"वर्षों से, आप मेरे परिवार का एक हिस्सा रहे हैं"
"दिवाली आतंक के अंत का त्योहार है"
"जिस भारत का हम सम्मान करते हैं वह सिर्फ एक भौगोलिक क्षेत्र नहीं है बल्कि एक जीवंत भाव है, एक निरंतर चेतना है, एक अमर अस्तित्व है"
“आप सरहद पर ढाल बनकर खड़े हैं जबकि देश के भीतर भी दुश्मनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है”
"मैं अपने सशस्त्र बलों की प्रशंसा करता हूं, जिन्होंने तय किया है कि 400 से अधिक रक्षा उपकरण अब विदेशों से नहीं खरीदे जाएंगे, और अब भारत में ही बनाए जाएंगे"
"हम देश की सैन्य शक्ति को नई चुनौतियों, नए तरीकों और राष्ट्रीय रक्षा की बदलती आवश्यकताओं के अनुसार तैयार कर रहे हैं"
सशस्त्र बलों के साथ दिवाली मनाने की अपनी परंपरा को कायम रखते हुए, प्रधानमंत्री ने यह दिवाली कारगिल में सशस्त्र बलों के साथ मनाई।

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

पराक्रम और शौर्य से सिंचित कारगिल की इस मिट्टी को नमन करने का भाव मुझे बार बार अपने वीर बेटे-बेटियों के बीच खींच लाता है। मेरे लिए तो, वर्षों-वर्ष से मेरा परिवार आप सब ही हैं। मेरी दीपावली की मिठास आपके बीच बढ़ जाती है, मेरी दीपावाली का प्रकाश आपके बीच है और अगली दिवाली तक मेरा पथ प्रशस्त करता है। मेरी दीपावाली का उल्लास आपके पास है, मेरी उमंग आपके साथ है। मेरा सौभाग्य है, मुझे बरसों से दिवाली आपके बीच बॉर्डर पर आकर मनाने का अवसर मिल रहा है। एक ओर देश की संप्रभु सीमा, और दूसरी ओर उसके समर्पित सिपाही! एक ओर मातृभूमि की ममतामयी मिट्टी और दूसरी ओर उसे चन्दन बनाकर माथे पर लगाने वाले आप सब मेरे वीर जवान साथी, जांबाज नौजवान! इससे बेहतर दिवाली मुझे और कहाँ नसीब हो सकती है? और हम civilian लोगों की दिवाली, हमारी आतिशबाज़ी और कहां आपकी आतिशबाज़ी, आपकी तो आतिशबाज़ी ही अलग होती है। आपके धमाके भी अलग होते हैं।

 

साथियों,

शौर्य की अप्रतिम गाथाओं के साथ ही, हमारी परंपरा, मधुरता और मिठास की भी है। इसलिए, भारत अपने त्योहारों को प्रेम के साथ मनाता है। पूरी दुनिया को उसमें शामिल करके मनाता है। आज, कारगिल की इस विजय भूमि से, आप सब जवानों के बीच से मैं सभी देशवासियों को, और पूरे विश्व को दीपावली की हार्दिक बधाई देता हूँ। पाकिस्तान के साथ एक भी लड़ाई ऐसी नहीं हुई है जहां कारगिल ने विजय ध्वज न फहराया हो। आज के वैश्विक परिदृश्य में प्रकाश का ये पर्व पूरे विश्व के लिए शांति का पथ-प्रदर्शन करे, ये भारत की कामना है।

 

साथियों,

दिवाली का अर्थ है, आतंक के अंत के साथ उत्सव! आतंक के अंत का उत्सव! यही कारगिल ने भी किया था। कारगिल में हमारी सेना ने आतंक के फन को कुचला था, और देश में जीत की ऐसी दिवाली मनी थी, ऐसी दिवाली मनी थी कि लोग आज भी याद करते हैं। मेरा ये सौभाग्य रहा है, मैं उस जीत का भी साक्षी बना था, और मैंने उस युद्ध को भी करीब से देखा था। मैं हमारे अधिकारियों का आभारी हूं कि यहां आते ही मुझे कई साल पुरानी मेरी वो तस्वीरें दिखायी जो पल मैं आपके बीच में बिताता था। मेरे लिए वो पल बड़े भावुक थे, जब मैं वो फोटो देख रहा था और मैं आप सबका बहुत आभारी हूं कि आपने मुझे यादों के अंदर वीर जवानों के बीच में बीते हुए मेरे पल को फिर से आपने मुझे याद करा दिया, मैं आपका बहुत आभारी हूं। जब हमारे जवान कारगिल युद्ध में दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दे रहे थे, तब मुझे उनके बीच आने का सौभाग्य मिला था। देश के एक सामान्य नागरिक के रूप में मेरा कर्तव्य पथ, मुझे रणभूमि तक ले आया था। देश ने अपने सैनिकों की सेवा के लिए जो भी छोटी-मोटी राहत सामग्री भेजी थी। हम उसे लेकर यहां पहुंचे थे। हम तो सिर्फ उससे पुण्य कमा रहे थे क्योंकि देव भक्ति तो करते हैं, वो पल देशभक्ति के रंग से रंगे हुए आपका पूजन का मेरे लिए वो पल था। उस समय की कितनी ही यादें हैं, जो मैं कभी भूल नहीं सकता। ऐसा लगता था, चारों दिशाओं में विजय का जयघोष है, जयघोष है, जयघोष है। हर मन का आह्वान था- मन समर्पित, तन समर्पित। और यह जीवन समर्पित। चाहता हूँ देश की धरती तुझे कुछ और भी दूं!

 

साथियों,

हम जिस राष्ट्र की आराधना करते हैं, हमारा वो भारत केवल एक भौगोलिक भूखंड मात्र नहीं है। हमारा भारत एक जीवंत विभूति है, एक चिरंतर चेतना है, एक अमर अस्तित्व है। जब हम भारत कहते हैं, तो सामने शाश्वत संस्कृति का चित्र उभर जाता है। जब हम भारत कहते हैं, तो सामने वीरता की विरासत उठ खड़ी होती है। जब हम भारत कहते हैं, तो सामने पराक्रम की परिपाटी प्रखर हो उठती है। ये एक ऐसी अजस्र धारा है, जो एक ओर गगनचुंबी हिमालय से प्रस्फुटित होती है तो दूसरी ओर हिन्द महासागर में समाहित होती है। अतीत में असीम लपटें उठीं, विश्व की कितनी ही लहलहाती सभ्यताएँ रेगिस्तान सी वीरान हो गईं, लेकिन भारत के अस्तित्व की ये सांस्कृतिक धारा आज भी अविरल है, अमर है। और मेरे जवानों, एक राष्ट्र कब अमर होता है? राष्ट्र तब अमर होता है जब उसकी संतानों को, उसके वीर बेटे-बेटियों को अपने सामर्थ्य पर, अपने संसाधनों पर परम विश्वास होता है। राष्ट्र तब अमर होता है, जब उसके सैनिकों के शीश हिमालय के शीर्ष शिखरों की तरह उत्तंग होते हैं। एक राष्ट्र तब अमर होता है जब उसकी संतानों के बारे में ये कहा जा सके कि- चलन्तु गिरयः कामं युगान्त पवनाहताः। कृच्छेरपि न चलत्येव धीराणां निश्चलं मनः॥ यानी, प्रलयकाल के तूफानों से विशाल पर्वत भले ही क्यों न उखड़ जाएँ, लेकिन आप जैसे धीरों और वीरों के मन अडिग, अटल और निश्चल होते हैं। इसलिए, आपकी भुजाओं का सामर्थ्य हिमालय की दुरूह ऊंचाइयों को नापता है। आपका मनस्वी मन, मरुस्थलों की मुश्किलों का सफलता से मुक़ाबला करता हैं। आपके असीम शौर्य के आगे अनंत आकाश और असीमित समंदर घुटने टेकते हैं। कारगिल का कुरुक्षेत्र भारतीय सेना के इस पराक्रम का बुलंद गवाह बन चुका है। ये द्रास, ये बटालिक और ये टाइगर हिल, ये गवाह हैं कि पहाड़ों की ऊंचाइयों पर बैठा दुश्मन भी भारतीय सेना के गगनचुंबी साहस और शौर्य के आगे कैसे बौना बन जाता है। जिस देश के सैनिकों का शौर्य इतना अनंत हो, उस राष्ट्र का अस्तित्व अमर और अटल ही होता है।

साथियों,

आप सभी, सीमा के हमारे प्रहरी देश की रक्षा के मज़बूत स्तंभ हैं। आप हैं, तभी देश के भीतर देशवासी चैन से रहते हैं, निश्चिंत रहते हैं। लेकिन ये हर भारतवासी के लिए खुशी की बात है कि देश के सुरक्षा कवच को संपूर्णता देने के लिए, हर भारतवासी पूरी शक्ति लगा रहा है। देश सुरक्षित तभी होता है, जब बॉर्डर सुरक्षित हों, अर्थव्यवस्था सशक्त हो और समाज आत्मविश्वास से भरा हो। आप भी बॉर्डर पर आज देश की ताकत की खबरें सुनते हैं, तो आपका हौसला दोगुना हो जाता होगा। जब देश के लोग स्वच्छता के मिशन से जुड़ते हैं, गरीब से गरीब को भी अपना पक्का घर, पीने का पानी, बिजली-गैस जैसी सुविधाएं रिकॉर्ड समय पर मिलती हैं, तब हर जवान को भी गर्व होता है। दूर कहीं उसके घर में, उसके गांव में, उसके शहर में सुविधाएं पहुंचती हैं, तो सीमा पर उसका सीना भी तन जाता है, उसे अच्छा लगता है। जब वो देखता है कि कनेक्टिविटी अच्छी हो रही है, तो उसका घर पर बात करना भी आसान होता है और छुट्टी पर घर पहुंचना भी आसान बन जाता है।

 

साथियों,

मुझे पता है, जब 7-8 साल के भीतर ही देश की अर्थव्यवस्था 10वें नंबर से 5वें नंबर पर पहुंचती है, तो आपका भी माथा गर्व से ऊंचा होता है। जब एक तरफ आप जैसे युवा सीमा को संभालते हैं और दूसरी तरफ आपके ही युवा साथी 80 हज़ार से अधिक स्टार्ट अप बना देते हैं, नए-नए इनोवेशन करते हैं, तो आपकी खुशी भी बढ़ जाती है। दो दिन पहले ही इसरो ने ब्रॉडबैंड इंटरनेट का विस्तार करने वाले 36 सैटेलाइट, एक-साथ लॉन्च कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। अंतरिक्ष में भारत जब अपना सिक्का जमाता है तो कौन मेरा वीर जवान होगा जिसकी छाती चौड़ी न होती हो। कुछ महीने पहले जब युक्रेन में लड़ाई छिड़ी तो हमारा प्यारा तिरंगा कैसे वहां फंसे भारतीयों का सुरक्षा कवच बना, ये हम सभी ने देखा है। दुनिया में आज जिस प्रकार भारत का मान बढ़ा है, सम्मान बढ़ा है, विश्व पटल पर बढ़ती भारत की भूमिका आज सबके सामने है।

 

साथियों,

आज ये सब कुछ इसलिए हो पा रहा है, क्योंकि भारत अपने बाहरी और भीतरी, दोनों दुश्मनों के विरुद्ध सफलता के साथ मोर्चा ले रहा है। आप सीमा पर कवच बनकर खड़े हैं, तो देश के भीतर भी देश के दुश्मनों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो रही है। आतंकवाद की, नक्सलवाद की, अतिवाद की, जो भी जड़ें बीते दशकों में पनपी थी, उसको उखाड़ने का सफल प्रयास देश निरंतर कर रहा है। कभी नक्सलवाद ने देश के एक बहुत बड़े हिस्सों को चपेट में ले लिया था। लेकिन आज वो दायरा लगातार सिमट रहा है। आज देश भ्रष्टाचार के खिलाफ भी निर्णायक युद्ध लड़ रहा है। भ्रष्टाचारी चाहे कितना भी ताकतवर क्यों ना हो, अब वो बच नहीं सकता और बचेगा भी नहीं। कुशासन ने लंबे समय तक देश के सामर्थ्य को सीमित रखा, हमारे विकास के रास्ते में रोड़े अटकाए। आज सबका, साथ सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र के साथ हम उन सभी पुरानी कमियों को तेज़ी से दूर कर रहे हैं। राष्ट्रहित में आज बड़े से बड़े निर्णय तेजी से किए जाते हैं, तेजी से लागू किए जाते हैं।

 

साथियों,

तेजी से बदलते हुए समय में, टेक्नोलॉजी के इस दौर में भविष्य के युद्धों का स्वरूप भी बदलने जा रहा है। नए दौर में नई चुनौतियों, नए तौर-तरीकों और राष्ट्ररक्षा के बदलती ज़रूरतों के हिसाब से भी आज हम देश की सैन्य ताकत को तैयार कर रहे हैं। सेना में बड़े रिफॉर्म्स, बड़े सुधार की जो ज़रूरत दशकों से महसूस की जा रही थी, वो आज ज़मीन पर उतर रही है। हमारी सेनाओं में बेहतर तालमेल हो, हम हर चुनौती के विरुद्ध तेज़ी से, त्वरित कार्रवाई कर सकें, इसके लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। इसके लिए CDS जैसे संस्थान का निर्माण किया गया है। सीमा पर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का नेटवर्क तैयार किया जा रहा है, ताकि आप जैसे हमारे साथियों को अपना कर्तव्य निभाने में अधिक सुविधा हो। आज देश में अनेक सैनिक स्कूल खोले जा रहे हैं। सैनिक स्कूलों में, सैन्य ट्रेनिंग संस्थानों को बेटियों के लिए खोल दिया गया है और मुझे गर्व है मैं बहुत सारी बेटियों को मेरे सामने देख रहा हूं। भारत की सेना में बेटियों के आने से हमारी ताकत में वृद्धि होने वाली है, ये विश्वास रखिए। हमारा सामर्थ्य बढ़ने वाला है।

 

साथियों,

देश की सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है- आत्मनिर्भर भारत, भारतीय सेनाओं के पास आधुनिक स्वदेशी हथियार। विदेशी हथियारों पर, विदेशी सिस्टम पर हमारी निर्भरता कम से कम हो, इसके लिए तीनों सेनाओं ने आत्मनिर्भरता का संकल्प लिया है। मैं प्रशंसा करता हूं अपनी तीनों सेनाओं की, जिन्होंने ये तय किया है कि 400 से भी अधिक रक्षा साजो सामान अब विदेशों से नहीं खरीदे जाएंगे। अब ये 400 हथियार भारत में ही बनेंगे, 400 प्रकार के भारत का सामर्थ्य बढ़ाएंगे। इसका एक और सबसे बड़ा लाभ होगा। जब भारत का जवान, अपने देश में बने हथियारों से लड़ेगा, तो उसका विश्वास चरम पर होगा। उसके हमले में दुश्मन के लिए Surprise Element भी होगा और दुश्मन का मनोबल कुचलने का साहस भी। और मुझे खुशी है कि आज एक तरफ अगर हमारी सेनाएं ज्यादा से ज्यादा मेड इन इंडिया हथियार अपना रही हैं तो वहीं सामान्य भारतीय भी लोकल के लिए वोकल हो रहा है। और लोकल को ग्लोबल बनाने के लिए सपने देखकर के समय लगा रहा है।

 

साथियों,

आज ब्रह्मोस सुपर सोनिक मिसाइल्स से लेकर ‘प्रचंड’ लाइट combat हेलीकाप्टर्स और तेजस फाइटर जेट्स तक, ये रक्षा साजो सामान भारत की शक्ति का पर्याय बन रहे हैं। आज भारत के पास, विशाल समंदर में विप्लवी विक्रांत है। युद्ध गहराइयों में हुआ, तो अरि का अंत अरिहंत है। भारत के पास पृथ्वी है, आकाश है। अगर विनाश का तांडव है, तो शिव का त्रिशूल है, पिनाका है। कितना भी बड़ा कुरुक्षेत्र होगा, लक्ष्य भारत का अर्जुन भेदेगा। आज भारत अपनी सेना की ज़रूरत तो पूरी कर ही रहा है, बल्कि रक्षा उपकरणों का एक बड़ा निर्यातक भी बन रहा है। आज भारत अपने मिसाइल डिफेंस सिस्टम को सशक्त रहा है, वहीं दूसरी तरफ ड्रोन जैसी आधुनिक और प्रभावी तकनीक पर भी तेज़ी से काम कर रहा है।

 

भाइयों और बहनों,

हम उस परंपरा को मानने वाले हैं जहां युद्ध को, हमने युद्ध को कभी पहला विकल्प नहीं माना है। हमने हमेशा, ये हमारा वीरता का भी कारण है, हमारे संस्कार का भी कारण है कि हमने युद्ध को हमेशा अंतिम विकल्प माना जाता है। युद्ध लंका में हुआ हो या फिर कुरुक्षेत्र में, अंत तक उसको टालने की हर संभव कोशिश हुई है। इसलिए हम विश्व शांति के पक्षधर हैं। हम युद्ध के विरोधी हैं। लेकिन शांति भी बिना सामर्थ्य के संभव नहीं होती। हमारी सेनाओं के पास सामर्थ्य भी है, रणनीति भी है। अगर कोई हमारी तरफ नज़र उठाकर देखेगा तो हमारी तीनों सेनाएं दुश्मन को उसी की भाषा में मुंहतोड़ जवाब देना भी जानती हैं।

 

साथियों,

देश के सामने, हमारी सेनाओं के सामने, एक और सोच अवरोध बनकर खड़ी थी। ये सोच है गुलामी की मानसिकता। आज देश इस मानसिकता से भी छुटकारा पा रहा है। लंबे समय तक देश की राजधानी में राजपथ गुलामी का एक प्रतीक था। आज वो कर्तव्य पथ बनकर नए भारत के नए विश्वास को बढ़ावा दे रहा है। इंडिया गेट के पास जहां कभी गुलामी का प्रतीक था, वहां आज नेता जी सुभाषचंद्र बोस की भव्य-विशाल प्रतिमा हमारे मार्ग दिखा रही है, हमारा मार्गदर्शन कर रही है। नेशनल वॉर मेमोरियल हो, राष्ट्रीय पुलिस स्मारक हो, राष्ट्ररक्षा के लिए कुछ भी कर गुजरने की प्रेरणा देने वाले ये तीर्थ भी नए भारत की पहचान हैं। कुछ समय पहले ही देश ने गुलामी के प्रतीक से भारतीय नौ-सेना को भी मुक्त किया है। नौ-सेना के ध्वज से अब वीर शिवाजी की नौ-सेना के शौर्य की प्रेरणा जुड़ गई है।

 

साथियों,

आज पूरे विश्व की नजर भारत पर है, भारत के बढ़ते सामर्थ्य पर है। जब भारत की ताकत बढ़ती है, तो शांति की उम्मीद बढ़ती है। जब भारत की ताकत बढ़ती है, तो समृद्धि की संभावना बढ़ती है। जब भारत की ताकत बढ़ती है, तो विश्व में एक संतुलन आता है। आज़ादी का ये अमृतकाल भारत की इसी ताकत का, इसी सामर्थ्य का साक्षात साक्षी बनने वाला है। इसमें आपकी भूमिका, आप सब वीर जवानों की भूमिका बहुत बड़ी भूमिका है, क्योंकि आप “भारत के गौरव की शान” हैं। तन तिरंगा, मन तिरंगा, चाहत तिरंगा, राह तिरंगा। विजय का विश्वास गरजता, सीमा से भी सीना चौड़ा, सपनों में संकल्प सुहाता, कदम-कदम पर दम दिखाता, भारत के गौरव- की शान, तुम्हे देख हर भारतीय गर्व से भर जाता है। वीर गाथा घर घर गुंजे, नर नारी सब शीश नवाऐ सागर से गहरा स्नेह हमारा अपने भी हैं, और सपने भी हैं, जवानों के अपने लोग भी तो होते हैं, आपका भी परिवार होता है। आपके सपने भी हैं फिर भी अपने भी हैं, और सपने भी हैं, देश हित सब किया है समर्पित अब देश के दुश्मन जान गए है लोहा तेरा मान गये है भारत के गौरव की शान, तुम्हे देख हर भारतीय गर्व से भर जाता है। प्रेम की बात चले तो सागर शान्त हो तुम पर देश पे नज़र उठी तो फिर वीर ‘वज्र’ ‘विक्रांत’ हो तुम, एक निडर ‘अग्नि’, एक आग हो तुम ‘निर्भय’ ‘प्रचंड’ और ‘नाग’ हो तुम ‘अर्जुन’ ‘पृथ्वी’ ‘अरिहंत’ हो तुम हर अन्धकार का अन्त हो तुम, तुम यहाँ तपस्या करते हो वहाँ देश धन्य हो जाता है, भारत के गौरव- की शान, तुम्हे देख हर भारतीय गर्व से भर जाता है। स्वाभिमान से खड़ा हुआ मस्तक हो तुम आसमां में ‘तेजस’ की हुंकार हो तुम दुश्मन की आँख में, आँख डाल के जो बोले ‘ब्रम्होस’ की अजेय ललकार हो तुम, हैं ऋणी तुम्हारे हर पल हम यह सत्य देश दोहराता है। भारत के गौरव- की शान, तुम्हे देख हर भारतीय गर्व से भर जाता है।

 

एक बार फिर आप सभी को और कारगिल के वीरों की यह तीर्थ भूमि के हिमालय की गोद से मैं देश और दुनिया में बसे हुए सब भारतीयों को मेरे वीर जवानों की तरफ से, मेरी तरफ से भी दीपावली की अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए, पूरे हिमालय से गूंज आनी चाहिए।

 

भारत माता की जय!

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भारत माता की जय!

वंदे मातरम!

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Prime Minister Pays Tribute to Pandit Jawaharlal Nehru on His Birth Anniversary
November 14, 2025

Prime Minister Shri Narendra Modi paid tributes to former Prime Minister, Pandit Jawaharlal Nehru Ji, on the occasion of his birth anniversary today.

In a post on X, Shri Modi wrote:

“Tributes to former Prime Minister, Pandit Jawaharlal Nehru Ji on the occasion of his birth anniversary.”