This decade belongs to Uttarakhand: PM Modi

Published By : Admin | February 11, 2022 | 12:05 IST
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This decade belongs to Uttarakhand, don't let this opportunity pass. Recently, projects worth Rs 17,000 crores were inaugurated in the state: PM Modi
In this Budget, we've proposed Parvatmala Scheme to build ropeways for hilly areas. We'll build modern roadways & transport infrastructure in Uttarakhand: PM Modi
PM Modi says UP Polls Phase 1 show 'BJP will break all records'

नमस्कार।

देवभूमि के देवतुल्य भाइयो और बहनो

मैं देख रहा हूं कि आम सभा हमारी कभी-कभी होती है, लेकिन आज मैं देख रहा हूं चार मंजिला आम सभा है। शायद कोई कोना ऐसा नहीं है कि जहां अल्मोड़ा और इस पूरे क्षेत्र के भाई-बहन हम सबको आशीर्वाद देने न आए हों। ये अद्भुत नजारा, मैं आपको फिर से एक बार प्रणाम करता हूं। कुमाउं के साथ तो मेरी कितनी ही यादें जुड़ी हैं। मैं रामेश्वर महादेव और ग्वल देवता समेत, इस पुण्य क्षेत्र में विराजमान सभी देवी देवताओं के चरणों में प्रणाम करता हूँ। देवभूमि उत्तराखंड का मानस खंड में रुनी म्यर आँम, बड़बाज्यू, दाद, दीदी, बैनी, भूली न क नमस्कार। मैं अल्मोड़ा, चंपावत, बागेश्वर और पिथौरागढ़ के सभी मतदाता साथियों का भी अभिनंदन करता हूँ।

साथियो,

इस चुनाव के दौरान, इलेक्शन कमीशन की कुछ मर्यादाओं के कारण मैं रूबरू जाकर के मतदाताओं के दर्शन नहीं कर पाया था, लेकिन जब इलेक्शन कमीशन ने कुछ रिलेक्सेशन घोषित किया तो कल पहली बार मुझे रूबरू में जाकर के मतदाताओं का दर्शन करने का सौभाग्य मिला और मैं एक ही दिन में तीन राज्य उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दूर गोवा तक दौरा करके फिर आज अल्मोड़ा आया हूं।  और मैंने कल जो तीन राज्यों में माहौल देखा है, जो उत्साह देखा है। भाजपा के प्रति जो प्यार देखा है, ये अभूतपूर्व था, अभूतपूर्व। और मैं देख रहा हूं कि मतदाता कभी अच्छे कामों को भूलते नहीं हैं। अच्छे इरादों को भूलते नहीं हैं और कभी भी नेक नीयत वालों का साथ छोड़ते नहीं हैं, ये मैंने कल देखा है। जो दृश्य मैंने देखा है, इससे साफ है इस चुनाव तो भाजपा से ज्यादा जनता-जनार्दन लड़ रही है। भाजपा को दोबारा बिठाने के लिए मेरी माताओं-बहनों ने कमर कसी हुई है। मेरे नव-जवानों ने कमर कसी हुई है। मेरे छोटे-छोटे किसान मैदान में उतरे हैं। जनता खुद जुट गई है। उत्तर प्रदेश में कल पहले चरण के मतदान में भी भाजपा के लिए जबरदस्त उत्साह का वातावरण रहा। कल का मतदान लोगों के उत्साह, लोगों की एकजुटता मैं उत्तर प्रदेश का कल का जो मतदान हुआ है, मैं कहता हूं भारतीय जनता पार्टी पुराने सारे रेकार्ड तोड़कर जीतने वाली है वहां। और मैं जो लोग निराशा फैलाने में लगे रहते हैं, जिनको भारतीय जनता पार्टी की कोई भी चीज अच्छी नहीं लगती है। उनको भी कहता हूं कि अगर उत्तराखंड के संबंध में भी आपके मन में कोई आशंका है तो मेरे अल्मोड़ा में आकर के देखिए जरा। दूर-दूर ऊपर पहाड़ियों की चोटियों पर मैं चारों तरफ ये जन-सागर देख रहा हूं। जन सैलाब देख रहा हूं, यही दिखाता है कि फिर एक बार, भाजपा सरकार। फिर एक बार...फिर एक बार...फिर एक बार...जिन लोगों को उत्तराखंड की जनता का निर्णय देखना हो, वो इस जनसैलाब को देखकर समझ सकते हैं। विपरीत मौसम में भी ये माहौल, विपरीत परिस्थितियों में भी ये माहौल, यही अपने आपमें विजय का संदेश दे रहा है। उत्तराखंड के लोग ये बात जानते हैं कि भाजपा सरकार ही इस दशक को, इस दशक को उत्तराखंड का उज्ज्वल दशक बना सकती है।  इसलिए एक बार फिर डबल इंजन की सरकार, उत्तराखंड में आना तय है।

साथियो,

भाजपा का संकल्प है, जितनी ऊंचाई हमारे पहाड़ों की है, उतनी ही ऊंचाई तक हमें उत्तराखंड के विकास को, उत्तराखंड की समृद्धि को भी लेके जाना है। पिछले पांच साल में डबल इंजन की सरकार पूरी ईमानदारी से, पूरी ताकत से, पूरे समर्पण भाव से एक ही निष्ठा से आपकी सेवा में लगी हुई है। अब उत्तराखंड विकास के शिखर की तरफ बढ़ चला है। उत्तराखंड को एक नई पहचान मिल रही है। भारतीय जनता पार्टी ने भी अपना जो संकल्प पत्र जारी किया है वो भी विकास की नई ऊर्जा से भरा हुआ है।

साथियो,

विकास तभी होता है जब बिना भेदभाव के काम किया जाए! इसीलिए, आज हमारी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ का इस संकल्प लेकर काम कर रही है। लेकिन हमारा विरोध करने वाले, उनका फॉर्मूला क्या है, हमारे विरोधियों का इतिहास क्या है। हमारे विरोधियों के करतूत क्या हैं। हमारे विरोधियों के कारनामे क्या हैं, हमारे विरोधियों की भाषा क्या है ? आपको बराबर याद है और इसलिए मैं कहूंगा कि हमारे विरोधियों की फॉर्मूला इतनी ही है- ‘सबमें डालो फूट, सबमें डालो फूट मिलकर करो लूट’! सबमें डालो....मिलकर करो...सबमें डालो....मिलकर करो....उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश में कांग्रेस की नीति रही है- सबमें डालो फूट, मिलकर करो लूट’! ये देश में जात-पात, मत-मजहब, भाषा-राज्य के नाम पर फूट डालते हैं, और राज्यों में जाकर के इलाकों में, क्षेत्रों में नाम पर फूट डालते हैं। पहाड़ी हैं, तराई हैं। इस इलाके के हैं, उस इलाके हैं। उत्तराखंड से ज्यादा इस साजिश का शिकार और कौन हुआ होगा? इन्होंने हमेशा कुमाऊँ और गढ़वाल की लड़ाई करवाने की कोशिश की, ताकि ये दोनों जगहों को लूट सकें। जबकि डबल इंजन की सरकार ने दोनों जगह के लिए डबल काम करने की कोशिश की है। चाहे तराई का क्षेत्र हो, चाहे पहाड़ी क्षेत्र हो, चाहे कुमाऊं हो, चाहे गढ़वाल हो। हमारे लिए तो पूरा उत्तराखंड देवभूमि है। यहां का एक-एक बच्चा हमारे लिए देवतुल्य है। हमारे यहां की माताएं हमें आशीर्वाद देती रहती हैं। हमने केदारखंड में केदारनाथ को विकास की नई ऊंचाई दी है, तो साथ ही मानसखंड के विकास के लिए भी अपनी पूरी ताकत झोंकी है। अगले पाँच सालों में, ये जो कह रहा हूं ना उत्तराखंड का दशक है ये...मौका जाने मत दीजिए। अगले पांच साल में मानसखंड टूरिज़्म सर्किट डबल इंजन सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहने वाला है। अभी कुछ समय पहले ही मुझे हल्द्वानी में कुमाऊँ के लिए 17 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के विकास कार्यों के शिलान्यास और लोकार्पण का सौभाग्य मिला था। 17 हजार करोड़ रूपये और सिर्फ घोषणा नहीं, जमीन पर उतरने वाली बात मैं बता रहा हूं। ये विकास कार्य पूरे कुमाऊँ क्षेत्र के लिए पर्यटन और रोजगार की असीम संभावनाएं लेकर आएंगे। चार धाम ‘आल वेदर’ रोड प्रोजेक्ट का लाभ टनकपुर-पिथौरागढ़ सेक्शन में भी मिलने वाला है।

साथियों,

आज उत्तराखंड में आपसे वो लोग वोट मांगने आ रहे हैं, जिन्होंने कभी उत्तराखंड के सामर्थ्य पर विश्वास नहीं किया। भारत में हमने दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू किया, पूरे देश ने देखा, उत्तराखंड उन राज्यों में शामिल हुआ, जिसने सबसे पहले शत प्रतिशत पहली डोज का रिकॉर्ड बनाया। और टीके पर टोकाटाकी करने वाले ये लोग क्या कह रहे थे? आपको याद है ना। हम उत्तराखंड के दूर-दूर पहाड़ों में रहने वाले लोगों की जिंदगी बचाने के लिए दिन-रात कर रहे थे, रात और दिन एक कर रहे थे, जबकि हमारे विरोधी लोग क्या कहते थे। कैसे अफवाहें फैलाते थे, कैसी निराशा लेकर घूम रहे थे। ये कहते थे कि पहाड़ों पर एक गांव तक वैक्सीन पहुंच ही नहीं सकती है, हरेक गांव तक पहुंच ही नहीं सकती है। उत्तराखंड पर इतना अविश्वास है इन लोगों का। क्योंकि उन्होंने कभी इनता बड़ा काम किया ही नहीं है। वो सोच ही नहीं सकते, जबकि भाजपा सरकार, उत्तराखंड के लोगों को कोरोना से बचाने के लिए दिन-रात मेहनत करती रही।

हमने हर एक गरीब तक वैक्सीन पहुंचाई, उसकी चिंता की। चाहे बर्फबारी हो, सामने नदी-नाले हों, प्राकृतिक आपदा की घटनाएं हों, सब संकटों को पार करके, सब कठिनाइयों को पार करके हमारे परिश्रमी हेल्थवर्कर्स गांव-गांव तक पहुंचे। ज्यादा से ज्यादा लोगों का जीवन बचे, इसी लक्ष्य के साथ हमने काम किया।

मैं हमारे युवा मुख्यमंत्री को श्रीमान धामी जी को उनकी पूरी सरकार को और उनके सभी कर्मचारियों को आज हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करने आया हूं। उनका धन्यवाद करने आया हूं। उन्होंने उत्तराखंड के नागरिकों की जान बचाने के लिए अपने जीवन की भी परवाह नहीं की। दूर-दूर पहाड़ चढ़कर भी उन्होंने वैक्सीनेशन का काम पूरा किया। ये छोटा काम नहीं है दोस्तो। पहले हमारे देश में एक-एक वैक्सीन को लगाते लगाते 40-40 साल  लग जाते थे। साथियों, यही लोग कहते थे कि पहाडों पर सड़कें बनाना आसान नहीं है। इसलिए यहां तो ऐसे ही चलना पड़ता है। लेकिन आज उत्तराखंड में चारों धामों को जोड़ने के लिए ऑल वेदर रोड का काम चल रहा है जहां पर यह सड़क को मुश्किल बताते थे, वहां आज पहाड़ों पर, पहाड़ों पर रेल भी पहुंच रही है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग परियोजना का काम तो चल ही रहा है। टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का सपना भी आने वाले समय में जरूर साकार होगा और हम ही पूरा करेंगे। इस परियोजना के बारे में सबसे पहले अंग्रेजों के समय में सोचा गया था, सोचिए जब देश गुलाम था ना तब इसकी चर्चा हुई थी, लेकिन अंग्रेजों ने भी कुछ नहीं किया बातें की, कांग्रेस ने भी कुछ नहीं किया बातें की, लेकिन हमने तय किया है कि इन सपनों को हम साकार करते रहेंगे। बस आपके आशीर्वाद चाहिए, उत्तराखंड के आशीर्वाद चाहिए।  अब बीजेपी सरकार कुमाऊं क्षेत्र के लिए महत्वूपूर्ण इस रेल परियोजना पर काम कर रही है। इसी तरह दिल्ली आने जाने के लिए अब देहरादून दिल्ली एक्सप्रेस वे बनने जा रहा है। इससे यात्रा का समय भी घटेगा और उत्तराखंड का विकास भी गति पकड़ेगा। ये उत्तराखंड की असली ताकत है और इसीलिए बड़े आत्म विश्वास के साथ कहता हूं और मैं यहां के हर इलाके से परिचित हूं, इस भूमि के साथ मेरा विशेष नाता रहा है, ये आप सब जानते हैं। आपकी ताकत तो मैं जानता हूं। आपके सामर्थ्य को मैं जानता हूं। आपकी नेक-नीयत को मैं जानता हूं। आपके भीतर रगों में जो ईमानदारी है ना, देशभक्ति है ना, उसको मैं भली-भांति जानता हूं। आज इसलिए मैं कहता हूं। इसलिए मैं कहता हूं, ये दशक उत्तराखंड का दशक है।

साथियो

डबल इंजन की सरकार के लिए, मेरे लिए उत्तराखंड का विकास सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। अभी आपने इस बार के बजट को देखा होगा। हमने उत्तराखंड को ही विशेष ध्यान में रखते हुए एक योजना बनाई है- पर्वतमाला परियोजना। हिंदुस्तान में पहली बार पर्वतमाला परियोजना की कल्पना आई है किसी को और योजना बनकर आज आपके सामने आई है। वरना उनको को लगता था कि पहाड़ों के वोट कहां होते हैं, एक-आध दो एमपी होते हैं, छोड़ो यार क्या जरूरत है। यही किया उन्होंने। हम, हम कितने एमपी हैं, कितने एमपी नहीं हैं, इसके आधार पर नहीं चलते हैं, हमें तो एक नागरिक भी होगा ना तो उसकी भी चिंता करना, हम हमारा कर्तव्य मानते हैं। इस योजना के तहत पहाड़ों पर आधुनिक कनेक्टिविटी और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार किया जाएगा। आधुनिक सड़कों और पुलों के साथ-साथ आने-जाने के लिए रोप वे भी बनाए जाएंगे। इसका लाभ उत्तराखंड के स्थानीय लोगों को तो होगा ही, साथ ही इससे देश की सुरक्षा में डटे सेना के हमारे जवानों को भी सुविधा बढ़ेगी। सीमा से सटे गाँवों के विकास के लिए, ये सरहदी राज्य है, यहां का हर परिवार देश के लिए, हिंदुस्तान में जिस कोने में जरूरत पड़े, जाकर के अपना पसीना बहाता है। अपना खून बहाता हैमातृभूमि के लिए जिंदगी लगा देता है। लेकिन उसके सीमावर्ती गांव जो हैं, सीमावर्ती तहसील है, सीमावर्ती जिले हैं, उसको अनदेखा किया गया। हमने योजना बनाई है और ये सिर्फ में घोषणा नहीं कर रहा हूं, इस बार के बजट में लोकसभा के अंदर इसका दस्तावेज रखा गया है, बजट के अंदर कहा गया है। और हमारे अजय टमटा जी के सूचन और सलाह पर इस बात को हमने लागू किया है। हमने अजय टमटा जी जैसे हमारे इन सीमावर्ती जैसे क्षेत्रों के नेता हैं, उन्होंने बहुत विस्तार से इस बात को मुझे समझाया और उसी का परिणाम है कि आज हम इस योजना को लेकर आए हैं। हमारे सभी सीमा पर रहने वाले, पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले एमपी कितनी बारिकी से सोचते हैं, इसका यह उदाहरण है। इन सीमावर्ती गांवों के लिए  हमने वायव्रेंट विलेज ये योजना बनाई है। सीमा के आखिरी गांव तक रास्ते कैसे जाएं, सीमा के आखिरी गांव तक पानी कैसे पहुंचे, सीमा के आखिरी गांव तक बिजली कैसे पहुंचे, सीमा के आखिरी गांव तक ऑप्टीकल फाइबर नेटवर्क कैसे पहुंचे। वहां मोबाइल टॉवर कैसे पहुंचे, टीवी हमारा कैसे चले. ये सारी चीजें और साथ-साथ वहां रोजगार कैसे बढ़े। मैं पहले कहता था कि हमने 70 साल तक देखा है, पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के पहाड़ को काम नहीं आती है, मुझे इसको उलट कर देना है, पहाड़ का पानी भी पहाड़ के काम आएगा। पहाड़ की जवानी भी पहाड़ के काम आएगी। उत्तराखंड का भला करेगी और इसके लिए हमने विशेष अभियान चलाया है। इतना ही नहीं हमने बार्डर के जो डिस्ट्रिक्ट हैं, वहां एनसीसी स्कूलों में चालू करने का निर्णय किया है। इसके कारण हमारे नव जवानों की स्पेशल ट्रेनिंग होगी। अपनी करियर के लिए काम आएगा। इतना ही नहीं आज हमारे देश में बहुत कम मात्रा में सैनिक स्कूल हैं। बहुत कम मात्रा में सैनिक स्कूल हैं। हमारे युवा नौजवान, पढ़े-लिखे नौजवान ऊंचे पदों पर जाने की क्षमता रखते हैं, उनको तैयार करने के लिए सैकड़ों, सैकड़ों नए सैनिक स्कूल बनाने का भी हमने निर्णय किया है, वो हमारे देश के जवानों के लिए, देश के नौजवानों के लिए कितना बड़ा काम होने वाला है। और इन सब कामों के कारण गांवों से जो पलायन होता है। सीमा के जो गांव खाली हो जा रहे हैं, उसको रोकने में, उसको वायवल बनाने में टूरिस्टों की वहां आना जाना शुरू करने में हम आगे बढ़ने वाले हैं।

साथियों,

कुमाऊँ को तो वैसे भी मंदिरों का स्थान कहते हैं। यहाँ की खूबसूरती, यहाँ की प्राकृतिक आभा किसी दैवीय आशीर्वाद से कम नहीं है। अल्मोड़ा का कटारमल सूर्य मंदिर ही लीजिये! अगर इस पर ध्यान दिया गया होता, ओडिशा के कोणार्क सूर्य मंदिर की तरह यहाँ भी देश-विदेश से पर्यटक आते, हमने कटारमल सूर्यमंदिर को उसकी पहचान देने का संकल्प लिया है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत हमारी सरकार कटारमल में काफी कार्य कर चुकी है। 10 मार्च को डबल इंजन की सरकार बनने के बाद इन कार्यों का और विस्तार किया जाएगा। यहाँ सुविधा होगी, विकास होगा, तो देश दुनिया से पर्यटक यहाँ आएंगे। इसी कारण, आपकी राज्य सरकार, धामी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी होम स्टे योजना उसको बहुत बढ़ावा दे रही है। और मुझे कुछ समय पहले वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से, ये जो होम स्टे चलाने वाले परिवार हैं, उन परिवारों से मुझे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात करने का मौका मिला था और मैंने देखा कि कितना बड़ा सामर्थ्य है उनके अंदर आया। कैसे होम स्टे की ताकत वो समझते हैं और कैसे अपने छोटे से घर में भी उन्होंने यात्रियों के लिए होम स्टे का पूरा व्यवस्था करके एक नया आर्थिक क्षेत्र खोल दिया है। होम  स्टे पर्यटन और रोजगार के क्षेत्र में उभरता हुआ व्यवसाय है और ये होम स्टे में सबसे ज्यादा सम्मान, सबसे ज्यादा कौशल्य हमारी माताओं-बहनों का लगने वाला है। आप कल्पना कर सकते हैं कि हमारी माताएं-बहनें पहाड़ों में बहुत काम करती हैं। पहाड़ों में माताएं-बहने जो काम करती हैं ना वो शहर की महिलाओं को पता भी नहीं है, कितनी मेहनत करती हैं हमारी माताएं।  10 मार्च के बाद धामी जी की सरकार यहां के पर्यटन को बढ़ाने के लिए और तेजी से काम करेगी। कुमाऊँ महान खोजकर्ता पंडित नैन सिंह और पंडित किशन सिंह की धरती है। उनकी विरासत को भी पूरे सम्मान के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। 

साथियों,

उत्तराखंड के लिए ये एक तरह से इस चुनाव का एक और महत्व है। आपको तय करना है इतने सालों तक उत्तराखंड के नौजवानों में यही चर्चा होती थी जाएं तो कहां जाएं? किस राज्य में जाएंगे तो वहां ठीक से बस पाएंगे। किस राज्य में जाएंगे तो कही रोजी रोटी मिल जाएगी।यानि 70 साल तक पुरानी सरकारों के जमाने में जब उत्तर प्रदेश के हिस्सा थे तब भी अलग उत्तराखंड बना तब भी। पलायन यही एक मुख्य मुद्दा रहा है। पलायन पलायन पलायन… ये चुनाव पलायन को पलटने वाला पर्यटन को बढ़ाने वाला चुनाव है। आपको तय करना है कि इस चुनाव में पर्यटन को बढ़ावा देने वाले लोग चाहिए कि पलायन को बढ़ावा देने वाले लोग चाहिए। उत्तर प्रदेश के लोग कहेंगे अब पलायन बंद होना चाहिए। पर्यटन होना चाहिए। अब जाएंगे नहीं लोगों को बुलाएंगे यहां का हमारा प्रकृति का दर्शन कराएंगे।  

एक तरफ पुष्कर सिंह धामी जी के युवा नेतृत्व वाली सरकार है, जो पर्यटन, प्रगति, प्रगति, पकृति  और रोजगार के लिए काम कर रही है। दूसरी ओर, वो पुरानी मानसिकता है जिसने दशकों तक उत्तराखंड में पलायन के हालात पैदा किए! यहाँ पर्यावरण को नुकसान पहुंचता रहा, वो लोग पहाड़ों के संसाधनों का शोषण करते रहे! यहाँ गरीबों के पास रहने के लिए घर नहीं थे, पीने को पानी नहीं था, इलाज की सुविधा नहीं थी। मैं यहाँ आता था तो देखता था कि माताओं-बहनों को सर पर बँठों में कितनी-कितनी दूर पानी लाने जाना पड़ता था। मैं सही बोल रहा हूं ना माताएं मौं सही बोल रहा हूं। बंठों को उठा उठा कर के जाना पड़ता था। और साथ में हमारे छोटे बच्चे डब्बे या छोटे से कुप्पे में पानी ढोते थे। ये दिन मैंने देखे हैं, लेकिन काँग्रेस के लोगों को इसकी चिंता नहीं होती थी। उन्हें उत्तराखंड से ज्यादा चिंता दिल्ली के दरबार की रहती थी। काली कमाई होती रहे, दरबार में पहुँचती रही, और दरबार की कृपा आती रहे! और गरीब के साथ क्या होता था? उसे अपना गाँव, अपना घर, अपने यार-दोस्त, अपने रिश्तेदार, अपनी प्रकृति, अपना पहाड़, अपनी खुली जिंदगी सब कुछ छोड़कर के झुग्गी झोपड़ी में शहरों में जाकर के दो टूक रोटी के लिए जिंदगी खपानी पड़ती थी। भाजपा की सरकार आने के बाद, पहली बार पूरी ताकत से स्थिति बदलने के लिए काम हुआ! उनके समय में पहाड़ के जलस्रोत सूखे थे, वो इसका ठीकरा ये प्रकृति पर फोड़ते थे। हम कुमाऊँ की पाइपलाइन के रूप में जामरानी बांध का काम जल्दी ही शुरू करवाने वाले हैं। हम जल-जीवन मिशन के जरिए गाँव-गाँव, घर-घर पानी पहुंचा रहे हैं। उत्तराखंड में 8 लाख घरों को पानी का कनेक्शन दिया जा चुका है। 8 लाख घरों में नल से जल का काम हमने कर लिया है। इस बार के बजट में देश के गाँव-गाँव पानी का कनेक्शन पहुंचाने के लिए मेरी माताएं-बहनें आप मुझे आशीर्वाद देते रहिए। 60 हजार करोड़ रुपया हम खर्च करने वाले हैं। ताकि मेरी माताओं- बहनों को पानी लाने के कष्ट से मुक्ति मिले। और नल चालू करे और घर में पानी आ जाये। माताएं- बहनें मैं आपके लिए काम कर रहा हूं। धामी की सरकार दोबारा बनने के बाद जल्द से जल्द उत्तराखंड के हर घर को नल से जल योजना से जोड़ दिया जाएगा। हमारी किसी भी माँ-बहन को पानी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा, आपका मोदी दा आपका मोदी दा आपको ये विश्वास दे रहा है।

साथियों

पहाड़ के जलस्रोतों को बचाने के लिए, पर्यावरण के लिए भी कई मोर्चों पर काम चल रहा है। कितनी ही पम्पिंग परियोजनाएं दशकों से लटकी पड़ी थीं, जिन्हें 2017 के बाद हमारी राज्य सरकार ने धरातल पर उतारा। इस काम में सरकार की आस्था जुड़ी है। उत्तराखंड में नदियों को बचाने के लिए बसंती देवी जी, बसंती देवी जी ने जो काम किया है, बसंती देवी जी के इस काम को, पूरे हिंदुस्तान को गौरव हो ऐसा काम किया है। और इसलिए इस बार जब पद्म पुरस्कार दिए तो हमारे इस उत्तराखंड की बसंती देवी जी जैसी व्यक्तित्व को हमारी सरकार ने हाल ही में पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। 

भाइयों बहनों,

इस साल केंद्र सरकार ने 80 लाख नए पक्के घर बनाने का लक्ष्य भी तय किया है। उत्तराखंड में जिन गरीबों को पक्के घर मिलने रह गए हैं, हमारा काम चल रहा है, हजारों परिवारों को पक्के घर मिले हैं लेकिन हमें अभी भी काम हमने बंद नहीं किया है, खोज खोजकर के जिसकों भी पक्का घर नहीं मिला है, मुझे उसको भी पक्का घर देना है। और मैंने जो सपना है उसे पूरा करने में मुझे धामी सरकार कंधे से कंधा मिलाकर मदद कर रही है। गरीबों को पक्का घर देने के लिए उत्तराखंड की भाजपा सरकार पूरी तरह मेरी इस योजना को सफल करने के लिए काम में लगी है, इसलिए मैं धामी सरकार का अभिनंदन करता हूं। इसलिए मुझे खुशी है कि ठंड में गुजारा करने वाले हमारे गरीबों को पक्का घर देने का और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का मेरा नसीब हुआ है।

भाईयो और बहनो,

पहले की सरकारों को कुछ भी करते थे तो बदले में क्या मांगते थे कुछ ना कट की मांगते थे, कोई नेता आ जाता था कोई ऐसे ही बिचोलिया आ जाता था। देखो इतने लाख का मकान मिलने वाला है लेकिन 10 हजार मुझे देना पड़ेगा, 15 हजार मुझे देना पड़ेगा तो आपको मकान मिलेगा वो मकान के बदले में क्या मांगते थे...क्या मांगते थे.... क्या मांगते थे - रिश्वत। मैं भी मांग रहा हूं, क्या मांग रहा हूंमुझे सिर्फ आशीर्वाद चाहिए, मुझे सिर्फ आशीर्वाद चाहिए मेरी माताओं-बहनों। मेरे गरीब भाईयों-बहनों, मैं सिर्फ आपके आशीर्वाद के लिए काम कर रहा हूं। मेरे लिए आपके आशीर्वाद काफी है, मुझे उससे ज्यादा आपके आशीर्वाद से ऊपर कुछ नहीं चाहिए। और जब आप कमल पर बटन दबाते हैं ना तो उस आशीर्वाद की ताकत भी बहुत बढ़ जाती है। औऱ आप तो देखिये हमारे यहां कमल है और यहां बह्मकमल है। कमल औऱ ब्रह्मकमल  का नाता देखो और इसीलिए डबल इंजन की सरकार, गरीब का दर्द समझती है, उसकी दिक्कतों को दूर करने के लिए दिन-रात काम कर रही है। कोरोना संकट के समय में हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के जरिए मुफ्त राशन की ज़िम्मेदारी भी निभाई है। क्योंकि शहरों से भी फिर लोग अपने गांव चले आए, चारों तरफ मुसीबतें खड़ी हो गई और मैं भले दिल्ली में बैठा था लेकिन मेरा दिल इसी बात को पुकारता था कि इतने बड़ा कोरोना भले आया, 100 साल में ऐसी बीमारी नहीं आईपूरी दुनिया में ऐसी बीमारी नहीं आई, लोगों की जिंदगी भी मुझे बचानी है, लेकिन ये भी देखना है कि गरीब के घर में भी चूल्हा जलता रहना चाहिए। कोई बच्चा भूखा ना मरे, किसी मां को आंसू ना बहाने पड़े और घर में खाने की दिक्कत ना हो और इसलिए 80 करोड़ लोगों को पिछले एक डेढ़ साल से मुफ्त राशन पहुंचाकर के गरीब के घर का चूल्हा मैंने जलता रखा है। माताएं-बहनें जब अपने बच्चों को थाली में खाना परोसती हैं ना तो मुझे भी आशीर्वाद परोसती है, इससे बड़ा मेरे जीवन का सौभाग्य क्या होता है। स्वास्थ्य के लिए भी, अभी अजय टमटा जी बड़े विस्तार से बता रहे थे। मेडिकल कॉलेज से लेकर एम्स तक बनाए जा रहे हैं। पिथौरागढ़ में बाबू जगजीवन राम गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज का उदाहरण आपके सामने है। हमारी सरकार ने अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर में भी सुधार का काम किया है। राज्य में पाँच नए डिग्री कॉलेजों का काम भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। 

साथियों,

प्रगति से लेकर पर्यटन तक, विकास की इस यात्रा में अभी हमें बहुत आगे तक जाना है। हमारे सपने बड़े हैं, हमारे लक्ष्य बड़े हैं। इस पर हमें किसी भी हालत में वो पुराने वाली ब्रेक को वापस नहीं आने देना है। अगर वो आए तो समझ लीजिए ब्रेक लग गई। और क्योंकि मैंने देखा है, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेललाइन की बात दशकों पहले शुरू हुई थी, लेकिन 2014 तक इसको कोई पूछने वाला नहीं था। आप लोगों ने जब 2014 में मुझे सेवा करने का सौभाग्य दिया तो हमने तेज गति से काम शुरू किया और 2017 में जब यहां डबल इंजन की सरकार आई। तब तो मेरा काम करने का हौसला भी बुलंद हो गया। काम करने की गति भी बढ़ गई और जो सोचते थे कभी पहाड़ों में रेल आएगी ही नहीं। आप देखना, आपकी आंखों के सामने देखोगे पहाड़ों में एक रेल नहीं, अनेक रेल आने वाली हैं। इस क्षेत्र में भी आने वाली हैं। 

भाइयो और बहनो 

इस बार फिर लटकाने वाले लोग जनता को भटकाने के लिए फिर से बड़े बड़े वायदे कर रहे हैं। लेकिन बाबा नीम करौली के आशीर्वाद से, उत्तराखंड के लोग इनकी सच्चाई समझते हैं। आप याद रखिए! इन्हें एक ही काम आता है- भ्रष्टाचार! बीजेपी की सरकार में ईमानदारी से विकास के काम हो रहे हैं। गरीबों के लिए चलने वाली योजनाओं का पैसा सीधे उनके खातों में जाता है। इनकी जेब नहीं भरेगी तो ये सड़क, बिजली, रेल का काम होने देंगे क्या? मुझे बताइये काम चलने देंगे क्या ? रोक देंगे कि नहीं रोक देंगे ? आज जो काम हो रहा है, उसमें रोड़े अटकाएंगे कि नहीं अटकाएंगे। क्या आप आपका बुरा चाहेंगे क्या ? क्या उत्तराखंड के लोग अपना बुरा चाहेंगे क्या। आप अपना भला चाहते हैं क्या, तो बुरा करने वालों को आने देंगे क्या ? तो भला करने वालों को काम देकर के ज्यादा से ज्यादा वोट देकर के फिर एक बार धामी की सरकार बनानी है। 

मेरे भाइयो और बहनो 

बिना दलाली के ये गरीबों को घर, मकान, बिजली, पानी और किसान सम्मान निधि कभी भी नहीं पहुँचने देंगे। इनकी हिस्ट्री रही है, ये कभी ये काम नहीं होने देंगे। ये लोग न उत्तराखंड की संस्कृति को जानते हैं, न यहाँ के पहाड़ों को। चुनाव में ये उत्तराखंडियत जो है न हमारी Spirit of उत्तराखंड इसकी बात तो कर रहे हैं, लेकिन इनकी पार्टी क्या कह रही है? मैं हैरान हूं, ये लोग सोचते हैं उत्तराखंड की वीर माताएं, यहां के वीर बेटे-बेटियां, इनकी भाषा से मेरे मन में सवाल आता है  मुझे उत्तराखंड के लोग मुझे जरा जोरों से बताइए, क्या आप डरते हैं क्या? आप कभी डरते हैं क्याआप  किसी से भी डरते हैं क्या? किसी भी संकट से डरते हैं क्या? आपके बेटे जो सीमा पर देश की रक्षा करते हैं वो दुश्मन की गोली से भी डरते हैं क्या? अब देखिए कुछ लोग बोल रहे हैं, आपको आकर सलाह दे रहे हैं डरो मत - डरो मत। अरे डरना शब्द भी सुना है  क्या कभी  आपने। अरे डराने वालों को डराने की ताकत मेरे प्रदेश के दो-दो साल के बच्चों में रहती हैक्या बात करते हैं.  इन्हें इतना भी नहीं पता, डरना उत्तराखंड के खून में ही नहीं है। यही है उत्तराखंड और यही है उत्तराखंडियत को लेकर हमारी समझ। और उनकी समझ है, कि आकर आपको समझा रहे हैं कि डरो मत।  अरे उत्तराखंडी कभी डरता नहीं है, अरे मूसीबतों में भी डरता नहीं है।   जिस उत्तराखंड के हर घर से सेना के वीर जवान निकलते हैं, जिस उत्तराखंड की सन्तानें दुश्मन की गोली, गोलों और तोपों के सामने नहीं डरतीं, उनके नाम के आगे ये लोग डर जोड़ रहे हैं। मैं कांग्रेस के लोगों से कहूंगा, उत्तराखंड से जुड़ाव नहीं है, आप उत्तराखंड की जमीन से जुडे़ नहीं हैं, आप उत्तराखंड को जानते नहीं हैंये तो हमें पता चलता है, इसका तो पूरे उत्तराखंड को अनुभव भी है। लेकिन कम से कम उत्तराखंड के बारे में जरा, पढ़ लिख कर के आया करो, कुछ जरा समझ कर के आया करो। इनको डरपोक मत कहिए, ये बहादुर लोग है बहादुर, ये डरपोक कहकर के आप मेरे उत्तराखंड की जवानी का अपमान करते हो। ये वो डरपोक कह के आप मेरी उत्तराखंड की वीर माताओं का अपमान करते हो, डरपोक कह कर के आप उत्तराखंड के हर भविष्य को देखने वाले वीर परिवारों का अपमान करते हो और उत्तराखंड ऐसे अपमान को कभी सहन नहीं करेगा

साथियों 

ये लोग किस तरह झूठ और धोखे की राजनीति करते हैं, ये आपसे बेहतर कौन जानता है। जो लोग हमारे सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन की मांग को दशकों तक रोकते रहे उसमें रोड़ा बने रहे, जो लोग सर्जिकल स्ट्राइक और गलवान में सेना के शौर्य पर सवाल उठाते रहे। जो पार्टी देश के पहले सीडीएस स्वर्गीय जनरल विपिन रावत जी को गुंडा कहती थी, अरे कोई भी फौजी, फौजी को कुछ भी कहोगे अरे फौजी 40 साल पहले रिटायर्ड हुआ होगा तब भी वो खड़ा हो जाएगा अगर फौजी का अपमान किया तो। ऐसी भद्दी भाषा का इस्तेमाल करती थी वो, आज सैनिकों की बात करने का दिखावा कर रहे हैं।  

साथियों

आपको भूलना नहीं है, ये वो लोग हैं जिन्होंने अपनी सियासत के लिए दशकों तक उत्तराखंड राज्य की मांग का गला घोंटा था। ये सपना तब पूरा हुआ था जब केंद्र में हमारे अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार आई थी। अटल बिहारी जी ने उत्तराखंड बनाया। ये लोग ‘उत्तराखंडियत’ की बात करने वाले लोग, बातें कुछ भी करें, वो तो उत्तराखंड को खंड-खंड करने वाले, उत्तराखंड को टुकड़े-टुकड़ों में देखने वाले लोग हैं। आपको देवभूमि में यूनिवर्सिटी के नाम पर भी, यूनिवर्सिटी के नाम पर भी, शिक्षा जैसे पवित्र काम में तुष्टीकरण का जहर घोलने की बातें सुनाई दे रही हैं। हमें इस विभाजनकारी सोच से देवभूमि की पवित्रता को नष्ट नहीं होने देना है। मैं इन्हें बताना चाहता हूँ, उत्तराखंड आस्था की धरती है, ये आडंबर को स्वीकार नहीं करती है। ये उत्तराखंड तपस्या की भूमि है, यहाँ झूठ और पाखंड फलीभूत नहीं होते हैं। इसलिए मैं आप सबसे आह्वान करता हूँ, इन्हें उत्तराखंड की विकास यात्रा में बाधा नहीं बनने देना है। हमें उत्तराखंड के सम्मान की भी रक्षा करनी है, उत्तराखंड के विकास को भी बचाना है। आप देखिए, हिंदुस्तान की सबसे पुरानी पॉलिटिकल पार्टी क्या हाल हो गया है उसका, इस पार्टी का कोई नेता उत्तराखंड में वोट मांगने के लिए आया क्या? सिर्फ दो भाई-बहन, एक परिवार के दो भाई-बहन घूमते-फिरते हैं। इतना बड़ा देश, उनका कोई नेता नहीं आता है, क्यों भाई, इतने सालों पुराने कितने पुराने मुख्यमंत्री हैं, पुराने कितने केंद्र के मंत्री रहे हैं, पुराने कितने उनके गवर्नर रहे हैं और पचास-साठ साल में कितनी बड़ी भरमार है उनके पास, कोई नहीं आ रहा है कोई…सिर्फ दो भाई-बहन ही हैं, क्योंकि  वो कांग्रेस नहीं बचानी है, परिवार बचाने के लिए निकले है, उत्तराखंड का तो सवाल ही नहीं है, देश की इनको चिंता नहीं है। उनकी पार्टी के लोग उनके पास नहीं आ रहे हैं। उनकी पार्टी के लोग आपके पास नहीं आ रहे हैं, तो आपका भला कैसे कर सकते हैं, भाई। आप मुझे बताइये, कांग्रेस के पास कुछ बचा है जो आपको काम आए…कुछ बचा है क्या, नहीं बचा है ना तो इनके पास जाकर क्या मिलेगा जी। क्या मिलेगा..और  इसलिए, जब आप 14 तारीख को वोट देने के लिए जाएँ, तो ये जरूर याद रखें। कमल के लिए आपका हर एक वोट, इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाएगा। 

ठंड कितनी ही क्यों न हो, आज जैसे धूप खिली है, वैसी धूप खिले या न खिले, कमल खिलना चाहिए। 14 तारीख को कमल खिलना चाहिए। और ब्रह्मकमल वाला कमल है ये। हम ब्रह्मकमल वाले लोग हैं। याद रखिएगा- पहले मतदान, फिर जलपान। पहले मतदान – फिर जलपान। इसी विश्वास के साथ, आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद! इतनी बड़ी तादाद में आकर आपने आशीर्वाद दिए, मैं आपका हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। जय गोल्ज्यू महाराज, जय भगवान बागनाथ, जय माँ नंदा।

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

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PM to visit Karnataka on 25th March
March 23, 2023
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PM to inaugurate Sri Madhusudan Sai Institute of Medical Sciences and Research at Chikkaballapur
PM to inaugurate Whitefield (Kadugodi) to Krishnarajapura Metro Line of Bangalore Metro
Metro line will further enhance ease of mobility and reduce traffic congestion in the city

Prime Minister Shri Narendra Modi will visit Karnataka on 25th March, 2023. At around 10:45 AM, Prime Minister will inaugurate Sri Madhusudan Sai Institute of Medical Sciences and Research at Chikkaballapur. At around 1 PM, Prime Minister will inaugurate Whitefield (Kadugodi) to Krishnarajapura Metro Line of Bangalore Metro and also undertake a ride in the metro.

PM at Chikkaballapur

In an initiative that will help students to avail new opportunities and provide accessible and affordable healthcare in this region, Prime Minister will inaugurate Sri Madhusudan Sai Institute of Medical Sciences and Research (SMSIMSR). It has been established by Sri Sathya Sai University for Human Excellence at Sathya Sai Grama, Muddenahalli, Chikkaballapur. Situated in a rural area and established with a vision of de-commercialising medical education and healthcare, SMSIMSR will provide medical education and quality medical care - completely free of cost - to all. The institute will start functioning from the academic year 2023.

PM at Bengaluru

Prime Minister has had a special focus on the development of world class urban mobility infrastructure across the country. In line with this, the 13.71 km stretch from Whitefield (Kadugodi) Metro to Krishnarajapura Metro Line of Reach-1 extension project under Bangalore Metro Phase 2, will be inaugurated by the Prime Minister at Whitefield (Kadugodi) Metro Station. Built at a cost of around Rs 4250 crores, the inauguration of this metro line will provide a clean, safe, rapid and comfortable travel facility to commuters in Bengaluru, enhancing ease of mobility and reducing traffic congestion in the city.