हिमांशु मिश्रा- लोकसभा के तीन चरणों का जो मतदान है वह हो चुका है, चार चरण का जो मतदान है आज होगा। इस वक्त हमारे साथ हैं, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। पिछले दो चुनाव में मुद्दे कुछ भी हो लेकिन केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही रहे हैं और इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस चुनाव के केंद्र बिंदु बने हुए हैं। सर तीन चरणों के चुनाव हो चुके हैं चौथे चरण के लिए आज मतदान है। उत्तर प्रदेश और बिहार में जो आपको समर्थन मिल रहा है, इसको आप भविष्य में एनडीए के लिए कैसा देखते हैं?

पीएम मोदी- पहले तो मैं करेक्ट करना चाहूंगा कि चुनाव के केंद्र बिंदु में ना प्रधानमंत्री है ना नरेंद्र मोदी है। इस चुनाव के केंद्र बिंदु में 140 करोड़ देशवासी है। और 140 करोड़ देशवासी ही केंद्र बिंदु में होने चाहिए, यही तो लोकतंत्र का सबसे बड़ा तकाजा है। और उसको मैं थोड़ा विस्तार से कहूंगा, तो मैं यह कहूंगा कि यह एक प्रकार से किसान, महिला, युवा, युवा में भी फर्स्ट टाइम वोटर- ये सब बहुत बड़ा प्रभाव पैदा कर रहे हैं। मैं देख रहा हूं, इस चुनाव में यह सारे लोग बहुत ही प्रोएक्टिव है। और वे प्रोएक्टिव होने के नाते काफी अच्छी तरह इसमें मतदान भी कर रहे हैं। सकारात्मक मतदान कर रहे हैं। निर्णायक मतदान कर रहे हैं। जहां तक तीन चरण का सवाल है, मैं साफ देख रहा हूं कि देश की जनता के लिए 400 पार यह नारा नहीं है, 400 पार यह हकीकत है। पहले तीन चरण में साफ हो चुका है। आज चौथे चरण का मतदान चल रहा है। और मुझे पूरा विश्वास है कि लोग गर्मी कितनी ही क्यों ना हो देश का भविष्य सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। और ऐसे सभी प्रतिबद्ध नागरिक अवश्य ही मतदान करेंगे, पक्का करेंगे। और भारतीय जनता पार्टी और एनडीए की एक मजबूत सरकार फिर से बनाएंगे।

 

हिमांशु मिश्रा- सर, कई विपक्षी दल यह कह रहे हैं कि 400 सीटें एनडीए को नहीं आएंगी। भारतीय जनता पार्टी को जो है 370 सीटें नहीं आएंगी। राहुल गांधी ने एक चुनावी सभा में यह कह दिया कि इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो है वह 24 में पीएम नहीं बनेंगे, इसको किस प्रकार देखते हैं?

पीएम मोदी- दो चीजों को दो हिस्से करते हैं, अब तक वो यह कह रहे थे कि भारतीय जनता पार्टी 400 पार नहीं कर पाएगी और मैं उनकी इस चर्चा का स्वागत करता हूं। क्योंकि उनको यह लग रहा है हो सकता है 399 हो, उनको लगता है हो सकता है 398 हो, इसलिए उनका भी बेंचमार्क 400 है। हमारा भी बेंचमार्क 400 है। और हमको लगता है हम 400 पार करेंगे, वो कहते हैं 400 पार नहीं करेंगे। तो इतना ही फर्क है। जहां तक प्रधानमंत्री बनेंगे कि नहीं बनेंगे, आप देख लीजिए 2013, 2014 के उनके भाषण ढूंढ लीजिए, 2019 के उनके भाषण ढूंढ लीजिए और हर बार उनके क्लेम देख लीजिए, एक तरफ मेरे क्लेम देखिए एक तरफ उनके क्लेम देखिए। मैं कहता हूं इनके सबसे बड़ा नेता पार्लियामेंट नहीं लड़ेंगे, राजसभा से रास्ता खोजेंगे। मैं कहता हूं कि वो वायनाड से भागेंगे और मतदान के बाद दूसरी सीट तलाशेंगे, मैं कहता हूं कि वो अमेठी, रायबरेली, अमेठी में भी उनकी कदम रखने की ताकत नहीं है। मेरे सारी जो मैंने कहा है, सही निकला है। उन्होंने कहा था अगर मैं बोलूंगा तो भूकंप आ जाएगा पार्लियामेंट में तो कभी भूकंप आया नहीं। तो वह हमेशा यह बोलते रहते हैं और उनके मन में इच्छा है कि चाय वाले का बेटा प्रधानमंत्री बन कैसे सकता है। और वह भी उनके दिमाग में भरा पड़ा है। इस देश में अगर यह इंसान तीसरी बार प्राइम मिनिस्टर बन गया, फिर तो इंदिरा जी का भी नाम नहीं रहेगा, ये नेहरू जी की बराबरी का हो जाएगा, क्योंकि नेहरू जी अकेले थे। तो हर चीज में वो अपने परिवार को देखते हैं।

 

हिमांशु मिश्रा- डर दिखता है।

पीएम मोदी- उनके परिवार से आगे कुछ नहीं होना चाहिए। इस देश में अब ऐसी कोई घटना नहीं होनी चाहिए जिसके कारण उनके परिवार का एक भी व्यक्ति नीचा दिखे। वह राफेल भी इसलिए उठा रहे थे क्योंकि वो बोफोर्स को धोना चाहते थे। उनको राफेल में इंटरेस्ट नहीं था वो बोफर्स को धोना चाहते थे। पाप को धोना चाहते थे। और इसलिए उनके सारे नैरेटिव में, बैक ऑफ द माइंड उनके परिवार की हिस्ट्री पड़ी हुई है। और वह उसी पर ओवर कॉन्शियस है उनके दिमाग में ना देश है ना समाज है।

 

हिमांशु मिश्रा- सर सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर कांग्रेस के बहुत से नेता सवाल उठा रहे हैं और इसको लेकर बयानबाजी भी कर रहे हैं। क्या आपको लगता है कि अभी भी सर्जिकल स्ट्राइक एक बड़ा मुद्दा है?

पीएम मोदी- पहले सर्जिकल स्ट्राइक की चर्चा तो बहुत हो चुकी है। कांग्रेस के माइंड को समझिए। कांग्रेस का माइंड क्या है? वे इस देश के सेना अध्यक्ष को गली का गुंडा कहें, अपने कार्यकाल में सेना को दुर्बल बनाने के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, करें। मुझे लगता है उनके बैक ऑफ माइंड एक चीज पड़ी हुई है कि 1962 की लड़ाई में जो देश की दुर्दशा हुई और नेहरू जी पर विफलता का जो बहुत बड़ा कलंक लगा, तब से उनके मन में यह है कि आर्मी के कारण नेहरू जी बदनाम हो गए और वह तब से लेकर के आर्मी के प्रति नफरत रखते हैं। आप, सैम मानेकशॉ की किताब देखोगे तो उसमें भी यह चीज दिखती है कि उनके मन में गुस्सा वो गुस्सा अभी भी प्रकट हो रहा है। तो उनके मन में 62 का जो चाइना के साथ लड़ाई में नेहरू की जो विफलता रही उसके बोझ के तले ये परिवार दबा हुआ है। और इसलिए वह लगातार आर्मी को गाली देने के रास्ते खोजता रहता है।

 

हिमांशु मिश्रा- सर आप प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में गए, राम मंदिर में गए, दो बार हो आए, विपक्ष राम मंदिर को लेकर अभी भी सवाल उठा रहे है सर? क्या अभी भी।

पीएम मोदी- अभी उनके एक सलाहकार, जो 30 साल तक उनके मुख्य सलाहकार रहे इस परिवार के, उनका बयान आया है। उन्होंने कहा है कि इनका तो विचार जिस दिन जजमेंट आया था उसी दिन तय था कि जैसे शाह बानो के जजमेंट को उन्होंने उलट दिया वैसे ही राम मंदिर के जजमेंट को उलट दिया जाएगा। और राम लला को फिर से टेंट में ही भेज करके ही रहेंगे। मोदी समझता क्या है अपने मन में, यह भाव पड़ा है। और इसलिए वो राम लला को टेंट में भेजने का मन बनाकर बैठे हुए हैं। और इसलिए वो किसी भी हद तक जा सकते हैं। और उनके वोट बैंक की राजनीति के लिए शायद यह बहुत जरूरी लगता है उनको।

 

हिमांशु मिश्रा- सर क्या अभी भी यह राजनीतिक मुद्दा है, वह बनाना चाहते हैं इसको?

पीएम मोदी- बनाने का तो उनके दिमाग में कुछ होता ही नहीं है। बर्बाद करने का ही होता है हमेशा। और इसलिए वह बर्बाद करने के मूड में है।

 

हिमांशु मिश्रा- सर विपक्ष कह रहा है कि आप महंगाई पर, बेरोजगारी पर, नौकरियों पर बोल नहीं रहे हैं, बोलने से बच रहे हैं, बोल रहे तो बहुत कम बोल रहे?

पीएम मोदी- मैं बताता हूं, अब देखिए महंगाई, जब उनकी सरकार थी तो ढाई लाख में इनकम टैक्स भरना पड़ता था। आज 7 लाख तक इनकम टैक्स नहीं भरना पड़ता है। मतलब उसके हजारों रुपए इनकम टैक्स जो भरना पड़ता था तो बच रहे हैं। हम 5 लाख रुपये तक आरोग्य में मुफ्त इलाज करवाते हैं उसके कारण उसके सिर पर बोझ हट गया। सामान्य मानवी को दवाई का खर्चा बहुत होता है। आज जो दवाई बाजार में 100 रूपए में मिलती है वो हम बीस रुपए में देते हैं 10 रुपए में देते हैं, उसका बोझ कम हो रहा है। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में अनाज मिलता है। और दूसरा इस देश में महंगाई सबसे ज्यादा आजादी के बाद, श्रीमती इंदिरा गांधी के जमाने में थी। तीसरी बात मैं चाहूंगा आप जैसे लोग विद्वान, एक काम करें लाल किले पर से पंडित नेहरू के, श्रीमती गांधी के और राजीव गांधी के लाल किले से भाषण सुन लीजिए, हमारा बयान की जरूरत नहीं। आप हैरान हो जाएंगे, लाल किले पर से पंडित नेहरू यह भाषण कर रहे हैं कि देश में महंगाई बहुत बढ़ी है, आप चिंतित है, मैं भी चिंतित हूं, लेकिन आपको पता होना चाहिए कि नॉर्थ कोरिया-साउथ कोरिया की लड़ाई चल रही है इसलिए महंगाई बढ़ी है। उस जमाने में तो ग्लोबलाइजेशन था नहीं। नॉर्थ कोरिया साउथ कोरिया की लड़ाई का दुनिया की किसी इकॉनमी पर प्रभाव नहीं हो सकता था। लेकिन उस समय भी वह बहाना ढूंढते थे। आज तो, जहां लड़ाइयां चल रही है, वो सीधी सीधी दुनिया में फ्यूल, फर्टिलाइजर एंड फूड सीधा इंपैक्ट करने वाली लड़ाई का क्षेत्र है। इसके बावजूद भी पेट्रोल का दाम कंट्रोल में रखा हमने, उसके बावजूद भी हमने महंगाई बढ़ने नहीं दी। इन सारी कठिनाई के बाद भी हमारा यूरिया, वो भी युद्ध के क्षेत्र में है। दुनिया में यूरिया की बोरा 3000 रुपए में बिकता है, हिंदुस्तान के किसान को 300 रुपए में मिलता है। और इसलिए ये झूठ और नारेबाजी करते रहते हैं। जहां तक रोजगार का सवाल है। जब उनकी सरकार थी तब करीब सैकड़ों में स्टार्टअप्स थे, आज सवा लाख-डेढ़ लाख स्टार्टअप्स हैं। और टियर टू टियर थ्री सिटी में भी है, एक स्टार्टअप एवरेज चार पांच नए लोगों को रोजगार देता है, इसको क्या कहेंगे। हमारी मुद्रा योजना क्योंकि हम चाहते हैं कि देश के नौजवान को जिसको नौकरी की संभावना है नौकरी मिले, रोजगार की संभावना रोजगार मिले, स्वरोजगार की संभावना है उसको स्व रोजगार के अवसर मिले। हमने मुद्रा योजना लाई, करीब 42 करोड़ लोन्स उसमें पास हुए हैं, करीब 28 लाख करोड़ रुपया, हो सकता है मेरा आकड़े इधर उधर हो, 25 से 28 लाख करोड़ रुपया उनको डिस्पर्स किया, बिना गारंटी। और इसमें 70 परसेंट से ज्यादा फर्स्ट टाइमर है। और हर व्यक्ति कम से कम दो लोगों को रोजगार देता है। दूसरा सरकार ने लाखों लोगों को रोजगार दिया है। दूसरा यह लोग जब राज्य के अंदर आंकड़े देते हैं तो कहते हैं कि हमने इतना रोजगार दिया तो ऐसा तो कैसे हो सकता है भाई एक राज्य में रोजगार मिला लेकिन देश में नहीं मिला, कोई राज्य देश के बाहर तो है नहीं, तो यह झूठ बता रहे हैं। उनके पास कोई मुद्दा नहीं है। लेकिन इसके बावजूद भी मैं कहता हूं कि देश में लगातार हमने रोजगार के लिए, स्वरोजगार के लिए, लगातार हम प्रयास कर रहे हैं। अच्छे प्रयास कर रहे हैं। लेकिन वह पुराने जमाने वाली चीजों से चीज बाहर आयीं, जैसे स्पोर्ट्स, एक ऐसा क्षेत्र खुल रहा है। महिलाएं, जैसे हम एक करोड़ लखपति दीदी बनाया। अब हम तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने जा रहे हैं, बिना काम तो होता नहीं है। रोड्स -हाईवे, पहले से डबल बन रहे हैं, तो कोई तो काम करता होगा। रेलवे, पहले से डबल बन रही है, कोई तो काम करता होगा। चार करोड़ घर बने, किसी ने तो काम किया होगा, किसी के तो जेब में पैसा आया होगा और इसलिए ये इतना झूठ नैरेटिव चला रहे हैं और दुर्भाग्य है कि जो बोलते हैं उनको कोई सवाल नहीं पूछता। उनको पूछो भाई आप बेरोजगार हो गए पॉलिटिकली, इसलिए सारी दुनिया को बेरोजगार क्यों कहते हो तुम।

 

हिमांशु मिश्रा- सर एक सवाल अंतिम है यह कह रहे हैं विपक्ष कि 400 सीटें आ जाएंगी तो आप संविधान बदल देंगे और दूसरी तरफ लालू यादव कह रहे हैं कि मुसलमानों को जो है वो पूरा आरक्षण मिलना चाहिए, इसको किस तरीके से आप देखते हैं?

पीएम मोदी- देखिए, पहली बात यह है कि 19 से 24 हमारे पास 400 सीट थी। 360 के करीब हम जीत कर के आए थे और एनडीए प्लस कहें तो हमारे पास 400 हमेशा रही है। तो सीट आने से संविधान बदल जाते हैं यह तर्क गलत है। संविधान के साथ धोखा इस परिवार ने किया है। संविधान बनने के बाद सबसे पहले, संविधान बदला पंडित नेहरू ने। उन्होंने क्या किया, सबसे पहले उन्होंने, पंडित नेहरू ने संविधान संशोधन किया और क्या किया, फ्रीडम ऑफ स्पीच को रिस्ट्रीक्ट किया। फिर इनकी बेटी आई इंदिरा जी, इंदिरा जी ने क्या किया, आपातकाल लगा दिया। कोर्ट के जजमेंट को उन्होंने नकार दिया। उनका चुनाव रद्द हो चुका था। संविधान के साथ धोखा उन्होंने किया। फिर उनके बेटे आए राजीव गांधी जी, उन्होंने क्या किया, उन्होंने आ करके भारत के मीडिया को कंट्रोल करने के लिए बिल लाए। देश के मीडिया ने और देश के विपक्ष ने बहुत बड़ा हो हल्ला किया, तो बच गए लेकिन तब वो संविधान की भावना के खिलाफ करने गए। उनके बेटे, शहजादे, उन्होंने क्या किया,संविधान की कोख से जन्मी हुई सरकार होती है और सरकार की कैबिनेट व संविधान के अधिष्ठान पर होती है। कैबिनेट ऐसे हवा में नहीं होती है। वो कैबिनेट जो निर्णय करे वह संविधान से सुसंगत होता है, उस कैबिनेट के निर्णय किया डॉक्टर मनमोहन सिंह जी के, इन्होंने प्रेस कान्फ्रेंस बुला कर के उस कैबिनेट में जो निर्णय किया गया था उसके लीरे लीरे उड़ा दिए। मतलब वह एक कागज नहीं फाड़ रहे थे भारत के संविधान के टुकड़े कर रहे थे, वो बाबा साहब आंबेडकर की पीठ में छुरा भोंक रहे थे, वो भारत के संविधान निर्माताओं की भावनाओं को चूर-चूर कर रहे थे। परिवार की सभी पीढ़ियों के सभी मुखियाओं ने संविधान के साथ यह बदतमीजी की है। उनको संविधान शब्द बोलना भी उनके मुंह में पाप लगता है। जहां तक भारतीय जनता पार्टी का सवाल है, हमारा कमिटमेंट है, हम एससी एसटी ओबीसी, धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देंगे, नहीं होने देंगे। भारत के संविधान ने एससी एसटी ओबीसी को आरक्षण दिया हुआ है। संविधान की मूल भावना के खिलाफ होने नहीं देंगे। दूसरा संविधान सभा की भावना थी कि वह किसी भी हालत में वे धर्म के आधार पर देश में आरक्षण स्वीकार नहीं करेंगे। बाबा साहेब आंबेडकर का मत था कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं हम रख सकते हैं। तो जो बाबा साहेब आंबेडकर ने कहा, जो संविधान सभा ने कहा, जिसके प्रति हमारी श्रद्धा है, हम उसको बरकरार रखने के लिए मेहनत कर रहे हैं। लेकिन जैसे वो पीक पॉकेटर होता है न, जो किसी का जेब काटता है फिर चिल्लाता है अरे वो चोर चोर, औऱ दूसरा कोई भागता है औऱ ये माल लेकर फिर धीरे से निकल जाता है। ये लोग चिल्ला इसलिए रहे हैं कि इनका इरादा है कि धर्म के आधार पर आरक्षण करने का इसलिए वो चिल्ला रहे हैं। औऱ ये हम होने नहीं देंगे। चलिए बहुत अच्छा लगा, बहुत बहुत धन्यवाद।

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