‘केंद्र सरकार सभी प्रकार की सहायता और राहत कार्यों के लिए राज्य सरकार के साथ खड़ी है’
श्री नरेन्द्र मोदी ने केरल के वायनाड में भूस्खलन प्रभावित इलाकों का दौरा और निरीक्षण किया

आदरणीय मुख्यमंत्री जी, गवर्नर श्री, केंद्र सरकार में मेरे साथी मंत्री और इसी धरती की संतान सुरेश गोपी जी! जब से मैंने इस आपदा के विषय में सुना, तब से मैं लगातार यहां संपर्क में रहा हूं। पल-पल की जानकारी भी लेता रहा हूं और केंद्र सरकार के जितने भी अंग हैं, जो भी इस स्थिति में मदद रूप हो सकते हैं, उसको तुरंत मोबेलाइज करना और हम सब मिल करके इस भीषण आपदा में हमारे जो परिवारजन इस समस्या में घिरे थे, उनकी सहायता करना।

ये त्रासदी सामान्‍य नहीं है, सैकड़ों परिवारों के सपने उजड़ गए हैं। और प्रकृति ने जो अपना रौद्र रूप दिखाया, मैंने वहां जा करके परिस्थिति को देखा है। मैं रिलीफ कैंप में भी कई पीड़ित परिवारों से मिला हूं, जिन्होंने actually उस समय जो देखा और जो झेला उसका विस्तार से पूरा विवरण मैंने उनसे सुना है। मैं अस्पताल में भी उन सभी मरीजों से मिला हूं, जो इस आपदा के कारण अनेक प्रकार की चोट के कारण बहुत ही मुसीबत का समय बिता रहे हैं।

ऐसे संकट के समय, जब हम साथ मिल करके काम करते हैं तो‍ कितना उत्तम परिणाम मिलता है। उसी दिन सुबह ही मैंने माननीय मुख्‍यमंत्री जी से बात की थी और मैंने कहा था कि हम हर प्रकार की व्‍यवस्‍था को मोबेलाइज कर रहे हैं और जितना जल्‍दी पहुंच सकते हैं, पहुंचते हैं। मैंने हमारे एक MoS को भी तुरंत यहां भेजा था। चाहे एसडीआरएफ के लोग हों, एनडीआरएफ के लोग हों, सेना के लोग हों, पुलिस के जवान हों, स्‍थानीय मेडिकल के लोग हों या यहाँ के NGO’s हों, सेवा भावी संस्‍थाएं हों, हर किसी ने बिना रुके तुरंत ही आपदा प्रभावित लोगों की मदद के लिए पहुंचने का प्रयास किया। जिन परिजनों ने अपने स्‍वजन खोए हैं, उसकी पूर्ति करना तो हम मनुष्‍य के लिए संभव नहीं है, लेकिन उनका भावी जीवन, उनके सपने चूर-चूर न हो जाएं, ये हम सबका सामूहिक दायित्‍व है और भारत सरकार और देश इस संकट की घड़ी में यहां के पीड़ितों के साथ है।

सरकार को जो कल मैंने हमारे इंटरनल मिनिस्‍टर्स की जो कॉर्डिनेशन की टीम थी, उनको भी यहां भेजा था। वो कल माननीय मुख्‍यमंत्री जी से मिले थे, यहाँ के अधिकारियों से मिले थे और वो भी सारी चीजों को देख करके गए हैं। और जैसा माननीय मुख्‍यमंत्री जी ने मुझे बताया है वो एक पूरा डिटेल में memorandum भेजेंगे। और मैं विश्‍वास दिलाता हूं इन परिजनों को भी कि वो अकेले नहीं हैं। इस दु:ख की घड़ी में चाहे राज्‍य सरकार हो, केंद्र सरकार हो या देश के जन-जन नागरिक हों, हम सब इस संकट की घड़ी में उनके साथ हैं।

सरकार ने जो नीति-नियमों के तहत जो आपदा प्रबंधन के लिए राशि भेजते हैं, उसका काफी हिस्‍सा पहले ही दिया हुआ है, और भी हिस्‍सा हमने तुरंत रिलीज किया है। और जैसे ही memorandum आएगा, तो बहुत ही उदारतापूर्वक इन सारी समस्याओं के समाधान के लिए केरल सरकार के साथ भारत सरकार खड़ी रहेगी। और मैं नहीं मानता हूं कि धन के अभाव में यहां कोई काम रुकेगा।

जहां तक जनहानि हुई है, हमारे लिए इन परिजनों को फिर से एक बार, क्योंकि छोटे बच्चे हैं, परिवार में सब कुछ खो चुके हैं। इनके लिए एक लंबे समय की योजना हम लोगों को बनानी होगी। मैं आशा करता हूं कि राज्‍य सरकार उस पर भी विस्तार से काम करेगी और इसमें भी जो कुछ भारत सरकार अपना हाथ बंटा सकती है, वो बंटाएगी।

लेकिन मैंने जैसा अभी मुख्‍यमंत्री जी बता रहे थे, मैंने एक ऐसी आपदा को बहुत निकट से देखा हुआ है, अनुभव किया हुआ है। 1979 में, आज से 40-45 साल पहले की बात है। गुजरात में, मोरबी में एक डैम था और भारी बारिश हुई और डैम पूरा नष्‍ट हो गया। और आप कल्‍पना करें वो डैम बहुत बड़ा था मच्छु। तो पूरा पानी और मोरबी एक शहर है, उसमें घुस गया और 10-10, 12-12 फीट पानी था पूरे शहर में। ढाई हजार से ज्‍यादा लोगों की उसमें मृत्‍यु हुई थी। और वो भी मिट्टी का डैम था तो पूरी मिट्टी पूरे हर घर में यानी उसको मैं करीब छह महीने वहां रहा था, वॉलियंटर के रूप में उस समय मैं काम करता था। और मैंने Mud के बीच जो समस्‍याएं पैदा कैसी होती हैं, उसमें किस तरह से मुसीबतें झेलनी पड़ती हैं, उनको बराबर मैंने उसको क्‍योंकि वॉलियंटर के रूप में मैंने काम किया है तो मुझे पता है। तो मैं भी अंदाज कर सकता हूं कि जिस समय ये परिवार के परिवार mud में बह रहे होंगे, तब कितनी बड़ी कठिन परिस्थिति रही होगी। और उसमें भी जब कुछ लोग जान बचा करके निकले हैं, उनको देख करके लग रहा है कि ईश्‍वर ने कैसे उन पर कृपा की उनको बचा लिया।

तो मैं इस परिस्थिति का भली-भांति अनुमान लगा सकता हूं और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि देश और भारत सरकार कोई भी कसर नहीं छोड़ेगी। जैसे ही डिटेल आपकी आएगी, चाहे आवास की बात हो, चाहे स्‍कूल बनाने की बात हो, चाहे रोड के इंफ्रास्ट्रक्चर का काम हो, इन बच्‍चों के भविष्‍य के लिए कुछ व्‍यवस्‍थाएं करने की बात हो, जैसे ही डिटेल बन करके आपकी तरफ से आएगी, हमारी तरफ से पूरा सहयोग रहेगा, ये मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं। और मैंने स्वयं ने, मन मेरा भारी था, क्‍योंकि लेकिन मैं नहीं चाहता था कि मेरे आने के कारण यहां के रेस्क्यू ऑपरेशन और रिलीफ़ एक्टिविटी में कोई रुकावटें हों।

लेकिन आज मैंने पूरे विस्तार से सारी चीजों को देखा है और जब फर्स्ट टाइम इंफॉर्मेशन होती है तो निर्णय करने की भी सुविधा रहती है। और मैं आपको फिर से एक बार विश्वास दिलाता हूं, मुख्यमंत्री जी की जैसी अपेक्षाएं हैं, वो सारी अपेक्षाओं को पूरा करने में भारत सरकार पूरा प्रयास करेगी।

धन्यवाद!

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शीर्ष सेमीकंडक्टर कंपनियों के सीईओ ने ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश में आयोजित सेमीकॉन इंडिया 2024 में भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की
September 11, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो मार्ट में सेमीकॉन इंडिया 2024 का उद्घाटन किया। 'शेपिंग द सेमीकंडक्टर फ्यूचर' थीम के साथ सेमीकॉन इंडिया 2024 का आयोजन 11 से 13 सितंबर तक किया जा रहा है। यह तीन दिवसीय सम्मेलन भारत की सेमीकंडक्टर रणनीति और नीतियों को विश्व के सामने प्रदर्शित करता है, जो सेमीकंडक्टर के लिए भारत को एक वैश्विक केंद्र बनाने की परिकल्पना करता है। इस सम्मेलन में विश्वस्तर के सेमीकंडक्टर दिग्गजों का शीर्ष नेतृत्व भाग ले रहा है, जो सेमीकंडक्टर उद्योग से जुड़े वैश्विक नेताओं, कंपनियों और विशेषज्ञों को एक मंच पर साथ लाएगा। सम्मेलन में 250 से अधिक प्रदर्शक और 150 वक्ता भी भाग ले रहे हैं।

एसईएमआई के सीईओ श्री अजीत मनोचा ने सेमीकॉन इंडिया 2024 में मिले स्वागत की भरपूर सराहना की और अपने अनुभव को, ‘अभूतपूर्व’ और ‘तेज़ी से महत्वपूर्ण होते’, दो प्रमुख शब्दों में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि अभूतपूर्व स्तर पर हो रहे इस कार्यक्रम में दुनिया भर के 100 से अधिक सीईओ और सीएक्सओ एक साथ एक मंच पर है, जो सेमीकंडक्टर्स के लिए संपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक आपूर्ति श्रृंखला का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि ये, देश, दुनिया, उद्योग और मानवता के हितों के लिए एक सेमीकंडक्टर हब बनाने की दिशा में भारत का विश्वसनीय भागीदार बनेगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत में विकास के अद्वितीय मॉडल का उल्लेख करते हुए श्री मनोचा ने कहा कि सेमीकंडक्टर उद्योग, दुनिया के हर उद्योग के लिए मूलभूत है, खासकर मानवता के लिए। उन्होंने भारत के 1.4 अरब लोगों और दुनिया के 8 अरब लोगों के लिए काम करने का भरोसा जताया।

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के अध्यक्ष और सीईओ डॉ. रणधीर ठाकुर ने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को मुमकिन बनाने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और सेमीकंडक्टर उद्योग को भारत तक लाने के उनके दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने इस वर्ष 13 मार्च को धोलेरा में भारत के पहले वाणिज्यिक फैब और असम के जागीरोड में भारत के पहले स्वदेशी ओसैट कारखाने की आधारशिला रखने के अवसर को याद किया और कहा कि दोनों परियोजनाओं को रिकॉर्ड समय में सरकार से मंजूरी मिली है। उन्होंने इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन द्वारा प्रदर्शित सहयोग और उत्कृष्ट से-डू अनुपात को श्रेय दिया, जो प्रधानमंत्री के, कार्यों को तात्कालिकता की भावना के साथ संचालित करने के संदेश के अनुरूप है।

चिपमेकिंग के लिए महत्वपूर्ण 11 आवश्यक क्षेत्रों पर प्रकाश डालते हुए डॉ. ठाकुर ने कहा कि सरकार के प्रयासों की वजह से ये सभी क्षेत्र यहां सेमिकॉन 2024 में एक ही मंच पर मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में विकास के लिए, सभी क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के बीच महत्वपूर्ण साझेदारी, प्रधानमंत्री की वैश्विक पहुंच और भारत के सेमीकंडक्टर मिशन पर दिए गए खास ध्यान की वजह से ही स्थापित हो पाई है। उन्होंने प्रधानमंत्री को आश्वासन दिया कि सेमीकंडक्टर उद्योग, विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण का आधार बनेगा और इसका रोजगार सृजन पर भी बहुस्तरीय प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने भारत के सेमीकंडक्टर स्वप्न को वास्तविकता में बदलने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व और उनके दृष्टिकोण को श्रेय दिया और प्रधानमंत्री के वक्तव्य को दोहराते हुए कहा, "यही सही समय है" ।

एनएक्सपी सेमीकंडक्टर्स के सीईओ श्री कर्ट सीवर्स ने सेमीकॉन 2024 का हिस्सा बनने के लिए अपनी खुशी जताते हुए कहा कि यह कार्यक्रम भारत के लिए एक परिवर्तनकारी यात्रा का प्रतीक है। सफलता के तीन गुणों, महत्वाकांक्षा, विश्वास और सहयोग पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि सेमीकॉन जैसा आयोजन, सहयोग की शुरुआत का प्रतीक है। उन्होंने भारत में तेज़ी से आ रहे बदलावों पर ज़ोर देते हुए कहा कि भारत में न केवल दुनिया के लिए, बल्कि देश के लिए भी काम किया जा रहा है। उन्होंने सेमीकंडक्टर उद्योग के अन्य क्षेत्रों पर पड़ने वाले कई स्तरीय प्रभावों का भी ज़िक्र किया और कहा इससे भारत को अगले कुछ वर्षों में एक अत्यंत शक्तिशाली अर्थव्यवस्था बनने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने बताया कि एनएक्सपी, शोध और विकास कार्यों में एक अरब डॉलर से अधिक के प्रयास कर रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री को नवाचार, लोकतंत्र और विश्वास के तीन तत्वों को इस यात्रा में शामिल करने के लिए धन्यवाद दिया, क्योंकि इस क्षेत्र में लंबे समय तक काम करने के लिए ये तत्व बेहद ज़रुरी है।

रेनेनास के सीईओ श्री हिदेतोशी शिबाता ने प्रधानमंत्री को सेमिकॉन इंडिया 2024 में इस सफल और यादगार कार्यक्रम के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस तरह के एक प्रसिद्ध संस्थान के साथ साझेदारी करना और और गुजरात में भारत की पहली असेंबली ईकाई और परीक्षण सुविधाओं की स्थापना करना, उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने बताया कि एक पायलट लाइन का निर्माण पहले से ही चल रहा है। उन्होंने बैंगलोर, हैदराबाद और नोएडा में गतिविधियों और परिचालन उपस्थिति के विस्तार के बारे में भी बात की। उन्होंने अगले साल तक भारत में कर्मचारियों की संख्या भी दोगुनी करने का ज़िक्र किया ताकि भारतीय और वैश्विक बाजार के लिए मूल्य वर्धित उन्नत किस्म की सेमीकंडक्टर डिजाइन गतिविधियों को, अधिक से अधिक बनाया जा सके। उन्होंने प्रधानमंत्री के लक्ष्य को मूर्तरुप देने के लिए सेमीकंडक्टर तकनीक को भारत में लाने के सफर को लेकर अपनी खुशी ज़ाहिर की।

आईएमईसी के सीईओ श्री लूक वैन डेन होव ने प्रधानमंत्री को सेमीकॉन 2024 के लिए बधाई दी और कहा कि उनका दृष्टिकोण और नेतृत्व, सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा देने के लिए भारत को एक स्पष्ट मार्ग दिखा रहा है। दीर्घकालिक शोध और विकास की रणनीति स्थापित करने और निवेश करने के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए श्री होव ने कहा कि यह उद्योग के लिए बेहद ज़रुरी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आईएमईसी प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजनाओं को समर्थन देने के लिए एक मजबूत और रणनीतिक साझेदारी करने के लिए तैयार है। एक विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला की ज़रुरत को रेखांकित करते हुए श्री होव ने कहा, "दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र से बेहतर, भरोसेमंद भागीदार कौन हो सकता है"।