भारत ने सभी के लिए अवसर प्रदान करने वाले खुले मंच उपलब्‍ध कराए हैं, सभी के लिए मंच, सबकी प्रगति: प्रधानमंत्री
वैश्विक व्यवधानों और अनिश्चितता के बावजूद, भारत की वृद्धि उल्लेखनीय बनी हुई है: प्रधानमंत्री
भारत को आत्मनिर्भर बनना होगा; भारत में निर्मित किए जा सकने वाले प्रत्येक उत्पाद को देश में ही बनाया जाना चाहिए: प्रधानमंत्री
भारत में, हम एक जीवंत रक्षा क्षेत्र विकसित कर रहे हैं, एक ऐसा इकोसिस्‍टम तैयार कर रहे हैं जहां हर उत्‍पाद पर 'मेड इन इंडिया' की छाप हो: प्रधानमंत्री
जीएसटी में संरचनात्मक सुधार भारत की विकास गाथा को नए पंख देने के लिए तैयार हैं: प्रधानमंत्री

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्रीमान योगी आदित्यनाथ जी, यूपी सरकार के मंत्रिगण, यूपी भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी जी, उद्योग जगत के सभी साथी, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में आए सभी ट्रेडर्स, इन्वेस्टर्स, entrepreneurs और नौजवान साथियों का मैं हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। मुझे खुशी है कि यहां 2200 से अधिक exhibitor’s अपने product और services का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बार ट्रेड शो का कंट्री पार्टनर रूस है। यानी इस ट्रेड शो में हम एक टाइम टेस्टिड पार्टनरशिप को और भी मजबूत कर रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री योगी जी को, सरकार के अन्य सभी साथियों को, स्टेक होल्डर्स को, इस आयोजन के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

आज हम सभी के मार्गदर्शक पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती है। दीनदयाल जी ने हमें अंत्योदय की राह दिखाई थी। अंत्योदय यानी जो सबसे आखिर में है, उसका उदय। गरीब से गरीब तक विकास पहुंचे और हर भेदभाव समाप्त हो, यही अंत्योदय है और अंत्योदय में ही सामाजिक न्याय की मजबूती रही हुई है। और आज विकास का यही मॉडल भारत दुनिया को दे रहा है।

साथियों,

मैं आपको एक उदाहरण दूंगा। आज विश्व में हमारे फिनटेक सेक्टर की बहुत चर्चा है। इस फिनटेक सेक्टर की सबसे खास बात है कि इसने समावेशी विकास को inclusive development को बहुत ताकत दी है, बढ़ावा दिया है। भारत ने ऐसे ओपन प्लेटफॉर्म बनाए, जो सबको साथ लेकर चलते हैं। यूपीआई, आधार, डिजी लॉकर, ओएनडीसी, ये हर किसी को मौका दे रहे हैं। यानी प्लेटफॉर्म फॉर ऑल, प्रोग्रेस फॉर ऑल। आज भारत में इसका असर हर जगह दिखाई देता है। मॉल में शोपिंग करने वाला भी यूपीआई इस्तेमाल करता है, और सड़क पर चाय बेचने वाला भी यूपीई का इस्तेमाल करता है। फार्मल क्रेडिट जो कभी सिर्फ बड़ी कंपनियों को मिलता था, वही अब पीएम स्वनिधि से रेहड़ी, ठेले वालों तक पहुंचता है।

साथियों,

ऐसे ही गर्वमेंट ई-मार्केट प्लेस, यानी GeM है। एक समय था अब सरकार को कोई सामान बेचना हो और बड़े प्लेयर्स के बसकी बात, उन्हीं के कब्जे में था एक प्रकार से। लेकिन आज GeM portal से करीब 25 लाख सेलर्स और service providers उससे जुड़े हुए हैं और सरकार को सप्लाई का काम कर रहे हैं। ये छोटे-छोटे ट्रेडर्स हैं, उद्यमी हैं, दुकानदार हैं, जो भारत सरकार की जरूरत के हिसाब से, वो सीधे अपना सामान भारत सरकार को बेच रहे हैं और भारत सरकार खरीद रही है। आप हैरान रह जाएंगे कि अब तक GeM के माध्यम से भारत सरकार ने 15 लाख करोड़ रुपये का सामान या सर्विस खरीद चुके हैं। इस पोर्टल पर करीब करीब 7 लाख करोड़ रुपये का सामान हमारे MSMEs लघु उद्योगों से खरीदा गया है। पहले की सरकारों में ये सोचना भी असंभव था, लेकिन आज देश के दूर-सुदूर कोने में जो छोटा सा दुकानदार है वो भी GeM portal पर अपना सामान बेच रहा है। और यही तो सच्चे अर्थ में अंत्योदय है, यही विकास का आधार है।

साथियों,

आज भारत 2047 तक विकसित होने के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है। दुनिया में हो रही डिसरप्शन्स और Uncertainty के बावजूद., भारत की ग्रोथ आकर्षक है। डिसरप्शन्स हमें भटकाते नहीं, लेकिन हम उस परिस्थिति में से नई directions खोजते हैं, नई direction का मौका ढूंढते हैं। इसलिए, इन डिसरप्शन्स के बीच आज भारत आने वाले दशकों की नींव मजबूत कर रहा है। और इसमें भी हमारा संकल्प है, हमारा मंत्र है, आत्मनिर्भर भारत। दूसरों पर निर्भर होने से ज्यादा विवशता कोई और हो ही नहीं सकती। बदलती हुई दुनिया में, जो देश जितना ज्यादा दूसरों पर निर्भर रहेगा, उसकी ग्रोथ उतनी ही कॉमप्रोमाइज्ड रहने वाली है। और इसलिए भारत जैसे देश को किसी पर निर्भर रहना अब मंजूर नहीं है, इसलिए भारत को आत्मनिर्भर बनाना ही होगा। हर वो प्रॉडक्ट जो हम भारत में बना सकते हैं, वो हमें भारत में ही बनाना है। आज यहां मेरे सामने इतनी बड़ी संख्या में उद्यमी हैं, ट्रेडर्स हैं, आंत्रप्रन्योर्स हैं। आप इस आत्मनिर्भर भारत अभियान के बहुत बड़े स्टेकहोल्डर्स हैं। मेरा आज आपसे आग्रह है, अपना बिजनेस मॉडल ऐसा बनाइए, जो आत्मनिर्भर भारत को मजबूती देता हो।

साथियों,

आप सभी जानते हैं आज सरकार मेक इन इंडिया पर, मैन्युफेक्चरिंग पर कितना बल दे रही है। हम चिप से शिप तक भारत में बनाना चाहते हैं। और इसलिए आपकी Ease of Doing Business के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। सरकार ने 40 हजार से ज्यादा कंप्लायंस खत्म किए हैं। व्यापार कारोबार में होने वाली जिन छोटी-छोटी गलतियों पर आपके खिलाफ केस होता था, ऐसे सैकड़ों नियम, उनको सरकार ने डी-क्रिमिनलाइज कर चुकी है। सरकार आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है,

लेकिन साथियों,

मेरी कुछ अपेक्षाएं भी हैं, जो मैं ज़रूर आपके साथ शेयर करुंगा। आप जो भी मैन्यूफैक्चर कर रहे हैं, वो बेस्ट क्वालिटी का होना चाहिए, उत्तम से उत्तम होना चाहिए। आज देशवासियों के मन में ये बात है कि स्वदेशी उत्पादों की क्वाल्टी में लगातार सुधार होता रहे, यूजर फ्रेंडली हो, लंबे समय तक काम आने वाले हों। इसलिए क्वालिटी से कोई भी कंप्रोमाइज़ नहीं होना चाहिए। आज देश का हर नागरिक स्वदेशी से जुड़ रहा है, वो स्वदेशी खरीदना चाहता है, गर्व से कहो, ये स्वदेशी है, इस भावना को आज हम चारों तरफ अनुभव कर रहे हैं। हमारे ट्रेडर्स को भी इस मंत्र को अपनाना है। जो भारत में उपलब्ध है, उसे ही प्राथमिकता देनी है।

साथियों,

एक अहम विषय रिसर्च का है। हमें रिसर्च में इन्वेस्टमेंट बढ़ाना है, कई गुणा बढ़ाना है। इनोवेशन के बिना दुनिया ठहर जाती है, व्यापार भी ठहर जाता है, जिंदगी भी ठहर जाती है। और सरकार ने इसके लिए ज़रूरी कदम उठाए हैं, अब रिसर्च में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट के लिए सबको आगे आना ही होगा। ये समय की मांग है। हमें स्वदेशी रिसर्च का, स्वदेशी डिजायन और डेवलपमेंट का पूरा इकोसिस्टम बनाना है।

साथियों,

इंवेस्टमेंट के लिए हमारा उत्तर प्रदेश भी, अद्भुत संभावनाओं से भरा हुआ है। बीते कुछ वर्षों में यूपी में कनेक्टिविटी की जो क्रांति हुई है, उसने लॉजिस्टिक्स कॉस्ट को बहुत कम कर दिया है। यूपी देश में सबसे ज्यादा एक्सप्रेस-वे वाला प्रदेश बन चुका है। यूपी देश के सबसे अधिक इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स वाला प्रदेश है, ये देश के दो बड़े डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स का हब है। हैरिटेज टूरिज्म में भी यूपी नंबर वन है। नमामि गंगे जैसे अभियानों ने यूपी को क्रूज़ टूरिज्म के लिए उसके मैप पर लाकर के अपना स्थान बना दिया है। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट ने यूपी के अनेकों जिलों के प्रोडक्ट को इंटरनेशनल मार्केट में पहुंचा दिया है। और मुझे तो विदेशी मेहमानों से मिलना होता है, तो आजकल मुझे कोई क्या देना है, बहुत ज्यादा सोचना नहीं पडता है। ये वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट का कैटलॉग हमारी टीम देख लेती है, बस उसी में से दुनियाभर के देश के लोगों को मैं दे देता हूं।

साथियों,

मैन्यूफैक्चरिंग में भी यूपी नए रिकॉर्ड बना रहा है। अब जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल मैन्युफेक्चरिंग का सेक्टर है। बीते दशक में भारत इसमें दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा producer बना है। और इसमें यूपी का रोल बहुत बड़ा है। आज पूरे भारत में जितने मोबाइलफोन बनते हैं, उसमें से लगभग 55 परसेंट मोबाइल यहां उत्तर प्रदेश में बनते हैं। यूपी अब सेमीकंडक्टर सेक्टर में भी भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूती देगा। यहां से कुछ किलोमीटर दूर ही एक बड़ी सेमीकंडक्टर फैसिलिटी पर काम शुरु होने वाला है।

साथियों,

एक और उदाहरण, डिफेंस सेक्टर का है। हमारी सेनाएं स्वदेशी चाहती हैं, दूसरों पर निर्भरता को कम करना चाहती हैं। इसलिए, भारत में ही हम एक वाइब्रेंट डिफेंस सेक्टर डवलप कर रहे हैं। पुर्जे-पुर्जे पर मेड इन इंडिया की छाप हो, हम ऐसा इकोसिस्टम बना रहे हैं। और यूपी इसमें भी बड़ी भूमिका निभा रहा है। बहुत जल्द रूस के सहयोग से बनी फैक्ट्री से ए.के. 203 रायफल का उत्पादन शुरू होने जा रहा है। यूपी में एक डिफेंस कॉरिडोर का भी निर्माण हो रहा है। जिसमें ब्रह्मोस मिसाइल समेत अनेक अस्त्र-शस्त्र का निर्माण शुरु भी चुका है। मैं आप सभी का आह्वान करूंगा, यूपी में इंवेस्ट करिए, यूपी में मैन्युफेक्चर करिए। यहां लाखों MSMEs का मजबूत नेटवर्क है। और ये लगातार बढ़ रहा है। आप इनके सामर्थ्य का उपयोग कीजिए। और एक कंप्लीट प्रोडक्ट यहीं पर बनाइए। इसके लिए हर मदद के साथ यूपी सरकार, भारत सरकार आपके साथ है।

साथियों,

आज भारत रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म के कमिटमेंट के साथ, अपनी इंडस्ट्री, अपने ट्रेडर्स, अपने नागरिकों के साथ खड़ा है। अभी तीन दिन पहले ही, नेक्स्ट जनरेशन GST रिफॉर्म्स लागू किए गए हैं। GST में हुए बदलाव भारत की Growth Story को नए पंख देने वाले Structural Reforms हैं। इन रिफॉर्म्स से GST रजिस्ट्रेशन आसान होगा, टैक्स disputes कम होंगे, और MSMEs को रिफंड भी तेजी से मिलेंगे। इससे हर सेक्टर को लाभ होगा। आप सभी ने GST से पहले, GST के बाद, और अब तीसरा स्टेज है, नेक्स्ट जेनरेशन GST रिफॉर्म्स, यानी तीनों परिस्थितियों को अनुभव किया है। कितना बड़ा अंतर आया है, ये मैं कुछ उदाहरणों से आप सभी के बीच रखना चाहूंगा। 2014 से पहले यानी आपने मुझे काम दिया उसके पहले की बात कर रहा हूं। 2014 से पहले इतने सारे टैक्स थे, यानी एक प्रकार से टैक्स का जंजाल था और उसके कारण बिज़नस की कॉस्ट और परिवार का बजट, दोनों ही कभी भी संतुलित नहीं हो पाते थे, उसे कंट्रोल करना मुश्किल था। एक हज़ार रुपए की शर्ट पर, ये 2014 के पहले की बात कर रहा हूं, आपके पास पुराना बिल पड़ा हो तो निकाल दीजिए, 2014 से पहले एक हज़ार रुपए की शर्ट पर 170 रुपए टैक्स लगता था, 170 Rupees. साल 2017 में जब हम GST लाए तो आने के बाद पहले जीएसटी में 117 से कम होकर के 50 हो गया। यानी हजार की शर्ट पर पहले 117 था, 2017 में जब हम जीएसटी लाए तो 50 हो गया। और अब 22 सितंबर को लागू हुए रेट्स के बाद एक हज़ार रुपए की उसी शर्ट पर सिर्फ पैंतीस रुपए टैक्स के रूप में देने होंगे।

साथियों,

2014 में टूथपेस्ट, शैंपू, हेयर-ऑयल, शेविंग क्रीम, इन सभी पर अगर कोई सौ रुपए खर्च करता था, तो इन पर 31 रुपए टैक्स देना पड़ता था, 100 रुपये पर 31। यानी सौ रुपए का बिल 131 रुपए का बनता था। ये 2014 के पहले की बात कर रहा हूं मैं। 2017 में GST आया तो, सौ रुपए का यही सामान 118 रुपए का हो गया, 131 से कम होकर के 118। यानी हर सौ रुपए के बिल पर 13 रुपए सीधे बच गए। अब GST की अगली पीढ़ी में, यानी इस बार जो जीएसटी का रिफार्म हुआ है, ये सामान 100 रुपये पर 5 रुपया, 105 रुपए का हो गया है। 131 से 105 पर आ गया। यानी 2014 से पहले की तुलना में सीधे छब्बीस रुपए की बचत, 100 रुपये पर 26 रुपये की बचत देश के सामान्य नागरिक को हुई है। इस उदाहरण से आप समझ सकते हैं कि एक सामान्य परिवार की हर महीने कितनी बचत हो रही है। अगर कोई परिवार, अपने परिवार मे जो भी कोई आवश्यकता होती है, साल भर का हिसाब लगा ले और मान लीजिए 2014 में अगर एक साल में वो एक लाख रुपये की चीजें खरीदता था, अगर 1 लाख रुपये के आसपास उसने 2014 के पहले कुछ किया खरीद किया होगा, तो उसे उस समय करीब करीब 25,000 रुपया टैक्स देना पड़ता था। अगर साल भर में 1 लाख रुपये की चीजें उसने खरीदी तो 25,000 रुपये टैक्स था 2014 के पहले, मेरे आने से पहले। यह बयान बहादुर लोग आजकल बयान करते हैं ना, जरा उनको सुनाइए। लेकिन अब नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी के बाद उसी परिवार को सालाना सिर्फ 25000 से कम होकर के करीब करीब 5-6 हजार रुपया तक टैक्स आ गया है। 25000 से 5000, क्योंकि जरूरत के ज्यादातर सामान पर अब सिर्फ पांच परसेंट GST हो गया है।

साथियों,

हमारे यहां गांव की अर्थव्यवस्था में ट्रैक्टर की बड़ी भूमिका है। 2014 से पहले एक ट्रैक्टर खरीदने पर सत्तर हज़ार रुपए से अधिक टैक्स देना पड़ता था। यह 2014 से पहले सत्तर हज़ार, अब उसी ट्रैक्टर पर सिर्फ तीस हज़ार रुपए का टैक्स लग रहा है। यानी किसान को सीधे एक ट्रैक्टर पर चालीस हज़ार रुपए से अधिक की बचत हो रही है। ऐसे ही थ्री व्हीलर, गरीब के लिए रोजगार का बहुत बड़ा माध्यम है। साल 2014 से पहले एक थ्री व्हीलर पर करीब पचपन हज़ार रुपए का टैक्स लगता था, एक थ्री व्हीलर पर 55000 रुपए टैक्स लगता था। अब उसी थ्री-व्हीलर पर GST करीब पैंतीस हज़ार रह गया है, यानी सीधे बीस हज़ार रुपए की बचत हुई है। ऐसे ही, GST कम होने की वजह से स्कूटर 2014 की तुलना में करीब आठ हज़ार रुपए, और मोटर-साइकिल करीब नौ हज़ार रुपए सस्ती हुई है। यानी गरीब, नियो मिडिल क्लास, मिडिल क्लास, सबकी बचत हुई है।

लेकिन साथियों,

इसके बावजूद, कुछ राजनीतिक दल, देश के लोगों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। 2014 के पहले वो जो सरकार चला रहे थे, उसकी नाकामियां छिपाने के लिए कांग्रेस ओर उसके साथी दल, जनता से झूठ बोल रहे हैं। सच्चाई ये है कि कांग्रेस सरकारों के समय टैक्स की लूट मची हुई थी और लूटे हुए धन में से भी लूट होती थी। देश के आम नागरिक को टैक्स की मार से निचोड़ा जा रहा था। ये हमारी सरकार है जिसने टैक्स को बड़े पैमाने पर कम किया है, महंगाई कम की है। हमने देश के लोगों की आमदनी बढ़ाई है और बचत भी बढ़ाई है। जब 2014 में उनकी सरकार थी, 2 लाख रुपये तक इनकम टैक्स माफ था, 2 लाख सिर्फ। आज 12 लाख रुपये की इनकम को टैक्स फ्री करना और नए जीएसटी रिफॉर्म से ही इस साल देश के लोगों को ढाई लाख करोड़ रुपए बचने जा रहे हैं। देशवासियों के जेब में ढाई लाख करोड़ रुपए बचेगा। और इसलिए तो देश आज गर्व के साथ जीएसटी उत्सव मना रहा है। जीएसटी बचत उत्सव मना रहा है। और मैं आपको बताना चाहता हूं हम यही नहीं रुकने वाले। 2017 में हम जीएसटी लाए, आर्थिक मजबूती का काम किया। और 2025 में फिर से लाए, फिर आर्थिक मजबूती करेंगे और जैसे जैसे आर्थिक मजबूती होगी टैक्स का बोझ कम होता जाएगा। देशवासियों के आशीर्वाद से GST रिफॉर्म्स का सिलसिला निरंतर चलता रहेगा।

साथियों,

आज भारत के पास reforms की strong will-power है, हमारे पास डेमोक्रेटिक और political stability है, policy predictability भी है। सबसे बड़ी बात, भारत के पास बहुत बड़ी युवा और स्किल्ड वर्कफोर्स है, डायनमिक युवा कंज्यूमर बेस है। ये सारी बातें, दुनिया में किसी की रीजन में भी, यानी एक ही जगह, सब बातें दुनिया के किसी देश में एक साथ नहीं है। भारत में हर चीज यहां मौजूद है। दुनिया का कोई भी इन्वेस्टर, कोई भी कंपनी अगर अपनी ग्रोथ को नए पंख लगाना चाहती है, तो उसके लिए, भारत में इंवेस्टमेंट सबसे attractive डील है। इसलिए भारत में इंवेस्ट करना, यूपी में इंनवेस्ट करना, आपके लिए विन-विन सिचुएशन है। हम सभी के प्रयास मिलकर विकसित भारत बनाएंगे, विकसित यूपी बनाएंगे। एक बार फिर आप सभी को इंटरनेशनल ट्रेड शो के लिए मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं, बहुत बहुत धन्यवाद।

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PM’s Statement prior to his departure to Bhutan
November 11, 2025

I will be visiting the Kingdom of Bhutan from 11-12 November 2025.

It would be my honour to join the people of Bhutan as they mark the 70th birth anniversary of His Majesty the Fourth King.

The exposition of the Sacred Piprahwa Relics of Lord Buddha from India during the organisation of the Global Peace Prayer Festival in Bhutan reflects our two countries’ deep-rooted civilisational and spiritual ties.

The visit will also mark another major milestone in our successful energy partnership with the inauguration of the Punatsangchhu-II hydropower project.

I look forward to meeting His Majesty the King of Bhutan, His Majesty the Fourth King, and Prime Minister Tshering Tobgay. I am confident that my visit will further deepen our bonds of friendship and strengthen our efforts towards shared progress and prosperity.

India and Bhutan enjoy exemplary ties of friendship and cooperation, rooted in deep mutual trust, understanding, and goodwill. Our partnership is a key pillar of our Neighbourhood First Policy and a model for exemplary friendly relations between neighbouring countries.