PM Modi says the people of Tripura has set a precedent for the entire country by ousting the Left Front government after 25 years
Congress and the Left are working together to oust Modi: PM Modi in Tripura
Congress releases their manifesto, their 'dhakosla patra', not even once 'dhakosla patra' mentions middle class, such hatred towards middle class: PM
Middle class made Modi win and that's why opposition is adamant on punishing them: PM Modi in Tripura
Tripura government is directly procuring from the farmers, benefiting the people: Pm Modi
We have destroyed the ecosystem of corruption comprising of middlemen: PM Modi in Tripura
On Left parties, PM Modi says, they consider their "party's constitution bigger than that of the country's

भारत माता की जय भारत माता की जय...

मां त्रिपुरा सुंदरी, माता बारी के चरणों में कोटि कोटि नमन... त्रिपुरा के विकास और सांस्कृतिक के समर्पित महाराजा वीर विक्रम किशोर माणिक्य जी और पदम् भूषण थंगा डोरलांग जैसे महान विभूतियों को मैं नमन करता हूं। भाइयो बहनो, मुझे आने में थोड़ा विलंब हुआ, मै इसके लिए आपसे क्षमा मांगता हूं। रास्ते में मां त्रिपुरा सुंदरी के चरणों में वंदन करने चला गया। पूर्जा-अर्चना करने के चला गया और इसके लिए आपको जरा ज्यादा इतंजार करना पड़ा। मैं जब आ रहा था तो मैं सोच रहा था कि सभा में कोई होगा कि नहीं होगा। क्योंकि हेलीपैड से लेकर के यहां तक करीब-करीब आठ किलोमीटर दोनों तरफ ह्यूमन चेन नहीं, ह्यूमन बॉल था। ऐसी भीड़ थी रास्ते में कि मुझे लगता था कि इतने छोटे से स्थान पर अब मैदान में कोई होगा कि नहीं होगा। लेकिन आपने तो कमाल कर दिया। मैं त्रिपुरा में अनेक बार आया हूं। लेकिन ऐसा नजारा मैं पहली बार देख रहा हूं। जहां-जहां मेरी नजर पहुंच रही है लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। भाइयो और बहनो, त्रिपुरा आज देश भर में परिवर्तन का सबसे बड़ा प्रतीक बन चुका है। पिछले वर्ष जिस तरह आप सभी ने अराजकता, अक्षमता, भ्रष्टाचार को बढ़ाने वाली और विकास विरोधी लेफ्ट फ्रंट की सरकार को उखाड़ फेंका है। वो एक मिसाल बन गया है। वाकई त्रिपुरा की जनता से बहुत कुछ सिखा जा सकता है। मैं आज देशभर में जाकर कह सकता हूं और विशेष कर बंगाल में जाकर कह रहा हूं कि त्रिपुरा के लोग बुहत ही मैच्योर हैं। बहुत दूरदृष्टि वाले हैं। मैं त्रिपुरा के लोगों से बहुत प्रभावित हूं। जिस तरह यहां के लोगों ने परिवर्तन के लिए अपने राज्य के विकास लिए सिर्फ और सिर्फ भारतीय जनता पार्टी पर भरोसा किया है। यह बहुत सराहनीय है। साथियो, यहां पर वर्षों से ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस वो भी हाथ-पैर मार रही थी। चुनाव लड़ती थी लेकिन कभी भी आपने उसको स्वीकार नहीं किया। आपने लेफ्ट के जुल्म को सहा। लेकिन भारतीय जनता पार्टी बड़ी हो उसका आपने इतंजार किया, और जैसे ही भाइयो-बहनो भारतीय जनता पार्टी में आपको ताकत नजर आई। आपने पूरा त्रिपुरा भारतीय जनता पार्टी को दे दिया। आपने लेफ्ट को निकाल कर के लाल कपरंग वाले TMC को धुसने नहीं दिया और मैं मानता हूं कि ये बहुत बड़ा दीर्घदृष्टि का आपने काम किया है। वरना बंगाल का हाल देखो लेफ्ट गया तो उससे भी बुरा लाल रंग TMC  ने ओड लिया, और तबाही कर दी बंगाल की। भाइयो-बहनो, आप उससे बच गए और इसलिए आपकी दीर्घदृष्टि अभिनंदन के पात्र है। 

भाइयो-बहनो, भारतीय जनता पार्टी ने त्रिपुरा में लेफ्ट की सरकार सिर्फ सरकार या चेहरा नहीं बदला है। बल्कि एक मजबूत विकल्प दिया है। एक मजबूत सरकार दी है। एक नई सोच दी है। सरकार चलाने का एक जीता-जागता संस्कार का हमने उदाहरण पेश किया है। एक ऐसी सरकार दी है जो ईमानदारी से चल रही है। पारदर्शिता के साथ सच रही है। यहां की कानून व्यवस्था सुधार रही है। भाजपा ने त्रिपुरा में दिखाया है कि अगर इच्छाशक्ति हो तो परिवर्तन हो सकता है। देश को पीछे धकलने वाली व्यवस्थाओं को ठीक किया जा सकता है, और मैं तो उस समय जब चुनाव प्रचार में आया हुआ था, त्रिपुरा का बच्चा-बच्चा एक ही बात बोल रहा था कि चलो पलटाए, चलो पलटाए.. चलो पलटाए...आप सभी का ये साथ ये विश्वास ही आज राष्ट्रहित में जनहित में ये चौकीदार आपके आशीर्वाद के कारण कड़े और बड़े फैसले ले पा रहा है। चाहे गरीबी और बीमारी से लड़ाई हो, चाहे भ्रष्टाचार से लड़ाई हो, या फिर देश के दुश्मनों को सबक सिखाने की बात ये चौकीदार आपके भरोसे पर खड़ा है। जरा मैं आपसे पूछना चाहता हूं, जवाब दोंगे...? जवाब दोंगे ?  हिंदी सममझ पाते हो ना। आप बताइए आप ये चौकीदार से खुश हैं? सबके सब खुश हैं? पूरी तरह खुश हैं? चौकीदार को अपना काम ऐसी करना चाहिए क्या...?  पूरी ताकत से करना चाहिए क्या? भ्रष्टाचारियों और गरीब को लूटने वालों को कड़ी सजा देनी चाहिए क्या..? क्या आतंकवादियों को उनके घर में घुसकर मारना चाहिए क्या..? मारना चाहिए ना..? सही कर रहा हूं ना...? देश के दुश्मनों का करारा जवाब देना चाहिए कि नहीं चाहिए? भाइयो बहनो, जिस उमंग और उत्साह के साथ जिस जोश के साथ आप जवाब दे रहे हैं आपके इन्हीं जवाबों का परिणाम है कि आज चौकीदार के विरुद्ध सारे इकट्ठे हो गए हैं। कांग्रेस और लेफ्ट मिलकर मोदी को हटाने में जुटे हैं। फिर चाहे उन्हें वैसे ही बात क्यों ना करनी पड़े जैसी पाकिस्तान बोल रहा है। ये ऐसे महामिलावटी है जो त्रिपुरा और केरल में दिखाने के लिए अलग-अलग हैं। लेकिन दिल्ली में चौकीदार को गाली देने के लिए ये सारे एक-दूसरे के हाथ पकड़कर के खड़े हो जाते हैं। यहां पर कुश्ती करते हैं, और वहां पर दोस्ती करते हैं। ये दिखावे के लिए अलग-अलग दिखते हैं। लेकिन भारत के टुकड़े करने की इच्छा रखने वालों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो जाते हैं। 

साथियो, अगर लेफ्ट की मदद न होती पर्दे के पीछे का कोई खेल न होता तो कांग्रेस के नामदार केरल की तरफ क्यों जाते? भाग-भाग कर केरल क्यों पहुंचे? आखिर पुडुचेरी में भी तो कांग्रेस की सरकार है। साउथ में लड़ना था तो वहां से लड़ सकते थे। अरे कर्नाटक में महामिलावट वाली सरकार है वहां से लड़ सकते थे। अरे आंध्र प्रदेश में यू–टर्न बाबू उनके साथ वो दोस्ती कर के बैठे हुए हैं अरे वहां से लड़ सकते थे। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ अरे वहां चले जाते। लेकिन वो इन राज्यों में नहीं गए। ये ठीक है कि वो पंजाब में नहीं लड़ सकते उनको दिक्कत है पुराने पापों के कारण। एक तो कैप्टन साहब की अलग धारा और दूसरी तरफ 84 के सिख दंगे की आंच उन्हें पंजाब में जीतने नहीं देती और इसलिए लेफ्ट के साथ पर्दे के पीछे मिलीभगत करके कांग्रेस के नामदार ने देश की आंख मे धूल झोंकने का काम किया है। साथियो, ये चौकीदार को हटाने मे जुटे हैं, और चौकीदार देश को आगे बढ़ाने में लगा है। आप सभी के आशीर्वाद से विकास की पंचधारा यानी बच्चों की पढ़ाई, युवाओं की कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसानों को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई। ये सुनिश्चित करने के लिए पुरी ईमानदारी से जुटा हूं। दिन-रात जुटा हूं।

भाइयो-बहनो, आपके सहयोग के कारण ही चौकीदार की सरकार उन लोगों और उन इलाकों की सुध ले पाई है। जिनके साथ दशकों तक भेदभाव किया गया। पूर्वी भारत और उत्तर पूर्वी भारत के विकास के लिए जितना किया जाना चाहिए था, उतना पहले की सरकारों ने कोई ध्यान नहीं दिया। चाहे वो त्रिपुरा हो, चाहे मेघालय हो, मिजोरम हो, नागालैंड हो, सिक्किम हो, मणिपुर हो, असम हो, कोई प्रधानमंत्री यदा-कदा ही यहां आता था। अब बदलाव आप साफ देख रहे हैं, ऐसे जनजातीय भाई बहन जिन्हें एक जगह से दूसरे जगह जाते रहना पड़ता है। उनके बारे में अगर किसी ने आज तक नहीं सोचा लेकिन आपका ये चौकीदार आपके सहयोग से पहली बार इनके वेलफेयर बोर्ड बनाने का काम किया है। आदिवासी इलाकों में बच्चों और प्रसूता माताओँ को टिका लगाने की काम में गति भी हमारी सरकार लाई है। बेटी पढ़ाओ- बेटी बढ़ाओ, बेटियों के लिए स्कूल में अलग शौचालय, बहनों के लिए घर-घर में शौचालय, बेटियों की तस्करी रोकने के लिए सख्त कानून और बलात्कार, रेप जैसे केस में फांसी तक की सजा भी ये चौकीदार ने सुनिश्चित की है। साथियो, कांग्रेस हो, टीएमसी हो, गरीब का कल्याण इनकी प्राथमिकता में कभी नहीं रहा। लेफ्ट पार्टियां जिस विचारधारा का ढोंग दिखाती है। इनका तो नंबर वन एजेंडा होना चाहिए था। गरीब श्रमिकों की भलाई, देश के असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों की भलाई। इतने समय में लेफ्ट केंद्र में कांग्रेस की भागीदार रही है। बंगाल में उसने इतने समय तक सरकार चलाई। त्रिपुरा में लंबे समय तक राज किया। केरल में बार-बार राज करने का अवसर मिला। लेकिन लेफ्ट ने कभी असंगठित क्षेत्र के मेरे मजदूर भाइयो-बहनो की कभी चिंता नहीं की। अब आपके चौकीदार की सरकार ने असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले ऐसे 40 करोड़ से अधिक साथियों को साठ वर्ष की आयु के बाद तीन हजार रुपये की नियनमित पेशन वाली योजना शुरू कर दी है, और मैं मुख्यमंत्री जी को उपमुख्यमंत्रत्री जी को उनके सभी साथियों को बधाई देता हूं कि योजना को अभी ज्यादा समय नहीं हुआ लेकिन इतने कम समय में त्रिपुरा में 13 हजार से ज्यादा हमारे ऐसे श्रमिक इस योजना के साथ जुड़ चुके हैं। साथियो, लेफ्ट पार्टियों के लिए अपनी पार्टी का संविधान देश के संविधान से कहीं ज्यादा बड़ा होता है। ये तनाशाही रवैये के चलते लोगों से और जमीन से कटते जा रहे हैं। जिन पार्टियों के पास कभी दर्जनों सांसद, कई मुख्यमंत्री, और सैकड़ों विधायक होते थे। आज वो वामदल हांफ रहा है हांफ रहा है। जमीन की राजनीति करने वाले उनके नेता अब जमीन पर नहीं बल्कि टेलीविजन स्टूडियो में ज्यादा नजर आते हैं। देश को दिशा देने की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले वामपंथ के ये नेता आज चुनाव ही नहीं लड़ रहे। दरअसल उन्हें देश को दिशा नहीं देनी होती बल्कि अपनी दशा ठीक करनी होती है, और इसलिए वामदल जब सत्ता में होते हैं तो राजनीतिक हिंसा और बदले की हर सीमा लांघ जाते हैं। कांग्रेस, वामदल और उनके सहयोगियों के नीतियों के आप भी गवाह रहे हैं। उनकी ज्यादातर नीतियां अपने स्वार्थ के लिए है। लोगों का जीवन आसान बनाने के लिए नहीं है।

साथियो, अब ये पार्टियां मध्यम वर्ग पर बहुत बड़ा बोझ डालने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस समेत कुछ दल कहने लगे हैं कि मध्यम वर्ग पर और ज्यादा टैक्स लगाना चाहिए। मैं इनसे पूछना चाहता हूं क्या ये देश को उस लाइसेंस राज की तरफ ले जाना चाहते हैं। जहां लोगों की आय पर 70- 80 प्रतिशत टैक्स लगा करता था। क्या ये भारत को ऐसा देश बनाना चाहते हैं जहां का मीडिल क्लास बर्बाद हो जाए? साथियो, चौकीदार पहरेदारी करते समय जागते रहो भी साथ-साथ कहता चलता है। मैं भी आपको जागरुक कर रहा हूं। मैं त्रिपुरा समेत पूरे देश के लोगों को कहना चाहता हूं कि ये मध्यम वर्ग का विरोध करने वालों से भी सावधान रहिए। आप हैरान हो जाएंगे कि ये कांग्रेस पार्टी ने अभी तीन दिन पहले मैनिफेस्टो निकाला, ढकोसला पत्र घोषित किया। 50-60 पेज का उनका ढकोसला पत्र है। 50-60 पेज के इस ढकोसला पत्र में एक बार भी एक बार भी मीडिल क्लास, मध्यम वर्ग ये शब्द नहीं है। मध्यम वर्ग के प्रति इतनी नफरत, इतना गुस्सा, उनको लग रहा है कि मध्यम वर्ग ने मोदी को जीता दिया है, और इसलिए अब ये मध्यम वर्ग को सजा देने पर तुले हैं। भाइयो-बहनो, मध्यम वर्ग ईमानदार होता है, मध्यम वर्ग कानून का पालन करता है। मध्यम वर्ग का मानवी छोटे-मोटे हर टैक्स भरता है। अगर उसी को खत्म कर दोगे तो देश का भला कैसे होगा। मैं समझ नहीं पाता हूं। भाइयो और बहनो, उनके लिए सत्ता पैसा कमाने का माध्यम है हमारे लिए सत्ता सेवा का माध्यम है। त्रिपुरा में बीजेपी का कमल छाप डबल इंजन लगने के बाद, राज्य में भी बीजेपी सरकार बनने के बाद आज त्रिपुरा में गरीबों को पक्के घर मिल रहे हैं। गरीब बहनों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जा रहा है। आयुष्मान भारत के तहत लाखों परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही है। भाइयो-बहनो, देश के किसानों के नाम पर क्या-क्या वादें, क्या-क्या बातें नहीं की गई लेकिन किसान के बैंक खाते में सीधी मदद पहुंचे ये पहले किसी ने भी सोचा नहीं था। त्रिपुरा के लगभग साढ़े पांच लाख छोटे किसान परिवारों के बैंक खाते में हर वर्ष साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये से अधिक जमा होने की दिशा में हमने निर्णय किया है। ये व्यवस्था भी चौकीदार ने की और पैसे जमा होना शुरू हो गया। डेढ़ लाख से अधिक किसान परिवार के खातों में पहली किस्त तो पहुंच भी चुकी है। यहां त्रिपुरा की हमारी सरकार ने पहली बार किसानों से सीधे खरीदारी का काम शुरू किया है। जिससे आप सभी को बहुत लाभ हो रहा है। बिचौलियों, कमीशन खोरों, फर्जी लोगों का जो नेटवर्क लेफ्ट के राज में था उसकों ध्वस्त कर दिया है। साथियो, मुझे याद है कि मैंने विधानसभा चुनाव से पहले त्रिपुरा को HIRA एचआईआरए देने का वादा किया था। याद है न... याद है कि नहीं है, Hira देने का वादा किया था। उस दिशा में बीते एक वर्ष में बहुत काम हुए हैं। त्रिपुरा को ब्रॉडगेज रेल लाइन का काम लंबे समय से लटका था। इसको पूरा हमारी सरकार ने किया है। अगरतला से बेलोनिया तक रेल लाइन का विस्तार हो, राजधानी एक्सप्रेस हो, त्रिपुरा सुंदरी एक्सपेस हो, देवघर एक्सप्रेस हो, आज त्रिपुरा देश के बड़े शहरों से सीधा जुड़ रहा है। गांव-गांव में सड़कों और नेशनल हाईवे का काम चल रहा है। अगरतला के महाराजा वीर विक्रम एयरपोर्ट को अंतरराष्‍ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है। त्रिपुरा से बांग्लादेश की राजधानी को जोड़ने के लिए फेनी नदी पर पुल बनाने की भी स्वीकृति हमने दे दी है। नदी, जलमार्ग के माध्यम से त्रिपुरा को दूसरे राज्यों और पड़ोसी देशों से जोड़ने का काम भी चल रहा है। सौभाग्य योजना के तहत त्रिपुरा के करीब-करीब हर परिवार तक हम बिजली उनके घर तक पहुंचा दिए हैं।

साथियो, नए भारत के नए त्रिपुरा के सपने और आकाक्षाएं बड़ी है।  आंकाक्षाओं और देश के सपने को सम्मान तभी मिल सकता है जब देश के संसाधनों पर सभी का सम्मान अधिकार हो, देश में रहने वाले हर वर्ग हर कोने को आगे बढ़ाने के समान अवसर मिले। साथियो त्रिपुरा में सरकार को अभी लंबा समय नहीं हुआ है लेकिन परिवर्तन दिख रहा है। आज कानून व्यवस्था नियत्रंण में है। सड़क पर बिना भय चलना आसान हुआ है। वसूली गिरोह का डर खत्म हुआ है। इतना ही नहीं अब आप निश्चिंत होकर अपने आराध्य की पूजा भी कर सकते हैं। एक वर्ष के भीतर ही यहां की हमारी सरकार ने कर्माचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ देने का प्रयास किया है। जो टीचर्स हैं उनकी समस्याओं को पूरी संवेदना के साथ सुलझाने के लिए प्रयासरत है। जनजातियों के लिए भी हमारी सरकार बहुत ही संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। त्रिपुरा ट्राइबल एरिया ऑटोनोमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल जो लंबे समय से अधिक अधिकार की मांग कर रही थी, उसको पूरा कर लिया गया है। इससे अब विकास कार्यों में, फंडिग में, कांउसिल की सख्तियां बढ़ी है। इतना ही नहीं इस बार केंद्र सरकार ने जो बजट पेश किया है। उसमें जनजातीय कल्याण के लिए लगभग 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। भाइयो-बहनो, जब इस क्षेत्र में हर तरह की मूल सुविधाएं अच्छी होगी, तब यहां पर टूरिज्म बढेगा, उद्यम लगेंगे, और युवा साथियों को रोजगार संभव होगा। ये तभी संभव होगा जब आप सभी दिल्ली और त्रिपुरा में विकास के डबल इंजन को मजबूत करेंगे। ये कमल छाप डबल इंजन सारी स्थिती बदल सकता है। मुझे उम्मीद है कि 2019 के इन चुनावों में आप कमल के फूल के सामने बटन दबाकर हमारे इन दोनों साथियों को अपने इस चौकीदार को और सशक्त करेंगे। देश में एक मजबूत और पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाने में आपका योगदान होगा। भाइयो-बहनो इसी विश्वास के साथ आप सभी का दूर-दूर से आकर हम सबको आशीर्वाद देने के लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं और मैं आपको बताऊं, जब आप कमल के फूल पर बटन दबाएंगे तो आपका वोट सीधा सीधा मोदी के खाते में जाने वाला है। भाइयो-बहनो.. आप मेरे साथ एक नारा बोलेंगे। नारा बोलेंगे... पूरी ताकत से बोलेंगे... मैं कहूंगा मैं भी.. आप बोलेंगे चौकीदार,,, मैं भी...चौकीदार, मैं भी... चौकीदार, मैं भी... चौकीदार, गांव गांव है.. चौकीदार, गांव गांव है.. चौकीदार, शहर-शहर है... चौकीदार, शहर शहर है.... चौकीदार, बच्चा बच्चा...चौकीदार, बड़े-बुजुर्ग भी... चौकीदार, माता-बहनें... चौकीदार, घर घर में है... चौकीदार, खेत खलिहान में... चौकीदार, बाग- बगान में... चौकीदार, देश के भीतर... चौकीदार, सरहद पर भी... चौकीदार, किसान-कामगार भी... चौकीदार, दुकानदार भी... चौकीदार, वकील-व्यापारी... चौकीदार, छात्र-छात्राएं भी.... चौकीदार, भाइयो-बहनो... पूरा हिंदुस्तान चौकीदार है। भारत माता की जय भारत माता की जय... बहुत बहुत धन्यवाद...

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Cabinet approves three new corridors as part of Delhi Metro’s Phase V (A) Project
December 24, 2025

The Union Cabinet chaired by the Prime Minister, Shri Narendra Modi has approved three new corridors - 1. R.K Ashram Marg to Indraprastha (9.913 Kms), 2. Aerocity to IGD Airport T-1 (2.263 kms) 3. Tughlakabad to Kalindi Kunj (3.9 kms) as part of Delhi Metro’s Phase – V(A) project consisting of 16.076 kms which will further enhance connectivity within the national capital. Total project cost of Delhi Metro’s Phase – V(A) project is Rs.12014.91 crore, which will be sourced from Government of India, Government of Delhi, and international funding agencies.

The Central Vista corridor will provide connectivity to all the Kartavya Bhawans thereby providing door step connectivity to the office goers and visitors in this area. With this connectivity around 60,000 office goers and 2 lakh visitors will get benefitted on daily basis. These corridors will further reduce pollution and usage of fossil fuels enhancing ease of living.

Details:

The RK Ashram Marg – Indraprastha section will be an extension of the Botanical Garden-R.K. Ashram Marg corridor. It will provide Metro connectivity to the Central Vista area, which is currently under redevelopment. The Aerocity – IGD Airport Terminal 1 and Tughlakabad – Kalindi Kunj sections will be an extension of the Aerocity-Tughlakabad corridor and will boost connectivity of the airport with the southern parts of the national capital in areas such as Tughlakabad, Saket, Kalindi Kunj etc. These extensions will comprise of 13 stations. Out of these 10 stations will be underground and 03 stations will be elevated.

After completion, the corridor-1 namely R.K Ashram Marg to Indraprastha (9.913 Kms), will improve the connectivity of West, North and old Delhi with Central Delhi and the other two corridors namely Aerocity to IGD Airport T-1 (2.263 kms) and Tughlakabad to Kalindi Kunj (3.9 kms) corridors will connect south Delhi with the domestic Airport Terminal-1 via Saket, Chattarpur etc which will tremendously boost connectivity within National Capital.

These metro extensions of the Phase – V (A) project will expand the reach of Delhi Metro network in Central Delhi and Domestic Airport thereby further boosting the economy. These extensions of the Magenta Line and Golden Line will reduce congestion on the roads; thus, will help in reducing the pollution caused by motor vehicles.

The stations, which shall come up on the RK Ashram Marg - Indraprastha section are: R.K Ashram Marg, Shivaji Stadium, Central Secretariat, Kartavya Bhawan, India Gate, War Memorial - High Court, Baroda House, Bharat Mandapam, and Indraprastha.

The stations on the Tughlakabad – Kalindi Kunj section will be Sarita Vihar Depot, Madanpur Khadar, and Kalindi Kunj, while the Aerocity station will be connected further with the IGD T-1 station.

Construction of Phase-IV consisting of 111 km and 83 stations are underway, and as of today, about 80.43% of civil construction of Phase-IV (3 Priority) corridors has been completed. The Phase-IV (3 Priority) corridors are likely to be completed in stages by December 2026.

Today, the Delhi Metro caters to an average of 65 lakh passenger journeys per day. The maximum passenger journey recorded so far is 81.87 lakh on August 08, 2025. Delhi Metro has become the lifeline of the city by setting the epitome of excellence in the core parameters of MRTS, i.e. punctuality, reliability, and safety.

A total of 12 metro lines of about 395 km with 289 stations are being operated by DMRC in Delhi and NCR at present. Today, Delhi Metro has the largest Metro network in India and is also one of the largest Metros in the world.