भारत में, यह दौर हमारे पूरबी राज्यों का है : प्रधानमंत्री
हमारा संकल्प है कि हम भारत को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त करके रहेंगे : प्रधानमंत्री
जो पिछड़े हैं, वे हमारी प्राथमिकता हैं, कैबिनेट ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को स्‍वीकृति दी है जिसके तहत कृषि की दृष्टि से सबसे पिछड़े 100 जिलों की पहचान की जाएगी : प्रधानमंत्री

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

सावन के इ पवित्र माह में हम बाबा सोमेश्वरनाथ के चरण में प्रणाम करत बानी, आ उनका से हम आशीर्वाद मांग-अ तानी की सम्पूर्ण बिहार वासियों के जीवन में सुख-शुभ होखे।

बिहार के राज्यपाल श्रीमान आरिफ मोहम्मद ख़ान जी, प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे साथी जीतन राम मांझी जी, गिरिराज सिंह जी, ललन सिंह जी, चिराग पासवान जी, रामनाथ ठाकुर जी, नित्यानंद राय जी, सतीश चंद्र दुबे जी, राज भूषण चौधरी जी, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी जी, विजय सिन्हा जी, संसद में मेरे साथी, बिहार के वरिष्ठ नेता उपेन्द्र कुशवाहा जी, बिहार भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल जी, उपस्थित मंत्रीगण, जनप्रतिनिधिगण एवं बिहार के मेरे भाइयों और बहनों!

राधा मोहन सिंह जी मुझे हमेशा चंपारण आने का मौका देते रहते हैं। ये धरती चंपारण की धरती है, इस धरती ने इतिहास बनाया है, आजादी के आंदोलन के समय में इस धरती ने गांधी जी को नई दिशा दिखाई, अब इसी धरती की प्रेरणा बिहार का नया भविष्य भी बनाएगी।

आज यहां से 7 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास हुआ है। मैं आप सभी को, और सभी बिहारवासियों को इन विकास परियोजनाओं की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। यहां एक नौजवान पूरा राम मंदिर बनाकर के ले आया है, क्या भव्य काम किया है, मुझे लगता है वो मुझे भेंट करना चाहते है? तो मैं, मेरे एसपीजी के लोगों को कहता हूं, आप उसमें नीचे अपना अता-पता लिख देना भाई, मैं चिट्ठी लिखूंगा आपको, ये आपने बनाया है? हां, मेरे एसपीजी के लोग आ जाएंगे उनको दे देना। मेरी चिट्ठी जरूर मिलेगी आपको। मैं आपका बहुत आभारी हूं कि सीता माता का जहां स्मरण नित्य होता है, वहां आप मुझे अयोध्या की भव्य मंदिर की कलाकृति दे रहे हैं। मैं आपका बहुत आभारी हूं नौजवान।

साथियों,

21वीं सदी में दुनिया बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है। एक समय जो ताकत केवल पश्चिमी देशों के पास होती थी, उसमें अब पूरब के देशों का दबदबा बढ़ रहा है, भागीदारी बढ़ रही है। पूरब के देश अब विकास की नई रफ्तार पकड़ रहे हैं। जैसे दुनिया में, पूरबी देश विकास की दौड़ में आगे जा रहे हैं, वैसे ही, भारत में ये दौर हमारे पूरबी राज्यों का है। हमारा संकल्प है, आने वाले समय में, जैसे पश्चिमी भारत में मुंबई है, वैसे ही पूरब में मोतीहारी का नाम हो। जैसे अवसर गुरुग्राम में हैं, वैसे ही अवसर गयाजी में भी बनें। पुणे की तरह पटना भी, वहां भी औद्योगिक विकास हो। सूरत की तरह ही संथाल परगना का भी विकास हो, जयपुर की तरह जलपाईगुड़ी और जाजपुर में भी टूरिज्म के नए रिकॉर्ड बनें। बेंगलूरू की तरह बीरभूम के लोग भी आगे बढ़े।

भाइयों-बहनों,

पूरबी भारत को आगे बढ़ाने के लिए हमें बिहार को विकसित बिहार बनाना है। आज बिहार में इतनी तेजी से काम इसलिए हो रहा है, क्योंकि केंद्र और राज्य में बिहार के लिए काम करने वाली सरकार है। मैं आपको एक आंकड़ा देता हूं, जब केंद्र में कांग्रेस और आरजेडी की सरकार थी, तो यूपीए के 10 साल में बिहार को सिर्फ दो लाख करोड़ रुपए के आसपास मिले, 10 साल में दो लाख करोड़ के आसपास। यानि नीतीश जी की सरकार से ये लोग बदला ले रहे थे, बिहार से बदला ले रहे थे। 2014 में, केंद्र में आपने मुझे सेवा करने का अवसर दिया, केंद्र में आने के बाद मैंने बिहार से बदला लेने वाली इस पुरानी राजनीति को भी समाप्त कर दिया। पिछले 10 साल में, एनडीए के 10 वर्षों में बिहार के विकास के लिए जो राशि दी गई है, वो पहले से कितना गुना ज्यादा है उसका आंकड़ा अभी हमारे सम्राट चौधरी जी बता रहे थे। इतने लाख करोड़ रूपये दिए गए हैं।

साथियों,

यानि कांग्रेस और आरजेडी के मुकाबले कई गुना ज्यादा पैसा बिहार को हमारी सरकार ने दिया है। ये पैसा बिहार में जनकल्याण के काम आ रहा है, ये पैसा विकास परियोजनाओं में काम आ रहा है।

साथियों,

आज की पीढ़ी को जानना जरूरी है कि बिहार दो दशक पहले किस तरह हताशा में डूबा हुआ था। आरजेडी और कांग्रेस के राज में विकास पर ब्रेक था, गरीब का पैसा गरीब तक पहुंचना असंभव था, जो शासन में थे उनमें बस यही सोच थी कि कैसे गरीब के हक का पैसा लूट लें, लेकिन बिहार असंभव को भी संभव बनाने वाले वीरों की धरती है, परिश्रमियों की धरती है। आप लोगों ने इस धरती को आरजेडी और कांग्रेस की बेड़ियों से मुक्त किया, असंभव को संभव बनाया, उसी का परिणाम है, आज बिहार में गरीब-कल्याण की योजनाएँ सीधे गरीबों तक पहुँच रही हैं। पिछले 11 वर्षों में पीएम आवास योजना के तहत देश में गरीबों के लिए 4 करोड़ से ज्यादा घर बनाए गए हैं। इनमें से करीब 60 लाख घर अकेले बिहार में गरीबों के लिए बनाए गए हैं। यानी, दुनिया में नॉर्वे, न्यूज़ीलैंड और सिंगापुर जैसे देशों की जितनी कुल आबादी है, उससे ज्यादा लोगों को हमने अकेले बिहार में गरीबों को पक्के घर दिये हैं। बिहार से आगे जाकर मैं बताता हूं, हमारे अकेले मोतिहारी जिले में ही 3 लाख के करीब हमारे गरीब परिवारों को पक्के घर मिले हैं। और, ये गिनती लगातार तेजी से आगे बढ़ रही है। आज भी यहां 12 हजार से ज्यादा परिवारों को अपने पक्के घर में गृह प्रवेश का सौभाग्य मिला है। 40 हजार से ज्यादा गरीबों को अपना पक्का घर बनाने के लिए बैंक में, उनके खाते में सीधे पैसे भेजे गए हैं, इसमें से ज्यादातर लोग मेरे दलित भाई-बहनें हैं, मेरे महादलित भाई-बहन है, मेरे पिछड़े परिवारों के भाई-बहनें हैं। आप भी जानते हैं, आरजेडी और कांग्रेस के राज में गरीब को ऐसे पक्के घर मिलना असंभव था, जिन लोगों के राज में लोग अपने घरों में रंग-रौगान तक नहीं करवाते थे, डरते थे कि अगर रंग और रौगान हो गया तो पता नहीं कि मकान मालिक को ही उठवा लिया जाएगा, ऐसे आरजेडी वाले कभी आपको पक्का घर नहीं दे सकते थे।

साथियों,

आज बिहार आगे बढ़ रहा है, तो इसके पीछे सबसे बड़ी ताकत बिहार की माताओं-बहनों की है। और मैं आज देख रहा था, लाखों बहनें हमें आशीर्वाद दे रही थी, ये दृश्य दिल को छूने वाला था। NDA द्वारा उठाए जा रहे एक-एक कदम का महत्व बिहार की माताएं-बहनें, यहां की महिलाएं अच्छी तरह समझती हैं। यहां इतनी बड़ी संख्या में माताएं-बहनें आई हैं, आप याद करिए, जब आपको अरे 10 रुपया भी, अगर आपके पास है तो छिपाकर के रखना पड़ता था। ना बैंकों में खाता होता था, ना कोई बैंकों में घुसने देता था, गरीब का स्वाभिमान क्या होता है, ये मोदी जानता है। मोदी ने बैंकों से कहा गरीब के लिए दरवाजे कैसे नहीं खोलेंगे? और हमने इतना बड़ा अभियान चलाकर जनधन खाते खुलवाए। इसका बहुत बड़ा लाभ मेरे गरीब परिवार की महिलाओं को हुआ। बिहार में भी करीब साढ़े 3 करोड़ महिलाओं के जनधन खाते खुले। इसके बाद हमने सरकारी योजनाओं का पैसा सीधा इन खातों में भेजना शुरू किया। अभी कुछ दिन पहले ही मेरे मित्र नीतीश जी की सरकार ने और अभी घोषणा भी कर रहे थे, वृद्ध, दिव्यांग और विधवा माताओं को मिलने वाली पेंशन को 400 रूपये से बढ़ाकर 1100 रुपए महीने प्रति के हिसाब से कर दिया, ये पैसा सीधे आपके बैंक खाते में ही तो जाएगा। पिछले डेढ़ महीने में ही बिहार के 24 हजार से ज्यादा स्वयं सहायता समूहों को 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा की मदद भेजी गई है। ये भी इसलिए हो पाया क्योंकि माताओं-बहनों के पास आज जनधन खातों की ताकत है।

साथियों,

नारी सशक्तिकरण के इन प्रयासों के जबरदस्त परिणाम भी आ रहे हैं। देश में, बिहार में लखपति दीदी की संख्या लगातार बढ़ रही है। देश में हमने 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक डेढ़ करोड़ बहनें लखपति दीदी बन चुकी हैं। हमारे बिहार में भी 20 लाख से ज्यादा लखपति दीदी बनी हैं। आपके चंपारण में ही, 80 हजार से ज्यादा महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़कर लखपति दीदी हुई हैं।

साथियों,

आज यहाँ 400 करोड़ रुपए का सामुदायिक निवेश फंड भी जारी किया गया है। ये पैसा नारीशक्ति की शक्ति को बढ़ाने में काम आएगा। यहां नीतीश जी ने जो जीविका दीदी योजना चलाई है, उसने बिहार की लाखों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का रास्ता बना दिया है।

साथियों,

भाजपा और NDA का विज़न है- जब बिहार आगे बढ़ेगा, तभी देश आगे बढ़ेगा। और, बिहार तब आगे बढ़ेगा, जब बिहार का युवा आगे बढ़ेगा। हमारा संकल्प है, हमारा संकल्प है- समृद्ध बिहार, हर युवा को रोजगार! बिहार के नौजवानों को बिहार में ही रोजगार के ज्यादा से ज्यादा मौके मिलें, इसके लिए बीते वर्षों में यहां तेजी से काम हुआ है। नीतीश जी की सरकार ने यहां लाखों युवाओं को पूरी पारदर्शिता के साथ सरकार में नियुक्ति भी दी है। नीतीश जी ने अभी बिहार के नौजवानों को रोजगार के लिए भी नए निश्चय भी लिए हैं, केंद्र सरकार कंधे से कंधा मिलाकर उनका साथ दे रही है।

साथियों,

कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने एक बड़ी योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत प्राइवेट कंपनी में पहली बार नियुक्ति पाने वाले, जिसको पहली बार मौका मिलेगा, उसको 15 हजार रुपया केंद्र सरकार की तरफ से दिया जाएगा। कुछ दिनों बाद एक अगस्त से ही ये योजना लागू होने जा रही है। इस पर केंद्र सरकार एक लाख करोड़ रुपया खर्च करने वाली है, नये नौजवानों को नया रोजगार। इसका बहुत बड़ा लाभ बिहार के नौजवानों को भी होगा।

साथियों,

बिहार में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए मुद्रा योजना जैसे अभियानों को और गति दी गई है। पिछले दो महीने में ही बिहार में मुद्रा योजना के तहत लाखों लोन दिए गए हैं। यहां चंपारण के भी 60 हज़ार युवाओं को स्वरोजगार के लिए मुद्रा लोन मिला है।

साथियों,

आरजेडी के वो लोग आपको कभी रोजगार नहीं दे सकते, जो लोग रोजगार देने के नाम पर आपकी जमीनें अपने नाम लिखवा लेते हैं, आप याद रखिए, एक ओर लालटेन के दौर वाला बिहार था, एक ओर ये नई उम्मीदों की रोशनी वाला बिहार है। ये सफर बिहार ने NDA के साथ चलकर पूरा किया है, इसलिए, बिहार का संकल्प अटल, NDA के साथ हर पल!

साथियों,

बीते वर्षों में जिस तरह बिहार में नक्सलवाद पर प्रहार हुआ है, उसका भी बहुत बड़ा लाभ बिहार के युवाओं को मिला है। चंपारण, औरंगाबाद, गयाजी, जमुई जैसे ज़िलों को वर्षों तक पीछे रखने वाला माओवाद आज अंतिम सांसें गिन रहा है। जिन इलाकों पर माओवाद का काला साया था, आज वहां के नौजवान बड़े सपने देख रहे हैं। हमारा संकल्प है कि हम भारत को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त करके रहेंगे।

साथियों,

ये नया भारत है, अब भारत मां भारती के दुश्मनों को सजा देने के लिए जमीन-आसमान एक कर देता है। बिहार की इसी धरती से मैंने ऑपरेशन सिंदूर का संकल्प लिया था, और आज उसकी सफलता पूरी दुनिया देख रही है।

साथियों,

बिहार के पास ना सामर्थ्य की कमी है और ना ही संसाधन की। आज बिहार के संसाधन बिहार की प्रगति का माध्यम बन रहे हैं। आप देखिए, NDA सरकार के प्रयासों के बाद से ही मखाना की कीमतें कितनी बढ़ी हैं। क्योंकि, हमने यहाँ के मखाना किसानों को बड़े बाजार से जोड़ा। हम मखाना बोर्ड का गठन कर रहे हैं। यहां केला, लीची, मर्चा चावल, कटारनी चावल, जरदालू आम, मगही पान, अभी ऐसे कितने ही उत्पाद और हैं, जो बिहार के किसानों को, बिहार के युवाओं को दुनिया भर के मार्केट से जोड़ेंगे।

भाइयों-बहनों,

किसानों के उत्पाद और उनकी आय को बढ़ाना हमारी प्राथमिकता है। पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपया किसानों को दिये गये हैं। यहाँ अकेले मोतिहारी में ही 5 लाख से ज्यादा किसानों को डेढ़ हजार करोड़ रुपए से ज्यादा मिले हैं।

साथियों,

ना हम नारों तक अटकते हैं, ना हम वादों तक सिमटते हैं, हम तो काम करके दिखाते हैं। जब हम कहते हैं कि हम पिछड़ों, अतिपिछड़ों के लिए निरंतर काम कर रहे हैं, तो ये हमारी नीतियों में भी, निर्णयों में भी नजर आता है। NDA सरकार का तो मिशन ही है- हर पिछड़े को प्राथमिकता!, हर पिछड़े को प्राथमिकता! चाहे पिछड़ा क्षेत्र हो, या पिछड़ा वर्ग हो, हमारी सरकार की वो पहली प्राथमिकता है। दशकों तक हमारे देश में 110 से ज्यादा जिलों को पिछड़ा कहकर छोड़ दिया गया था, वो जाने, उनका नसीब जाने, ये हाल कर दिया था। हमने इन जिलों को प्राथमिकता दी, पिछड़े जिले की बजाय, उन्हें आकांक्षी जिला बनाकर इनका विकास किया, यानि पिछड़े को प्राथमिकता। हमारे देश के सीमावर्ती गांवों को भी आखिरी गांव कहकर छोड़ दिया गया था। हमने इन आखिरी कहे जाने वाले गांवों को, वहां के विकास को प्राथमिकता दी, और हमने नाम ही, व्याख्या ही बदल दी, वो आखिरी नहीं, वो देश का पहला गांव है। यानि पिछड़े को प्राथमिकता, दशकों तक हमारा ओबीसी समाज, ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा दिए जाने की मांग कर रहा था। ये काम भी हमारी ही सरकार ने किया। हमारे आदिवासी समाज में भी जो सबसे पिछड़े थे, सरकार ने उनके लिए जनमन योजना शुरू की, अब इनके विकास के लिए 25 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसलिए मैं कहता हूं- जो पिछड़ा है, वो हमारी प्राथमिकता है। अब इसी भावना से एक और बहुत बड़ी योजना शुरू की जा रही है। दो दिन पहले ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंज़ूरी दी है। इस योजना के तहत, कृषि के मामले में सबसे पिछड़े 100 जिलों को चिन्हित किया जाएगा। ये ऐसे जिले होंगे, जहां खेती से जुड़ी संभावनाएं तो भरपूर हैं, लेकिन, पैदावार और किसानों की आय के मामले में ये जिले अभी भी पीछे हैं। इन जिलों के किसानों को इस योजना के तहत प्राथमिकता देकर मदद दी जाएगी। यानि, पिछड़े को प्राथमिकता, इसका सीधा लाभ देश के करीब पौने दो करोड़ किसानों को होगा। और इसमें बहुत बड़ी संख्या मेरे बिहार के किसान भाई-बहनों की रहने वाली है।

साथियों,

आज यहां रेल और सड़क से जुड़ी हजारों करोड़ रुपए की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास हुआ है। इन परियोजनाओं से बिहार के लोगों को बहुत सुविधा हो जाएगी। देश के अलग-अलग रूट पर अमृत भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई गई है। मोतीहारी-बापूधाम से दिल्ली आनंद-विहार तक भी अब सीधे अमृतभारत एक्सप्रेस चलेगी। मोतिहारी रेलवे स्टेशन भी अब नए रूप में, नई सुविधाओं के साथ तैयार हो रहा है। दरभंगा-नरकटियागंज रेल लाइन का दोहरीकरण होने से ये रूट पर यात्रियों को बहुत सुविधा हो जाएगी।

साथियों,

चंपारण की धरती का जुड़ाव हमारी आस्था और संस्कृति से भी है। राम-जानकी पथ मोतिहारी के सत्तरघाट, केसरिया, चकिया, मधुबन से होकर गुजरने वाला है। सीतामढ़ी से अयोध्या तक जो नई रेलवे लाइन तैयार हो रही है, उससे श्रद्धालु चंपारण से अयोध्या जाकर दर्शन कर सकेंगे। इन सारे प्रयासों का सबसे बड़ा लाभ है, बिहार में कनेक्टिविटी और बेहतर होगी, यहां रोजगार के नए अवसर भी तैयार होंगे।

साथियों,

कांग्रेस और आरजेडी गरीबों, दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के नाम पर राजनीति करते आए हैं। लेकिन बराबरी का अधिकार तो दूर, ये परिवार से बाहर के लोगों को सम्मान तक नहीं देते। इन लोगों का अहंकार, आज पूरा बिहार देख रहा है। हमें बिहार को इनकी बुरी नीयत से बचाकर रखना है। नीतीश जी की टीम ने, बीजेपी की टीम ने, और पूरे NDA ने इतने वर्षों तक यहां मेहनत की है, श्री चंद्र मोहन राय जी जैसी विभूतियों ने हमें मार्गदर्शन दिया है। हमें मिलकर बिहार के विकास के इन प्रयासों को और गति देनी है। हमें मिलकर बिहार के सुनहरे भविष्य की ओर बढ़ना है। हमें संकल्प लेना है- बनाएंगे नया बिहार, फिर एक बार NDA सरकार! इसी के साथ, मैं एक बार फिर आज की परियोजनाओं के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मेरे साथ दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए-

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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