Steps are being taken to double farmers' income by 2022: PM
Our efforts are on modernizing the agriculture sector by incorporating latest technology: PM Modi
Govt is focussing on promoting agricultural technology-based startups: PM Modi

गुजरात के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री विजय रुपाणी जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे साथी श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी, श्री पुरुषोत्तम रुपाला जी, गुजरात के कृषिमंत्री श्री आरसी फाल्दु जी, मंच पर विराजमान अन्य महानुभाव, देश और दुनियाभर से आए वैज्ञानिक गण और मेरे प्यारे किसान बहनों और भाईयों।

महात्मा की धरती पर, महात्मा मंदिर में आप सभी का बहुत-बहुत अभिनंदन है, स्वागत है।

मुझे बताया गया है कि Global Potato Conclave में दुनिया के अनेक देशों से साइंटिस्ट आज इस Conclave में आए हैं, हज़ारों किसान साथी और दूसरे Stakeholders भी इस समारोह में जुटे हैं। अगले तीन दिनों में आप सभी पूरे विश्व के Food और Nutrition की डिमांड से जुड़े हुए महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करने वाले हैं, कुछ नए समाधान निकालने वाले हैं।

इस कॉन्कलेव की खास बात ये भी है कि यहां Potato Conference, Agri Expo और Potato Field Day, तीनों एक साथ हो रहे हैं। मुझे बताया गया है कि करीब 6 हज़ार किसान फील्ड डे के मौके पर सब गुजरात के खेतों में जाने वाले हैं। मैं समझता हूं कि अपने आप में ये प्रशंसनीय प्रयास है।

साथियों, ये भी बहुत अच्छी बात है कि इस बार Potato Conclave दिल्ली से बाहर हो रहा है, हजारों आलू किसानों के बीच हो रहा है। गुजरात में इस कॉन्क्लेव का होना इसलिए भी अहम है क्योंकि, ये राज्य Potato की Productivity के लिहाज़ से देश का पहले नंबर का राज्य है।

साथियों,

गुजरात बीते 2 दशकों में आलू उत्पादन और आलू का एक्सपोर्ट हब बनकर उभरा है। बीते 10-11 साल में जहां भारत का कुल Potato Production करीब 20 प्रतिशत की दर से बढ़ा है, वहीं गुजरात में ये दर 170 प्रतिशत से बढ़ा है

आलू की क्वांटिटी और क्वालिटी में हुई इस वृद्धि का कारण है, बीते 2 दशकों में लिए गए पॉलिसी डिसिजन और सिंचाई की आधुनिक और पर्याप्त सुविधाएं। बेहतर पॉलिसी डिसिजंस के कारण आज देश के बड़े Potato Processing Units आज गुजरात में हैं और ज्यादातर Potato Exporters भी गुजरात बेस्ड हैं। गुजरात में कोल्ड स्टोरेज का एक बड़ा और आधुनिक नेटवर्क है। इनमें से अनेक वर्ल्ड क्लास फैसिलिटीज़ से लैस हैं।

इसके अलावा आज सुजलाम-सुफलाम और सौनी योजना के माध्यम से गुजरात के उन क्षेत्रों में भी सिंचाई की सुविधा पहुंची है, जो कभी सूखे से प्रभावित रहते थे।

सरदार सरोवर डैम के कारण गुजरात का एक बड़ा हिस्सा सिंचाई के दायरे में आ गया। नहरों का इतना व्यापक नेटवर्क बहुत कम समय में तैयार करना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।

सिंचाई में भी साइंटिफिक और टेक्नॉलॉजिकल अप्रोच लगातार सुधार होने लगा है, उसे अपनाया जा रहा है। Per Drop More Crop इस मंत्र की भाव लगातार सुधार होने लगा है, उसे अपनाया जा रहा है। ना पर काम करते हुए माइक्रो इरिगेशन पर फोकस किया गया, Drip या Sprinkler Irrigation को प्रमोट किया गया।

साथियों,

गुजरात के ये प्रयोग बीते 5 वर्ष में पूरे देश के लिए भी किए गए हैं। साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर के हम लगातार आगे बढ़ते गए है और बहुत कुछ Achieve करते गए है। महत्तवपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं किसानों के प्रयास और सरकार की पॉलिसी के कॉम्बिनेशन का ही परिणाम है कि अनेक अनाजों और दूसरे खाने के सामान के उत्पादन में भारत दुनिया के टॉप-3 देशों में है। एक समय में हमारे सामने दाल का संकट आ गया था, लेकिन इस संकट पर भी देश के किसानों ने ठान ली और देश ने विजय पाई है।

साथियों,

खेती को लाभकारी बनाने के लिए सरकार का फोकस खेत से लेकर फूड प्रोसेसिंग और डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर तक एक आधुनिक और व्यापक नेटवर्क खड़ा करने का है। आने वाले 5 वर्षों में सिर्फ सिंचाई और खेती से जुड़े दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं।

इतना ही नहीं, फूड प्रोसेसिंग से जुड़े सेक्टर को प्रमोट करने के लिए केंद्र सरकार ने भी अनेक कदम उठाए हैं। चाहे इस सेक्टर को 100 परसेंट फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट के लिए खोलने का फैसला हो या फिर पीएम किसान संपदा योजना के माध्यम से वैल्यू एडिशन और वैल्यू चेन डेवलपमेंट में मदद, हर स्तर पर कोशिश की जा ही है। इस योजना के तहत बहुत ही कम समय में सैकड़ों करोड़ रुपए के अनेक प्रोजेक्टस देश में पूरे हो चुके हैं।

साथियों,

सरकार का प्रयास है कि खेती की लागत कम हो, किसान का खर्च कम हो। सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से, किसानों के अनेक छोटे खर्चों को पूरा करने में मदद मिली है। अब तक 8 करोड़ किसानों को इसका लाभ दिया जा चुका है। इस महीने के शुरुआत में, एक साथ 6 करोड़ किसानों के बैंक खातों में, 12 हजार करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर करके एक नया रिकॉर्ड भी बनाया गया है।

साथियों,

किसान और उपभोक्ता के बीच के Layers और उपज की बर्बादी को कम करना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए परंपरागत कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है।

किसानोंको ऋण की, टेक्नॉलॉजी की और मार्केट तक एक्सेस आसान हो, इसके लिए Farmer Producer Organizations को प्रमोट किया जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि आने वाले 5 वर्षों में 10 हज़ार नए FPOs तैयार किए जाएं। यही नहीं e-NAM के रूप में एक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट किसानों के बीच में लोकप्रिय हो रहा है।

साथियों,

सरकार का जोर कृषि टेक्नॉलॉजी आधारित स्टार्ट अप्स को प्रमोट करने पर भी हैताकि स्मार्ट और प्रिसिजन एग्रीकल्चर के लिए ज़रूरी किसानों के डेटाबेस और एग्री स्टैक का उपयोग किया जा सके। इससे किसानों को पानी, खाद और कीटनाशकों के उचित उपयोग में मदद मिलेगी। इससे लागत की कम होगी और ग्लोबल मार्केट में भारतीय किसानों की ज्यादा भागीदारी भी सुनिश्चित होगी।

साथियों,

सरकार के ये प्रयास और सफल तभी होंगे, जब आप जैसे साइंटिस्ट, रिसर्चर्स इन Perishable Vegetables को और अधिक सस्टेनेबल बनाने के लिए Affordable Solutions तैयार करें। आने वाले दशकों की चुनौतियों को देखते हुए, Productivity, Affordability और किसानों को उचित दाम मिले, ऐसे समाधान तैयार करने होंगे।

इसके लिए हमें ऐसे बीज भी तैयार करने होंगे जो पानी कम इस्तेमाल करें, जो अधिक पोषक भी हों और उनकी लाइफ और प्रोडक्टिविटी भी ज्यादा हो। हमारा ये प्रयास होना चाहिए कि बीज की कीमत भी कम हो और उससे जुड़ी इनपुट कॉस्ट भी ज्यादा न हो।

इसके साथ-साथ एग्रीकल्चर सेक्टर में आधुनिक बायोटेक्नॉलॉजी, Artificial Intelligence, Block chain, Drone Technology, ऐसी हर नई टेक्नॉलॉजी का कैसे बेहतर उपयोग हो सकता है, इसको लेकर भी आपके सुझाव और समाधान अहम रहेंगे।

साथियों,

आलू की उपयोगिता को देखते हुए, Potato Sub sector को बढ़ावा देने के लिए नई पॉलिसी और रिसर्च एजेंडा बनाने का समय आ गया है। इस पॉलिसी और एजेंडा के मूल में Hunger और Poverty से लड़ाई और ग्लोबल फूड सिक्योरिटी होनी चाहिए।

आप सभी साथी ये करने में सक्षम हैं। ये आप सभी के प्रयासों से ही संभव हुआ है कि 19वीं सदी में आलू की बीमारी के कारण यूरोप और अमेरिका में जो स्थिति बनी, वो दोबारा नहीं आई।

21St Century में भी कोई भूखा और कुपोषित- Malnourished ना रहे,इसकी भी एक बड़ी जिम्मेदारी आप सभी के कंधों पर है चाहे किसान हो] व्यापारी हो] वैज्ञानिक हो] प्रगतिशाली व्यापारी हो] फूड प्रोसेसिंग में काम करता हो हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। मुझे विश्वास है कि आने वाले 3 दिनों में आप इसी दिशा में गंभीर मंथन करेंगे।

एक बार फिर भारत में, गुजरात में पधारने के लिए आप सभी का आभार। मैं कृषि विभाग का भी अभिनंदन करता हूं उन्होनें दिल्ली से बाहर इस समिट को ले गए इतना ही नहीं देश और दुनिया के लोगों को आप खेतों में ले जाने वाले है, किसानों से रूबरू कराने वाले हो यह अपने आप में धरती से जुड़ा हुआ यह कार्यक्रम आने वाले दिनों में कितना सफल होगा इसका मै पूरा-पूरा अंदाज लगा सकता हूं। मैं फिर एक बार गुजरात में आपका स्वागत करते हुए आपका प्रवास मंगल रहे। आप गुजरात की अद्भुत हॉस्पिटेलिटी को एंजॉय करें, गांधी जी से जुड़े स्थानों को विज़िट करें, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की यादें लेकर जाएं, इसी कामना के साथ बहुत-बहुत आभार जैसे व्यक्त करता हूं। जय जवान जय किसान

धन्यवाद !!

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Prime Minister welcomes passage of SHANTI Bill by Parliament
December 18, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has welcomed the passage of the SHANTI Bill by both Houses of Parliament, describing it as a transformational moment for India’s technology landscape.

Expressing gratitude to Members of Parliament for supporting the Bill, the Prime Minister said that it will safely power Artificial Intelligence, enable green manufacturing and deliver a decisive boost to a clean-energy future for the country and the world.

Shri Modi noted that the SHANTI Bill will also open numerous opportunities for the private sector and the youth, adding that this is the ideal time to invest, innovate and build in India.

The Prime Minister wrote on X;

“The passing of the SHANTI Bill by both Houses of Parliament marks a transformational moment for our technology landscape. My gratitude to MPs who have supported its passage. From safely powering AI to enabling green manufacturing, it delivers a decisive boost to a clean-energy future for the country and the world. It also opens numerous opportunities for the private sector and our youth. This is the ideal time to invest, innovate and build in India!”