Prime Minister Shri Narendra Modi and President of the French Republic H.E. Mr. Emmanuel Macron, held a bilateral meeting on the sidelines of the G7 Summit in Apulia, Italy, today. PM thanked President Macron for his warm wishes on assuming office for the third consecutive term.

The two leaders reviewed India-France bilateral relations, focusing on the 'Horizon 2047' Roadmap and the Indo-Pacific Roadmap. Discussions included cooperation in defence, nuclear, space, education, climate action, digital public infrastructure, connectivity and cultural initiatives such as the National Museum partnership and enhancing people-to-people ties. They agreed to further intensify strategic defence cooperation with increased focus on ‘Make in India’.

They also agreed to expand cooperation in the realms of AI, critical and emerging technologies, energy and sports, while working closely in context of the forthcoming AI Summit and United Nations Oceans Conference, both to be hosted in France in 2025.

The two leaders also exchanged views on key global and regional issues. They emphasized that a strong and trusted Strategic Partnership between India and France is crucial for a stable and prosperous global order and agreed to work closely to make it scale greater heights.

 Prime Minister extended his best wishes to President Macron for the forthcoming Paris Olympic and Paralympic Games.

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Prime Minister Narendra Modi PM Andrej Plenković attend joint press meet in Zagreb
June 18, 2025

Your Excellency प्रधानमंत्रीजी ,
दोनों देशों के delegates,
Media के पूरे साथी,
नमस्कार!
दोभार दान!

ज़ाग्रेब की इस ऐतिहासिक और मनमोहक धरती पर जिस उत्साह, आत्मीयता और स्नेह से मेरा स्वागत हुआ है, उसके लिए मैं प्रधानमंत्री और क्रोएशिया सरकार का हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहूंगा ।

किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की यह पहली यात्रा है। और इसका सौभाग्य मुझे मिला है।

Friends,

भारत और क्रोएशिया लोकतंत्र, rule of law, Pluralism, और Equality जैसे साझा मूल्यों से जुड़े हैं। यह सुखद संयोग है कि पिछले वर्ष भारत के लोगों ने मुझे, और क्रोएशिया के लोगों ने प्रधानमंत्री आंद्रेजी को, लगातार तीसरी बार सेवा करने का अवसर दिया है। इस जनविश्वास के साथ, हमने अपने तीसरे कार्यकाल में, अपने द्विपक्षीय संबंधों को तीन गुना गति देने का निर्णय लिया है।

रक्षा क्षेत्र में long-term सहयोग के लिए एक ‘रक्षा सहयोग प्लान’ बनाया जाएगा, जिसमें ट्रेनिंग और मिलिट्री exchange के साथ-साथ रक्षा उद्योग पर भी फोकस किया जाएगा। ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं जहां हमारी अर्थव्यवस्थाएँ एक दूसरे के पूरक हो सकती है। हमारे इन क्षेत्रों को चिन्हित किया गया।

हमने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने और विश्वसनीय supply chain तैयार करने के लिए कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है। हम फार्मा, agriculture, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, क्लीन टेक्नोलॉजी, डिजिटल टेक्नोलॉजी, रिन्यूएबल energy, सेमीकंडक्टर ऐसे कई महत्वपूर्ण विषयों में सहयोग को बढ़ावा देंगे।

शिपबिल्डिंग और साइबर सिक्योरिटी में सहयोग बढ़ाया जायेगा। भारत की सागरमाला परियोजना के तहत हो रहे port modernisation, कोस्टल-ज़ोन के विकास और मल्टीमोडल कनेक्टिविटी में क्रोएशिया की कंपनियों के लिए भी व्यापक अवसर हैं। हमने अपने academic institutions और centers के बीच joint research और collaboration पर बल दिया है। भारत अपने स्पेस अनुभव को क्रोएशिया के साथ साझा करेगा।

Friends,

हमारे सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंध, आपसी स्नेह और सद्भाव का मूल हैं। ‘इवान फिलिप वेज़दिन’ ने 18वीं शताब्दी में, पहली बार यूरोप में संस्कृत व्याकरण प्रकाशित किया। 50 वर्षों से ज़ाग्रेब यूनिवर्सिटी में इंडोलोजी विभाग सक्रिय है।

आज हमने अपने सांस्कृतिक और people to people संबंधों को और बल देने का निश्चय किया है। ज़ाग्रेब यूनिवर्सिटी में हिन्दी chair के MoU की अवधि 2030 तक बढ़ाई गई है। आने वाले पांच वर्षों के लिए cultural exchange प्रोग्राम तैयार किया गया है।

लोगों के आवागमन को सरल बनाने के लिए मोबिलिटी एग्रीमेंट को जल्द पूर्ण किया जाएगा। क्रोएशियाई कंपनियाँ भारत की आईटी मैनपावर का लाभ उठा सकेंगी। हमने दोनों देशों के बीच टूरिज्म को बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया।

यहाँ पर योग की लोकप्रियता को मैंने स्पष्ट रूप से अनुभव किया है। 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है, और मुझे विश्वास है कि हमेशा की तरह क्रोएशिया के लोग इसे धूम-धाम से मनाएंगे।

Friends,

हम सहमत हैं कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। लोकतंत्र में विश्वास रखने वाली शक्तियों का विरोधी है। 22 अप्रैल को भारत में हुए आतंकी हमले पर संवेदनाओं के लिए, हम प्रधानमंत्रीजी और क्रोएशिया सरकार के हार्दिक आभारी हैं। ऐसे कठिन समय में, हमारे मित्र देशों का साथ हमारे लिए बहुत मूल्यवान था।

हम दोनों सहमत हैं कि आज के वैश्विक वातावरण में भारत और यूरोप की साझेदारी बहुत महत्व रखती है। EU के साथ हमारी स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप को मजबूत करने में क्रोएशिया का समर्थन और सहयोग बहुत ही महत्वपूर्ण है।

हम दोनों इस बात का समर्थन करते हैं कि यूरोप हो या एशिया, समस्याओं का समाधान रणभूमि से नहीं निकलता । डायलॉग और डिप्लोमेसी ही एकमात्र रास्ता है। किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान आवश्यक है।

Friends,

आज यहाँ ‘बाँसकि द्वोरी’ में होना मेरे लिए एक विशेष पल है। जहाँ ‘साकसिनस्की’ ने क्रोएशियन भाषा में अपना ऐतिहासिक भाषण दिया था, मुझे हिन्दी में अपनी बात रखने में एक गर्व और सुकून का अनुभव हो रहा है। उन्होंने सही कहा था, "भाषा एक पुल है”, और आज हम उसे मज़बूती दे रहे हैं।

एक बार फिर, क्रोएशिया में हमारी आवभगत के लिए मैं प्रधानमंत्रीजी का हार्दिक धन्यवाद करता हूँ। और, प्रधानमंत्रीजी, मैं यह भी आशा करता हूँ कि आप हमें भारत में जल्द से जल्द स्वागत करने का अवसर प्रदान करेंगे।

आप सब का बहुत बहुत धन्यवाद।