Quoteइस वर्ष का केन्‍द्रीय बजट एक मजबूत कार्यबल और बढ़ती अर्थव्यवस्था का मार्ग प्रशस्त करता है: प्रधानमंत्री
Quoteहमने जनमानस, अर्थव्यवस्था और नवाचार को वही प्राथमिकता दी है जो हमने निवेश में बुनियादी ढांचे और उद्योगों को दी है: प्रधानमंत्री
Quoteलोगों में निवेश की कल्‍पना तीन स्तंभों पर टिकी है - शिक्षा, कौशल और स्वास्थ्य सेवा!: प्रधानमंत्री
Quoteआज हम भारत की शिक्षा प्रणाली को कई दशकों के बाद एक बड़े बदलाव से गुजरते हुए देख रहे हैं: प्रधानमंत्री
Quoteसभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्‍द्रों में टेलीमेडिसिन सुविधा का विस्तार किया जा रहा है: प्रधानमंत्री
Quoteडे-केयर कैंसर सेंटर और डिजिटल स्‍वास्‍थ्‍य सेवा बुनियादी ढांचे के माध्यम से हम गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा को अंतिम छोर तक ले जाना चाहते हैं: प्रधानमंत्री
Quoteघरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस बजट में अनेक निर्णय लिए गए हैं: प्रधानमंत्री
Quoteदेश भर में 50 पर्यटन स्थलों को पर्यटन पर केन्‍द्रित करके विकसित किया जाएगा: प्रधानमंत्री
Quoteइन स्थलों पर होटलों को बुनियादी ढांचे का दर्जा देने से पर्यटन में आसानी होगी और स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा: प्रधानमंत्री
Quoteभारत एआई क्षमताओं को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय वृहद भाषा मॉडल स्थापित करेगा: प्रधानमंत्री
Quoteइस दिशा में हमारे निजी क्षेत्र को भी दुनिया से एक कदम आगे रहने की जरूरत है: प्रधानमंत्री
Quoteदुनिया एक विश्वसनीय, सुरक्षित और लोकतांत्रिक देश की प्रतीक्षा कर रही है जो एआई में आर्थिक समाधान प्रदान कर सके: प्रधानमंत्री
Quoteसरकार ने इस बजट में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं, शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश की मंजूरी दी गई है: प्रधानमंत्री
Quoteइससे डीप टेक फंड ऑफ फंड्स के साथ उभरते क्षेत्रों में निवेश बढ़ेगा: प्रधानमंत्री
Quoteज्ञान भारतम मिशन के माध्यम से भारत की समृद्ध पांडुलिपि विरासत को संरक्षित करने की घोषणा बहुत महत्वपूर्ण है: प्रधानमंत्री
Quoteइस मिशन के माध्यम से एक करोड़ से अधिक पांडुलिपियों को डिजिटल रूप में परिवर्तित किया जाएगा: प्रधानमंत्री

नमस्कार!

आप सभी का इस महत्वपूर्ण बजट वेबिनार में स्वागत है, अभिनंदन है। Investing in People, Economy and Innovation- ये एक ऐसी थीम है, जो विकसित भारत के रोडमैप को define करती है। इस साल के बजट में आपको इसका प्रभाव भी बहुत बड़े स्केल पर दिख रहा है। इसलिए, ये बजट भारत के भविष्य का ब्लूप्रिंट बनकर सामने आया है। हमने इनवेस्टमेंट में जितनी प्राथमिकता infrastructure और industries को दी है, उतनी ही प्राथमिकता People, Economy और Innovation को भी दी है। आप सब जानते हैं, Capacity building और talent नर्चरिंग, ये देश की प्रगति के लिए फ़ाउंडेशन स्टोन का काम करती हैं। इसलिए, अब विकास के अगले चरण में हमें इन क्षेत्रों में और ज्यादा निवेश करना है। इसके लिए हम सभी स्टेकहोल्डर्स को आगे आना होगा। क्योंकि, ये देश की economic success के लिए आवश्यक है। और साथ ही, ये हर organization की success का भी आधार है।

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साथियों,

Investment in people का विज़न तीन पिलर्स पर खड़ा होता है- एजुकेशन, स्किल और हेल्थकेयर! आज आप देख रहे हैं, भारत का Education system कई दशक के बाद कितने बड़े transformation से गुजर रहा है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी जैसे बड़े कदम, IITs का विस्तार, एजुकेशन सिस्टम में technology का इंटिग्रेशन, AI के full potential का उपयोग, Textbooks का digitization, 22 भारतीय भाषाओं में learning materials उपलब्ध करवाने का काम, ऐसे कितने ही प्रयास मिशन मोड में जारी हैं। इनके कारण आज भारत का एजुकेशन सिस्टम 21वीं सदी की दुनिया की जरूरतों और parameters को मैच कर रहा है।

साथियों,

सरकार ने 2014 से अब तक 3 करोड़ से ज्यादा युवाओं को स्किल ट्रेनिंग दी है। हमने 1 हजार ITI संस्थानों को अपग्रेड करने और 5 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने का ऐलान किया है। हमारा लक्ष्य है कि युवाओं की ट्रेनिंग ऐसी होनी चाहिए कि वो हमारी इंडस्ट्री की जरूरतें पूरी कर सकें। इसमें हम ग्लोबल एक्सपर्ट्स से मदद लेकर ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे युवा वर्ल्ड लेवल पर कंपीट कर सकें। इन सब प्रयासों में हमारी इंडस्ट्री और academia की सबसे बड़ी भूमिका है। इंडस्ट्री और एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स एक दूसरे की जरूरतों को समझें और उन्हें पूरा करें। युवाओं को तेजी से बदलती दुनिया के साथ चलने का मौका मिले, उनको exposure मिले, उन्हें practical learning के लिए platform मिलें। इसके लिए सभी स्टेकहोल्डर्स को एक साथ आना होगा। हमने युवाओं को नए अवसर और practical skills देने के लिए PM-internship scheme शुरू की है। इस योजना में, हर स्केल पर, ज्यादा से ज्यादा उद्योगों की भागीदारी हो, हमें ये सुनिश्चित करना ही है।

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साथियों,

हमने इस बजट में 10 हजार अतिरिक्त मेडिकल सीटों की घोषणा की है। हम अगले 5 सालों में मेडिकल लाइन में 75 हजार, seventy five thousand सीटें जोड़ने का टारगेट लेकर चल रहे हैं। सभी Primary Health Centres, टेली-मेडिसिन सुविधा का विस्तार, इन सब क्षेत्रों में हो रहा है। डे-केयर कैंसर सेंटर और digital healthcare infrastructure के जरिए, हम quality healthcare को लास्ट माइल तक पहुंचाना चाहते हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, इससे लोगों के जीवन में कितना बड़ा परिवर्तन आएगा। इससे युवाओं के लिए रोजगार के भी अनेक नए अवसर बनेंगे। इन्हें जमीन पर उतारने के लिए आपको उतनी ही तेजी से काम करना है। तभी हम बजट घोषणाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा पाएंगे।

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साथियों,

पिछले 10 वर्षों में हमने economy में investment को भी futuristic सोच के साथ देखा है। आप जानते हैं, 2047 तक भारत की शहरी आबादी लगभग 90 करोड़ तक हो जाने का अनुमान है। इतनी बड़ी आबादी के लिए planned urbanization की जरूरत है। इसके लिए, हमने 1 लाख करोड़ रुपए का Urban Challenge Fund बनाने की पहल की है। इससे governance, infrastructure और financial sustainability पर फोकस किया जाएगा, और private investment भी बढ़ेगा। हमारे शहर Sustainable urban mobility, digital integration और Climate Resilience Plan के लिए जाने जाएंगे। हमारे प्राइवेट सेक्टर को, खासकर रियल स्टेट और इंडस्ट्री को planned urbanization पर फोकस करना चाहिए, उसे और आगे बढ़ाना चाहिए। अमृत ​​2.0 और जल जीवन मिशन जैसे अभियानों को भी आगे बढ़ाने के लिए सभी को साथ काम करना है।

साथियों,

आज जब हम अर्थव्यवस्था में निवेश की बात कर रहे हैं, तो हमें पर्यटन की संभावनाओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पर्यटन सेक्टर का हमारी जीडीपी में योगदान 10 परसेंट तक होने की संभावना है। इस सेक्टर में करोड़ों युवाओं को रोजगार देने की क्षमता है। इसलिए, इस बजट में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय टूरिज़्म को बढ़ावा देने के लिए कई फैसले लिए गए हैं। देश भर में 50 destinations को टूरिज्म पर फोकस करते हुए विकसित किया जाएगा। इन destinations में होटलों को infrastructure का दर्जा दिए जाने से Ease of Tourism बढ़ेगा, स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। होम-स्टे के लिए मुद्रा योजना का दायरा भी बढ़ाया गया है। 'Heal in India' और 'Land of the Buddha' इस अभियान के माध्यम से दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित किया जा रहा है। भारत एक ग्लोबल स्तर का tourism and wellness hub बने इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।

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साथियों,

जब हम पर्यटन की बात करते हैं, तो इसमें होटल इंडस्ट्री, ट्रांसपोर्ट सेक्टर के अलावा पर्यटन में दूसरे सेक्टर के लिए भी नए अवसर हैं। इसलिए मैं कहूंगा, हमारे हेल्थ सेक्टर के स्टेकहोल्डर्स हेल्थ टूरिज़्म को प्रमोट करने के लिए invest करें, ये opportunity grab कीजिए आप। योगा और वेलनेस टूरिज़्म के पूरे potential को भी हमें इस्तेमाल करना चाहिए। एजुकेशन टूरिज़्म में भी हमारे पास काफी स्कोप है। मैं चाहूंगा, इस दिशा में विस्तार से चर्चा हो, और एक स्ट्रॉन्ग रोडमैप के साथ इस दिशा में आगे बढ़ा जाए।

साथियों,

देश का भविष्य इनोवेशन में किए जा रहे निवेश से निर्धारित होता है। भारत की अर्थव्यवस्था में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कई लाख करोड़ रुपए की ग्रोथ दे सकती है। इसलिए, हमें इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ना है। इस बजट में AI-driven education और रिसर्च के लिए 5 सौ करोड़ आवंटित किए गए हैं। भारत AI की क्षमताओं को विकसित करने के लिए National Large Language Model की स्थापना भी करेगा। इस दिशा में हमारे प्राइवेट सेक्टर को भी दुनिया से एक कदम आगे रहने की जरूरत है। एक reliable, safe और democratic देश, जो AI में economical solutions दे सके, विश्व को उसका इंतज़ार है। आप इस सेक्टर में अभी जितना इन्वेस्ट करेंगे, भविष्य में उतना ही advantage आपको मिलेगा।

साथियों,

भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इस बजट में कई कदम उठाए हैं। रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ाने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का corpus fund पास किया गया है। इससे डीप टेक फंड ऑफ फंड्स के साथ उभरते सेक्टर्स में निवेश बढ़ेगा। IIT और IISc में 10 हजार रिसर्च फेलोशिप की व्यवस्था बनाई गई है। इससे रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा, प्रतिभाशाली युवाओं को मौका मिलेगा। National Geo-spatial Mission और अनुसंधान National Research Foundation के माध्यम से इनोवेशन को गति मिलेगी। भारत को रीसर्च और इनोवेशन के क्षेत्र में नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए हमें हर स्तर पर मिलकर काम करना होगा।

साथियों,

ज्ञान भारतम मिशन, और मैं आशा करता हूं, इस शब्द में आप सब आगे आए, ज्ञान भारतम मिशन के माध्यम से भारत की समृद्ध manuscript heritage को संरक्षित करने की घोषणा बहुत ही अहम है। इस मिशन के माध्यम से एक करोड़ से अधिक manuscript पांडुलिपियों को डिजिटल फॉर्म में बदला जाएगा। जिसके बाद एक नेशनल डिजिटल रिपॉजिटरी बनाई जाएगी, जिससे दुनियाभर के स्कॉलर्स और रिसर्चर्स भारत के historical और traditional knowledge और wisdom को जान सकें। सरकार द्वारा, भारत के plant genetic resources को संरक्षित करने के लिए National Gene bank की स्थापना की जा रही है। हमारी इस पहल का उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों के लिए genetic resources और खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। हमें इस तरह के प्रयासों का दायरा बढ़ाना होगा। हमारे अलग-अलग institutes और सेक्टर्स को इन प्रयासों में भागीदार बनना चाहिए।

साथियों,

फरवरी में ही भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर IMF के शानदार observations भी हम सबके सामने हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 से 2025 के बीच…..2015 से 2025 के बीच, इन 10 वर्षों में भारत की इकोनॉमी ने sixty six percent की, यानी 66 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की है। भारत अब 3.8 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन गया है। ये ग्रोथ कई बड़ी economies से भी ज्यादा है। वो दिन दूर नहीं जब भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनेगा। हमें सही दिशा में, सही निवेश करते हुए आगे बढ़ना है, अपनी अर्थव्यवस्था का इसी तरह विस्तार करना है। और इसमें बजट घोषणाओं के Implementation की भी बड़ी भूमिका है, आप सभी की अहम भूमिका है। आप सभी को मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं। और मुझे पूरा विश्वास है कि पिछले कुछ वर्षों से बजट घोषित कर-करके, आप अपना कर लो, हम हमारा कर लें, वो परंपरा हमने तोड़ दी है। बजट बनाने से पहले भी आपके साथ बैठते हैं, बजट बनने के बाद भी, घोषित करने के बाद भी, जो चीजें सामने आती हैं, उसको इंप्लीमेंट करने के लिए भी हम आपके साथ बैठते हैं। शायद जन-भागीदारी का ये मॉडल बहुत रेयर होता है। और मुझे खुशी है कि लगातार, प्रतिवर्ष इस एक मंथन के कार्यक्रम को बल भी मिल रहा है, उत्साह से लोग भी जुड़ रहे हैं, और हर एक को लगता है कि बजट के पूर्व जितनी बातें हम करते हैं, उससे ज्यादा महत्वपूर्ण बातें बजट के बाद इंप्लीमेंटेशन में उपयोगी होती है। मुझे विश्वास है, हम सबका ये सामूहिक मंथन हमारे सपनों को, 140 करोड़ देशवासियों के सपनों को पूर्ण करने में बहुत बड़ा रोल प्ले करेंगे। मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं।

धन्यवाद।

  • Prof Sanjib Goswami May 31, 2025

    Libraries of atleast 6 of the top universities in the world has my book "Frozen Identities: Genesis of Structural Violence in India's North East". For someone from Assam, that's a big achievement because libraries only buys book based on departmental recommendation. Still waiting to get that same recognition in my own party.
  • Pratap Gora May 21, 2025

    Jai ho
  • Chetan kumar April 29, 2025

    हर हर मोदी
  • Ramesh Yogi April 28, 2025

    hare Krishna
  • Anjni Nishad April 23, 2025

    जय हो🙏🏻🙏🏻
  • Bhupat Jariya April 17, 2025

    Jay shree ram
  • Kukho10 April 15, 2025

    PM Modi is the greatest leader in Indian history!
  • Yogendra Nath Pandey Lucknow Uttar vidhansabha April 15, 2025

    jay shree ram 🚩🙏
  • jitendra singh yadav April 12, 2025

    जय श्री राम
  • ram Sagar pandey April 10, 2025

    🌹🙏🏻🌹जय श्रीराम🙏💐🌹🌹🌹🙏🙏🌹🌹जय श्रीकृष्णा राधे राधे 🌹🙏🏻🌹जय माँ विन्ध्यवासिनी👏🌹💐ॐनमः शिवाय 🙏🌹🙏जय कामतानाथ की 🙏🌹🙏🌹🙏🏻🌹जय श्रीराम🙏💐🌹🌹🌹🙏🙏🌹🌹जय श्रीराम 🙏💐🌹जय माता दी 🚩🙏🙏जय श्रीकृष्णा राधे राधे 🌹🙏🏻🌹
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June 28, 2025
QuoteI extend my heartiest congratulations and best wishes to you for hoisting the flag of India in space: PM
QuoteScience and Spirituality, both are our Nation’s strength: PM
QuoteThe success of Chandrayaan mission and your historic journey renew interest in science among the children and youth of the country: PM
QuoteWe have to take Mission Gaganyaan forward, we have to build our own space station and also land Indian astronauts on the Moon: PM
QuoteYour historic journey is the first chapter of success of India's Gaganyaan mission and will give speed and new vigour to our journey of Viksit Bharat: PM
QuoteIndia is going to open doors of new possibilities of space for the world: PM

प्रधानमंत्रीशुभांशु नमस्कार!

शुभांशु शुक्लानमस्कार!

प्रधानमंत्रीआप आज मातृभूमि से, भारत भूमि से, सबसे दूर हैं, लेकिन भारतवासियों के दिलों के सबसे करीब हैं। आपके नाम में भी शुभ है और आपकी यात्रा नए युग का शुभारंभ भी है। इस समय बात हम दोनों कर रहे हैं, लेकिन मेरे साथ 140 करोड़ भारतवासियों की भावनाएं भी हैं। मेरी आवाज में सभी भारतीयों का उत्साह और उमंग शामिल है। अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने के लिए मैं आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। मैं ज्यादा समय नहीं ले रहा हूं, तो सबसे पहले तो यह बताइए वहां सब कुशल मंगल है? आपकी तबीयत ठीक है?

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शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! बहुत-बहुत धन्यवाद, आपकी wishes का और 140 करोड़ मेरे देशवासियों के wishes का, मैं यहां बिल्कुल ठीक हूं, सुरक्षित हूं। आप सबके आशीर्वाद और प्यार की वजह से… बहुत अच्छा लग रहा है। बहुत नया एक्सपीरियंस है यह और कहीं ना कहीं बहुत सारी चीजें ऐसी हो रही हैं, जो दर्शाती है कि मैं और मेरे जैसे बहुत सारे लोग हमारे देश में और हमारा भारत किस दिशा में जा रहा है। यह जो मेरी यात्रा है, यह पृथ्वी से ऑर्बिट की 400 किलोमीटर तक की जो छोटे सी यात्रा है, यह सिर्फ मेरी नहीं है। मुझे लगता है कहीं ना कहीं यह हमारे देश के भी यात्रा है because जब मैं छोटा था, मैं कभी सोच नहीं पाया कि मैं एस्ट्रोनॉट बन सकता हूं। लेकिन मुझे लगता है कि आपके नेतृत्व में आज का भारत यह मौका देता है और उन सपनों को साकार करने का भी मौका देता है। तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि है मेरे लिए और मैं बहुत गर्व feel कर रहा हूं कि मैं यहां पर अपने देश का प्रतिनिधित्व कर पा रहा हूं। धन्यवाद प्रधानमंत्री जी!

प्रधानमंत्रीशुभ, आप दूर अंतरिक्ष में हैं, जहां ग्रेविटी ना के बराबर है, पर हर भारतीय देख रहा है कि आप कितने डाउन टू अर्थ हैं। आप जो गाजर का हलवा ले गए हैं, क्या उसे अपने साथियों को खिलाया?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! यह कुछ चीजें मैं अपने देश की खाने की लेकर आया था, जैसे गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम रस और मैं चाहता था कि यह बाकी भी जो मेरे साथी हैं, बाकी देशों से जो आए हैं, वह भी इसका स्वाद लें और चखें, जो भारत का जो rich culinary हमारा जो हेरिटेज है, उसका एक्सपीरियंस लें, तो हम सभी ने बैठकर इसका स्वाद लिया साथ में और सबको बहुत पसंद आया। कुछ लोग कहे कि कब वह नीचे आएंगे और हमारे देश आएं और इनका स्वाद ले सकें हमारे साथ…

प्रधानमंत्री: शुभ, परिक्रमा करना भारत की सदियों पुरानी परंपरा है। आपको तो पृथ्वी माता की परिक्रमा का सौभाग्य मिला है। अभी आप पृथ्वी के किस भाग के ऊपर से गुजर रहे होंगे?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! इस समय तो मेरे पास यह इनफॉरमेशन उपलब्ध नहीं है, लेकिन थोड़ी देर पहले मैं खिड़की से, विंडो से बाहर देख रहा था, तो हम लोग हवाई के ऊपर से गुजर रहे थे और हम दिन में 16 बार परिक्रमा करते हैं। 16 सूर्य उदय और 16 सनराइज और सनसेट हम देखते हैं ऑर्बिट से और बहुत ही अचंभित कर देने वाला यह पूरा प्रोसेस है। इस परिक्रमा में, इस तेज गति में जिस हम इस समय करीब 28000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहे हैं आपसे बात करते वक्त और यह गति पता नहीं चलती क्योंकि हम तो अंदर हैं, लेकिन कहीं ना कहीं यह गति जरूर दिखाती है कि हमारा देश कितनी गति से आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्रीवाह!

शुभांशु शुक्ला: इस समय हम यहां पहुंचे हैं और अब यहां से और आगे जाना है।

प्रधानमंत्री: अच्छा शुभ अंतरिक्ष की विशालता देखकर सबसे पहले विचार क्या आया आपको?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, सच में बोलूं तो जब पहली बार हम लोग ऑर्बिट में पहुंचे, अंतरिक्ष में पहुंचे, तो पहला जो व्यू था, वह पृथ्वी का था और पृथ्वी को बाहर से देख के जो पहला ख्याल, वो पहला जो thought मन में आया, वह ये था कि पृथ्वी बिल्कुल एक दिखती है, मतलब बाहर से कोई सीमा रेखा नहीं दिखाई देती, कोई बॉर्डर नहीं दिखाई देता। और दूसरी चीज जो बहुत noticeable थी, जब पहली बार भारत को देखा, तो जब हम मैप पर पढ़ते हैं भारत को, हम देखते हैं बाकी देशों का आकार कितना बड़ा है, हमारा आकार कैसा है, वह मैप पर देखते हैं, लेकिन वह सही नहीं होता है क्योंकि वह एक हम 3D ऑब्जेक्ट को 2D यानी पेपर पर हम उतारते हैं। भारत सच में बहुत भव्य दिखता है, बहुत बड़ा दिखता है। जितना हम मैप पर देखते हैं, उससे कहीं ज्यादा बड़ा और जो oneness की फीलिंग है, पृथ्वी की oneness की फीलिंग है, जो हमारा भी मोटो है कि अनेकता में एकता, वह बिल्कुल उसका महत्व ऐसा समझ में आता है बाहर से देखने में कि लगता है कि कोई बॉर्डर एक्जिस्ट ही नहीं करता, कोई राज्य ही नहीं एक्जिस्ट करता, कंट्रीज़ नहीं एक्जिस्ट करती, फाइनली हम सब ह्यूमैनिटी का पार्ट हैं और अर्थ हमारा एक घर है और हम सबके सब उसके सिटीजंस हैं।

प्रधानमंत्रीशुभांशु स्पेस स्टेशन पर जाने वाले आप पहले भारतीय हैं। आपने जबरदस्त मेहनत की है। लंबी ट्रेनिंग करके गए हैं। अब आप रियल सिचुएशन में हैं, सच में अंतरिक्ष में हैं, वहां की परिस्थितियां कितनी अलग हैं? कैसे अडॉप्ट कर रहे हैं?

शुभांशु शुक्ला: यहां पर तो सब कुछ ही अलग है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग की हमने पिछले पूरे 1 साल में, सारे systems के बारे में मुझे पता था, सारे प्रोसेस के बारे में मुझे पता था, एक्सपेरिमेंट्स के बारे में मुझे पता था। लेकिन यहां आते ही suddenly सब चेंज हो गया, because हमारे शरीर को ग्रेविटी में रहने की इतनी आदत हो जाती है कि हर एक चीज उससे डिसाइड होती है, पर यहां आने के बाद चूंकि ग्रेविटी माइक्रोग्रेविटी है absent है, तो छोटी-छोटी चीजें भी बहुत मुश्किल हो जाती हैं। अभी आपसे बात करते वक्त मैंने अपने पैरों को बांध रखा है, नहीं तो मैं ऊपर चला जाऊंगा और माइक को भी ऐसे जैसे यह छोटी-छोटी चीजें हैं, यानी ऐसे छोड़ भी दूं, तो भी यह ऐसे float करता रहा है। पानी पीना, पैदल चलना, सोना बहुत बड़ा चैलेंज है, आप छत पर सो सकते हैं, आप दीवारों पर सो सकते हैं, आप जमीन पर सो सकते हैं। तो पता सब कुछ होता है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग अच्छी है, लेकिन वातावरण चेंज होता है, तो थोड़ा सा used to होने में एक-दो दिन लगते हैं but फिर ठीक हो जाता है, फिर normal हो जाता है।

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प्रधानमंत्री: शुभ भारत की ताकत साइंस और स्पिरिचुअलिटी दोनों हैं। आप अंतरिक्ष यात्रा पर हैं, लेकिन भारत की यात्रा भी चल रही होगी। भीतर में भारत दौड़ता होगा। क्या उस माहौल में मेडिटेशन और माइंडफूलनेस का लाभ भी मिलता है क्या?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बिल्कुल सहमत हूं। मैं कहीं ना कहीं यह मानता हूं कि भारत already दौड़ रहा है और यह मिशन तो केवल एक पहली सीढ़ी है उस एक बड़ी दौड़ का और हम जरूर आगे पहुंच रहे हैं और अंतरिक्ष में हमारे खुद के स्टेशन भी होंगे और बहुत सारे लोग पहुंचेंगे और माइंडफूलनेस का भी बहुत फर्क पड़ता है। बहुत सारी सिचुएशंस ऐसी होती हैं नॉर्मल ट्रेनिंग के दौरान भी या फिर लॉन्च के दौरान भी, जो बहुत स्ट्रेसफुल होती हैं और माइंडफूलनेस से आप अपने आप को उन सिचुएशंस में शांत रख पाते हैं और अपने आप को calm रखते हैं, अपने आप को शांत रखते हैं, तो आप अच्छे डिसीजंस ले पाते हैं। कहते हैं कि दौड़ते हो भोजन कोई भी नहीं कर सकता, तो जितना आप शांत रहेंगे उतना ही आप अच्छे से आप डिसीजन ले पाएंगे। तो I think माइंडफूलनेस का बहुत ही इंपॉर्टेंट रोल होता है इन चीजों में, तो दोनों चीजें अगर साथ में एक प्रैक्टिस की जाएं, तो ऐसे एक चैलेंजिंग एनवायरमेंट में या चैलेंजिंग वातावरण में मुझे लगता है यह बहुत ही यूज़फुल होंगी और बहुत जल्दी लोगों को adapt करने में मदद करेंगी।

प्रधानमंत्री: आप अंतरिक्ष में कई एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। क्या कोई ऐसा एक्सपेरिमेंट है, जो आने वाले समय में एग्रीकल्चर या हेल्थ सेक्टर को फायदा पहुंचाएगा?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बहुत गर्व से कह सकता हूं कि पहली बार भारतीय वैज्ञानिकों ने 7 यूनिक एक्सपेरिमेंट्स डिजाइन किए हैं, जो कि मैं अपने साथ स्टेशन पर लेकर आया हूं और पहला एक्सपेरिमेंट जो मैं करने वाला हूं, जो कि आज ही के दिन में शेड्यूल्ड है, वह है Stem Cells के ऊपर, so अंतरिक्ष में आने से क्या होता है कि ग्रेविटी क्योंकि एब्सेंट होती है, तो लोड खत्म हो जाता है, तो मसल लॉस होता है, तो जो मेरा एक्सपेरिमेंट है, वह यह देख रहा है कि क्या कोई सप्लीमेंट देकर हम इस मसल लॉस को रोक सकते हैं या फिर डिले कर सकते हैं। इसका डायरेक्ट इंप्लीकेशन धरती पर भी है कि जिन लोगों का मसल लॉस होता है, ओल्ड एज की वजह से, उनके ऊपर यह सप्लीमेंट्स यूज़ किए जा सकते हैं। तो मुझे लगता है कि यह डेफिनेटली वहां यूज़ हो सकता है। साथ ही साथ जो दूसरा एक्सपेरिमेंट है, वह Microalgae की ग्रोथ के ऊपर। यह Microalgae बहुत छोटे होते हैं, लेकिन बहुत Nutritious होते हैं, तो अगर हम इनकी ग्रोथ देख सकते हैं यहां पर और ऐसा प्रोसेस ईजाद करें कि यह ज्यादा तादाद में हम इन्हें उगा सके और न्यूट्रिशन हम प्रोवाइड कर सकें, तो कहीं ना कहीं यह फूड सिक्योरिटी के लिए भी बहुत काम आएगा धरती के ऊपर। सबसे बड़ा एडवांटेज जो है स्पेस का, वह यह है कि यह जो प्रोसेस है यहां पर, यह बहुत जल्दी होते हैं। तो हमें महीनों तक या सालों तक वेट करने की जरूरत नहीं होती, तो जो यहां के जो रिजल्‍ट्स होते हैं वो हम और…

प्रधानमंत्री: शुभांशु चंद्रयान की सफलता के बाद देश के बच्चों में, युवाओं में विज्ञान को लेकर एक नई रूचि पैदा हुई, अंतरिक्ष को explore करने का जज्बा बढ़ा। अब आपकी ये ऐतिहासिक यात्रा उस संकल्प को और मजबूती दे रही है। आज बच्चे सिर्फ आसमान नहीं देखते, वो यह सोचते हैं, मैं भी वहां पहुंच सकता हूं। यही सोच, यही भावना हमारे भविष्य के स्पेस मिशंस की असली बुनियाद है। आप भारत की युवा पीढ़ी को क्या मैसेज देंगे?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, मैं अगर मैं अपनी युवा पीढ़ी को आज कोई मैसेज देना चाहूंगा, तो पहले यह बताऊंगा कि भारत जिस दिशा में जा रहा है, हमने बहुत बोल्ड और बहुत ऊंचे सपने देखे हैं और उन सपनों को पूरा करने के लिए, हमें आप सबकी जरूरत है, तो उस जरूरत को पूरा करने के लिए, मैं ये कहूंगा कि सक्सेस का कोई एक रास्ता नहीं होता कि आप कभी कोई एक रास्ता लेता है, कोई दूसरा रास्ता लेता है, लेकिन एक चीज जो हर रास्ते में कॉमन होती है, वो ये होती है कि आप कभी कोशिश मत छोड़िए, Never Stop Trying. अगर आपने ये मूल मंत्र अपना लिया कि आप किसी भी रास्ते पर हों, कहीं पर भी हों, लेकिन आप कभी गिव अप नहीं करेंगे, तो सक्सेस चाहे आज आए या कल आए, पर आएगी जरूर।

प्रधानमंत्री: मुझे पक्का विश्वास है कि आपकी ये बातें देश के युवाओं को बहुत ही अच्छी लगेंगी और आप तो मुझे भली-भांति जानते हैं, जब भी किसी से बात होती हैं, तो मैं होमवर्क जरूर देता हूं। हमें मिशन गगनयान को आगे बढ़ाना है, हमें अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाना है, और चंद्रमा पर भारतीय एस्ट्रोनॉट की लैंडिंग भी करानी है। इन सारे मिशंस में आपके अनुभव बहुत काम आने वाले हैं। मुझे विश्वास है, आप वहां अपने अनुभवों को जरूर रिकॉर्ड कर रहे होंगे।

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, बिल्कुल ये पूरे मिशन की ट्रेनिंग लेने के दौरान और एक्सपीरियंस करने के दौरान, जो मुझे lessons मिले हैं, जो मेरी मुझे सीख मिली है, वो सब एक स्पंज की तरह में absorb कर रहा हूं और मुझे यकीन है कि यह सारी चीजें बहुत वैल्युएबल प्रूव होंगी, बहुत इंपॉर्टेंट होगी हमारे लिए जब मैं वापस आऊंगा और हम इन्हें इफेक्टिवली अपने मिशंस में, इनके lessons अप्लाई कर सकेंगे और जल्दी से जल्दी उन्हें पूरा कर सकेंगे। Because मेरे साथी जो मेरे साथ आए थे, कहीं ना कहीं उन्होंने भी मुझसे पूछा कि हम कब गगनयान पर जा सकते हैं, जो सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने बोला कि जल्द ही। तो मुझे लगता है कि यह सपना बहुत जल्दी पूरा होगा और मेरी तो सीख मुझे यहां मिल रही है, वह मैं वापस आकर, उसको अपने मिशन में पूरी तरह से 100 परसेंट अप्लाई करके उनको जल्दी से जल्दी पूरा करने की कोशिश करेंगे।

प्रधानमंत्री: शुभांशु, मुझे पक्का विश्वास है कि आपका ये संदेश एक प्रेरणा देगा और जब हम आपके जाने से पहले मिले थे, आपके परिवारजन के भी दर्शन करने का अवसर मिला था और मैं देख रहा हूं कि आपके परिवारजन भी सभी उतने ही भावुक हैं, उत्साह से भरे हुए हैं। शुभांशु आज मुझे आपसे बात करके बहुत आनंद आया, मैं जानता हूं आपकी जिम्मे बहुत काम है और 28000 किलोमीटर की स्पीड से काम करने हैं आपको, तो मैं ज्यादा समय आपका नहीं लूंगा। आज मैं विश्वास से कह सकता हूं कि ये भारत के गगनयान मिशन की सफलता का पहला अध्याय है। आपकी यह ऐतिहासिक यात्रा सिर्फ अंतरिक्ष तक सीमित नहीं है, ये हमारी विकसित भारत की यात्रा को तेज गति और नई मजबूती देगी। भारत दुनिया के लिए स्पेस की नई संभावनाओं के द्वार खोलने जा रहा है। अब भारत सिर्फ उड़ान नहीं भरेगा, भविष्य में नई उड़ानों के लिए मंच तैयार करेगा। मैं चाहता हूं, कुछ और भी सुनने की इच्छा है, आपके मन में क्योंकि मैं सवाल नहीं पूछना चाहता, आपके मन में जो भाव है, अगर वो आप प्रकट करेंगे, देशवासी सुनेंगे, देश की युवा पीढ़ी सुनेगी, तो मैं भी खुद बहुत आतुर हूं, कुछ और बातें आपसे सुनने के लिए।

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शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी! यहां यह पूरी जर्नी जो है, यह अंतरिक्ष तक आने की और यहां ट्रेनिंग की और यहां तक पहुंचने की, इसमें बहुत कुछ सीखा है प्रधानमंत्री जी मैंने लेकिन यहां पहुंचने के बाद मुझे पर्सनल accomplishment तो एक है ही, लेकिन कहीं ना कहीं मुझे ये लगता है कि यह हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा कलेक्टिव अचीवमेंट है। और मैं हर एक बच्चे को जो यह देख रहा है, हर एक युवा को जो यह देख रहा है, एक मैसेज देना चाहता हूं और वो यह है कि अगर आप कोशिश करते हैं और आप अपना भविष्य बनाते हैं अच्छे से, तो आपका भविष्य अच्छा बनेगा और हमारे देश का भविष्य अच्छा बनेगा और केवल एक बात अपने मन में रखिए, that sky has never the limits ना आपके लिए, ना मेरे लिए और ना भारत के लिए और यह बात हमेशा अगर अपने मन में रखी, तो आप आगे बढ़ेंगे, आप अपना भविष्य उजागर करेंगे और आप हमारे देश का भविष्य उजागर करेंगे और बस मेरा यही मैसेज है प्रधानमंत्री जी और मैं बहुत-बहुत ही भावुक और बहुत ही खुश हूं कि मुझे मौका मिला आज आपसे बात करने का और आप के थ्रू 140 करोड़ देशवासियों से बात करने का, जो यह देख पा रहे हैं, यह जो तिरंगा आप मेरे पीछे देख रहे हैं, यह यहां नहीं था, कल के पहले जब मैं यहां पर आया हूं, तब हमने यह यहां पर पहली बार लगाया है। तो यह बहुत भावुक करता है मुझे और बहुत अच्छा लगता है देखकर कि भारत आज इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच चुका है।

प्रधानमंत्रीशुभांशु, मैं आपको और आपके सभी साथियों को आपके मिशन की सफलता के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। शुभांशु, हम सबको आपकी वापसी का इंतजार है। अपना ध्यान रखिए, मां भारती का सम्मान बढ़ाते रहिए। अनेक-अनेक शुभकामनाएं, 140 करोड़ देशवासियों की शुभकामनाएं और आपको इस कठोर परिश्रम करके, इस ऊंचाई तक पहुंचने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। भारत माता की जय!

शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी, धन्यवाद और सारे 140 करोड़ देशवासियों को धन्यवाद और स्पेस से सबके लिए भारत माता की जय!