सामर्थ्य का स्वीकार करना। यह हमारे लिए बहुत सहज बात है। और मैं सूरत के मीडिया के लोगों को कहूंगा कि वे लोग थोड़ा रिसर्च करेंगे तो उनके अखबारों में एक चीज छपी हुई है। जब बिहार के 100 साल हुए तो बिहार में तो उसका जश्न होना बहुत स्वाभाविक था। लेकिन बिहार के बाहर हमने गुजरात में बिहार के 100 साल आन-बान-शान के साथ मनाए थे। इतना ही नहीं हमने बिहार के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में, जिन्होंने प्रगति की थी, जिन्होंने बिहार की विकास यात्रा में योगदान किया था। ऐसे भिन्न-भिन्न क्षेत्र के 100 लोगों को सूरत में बुला के उनका सार्वजनिक सम्मान किया था। क्योंकि बिहार की वह टैलेंट, बिहार का वह सामर्थ्य, उसकी ताकत हम भली-भांति पहले से जानते रहे हैं।

साथियों,
यह चुनाव सूरत में रहने वाले बिहार के मेरे भाई बहनों की तो पल-पल की नजर थी। और मैंने देखा है कि बिहार के लोगों को राजनीति समझानी नहीं पड़ती है। वह दुनिया को राजनीति समझाने की ताकत रखते हैं। देखिए इस चुनाव में एनडीए गठबंधन जो विजय हुआ है। और महागठबंधन जो पराजित हुआ है, उस दोनों के बीच में 10 प्रतिशत जितने वोट का फर्क है। 10 प्रतिशत। यह बहुत बड़ी बात है जी। यानी सामान्य मतदाता ने एकतरफ़ा और मुद्दा क्या विकास। आज बिहार के अंदर विकास के प्रति जो ललक है हर जगह पर महसूस होती थी। और मैंने देखा था जब कोविड के समय देशभर से हमारे श्रमिक भाई-बहन मुसीबत में थे। लॉकडाउन था। पैदल चल-चल के अपने वतन की ओर जा रहे थे। ट्रेन में लोगों को ले जाना यह भी चिंता का विषय था। कहीं फैल ना जाए। लेकिन मुझे एक बार वीडियो कॉन्फ्रेंस से बिहार के लोगों से बात करने का मौका मिला। और जो उन्होंने मुझे बताया वो बड़ा मेरे लिए सुखद था। वे पैदल गए थे। कई लंबे-लंबे समय तक पैदल चले। व्हीकल मिला, फिर पैदल गए। कुछ लोगों ने वहां जाकर के इस समय का उपयोग करके कोई न कोई व्यवसाय शुरू किया। और जब मेरी उनसे वीडियो कॉन्फ्रेंस से बात हुई तो मैं हैरान था कि इतने कम समय में उन्होंने इतनी प्रगति कर दी थी। तो उन्होंने कहा कोविड हमारे लिए तो आशीर्वाद बन गया। बोले अब हम तो किसी राज्य में वापस नहीं जाएंगे। हम तो यही रहेंगे। यह बिहार के लोगों की ताकत है। और वही बिहार आज दुनियाभर में छाया हुआ है। दुनिया में कहीं जाइए। बिहार की टैलेंट आपको नजर आएगी। और ऐसा बिहार अब विकास में नई ऊंचाई को प्राप्त करने का मिजाज दिखा रहा है। इस चुनाव में उस मिजाज के दर्शन हुए हैं। बिहार की माताएं-बहनें और बिहार के नौजवान। महिला-युवा एक ऐसा माय कॉम्बिनेशन बना है जिसने आने वाले अनेक दशकों की राजनीति का नींव मजबूत कर दी है दोस्तों। और जो राजनीति के लोग हैं, जो राजनीति पर विवेचना करते हैं उनको कई महीने लगने वाले हैं बिहार के चुनाव नतीजों का क्या-क्या प्रभाव होने वाला है इसका एनालिसिस करने में। और मैं साफ मानता हूं। हिंदुस्तान की राजनीति में, इस चुनाव में आपने देखा होगा। पिछले दो साल से बिहार में ये जमानती नेता, जो जमानत पर घूम रहे हैं, वे बिहार में जा जाकर के जातिवाद जातिवाद का भाषण देते रहते थे। और उनसे जितनी ताकत थी उन्होंने जातिवाद का जहर फैलाने की कोशिश की थी। और पुराने जमाने से उनको लगता था शायद इससे उनका खेल हो जाएगा। बिहार के इस चुनाव ने जातिवाद के उस जहर को पूरी तरह नकार दिया है। यह देश के लिए बहुत ही उज्जवल संकेत है। बिहार के अंदर सार्वजनिक कार्यक्रमों में गैरकानूनी तरीके से जमीन कब्जा करके, मकानों को कब्जा करके जो वक्फ बना दिया जाता था। हमने देखा था तमिलनाडु में हजार साल पुराने गांव के गांव वक्फ प्रॉपर्टी बना दिए गए थे। देशभर में चिंता बन पड़ी थी। तब जाकर के हमने पार्लियामेंट में कानून पास किया वक्फ को लेकर के। बिहार के इस चुनाव में ये जमानती नामदार, उनके साथी दल सार्वजनिक रूप से वक्फ कानून को फाड़ देते थे और ये कहते थे कि हम जीत करके आएंगे, वक्फ कानून को लागू नहीं होने देंगे। बिहार के लोगों ने इस सांप्रदायिक जहर को भी विकास की राह पर चलते हुए पूरी तरह नकार दिया है।

साथियों,
वहां पर बिहार के वरिष्ठ नेता आपने पिछले दो तीन साल के बिहार विधानसभा के दृश्य देखे होंगे। जिस प्रकार से नीतीश कुमार को अपमानित करने की फैशन बन गई थी। ऐसे भद्दे शब्दों का उपयोग होता था। जो पार्लियामेंट में भी जो दूसरे नामदार हैं वो भी पार्लियामेंट की सारी मर्यादाएं तोड़ के जिस प्रकार की भद्दी हरकतें करते हैं, वैसी पटना में होती थी। ना देश की जनता इसे स्वीकार करती है। और ना ही बिहार की जनता कतई इसको स्वीकार कर सकती है। ऐसी कई बातें हैं जिन्होंने इनके प्रति पूरी तरह नफरत का माहौल इस चुनाव में नजर आ रहा था। साथियों, समाज के सब वर्ग ने, बिहार के सभी क्षेत्र ने एनडीए को, एनडीए के साथी दलों को अभूतपूर्व समर्थन दिया है। अगर मैं जहां दलित समुदाय के प्रभाव वाले क्षेत्र वाली सीटें 38 सीटें, उनमें 34 सीटें एनडीए जीत गया। ये इतना बड़ा झूठ फैलाते थे। दलित समाज ने उनको ठुकरा दिया।

साथियों,
देश ये मुस्लिम लीगी माओवादी कांग्रेस को, एमएमसी, मुस्लिम लीग माओवादी कांग्रेस देश तो अस्वीकार कर चुकी है। कांग्रेस पार्टी में जो राष्ट्रीय विचारों से पले-बढ़े लोग हैं। जिन्होंने कभी इंदिरा जी और राजीव गांधी जैसे लोगों के नेतृत्व में काम किया है। ऐसे कांग्रेस का बहुत बड़ा वर्ग ये नामदार की हरकतों से आज दुखी है। वह कहते हैं कांग्रेस को कोई बचा नहीं सकता है। ये हालत हो गई है। एक दो दशक में 50-60 साल तक एकछत्र राज करने वाले लोग इस प्रकार से खत्म हो जाएं, ये साफ-साफ उनके लिए आत्मनिरीक्षण का विषय है। वे अपने साथियों को भी पराजय के कारण नहीं समझा पा रहे। वे अपनी पार्टी को भी पराजय के कारण समझा नहीं पा रहे हैं और इसलिए सरल रास्ता ढूंढ लिया है। कभी ईवीएम हरा देता है, कभी इलेक्शन कमीशन हरा देता है, कभी मतदाता सूची का शुद्धिकरण हरा देता है। एक ऐसी बहानेबाजी उन्होंने खोज ली है। वो बहानेबाजी खुद को तो शायद कुछ दिन ठीक रखेगी। लंबे अरसे तक उनके कैडर को स्वीकार्य नहीं होगा। मुझे मालूम है पार्लियामेंट में जब युवा कांग्रेस के सांसद मिलते हैं जो फर्स्ट टाइम कांग्रेस के सांसद हैं या उनके इंडिया अलायंस के सांसद है वो मिलते हैं वो कहते हैं साहब क्या करें? हमारी तो कैरियर खत्म हो रही है। मैंने कहा क्या हुआ? बोले हमें संसद में बोलने का अवसर ही नहीं मिल रहा है। हर बार संसद को ताला लगा दो। यही करते रहते हैं। वह अपने क्षेत्र में जवाब नहीं दे पा रहे हैं। वह कह रहे अगर हम हमारे क्षेत्र के विषयों को संसद में नहीं उठाएंगे तो दोबारा हमें कौन भेजेगा? पूरा युवा वर्ग कांग्रेस का जो पहली बार पार्लियामेंट में आया है वे अपने भविष्य को लेकर के चिंतित हो गया है।

साथियों,
ऐसी स्थिति में हमारी जिम्मेवारी और बढ़ जाती है। हमें विकास की नई ऊंचाइयों को पार करना है। हमें विकसित भारत के संकल्प को पूरा करके रहना है दोस्तों। मैं जानता हूं स्वदेशी उनके मुंह से नहीं निकलता है। आत्मनिर्भर भारत उनके मुंह से नहीं निकलता है। विकसित भारत बनना चाहिए वो नहीं निकलता है। क्योंकि उनकी प्राथमिकता ही यह देश नहीं है। ये देश के लोग नहीं है। यह देश के लोगों का भविष्य नहीं है। मैं नौजवान साथियों को कहना चाहता हूं, जिनकी सोच युवाओं के उत्कर्ष के लिए नहीं हो सकती है, उनको युवा कभी स्वीकार नहीं कर सकता है। और इसलिए साथियों बिहार के चुनाव नतीजे हिंदुस्तान की राजनीति के अत्यंत महत्वपूर्ण नतीजे हैं। और मैंने कल भी कहा था कि लोकसभा के चुनाव के बाद जितने राज्यों में चुनाव हुए सब जगह पर उनकी हालत खराब है। पांच या छह राज्यों में चुनाव हुए उन सबके कुल मिला के कांग्रेस को जो एमएलए मिले हैं उससे ज्यादा कल हमें अकेले बिहार में मिले। ये हाल है। लेकिन साथियों हर विजय हमारे लिए जिम्मेवारी लेकर के आता है। हर विजय हमें कुछ ज्यादा देश के लिए करने की प्रेरणा देता है। हर विजय जन सामान्य के साथ जुड़ने की हमें प्रेरणा देता है। इस मंत्र को लेकर के हमें चलना है। आज जनजातीय गौरव दिवस है। भगवान बरसा मुंडा की 150 वर्ष हुए हैं। आज उनकी जन्म जयंती है। हम सबके लिए यह जनजातीय गौरव दिवस भी उतना ही महत्वपूर्ण है। आज जो शानदार कार्यक्रम डेडियापाड़ा में मुझे करने का अवसर मिला। इस महत्वपूर्ण अवसर में उसको भागीदार होने का मुझे अवसर मिला। और अभी सूरत के लोगों के दर्शन करने का अवसर मिला। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है।

मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। वंदे मातरम। वंदे मातरम। वंदे मातरम। वंदे मातरम। वंदे मातरम। वंदे मातरम।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Prime Minister expresses gratitude to the Armed Forces on Armed Forces Flag Day
December 07, 2025

The Prime Minister today conveyed his deepest gratitude to the brave men and women of the Armed Forces on the occasion of Armed Forces Flag Day.

He said that the discipline, resolve and indomitable spirit of the Armed Forces personnel protect the nation and strengthen its people. Their commitment, he noted, stands as a shining example of duty, discipline and devotion to the nation.

The Prime Minister also urged everyone to contribute to the Armed Forces Flag Day Fund in honour of the valour and service of the Armed Forces.

The Prime Minister wrote on X;

“On Armed Forces Flag Day, we express our deepest gratitude to the brave men and women who protect our nation with unwavering courage. Their discipline, resolve and spirit shield our people and strengthen our nation. Their commitment stands as a powerful example of duty, discipline and devotion to our nation. Let us also contribute to the Armed Forces Flag Day fund.”