मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विश्व में अपनी तरह के पहले गुजरात फोरेन्सिक विज्ञान विश्वविद्यालय (जी.एफ.एस.यू.) की शुरूआत कर अपराध की दुनिया के लिए खतरे के बीज बो दिए गए हैं।

भारतीय प्रबंधन संस्थान-अहमदाबाद (आई.आई.एम.ए.) में मंगलवार को जी.एफ.एस.यू. के अकादमिक कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर उन्होंने कहा कि वर्तमान में अपराध का परिपेक्ष्य बदल रहा है। इसलिए इस संदर्भ में आपराधिक शोध को भी बदलना होगा, जिसमें फोरेन्सिक विज्ञान अहम है। फिलहाल आर्थिक व साइबर अपराध का दायरा बढ़ रहा है। ऎसे अपराधों में वैज्ञानिक सबूत ही काम आने वाले हैं। जब वैज्ञानिक ढंग वाले सोच के लोग नहीं होंगे तो ऎसे अपराधों को रोकना भी मुश्किल होगा।

जी.एफ.एस.यू. की शुरूआत इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि दुनिया इन दिनों तीन तरह की वैश्विक समस्याओं वैश्विक मंदी, वैश्विक आतंकवाद व वैश्विक गर्मी से मुकाबला कर रही है। मोदी ने कहा कि इजरायल आपराधिक जांच प्रणाली को लेकर जी.एफ.एस.यू. के साथ जल्द ही समझौते पत्र (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर करने वाला है। अमरीका की फ्लोरिडा विवि तथा ब्रिटेन के विवि भी जी.एफ.एस.यू. से जुड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि इस विवि में फोरेन्सिक नर्सिग का भी अध्ययन हो। फोरेन्सिक आज सिर्फ आपराधिक दुनिया तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह आज देश व दुनिया के कॉरपोरेट वल्र्ड के सीईओ की नौकरियों के लिए साइकोलोजिकल प्रोफाइलिंग का भी काम कर रहा है। जी.एफ.एस.यू. के विद्यार्थी इसमें उत्प्रेरक का कार्य करेंगे।

सुरक्षा बलों के जवानों की जिंदगी बचानी होगी नरेन्द्र मोदी ने नक्सली व आतंकी घटनाओं में सुरक्षा बलों के जवानों-अधिकारियों की असमय मौत पर चिंता जताई। इनकी जिंदगी बचाने के लिए उन्होंने फोरेन्सिक नैनो टेक्नोलोजी पर शोध की जरूरत महसूस की। मुख्यमंत्री के अनुसार इन घटनाओं में हमारे देश के 20 से 25 वर्ष के जवान व अधिकारी मारे जाते हैं।

देश सेवा के लिए काम करने वाले इन लोगों की जिंदगी बचाने का काम हमें करना होगा। इस तकनीक से इन जवानों की जीवन रक्षा की व्यवस्थाओं को खड़ा किया जा सकता है। इसके तहत बुलेट प्रूफ जैकेट, बुलेट प्रूफ सहायता प्रणाली सुरक्षा साधन आदि पर शोध हो सकता है। ऎसा कर हम आतंकियों-नक्सलियों के मंसूबे से इन्हें बचा सकते हैं। अन्वेषण मनोविज्ञान (इन्वेस्टिगेटिव साइकोलोजी) के तहत हम बच्चों की जिंदगी को भी बचा सकते हैं। इसमें फोरेन्सिक विशेषज्ञ अहम भूमिका निभा सकते हैं।

बच्चों को आपराधिक दुनिया में जाने तथा तनाव व आत्महत्या से रोक सकते हैं। यह बच्चों की जिंदगी में बहुत बड़ा परिवर्तन ला सकता है। जीएफएसयू के अकादमिक कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत गत जून माह में हो चुकी है। विवि में तीन कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।

इनमें इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेन्सिक साइंस, इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेविरयल साइंस तथा इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड डेवलपमेंट शामिल हैं। यह सभी मास्टर डिग्री पाठ्यक्रम हैं। फिलहाल 103 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इनमें देश भर के सभी इलाकों के अलावा जर्मनी की विदेशी युवती भी शामिल है।

इस अवसर पर गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के.एस. राधाकृष्णन, उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीश, गृह राज्य मंत्री अमित शाह, राज्य के पुलिस महानिदेशक एस.एस. खंडवावाला, केन्द्र सरकार के मुख्य फोरेन्सिक वैज्ञानिक डॉ. एम.एस. राव, जी.एफ.एस.यू. के महानिदेशक डॉ. जे.एम. व्यास, केन्द्रीय फोरेन्सिक विज्ञान प्रयोगशालाओं तथा राज्य की फोरेन्सिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के निदेशक उपस्थित थे।

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Prime Minister visits Shri LK Advani ji on his birthday
November 08, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi went to Shri LK Advani Ji's residence and greeted him on the occasion of his birthday, today. Shri Modi stated that Shri LK Advani Ji’s service to our nation is monumental and greatly motivates us all.

The Prime Minister posted on X:

“Went to Shri LK Advani Ji's residence and greeted him on the occasion of his birthday. His service to our nation is monumental and greatly motivates us all.”