महिला सशक्तिकरण

Published By : Admin | March 19, 2010 | 17:40 IST

मित्रो

इस आठ मार्च का विश्व महिला दिवस आशा की अनेक किरणें ले कर आया. विधानसभा और लोकसभा में महिलाओं को ३३% आरक्षण फिर से एक बार वोट बैंक की राजनीति का शिकार बनती दिख रही है.

एशिया के देश काफी हद तक भारतीय संस्कृति से प्रभावित रहे है. बंगलादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, भारत, इंडोनेशिया जैसे देश अपने राष्ट्र-प्रधान के रूप में एक महिला को स्वीकार करे ये एक सहज बात है. इतिहास इस बात का साक्षी है.

दूसरी ओर सारी दुनिया को उपदेश देना अपना अधिकार समझने वाले और महिला स्वातंत्र्य के झंडालम्बरदार बन खुद को प्रगतिशील कहलवाने वाले पश्चिम के कई ऐसे देश हैं जो २१ वीं सदी में भी किसी महिला को अपने राष्ट्र-प्रधान के रूप में स्वीकार करने को तैयार नहीं. जबकि अमेरिका जैसा खूब प्रगत कहलाता देश जहाँ लोकतंत्र की स्थापना १७७६ में हुई थी वहां महिलाओं को मतदान का अधिकार प्राप्त करने के लिए लम्बे समय तक संघर्ष करना पडा, शहादत देनी पड़ी, यातनाएं सहनी पड़ी. तब जा कर १९२० में वहां महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला. अमेरिका में १५० वर्षों तक सिर्फ पुरुष ही मताधिकार भोगते रहें.

विकास की तेज़ छलांगों का यह युग है. नारीशक्ति की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने का यह युग है.

गुजरात में नारी सशक्तिकरण के लिए हमने कई प्रगतिशील कदम उठायें है. और उनके अच्छे परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं.

इस LINK के माध्यम से जा कर आप गुजरात में नारीशक्ति के सशक्तिकरण के लिए उठाये कदमों का विस्तारपूर्वक अभ्यास कर सकते हैं.

नारी सशक्तिकरण - विभिन्न पहल - गुजरात मॉडल

https://www.gujaratindia.com/initiatives/initiatives.htm? enc=TEnmkal8rLd9cWRBUEX85lswwfZZ+o8b+w+YfQPy7dU93tk/ rntr0H+OnwOK0bubK2dqUjsldCIiTFIjZdUcWn/ 5YFP5V6WVmXePkMLjY894AEfJwh2EljdTaOZ3IlUvH4W9EGD3L1txLeXBWaeYyQ==

हां, गुजरात के गावों के पुरुषों के मन की बात आपको बताते अत्यंत गर्व का अनुभव होता है. गुजरात में ५० से भी अधिक गाँव ऐसे है जहाँ पुरुषों ने स्त्रियों को चुन के पंचायत में भेजा है. एक भी पुरुष ने वहां उम्मेदवारी नहीं रखी और गाँव का सारा कामकाज महिलाओं के सुपुर्द कर दिया.

गुजरात के ठोस प्रयासों और नाविन्यतापूर्ण कदमों की झलक भी आपको LINK के द्वारा मिल जाएगी.

तो... मिलते रहेंगे.

बातें करते रहेंगे.

 

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आपकी पूंजी, आपका अधिकार
December 10, 2025

कुछ दिन पहले ‘हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट’ में अपनी स्पीच के दौरान, मैंने कुछ चौंकाने वाले आंकड़े रखे थे:

भारतीय बैंकों में हमारे अपने नागरिकों के 78,000 करोड़ रुपये अनक्लेम्ड पड़े हैं।

इंश्योरेंस कंपनियों के पास करीब 14,000 करोड़ रुपये अनक्लेम्ड पड़े हैं।

म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास लगभग 3,000 करोड़ रुपये हैं और 9,000 करोड़ रुपये के डिविडेंड भी अनक्लेम्ड पड़े हैं।

इन बातों ने बहुत से लोगों को चौंका दिया है।

आखिरकार, ये एसेट्स अनगिनत परिवारों की मेहनत से बचाई गई सेविंग और इन्वेस्टमेंट को दिखाते हैं।

इसे ठीक करने के लिए, अक्टूबर 2025 में आपकी पूंजी, आपका अधिकार - Your Money, Your Right पहल शुरू की गई थी।

इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक नागरिक अपने अधिकार के अनुसार अपना हक वापस पा सके।

फंड को ट्रैक करने और क्लेम करने की प्रक्रिया को आसान व पारदर्शी बनाने के लिए, डेडिकेटेड पोर्टल भी बनाए गए हैं। जो इस प्रकार हैं:

• भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) – UDGAM पोर्टल https://udgam.rbi.org.in/unclaimed-deposits/#/login

• भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) – बीमा भरोसा पोर्टल: https://bimabharosa.irdai.gov.in/Home/UnclaimedAmount

• भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI)– MITRA पोर्टल: https://app.mfcentral.com/links/inactive-folios

• कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय, IEPFA पोर्टल: https://www.iepf.gov.in/content/iepf/global/master/Home/Home.html

मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि दिसंबर 2025 तक, पूरे ग्रामीण और शहरी भारत के 477 जिलों में फैसिलिटेशन कैंप लगाए गए हैं। हमारा जोर दूर-दराज के इलाकों को कवर करने पर रहा है।

सरकार, नियामक संस्थाओं, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों सहित सभी हितधारकों की संयुक्त कोशिशों के माध्यम से, करीब 2,000 करोड़ रुपये पहले ही वास्तविक हकदारों को वापस मिल चुके हैं।

लेकिन हम आने वाले दिनों में इस अभियान को और बढ़ाना चाहते हैं। और ऐसा करने के लिए, मैं आपसे इन बातों पर मदद का अनुरोध करता हूँ:

पता कीजिए कि क्या आपके या आपके परिवार के पास कोई अनक्लेम्ड डिपॉजिट, बीमा की रकम, डिविडेंड या इन्वेस्टमेंट हैं।

ऊपर बताए गए पोर्टलों पर जाएं।

अपने जिले में सुविधा कैंप का लाभ उठाएं।

जो आपका है, उसे क्लेम करने के लिए अभी कदम बढ़ाएं और एक भूली हुई फाइनेंशियल संपत्ति को एक नए अवसर में बदलें। आपका पैसा आपका है। आइए, यह सुनिश्चित करें कि यह आपको वापस मिले।

आइए, साथ मिलकर एक पारदर्शी, आर्थिक रूप से सशक्त और समावेशी भारत बनाएं!