QuotePM lays the foundation stone of the Coaching terminal for sub-urban traffic at Naganahalli Railway Station in Mysuru
Quote‘Centre of Excellence for persons with communication disorders’ at the AIISH Mysuru also dedicated to Nation
Quote“Karnataka is a perfect example of how we can realize the resolutions of the 21st century by enriching our ancient culture”
Quote“‘Double-Engine’ Government is working with full energy to connect common people with a life of basic amenities and dignity”
Quote“In the last 8 years, the government has empowered social justice through effective last-mile delivery”
Quote“We are ensuring dignity and opportunity for Divyang people and working to enable Divyang human resource to be a key partner of nation’s progress”

मैसूरु हागू कर्नाटका राज्यद समस्त नागरीक बंधुगड़िगे, नन्न प्रीतिय नमस्कारगड़ु। विविध अभिवृद्धि, काम-गारिगड़अ उद्घाटनेय जोतेगे, फलानुभवि-गड़ोन्दिगे, संवाद नडेसलु, नानु इंदु इल्लिगे बंदिद्देने।

कर्नाटका के गवर्नर श्रीमान थावर चंद जी गहलोत जी, यहां के लोकप्रिय मुख्यमंत्री बसवराजा बोम्मई जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी प्रह्लाद जोशी जी, कर्नाटका सरकार के मंत्रिगण, सांसदगण, विधायकगण, मंच पर उपस्थित अन्य सभी महानुभाव और मैसुरू के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,

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कर्नाटका देश के उन राज्यों में से एक है जहां देश की आर्थिक और आध्यात्मिक संपन्नता, दोनों के दर्शन एक साथ होते हैं। अपनी पुरातन संस्कृति को समृद्ध करते हुए हम कैसे 21वीं सदी के संकल्पों को सिद्ध कर सकते हैं, इसका कर्नाटका एक उत्तम उदाहरण है और मैसूरू में तो History, heritage और modernity का ये जो मेल है वो चप्पे-चप्पे पर दिखता है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में अपनी विरासत का उत्सव मनाने और दुनिया के करोड़ों लोगों को healthy life style से जोड़ने के लिए इस बार मैसूरू को चुना गया है। कल दुनिया के कोटि-कोटि लोग मैसूरू की इस ऐतिहासिक धरती के साथ जुड़ेंगे और योग करेंगे।

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भाइयों और बहनों,

इस धरती ने नलवाडी कृष्णा वोडेयर, सर एम विश्वेश्वरैया जी, राष्ट्रकवि कुवेंपु जैसे अनेक महान व्यक्तित्व देश को दिए हैं। ऐसे व्यक्तित्वों का भारत की विरासत और विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हमारे इन पूर्वजों ने सामान्य जन के जीवन को सुविधा और सम्मान से जोड़ने का रास्ता हम सबको सिखाया है, दिखाया है। डबल इंजन की सरकार कर्नाटका में पूरी ऊर्जा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर ये काम कर रही है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास, आज हम यहां मैसूरू में भी अनुभव कर रहे हैं। थोड़ी देर पहले सरकार की जनकल्याण की अनेक योजनाओं के लाभार्थियों से मैंने बातें कीं और जरा यहां मंच पर आने में मुझे देरी भी इसीलिए हुई है क्‍योंकि उनके पास इतना कहने को था और मुझे भी उनसे सुनने में बहुत मजा आ रहा था। तो काफी देर मैं उन्‍हीं के साथ गप्‍पें मार रहा था। और इसके कारण यहां भी ऊपर थोड़ा देर से आया। लेकिन उन लोगों ने जो बातें बताईं और जो साथी बोल नहीं सकते, उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए, उनके इलाज के लिए बेहतर रिसर्च को प्रोत्साहित करने वाले सेंटर का आज लोकार्पण भी किया गया है। मैसूरू कोचिंग कॉम्प्लेक्स प्रोजेक्ट के शिलान्यास से मैसूरू का रेलवे स्टेशन आधुनिक होगा, यहां की रेल कनेक्टिविटी सशक्त होगी।

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मैसूरू के मेरे प्‍यारे भाइयों-बहनों,

ये वर्ष आज़ादी का 75वां वर्ष है। बीते 7 दशकों में कर्नाटका ने अनेक सरकारें देखीं, देश में भी अनेकों सरकारें बनीं। हर सरकार ने गांव, गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े, महिला, किसान, इनके लिए बहुत सारी बातें कीं, कुछ ना कुछ योजनाएं भी बनाईं। लेकिन उनकी पहुंच सीमित रही, उनका प्रभाव सीमित रहा, उनका लाभ भी एक छोटे से दायरे में सिमट गया। 2014 में जब आपने हमें दिल्ली में अवसर दिया, तो हमने पुरानी रीति-रस्‍म को, तरीकों को बदलने का फैसला किया। हमने सरकारी लाभ को, सरकारी योजनाओं को हर व्यक्ति, हर वर्ग तक पहुंचाने के लिए जो उसके हकदार थे, उसे उसके हक का मिलना चाहिए, इसके लिए मिशन मोड पर काम शुरू किया।

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भाइयों और बहनों,

बीते 8 सालों में हमने गरीब कल्याण की योजनाओं का व्यापक विस्तार किया है। पहले जहां वो सिर्फ एक राज्य की सीमा तक सीमित रहती थीं, अब उनको पूरे देश के लिए सुलभ कर दिया है। अब जैसे वन नेशन, वन राशन कार्ड है। बीते 2 वर्षों से कर्नाटका के सवा 4 करोड़ से अधिक गरीबों को मुफ्त राशन की सुविधा मिल रही है। अगर कर्नाटका का कोई व्यक्ति दूसरे राज्यों में भी काम काज के लिए गया है, तो वन नेशन, वन राशन कार्ड के तहत ये सुविधा वहां भी मिलेगी।

इसी प्रकार आयुष्मान भारत योजना का लाभ पूरे देश में मिल रहा है। इस योजना की मदद से कर्नाटका के 29 लाख गरीब मरीज़ अब तक मुफ्त इलाज करा चुके हैं। इससे गरीबों के 4 हज़ार करोड़ रुपए बचे हैं।

अभी मुझे नीतीश करके एक नौजवान मिला नीचे। उसका पूरा चेहरा एक अकस्‍मात् के कारण सब बरबाद हो गया था। आयुष्‍मान कार्ड के कारण उसको नई जिंदगी मिली। वो इतना प्रसन्‍न था, आत्‍मविश्‍वास से भरा हुआ था क्‍योंकि उसका चेहरा पहले जैसा फिर से बन गया है। उसकी बातें सुनकर मुझे इतना संतोष हुआ कि सरकार की पाई-पाई का उपयोग गरीब की जिंदगी में कैसे नया आत्‍मविश्‍वास भरता है, नई ताकत भरता है, नए संकल्‍प लेने का सामर्थ्‍य बनता है।

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साथियो,

जो खर्च हम कर रहे हैं, अगर वो पैसे सीधे उनको देते तो शायद वो इलाज नहीं करते। इस योजना के लाभार्थी किसी और राज्य में भी रहते हैं, तो उन्हें वहां भी उनका पूरा लाभ मिल रहा है।

साथियों,

बीते 8 वर्षों में हमारी सरकार ने जो योजनाएं बनाईं, उनमें इस भावना को प्राथमिकता दी गई कि वो समाज के सभी वर्गों, समाज के सभी क्षेत्रों को, देश के हर कोने को छूएं, हर कोने में पहुंचें। एक तरफ हमने स्टार्ट अप पॉलिसी के तहत युवाओं को अनेक Incentives दिए तो वहीं किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा भी आज लगातार पहुंच रहा है। पीएम किसान निधि के तहत कर्नाटका के 56 लाख से ज्यादा छोटे किसानों को अब तक लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपए उनके खाते में पहुंच चुके हैं।

अगर हम देश में उद्योगों और मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए लगभग 2 लाख करोड़ रुपए की PLI योजना बनाते हैं, तो वहीं मुद्रा योजना, पीएम स्वनिधि योजना और किसान क्रेडिट कार्ड अभियान के जरिए, छोटे उद्यमियों, छोटे किसानों, पशुपालक और स्ट्रीट वेंडर्स को बैंकों से आसान ऋण उपलब्ध करा रहे हैं।

आपको भी ये जानकर अच्छा लगेगा कि मुद्रा योजना के तहत कर्नाटका के लाखों छोटे उद्यमियों को 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपए से अधिक लोन दिया गया है। पर्यटन स्थल होने के कारण होम स्टे, गेस्ट हाउस, दूसरी सर्विसिज देने वाले साथियों को इस योजना से बहुत मदद मिली है। पीएम स्वनिधि योजना से भी कर्नाटका के डेढ़ लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को मदद मिली है।

भाइयों और बहनों,

बीते 8 सालों में हमने सामाजिक न्याय को प्रभावी लास्ट माइल डिलिवरी से सशक्त किया है। गरीब को आज ये विश्वास हो रहा है कि जिस योजना का लाभ पड़ोसी को मिल चुका है, उसका लाभ आज नहीं तो कल उसे भी ज़रूर मिलेगा, उसकी भी बारी आएगी। सैचुरेशन यानि शतप्रतिशत लाभ, बिना भेदभाव के, बिना लीकेज के लाभ का भरोसा आज देश के सामान्य परिवार में मजबूत हुआ है। जब कर्नाटका के पौने चार लाख गरीब परिवारों को पक्का घर मिलता है, तो ये भरोसा और मजबूत होता है। जब कर्नाटका के 50 लाख से ज्यादा परिवारों को पहली बार पाइप से पानी मिलने लगता है, तब ये भरोसा और बढ़ता है। जब गरीब मूल सुविधाओं की चिंता से मुक्त होता है, तब वो राष्ट्र के विकास में अधिक उत्साह के साथ जुड़ता है।

भाइयों और बहनों,

आज़ादी के अमृतकाल में भारत के विकास में सभी की भागीदारी हो, सबका प्रयास हो, इसके लिए हर ज़रूरी कदम उठाए जा रहे हैं। हमारे दिव्यांग साथी, उनको कदम-कदम पर मुश्किलें उठानी पड़ती थीं। हमारी सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि हमारे दिव्यांग साथियों की दूसरों पर निर्भरता कम से कम हो। इसलिए हमारी करेंसी में, सिक्कों में दिव्यांगों की सुविधा के लिए नए फीचर जोड़े गए हैं। देश भर में दिव्यांगों की पढ़ाई से जुड़े कोर्स को अधिक समृद्ध किया जा रहा है। सार्वजनिक स्थानों को, बसों, रेलों और दूसरे दफ्तरों को दिव्यांगों के लिए फ्रेंडली बनाने पर बल दिया जा रहा है। दिव्यागों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के बाद दिक्कत कम हो, इसलिए कॉमन साइन लैंग्वेज भी विकसित की गई है। देश के करोड़ों दिव्यागों को जरूरी उपकरण भी मुफ्त दिए गए हैं।

आज भी बैंगलुरु में जिस आधुनिक सर एम विश्वेश्वरैया रेलवे स्टेशन का लोकार्पण हुआ है, वहां ब्रेल मैप और विशेष साइनेज बनाए गए हैं, सभी प्लेटफॉर्म को कनेक्ट करने वाले subway में ramp की सुविधा भी दी गई है। मैसूरू में तो All India Institute of Speech and Hearing एक बहुत बड़ी सेवा दे रहा है। ये संस्थान देश के दिव्यांग मानव संसाधन को सशक्त भारत के निर्माण की अहम ताकत बनाने में मदद करे, इसके लिए आज Centre of Excellence का उद्घाटन हुआ है।

जो साथी बोल नहीं सकते, ये सेंटर उनकी समस्याओं के बेहतर इलाज से जुड़ी रिसर्च को प्रोत्साहित करेगा, ऐसे साथियों का जीवन बेहतर बनाने और उनके सशक्तिकरण के समाधान देगा। और मैं स्‍टार्टअप दुनिया के नौजवानों को आज विशेष आग्रह करता हूं कि आपके पास आइडियाज़ हैं, आप innovative thinking रखने वाले हैं। आप जो कुछ भी नया-नया कर रहे हैं मेरे दिव्‍यांग भाई-बहनों के लिए भी आपका स्‍टार्टअप बहुत कुछ कर सकता है। बहुत सी ऐसी चीजें विकसित कर सकता है जो मेरे दिव्‍यांग भाई-बहनों को जीवन के अंदर बहुत बड़ी ताकत दे सकते हैं, नया सामर्थ्‍य दे सकते हैं। और मुझे विश्‍वास है स्‍टार्टअप की मेरी दुनिया के नौजवान मेरे दिव्‍यांग भाइयों की चिंता में मेरे साथ जुड़ जाएंगे और हम मिल करके कुछ अच्‍छा करके देंगे।

भाइयों और बहनों,

जीवन और कारोबार को आसान बनाने में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का सबसे बड़ा रोल होता है। कर्नाटका में डबल इंजन की सरकार इस दिशा में बहुत बड़े पैमाने पर काम कर रही है। बीते 8 वर्षों में केंद्र सरकार ने कर्नाटका में 5 हज़ार किलोमीटर नेशनल हाईवे के लिए करीब 70 हज़ार करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। आज ही बैंगलुरू में 7 हज़ार करोड़ रुपए से ज्यादा के नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास हुआ है। नेशनल हाईवे के माध्यम से कर्नाटका में कनेक्टिविटी और रोज़गार के हज़ारों अवसर तैयार करने के लिए इसी वर्ष लगभग 35 हज़ार करोड़ रुपए केंद्र सरकार लगाने वाली है। मुझे खुशी है कि कर्नाटका में डबल इंजन की सरकार होने से ये प्रोजेक्ट तेज़ी से ज़मीन पर उतर भी रहे हैं और पूरे भी हो रहे हैं।

साथियों,

रेल कनेक्टिविटी का तो कर्नाटका को और भी अधिक लाभ बीते 8 वर्षों में हुआ है। मैसूरू रेलवे स्टेशन और नागनहल्ली स्टेशन के आधुनिकीकरण का जो काम शुरू हुआ है, वो यहां के किसानों, यहां के नौजवानों, सभी का जीवन आसान बनाएगा। नागनहल्ली को suburban traffic के लिए coaching terminal और मेमू ट्रेन शेड के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। इससे मैसूरू यार्ड पर जो इस समय बोझ है, वो कम होगा। मेमू ट्रेनों के चलने से मध्य बैंगलूरू, मांड्या और आसपास के दूसरे क्षेत्रों से रोज़ाना मैसूरू शहर आने-जाने वाले साथियों को विशेष लाभ होगा। इससे मैसूरू के टूरिज्म को भी बहुत बल मिलेगा, टूरिज्म से जुड़े नए रोज़गार बनेंगे।

साथियों,

डबल इंजन की सरकार कैसे कर्नाटका के विकास के लिए, यहां की कनेक्टिविटी के लिए काम कर रही है, इसका एक और उदाहरण मैं आपको देना चाहता हूं। 2014 से पहले केंद्र में जो सरकार थी, तब रेल बजट में कर्नाटका के लिए औसतन 800 करोड़ रुपए की व्यवस्था हर साल होती थी। कर्नाटका की मीडिया के मित्र जरा ध्‍यान रखेंगे, पहले की सरकार हर वर्ष एवरेज 800 करोड़ रुपये का प्रावधान करती थी। इस साल के केंद्र सरकार के बजट में इसके लिए लगभग 7 हज़ार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यानि सीधे-सीधे 6 गुणा से ज्‍यादा बढ़ोतरी। कर्नाटका के लिए रेलवे के 34 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। रेल लाइनों के बिजलीकरण के मामले में भी तो हमारी सरकार ने जिस तरह काम किया है, वो सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। मैं जरा आंकड़ा बताता हूं आप उसको ध्‍यान से देखिए। 2014 के पहले के दस साल में यानी 2004 से 2014, दस साल में कर्नाटका की सिर्फ 16 किलोमीटर रेल लाइनों का बिजलीकरण हुआ था। हमारी सरकार के दौरान कर्नाटका में करीब 1600 किलोमीटर रेल लाइन का electrification किया गया है। 16 Kilometer in 10 years…1600 Kilometer in this 8 years. कहां 16 किलोमीटर और कहां 1600 किलोमीटर। यही है डबल इंजन के काम करने की रफ्तार।

भाइयों और बहनों,

कर्नाटका के संपूर्ण विकास की ये गति ऐसी ही बनी रहे। डबल इंजन की सरकार ऐसे ही आपकी सेवा करती रहे। इसी संकल्प के साथ हम आपकी सेवा के लिए तैयार हैं और हमेशा तैयार हैं और आपके आशीर्वाद ही हमारी बहुत बड़ी ताकत हैं। इतनी बड़ी तादाद में आप हमें आशीर्वाद देने आए हैं, ये आपके आशीर्वाद, आपकी सेवा के लिए हमें शक्ति देते हैं।

मैं फिर एक बार आप सबको इन अनेक योजनाओं के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आज कर्नाटका ने जिस प्रकार से स्‍वागत-सम्‍मान किया है, बैंगलुरू हो या मैसूरू, मैं हृदय से आपका आभारी हूं। और कल जब पूरी दुनिया योग दिवस मनाएगी, विश्‍व जब योग से जुड़ा होगा तब पूरी दुनिया की नज़र मैसूरू पर भी होने वाली है। आपको मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं, बहुत-बहुत बधाई। बहुत-बहुत धन्यवाद !

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QuoteYoga has united the entire world: PM
QuoteYoga is for Everyone, Beyond Boundaries, Beyond Backgrounds, Beyond age or ability: PM
QuoteYoga leads us on a journey towards oneness with the world, It teaches us that we are not isolated individuals but part of nature: PM
QuoteYoga is a system that takes us from Me to We: PM
QuoteYoga is the pause button humanity needs, to breathe, to balance, to become whole again: PM
QuoteLet this Yoga Day mark the beginning of Yoga for Humanity 2.0, where Inner Peace becomes Global Policy: PM

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल सैयद अब्दुल नजीर जी, यहां के लोकप्रिय मुख्यमंत्री, मेरे परम मित्र चंद्रबाबू नायडू गारू, केंद्रीय कैबिनेट के मेरे सहयोगी, के. राममोहन नायडू जी, प्रतापराव जाधव जी, चंद्रशेखर जी, भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा जी, राज्य के डिप्टी सीएम पवन कल्याण गारू, अन्य महानुभाव और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों! आप सबको नमस्कार!

देश और दुनियाभर के सभी लोगों को इंटरनेशनल योग डे की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आज 11वीं बार पूरा विश्व 21 जून को एक साथ योग कर रहा है। योग का सीधा-साधा अर्थ होता है जुड़ना और ये देखना सुखद है कि कैसे योग ने पूरे विश्व को जोड़ा है। मैं बीते एक दशक में योग की यात्रा को जब देखता हूं, तो बहुत कुछ याद आता है। वो दिन जब संयुक्त राष्ट्र में भारत ने प्रस्ताव रखा कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता मिले और तब कम से कम समय में दुनिया के 175 देश हमारे इस प्रस्ताव के साथ खड़े हुए। आज की दुनिया में ऐसी एकजुटता, ऐसा समर्थन सामान्य घटना नहीं है। ये सिर्फ एक प्रस्ताव का समर्थन भर नहीं था, ये मानवता के भले के लिए दुनिया का सामूहिक प्रयास था। आज 11 साल बाद, हम देख रहे हैं कि योग दुनियाभर में करोड़ों लोगों की जीवन शैली का हिस्सा बन चुका है। मुझे गर्व होता है, जब मैं देखता हूँ कि हमारे दिव्यांग साथी ब्रेल में योग शास्त्र पढ़ते हैं, वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योग करते हैं, गांव-गांव में युवा साथी योग ओलंपियाड में भाग लेते हैं। यहां सामने देखिये, ये नेवी के सभी जहाजों में भी अभी बहुत शानदार योगा कार्यक्रम चल रहा है। चाहे सिडनी ओपेरा हाउस की सीढ़ियाँ हों, या एवरेस्ट की चोटी हो, या फिर समंदर का विस्तार हो, हर जगह से एक ही संदेश आता है— योग सभी का है, और सभी के लिए है। Yoga is for Everyone, Beyond Boundaries, Beyond Backgrounds, Beyond age or ability.

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साथियों,

आज मुझे इस बात की खुशी है कि हम सभी विशाखापट्टनम में हैं। ये शहर प्रकृति और प्रगति, दोनों की संगम स्थली है। यहां के लोगों ने इतना अच्छा आयोजन किया है। मैं चंद्रबाबू नायडू गारु और पवन कल्याण गारू को बधाई देता हूं, आपके नेतृत्व में आंध्र प्रदेश ने योगांध्रा अभियान का एक शानदार initiative लिया। मैं विशेष तौर पर नारा लोकेश गारू के प्रयासों की भी विशेष प्रशंसा करना चाहता हूं। योग का सोशल सेलिब्रेशन कैसे होना चाहिए, समाज के हर वर्ग को कैसे जोड़ना चाहिए, ये उन्होंने बीते एक डेढ़ महीने के इस योगांध्रा अभियान में करके दिखाया है, और इसके लिए भाई लोकेश अनेक अनेक बधाई के पात्र हैं। और मैं तो देशवासियों को भी कहूंगा कि ऐसे अवसरों को आप किस प्रकार से सामाजिक स्तर पर गहराई से ले जाया जा सकता है, भाई लोकेश ने जो काम किया है, उसको एक नमूने के रूप में देखना चाहिए।

साथियों,

मुझे बताया गया है कि योगांध्रा अभियान से दो करोड़ से ज्यादा लोग जुड़े हैं। पब्लिक पार्टिसिपेशन की यही वो स्पिरिट है, जो विकसित भारत का मुख्य आधार है। जब जनता खुद आगे बढ़कर किसी मुहिम को थाम लेती है, किसी लक्ष्य को Own कर लेती है, तो उस लक्ष्य की प्राप्ति से हमें कोई रोक नहीं पाता। जनता-जनार्दन की ये सद-इच्छा औऱ आपके प्रयास यहां इस आयोजन में हर तरफ नजर आ रहे हैं।

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Friends,

The theme of this year’s International Day of Yoga is ‘Yoga for One Earth, One Health’. This theme reflects a deep truth. The health of every entity on Earth is interconnected. Human well-being depends on the health of the soil that grows our food, on the rivers that give us water, on the health of the animals that share our eco-systems, on the plants that nourish us. Yoga awakens us to this inter-connected-ness. Yoga leads us on a journey towards oneness with the world. It teaches us that we are not isolated individuals but part of nature. Initially we learn to take good care of our own health and wellness. Gradually, our care and concern extends to our environment, society and planet. Yoga is a great personal discipline . At the same time, it is a system that takes us from Me to We.

साथियों,

Me to We’ का ये भाव ही भारत की आत्मा का सार है। जब व्यक्ति अपने हित से ऊपर उठकर समाज की सोचता है, तभी पूरी मानवता का हित होता है। भारत की संस्कृति हमें सिखाती है, सर्वे भवन्तु सुखिनः, यानी सभी का कल्याण ही मेरा कर्तव्य है। ‘मैं’ से ‘हम’ की ये यात्रा ही सेवा, समर्पण और सह-अस्तित्व का आधार है। यही सोच सामाजिक समरसता को बढ़ावा देती है।

साथियों,

दुर्भाग्य से आज पूरी दुनिया किसी न किसी तनाव से गुजर रही है। कितने ही क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है। ऐसे में योग से हमें शांति की दिशा मिलती है। Yoga is the pause button that humanity needs to breathe to balance to become whole gain.

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मैं विश्व समुदाय से आज के इस महत्वपूर्ण अवसर पर एक आग्रह करूंगा। Let this Yoga Day mark the beginning of Yoga for Humanity 2.O, where Inner Peace becomes Global Policy. जहां योग सिर्फ personal practice न रहे, बल्कि global partnership का माध्यम बने। जहां हर देश, हर समाज, योग को जीवनशैली और लोकनीति का हिस्सा बनाए। जहां हम मिलकर एक शांत, संतुलित और sustainable विश्व को गति दें। जहां योग, विश्व को टकराव से सहयोग, और तनाव से समाधान की ओर ले जाए।

साथियों,

विश्व में योग के प्रसार के लिए भारत, योग की साइंस को आधुनिक रिसर्च से और अधिक सशक्त कर रहा है। देश के बड़े-बड़े मेडिकल संस्थान योग पर रिसर्च में जुटे हैं। योग की वैज्ञानिकता को आधुनिक चिकित्सा पद्धति में स्थान मिले, ये हमारा प्रयास है। हम देश के मेडिकल और रिसर्च इंस्टीट्यूशन्स में, योगा के क्षेत्र में एविडेंस बेस्ड थेरेपी को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। इस दिशा में दिल्ली के एम्स ने भी बहुत अच्छा काम करके दिखाया है। एम्स की रिसर्च में सामने आया है कि योग की Cardiac और न्यूरोलॉजी डिस्ऑर्डर्स के उपचार और वूमन हेल्थ और Mental Well-being में अहम भूमिका है।

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साथियों,

National Ayush Mission के ज़रिए भी योग और वेलनेस के मंत्र को आगे बढ़ाया जा रहा है। डिजिटल टेक्नोलॉजी ने भी इसमें बड़ी भूमिका निभाई है। Yoga Portal और YogAndhra Portal के ज़रिए, देशभर में 10 लाख से अधिक इवेंट्स का रजिस्ट्रेशन हुआ है। आज देश के कोने-कोने में इतनी सारी जगहों पर आयोजन हो रहे हैं। ये भी दिखाता है कि योग का दायरा कितना ज्यादा बढ़ रहा है।

साथियों,

हम सभी जानते हैं, आज हील इन इंडिया का मंत्र भी दुनिया में काफी पॉपुलर हो रहा है। भारत-दुनिया के लिए हीलिंग का बेस्ट डेस्टिनेशन बन रहा है। योग की इसमें भी बड़ी भूमिका है। मुझे खुशी है कि योग के लिए Common Yoga Protocol बनाया गया है। Yoga Certification Board के साढ़े छह लाख से अधिक trained वॉलंटियर्स, करीब 130 मान्यता प्राप्त संस्थान और मेडिकल कॉलेजों में 10 दिन का योग मॉड्यूल, ऐसे अनेक प्रयास, एक होलिस्टिक इकोसिस्टम तैयार कर रहे हैं। देशभर में हमारे जो आयुष्मान आरोग्य मंदिर हैं, वहां trained योग टीचर तैनात किए जा रहे हैं। दुनियाभर के लोगों को भारत के इस वेलनेस इकोसिस्टम का फायदा मिले, इसलिए विशेष ई-आयुष वीज़ा दिए जा रहे हैं।

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साथियों,

आज योग दिवस पर मैं ओबेसिटी की तरफ भी फिर से सभी का ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा। बढ़ती ओबेसिटी पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा चैलेंज है। मैंने मन की बात कार्यक्रम में भी, इस पर विस्तार से चर्चा की थी। इसके लिए अपने खान-पान में 10 परसेंट ऑयल कम करने का चैलेंज भी शुरु किया था। मैं एक बार फिर देशवासियों से, दुनियाभर के लोगों को इस चैलेंज से जुड़ने का आह्वान करता हूं। अपने खाने में कैसे हम कम से कम 10 परसेंट ऑयल कंजम्शन कम करें, इसके लिए जागरूकता फैलानी है। ऑयल की खपत कम करना, unhealthy diet से बचना और योग करना, ये बेहतर फिटनेस की जड़ी बूटी है।

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साथियों,

आइए, हम सब मिलकर योग को एक जन आंदोलन दोलन बनाएं। एक ऐसा आंदोलन, जो विश्व को शांति, स्वास्थ्य और समरसता की ओर ले जाए। जहां हर व्यक्ति दिन की शुरुआत योग से करे और जीवन में संतुलन पाए। जहां हर समाज योग से जुड़े और तनाव से मुक्त हो। जहां योग मानवता को एक सूत्र में पिरोने का माध्यम बने। और जहां ‘Yoga for One Earth, One Health’ एक वैश्विक संकल्प बन जाए। एक बार फिर आंध्र के नेतृत्व को बधाई देते हुए, आंध्र के लोगों को बधाई देते हुए और विश्वभर में फैले हुए योग practitioners और योग प्रेमियों को बधाई देते हुए, आप सबको अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। धन्यवाद!