स्वच्छ भारत अभियान ने हर देशवासी के आत्मविश्वास और आत्मबल को बढ़ाया है, लेकिन इसका सबसे अधिक लाभ देश के गरीब के जीवन पर दिख रहा है: प्रधानमंत्री मोदी
राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र, गांधी जी के स्वच्छाग्रह और उसके लिए समर्पित कोटि-कोटि भारतीयों के विराट संकल्प को एक जगह समेटे हुए है: पीएम मोदी
पूज्य बापू, स्वच्छता में स्वराज का प्रतिबिंब देखते थ, वो स्वराज के स्वपन की पूर्ति का एक मार्ग स्वच्छता को भी मानते थे: प्रधानमंत्री

आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है। देश की आजादी में आज की तारीख यानि 8 अगस्त का बहुत बड़ा योगदान है। आज के ही दिन, 1942 में गांधी जी की अगुवाई में आज़ादी के लिए एक विराट जनांदोलन शुरू हुआ था, अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा लगा था। ऐसे ऐतिहासिक दिवस पर, राजघाट के समीप, राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र का लोकार्पण अपने आप में बहुत प्रासंगिक है। ये केंद्र, बापू के स्वच्छाग्रह के प्रति 130 करोड़ भारतीयों की श्रद्धांजलि है, कार्यांजलि है।

 

साथियों,

पूज्य बापू, स्वच्छता में स्वराज का प्रतिबिंब देखते थे। वो स्वराज के स्वपन की पूर्ति का एक मार्ग स्वच्छता को भी मानते थे। मुझे संतोष है कि स्वच्छता के प्रति बापू के आग्रह को समर्पित एक आधुनिक स्मारक का नाम अब राजघाट के साथ जुड़ गया है।

साथियों,

राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र, गांधी जी के स्वच्छाग्रह और उसके लिए समर्पित कोटि-कोटि भारतीयों के विराट संकल्प को एक जगह समेटे हुए है। थोड़ी देर पहले जब मैं इस केंद्र के भीतर था, करोड़ों भारतीयों के प्रयासों का संकलन देखकर मैं मन ही मन उन्हें नमन कर उठा। 6 साल पहले, लाल किले की प्राचीर से शुरु हुए सफर के पल-पल के चित्र मेरे स्मृति पटल पर आते गए।

देश के कोने-कोने में जिस प्रकार करोड़ों साथियों ने हर सीमा, हर बंदिश को तोड़ते हुए, एकजुट होकर, एक स्वर में स्वच्छ भारत अभियान को अपनाया, उसको इस केंद्र में संजोया गया है। इस केंद्र में सत्याग्रह की प्रेरणा से स्वच्छाग्रह की हमारी यात्रा को आधुनिक टेक्नॉलॉजी के माध्यम से दर्शाया गया है, दिखाया गया है। और मैं ये भी देख रहा था कि स्वच्छता रोबोट तो यहां आए बच्चों के बीच में काफी लोकप्रिय है। वो उससे बिल्कुल एक मित्र की तरह बातचीत करते हैं। स्वच्छता के मूल्यों से यही जुड़ाव, देश-दुनिया से यहां आने वाला हर साथी अब अनुभव करेगा और भारत की एक नई तस्वीर, नई प्रेरणा लेकर जाएगा।

साथियों,

आज के विश्व के लिए गांधी जी से बड़ी प्रेरणा नहीं हो सकती। गांधी जी के जीवन और उनके दर्शन को अपनाने के लिए पूरी दुनिया आगे आ रही है। बीते वर्ष जब पूरी दुनिया में गांधी जी की 150वीं जन्मजयंति को भव्य रूप से मनाया गया, वो अभूतपूर्व था। गांधी जी के प्रिय गीत, वैष्णव जन तो तेने कहिए, को अनेकों देशों के गीतकारों, संगीतकारों ने गाया। भारतीय भाषा के इस गीत को बहुत ही सुंदर तरीके से गाकर इन लोगों ने एक नया रिकॉर्ड ही बना दिया। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में विशेष आयोजन से लेकर दुनिया के बड़े-बड़े देशों में गांधी जी की शिक्षाओं को याद किया गया, उनके आदर्शों को याद किया गया। ऐसा लगता था कि गांधी जी ने पूरे विश्व को एक सूत्र में, एक बंधन में बांध दिया है।.

साथियों,

गांधी जी की स्वीकार्यता और लोकप्रियता देशकाल और परिस्थिति से परे है। इसकी एक बड़ी वजह है, सामान्य माध्यमों से अभूतपूर्व परिवर्तन लाने की उनकी क्षमता। क्या दुनिया में कोई सोच सकता था कि एक बेहद शक्तिशाली सत्ता तंत्र से मुक्ति का रास्ता स्वच्छता में भी हो सकता है?

गांधी जी ने ना सिर्फ इसके बारे में सोचा बल्कि इसको आज़ादी की भावना से जोड़ा, इसे जनआंदोलन बना दिया।

साथियों,

गांधी जी कहते थे कि – “स्वराज सिर्फ साहसी और स्वच्छ जन ही ला सकते हैं।”

स्वच्छता और स्वराज के बीच के रिश्ते को लेकर गांधी जी इसलिए आश्वस्त थे क्योंकि उन्हें विश्वास था कि गंदगी अगर सबसे ज्यादा नुकसान किसी का करती है, तो वो गरीब है। गंदगी, गरीब से उसकी ताकत छीन लेती है। शारीरिक ताकत भी, मानसिक ताकत भी। गांधी जी जानते थे कि भारत को जब तक गंदगी में रखा जाएगा, तब तक भारतीय जनमानस में आत्मविश्वास पैदा नहीं हो पाएगा। जबतक जनता में आत्मविश्वास पैदा नहीं होता, तबतक वो आजादी के लिए खड़ी कैसे हो सकती था?

इसलिए, साउथ अफ्रीका से लेकर चंपारण और साबरमती आश्रम तक, उन्होंने स्वच्छता को ही अपने आंदोलन का बड़ा माध्यम बनाया।

साथियों,

मुझे संतोष है कि गांधी जी की प्रेरणा से बीते वर्षों में देश के कोने-कोने में लाखों-लाख स्वच्छाग्रहियों ने स्वच्छ भारत अभियान को अपने जीवन का लक्ष्य बना दिया है। यही कारण है कि 60 महीने में करीब-करीब 60 करोड़ भारतीय शौचालय की सुविधा से जुड़ गए, आत्मविश्वास से जुड़ गए।

इसकी वजह से, देश की बहनों को सम्मान, सुरक्षा और सुविधा मिली। इसकी वजह से, देश की लाखों बेटियों को बिना रुके पढ़ाई का भरोसा मिला। इसकी वजह से, लाखों गरीब बच्चों को बीमारियों से बचने का उपाय मिला। इसकी वजह से देश के करोड़ों दलितों, वंचितों, पीड़ितों, शोषितों, आदिवासियों को समानता का विश्वास मिला।

साथियों,

स्वच्छ भारत अभियान ने हर देशवासी के आत्मविश्वास और आत्मबल को बढ़ाया है। लेकिन इसका सबसे अधिक लाभ देश के गरीब के जीवन पर दिख रहा है। स्वच्छ भारत अभियान से हमारी सामाजिक चेतना, समाज के रूप में हमारे आचार-व्यवहार में भी स्थाई परिवर्तन आया है। बार-बार हाथ धोना हो, हर कहीं थूकने से बचना हो, कचरे को सही जगह फेंकना हो, ये तमाम बातें सहज रूप से, बड़ी तेज़ी से सामान्य भारतीय तक हम पहुंचा पाए हैं। हर तरफ गंदगी देखकर भी सहजता से रहना, इस भावना से अब देश बाहर आ रहा है। अब घर पर या सड़क पर गंदगी फैलाने वालों को एक बार टोका ज़रूर जाता है। और ये काम सबसे अच्छे तरीके से कौन करता है?

हमारे बच्चे, हमारे किशोर, हमारे युवा।

साथियों,

देश के बच्चे-बच्चे में Personal और Social hygiene को लेकर जो चेतना पैदा हुई है, उसका बहुत बड़ा लाभ कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में भी हमें मिल रहा है। आप ज़रा कल्पना कीजिए, अगर कोरोना जैसी महामारी 2014 से पहले आती तो क्या स्थिति होती? शौचालय के अभाव में क्या हम संक्रमण की गति को कम करने से रोक पाते? क्या तब लॉकडाउन जैसी व्यवस्थाएं संभव हो पातीं, जब भारत की 60 प्रतिशत आबादी खुले में शौच के लिए मजबूर थी स्वच्छाग्रह ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमें बहुत बड़ा सहारा दिया है, माध्यम दिया है।

साथियों,

स्वच्छता का अभियान एक सफर है, जो निरंतर चलता रहेगा। खुले में शौच से मुक्ति के बाद अब दायित्व और बढ़ गया है। देश को ODF के बाद अब ODF plus बनाने के लक्ष्य पर काम चल रहा है। अब हमें शहर हो या गांव, कचरे के मैनेजमेंट को, बेहतर बनाना है। हमें कचरे से कंचन बनाने के काम को तेज़ करना है। इस संकल्प के लिए आज भारत छोड़ो आंदोलन के दिन से बेहतर दिन और कौन सा हो सकता है?

साथियों,

देश को कमजोर बनाने वाली बुराइयां भारत छोड़ें, इससे अच्छा और क्या होगा।

इसी सोच के साथ बीते 6 साल से देश में एक व्यापक भारत छोड़ो अभियान चल रहा है।

गरीबी- भारत छोड़ो !

खुले में शौच की मजबूरी- भारत छोड़ो !

पानी के दर-दर भटकने की मजबूरी- भारत छोड़ो !

सिंगल यूज प्लास्टिक- भारत छोड़ो।

भेदभाव की प्रवृत्ति, भारत छोड़ो !

भ्रष्टाचार की कुरीति, भारत छोड़ो !

आतंक और हिंसा - भारत छोड़ो !

साथियों,

भारत छोड़ो के ये सभी संकल्प स्वराज से सुराज की भावना के अनुरूप ही हैं। इसी कड़ी में आज हम सभी को ‘गंदगी भारत छोड़ो’ का भी संकल्प दोहराना है।

आइए,

आज से 15 अगस्त तक यानि स्वतन्त्रता दिवस तक देश में एक सप्ताह लंबा अभियान चलाएं। स्वराज के सम्मान का सप्ताह यानि ‘गंदगी भारत छोड़ो सप्ताह’। मेरा हर जिले के जिम्मेदार अफसरों से से आग्रह है कि इस सप्ताह में अपने-अपने जिलों के सभी गांवों में community Toilets बनाने, उनकी मरम्म्त का अभियान चलाएं। जहां दूसरे राज्यों से श्रमिक साथी रह रहे हैं, उन जगहों पर प्राथमिकता के आधार पर ये हो। इसी तरह, गंदगी से कंपोस्ट बनाने का काम हो, गोबरधन हो, Water Recycling हो, सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्ति हो, इसके लिए हमें मिलकर आगे बढ़ना है।

साथियों,

जैसे गंगा जी की निर्मलता को लेकर हमें उत्साहजनक परिणाम मिल रहे हैं, वैसे ही देश की दूसरी नदियों को भी हमें गंदगी से मुक्त करना है। यहां पास में ही यमुना जी हैं। यमुना जी को भी गंदे नालों से मुक्त करने के अभियान को हमें तेज़ करना है। इसके लिए यमुना जी के आसपास बसे हर गांव, हर शहर में रहने वाले साथियों का साथ और सहयोग बहुत ज़रूरी है।

और हां, ये करते समय दो गज़ की दूरी, मास्क है ज़रूरी, इस नियम को ना भूलें। कोरोना वायरस हमारे मुंह और नाक के रास्ते ही फैलता भी है और फलता-फूलता भी है। ऐसे में मास्क, दूरी और सार्वजनिक स्थानों पर ना थूकने के नियम का सख्ती से पालन करना है।

खुद को सुरक्षित रखते हुए, इस व्यापक अभियान को हम सभी सफल बनाएंगे, इसी एक विश्वास के साथ एक बार फिर राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र के लिए बहुत-बहुत बधाई !!

बहुत-बहुत आभार !!!

 

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Prime Modi addresses the Indian community in Oman
December 18, 2025

Prime Minister today addressed a large gathering of Indian community members in Muscat. The audience included more than 700 students from various Indian schools. This year holds special significance for Indian schools in Oman, as they celebrate 50 years of their establishment in the country.

Addressing the gathering, Prime Minister conveyed greetings to the community from families and friends in India. He thanked them for their very warm and colorful welcome. He stated that he was delighted to meet people from various parts of India settled in Oman, and noted that diversity is the foundation of Indian culture - a value which helps them assimilate in any society they form a part of. Speaking of how well Indian community is regarded in Oman, Prime Minister underlined that co-existence and cooperation have been a hallmark of Indian diaspora.

Prime Minister noted that India and Oman enjoy age-old connections, from Mandvi to Muscat, which today is being nurtured by the diaspora through hard work and togetherness. He appreciated the community participating in the Bharat ko Janiye quiz in large numbers. Emphasizing that knowledge has been at the center of India-Oman ties, he congratulated them on the completion of 50 years of Indian schools in the country. Prime Minister also thanked His Majesty Sultan Haitham bin Tarik for his support for welfare of the community.

Prime Minister spoke about India’s transformational growth and development, of its speed and scale of change, and the strength of its economy as reflected by the more than 8 percent growth in the last quarter. Alluding to the achievements of the Government in the last 11 years, he noted that there have been transformational changes in the country in the fields of infrastructure development, manufacturing, healthcare, green growth, and women empowerment. He further stated that India was preparing itself for the 21st century through developing world-class innovation, startup, and Digital Public Infrastructure ecosystem. Prime Minister stated that India’s UPI – which accounts for about 50% of all digital payments made globally – was a matter of pride and achievement. He highlighted recent stellar achievements of India in the Space sector, from landing on the moon to the planned Gaganyaan human space mission. He also noted that space was an important part of collaboration between India and Oman and invited the students to participate in ISRO’s YUVIKA program, meant for the youth. Prime Minister underscored that India was not just a market, but a model for the world – from goods and services to digital solutions.

Prime Minister conveyed India’s deep commitment for welfare of the diaspora, highlighting that whenever and wherever our people are in need of help, the Government is there to hold their hand.

Prime Minister affirmed that India-Oman partnership was making itself future-ready through AI collaboration, digital learning, innovation partnership, and entrepreneurship exchange. He called upon the youth to dream big, learn deep, and innovate bold, so that they can contribute meaningfully to humanity.