PM chairs follow-up meeting to review situation following earthquake in Nepal

Published By : Admin | April 26, 2015 | 17:51 IST
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The Prime Minister Shri Narendra Modi chaired a follow-up meeting today, to review the progress of relief and rescue operations following the major earthquake in Nepal yesterday. The meeting was attended by Union Ministers Shri Arun Jaitley, Smt Sushma Swaraj, Shri Rajnath Singh and Shri Manohar Parrikar, the National Security Advisor Ajit Doval, the Cabinet Secretary Shri Ajit Seth, the Additional Principal Secretary Shri P.K. Mishra, and senior officials from the Government, IMD, and NDRF. 

inner nepal meet2
The Prime Minister had chaired a high-level meeting yesterday on the subject. 

The Prime Minister was briefed on the work being done by various agencies involved in relief and rescue work, both in India and Nepal. He was also briefed on the situation arising out of the major aftershock that occurred earlier today. 

inner nepal meet
The Prime Minister emphasized the need for further increasing the pace of search and rescue operations, and evacuation of stranded people from Nepal. The Prime Minister directed that in addition to the air route, the road route should also be used for evacuating stranded people at the earliest. He stressed on the need for ensuring coordination among various agencies involved in relief and rescue operations. 

The Prime Minister also said that highest priority be accorded to food and water supplies, including milk powder, to the affected areas. 

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“On one hand, we have banned single-use plastic while on the other hand, plastic waste processing has been made mandatory”
“India of the 21st century is moving forward with a very clear roadmap for climate change and environmental protection”
“In the last 9 years, the number of wetlands and Ramsar sites in India has increased almost 3 times as compared to earlier”
“Every country in the world should think above vested interests for protection of world climate”
“There is nature as well as progress in the thousands of years old culture of India,”
“The basic principle of Mission LiFE is changing your nature to change the world”
“This consciousness towards climate change is not limited to India only, the global support for the initiative is increasing all over the world”
“Every step taken towards Mission LiFE will become a strong shield for the environment in the times to come

नमस्कार।

विश्व पर्यावरण दिवस पर आप सभी को, देश और दुनिया को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। इस वर्ष के पर्यावरण दिवस की थीम- सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्ति का अभियान है। और मुझे खुशी है कि जो बात विश्व आज कर रहा है, उस पर भारत पिछले 4-5 साल से लगातार काम कर रहा है। 2018 में ही भारत ने सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्ति के लिए दो स्तर पर काम शुरु कर दिया था। हमने एक तरफ, सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर बैन लगाया और दूसरी तरफ Plastic Waste Processing को अनिवार्य किया गया। इस वजह से भारत में करीब 30 लाख टन प्लास्टिक पैकेजिंग की रीसाइकिल कंपलसरी हुई है। ये भारत में पैदा होने वाले कुल सालाना प्लास्टिक वेस्ट का 75 परसेंट है। और आज इसके दायरे में लगभग 10 हज़ार प्रोड्यूसर्स, इंपोर्टर और Brand Owners आ चुके हैं।

साथियों,

आज 21वीं सदी का भारत, क्लाइमेट चेंज और पर्यावरण की रक्षा के लिए बहुत स्पष्ट रोडमैप लेकर चल रहा है। भारत ने Present Requirements और Future Vision का एक Balance बनाया है। हमने एक तरफ गरीब से गरीब को ज़रूरी मदद दी, उसकी आवश्यकताओं को पूर्ण करने का भरसक प्रयास किया, तो दूसरी तरफ भविष्य की ऊर्जा ज़रूरतों को देखते हुए बड़े कदम भी उठाए हैं।

बीते 9 वर्षों के दौरान भारत ने ग्रीन और क्लीन एनर्जी पर अभूतपूर्व फोकस किया है। सोलर पावर हो, LED बल्बों की ज्यादा से ज्यादा घरों में पहुँच बने, जिसने देश के लोगों के, हमारे गरीब और मध्यम वर्ग के पैसे भी बचाए हैं और पर्यावरण की भी रक्षा की है। बिजली का बिल निरंतर कम हुआ है। भारत की लीडरशिप को दुनिया ने इस वैश्विक महामारी के दौरान भी देखा है। इसी Global Pandemic के दौरान भारत ने मिशन ग्रीन हाइड्रोजन शुरु किया है। इसी Global Pandemic के दौरान भारत ने मिट्टी और पानी को केमिकल फर्टिलाइज़र से बचाने के लिए प्राकृतिक खेती नैचुरल फार्मिंग की तरफ बड़े कदम उठाए।

भाइयों और बहनों,

ग्रीन फ्यूचर, ग्रीन इकॉनॉमी के अभियान को जारी रखते हुए, आज दो और योजनाओं की शुरुआत हुई है। बीते 9 सालों में भारत में वेटलैंड्स की, रामसर साइट्स की संख्या में पहले की तुलना में लगभग 3 गुणा बढ़ोतरी हुई है। आज अमृत धरोहर योजना की शुरुआत हुई है। इस योजना के माध्यम से इन रामसर साइट्स का संरक्षण जनभागीदारी से सुनिश्चित होगा। भविष्य में ये रामसर साइट्स इको-टूरिज्म का सेंटर बनेंगी और हज़ारों लोगों के लिए Green Jobs का माध्यम बनेंगी। दूसरी योजना देश की लंबी कोस्टलाइन और वहां रहने वाली आबादी से जुड़ी है। 'मिष्ठी योजना' के माध्यम से देश का मैंग्रूव इकोसिस्टम रिवाइव भी होगा, सुरक्षित भी रहेगा। इससे देश के 9 राज्यों में मैंग्रूव कवर को restore किया जाएगा। इससे समंदर का स्तर बढ़ने और साइक्लोन जैसी आपदाओं से तटीय इलाकों में जीवन और आजीविका के संकट को कम करने में मदद मिलेगी।

साथियों,

World Climate के Protection के लिए ये बहुत जरूरी है कि दुनिया का हर देश निहित स्वार्थों से ऊपर उठकर सोचे। लंबे समय तक दुनिया के बड़े और आधुनिक देशों में विकास का जो मॉडल बना, वो बहुत विरोधाभासी है। इस विकास मॉडल में पर्यावरण को लेकर बस ये सोच थी कि पहले हम अपने देश का विकास कर लें, फिर बाद में पर्यावरण की भी चिंता करेंगे। इससे ऐसे देशों ने विकास के लक्ष्य तो हासिल कर लिए, लेकिन पूरे विश्व के पर्यावरण को उनके विकसित होने की कीमत चुकानी पड़ी। आज भी दुनिया के विकासशील और गरीब देश, कुछ विकसित देशों की गलत नीतियों का नुकसान उठा रहे हैं। दशकों-दशक तक कुछ विकसित देशों के इस रवैये को न कोई टोकने वाला था, न कोई रोकने वाला था, कोई देश नहीं था। मुझे खुशी है कि आज भारत ने ऐसे हर देश के सामने Climate Justice का सवाल उठाया है।

साथियों,

भारत की हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति के दर्शन में ही प्रकृति भी है और प्रगति भी है। इसी प्रेरणा से आज भारत, इकॉनॉमी पर जितना जोर लगाता है, उतना ही ध्यान इकॉलॉजी पर भी देता है। भारत आज अपने इंफ्रास्ट्रक्चर पर अभूतपूर्व इंवेस्ट कर रहा है, तो Environment पर भी उतना ही फोकस है। अगर एक तरफ भारत ने 4G और 5G कनेक्टिविटी का विस्तार किया, तो दूसरी तरफ अपने forest cover को भी बढ़ाया है। एक तरफ भारत ने गरीबों के लिए 4 करोड़ घर बनाए तो वहीं भारत में WildLife और WildLife Sanctuaries की संख्या में भी रिकॉर्ड वृद्धि की। भारत आज एक तरफ जल जीवन मिशन चला रहा है, तो दूसरी तरफ हमने Water Security के लिए 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर तैयार किए है। आज एक तरफ भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है तो वो रीन्यूएबल एनर्जी में टॉप-5 देशों में भी शामिल हुआ है। आज एक तरफ भारत एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट बढ़ा रहा है, तो वहीं पेट्रोल में 20 परसेंट इथेनॉल ब्लेंडिंग के लिए भी अभियान चला रहा है। आज एक तरफ भारत Coalition for Disaster Resilient Infrastructure- CDRI जैसे संगठनों का आधार बना है तो वहीं भारत ने International Big Cat Alliance की भी घोषणा की है। ये Big Cats के संरक्षण की दिशा में बहुत बड़ा कदम है।

साथियों,

मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से बहुत सुखद है कि मिशन LiFE यानि Lifestyle for environment आज पूरे विश्व में एक Public Movement, एक जनआंदोलन बनता जा रहा है। मैंने जब पिछले वर्ष गुजरात के केवड़िया- एकता नगर में मिशन लाइफ को लॉन्च किया था, तो लोगों में एक कौतुहल था। आज ये मिशन, क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए लाइफस्टाइल में परिवर्तन को लेकर एक नई चेतना का संचार कर रहा है। महीना भर पहले ही मिशन LiFE को लेकर एक कैंपेन भी शुरु किया गया। मुझे बताया गया है कि 30 दिन से भी कम समय में इसमें करीब-करीब 2 करोड़ लोग जुड़ चुके हैं। Giving Life to My City, इस भावना के साथ, कहीं रैलियां निकलीं, कहीं क्विज़ कंपीटीशन हुए। लाखों स्कूली बच्चे, उनके शिक्षक, इको-क्लब के माध्यम से इस अभियान से जुड़े। लाखों साथियों ने Reduce, Reuse, Recycle का मंत्र अपने रोज़मर्रा के जीवन में अपनाया है। बदले स्वभाव तो विश्व में बदलाव, यही मिशन लाइफ का मूल सिद्धांत है। मिशन लाइफ, हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए, पूरी मानवता के उज्ज्वल भविष्य के लिए उतना ही जरूरी है।

साथियों,

ये चेतना सिर्फ देश तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया में भारत की इस पहल को लेकर समर्थन बढ़ रहा है। पिछले वर्ष पर्यावरण दिवस पर मैंने विश्व समुदाय से एक और आग्रह किया था। आग्रह ये था कि व्यक्तियों और कम्यूनिटी में climate friendly behavioral change लाने के लिए इनोवेटिव समाधान शेयर करें। ऐसे समाधान, जो measurable हों, scalable हों। ये बहुत खुशी की बात है कि दुनिया भर के लगभग 70 देशों के हज़ारों साथियों ने अपने विचार साझा किए। इनमें स्टूडेंट्स हैं, रिसर्चर हैं, अलग-अलग डोमेन से जुड़े एक्सपर्ट हैं, प्रोफेशनल्स हैं, NGOs हैं और सामान्य नागरिक भी हैं। इनमें से कुछ विशिष्ठ साथियों के आइडियाज़ को थोड़ी देर पहले पुरस्कृत भी किया गया है। मैं सभी पुरस्कार विजेताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

मिशन LiFE की तरफ उठा हर कदम और वही आने वाले समय में पूरे विश्व में पर्यावरण का मजबूत कवच बनेगा। LiFE के लिए थॉट लीडरशिप का संग्रह भी आज जारी किया गया है। मुझे विश्वास है कि ऐसे प्रयासों से ग्रीन ग्रोथ का हमारा प्रण और सशक्त होगा। एक बार फिर सभी को पर्यावरण दिवस की अनेक-अनेक शुभकामनाएँ, हृदय से बहुत-बहुत मंगलकामना।

धन्यवाद!