मित्रों,
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा नियुक्त विशेष जाँच दल [एसआईटी] के द्वारा रात 1 बजे तक चली मेराथन पूछताछ से आप सब को चिंता होनी स्वाभाविक है।
न्यायप्रणाली का सम्मान करने और सँविधान की सर्वोपरिता के प्रति किसी भी प्रकार की हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए यह बात हमें हमारे आचरण के द्वारा सिद्ध करनी चाहिए। मैनें एक सामान्य नागरिक की तरह ईश्वर को साक्षी मानकर नम्रतापूर्वक ऐसा करने का प्रयास किया है।
आप सभी ने इन विकट क्षणों में भी रात भर जाग कर अपनी भावनाएँ व्यक्त की उसके लिए मैं आपका सहृदय आभारी हूँ।
यह घटना भी मुझे ईश्वर के आशीर्वाद से एक नई शक्ति प्रदान करेगी।
आप सभी का बहुत धन्यवाद।
सार्वजनिक जीवन की अस्पृश्यता के तालीबानी तत्व: मित्रों, आज एक और विषय पर मैं अपनी भावनाएँ आप तक पहुँचाना चाहता हूँ।
श्री अमिताभ बच्चनजी जैसे महान कलाकार, बहुत ही नम्रता एवं भावनापूर्वक गुजरात की अस्मिता की तथा गुजरात के गौरवशाली धरोहर की बात करने के लिए, किसी भी प्रकार के विरोध-विवाद का सामना करने के लिए तैयार होते हैं, यह हमारे लिए प्रेरणादायी घटना है।
परंतु श्री अमिताभ बच्चनजी के इस गुजरात प्रेम के प्रति जो तत्व ना ना प्रकार के विरोध-अवरोध रूपी षड़यंत्र रच रहे हैं, वे इस देश में एक नए प्रकार की अस्पृश्यता के कार्यकर्ता हैं.
पूज्य महात्मा गांधी ने समाज में से अस्पृश्यता निवारण के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन लगा दिया था परंतु गांधीजी की दुहाई देने वाले लोगों ने सार्वजनिक जीवन में अस्पृश्यता के एक नए और विकृत रूप को जन्म दिया है।
श्री अमिताभ बच्चनजी के इस विरोध के पीछे, गुजरात विरोध की यह विकृत अस्पृश्यता प्रगट हो गई है।
“गुजरात विरोध” में अपने होश खो बैठे, ये विकृत अस्पृश्यता के तालीबानी तत्व तो अब भारत में नमक खाने का विरोध करेंगे, “अमूल’ का दूध या मक्खन खाने पर प्रतिबंध लादेंगे, यहाँ तक कि युवाओं के द्वारा डेनिम पहनने पर भी प्रतिबंध लादेंगे – वजह?
क्योंकि, यह सब गुजरात के हैं!?
मित्रों, सार्वजनिक जीवन में ऐसी राजकीय अस्पृश्यता लाने वाले तालीबानी तत्व इस देश का, समाज का तथा मानवता का कितना नुकसान कर रहे हैं, इसका उन्हें अंदाजा नहीं होगा ऐसा मानने के लिए मन तैयार नहीं है –
मित्रों, समय है इस नई प्रकार की राजकीय अस्पृश्यता के जनक इन तालीबानी तत्वों को पहचानने का।
मित्रों, मेरी एक कविता की पंक्ति को उदृत कर, मुझे आज की इस विकृत सार्वजनिक अस्पृश्यता के तालिबानों को इतना तो कहना ही है...
मेरे गुजरात से प्रेम करे वह, मेरी आत्मा मेरे भारत से प्रेम करे वह, मेरा परमात्मा


