“ಈ ಹೊಸ 7 ಕಂಪನಿಗಳ ಸೃಷ್ಟಿಯಿಂದ ಡಾ. ಕಲಾಂ ಅವರ ಬಲಿಷ್ಠ ಭಾರತದ ಕನಸಿಗೆ ಬಲ”
“ಈ 7 ಹೊಸ ಕಂಪನಿಗಳಿಂದ ಮುಂಬರುವ ದಿನಗಳಲ್ಲಿ ದೇಶದ ಮಿಲಿಟರಿ ಶಕ್ತಿಗೆ ಭದ್ರ ಬುನಾದಿ”
65,000 ಕೋಟಿಗೂ ಅಧಿಕ ಮೊತ್ತದ ಬೇಡಿಕೆ, ಈ ಕಂಪನಿಗಳಲ್ಲಿ ದೇಶದ ವಿಶ್ವಾಸವೃದ್ಧಿ ಪ್ರತಿಬಿಂಬ
ಇಂದು ರಕ್ಷಣಾ ವಲಯದಲ್ಲಿ ಹಿಂದೆಂದೂ ಇಲ್ಲದಂತಹ ಪಾರದರ್ಶಕತೆ, ವಿಶ್ವಾಸ ಮತ್ತು ತಂತ್ರಜ್ಞಾನ ಆಧಾರಿತ ವಿಧಾನಕ್ಕೆ ಸಾಕ್ಷಿಯಾಗಿದೆ
ಕಳೆ 5 ವರ್ಷಗಳಿಂದೀಚೆಗೆ ನಮ್ಮ ರಕ್ಷಣಾ ರಫ್ತು ಶೇ.325ಷ್ಟು ಹೆಚ್ಚಳ
“ಸ್ಪರ್ಧಾತ್ಮಕ ದರ ನಮ್ಮ ಬಲ, ಗುಣಮಟ್ಟ ಮತ್ತು ವಿಶ್ವಾಸಾರ್ಹತೆ ನಮ್ಮ ಹೆಗ್ಗುರುತು”

नमस्कार!

राष्ट्र रक्षा से जुड़े इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में हमारे साथ जुड़े देश के रक्षामंत्री श्रीमान राजनाथ सिंह जी, राज्य रक्षामंत्री श्रीमान अजय भट्ट जी, रक्षा मंत्रालय के सभी अधिकारीगण, और देश भर से जुड़े सभी साथियों!

अभी दो दिन पूर्व ही नवरात्रि के इस पावन पर्व के दरम्‍यान अष्‍टमी के दिन मुझे देश को एक बहुत ही comprehensive planning को ले करके गति शक्ति इस कार्यक्रम को लॉन्‍च करने का अवसर मिला और आज विजयादशमी के पावन पर्व पर राष्‍ट्र को सशक्‍त बनाने के लिए, राष्‍ट्र को अजेय बनाने के लिए जो लोग दिन-रात खपा रहे हैं उनके सामर्थ्‍य में और अधिक आधुनिकता लाने के लिए एक नई दिशा की ओर चलने का अवसर और वो भी विजयादशमी के पावन पर्व पर, ये अपने-आप में ही शुभ संकेत ले करके आता है। इस कार्यक्रम की शुरुआत भारत की महान परंपरा पर चलते हुए शस्त्र पूजन से की गई है। हम शक्ति को सृजन का माध्यम मानते हैं। इसी भावना के साथ, आज देश अपने सामर्थ्य को बढ़ा रहा है, और आप सब देश के इन संकल्पों के सारथी भी हैं। मैं आप सभी को, और पूरे देश को इस अवसर पर विजया दशमी की पुन: हार्दिक बधाई देता हूँ।

साथियों,

आज ही पूर्व राष्ट्रपति, भारतरत्न, डॉक्टर A. P. J. अब्दुल कलाम जी की जयंती भी है। कलाम साहब ने जिस तरह अपने जीवन को शक्तिशाली भारत के निर्माण के लिए समर्पित किया, ये हम सभी के लिए प्रेरणा है। रक्षा क्षेत्र में आज जो 7 नई कंपनियां उतरने जा रही हैं, वो समर्थ राष्ट्र के उनके संकल्पों को और मजबूती देंगी।

साथियों,

इस वर्ष भारत ने अपनी आजादी के 75वें साल में प्रवेश किया है। आज़ादी के इस अमृतकाल में देश एक नए भविष्य के निर्माण के लिए नए संकल्प ले रहा है। और जो काम दशकों से अटके थे, उन्हें पूरा भी कर रहा है। 41 ऑर्डिनेन्स फैक्ट्रीज़ को नए स्वरूप में किए जाने का निर्णय, 7 नई कंपनियों की ये शुरुआत, देश की इसी संकल्प यात्रा का हिस्सा हैं। ये निर्णय पिछले 15-20 साल से लटका हुआ था। मुझे पूरा भरोसा है कि ये सभी सात कंपनियाँ आने वाले समय में भारत की सैन्य ताकत का एक बहुत बड़ा आधार बनेंगी।

साथियों,

हमारी ऑर्डिनेन्स फैक्ट्रीज़ कभी दुनिया की शक्तिशाली संस्थाओं में गिनी जाती थीं। इन फैक्ट्रीज़ के पास सौ-डेढ़ सौ साल से भी ज्यादा का अनुभव है। विश्व युद्ध के समय भारत की ऑर्डिनेन्स फैक्ट्रीज़ का दम-खम दुनिया ने देखा है। हमारे पास बेहतर संसाधन होते थे, वर्ल्ड क्लास स्किल होता था। आज़ादी के बाद हमें जरूरत थी इन फैक्ट्रीज़ को upgrade करने की, न्यू एजटेक्नोलॉजी को अपनाने की! लेकिन इस पर बहुत ध्यान नहीं दिया गया। समय के साथ, भारत अपनी सामरिक जरूरतों के लिए विदेशों पर निर्भर होता गया। इस स्थिति में परिवर्तन लाने में ये नई 7 डिफेंस कंपनियां बड़ी भूमिका निभाएंगी।

साथियों,

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश का लक्ष्य भारत को अपने दम पर दुनिया की बड़ी सैन्य ताकत बनाने का है, भारत में आधुनिक सैन्य इंडस्ट्री के विकास का है। पिछले सात वर्षों में देश ने 'मेक इन इंडिया' के मंत्र के साथ अपने इस संकल्प को आगे बढ़ाने का काम किया है। आज देश के डिफेंस सेक्टर में जितनी transparency है, trust है, और technology driven approach है, उतनी पहले कभी नहीं थी। आज़ादी के बाद पहली बार हमारे डिफेंस सेक्टर में इतने बड़े reforms हो रहे हैं, अटकाने-लटकाने वाली नीतियों की जगह सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था की गई है। इससे हमारी इंडस्ट्री का कॉन्फ़िडेंस बढ़ा है। हमारी अपनी भारत की कंपनियों ने डिफेंस इंडस्ट्री में भी अपने लिए संभावनाएं तलाशना शुरू किया है, और अब प्राइवेट सेक्टर और सरकार, साथ मिलकर राष्ट्र रक्षा के मिशन में आगे बढ़ रहे हैं।

यूपी और तमिलनाडू के डिफेंस कॉरिडॉर्स का उदाहरण हमारे सामने है। इतने कम समय में बड़ी बड़ी कंपनियों ने मेक इन इंडिया में अपनी रुचि दिखाई है। इससे देश में युवाओं के लिए नए अवसर भी तैयार हो रहे हैं, और सप्लाई चेन के रूप में कई MSMEs के लिए नई संभावनाएं बन रही हैं। देश में जो नीतिगत परिवर्तन किया है, उसका परिणाम है कि पिछले 5 सालों में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट सवा तीन सौ प्रतिशत से भी ज्यादा बढ़ा है।

साथियों,

कुछ समय पहले ही रक्षा मंत्रालय ने ऐसे 100 से ज्यादा सामरिक उपकरणों की लिस्ट जारी की थी जिन्हें अब बाहर से आयात नहीं किया जाएगा। इन नई कंपनियों के लिए भी देश ने अभी से ही 65 हजार करोड़ रुपए के ऑर्डर्स प्लेस किए हैं। ये हमारी डिफेंस इंडस्ट्री में देश के विश्वास को दिखाता है। बढ़ता हुआ विश्‍वास नजर आ रहा है। एक कंपनी ammunition और explosives की जरूरतों को पूरा करेगी, तो दूसरी कंपनी army vehicles manufacture करेगी। इसी तरह, advanced weapons और Equipment हों, troops comfort items हों, optical electronics हों, या पैराशूट्स- हमारा लक्ष्य है कि भारत की एक एक कंपनी न केवल इन क्षेत्रों में expertise हासिल करे, बल्कि एक ग्लोबल ब्रांड भी बनें। Competitive cost हमारी ताकत है, क्वालिटी और reliability हमारी पहचान होनी चाहिए।

साथियों,

मुझे विश्वास है कि इस नई व्यवस्था से, हमारे यहां ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज में जो टैलेंट है, जो कुछ नया करना चाहते हैं, उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए पूरी स्वतंत्रता मिलेगी। जब इस प्रकार के एक्सपर्टीज को innovation का अवसर मिलता है, कुछ कर दिखाने का अवसर मिलता है, तो वो कमाल करके दिखाते हैं। आप अपने एक्सपर्टीज से, जो Products बनाकर दिखाएंगे वो भारत के डिफेंस सेक्टर की क्षमता तो बढ़ाएंगे ही, आजादी के बाद जो एक गैप आ गया था, उसे भी दूर करेंगे।

साथियों,

21वीं सदी में कोई देश हो या कोई कंपनी, उसकी ग्रोथ और ब्रांड वैल्यू उसके रिसर्च और इनोवेशन से तय होती है। सॉफ्टवेयर से लेकर स्पेस सेक्टर तक, भारत की ग्रोथ, भारत की नई पहचान इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इसलिए, मेरा सभी सात कंपनियों से भी विशेष आग्रह है कि रिसर्च और इनोवेशन आपके वर्क कल्चर का हिस्सा होना चाहिए। उसको प्राथमिकता मिलनी चाहिए। आपको केवल दुनिया की बड़ी कंपनियों की बराबरी ही नहीं करनी है, बल्कि फ्यूचर टेक्नोलॉजी में लीड भी लेनी है। इसलिए, ये जरूरी है कि आप नया सोचें, रिसर्च oriented युवाओं को ज्यादा से ज्यादा मौका दें, उन्हें सोचने की पूरी छूट दें। मैं देश के स्टार्टअप्स से भी कहूँगा, इन 7 कंपनियों के जरिए आज देश ने जो नई शुरुआत की है, आप भी इसका हिस्सा बनिए। आपकी रिसर्च, आपके products कैसे इन कंपनियों के साथ मिलकर एक-दूसरे की क्षमताओं से लाभान्वित हो सकते हैं, इस ओर आपको सोचना चाहिए।

साथियों,

सरकार ने सभी कंपनियों को एक बेहतर production environment देने के साथ साथ पूरी functional autonomy भी दी है। इसके साथ ही, ये भी सुनिश्चित किया गया है कि इन फैक्ट्रीज़ के कर्मचारियों के हित पूरी तरह से सुरक्षित रहें। मुझे पूरा भरोसा है कि देश को आपकी expertise का बहुत लाभ होगा, और हम सब मिलकर आत्मनिर्भर भारत के अपने संकल्प को पूरा करेंगे।

इसी भावना के साथ फिर एक बार आप सबको विजयादशमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!

 

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Prime Minister Congratulates Indian Squash Team on World Cup Victory
December 15, 2025

Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Squash Team for creating history by winning their first‑ever World Cup title at the SDAT Squash World Cup 2025.

Shri Modi lauded the exceptional performance of Joshna Chinnappa, Abhay Singh, Velavan Senthil Kumar and Anahat Singh, noting that their dedication, discipline and determination have brought immense pride to the nation. He said that this landmark achievement reflects the growing strength of Indian sports on the global stage.

The Prime Minister added that this victory will inspire countless young athletes across the country and further boost the popularity of squash among India’s youth.

Shri Modi in a post on X said:

“Congratulations to the Indian Squash Team for creating history and winning their first-ever World Cup title at SDAT Squash World Cup 2025!

Joshna Chinnappa, Abhay Singh, Velavan Senthil Kumar and Anahat Singh have displayed tremendous dedication and determination. Their success has made the entire nation proud. This win will also boost the popularity of squash among our youth.

@joshnachinappa

@abhaysinghk98

@Anahat_Singh13”