राजसमंद और उदयपुर में दो लेन में उन्नयन के लिए सड़क निर्माण परियोजनाओं की आधारशिला रखी
उदयपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास और आमान परिवर्तन परियोजना का शिलान्यास किया
तीन राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया
"भारत सरकार राज्य के विकास से राष्ट्र के विकास के मंत्र में विश्वास करती है"
"हम 'जीवन यापन में आसानी' को बढ़ाने के लिए आधुनिक अवसंरचनाओं का निर्माण कर रहे हैं"
"अतीत की अल्पकालिक सोच ने देश के लिए बड़ी कीमत पर अवसंरचना निर्माण की उपेक्षा की"
"अगले 25 वर्षों में एक विकसित भारत के संकल्प के पीछे आधुनिक अवसंरचना एक ताकत के रूप में उभर रही है"
"आज का भारत एक आकांक्षी समाज है"
"वह दिन दूर नहीं जब राजस्थान 100 प्रतिशत रेल विद्युतीकरण वाले राज्यों में से एक होगा"
"सरकार सेवा-भावना के साथ काम कर रही है और इसे भक्ति-भाव मान रही है"

भगवान् श्री नाथजी की जय !

राजस्थान के गवर्नर श्री कलराज मिश्रा जी, मुख्यमंत्री मेरे मित्र श्रीमान अशोक गहलोत जी, विधानसभा के स्पीकर श्रीमान सी पी जोशी जी, राज्य सरकार के मंत्री श्री भजन लाल जाटव जी, संसद में मेरे साथी और राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष श्री चन्द्र प्रकाश जोशी जी, संसद में सारे साथी बहन दीयाकुमारी जी, संसद के मेरे साथी श्रीमान कनकमल कटारा जी, सांसद श्री अर्जुनलाल मीना जी, कार्यक्रम में उपस्थित अन्य सभी महानुभाव और राजस्थान के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों।

भगवान श्री नाथजी और मेवाड़ की इस वीर धरा पर मुझे फिर एक बार आपके बीच आने का अवसर मिला है। यहां आने से पहले मुझे भगवान श्रीनाथ जी के दर्शन का सौभाग्य मिला। मैंने श्रीनाथ जी से आज़ादी के इस अमृत काल में विकसित भारत के संकल्पों की सिद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा है।

साथियों,

आज यहां राजस्थान के विकास से जुड़े 5 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। ये प्रोजेक्ट्स राजस्थान की कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। उदयपुर और शामलाजी के बीच National Highway 8 के Six Lane होने से उदयपुर, डूंगरपुर और बांसवाड़ा क्षेत्रों को बहुत फायदा होगा। इससे शामलाजी और काया के बीच की दूरी कम हो जाएगी। बिलाड़ा और जोधपुर सेक्शन के निर्माण से जोधपुर और बॉर्डर एरिया तक पहुंच बहुत ही सुलभ होगी। इसका एक बड़ा फायदा ये भी होगा कि जयपुर से जोधपुर की दूरी भी 3 घंटे कम हो जाएगी। चारभुजा और निचली ओडन के प्रोजेक्ट से वर्ल्ड हेरिटेज साइट कुंभलगढ़, हल्दीघाटी और श्रीनाथजी के दर्शन करना बहुत ही आसान हो जाएगा। श्री नाथद्वारा से देवगढ़ मदारिया की रेलवे लाइन, मेवाड़ से मारवाड़ को जोड़ेगी। इससे मार्बल, ग्रेनाइट और माइनिंग इंडस्ट्रीज को और व्यापारियों को बहुत मदद मिलेगी। मैं सभी राजस्थान वासियों को इन विकास कार्यों के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

भाइयों और बहनों,

भारत सरकार, राज्य के विकास से देश के विकास के मंत्र पर विश्वास करती है। राजस्थान, देश के सबसे बड़े राज्यों में से एक है। राजस्थान, भारत के शौर्य, भारत की धरोहर, भारत की संस्कृति का वाहक है। राजस्थान जितना विकसित होगा, उतना ही भारत के विकास को भी गति मिलेगी। और इसलिए हमारी सरकार, राजस्थान में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर सबसे अधिक बल दे रही है। और जब मैं आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करता हूं, तो इसका मतलब सिर्फ रेल और रोड ही नहीं होता। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर शहरों और गांवों में कनेक्टिविटी बढ़ाता है, दूरी कम करता है। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, समाज में सुविधाएं बढ़ाता है, समाज को जोड़ता है। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल सुविधाओं को बढ़ाता है, लोगों का जीवन आसान बनाता है। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, विरासत को बढ़ावा देने के साथ ही विकास को भी गति देता है। जब हम आने वाले 25 साल में विकसित भारत के संकल्प की बात करते हैं, तो उसके मूल में यही इंफ्रास्ट्रक्चर एक नई ताकत बनकर के उभर रहा है। आज देश में हर तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर पर अभूतपूर्व निवेश हो रहा है अभूतपूर्व गति से काम चल रहा है। रेलवे हो, हाइवे हो, एयरपोर्ट हो, हर क्षेत्र में भारत सरकार हजारों करोड़ रुपए निवेश कर रही है। इस साल के बजट में भी भारत सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर 10 लाख करोड़ रुपए खर्च करना तय किया है।

साथियों,

जब इंफ्रास्ट्रक्चर पर इतना निवेश होता है, तो इसका सीधा प्रभाव उस क्षेत्र के विकास पर होता है, उस क्षेत्र में रोजगार के अवसरों पर होता है। जब नई सड़कें बनती हैं, नई रेल लाइनें बनती हैं, जब गांव में पीएम आवास योजना के करोड़ों घर बनते हैं, करोड़ों शौचालय बनते हैं, जब गांव में लाखों किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछता है, हर घर जल इसके लिए पाइप बिछाया जाता है, तो इसका लाभ जो स्थानीय छोटे-मोटे व्यापारी होते हैं, जो इस प्रकार की चीजों को सप्लाई करते हैं, उन छोटे-मोटे दुकानदारों को भी, उस इलाके के श्रमिकों को भी इसके कारण बहुत लाभ मिलता है। भारत सरकार की इन योजनाओं ने अर्थव्यवस्था को एक नई गति दी है।

लेकिन साथियों, हमारे देश में कुछ लोग ऐसी विकृत विचारधारा के शिकार हो चुके हैं, इतनी नकारात्मकता से भरे हुए हैं। देश में कुछ भी अच्छा होता हुआ वो देखना ही नहीं चाहते। और उन्हें सिर्फ विवाद खड़ा करना ही अच्छा लगता है। अब आपने कुछ सुना होगा जैसे कुछ लोग उपदेश देते हैं कि आटा पहले कि डाटा पहले, सड़क पहले कि सैटेलाइट पहले। लेकिन इतिहास गवाह है कि स्थाई विकास के लिए, तेज विकास के लिए, मूल व्यवस्थाओं के साथ ही आधुनिक इंफ्रा बनाना भी जरूरी होता है। जो लोग कदम-कदम पर हर चीज वोट के तराजू से तौलते हैं, वो कभी देश के भविष्य को ध्यान में रखकर योजना नहीं बना पाते।

हम कई बार देखते हैं, गांव में पानी की टंकी बनी लेकिन वो 4-5 साल में ही छोटी पड़ जाती है। कितनी ही सड़कें या फ्लाईओवर ऐसे होते हैं जो 4-5 साल में अपर्याप्त लगने लगते हैं। हमारे देश में इसी सोच की वजह से इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को प्राथमिकता नहीं दी गई। इसका बहुत नुकसान देश ने उठाया है। अगर पहले ही मान लीजिए पर्याप्त संख्या में मेडिकल क़ॉलेज बन गए होते तो पहले देश में डॉक्टरों की इतनी कमी नहीं होती। अगर पहले ही रेलवे लाइनों का बिजलीकरण हो गया होता, तो आज हजारों करोड़ रुपए खर्च करके ये काम कराने की जरूरत नहीं रहती। अगर पहले ही हर घर तक नल से जल आने लगता, तो आज साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए लगाकर जल जीवन मिशन नहीं शुरू करना पड़ता। नकारात्मकता से भरे हुए लोगों में ना दूरदृष्टि होती है और ना ही वो राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठकर कुछ सोच पाते हैं।

आप सोचिए, अगर नाथद्वारा की जीवन-रेखा कहे जाने वाले नंदसमंद बांध या टांटोल बांध नहीं बने होते तो क्या होता? और हम तो राजस्थान और गुजरात के लोगों के जुबां पे लाखा बंजारा का नाम बार-बार आता है, हम लाखा बंजारा की चर्चा करते हैं। पानी के लिए लाखा बंजारा ने अपना जीवन खपा दिया था। हालात ये है कि अगर पानी के लिए इतना काम करने वाले और जिनकी चारों तरफ वावड़ी किसने बनाई तो बोले लाखा बंजारा, वहां तालाब किसने बनाया तो बोले लाखा बंजारा ये गुजरात में भी बोला जाता है, राजस्थान में भी बोला जाता है। मतलब हर एक को लगता है भई पानी की समस्या का समाधान कोई करता था तो लाखा बंजारा करता था। लेकिन आज हालत यही है कि यही लाखा बंजारा चुनाव में खड़ा हो जाए तो ये नकारात्मक सोच वाले उसको भी हराने के लिए मैदान में आएंगे। उसके लिए भी पॉलिटिकल पार्टियों का जमघट इकठ्ठा करेंगे।

साथियों,

दूरदृष्टि के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बनाने का नुकसान राजस्थान ने भी बहुत उठाया है। इस मरूभूमि में कनेक्टिविटी के अभाव में आना-जाना कितना मुश्किल होता था, ये आप भली-भांति जानते हैं। और ये मुश्किल सिर्फ आने-जाने तक सीमित नहीं थी बल्कि इससे खेती-किसानी, व्यापार-कारोबार सब-कुछ मुश्किल था। आप देखिए, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना साल 2000 में अटल जी की सरकार ने शुरु की थी। इसके बाद 2014 तक लगभग 3 लाख 80 हज़ार किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनाई गईं। बावजूद इसके देश के लाखों गांव ऐसे थे, जहां सड़क संपर्क से कटे हुए थे। 2014 में हमने संकल्प लिया कि हर गांव तक पक्की सड़कें पहुंचाकर रहेंगे। पिछले 9 वर्ष में ही हमने लगभग साढ़े 3 लाख किलोमीटर नई सड़कें गांवों में बनाई हैं। इनमें से 70 हज़ार किलोमीटर से अधिक सड़कें यहां अपने इस राजस्थान के गांवों में बनी हैं। अब देश के ज्यादातर गांव पक्की सड़कों से जुड़ चुके हैं। आप कल्पना करिए, अगर यही काम पहले हो गया होता, तो गांव-कस्बों में रहने वाले हमारे भाइयों-बहनों को कितनी आसानी हो गई होती।

साथियों,

भारत सरकार आज गांवों तक सड़क पहुंचाने के साथ ही, शहरों को भी आधुनिक हाईवे से जोड़ने में जुटी है। 2014 से पहले देश में जिस गति से नेशनल हाईवे का निर्माण हो रहा था, अब उससे दोगुनी तेजी, double speed से काम किया जा रहा है। इसका भी लाभ राजस्थान के अनेक जिलों को मिला है। कुछ समय पहले ही मैंने दौसा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे उसके एक प्रमुख सेक्शन का लोकार्पण किया है।

भाइयों और बहनों,

आज भारत का समाज आकांक्षी समाज है, aspirational society है। आज 21वीं सदी के इस दशक में लोग, कम समय में ज्यादा से ज्यादा दूर तक पहुंचना चाहते हैं, ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं चाहते हैं। सरकार में होने के नाते, ये हम सभी का दायित्व है कि भारत के लोगों की इस आकांक्षा को, राजस्थान के लोगों की इस आकांक्षा को हम सब मिलकर के पूरा करें। हम सब जानते हैं कि सड़क के साथ ही, कहीं जल्दी आने-जाने के लिए रेलवे कितनी जरूरी होती है। आज भी गरीब या मध्यम वर्ग को सपरिवार कहीं जाना है, तो उसकी पहली पसंद रेल ही होती है। इसलिए आज भारत सरकार, अपने दशकों पुराने रेल नेटवर्क को सुधार रही है, आधुनिक बना रही है। आधुनिक ट्रेनें हों, आधुनिक रेलवे स्टेशन हों, आधुनिक रेलवे ट्रैक्स हों, हम हर स्तर पर एक साथ चारों दिशाओं में काम कर रहे हैं। आज राजस्थान को भी उसकी पहली वंदे भारत एक्सप्रेस मिल चुकी है। यहां मावली-मारवाड़ गेज परिवर्तन की मांग भी तो कब से चल रही थी। ये अब पूरी हो रही है। इसी तरह अहमदाबाद-उदयपुर के बीच पूरे रूट को ब्रॉडगेज में बदलने का काम भी कुछ महीने पहले पूरा हुआ है। इस नए रूट पर जो ट्रेन चल रही हैं, उसका बहुत लाभ उदयपुर औऱ आसपास के लोगों को हो रहा है।

साथियों,

पूरे रेल नेटवर्क को मानव रहित फाटकों से मुक्त करने के बाद, हम अब तेज़ी से पूरे नेटवर्क का बिजलीकरण कर रहे हैं। हम उदयपुर रेलवे स्टेशन की तरह ही देश के सैकड़ों रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बना रहे हैं, उनकी कैपेसिटी बढ़ा रहे हैं। और इन सबके साथ ही, हम मालगाड़ियों के लिए स्पेशल ट्रैक, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बना रहे हैं।

साथियों,

पिछले 9 वर्षों में राजस्थान का रेल बजट भी 2014 की तुलना में 14 गुणा बढ़ा है। बीते 9 वर्षों में राजस्थान के लगभग 75 प्रतिशत रेल नेटवर्क का बिजलीकरण किया जा चुका है। यहां गेज परिवर्तन और दोहरीकरण का बहुत बड़ा लाभ डूंगरपुर, उदयपुर, चित्तौड़, पाली, सिरोही और राजसमंद जैसे जिलों को मिला है। वो दिन दूर नहीं जब राजस्थान भी रेल लाइनों के शत प्रतिशत बिजलीकरण वाले राज्यों में शामिल हो जाएगा।

भाइयों और बहनों,

राजस्थान की बेहतर होती कनेक्टिविटी से यहां के टूरिज्म को, हमारे तीर्थ स्थलों को बहुत लाभ हो रहा है। मेवाड़ का ये क्षेत्र तो हल्दीघाटी की भूमि है। राष्ट्ररक्षा के लिए राणा प्रताप के शौर्य, भामाशाह के समर्पण और वीर पन्नाधाय के त्याग की गाथाएं इस मिट्टी के कण-कण में रची-बसी है। कल ही देश ने महाराणा प्रताप जी की जयंती पर उन्हें पुण्य भाव से स्मरण किया। अपनी विरासत की इस पूंजी को हमें अधिक से अधिक देश-दुनिया तक ले जाना आवश्यक है। इसलिए आज भारत सरकार अपनी धरोहरों के विकास के लिए अलग-अलग सर्किट पर काम कर रही है। कृष्णा सर्किट के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण से जुड़े तीर्थों को, उनसे जुड़े आस्था स्थलों को जोड़ा जा रहा है। यहां राजस्थान में भी गोविन्द देव जी, खाटू श्याम जी और श्रीनाथ जी के दर्शनों को आसान बनाने के लिए कृष्ण सर्किट का विकास किया जा रहा है।

भाइयों और बहनों,

भारत सरकार, सेवाभाव को ही भक्तिभाव मानकर दिन-रात काम कर रही है। जनता जनार्दन का जीवन आसान बनाना, हमारी सरकार के सुशासन की प्राथमिकता है। हर नागरिक के जीवन में सुख, सुविधा और सुरक्षा का कैसे विस्तार हो, इसके लिए निरंतर काम चल रहा है। श्रीनाथ जी का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे, इसी कामना के साथ आप सभी को विकास कार्यों की फिर से एक बार बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

 

धन्यवाद !

Explore More
हर भारतीय का खून खौल रहा है: ‘मन की बात’ में पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

हर भारतीय का खून खौल रहा है: ‘मन की बात’ में पीएम मोदी
'Operation Sindoor on, if they fire, we fire': India's big message to Pakistan

Media Coverage

'Operation Sindoor on, if they fire, we fire': India's big message to Pakistan
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन
May 12, 2025
Today, every terrorist knows the consequences of wiping Sindoor from the foreheads of our sisters and daughters: PM
Operation Sindoor is an unwavering pledge for justice: PM
Terrorists dared to wipe the Sindoor from the foreheads of our sisters; that's why India destroyed the very headquarters of terror: PM
Pakistan had prepared to strike at our borders,but India hit them right at their core: PM
Operation Sindoor has redefined the fight against terror, setting a new benchmark, a new normal: PM
This is not an era of war, but it is not an era of terrorism either: PM
Zero tolerance against terrorism is the guarantee of a better world: PM
Any talks with Pakistan will focus on terrorism and PoK: PM

प्रिय देशवासियों,

नमस्कार!

हम सभी ने बीते दिनों में देश का सामर्थ्य और उसका संयम दोनों देखा है। मैं सबसे पहले भारत की पराक्रमी सेनाओं को, सशस्त्र बलों को, हमारी खुफिया एजेंसियों को, हमारे वैज्ञानिकों को, हर भारतवासी की तरफ से सैल्यूट करता हूं। हमारे वीर सैनिकों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए असीम शौर्य का प्रदर्शन किया। मैं उनकी वीरता को, उनके साहस को, उनके पराक्रम को, आज समर्पित करता हूं- हमारे देश की हर माता को, देश की हर बहन को, और देश की हर बेटी को, ये पराक्रम समर्पित करता हूं।

साथियों,

22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने जो बर्बरता दिखाई थी, उसने देश और दुनिया को झकझोर दिया था। छुट्टियां मना रहे निर्दोष-मासूम नागरिकों को धर्म पूछकर, उनके परिवार के सामने, उनके बच्चों के सामने, बेरहमी से मार डालना, ये आतंक का बहुत विभत्स चेहरा था, क्रूरता थी। ये देश के सद्भाव को तोड़ने की घिनौनी कोशिश भी थी। मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से ये पीड़ा बहुत बड़ी थी। इस आतंकी हमले के बाद सारा राष्ट्र, हर नागरिक, हर समाज, हर वर्ग, हर राजनीतिक दल, एक स्वर में, आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए उठ खड़ा हुआ। हमने आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाने के लिए भारत की सेनाओं को पूरी छूट दे दी। और आज हर आतंकी, आतंक का हर संगठन जान चुका है कि हमारी बहनों-बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है।

साथियों,

‘ऑपरेशन सिंदूर’ ये सिर्फ नाम नहीं है, ये देश के कोटि-कोटि लोगों की भावनाओं का प्रतिबिंब है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है। 6 मई की देर रात, 7 मई की सुबह, पूरी दुनिया ने इस प्रतिज्ञा को परिणाम में बदलते देखा है। भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान में आतंक के ठिकानों पर, उनके ट्रेनिंग सेंटर्स पर सटीक प्रहार किया। आतंकियों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत इतना बड़ा फैसला ले सकता है। लेकिन जब देश एकजुट होता है, Nation First की भावना से भरा होता है, राष्ट्र सर्वोपरि होता है, तो फौलादी फैसले लिए जाते हैं, परिणाम लाकर दिखाए जाते हैं।

जब पाकिस्तान में आतंक के अड्डों पर भारत की मिसाइलों ने हमला बोला, भारत के ड्रोन्स ने हमला बोला, तो आतंकी संगठनों की इमारतें ही नहीं, बल्कि उनका हौसला भी थर्रा गया। बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकाने, एक प्रकार से ग्लोबल टैररिज्म की यूनिवर्सटीज रही हैं। दुनिया में कहीं पर भी जो बड़े आतंकी हमले हुए हैं, चाहे नाइन इलेवन हो, चाहे लंदन ट्यूब बॉम्बिंग्स हो, या फिर भारत में दशकों में जो बड़े-बड़े आतंकी हमले हुए हैं, उनके तार कहीं ना कहीं आतंक के इन्हीं ठिकानों से जुड़ते रहे हैं। आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था, इसलिए भारत ने आतंक के ये हेडक्वार्ट्स उजाड़ दिए। भारत के इन हमलों में 100 से अधिक खूंखार आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा गया है। आतंक के बहुत सारे आका, बीते ढाई-तीन दशकों से खुलेआम पाकिस्तान में घूम रहे थे, जो भारत के खिलाफ साजिशें करते थे, उन्हें भारत ने एक झटके में खत्म कर दिया।

साथियों,

भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान घोर निराशा में घिर गया था, हताशा में घिर गया था, बौखला गया था, और इसी बौखलाहट में उसने एक और दुस्साहस किया। आतंक पर भारत की कार्रवाई का साथ देने के बजाय पाकिस्तान ने भारत पर ही हमला करना शुरू कर दिया। पाकिस्तान ने हमारे स्कूलों-कॉलेजों को, गुरुद्वारों को, मंदिरों को, सामान्य नागरिकों के घरों को निशाना बनाया, पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, लेकिन इसमें भी पाकिस्तान खुद बेनकाब हो गया।

दुनिया ने देखा कि कैसे पाकिस्तान के ड्रोन्स और पाकिस्तान की मिसाइलें, भारत के सामने तिनके की तरह बिखर गईं। भारत के सशक्त एयर डिफेंस सिस्टम ने, उन्हें आसमान में ही नष्ट कर दिया। पाकिस्तान की तैयारी सीमा पर वार की थी, लेकिन भारत ने पाकिस्तान के सीने पर वार कर दिया। भारत के ड्रोन्स, भारत की मिसाइलों ने सटीकता के साथ हमला किया। पाकिस्तानी वायुसेना के उन एयरबेस को नुकसान पहुंचाया, जिस पर पाकिस्तान को बहुत घमंड था। भारत ने पहले तीन दिनों में ही पाकिस्तान को इतना तबाह कर दिया, जिसका उसे अंदाजा भी नहीं था।

इसलिए, भारत की आक्रामक कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान बचने के रास्ते खोजने लगा। पाकिस्तान, दुनिया भर में तनाव कम करने की गुहार लगा रहा था। और बुरी तरह पिटने के बाद इसी मजबूरी में 10 मई की दोपहर को पाकिस्तानी सेना ने हमारे DGMO को संपर्क किया। तब तक हम आतंकवाद के इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़े पैमाने पर तबाह कर चुके थे, आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया था, पाकिस्तान के सीने में बसाए गए आतंक के अड्डों को हमने खंडहर बना दिया था, इसलिए, जब पाकिस्तान की तरफ से गुहार लगाई गई, पाकिस्तान की तरफ से जब ये कहा गया, कि उसकी ओर से आगे कोई आतंकी गतिविधि और सैन्य दुस्साहस नहीं दिखाया जाएगा। तो भारत ने भी उस पर विचार किया। और मैं फिर दोहरा रहा हूं, हमने पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर अपनी जवाबी कार्रवाई को अभी सिर्फ स्थगित किया है। आने वाले दिनों में, हम पाकिस्तान के हर कदम को इस कसौटी पर मापेंगे, कि वो क्या रवैया अपनाता है।

साथियों,

भारत की तीनों सेनाएं, हमारी एयरफोर्स, हमारी आर्मी, और हमारी नेवी, हमारी बॉर्डर सेक्योरिटी फोर्स- BSF, भारत के अर्धसैनिक बल, लगातार अलर्ट पर हैं। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद, अब ऑपरेशन सिंदूर आतंक के खिलाफ भारत की नीति है। ऑपरेशन सिंदूर ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है, एक नया पैमाना, न्यू नॉर्मल तय कर दिया है।

पहला- भारत पर आतंकी हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हम अपने तरीके से, अपनी शर्तों पर जवाब देकर रहेंगे। हर उस जगह जाकर कठोर कार्यवाही करेंगे, जहां से आतंक की जड़ें निकलती हैं। दूसरा- कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल भारत नहीं सहेगा। न्यूक्लियर ब्लैकमेल की आड़ में पनप रहे आतंकी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक प्रहार करेगा।

तीसरा- हम आतंक की सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग-अलग नहीं देखेंगे। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, दुनिया ने, पाकिस्तान का वो घिनौना सच फिर देखा है, जब मारे गए आतंकियों को विदाई देने, पाकिस्तानी सेना के बड़े-बड़े अफसर उमड़ पड़े। स्टेट स्पॉन्सरड टेरेरिज्म का ये बहुत बड़ा सबूत है। हम भारत और अपने नागरिकों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए लगातार निर्णायक कदम उठाते रहेंगे।

साथियों,

युद्ध के मैदान पर हमने हर बार पाकिस्तान को धूल चटाई है। और इस बार ऑपरेशन सिंदूर ने नया आयाम जोड़ा है। हमने रेगिस्तानों और पहाड़ों में अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया, और साथ ही, न्यू एज वॉरफेयर में भी अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की। इस ऑपरेशन के दौरान, हमारे मेड इन इंडिया हथियारों की प्रमाणिकता सिद्ध हुई। आज दुनिया देख रही है, 21वीं सदी के वॉरफेयर में मेड इन इंडिया डिफेंस इक्विपमेंट्स, इसका समय आ चुका है।

साथियों,

हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ हम सभी का एकजुट रहना, हमारी एकता, हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। निश्चित तौर पर ये युग युद्ध का नहीं है, लेकिन ये युग आतंकवाद का भी नहीं है। टैररिज्म के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, ये एक बेहतर दुनिया की गारंटी है।

साथियों,

पाकिस्तानी फौज, पाकिस्तान की सरकार, जिस तरह आतंकवाद को खाद-पानी दे रहे है, वो एक दिन पाकिस्तान को ही समाप्त कर देगा। पाकिस्तान को अगर बचना है तो उसे अपने टैरर इंफ्रास्ट्रक्चर का सफाया करना ही होगा। इसके अलावा शांति का कोई रास्ता नहीं है। भारत का मत एकदम स्पष्ट है, टैरर और टॉक, एक साथ नहीं हो सकते, टैरर और ट्रेड, एक साथ नहीं चल सकते। और, पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकता।

मैं आज विश्व समुदाय को भी कहूंगा, हमारी घोषित नीति रही है, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो टेरेरिज्म पर ही होगी, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर, PoK उस पर ही होगी।

प्रिय देशवासियों,

आज बुद्ध पूर्णिमा है। भगवान बुद्ध ने हमें शांति का रास्ता दिखाया है। शांति का मार्ग भी शक्ति से होकर जाता है। मानवता, शांति और समृद्धि की तरफ बढ़े, हर भारतीय शांति से जी सके, विकसित भारत के सपने को पूरा कर सके, इसके लिए भारत का शक्तिशाली होना बहुत जरूरी है, और आवश्यकता पड़ने पर इस शक्ति का इस्तेमाल भी जरूरी है। और पिछले कुछ दिनों में, भारत ने यही किया है।

मैं एक बार फिर भारत की सेना और सशस्त्र बलों को सैल्यूट करता हूं। हम भारतवासी के हौसले, हर भारतवासी की एकजुटता का शपथ, संकल्प, मैं उसे नमन करता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

भारत माता की जय !!!

भारत माता की जय !!!

भारत माता की जय !!!