• ଦେଶର ପ୍ରତ୍ୟେକ ଜିଲାରେ 01.01.2017ରୁ ପିଛିଲା ଭାବେ ଲାଗୁ କରାଯିବ
ଶ୍ରମ ହାନି ପାଇଁ କ୍ଷତିପୂରଣ ବାବଦରେ ପ୍ରଦାନ କରାଯିବ ନଗଦ ଅର୍ଥ
ମାତୃତ୍ୱ ଲାଭ ସୁବିଧା କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମକୁ ଦେଶସାରା ଲାଗୁ କରିବା ପାଇଁ ଥିବା ପୂର୍ବ ପ୍ରସ୍ତାବକୁ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଶ୍ରୀ ନରେନ୍ଦ୍ର ମୋଦୀଙ୍କ ଅଧ୍ୟକ୍ଷତାରେ ଅନୁଷ୍ଠିତ କ୍ୟାବିନେଟ ବୈଠକରେ ପିଛିଲା ଭାବେ ମଂଜୁରୀ ପ୍ରଦାନ କରାଯାଇଛି । ଏହା ବର୍ତ୍ତମାନ ଦେଶର ପ୍ରତ୍ୟେକ ଜିଲାରେ 01.01.2017ରୁ ପିଛିଲା ଭାବେ ଲାଗୁ କରାଯିବ । 31.12.2016ରେ ଦେଶକୁ ସମ୍ବୋଧନ କରି ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ମାତୃତ୍ୱ ଲାଭ ସୁବିଧା କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମକୁ ଦେଶସାରା ଲାଗୁ କରିବାର ଘୋଷଣା କରିଥିଲେ ।
ମାତୃତ୍ୱ ଲାଭ କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମରେ ଶ୍ରମ ହାନି ପାଇଁ କ୍ଷତିପୂରଣ ବାଦରେ ନଗଦ ଅର୍ଥ ପ୍ରଦାନ କରାଯିବ ଯାହାଦ୍ୱାରା ଜଣେ ଗର୍ଭବତୀ ମହିଳା ପ୍ରସବ ପୂର୍ବରୁ ଏବଂ ପରେ ପର୍ଯ୍ୟାପ୍ତ ବିଶ୍ରାମ ମିଳିବା ସହିତ ଉଚିତ ପୋଷଣରୁ ବଂଚିତ ହେବେ ନାହିଁ ।
01.01.2017 ରୁ 31.03.2020 ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଦିଆଯାଇଥିବା ଏହି ପ୍ରସ୍ତାବରେ କେନ୍ଦ୍ର ଏବଂ ରାଜ୍ୟ ସରକାରଙ୍କ ଅଂଶ ମିଶି ମୋଟ 12,661 କୋଟି ଟଙ୍କା ହେବ ବୋଲି ଆକଳନ କରାଯାଇଛି । ଏହି ସମୟ ମଧ୍ୟରେ 7932 କୋଟି ଟଙ୍କା କେନ୍ଦ୍ର ସରକାରଙ୍କ ଅଂଶ ବାବଦକୁ ଦିଆଯିବ ।
ଶ୍ରମ ହାନି କ୍ଷେତ୍ରରେ ନଗଦ ଅର୍ଥ ପ୍ରଦାନ କରାଗଲେ ଜଣେ ଗର୍ଭବତୀ ମହିଳା ନିଜର ପ୍ରଥମ ଶିଶୁର ପ୍ରସବ ପୂର୍ବରୁ ଏବଂ ପରେ ନିଜର ଯତ୍ନ ନେଇପାରିବେ ଏବଂ ଆବଶ୍ୟକୀୟ ବିଶ୍ରାମ କରିପାରିବେ । ପ୍ରଦାନ କରାଯାଉଥିବା ନଗଦ ଅର୍ଥ ପ୍ରୋତ୍ସାହନ ଦ୍ୱାରା ଗର୍ଭବତୀ ମହିଳା ଏବଂ ସ୍ତନପାନ କରାଉଥିବା ମା’ (ପିଡବ୍ଲୁ ଏବଂ ଏଲଏମ) ମଧ୍ୟରେ ଉତମ ସ୍ୱାସ୍ଥ୍ୟ ପାଇଁ ବ୍ୟବହାରିକ ପରିବର୍ତ୍ତନ ଆଣିବ ଯାହା କୁପୋଷଣ ପ୍ରଭାବ ହ୍ରାସ କରିବ ।
ଏହି ଯୋଜନାରେ ଗର୍ଭବତୀ ମହିଳା ଏବଂ ସ୍ତନପାନ କରାଉଥିବା ମା’ ଯେଉଁମାନେ କେନ୍ଦ୍ର ଏବଂ ରାଜ୍ୟ ସରକାର, ସାର୍ବଜନୀନ କ୍ଷେତ୍ରରେ ନିୟମିତ ରୋଜଗାର କରୁଥିବେ କିମ୍ବା ଆଇନଗତ ଭାବେ ସମାନ ସୁବିଧା ପ୍ରାପ୍ତ କରୁଥିବେ, ସେମାନଙ୍କ ବ୍ୟତୀତ ଅନ୍ୟ ସମସ୍ତ ଗର୍ଭବତୀ ମହିଳା ଏବଂ ସ୍ତନପାନ କରାଉଥିବା ମା’ଙ୍କୁ ଉପରୋକ୍ତ ସୁବିଧା ପ୍ରଦାନ କରାଯିବ । ଯୋଜନା ଅନୁଯାୟୀ ଗର୍ଭବତୀ ମହିଳା ଏବଂ ସ୍ତନପାନ କରାଉଥିବା ମା’ଙ୍କୁ ତାଙ୍କ ପ୍ରଥମ ଜୀବନ୍ତ ସନ୍ତାନ ପାଇଁ ତିନୋଟି ପର୍ଯ୍ୟାୟରେ ଏମଡବ୍ଲୁସିଡି ଦ୍ୱାରା 5 ହଜାର ଟଙ୍କା ପ୍ରଦାନ କରାଯିବ । ଏହା ବ୍ୟତୀତ ମାତୃତ୍ୱ ଲାଭ ସୁବିଧା ଅଧିନରେ ବର୍ତମାନର ଅନୁମୋଦନ ଅନୁସାରେ ସଂସ୍ଥାଗତ ପ୍ରସବ ପାଇଁ ଥିବା ଆର୍ଥିକ ସୁବିଧା ପ୍ରଦାନ କରାଯିବ ଯାହାଦ୍ୱାରା ଜଣେ ମହିଳା 6 ହଜାର ଟଙ୍କା ପ୍ରାପ୍ତ କରିବେ ।
ଗର୍ଭବତୀ ମହିଳା ଏବଂ ସ୍ତନ୍ୟପାନ କରାଉଥିବା ଯୋଗ୍ୟ ବିବେଚିତ ମା’ଙ୍କୁ ତିନୋଟି ପର୍ଯ୍ୟାୟରେ 5 ହଜାର ଟଙ୍କା ପ୍ରଦାନ କରାଯିବ । ଗର୍ଭାବସ୍ଥାର ପ୍ରାରମ୍ଭିକ ପଂଜୀକରଣ କରିବା ପରେ ପ୍ରଥମ ପର୍ଯ୍ୟାୟରେ 1 ହଜାର ଟଙ୍କା ଏବଂ ଦ୍ୱିତୀୟ ପର୍ଯ୍ୟାୟରେ ଗର୍ଭଧାରଣର 6 ମାସ ପରେ ପରୀକ୍ଷଣ କଲେ 2 ହଜାର ଟଙ୍କା ପ୍ରଦାନ କରାଯିବ । ଶିଶୁ ଜନ୍ମର ପଞ୍ଜିକରଣ, ଶିଶୁ ଜନ୍ମ ପରେ ବିସିଜି, ଓପିଭି, ଡିପିଟି ଏବଂ ହେପାଟାଇଟିସ-ବି ଏବଂ ବିକଳ୍ପ ବା ସମାନ ଟୀକା ପ୍ରଦାନ କରାଯାଇଥିଲେ ଆଉ 2 ହଜାର ଟଙ୍କା ତୃତୀୟ ପର୍ଯ୍ୟାୟରେ ପ୍ରଦାନ କରାଯିବ । ଏହାବ୍ୟତୀତ ସଂସ୍ଥାଗତ ପ୍ରସବ ପାଇଁ ପ୍ରଚଳିତ ମାତୃତ୍ୱ ଲାଭ ସୁବିଧା ଅଧିନରେ ଥିବା ଆର୍ଥିକ ସହାୟତା ମଧ୍ୟ ପ୍ରାପ୍ତ କରିପାରିବେ ।
ଏହିସବୁ ଅର୍ଥ ଡିବିଟି ମୋଡରେ ଟ୍ରାନ୍ସଫର କରାଯିବ ।
राजस्थान के राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागड़े जी, यहां के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल जी शर्मा, राजस्थान सरकार के मंत्रिगण, सांसदगण, विधायकगण, इंडस्ट्री के साथी, विभिन्न ऐंबेसेडेर्स, दूतावासों के प्रतिनिधि, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।
राजस्थान की विकास यात्रा में, आज एक और अहम दिन है। देश और दुनिया से बड़ी संख्या में डेलीगेट्स, इन्वेस्टर्स यहां पिंक सिटी में पधारे हैं। यहां उद्योग जगत के भी अनेक साथी मौजूद हैं। राइजिंग राजस्थान समिट में आप सभी का अभिनंदन है। मैं राजस्थान की बीजेपी सरकार को इस शानदार आय़ोजन के लिए बधाई दूंगा।
साथियों,
आज दुनिया का हर एक्सपर्ट, हर इन्वेस्टर भारत को लेकर बहुत ही उत्साहित है। Reform-Perform-Transform के मंत्र पर चलते हुए, भारत ने जो विकास किया है, वो हर क्षेत्र में नजर आता है। आजादी के बाद के 7 दशक में भारत दुनिया की ग्यारहवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन पाया था। उसके सामने पिछले 10 वर्ष में भारत 10th largest economy से 5th largest इकोनॉमी बना है। बीते 10 वर्षों में भारत ने अपनी इकोनॉमी का साइज़ करीब-करीब डबल किया है। बीते 10 वर्षों में भारत का एक्सपोर्ट भी करीब-करीब डबल हो गया है। 2014 से पहले के दशक की तुलना में बीते दशक में FDI भी दोगुना से अधिक हुआ है। इस दौरान भारत ने इंफ्रास्ट्रक्चर का खर्च करीब 2 ट्रिलियन रुपए से बढ़ाकर 11 ट्रिलियन तक पहुंचा दिया है।
साथियों,
डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी, डिजिटल डेटा और डिलिवरी की पावर क्या होती है, ये भारत की सफलता से पता चलता है। भारत जैसे डायवर्स देश में, डेमोक्रेसी इतनी फल-फूल रही है, इतनी सशक्त हो रही है, ये अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है। डेमोक्रेटिक रहते हुए, मानवता का कल्याण, ये भारत की फिलॉसॉफी के कोर में है, ये भारत का मूल चरित्र है। आज भारत की जनता, अपने डेमोक्रेटिक हक के माध्यम से भारत में स्टेबल गवर्नमेंट के लिए वोट दे रही है।
साथियों,
भारत के इन पुरातन संस्कारों को हमारी डेमोग्राफी यानि युवाशक्ति आगे बढ़ा रही है। आने वाले अनेक सालों तक भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में रहने वाला है। भारत में युवाओं का सबसे बड़ा पूल होने के साथ ही सबसे बड़ा स्किल्ड युवा वर्ग भी होगा। इसके लिए सरकार, एक के बाद एक कई फैसले ले रही है।
साथियों,
बीते दशक में भारत की युवाशक्ति ने अपने सामर्थ्य में एक और आयाम जोड़ा है। ये नया आयाम है, भारत की टेक पावर, भारत की डेटा पावर। आप सभी जानते हैं कि आज हर सेक्टर में टेक्नोलॉजी का, डेटा का कितना महत्व है। ये सदी टेक ड्रिवन, डेटा ड्रिवेन सदी है। बीते दशक में भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या करीब 4 गुना बढ़ी है। डिजिटल ट्रांजेक्शन्स में तो नए रिकॉर्ड बन रहे हैं, और ये तो अभी शुरुआत है। भारत, दुनिया को डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और डेटा की असली ताकत दिखा रहा है। भारत ने दिखाया है कि कैसे डिजिटल टेक्नोलॉजी का डेमोक्रेटाइजेशन, हर क्षेत्र, हर वर्ग को फायदा पहुंचा रहा है। भारत का UPI, भारत का बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम सिस्टम, GeM, गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस, ONDC- Open Network for Digital Commerce, ऐसे कितने ही प्लेटफॉर्म्स हैं, जो डिजिटल इकोसिस्टम की ताकत को दिखाते हैं। इसका बहुत बड़ा लाभ, और बहुत बड़ा प्रभाव हम यहां राजस्थान में भी देखने जा रहे हैं। मेरा हमेशा से विश्वास रहा है- राज्य के विकास से देश का विकास। जब राजस्थान विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचेगा तो देश को भी नई ऊंचाई मिलेगी।
साथियों,
क्षेत्रफल के हिसाब से राजस्थान, भारत का सबसे बड़ा राज्य है। और राजस्थान के लोगों का दिल भी उतना ही बड़ा है। यहां के लोगों का परिश्रम, उनकी ईमानदारी, कठिन से कठिन लक्ष्य को पाने की इच्छाशक्ति, राष्ट्र प्रथम को सर्वोपरि रखने की भावना, देश के लिए कुछ भी कर गुजरने की प्रेरणा, ये आपको राजस्थान की रज-रज में, कण-कण में दिखाई देती है। आजादी के बाद की सरकारों की प्राथमिकता, ना देश का विकास था, औऱ ना ही देश की विरासत। इसका बहुत बड़ा राजस्थान नुकसान उठा चुका है। लेकिन आज हमारी सरकार विकास भी, विरासत भी इस मंत्र पर चल रही है। औऱ इसका बहुत बड़ा लाभ राजस्थान को हो रहा है।
साथियों,
राजस्थान, राइजिंग तो है ही, Reliable भी है। राजस्थान Receptive भी है और समय के साथ खुद को Refine करना भी जानता है। चुनौतियों से टकराने का नाम है- राजस्थान, नए अवसरों को बनाने का नाम है- राजस्थान। राजस्थान के इस R-Factor में अब एक और पहलू जुड़ चुका है। राजस्थान के लोगों ने यहां भारी बहुमत से बीजेपी की Responsive और Reformist सरकार बनाई है। बहुत ही कम समय में यहां भजन लाल जी और उनकी पूरी टीम ने शानदार काम करके दिखाया है। कुछ ही दिन में राज्य सरकार अपने एक साल भी पूरे करने जा रहा है। भजन लाल जी जिस कुशलता और प्रतिबद्धता के साथ राजस्थान के तेज़ विकास में जुटे हैं, वो प्रशंसनीय है। गरीब कल्याण हो, किसान कल्याण हो, युवाओं के लिए नए अवसरों का निर्माण हो, सड़क, बिजली, पानी के काम हों, राजस्थान में हर प्रकार के विकास, उससे जुड़े हुए सारे कार्य तेज़ी से हो रहे हैं। क्राइम और करप्शन को कंट्रोल करने में जो तत्परता यहां सरकार दिखा रही है, उससे नागरिकों और निवेशकों में नया उत्साह आया है।
साथियों,
राजस्थान के Rise को औऱ ज्यादा फील करने के लिए राजस्थान के Real potential को Realise करना बहुत जरूरी है। राजस्थान के पास natural resources का भंडार है। राजस्थान के पास आधुनिक कनेक्टिविटी का नेटवर्क है, एक समृद्ध विरासत है, एक बहुत बड़ा लैंडमास है और बहुत ही समर्थ युवा शक्ति भी है। यानि रोड से लेकर रेलवेज तक, हॉस्पिटैलिटी से हैंडीक्राफ्ट तक, फार्म से लेकर फोर्ट तक राजस्थान के पास बहुत कुछ है। राजस्थान का ये सामर्थ्य, राज्य को इन्वेस्टमेंट के लिए बहुत ही attractive destination बनाता है। राजस्थान की एक और विशेषता है। राजस्थान में सीखने का गुण है, अपना सामर्थ्य बढ़ाने का गुण है। और इसीलिए तो अब यहाँ रेतीले धोरों में भी पेड़, फलों से लद रहे हैं, जैतून और जेट्रोपा की खेती का काम बढ़ रहा है। जयपुर की ब्लू पॉटरी, प्रतापगढ़ की थेवा ज्वेलरी और भीलवाड़ा का टेक्सटाइल इनोवेशन...इनकी अलग ही शान है। मकराना के मार्बल और कोटा डोरिया की पूरी दुनिया में पहचान है। नागौर में, नागौर के पान मेथी की खुशबू भी निराली है। और आज की बीजेपी सरकार, हर जिले के सामर्थ्य को पहचानते हुए काम कर रही है।
साथियों,
आप भी जानते हैं भारत के खनिज भंडार का बहुत बड़ा हिस्सा राजस्थान में है। यहां जिंक, लेड, कॉपर, मार्बल, लाइमस्टोन, ग्रेनाइट, पोटाश जैसे अनेक मिनरल्स के भंडार हैं। ये आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव हैं। राजस्थान, भारत की एनर्जी सिक्योरिटी में बहुत बड़ा कंट्रीब्यूटर है। भारत ने इस दशक के अंत तक 500 गीगावॉट रीन्युएबल एनर्जी कैपेसिटी बनाने का टारगेट रखा है। इसमें भी राजस्थान बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। भारत के सबसे बड़े सोलर पार्क्स में से अनेक पार्क यहां पर बन रहे हैं।
साथियों,
राजस्थान, दिल्ली और मुंबई जैसे economy के दो बड़े सेंटर्स को जोड़ता है। राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात के पोर्ट्स को, नॉर्दन इंडिया से जोड़ता है। आप देखिए दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का 250 किलोमीटर हिस्सा राजस्थान में है। इससे राजस्थान के अलवर, भरतपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा ऐसे जिलों को बहुत फायदा होगा। Dedicated freight corridor जैसे आधुनिक रेल नेटवर्क का 300 किलोमीटर हिस्सा राजस्थान में है। ये कॉरिडोर, जयपुर, अजमेर, सीकर, नागौर और अलवर जिलों से होकर गुजरता है। कनेक्टिविटी के इतने बड़े प्रोजेक्ट्स का सेंटर होने के कारण राजस्थान निवेश के लिए बेहतरीन डेस्टिनेशन है। खासतौर पर ड्राय पोर्ट्स और लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए तो यहां अपार संभावनाएं हैं। हम यहाँ मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क का विकास कर रहे हैं। यहां लगभग दो दर्जन Sector Specific इंडस्ट्रियल पार्क बनाए जा रहे हैं। दो एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स का निर्माण भी हुआ है। इससे राजस्थान में इंडस्ट्री लगाना आसान होगा, इंडस्ट्रियल कनेक्टिविटी और बेहतर होगी।
साथियों,
भारत के समृद्ध फ्यूचर में हम टूरिज्म का बहुत बड़ा पोटेंशियल देख रहे हैं। भारत में नेचर, कल्चर, एडवेंचर, कॉन्फ्रेंस, डेस्टिनेशन वेडिंग और हैरिटेज टूरिज्म सबके लिए असीम संभावनाएं हैं। राजस्थान, भारत के टूरिज्म मैप का प्रमुख केंद्र है। यहां इतिहास भी है, धरोहरें भी हैं, विशाल मरुभूमि और सुंदर झीलें भी हैं। यहां के गीत-संगीत और खान-पान उसके लिए तो जितना कहे, उतना कम है। Tour, Travel और Hospitality Sector को जो चाहिए, वो सब राजस्थान में है। राजस्थान दुनिया के उन चुनिंदा स्थानों में से एक है, जहां लोग शादी-ब्याह जैसे जीवन के पलों को यादगार बनाने के लिए राजस्थान आना चाहते हैं। राजस्थान में wild life tourism का भी बहुत अधिक स्कोप है। रणथंभौर हो, सरिस्का हो, मुकुंदरा हिल्स हो, केवलादेव हो ऐसे अनेक स्थान हैं, जो वाइल्ड लाइफ को पसंद करने वालों के लिए स्वर्ग हैं। मुझे खुशी है कि राजस्थान सरकार अपने टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स, हैरिटेज सेंटर्स को बेहतर कनेक्टिविटी से जोड़ रही है। भारत सरकार ने लगभग अलग-अलग थीम सर्किट्स से जुड़ी योजनाएं भी शुरू की हैं। 2004 से 2014 के बीच, 10 साल में भारत में 5 करोड़ के आस-पास विदेशी टूरिस्ट आए थे। जबकि, 2014 से 2024 के बीच भारत में 7 करोड़ से ज्यादा विदेशी टूरिस्ट आए हैं, और आप ध्यान दीजिए, इन 10 वर्षों में पूरी दुनिया के तीन-चार साल तो कोरोना से लड़ने में निकल गए थे। कोरोना काल में टूरिज्म ठप्प पड़ा था। इसके बावजूद, भारत में आने वाले टूरिस्ट्स की संख्या इतनी ज्यादा बढ़ी है। भारत ने अनेक देशों के टूरिस्ट्स को ई-वीजा की जो सुविधा दी है, उससे विदेशी मेहमानों को बहुत मदद मिल रही है। भारत में आज डोमेस्टिक टूरिज्म भी नए रिकॉर्ड बना रहा है, उड़ान योजना हो, वंदे भारत ट्रेने हों, प्रसाद स्कीम हो, इन सभी का लाभ राजस्थान को मिल रहा है। भारत के वाइब्रेंट विलेज जैसे कार्यक्रमों से भी राजस्थान को बहुत फायदा हो रहा है। मैंने देशवासियों से वेड इन इंडिया का आह्वान किया है। इसका फायदा भी राजस्थान को होना तय है। राजस्थान में हेरिटेज टूरिज्म, फिल्म टूरिज्म, इको टूरिज्म, रूरल टूरिज्म, बॉर्डर एरिया टूरिज्म इसे बढ़ाने की अथाह संभावनाएं हैं। इन क्षेत्रों में आपका निवेश, राजस्थान के टूरिज्म सेक्टर को ताकत देगा और आपका बिजनेस भी बढ़ाएगा।
साथियों,
आप सभी ग्लोबल सप्लाई और वैल्यू चेन से जुड़ी चुनौतियों से परिचित हैं। आज दुनिया को एक ऐसी अर्थव्यवस्था की ज़रूरत है, जो बड़े से बड़े संकट के दौरान भी मजबूती से चलती रहे, उसमें रुकावटें ना आए। इसके लिए भारत में व्यापक मैन्युफेक्चरिंग बेस का होना बहुत ज़रूरी है। ये सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया की इकोनॉमी के लिए भी आवश्यक है। अपने इसी दायित्व को समझते हुए, भारत ने मैन्युफेक्चरिंग में आत्मनिर्भरता का एक बहुत बड़ा संकल्प लिया है। भारत, अपने मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत low cost manufacturing पर बल दे रहा है। भारत के पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स, भारत की दवाएं और वैक्सीन्स, भारत का इलेट्रॉनिक्स सामान इसमें भारत की रिकॉर्ड मैन्युफेक्चरिंग से दुनिया को बहुत बड़ा फायदा हो रहा है। राजस्थान से भी बीते वर्ष, करीब-करीब चौरासी हज़ार करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट हुआ है, 84 thousand crore rupees। इसमें इंजीनियरिंग गुड्स, जेम्स और ज्वेलरी, टेक्सटाइल्स, हैंडीक्राफ्ट्स, एग्रो फूड प्रोडक्ट्स शामिल हैं।
साथियों,
भारत में मैन्युफेक्चरिंग बढ़ाने में PLI स्कीम का रोल भी लगातार बढ़ता जा रहा है। आज Electronics, Speciality Steel, Automobiles और auto components, Solar PVs, Pharmaceutical drugs...इन सेक्टर्स में बहुत अधिक उत्साह है। PLI स्कीम के कारण करीब सवा लाख करोड़ रुपए का इंवेस्टमेंट आया है, करीब 11 लाख करोड़ रुपए के प्रॉडक्ट बने हैं और एक्सपोर्ट्स में 4 लाख करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है। लाखों युवाओं को नए रोजगार भी मिले हैं। यहां राजस्थान में भी ऑटोमोटिव और ऑटो कॉम्पोनेंट इंडस्ट्री का अच्छा बेस तैयार हो चुका है। यहां इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफेक्चरिंग के लिए बहुत संभावनाएं हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफेक्चरिंग के लिए भी जो ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है, वो भी राजस्थान में उपलब्ध है। मैं सभी निवेशकों से आग्रह करूंगा, इन्वेस्टर्स से आग्रह करूंगा, राजस्थान के मैन्युफेक्चरिंग पोटेंशियल को भी ज़रूर एक्सप्लोर करें।
साथियों,
राइजिंग राजस्थान की बहुत बड़ी ताकत है- MSMEs.. MSMEs के मामले में राजस्थान, भारत के टॉप 5 राज्यों में से एक है। यहां इस समिट में MSMEs पर अलग से एक कॉन्क्लेव भी होने जा रहा है। राजस्थान के 27 लाख से ज्यादा छोटे और लघु उद्योग, लघु उद्योगों में काम करने वाले 50 लाख से ज्यादा लोग, राजस्थान के भाग्य को बदलने का सामर्थ्य रखते हैं। मुझे खुशी है कि राजस्थान में नई सरकार बनते ही कुछ ही समय में नई MSMEs पॉलिसी लेकर आ गई। भारत सरकार भी अपनी नीतियों और निर्णयों से MSMEs को लगातार मजबूत कर रही है। भारत के MSMEs सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि ग्लोबल सप्लाई और वैल्यू चेन को सशक्त करने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। हमने कोरोना के दौरान देखा जब दुनिया में फार्मा से जुड़ी सप्लाई चेन क्राइसिस में आई गई तो भारत के फार्मा सेक्टर ने दुनिया की मदद की। ये इसलिए संभव हुआ क्योंकि भारत का फार्मा सेक्टर बहुत मजबूत है। ऐसे ही हमें भारत को बाकी प्रोडक्ट्स की मैन्युफेक्चरिंग का बहुत स्ट्रॉन्ग बेस बनाना है। और इसमें हमारे MSMEs का बड़ा रोल होने जा रहा है।
साथियों,
हमारी सरकार ने MSMEs की परिभाषा बदली है, ताकि उन्हें ग्रोथ के और अधिक अवसर मिल सकें। केंद्र सरकार ने करीब 5 करोड़ MSMEs को formal economy से जोड़ा है। इससे इन उद्योगों के लिए access to credit आसान हुआ है। हमने एक क्रेडिट गारंटी लिंक्स स्कीम भी बनाई है। इसके तहत छोटे उद्योगों को करीब 7 लाख करोड़ रुपए की मदद दी गई है। बीते दशक में MSMEs के लिए क्रेडिट फ्लो, दो गुना से अधिक बढ़ चुका है। साल 2014 में जहां ये करीब 10 लाख करोड़ रुपए होता था, आज ये 22 लाख करोड़ रुपए से ऊपर जा चुका है। इसका राजस्थान भी बहुत बड़ा लाभार्थी रहा है। MSMEs की ये बढ़ती ताकत, राजस्थान के विकास को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगी।
साथियों,
हम आत्मनिर्भर भारत के नए सफर पर चल चुके हैं। आत्मनिर्भर भारत का अभियान, ये विजन ग्लोबल है और उसका इंपैक्ट भी ग्लोबल है। सरकार के स्तर पर हम, whole of the Government approach के साथ आगे बढ़ रहे हैं। इंडस्ट्रियल ग्रोथ के लिए भी हम हर सेक्टर, हर फैक्टर को एक साथ बढ़ावा दे रहे हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि सबका प्रयास की यही भावना, विकसित राजस्थान बनाएगी, विकसित भारत बनाएगी।
साथियों,
यहां देश और दुनिया से अनेक डेलीगेट्स आए हैं, बहुत सारे साथियों की ये पहली भारत यात्रा होगी, हो सकता है राजस्थान की भी उनकी पहली यात्रा हो। आखिरी में, मैं यही कहूंगा, स्वदेश लौटने से पहले आप राजस्थान को, भारत को ज़रूर एक्सप्लोर करें। राजस्थान के रंग-बिरंगे बाज़ारों का शॉपिंग एक्सपीरियंस, यहां के लोगों की ज़िंदादिली, ये सब कुछ आप कभी भी नहीं भूलेंगे। एक बार फिर सभी निवेशकों को, राइजिंग राजस्थान के संकल्प को, आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
धन्यवाद।