"देश नागरिक-केंद्रित शासन की दिशा में बढ़ रहा है"
"डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की नीतियां, उनके निर्णय, उनके संकल्प, उनके संकल्पों की सिद्धि, स्वतंत्र भारत को दिशा देने में बहुत अहम रहे"
"सरकार और उसकी सुविधाओं के लिए आसान पहुंच सुनिश्चित करना एक बड़ी प्राथमिकता है"
"सरकार के प्रोजेक्ट्स बरसों तक लटके नहीं, समय पर पूरे हों, सरकार की योजनाएं अपने लक्ष्यों तक पहुंचे, तभी देश के टैक्सपेयर का सम्मान है"
"वाणिज्य भवन के शिलान्यास के कालखंड से लेकर इसके उद्घाटन तक देश में परिवर्तनकारी प्रगति हुई है"
"किसी देश को विकासशील से बदल कर विकसित देश के दर्जे तक पहुंचाने में निर्यात की महत्वपूर्ण भूमिका है"

मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्री पीयूष गोयल जी, श्री सोमप्रकाश जी, श्रीमती अनुप्रिया पटेल जी, इंडस्ट्री और एक्सपोर्ट से जुड़े सभी साथी, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों!

नए भारत में Citizen Centric Governance के जिस सफर पर देश बीते 8 वर्षों से चल रहा है, आज उस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। देश को आज नया और आधुनिक वाणिज्य भवन और साथ ही निर्यात पोर्टल, ये दोनों एक नई भेंट मिल रही है। इन दोनों में से एक फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और दूसरा डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रतीक है। ये दोनों, ट्रेड और कॉमर्स से जुड़ी हमारी गवर्नेंस में सकारात्मक बदलाव और आत्मनिर्भर भारत की हमारी aspirations को represent करते हैं। आप सभी को, ट्रेड और कॉमर्स से जुड़ी, एक्सपोर्ट से जुड़ी पूरी कम्युनिटी को और विशेष रूप से हमारे MSMEs को भी आज के इस अवसर पर बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आज देश के पहले उद्योग मंत्री डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि है। उनकी नीतियां, उनके निर्णय, उनके संकल्प, उनके संकल्पों की सिद्धि, स्वतंत्र भारत को दिशा देने में बहुत अहम रहे हैं। आज देश उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि दे रहा है।

साथियों,

मुझे विश्वास है कि नए वाणिज्य भवन में आप एक नई प्रेरणा, एक नए संकल्प के साथ प्रवेश कर रहे हैं। ये संकल्प Ease of Doing Business का है और Ease of Doing Business के माध्यम से Ease of Living का है। और इस दोनों के बीच की जो कड़ी है, वो है Ease of Access. सरकार के साथ संवाद और सरकारी सुविधाओं के लिए access में किसी को भी असुविधा ना हो, ऐसा ease of access, देश की प्राथमिकता है। देश के नागरिकों को बेसिक सुविधाओं का एक्सेस हो, बैंकिंग में एक्सेस हो, सरकारी नीति-निर्माण में एक्सेस हो, ये बीते 8 वर्षों के गवर्नेंस मॉडल का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष रहा है। भारत ने अपने Economic Development के लिए जो नीतियां बनाई हैं, जो निर्णय लिए हैं, उसमें भी इसी विजन की झलक है। गांवों में, छोटे-छोटे शहरों में, मुद्रा योजना से बने करोड़ों entrepreneurs हो, लाखों MSMEs पॉलिसी को और बैंक क्रेडिट के रूप में प्रोत्साहन हो, लाखों स्ट्रीट वेंडर्स को बैंक क्रेडिट की सुविधा हो, हज़ारों स्टार्ट अप्स की ग्रोथ के लिए निरंतर प्रयास हों, इन सभी के पीछे जो मूल भावना रही है, वो है Ease of Access. सरकार की योजनाओं का लाभ सभी तक पहुंचे, बिना भेदभाव पहुंचे, तभी सबका विकास संभव है। मुझे खुशी है कि Ease of Access और सबका विकास की ये भावना इस नए वाणिज्य भवन में भी दिखती है।

साथियों,

आप सभी लोगों में एक Term बड़ा प्रचलित है - SOP…यानि Standard Operating Procedure. यानि काम करने का एक तय तरीका। पहले सरकारों का SOP समझा जाता था कि सरकार कोई प्रोजेक्ट शुरू करती थी, लेकिन वो तैयार कब होगा, इसकी कोई गारंटी नहीं होती थी। राजनीति स्वार्थ के लिए घोषणाएं कर दी जाती थीं, वो पूरी कब और कैसे होंगी, इसको लेकर गंभीरता नहीं होती थी। इस धारणा को हमने कैसे बदला है, उसका भी ये भवन एक और उदाहरण है और जैसा अभी बताया गया, आज ये संयोग है कि 22 जून, 2018 को मुझे इस भवन का शिलान्यास हुआ था और आज 23 जून 2022, लोकार्पण हो रहा है। इस बीच में कोरोना के कारण काफी अड़चने भी आईं। लेकिन इन सबके बावजूद भी जो संकल्‍प लिया था वो आज सिद्धि के रूप में हमारे सामने प्रस्तुत है। यानि ये नए भारत का नया SOP है - जिसका शिलान्यास होगा उसी दिन उसके उद्घाटन की टाइमलाइन पर ईमानदारी से काम शुरु हो जाता है। यहां दिल्ली में ही बीते सालों में ऐसे अनेक उदाहरण आपको मिल जाएंगे। अभी कुछ दिनों पहले भी ये प्रगति मैदान के पास इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर के लोकार्पण का अवसर मिला है। सरकार के प्रोजेक्ट्स बरसों तक लटके नहीं, समय पर पूरे हों, सरकार की योजनाएं अपने लक्ष्यों तक पहुंचे, तभी देश के टैक्सपेयर का सम्मान है। और अब तो पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के रूप में हमारे पास एक आधुनिक प्लेटफॉर्म भी है। नए भारत की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए इस नए वाणिज्य भवन को भी हर संबंधित क्षेत्र में देश को गतिशक्ति देनी है।

साथियों,

शिलान्यास से लेकर लोकार्पण तक, वाणिज्य भवन इस कालखंड में कॉमर्स के क्षेत्र में हमारी उपलब्धियों का भी symbol हैं। मुझे याद है, शिलान्यास के समय मैंने innovation और Global Innovation Index के सुधार की जरूरत पर बल दिया था। आज हम Global Innovation Index में 46 स्थान पर है और लगातार सुधार कर रहे हैं। शिलान्यास के दिन हमने ease of doing business में सुधार की ज़रूरत को लेकर चर्चा की थी। आज जब इस बिल्डिंग का, इस भवन का लोकार्पण हो रहा है, तब तक 32 हज़ार से अधिक अनावश्यक compliances को हटाया जा चुका है, 32 thousand, can you imagine? शिलान्यास के समय GST लागू हुए कुछ ही महीने बीते थे, हर प्रकार की शंकाएं-आशंकाएं जोरों पर थीं। आज हर महीने 1 लाख करोड़ रुपए GST collection सामान्य बात हो गयी है। वाणिज्य भवन के शिलान्यास के समय हमने GeM portal पर करीब 9 हज़ार करोड़ रुपए के ऑर्डर की चर्चा की थी। आज इस पोर्टल पर हमारे 45 लाख छोटे उद्यमी रजिस्टर हैं और GeM पर सवा दो लाख करोड़ रुपए से अधिक का ऑर्डर दिया जा चुका है।

साथियों,

तब मैंने बताया था कि 2014 के बाद Mobile manufacturing units कैसे, 2 से बढ़कर 120 हुई हैं। आज ये संख्या 200 से अधिक है और हम importer से आगे निकलते हुए दुनिया के बड़े mobile phone exporters के रूप में आज हम एक शक्ति बनकर के उभरे हैं। 4 साल पहले भारत में 500 से भी कम रजिस्टर्ड फिनटेक स्टार्ट-अप्स थे। आज इनकी संख्या करीब-करीब 2300 से पार कर चुकी है। तब हर वर्ष हम 8 हज़ार startups recognize करते थे, आज ये संख्या 15,000 से ऊपर जा रही है। लक्ष्य तय करके, ईमानदार प्रयासों से, 100 साल की वैश्विक महामारी के बावजूद हमने इतना कुछ हासिल किया है।

साथियों,

संकल्प से सिद्धि की जो सोच आज नए भारत में बनी है, उसका बेहतरीन उदाहरण हमारा export eco-system है। शिलान्यास कार्यक्रम में हमने global exports को बढ़ाने के लिए, एक्‍सपोर्ट को बढ़ाने के लिए भारत को manufacturing का एक preferred destination बनाने के लिए साझा संकल्प लिया था। पिछले साल ऐतिहासिक global disruptions के बावजूद सारे सप्लाई चैन तहस-नहस हो गए, उसके बावजूद भारत ने 670 बिलियन डॉलर, यानि कि 50 लाख करोड़ रुपए का टोटल एक्सपोर्ट किया। आप भी जानते हैं कि ये आंकड़ा कितना अभूतपूर्व है। पिछले साल देश ने तय किया था कि हर चुनौती के बावजूद 400 बिलियन डॉलर यानि 30 लाख करोड़ रुपए के merchandise export का पड़ाव पार करना है। लेकिन हमने इसको भी पार करते हुए 418 बिलियन डॉलर यानि 31 लाख करोड़ रुपए के export का रिकॉर्ड बना दिया।

साथियों,

बीते सालों की इसी सफलता से उत्साहित होकर हमने अब export के लक्ष्य भी बढ़ा दिए हैं, उनकी प्राप्ति के लिए अपने प्रयास भी दोगुने कर दिए हैं। ये जो नए टारगेट्स हैं, उन्हें प्राप्त करने के लिए सभी का Collective Effort बहुत आवश्यक है। यहां Industry, exporters और export promotion councils के सदस्य भी मौजूद हैं। मेरा आपसे भी आग्रह है कि आप अपने स्तर पर भी export के short term ही नहीं बल्कि long term targets set करें। टारगेट ही नहीं, बल्कि वहां पहुंचने का रास्ता क्या हो, सरकार कैसे मदद कर सकती है, इस पर भी हम मिलकर के काम करेंगे, ये बहुत आवश्यक है।

साथियों,

National Import-Export for Yearly Analysis of Trade यानि NIRYAT प्लेटफॉर्म इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है। इसमें exporters, सरकार के अलग-अलग डिपार्टमेंट्स, राज्य सरकारें, सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए ज़रूरी real time data तक सभी की पहुंच होगी। इससे कई silos को तोड़ने में मदद मिलेगी, जो हमारी इंडस्ट्री है, हमारे निर्यातक हैं उनको ज़रूरी फैसले लेने में मदद मिलेगी। इस पोर्टल से दुनिया के 200 से अधिक देशों में निर्यात होने वाले 30 से अधिक Commodity groups से जुड़ी ज़रूरी जानकारी आप सबको उपलब्ध होगी। इस पर आने वाले समय में जिलावार export से जुड़ी जानकारियां भी मिलेंगी। और one district, one product का जो मिशन मोड में काम हो रहा है वो ultimately यहां भी जुड़ने वाला है। इससे जिलों को exports के अहम सेंटर बनाने के प्रयासों को भी बल मिलेगा। मुझे विश्वास है, ये पोर्टल देश के राज्यों में export के क्षेत्र में स्वस्थ स्पर्धा को प्रमोट करने में भी मदद करेगा। हम राज्यों के बीच में एक हेल्दी कॉम्पिटिशन चाहते हैं। कौन राज्य कितना ज्यादा एक्सपोर्ट करता है, कितने ज्यादा डेस्‍टिनेशन को कवर करता है, कितनी ज्यादा विविधताओं को एक्सपोर्ट करता है।

साथियों,

अलग-अलग देशों की विकास यात्रा का अध्ययन करें तो ये बात कॉमन दिखती है कि उन देशों की प्रगति तभी हुई, जब उनका एक्सपोर्ट बढ़ा। यानि विकासशील से विकसित देश बनने में एक्सपोर्ट की बहुत बड़ी भूमिका होती है। इससे रोजगार के भी अवसर बढ़ते हैं, स्वरोजगार के भी अवसर बढ़ते हैं। पिछले आठ वर्षों में भारत भी अपना एक्सपोर्ट लगातार बढ़ा रहा है, एक्सपोर्ट से जुड़े लक्ष्यों को प्राप्त कर रहा है। एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए बेहतर पॉलिसीज हों, प्रोसेस को आसान करना हो, प्रॉडक्ट्स को नए बाजार में ले जाना हो, इन सबने, इसमें बहुत मदद की है। और अब हम logistics support पर उतना ही फोकस कर रहे हैं ताकि हमारे एक्‍सपोर्ट्स को हर काम cost effective बने। आप भी जानते हैं कि PLI स्कीम कैसे मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने में मदद कर रही है। हमारे एक्सपोर्टस साथियों के फीडबैक के आधार पर जो नीतिगत बदलाव हुए हैं, उनसे भी बहुत सहायता हुई है। आज सरकार का हर मंत्रालय, हर विभाग, ‘whole of government’ अप्रोच के साथ एक्सपोर्ट बढ़ाने को प्राथमिकता दे रहा है। MSME मंत्रालय हो या फिर विदेश मंत्रालय, कृषि हो या कॉमर्स, सभी एक साझा लक्ष्य के लिए, साझा प्रयास कर रहे हैं। हम देख रहे हैं कि हमारे एक्सपोर्ट में बहुत बड़ी संख्या engineering goods की होती है। इसका एक्सपोर्ट बढ़ाने में विशेषकर MSME सेक्टर की अहम भूमिका रही है। हम ये भी देख रहे हैं कि कैसे देश के नए-नए क्षेत्रों से एक्सपोर्ट बढ़ रहा है। कितने ही Aspirational Districts से भी अब निर्यात कई गुना बढ़ गया है। कॉटन और हैंडलूम प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट 55 प्रतिशत तक बढ़ना ये दिखाता है कि Grassroot लेवल पर किस तरह काम हो रहा है। सरकार वोकल फॉर लोकल अभियान, ‘One district, one product’ योजना के जरिए जो स्थानीय उत्पादों पर बल दे रही है, उसने भी एक्सपोर्ट बढ़ाने में मदद की है। अब दुनिया के नए-नए देशों, नए-नए डेस्‍टिनेशन में हमारे अनेक प्रोडक्ट्स पहली बार निर्यात किए जा रहे हैं। अब हमारा लोकल सही अर्थ में, ग्लोबल बनने की दिशा में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। अब देखिए, सीताभोग मिठाई और नारकेल नारु यानि नारियल और गुड़ से बने लड्डू का पहला consignment बहरीन एक्सपोर्ट किया गया है। नागालैंड की Fresh King Chilli लंदन के बाजार में जा रही है, तो असम के Fresh Burmese grapes (बरमीज ग्रेप्स) दुबई के लिए एक्सपोर्ट किए गए हैं। छत्तीसगढ़ के हमारे आदिवासी भाई-बहनों की वन-उपज महुआ फूलों के उत्पाद फ्रांस, तो करगिल की खुमानी दुबई एक्सपोर्ट हुई है। अर्बुआ, बेलाइज़, बरमूडा, ग्रेनाडा और स्विट्ज़रलैंड जैसे नए बाज़ारों में हैंडलूम से जुड़े उत्पाद भेजे गए हैं। अपने किसानों, अपने बुनकरों, अपने पारंपरिक उत्पादों को एक्सपोर्ट इकोसिस्टम से जोड़ने के लिए हम मदद भी दे रहे हैं और GI tagging पर भी बल दे रहे हैं। पिछले साल हमने UAE और ऑस्ट्रेलिया के साथ trade deals को finalize किया है, बाकी देशों के साथ भी बहुत प्रगति हुई है। विदेशों में जो हमारे डिप्लोमेटिक संस्थान हैं, उनकी भी मैं विशेष प्रशंसा करना चाहूंगा। बहुत ही चुनौतीपूर्ण माहौल को जिस प्रकार वो भारत के लिए अवसरों में बदलने का काम कर रहे हैं, हमारे सारे missions इसके लिए अभिनंदन के अधिकारी हैं, उनके कार्य की सराहना जितने करें उतनी कम है।

साथियों,

व्यापार के लिए, कारोबार के लिए नए बाज़ारों की पहचान करना और वहां की जरूरतों की पहचान कर उत्पादों का निर्माण करना, ये देश की प्रगति के लिए बहुत जरूरी है। अतीत में हमारे व्यापारियों ने दिखाया है कि mutual partnership और trust आधारित व्यापार कैसे फल-फूल सकता है। वैल्यू और सप्लाई चेन की इस सीख को हमें आज़ादी के अमृतकाल में सशक्त करना है। ऐसी ही values के आधार पर हमने UAE और Australia के साथ trade deals को पूरा किया है। अनेक देशों और क्षेत्रों के साथ भी तेज़ी से हम ऐसी deals की तरफ आगे बढ़ रहे हैं।

साथियों,

बीते 8 वर्ष में देश की उपलब्धियां हर भारतीय को गर्व से भर देती है। इसी भावना से काम करते हुए आज़ादी के इस अमृतकाल में, आने वाले 25 साल के लिए हमने जो संकल्प लिए हैं, हमें उनके लिए काम करना है। आज नया भवन भी बन गया, नया पोर्टल भी लॉन्च हो गया। लेकिन यहां हमारी जिम्मेदारी खत्म नहीं हुई है, एक प्रकार से नए संकल्पों के साथ, नई ऊर्जा के साथ, नए अचीवमेंट के लिए तेज गति से चलने का काम आरंभ हो रहा है। मैं हर डिपार्टमेंट से भी आग्रह करूंगा कि अभी तक जो पोर्टल और जो प्लेटफॉर्म्स हमने बनाए हैं, उनकी परफॉर्मेंस का समय-समय पर आकलन होना चाहिए। जिन लक्ष्यों के साथ हमने ये टूल्स विकसित किए हैं, वो कितने पूरे हो पा रहे हैं और अगर कहीं समस्या है तो उसका समाधान हो, इसके लिए प्रयास होना चाहिए। मेरा इंडस्ट्री के साथियों से, निर्यातकों से भी आग्रह है कि आप खुलकर के अपनी बात सरकार के सामने रखें, इनोवेटिव सुझाव लेकर के आए, सॉल्यूशंस लेकर के आए, हम मिलकर के समाधान को खोजना चाहते हैं। आप निर्यातक पोर्टल पर जाएं और बताएं कि इसमें क्या जोड़ा जा सकता है, क्या हटाया जा सकता है। जिला स्तर पर निर्यात को बढ़ाने के लिए क्या प्रावधान किए जा सकते हैं? हमें डिस्ट्रिक्ट लेवल पर हेल्दी कॉम्पिटिशन एक्‍सपोर्ट की दुनिया में लानी है। हमारे मैन्‍युफैक्‍चरर्स के बीच में भी zero defect zero effect on the world class packaging, ये कॉम्पिटिशन हम को लानी है। मैं चाहूंगा कि सबके इनपुट्स से, सभी के सुझावों से, यानि सबका प्रयास से ही हम अपने विराट संकल्पों को सिद्ध कर सकते हैं। एक बार फिर आप सभी को नए भवन की बधाई और इस शुभ कार्य में मुझे शरीक होने के लिए निमंत्रित किया इसके लिए भी मैं विभाग का बहुत-बहुत आभारी हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद! बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

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Prime Modi addresses the Indian community in Oman
December 18, 2025

Prime Minister today addressed a large gathering of Indian community members in Muscat. The audience included more than 700 students from various Indian schools. This year holds special significance for Indian schools in Oman, as they celebrate 50 years of their establishment in the country.

Addressing the gathering, Prime Minister conveyed greetings to the community from families and friends in India. He thanked them for their very warm and colorful welcome. He stated that he was delighted to meet people from various parts of India settled in Oman, and noted that diversity is the foundation of Indian culture - a value which helps them assimilate in any society they form a part of. Speaking of how well Indian community is regarded in Oman, Prime Minister underlined that co-existence and cooperation have been a hallmark of Indian diaspora.

Prime Minister noted that India and Oman enjoy age-old connections, from Mandvi to Muscat, which today is being nurtured by the diaspora through hard work and togetherness. He appreciated the community participating in the Bharat ko Janiye quiz in large numbers. Emphasizing that knowledge has been at the center of India-Oman ties, he congratulated them on the completion of 50 years of Indian schools in the country. Prime Minister also thanked His Majesty Sultan Haitham bin Tarik for his support for welfare of the community.

Prime Minister spoke about India’s transformational growth and development, of its speed and scale of change, and the strength of its economy as reflected by the more than 8 percent growth in the last quarter. Alluding to the achievements of the Government in the last 11 years, he noted that there have been transformational changes in the country in the fields of infrastructure development, manufacturing, healthcare, green growth, and women empowerment. He further stated that India was preparing itself for the 21st century through developing world-class innovation, startup, and Digital Public Infrastructure ecosystem. Prime Minister stated that India’s UPI – which accounts for about 50% of all digital payments made globally – was a matter of pride and achievement. He highlighted recent stellar achievements of India in the Space sector, from landing on the moon to the planned Gaganyaan human space mission. He also noted that space was an important part of collaboration between India and Oman and invited the students to participate in ISRO’s YUVIKA program, meant for the youth. Prime Minister underscored that India was not just a market, but a model for the world – from goods and services to digital solutions.

Prime Minister conveyed India’s deep commitment for welfare of the diaspora, highlighting that whenever and wherever our people are in need of help, the Government is there to hold their hand.

Prime Minister affirmed that India-Oman partnership was making itself future-ready through AI collaboration, digital learning, innovation partnership, and entrepreneurship exchange. He called upon the youth to dream big, learn deep, and innovate bold, so that they can contribute meaningfully to humanity.