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राजसमंद और उदयपुर में दो लेन में उन्नयन के लिए सड़क निर्माण परियोजनाओं की आधारशिला रखी
उदयपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास और आमान परिवर्तन परियोजना का शिलान्यास किया
तीन राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया
"भारत सरकार राज्य के विकास से राष्ट्र के विकास के मंत्र में विश्वास करती है"
"हम 'जीवन यापन में आसानी' को बढ़ाने के लिए आधुनिक अवसंरचनाओं का निर्माण कर रहे हैं"
"अतीत की अल्पकालिक सोच ने देश के लिए बड़ी कीमत पर अवसंरचना निर्माण की उपेक्षा की"
"अगले 25 वर्षों में एक विकसित भारत के संकल्प के पीछे आधुनिक अवसंरचना एक ताकत के रूप में उभर रही है"
"आज का भारत एक आकांक्षी समाज है"
"वह दिन दूर नहीं जब राजस्थान 100 प्रतिशत रेल विद्युतीकरण वाले राज्यों में से एक होगा"
"सरकार सेवा-भावना के साथ काम कर रही है और इसे भक्ति-भाव मान रही है"

भगवान् श्री नाथजी की जय !

राजस्थान के गवर्नर श्री कलराज मिश्रा जी, मुख्यमंत्री मेरे मित्र श्रीमान अशोक गहलोत जी, विधानसभा के स्पीकर श्रीमान सी पी जोशी जी, राज्य सरकार के मंत्री श्री भजन लाल जाटव जी, संसद में मेरे साथी और राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष श्री चन्द्र प्रकाश जोशी जी, संसद में सारे साथी बहन दीयाकुमारी जी, संसद के मेरे साथी श्रीमान कनकमल कटारा जी, सांसद श्री अर्जुनलाल मीना जी, कार्यक्रम में उपस्थित अन्य सभी महानुभाव और राजस्थान के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों।

भगवान श्री नाथजी और मेवाड़ की इस वीर धरा पर मुझे फिर एक बार आपके बीच आने का अवसर मिला है। यहां आने से पहले मुझे भगवान श्रीनाथ जी के दर्शन का सौभाग्य मिला। मैंने श्रीनाथ जी से आज़ादी के इस अमृत काल में विकसित भारत के संकल्पों की सिद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा है।

साथियों,

आज यहां राजस्थान के विकास से जुड़े 5 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। ये प्रोजेक्ट्स राजस्थान की कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। उदयपुर और शामलाजी के बीच National Highway 8 के Six Lane होने से उदयपुर, डूंगरपुर और बांसवाड़ा क्षेत्रों को बहुत फायदा होगा। इससे शामलाजी और काया के बीच की दूरी कम हो जाएगी। बिलाड़ा और जोधपुर सेक्शन के निर्माण से जोधपुर और बॉर्डर एरिया तक पहुंच बहुत ही सुलभ होगी। इसका एक बड़ा फायदा ये भी होगा कि जयपुर से जोधपुर की दूरी भी 3 घंटे कम हो जाएगी। चारभुजा और निचली ओडन के प्रोजेक्ट से वर्ल्ड हेरिटेज साइट कुंभलगढ़, हल्दीघाटी और श्रीनाथजी के दर्शन करना बहुत ही आसान हो जाएगा। श्री नाथद्वारा से देवगढ़ मदारिया की रेलवे लाइन, मेवाड़ से मारवाड़ को जोड़ेगी। इससे मार्बल, ग्रेनाइट और माइनिंग इंडस्ट्रीज को और व्यापारियों को बहुत मदद मिलेगी। मैं सभी राजस्थान वासियों को इन विकास कार्यों के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

भाइयों और बहनों,

भारत सरकार, राज्य के विकास से देश के विकास के मंत्र पर विश्वास करती है। राजस्थान, देश के सबसे बड़े राज्यों में से एक है। राजस्थान, भारत के शौर्य, भारत की धरोहर, भारत की संस्कृति का वाहक है। राजस्थान जितना विकसित होगा, उतना ही भारत के विकास को भी गति मिलेगी। और इसलिए हमारी सरकार, राजस्थान में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर सबसे अधिक बल दे रही है। और जब मैं आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करता हूं, तो इसका मतलब सिर्फ रेल और रोड ही नहीं होता। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर शहरों और गांवों में कनेक्टिविटी बढ़ाता है, दूरी कम करता है। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, समाज में सुविधाएं बढ़ाता है, समाज को जोड़ता है। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल सुविधाओं को बढ़ाता है, लोगों का जीवन आसान बनाता है। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, विरासत को बढ़ावा देने के साथ ही विकास को भी गति देता है। जब हम आने वाले 25 साल में विकसित भारत के संकल्प की बात करते हैं, तो उसके मूल में यही इंफ्रास्ट्रक्चर एक नई ताकत बनकर के उभर रहा है। आज देश में हर तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर पर अभूतपूर्व निवेश हो रहा है अभूतपूर्व गति से काम चल रहा है। रेलवे हो, हाइवे हो, एयरपोर्ट हो, हर क्षेत्र में भारत सरकार हजारों करोड़ रुपए निवेश कर रही है। इस साल के बजट में भी भारत सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर 10 लाख करोड़ रुपए खर्च करना तय किया है।

साथियों,

जब इंफ्रास्ट्रक्चर पर इतना निवेश होता है, तो इसका सीधा प्रभाव उस क्षेत्र के विकास पर होता है, उस क्षेत्र में रोजगार के अवसरों पर होता है। जब नई सड़कें बनती हैं, नई रेल लाइनें बनती हैं, जब गांव में पीएम आवास योजना के करोड़ों घर बनते हैं, करोड़ों शौचालय बनते हैं, जब गांव में लाखों किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछता है, हर घर जल इसके लिए पाइप बिछाया जाता है, तो इसका लाभ जो स्थानीय छोटे-मोटे व्यापारी होते हैं, जो इस प्रकार की चीजों को सप्लाई करते हैं, उन छोटे-मोटे दुकानदारों को भी, उस इलाके के श्रमिकों को भी इसके कारण बहुत लाभ मिलता है। भारत सरकार की इन योजनाओं ने अर्थव्यवस्था को एक नई गति दी है।

लेकिन साथियों, हमारे देश में कुछ लोग ऐसी विकृत विचारधारा के शिकार हो चुके हैं, इतनी नकारात्मकता से भरे हुए हैं। देश में कुछ भी अच्छा होता हुआ वो देखना ही नहीं चाहते। और उन्हें सिर्फ विवाद खड़ा करना ही अच्छा लगता है। अब आपने कुछ सुना होगा जैसे कुछ लोग उपदेश देते हैं कि आटा पहले कि डाटा पहले, सड़क पहले कि सैटेलाइट पहले। लेकिन इतिहास गवाह है कि स्थाई विकास के लिए, तेज विकास के लिए, मूल व्यवस्थाओं के साथ ही आधुनिक इंफ्रा बनाना भी जरूरी होता है। जो लोग कदम-कदम पर हर चीज वोट के तराजू से तौलते हैं, वो कभी देश के भविष्य को ध्यान में रखकर योजना नहीं बना पाते।

हम कई बार देखते हैं, गांव में पानी की टंकी बनी लेकिन वो 4-5 साल में ही छोटी पड़ जाती है। कितनी ही सड़कें या फ्लाईओवर ऐसे होते हैं जो 4-5 साल में अपर्याप्त लगने लगते हैं। हमारे देश में इसी सोच की वजह से इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को प्राथमिकता नहीं दी गई। इसका बहुत नुकसान देश ने उठाया है। अगर पहले ही मान लीजिए पर्याप्त संख्या में मेडिकल क़ॉलेज बन गए होते तो पहले देश में डॉक्टरों की इतनी कमी नहीं होती। अगर पहले ही रेलवे लाइनों का बिजलीकरण हो गया होता, तो आज हजारों करोड़ रुपए खर्च करके ये काम कराने की जरूरत नहीं रहती। अगर पहले ही हर घर तक नल से जल आने लगता, तो आज साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए लगाकर जल जीवन मिशन नहीं शुरू करना पड़ता। नकारात्मकता से भरे हुए लोगों में ना दूरदृष्टि होती है और ना ही वो राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठकर कुछ सोच पाते हैं।

आप सोचिए, अगर नाथद्वारा की जीवन-रेखा कहे जाने वाले नंदसमंद बांध या टांटोल बांध नहीं बने होते तो क्या होता? और हम तो राजस्थान और गुजरात के लोगों के जुबां पे लाखा बंजारा का नाम बार-बार आता है, हम लाखा बंजारा की चर्चा करते हैं। पानी के लिए लाखा बंजारा ने अपना जीवन खपा दिया था। हालात ये है कि अगर पानी के लिए इतना काम करने वाले और जिनकी चारों तरफ वावड़ी किसने बनाई तो बोले लाखा बंजारा, वहां तालाब किसने बनाया तो बोले लाखा बंजारा ये गुजरात में भी बोला जाता है, राजस्थान में भी बोला जाता है। मतलब हर एक को लगता है भई पानी की समस्या का समाधान कोई करता था तो लाखा बंजारा करता था। लेकिन आज हालत यही है कि यही लाखा बंजारा चुनाव में खड़ा हो जाए तो ये नकारात्मक सोच वाले उसको भी हराने के लिए मैदान में आएंगे। उसके लिए भी पॉलिटिकल पार्टियों का जमघट इकठ्ठा करेंगे।

साथियों,

दूरदृष्टि के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बनाने का नुकसान राजस्थान ने भी बहुत उठाया है। इस मरूभूमि में कनेक्टिविटी के अभाव में आना-जाना कितना मुश्किल होता था, ये आप भली-भांति जानते हैं। और ये मुश्किल सिर्फ आने-जाने तक सीमित नहीं थी बल्कि इससे खेती-किसानी, व्यापार-कारोबार सब-कुछ मुश्किल था। आप देखिए, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना साल 2000 में अटल जी की सरकार ने शुरु की थी। इसके बाद 2014 तक लगभग 3 लाख 80 हज़ार किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनाई गईं। बावजूद इसके देश के लाखों गांव ऐसे थे, जहां सड़क संपर्क से कटे हुए थे। 2014 में हमने संकल्प लिया कि हर गांव तक पक्की सड़कें पहुंचाकर रहेंगे। पिछले 9 वर्ष में ही हमने लगभग साढ़े 3 लाख किलोमीटर नई सड़कें गांवों में बनाई हैं। इनमें से 70 हज़ार किलोमीटर से अधिक सड़कें यहां अपने इस राजस्थान के गांवों में बनी हैं। अब देश के ज्यादातर गांव पक्की सड़कों से जुड़ चुके हैं। आप कल्पना करिए, अगर यही काम पहले हो गया होता, तो गांव-कस्बों में रहने वाले हमारे भाइयों-बहनों को कितनी आसानी हो गई होती।

साथियों,

भारत सरकार आज गांवों तक सड़क पहुंचाने के साथ ही, शहरों को भी आधुनिक हाईवे से जोड़ने में जुटी है। 2014 से पहले देश में जिस गति से नेशनल हाईवे का निर्माण हो रहा था, अब उससे दोगुनी तेजी, double speed से काम किया जा रहा है। इसका भी लाभ राजस्थान के अनेक जिलों को मिला है। कुछ समय पहले ही मैंने दौसा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे उसके एक प्रमुख सेक्शन का लोकार्पण किया है।

भाइयों और बहनों,

आज भारत का समाज आकांक्षी समाज है, aspirational society है। आज 21वीं सदी के इस दशक में लोग, कम समय में ज्यादा से ज्यादा दूर तक पहुंचना चाहते हैं, ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं चाहते हैं। सरकार में होने के नाते, ये हम सभी का दायित्व है कि भारत के लोगों की इस आकांक्षा को, राजस्थान के लोगों की इस आकांक्षा को हम सब मिलकर के पूरा करें। हम सब जानते हैं कि सड़क के साथ ही, कहीं जल्दी आने-जाने के लिए रेलवे कितनी जरूरी होती है। आज भी गरीब या मध्यम वर्ग को सपरिवार कहीं जाना है, तो उसकी पहली पसंद रेल ही होती है। इसलिए आज भारत सरकार, अपने दशकों पुराने रेल नेटवर्क को सुधार रही है, आधुनिक बना रही है। आधुनिक ट्रेनें हों, आधुनिक रेलवे स्टेशन हों, आधुनिक रेलवे ट्रैक्स हों, हम हर स्तर पर एक साथ चारों दिशाओं में काम कर रहे हैं। आज राजस्थान को भी उसकी पहली वंदे भारत एक्सप्रेस मिल चुकी है। यहां मावली-मारवाड़ गेज परिवर्तन की मांग भी तो कब से चल रही थी। ये अब पूरी हो रही है। इसी तरह अहमदाबाद-उदयपुर के बीच पूरे रूट को ब्रॉडगेज में बदलने का काम भी कुछ महीने पहले पूरा हुआ है। इस नए रूट पर जो ट्रेन चल रही हैं, उसका बहुत लाभ उदयपुर औऱ आसपास के लोगों को हो रहा है।

साथियों,

पूरे रेल नेटवर्क को मानव रहित फाटकों से मुक्त करने के बाद, हम अब तेज़ी से पूरे नेटवर्क का बिजलीकरण कर रहे हैं। हम उदयपुर रेलवे स्टेशन की तरह ही देश के सैकड़ों रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बना रहे हैं, उनकी कैपेसिटी बढ़ा रहे हैं। और इन सबके साथ ही, हम मालगाड़ियों के लिए स्पेशल ट्रैक, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बना रहे हैं।

साथियों,

पिछले 9 वर्षों में राजस्थान का रेल बजट भी 2014 की तुलना में 14 गुणा बढ़ा है। बीते 9 वर्षों में राजस्थान के लगभग 75 प्रतिशत रेल नेटवर्क का बिजलीकरण किया जा चुका है। यहां गेज परिवर्तन और दोहरीकरण का बहुत बड़ा लाभ डूंगरपुर, उदयपुर, चित्तौड़, पाली, सिरोही और राजसमंद जैसे जिलों को मिला है। वो दिन दूर नहीं जब राजस्थान भी रेल लाइनों के शत प्रतिशत बिजलीकरण वाले राज्यों में शामिल हो जाएगा।

भाइयों और बहनों,

राजस्थान की बेहतर होती कनेक्टिविटी से यहां के टूरिज्म को, हमारे तीर्थ स्थलों को बहुत लाभ हो रहा है। मेवाड़ का ये क्षेत्र तो हल्दीघाटी की भूमि है। राष्ट्ररक्षा के लिए राणा प्रताप के शौर्य, भामाशाह के समर्पण और वीर पन्नाधाय के त्याग की गाथाएं इस मिट्टी के कण-कण में रची-बसी है। कल ही देश ने महाराणा प्रताप जी की जयंती पर उन्हें पुण्य भाव से स्मरण किया। अपनी विरासत की इस पूंजी को हमें अधिक से अधिक देश-दुनिया तक ले जाना आवश्यक है। इसलिए आज भारत सरकार अपनी धरोहरों के विकास के लिए अलग-अलग सर्किट पर काम कर रही है। कृष्णा सर्किट के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण से जुड़े तीर्थों को, उनसे जुड़े आस्था स्थलों को जोड़ा जा रहा है। यहां राजस्थान में भी गोविन्द देव जी, खाटू श्याम जी और श्रीनाथ जी के दर्शनों को आसान बनाने के लिए कृष्ण सर्किट का विकास किया जा रहा है।

भाइयों और बहनों,

भारत सरकार, सेवाभाव को ही भक्तिभाव मानकर दिन-रात काम कर रही है। जनता जनार्दन का जीवन आसान बनाना, हमारी सरकार के सुशासन की प्राथमिकता है। हर नागरिक के जीवन में सुख, सुविधा और सुरक्षा का कैसे विस्तार हो, इसके लिए निरंतर काम चल रहा है। श्रीनाथ जी का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे, इसी कामना के साथ आप सभी को विकास कार्यों की फिर से एक बार बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

 

धन्यवाद !

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Prime Minister pays tributes to Pandit Deendayal Upadhyay on his birth anniversary
September 25, 2023
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The Prime Minister, Shri Narendra Modi paid tributes to Pandit Deendayal Upadhyay on his birth anniversary.

Shri Modi said that the personality and work of Pandit Deendayal Upadhyay, the founder of Antyodaya, who dedicated his entire life to the service of Mother India, will always remain a source of inspiration for the countrymen.

The Prime Minister also shared his thoughts on Pandit Deendayal Upadhyay.

In a X post, the Prime Minister said;

“मां भारती की सेवा में जीवनपर्यंत समर्पित रहे अंत्योदय के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का व्यक्तित्व और कृतित्व देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत बना रहेगा। उनकी जन्म-जयंती पर उन्हें मेरा सादर नमन।”