इंदौर में रामनवमी दुर्घटना से हुई जनहानि पर शोक प्रकट किया
“यह भारतीय रेलवे के इतिहास में दुर्लभतम उदाहरणों में से एक है कि किसी प्रधानमंत्री ने बहुत ही कम समय में एक ही रेलवे स्टेशन का दो बार दौरा किया है”
“भारत एक नई सोच, नई अप्रोच के साथ काम कर रहा है”
“वंदे भारत रेलगाड़ी भारत की उमंग और तरंग का प्रतीक है, यह हमारे कौशल, आत्मविश्वास एवं क्षमताओं का प्रतिनिधित्व करती है”
“वे वोट बैंक के पुष्टिकरण में जुटे हुए थे, हम देशवासियों के संतुष्टिकरण में समर्पित हैं”
“एक स्टेशन एक उत्पाद के तहत 600 आउटलेट संचालित हो रहे हैं और बहुत कम समय में एक लाख से ज्यादा यात्री खरीदारी कर चुके हैं”
“भारतीय रेल अब देश के सामान्य परिवारों के लिए सहूलियत व सुविधा का पर्याय बनती जा रही है”
“मध्य प्रदेश आज सतत विकास की नई गाथाएं लिख रहा है”
“मध्य प्रदेश की तरक्की का प्रदर्शन विकास के उन अधिकांश पैमानों पर सराहनीय है, जिन पर कभी इस प्रदेश को बीमारू राज्य कहा जाता था”
“भारत के गरीब, भारत का मध्यम वर्ग, भारत के आदिवासी, भारत के दलित-पिछड़े, हर भारतीय आज मेरा सुरक्षा कवच बना है”

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्रीमान मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री भाई शिवराज जी, रेलमंत्री अश्विनी जी, अन्य सभी महानुभाव, और विशाल संख्या में आए हुए भोपाल के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों!

सबसे पहले मैं इंदौर मंदिर में रामनवमी का जो हादसा हुआ, मैं अपना दुख व्यक्त करता हूं। इस हादसे में जो लोग असमय हमें छोड़ गए, उन्हें मैं श्रद्धांजलि देता हूं, उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। जो श्रद्धालु जख्मी हुए हैं, जिनका अस्पताल में इलाज जारी है, मैं उनके जल्द स्वस्थ की भी कामना करता हूं।

साथियों,

आज एमपी को अपनी पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन मिली है। वंदे भारत एक्सप्रेस से भोपाल और दिल्ली के बीच का सफर और तेज़ हो जाएगा। ये ट्रेन प्रोफेशनल्स के लिए, नौजवानों के लिए, कारोबारियों के लिए, नई –नई सुविधा लेकर के आएगी।

साथियों,

ये आयोजन जिस आधुनिक और भव्य रानी कमलापति स्टेशन पर हो रहा है, उसका लोकार्पण करने का सौभाग्य भी आप सबने मुझे दिया था। आज मुझे यहीं से दिल्ली के लिए भारत की आधुनिकतम वंदे भारत ट्रेन को रवाना करने का आपने अवसर दिया है। रेलवे के इतिहास में कभी बहुत कम ऐसा हुआ होगा कि एक ही स्टेशन पर इतने कम अंतराल में किसी प्रधानमंत्री का दोबारा आना हुआ हो। लेकिन आधुनिक भारत में, नई व्यवस्थाएं बन रही हैं, नई परंपराएं बन रही हैं। आज का कार्यक्रम, इसी का भी एक उत्तम उदाहरण है।

साथियों,

अभी यहां मैंने जो यात्री के रूप में हमारे स्कूल के बच्चे जा रहे थे, कुछ पल उनके बीच बिताया, उनसे संवाद भी किया। उनके भीतर इस ट्रेन को लेकर जो उत्सुकता थी, उमंग थी, वो देखने योग्य थी। यानि एक तरह से वंदे भारत ट्रेन, विकसित होते भारत की उमंग और तरंग का प्रतीक है। और आज जब ये कार्यक्रम तय होता था, तो मुझे बताया गया कि 1 तारीख को कार्यक्रम है। मैंने कहा भई 1 अप्रैल को क्यों रखते हो। जब अखबार में खबर आएगी कि 1 अप्रैल को मोदी जी वंदे भारत ट्रेन को झंडी दिखाने वाले हैं तो हमारे कांग्रेस के मित्र जरूर बयान देंगे ये मोदी तो अप्रैल फूल करेगा। लेकिन आप देखते हैं 1 अप्रैल को ही ये ट्रेन चल पड़ी है।

साथियों,

ये हमारे कौशल, हमारे सामर्थ्य, हमारे आत्मविश्वास का भी प्रतीक है। और भोपाल आने वाली ये ट्रेन तो पर्यटन को सबसे ज्यादा मदद करने वाली है। इससे साँची स्तूप, भीमबेटका, भोजपुर और उदयगिरि गुफा जैसे पर्यटन स्थलों में आवाजाही और बढ़ने वाली है। और आपको पता है कि पर्यटन बढ़ता है तो रोजगार के अनेक अवसर बढ़ने लग जाते हैं, लोगों की आय भी बढ़ती है। यानि ये वंदे भारत, लोगों की आय बढ़ाने का भी माध्यम बनेगी, क्षेत्र के विकास का माध्यम भी बनेगी।

साथियों,

21वीं सदी का भारत अब नई सोच, नई अप्रोच के साथ काम कर रहा है। पहले की सरकारें तुष्टिकरण में ही इतना व्यस्त रहीं कि देशवासियों के संतुष्टिकरण पर उनका ध्यान ही नहीं गया। वे वोट बैंक के पुष्टिकरण में जुटे हुए थे। हम देशवासियों के संतुष्टिकरण में समर्पित हैं। पहले की सरकारों में एक और बात पर बड़ा जोर रहा। वो देश के एक ही परिवार को, देश का प्रथम परिवार मानती रहीं। देश के गरीब परिवार, देश के मध्यम वर्गीय परिवार, उन्हें तो उन्होंने अपने हाल पर ही छोड़ दिया था। इन परिवारों की आशाएं, अपेक्षाएं, उन्हें पूछने वाला ही कोई नहीं था। इसका जीता-जागता उदाहरण रही है हमारी भारतीय रेल। भारतीय रेलवे दरअसल सामान्य भारतीय परिवार की सवारी है। माता-पिता, बच्चे, दादा-दादी,नाना-नानी, सबको इकट्ठे जाना हो तो दशकों से लोगों का सबसे बड़ा साधन रेल रही है। क्या सामान्य भारतीय परिवार की इस सवारी को समय के साथ आधुनिक नहीं किया जाना चाहिए था? क्या रेलवे को ऐसे ही बदहाल छोड़ देना सही था?

साथियों,

आजादी के बाद भारत को एक बना-बनाया बहुत बड़ा रेलवे नेटवर्क मिला था। तब की सरकारें चाहतीं तो बहुत तेजी से रेलवे को आधुनिक बना सकती थीं। लेकिन राजनीतिक स्वार्थ के लिए, लोकलुभावन वादों के लिए, रेलवे के विकास को ही बलि चढ़ा दिया गया। हालत तो ये थी आजादी के इतने दशकों बाद भी हमारे नॉर्थ ईस्ट के राज्य, ट्रेन से नहीं जुड़े थे। साल 2014 में जब आपने मुझे सेवा का अवसर दिया, तो मैंने तय किया कि अब ऐसा नहीं होगा, अब रेलवे का कायाकल्प होकर रहेगा। बीते 9 वर्षों में हमारा ये निरंतर प्रयास रहा है कि भारतीय रेल दुनिया का श्रेष्ठ रेल नेटवर्क कैसे बने? साल 2014 से पहले भारतीय रेल को लेकर क्या-क्या खबरें आती थीं, ये आप भलीभांति जानते हैं। इतने बड़े रेल नेटवर्क में जगह-जगह, हजारों मानवरहित फाटक थे। वहां से अक्सर दुर्घटनाओं की खबरें आती थीं। कभी-कभी स्कूल के बच्चों की मौत की खबरें दिल दहला देती थीं। आज ब्रॉडगेज नेटवर्क, मानवरहित फाटकों से मुक्त हो चुका है। पहले ट्रेनों के दुर्घटनाग्रस्त accident होने और जान-माल की हानि की घटनाएं भी आए दिन आती रहती थी। आज भारतीय रेल बहुत अधिक सुरक्षित हुई है। यात्री सुरक्षा को मजबूती देने के लिए रेलवे में मेड इन इंडिया कवच प्रणाली का विस्तार किया जा रहा है।

साथियों,

सुरक्षा सिर्फ हादसों से ही नहीं है, बल्कि अब सफर के दौरान भी अगर किसी यात्री को शिकायत होती है, तो त्वरित कार्रवाई की जाती है। इमरजेंसी की स्थिति में भी बहुत कम समय में सहायता उपलब्ध कराई जाती है। ऐसी व्यवस्था का सबसे अधिक लाभ हमारी बहनों-बेटियों को हुआ है। पहले साफ-सफाई की शिकायतें भी बहुत आती थीं। रेलवे स्टेशनों पर थोड़ी देर रुकना भी सज़ा जैसा लगता था। ऊपर से ट्रेनें कई-कई घंटे लेट चला करती थीं। आज साफ-सफाई भी बेहतर है और ट्रेनों के लेट होने की शिकायतें भी निरतंर कम हो रही हैं। पहले तो स्थिति ये थी, लोगों ने शिकायत करना ही बंद कर दिया था, कोई सुनने वाला ही नहीं था। आपको याद होगा, पहले टिकटों की कालाबाज़ारी तो शिकायतों में सामान्य बात थी। मीडिया में आए दिन, इससे जुड़े स्टिंग ऑपरेशन दिखाए जाते थे। लेकिन आज टेक्नॉलॉजी का उपयोग कर, हमने ऐसी अनेक समस्याओं का समाधान किया है।

साथियों,

आज भारतीय रेलवे, देश के छोटे शिल्पकारों और कारीगरों के उत्पादों को देश के हर कोने तक पहुंचाने का भी बड़ा माध्यम बन रही है। One Station One Product इस योजना के तहत, जिस क्षेत्र में वो स्टेशन है, वहां के प्रसिद्ध कपड़े, कलाकृतियां, पेंटिंग्स, हस्त शिल्प, बर्तन आदि यात्री स्टेशन पर ही खरीद सकते हैं। इसके भी देश में करीब-करीब 600 आउटलेट बनाए जा चुके हैं। मुझे खुशी है कि बहुत ही कम समय में इनसे एक लाख से ज्यादा यात्री खरीदारी कर चुके हैं।

साथियों,

आज भारतीय रेल, देश के सामान्य परिवारों के लिए सुविधा का पर्याय बन रही है। आज देश में अनेकों रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। आज देश के 6 हजार स्टेशनों पर Wifi की सुविधा दी जा रही है। देश के 900 से ज्यादा प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी लगाने का काम पूरा हो चुका है। हमारी ये वंदे भारत एक्सप्रेस तो पूरे देश में, हमारी युवा पीढ़ी में सुपरहिट हो चुकी है। साल भर इन ट्रेनों की सीटें फुल जा रही हैं। देश के हर कोने से वंदे भारत चलाने की मांग की जा रही है। पहले सांसदों की चिट्ठियां आती थीं, तो चिट्ठी क्या आती थीं? सांसद लिखते थे फलानी ट्रेन इस स्टेशन पर रोकने की व्यवस्था हो, अभी दो स्टेशन पर रुकती है, तीन पर रोकने की व्यवस्था हो, यहां रोकी जाए, वहां रोकी जाए यही आता था। आज मुझे गर्व है, मुझे संतोष है जब सांसद चिट्ठी लिखते हैं और मांग करते हैं कि हमारे यहां भी वंदे भारत जल्दी से जल्दी चालू हो।

साथियों,

रेलवे यात्रियों की सुविधाएं बढ़ानें का ये अभियान लगातार बहुत तेज गति से चल रहा है। इस साल के बजट में भी रेलवे को रिकॉर्ड धनराशि दी गई है। एक समय था जब रेलवे के विकास की बात होते ही घाटे की बात की जाती थी। लेकिन अगर विकास की इच्छाशक्ति हो, नीयत साफ हो और निष्ठा पक्की हो तो नए रास्ते भी निकल ही आते हैं। बीते 9 वर्षों में हमने रेलवे के बजट को लगातार बढ़ाया है। मध्य प्रदेश के लिए भी इस बार 13 हजार करोड़ रुपए से अधिक का रेलवे बजट आवंटित किया गया है। जबकि 2014 से पहले मध्य प्रदेश के लिए हर वर्ष औसतन 600 करोड़ रुपया आप बताइये 600 करोड़ रुपये रेलवे बजट था। कहां 600 कहां आज 13 हजार करोड़।

साथियों,

आज रेलवे में कैसे आधुनिकीकरण हो रहा है इसका एक उदाहरण- Electrification का काम भी है। आज आप आए दिन सुन रहे हैं कि देश के किसी ना किसी हिस्से में रेलवे नेटवर्क का शत-प्रतिशत बिजलीकरण हो चुका है। जिन 11 राज्यों में शत-प्रतिशत बिजलीकरण हो चुका है, उसमें मध्य प्रदेश भी शामिल है। 2014 से पहले हर साल average 600 किलोमीटर रेलवे रूट का Electrification होता था। अब हर साल औसतन 6000 किलोमीटर का Electrification हो रहा है। ये है हमारी सरकार के काम करने की रफ्तार।

साथियों,

मुझे खुशी है, मध्य प्रदेश आज पुराने दिनों को पीछे छोड़ चुका है। अब मध्य प्रदेश निरंतर विकास की नई गाथा लिख रहा है। खेती हो या फिर उद्योग, आज MP का सामर्थ्य, भारत के सामर्थ्य को विस्तार दे रहा है। विकास के जिन पैमानों पर कभी मध्य प्रदेश को बीमारू कहा जाता था, उनमें से अधिकतर में एमपी का प्रदर्शन प्रशंसनीय है। आज MP गरीबों के घर बनाने में अग्रणी राज्यों में है। हर घर जल पहुंचाने के लिए भी, मध्य प्रदेश अच्छा काम कर रहा है। गेहूं सहित अनेक फसलों के उत्पादन में भी हमारे मध्य प्रदेश के किसान नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। उद्योगों के मामले में भी अब ये राज्य निरंतर नए कीर्तिमानों की तरफ बढ़ रहा है। इन सब प्रयासों से यहां युवाओं के लिए अनंत अवसरों की संभावनाएं भी बन रही हैं।

साथियों,

देश में विकास के लिए हो रहे इन प्रयासों के बीच, आप सभी देशवासियों को एक और बात की ओर भी ध्यान खींचवाना चाहता हूं। हमारे देश में कुछ लोग हैं जो 2014 के बाद से ही, ये ठानकर बैठे हैं और पब्लिकली बोले भी हैं और उन्होंने अपना संकल्प घोषित किया है, क्या किया है – उन्होंने अपना संकल्प घोषित किया है। हम मोदी की छवि को धूमिल करके रहेंगे। इसके लिए इन लोगों ने भांति-भांति के लोगों को सुपारी दे रखी है और खुद भी मोर्चा संभाले हुए हैं। इन लोगों का साथ देने के लिए कुछ लोग देश के भीतर हैं और कुछ देश के बाहर भी बैठकर अपना काम कर रहे हैं। ये लोग लगातार कोशिश करते रहे हैं कि किसी तरह मोदी की Image को धूमिल कर दें। लेकिन आज भारत के गरीब, भारत का मध्यम वर्ग, भारत के आदिवासी, भारत के दलित-पिछड़े, हर भारतीय आज मोदी का सुरक्षा कवच बना हुआ है। और इसीलिए ये लोग बौखला गए हैं। ये लोग नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। 2014 में उन्होंने मोदी की इमेज, मोदी की छवि धूमिल करने का संकल्प लिया। अब इन लोगों ने संकल्प ले लिया है- मोदी तेरी कब्र खुदेगी। इनकी साजिशों के बीच, आपको, हर देशवासी को, देश के विकास पर ध्यान देना है, राष्ट्र निर्माण पर ध्यान देना है। हमें विकसित भारत में मध्य प्रदेश की भूमिका को और बढ़ाना है। ये नई वंदे भारत एक्सप्रेस इसी संकल्प का ही एक हिस्सा है। एक बार फिर मध्यप्रदेश के सभी नागरिक भाइयों-बहनों को, भोपाल के नागरिक भाई-बहनों को इस आधुनिक ट्रेन के लिए बहुत-बहुत बधाई। हम सभी का सफर मंगलमय हो, इसी शुभकामना के साथ बहुत-बहुत धन्यवाद।

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PM Modi greets the people of Meghalaya on Statehood day
January 21, 2025

The Prime Minister Shri Narendra Modi today greeted the people of Meghalaya on its Statehood day.

He wrote in a post on X:

“On Meghalaya’s Statehood Day, I convey my best wishes to the people of the state. Meghalaya is admired for its natural beauty and the industrious nature of the people. Praying for the continuous development of the state in the times to come.”