सुल्तानपुर जिले में एक्सप्रेस-वे पर बनाई गई 3.2 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी पर आयोजित एयरशो का भी अवलोकन किया
‘‘यह एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश में संकल्पों को पूरा करने का एक प्रमाण है और यह यूपी का गौरव तथा अपने आप में अनूठा है’’
‘‘आज जितनी पश्चिम की पूछ है, उतनी ही पूर्वांचल के लिए भी प्राथमिकता है’’
‘‘इस दशक की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, एक समृद्ध उत्तर प्रदेश के निर्माण के लिए इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर विकसित किया जा रहा है’’
‘‘उत्तर प्रदेश के विकास के लिए ‘डबल इंजन सरकार' पूरी तरह प्रतिबद्ध है’’

 

भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!

जौने धरती पर हनुमान जी, कालनेमि कै वध किए रहें,ऊ धरती के लोगन कै हम पाँव लागित हैं।1857 के लड़ाई मा,हिंया के लोग अंग्रेजन का,छट्ठी कै दूध याद देवाय देहे रहें। यह धरती के कण-कण मा स्वतंत्रता संग्राम कै खुसबू बा।कोइरीपुर कै युद्ध, भला के भुलाय सकत है?आज यह पावन धरती क, पूर्वांन्चल एक्सप्रेसवे कै सौगात मिलत बा। जेके आप सब बहुत दिन से अगोरत रहिन।आप सभै का बहुत-बहुत बधाई।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी, यूपी के ओजस्वी, तेजस्‍वी  और कर्मयोगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, यूपी भाजपा अध्यक्ष श्री स्वतंत्र देव जी, यूपी सरकार में मंत्री श्री जयप्रताप सिंह जी, श्री धर्मवीर प्रजापति जी, संसद में मेरी साथी बहन मेनका गांधी जी, अन्य जन-प्रतिनिधिगण और मेरे प्यारेभाइयों और बहनों !

पूरी दुनिया में जिसे यूपी के सामर्थ्य पर, यूपी के लोगों के सामर्थ्य पर जरा भी संदेह हो, वो आज यहां सुल्तानपुर में आकर यूपी का सामर्थ्य देख सकता है।तीन-चार साल पहले जहां सिर्फ जमीन थी, अब वहां से होकर इतना आधुनिक एक्सप्रेसवे गुजर रहा है। जब तीन साल पहले मैंने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था, तो ये नहीं सोचा था कि एक दिन उसी एक्सप्रेसवे पर विमान से मैं खुद उतरूंगा।ये एक्सप्रेसवे, उत्तर प्रदेश को, तेज गति से बेहतर भविष्य की ओर ले जाएगा।ये एक्सप्रेसवे, यूपी के विकास का एक्सप्रेसवे है।ये एक्सप्रेसवे, यूपी की प्रगति का एक्सप्रेसवे है।ये एक्सप्रेसवे, नए यूपी के निर्माण का एक्सप्रेसवे है।ये एक्सप्रेसवे, यूपी की मजबूत होती अर्थव्यवस्था का एक्सप्रेसवे है।ये एक्सप्रेसवे, यूपी में आधुनिक होती सुविधाओं का प्रतिबिंब है।ये एक्सप्रेसवे, यूपी की दृढ़ इच्छाशक्ति का पुनीत प्रकटीकरण है।ये एक्सप्रेसवे, यूपी में संकल्पों की सिद्धि का जीता-जागता प्रमाण है।ये यूपी की शान है, ये यूपी का कमाल है।मैं आज पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को उत्तर प्रदेश के लोगों को समर्पित करते हुए अपने-आप में धन्य महसूस कर रहा हूं।

 

साथियों,

देश का संपूर्ण विकास करने के लिए देश का संतुलित विकास भी उतना ही आवश्यक है।कुछ क्षेत्र विकास की दौड़ में आगे चले जाएं और कुछ क्षेत्र दशकों पीछे रह जाएं, ये असमानता किसी भी देश के लिए ठीक नहीं।भारत में भी जो हमारा पूर्वी हिस्सा रहा है, ये पूर्वी भारत, नॉर्थ ईस्ट के राज्य, विकास की इतनी संभावना होने के बावजूद इन क्षेत्रों को देश में हो रहे विकास का उतना लाभ नहीं मिला, जितना मिलना चाहिए था।उत्तर प्रदेश में भी जिस तरह की राजनीति हुई, जिस तरह से लंबे समय तक सरकारें चलीं, उन्होंने यूपी के संपूर्ण विकास, यूपी का सर्वांगीण विकास इस पर ध्यान ही नहीं दिया।यूपी का ये क्षेत्र तो माफियावाद और यहां के नागरिकों को गरीबी के हवाले कर दिया गया था।

मुझे खुशी है कि आज यही क्षेत्र विकास का एक नया अध्याय लिख रहा है।मैं यूपी के ऊर्जावान, कर्मयोगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, उनकी टीम और यूपी के लोगों को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की बहुत-बहुत बधाई देता हूं।हमारे जिन किसानभाई-बहनों की भूमि इसमें लगी है, जिन श्रमिकों का पसीना इसमें लगा है, जिन इंजीनियरों का कौशल इसमें लगा है, उनका भी मैं बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं।

भाइयों और बहनों,

जितनी ज़रूरी देश की समृद्धि है, उतनी ही आवश्यक देश की सुरक्षा भी है।यहां थोड़ी देर में हम देखने वाले हैं कि कैसे अब इमरजेंसी की स्थिति में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे हमारी वायुसेना के लिए एक और ताकत बन गया है।अब से कुछ ही देर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर हमारे फाइटर प्लेन, अपनी लैंडिंग करेंगे।इन विमानों की गर्जना, उन लोगों के लिए भी होगी, जिन्होंने देश में डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर को दशकों तक नजरअंदाज किया।

साथियों,

उत्तर प्रदेश की उपजाऊ भूमि, यहां के लोगों का परिश्रम, यहां के लोगों का कौशल, अभूतपूर्व है। और मैं किताब में पढ़ करके नहीं बोल रहा हूं। उत्‍तर प्रदेश के एमपी के नाते यहां के लोगों से मेरा जो रिश्‍ता बना है, नाता बना है उसमें से मैंने जो देखा है, पाया है, उसको बोल रहा हूं। यहां के इतने बड़े क्षेत्र को गंगा जी और अन्य नदियों का आशीर्वाद मिला हुआ है।लेकिन यहां 7-8 साल पहले जो स्थिति थी, उसे देखकर मुझे हैरानी होती थी कि आखिर यूपी को कुछ लोगकिस बात की सजा दे रहे हैं।इसलिए, 2014 में जब आप सबने, उत्‍तर प्रदेश ने, देश ने मुझे हमारी इस महान भारत भूमि की सेवा का अवसर दिया, तो मैंने यूपी के विकास को यहां के एमपी के नाते, प्रधान सेवक के नाते मेरा कर्तव्‍य बनता था, मैंने उसकी बारीकियों में जाना शुरू किया।

मैंने बहुत सारे प्रयास यूपी के लिए शुरू करवाए। गरीबों को पक्के घर मिलें, गरीबों के घर में शौचालय हों, महिलाओं को खुले में शौच के लिए बाहर ना जाना पड़े, सबके घर में बिजली हो, ऐसे कितने ही काम थे, जो यहां किए जाने जरूरी थे।लेकिन मुझे बहुत पीड़ा है, कि तब यूपी में जो सरकार थी, उसने मेरा साथ नहीं दिया। इतना ही नहीं, सार्वजनिक रूप से मेरे बगल में खड़े रहने में भी उनको पता नहीं वोट बैंक के नाराज होने का डर लगता था। मैं एमपी के रूप में आता था तो हवाई अड्डे पर स्‍वागत करके पता नहीं खो जाते थे। उनको इतनी शर्म आती थी, इतनी शर्म आती थी क्‍योंकि काम का हिसाब देने के लिए उनके पास कुछ था ही नहीं। 

मुझे मालूम था कि,जिस तरह तब की सरकार ने, योगीजी के आने से पहले वाली सरकार ने यूपी के लोगों के साथ नाइंसाफी की, जिस तरह उन सरकारों ने विकास में भेदभाव किया, जिस तरह सिर्फ अपने परिवार का हित साधा, यूपी के लोग ऐसा करने वालों को, हमेशा-हमेशा के लिएयूपी के विकास के रास्ते से हटा देंगे। और 2017 में आपने तो ये करके दिखाया है। आपने प्रचंड बहुमत देकर योगीजी को और मोदीजी को, दोनों को साथ मिल करके अपनी अपनी सेवा का आपने मौका दिया।

और आज यूपी में हो रहे विकास कार्यों को देखकर मैं कह सकता हूं कि इस क्षेत्र का, यूपी का भाग्य बदलना शुरू हो गया है और तेज गति से आगे बदलने वाला भी है। कौन भूल सकता है कि पहले यूपी में कितनी बिजली कटौती होती थी, याद है ना कितनी बिजली कटौती होती थी?कौन भूल सकता है कि यूपी में कानून व्यवस्था की क्या हालत थी।कौन भूल सकता है कि यूपी में मेडिकल सुविधाओं की क्या स्थिति थी।यूपी में तो हालात ऐसे बना दिये गए थे कि यहाँ सड़कों पर राह नहीं होती थी, राहजनी होती थी।अब राहजनी करने वाले जेल में हैं, और राहजनी नहीं, गाँव-गाँव नई राह बन रही है, नई सड़कें बन रहीं हैं।बीते साढ़े चार वर्षों में यूपी में, चाहे पूरब हो या पश्चिम, हजारों गांवों को नई सड़कों से जोड़ा गया है, हजारों किलोमीटर नई सड़कें बनाई गई हैं।अब आप सभी के सहयोग से,उत्तर प्रदेश सरकार की सक्रिय भागीदारी से, यूपी के विकास का सपना अब साकार होता दिख रहा है। आज यूपी में नए मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं,एम्स बन रहे हैं, आधुनिक शिक्षा संस्थान बन रहे हैं। कुछ हफ्ते पहले ही कुशीनगर में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का लोकार्पण किया और आज मुझे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे आपको सौपने का सौभाग्य मिला है।

भाइयों और बहनों,

इस एक्स्प्रेसवे का लाभ गरीब को भी होगा और मध्यम वर्ग को भी,किसान की इससे मदद होगी और व्यापारी के लिए भी सुविधा होगी। इसका लाभ श्रमिक को भी होगा और उद्यमी को भी,यानि दलित, वंचित, पिछड़े, किसान, युवा, मध्यम वर्ग, हर व्यक्ति को इसका फायदा होगा।निर्माण के दौरान भी इसने हज़ारों साथियों को रोज़गार दिया और अब शुरू होने के बाद भी ये लाखों नए रोज़गार के निर्माण का माध्यम बनेगा।

साथियों,

ये भी एक सच्चाई थी कि यूपी जैसे विशाल प्रदेश में, पहले एक शहर, दूसरे शहर से काफी हद तक कटा हुआ था।अलग अलग हिस्सों में लोग जाते तो थे, काम है, रिश्तेदारी है, लेकिन एक दूसरे शहरों में अच्छी कनेक्टिविटी ना होने की वजह से परेशान रहते थे।पूरब के लोगों के लिए लखनऊ पहुँचना भी महाभारत जीतने जैसा होता था। पिछले मुख्यमंत्रियों के लिए विकास वहीं तक सीमित था जहां उनका परिवार था, उनका घर था। लेकिन आज जितना पश्चिम का सम्मान है, उतनी ही पूर्वांचल के लिए भी प्राथमिकता है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे आज यूपी की इस खाई को पाट रहा है, यूपी को आपस में जोड़ रहा है।इस एक्सप्रेसवे के बनने से, अवध, पूर्वांचल के साथ-साथ बिहार के लोगों को भी लाभ होगा।दिल्ली से बिहार आना-जाना भी अब और आसान हो जाएगा।

और मैं आपका ध्यान एक और बात की तरफ दिलाना चाहता हूं।340 किलोमीटर के पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की विशेषता सिर्फ यही नहीं है कि ये लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, मऊ, आजमगढ़ और गाजीपुर को जोड़ेगा।इसकी विशेषता ये है कि ये एक्सप्रेसवे, लखनऊ से उन शहरों को जोड़ेगा, जिनमें विकास की असीम आकांक्षा है, जहां विकास की बहुत बड़ी संभावना है। इस पर आज यूपी सरकार ने योगीजी के नेतृत्‍व में 22 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा भले खर्च किए हों, लेकिन भविष्य में ये एक्सप्रेसवे, लाखों करोड़ के उद्योगों को यहां लाने का माध्यम बनेगा।मुझे अंदाजा नहीं है कि मीडिया के जो साथी यहां हैं, उनका ध्यान इस ओर गया है कि नहीं, कि आज यूपी में जिन नए एक्सप्रेसवे पर काम हो रहा है, वो किस तरह के शहरों को जोड़ने वाले हैं।करीब 300 किलोमीटर का बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे किन शहरों को जोड़ेगा?चित्रकूट, बांदा हमीरपुर, महोबा, जालौन, औरेया और इटावा।90 किलोमीटर का गोरखपुर लिंक एक्सप्रेव वे किन शहरों को जोड़ेगा?गोरखपुर, अंबेडकर नगर, संत कबीर नगर, और आजमगढ़।करीब 600 किलोमीटर का गंगा एक्सप्रेस वे किन शहरों को जोड़ेगा?मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, और प्रयागराज।अब ये भी सोचिए इतने सारे छोटे-छोटे शहरों को भी, आप मुझे बतायें इनसे से कितने शहर बड़े मेट्रो सिटी माने जाते हैं? इनमें से कितने शहर, राज्य के दूसरों शहरों से अच्छी तरह कनेक्टेड रहे हैं?यूपी के लोग इन सवालों का जवाब जानते भी हैंऔर यूपी के लोग इन बातों को समझते भी हैं।इस तरह का काम यूपी में आजादी के बाद पहली बार हो रहा है।पहली बार उत्तर प्रदेश की आकांक्षाओं के प्रतीक इन शहरों में आधुनिक कनेक्टिविटी को इतनी प्राथमिकता दी गई है।और भाइयों और बहनों,आप भी ये जानते हैं कि जहां अच्छी सड़क पहुंचती है, अच्छे हाईवेज पहुंचते हैं, वहां विकास की गति बढ़ जाती है, रोजगार निर्माण और तेजी से होता है।

साथियों,

उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए, बेहतरीन कनेक्टिविटी जरूरी है, यूपी के कोने-कोने को जोड़ा जाना जरूरी है।मुझे खुशी है कि आज योगी जी की सरकार बिना भेदभाव, कोई परिवारवाद नहीं, कोई जातिवाद नहीं, कोई क्षेत्रवाद नहीं, 'सबका साथ, सबका विकास' इस मंत्र को ले करके काम में जुटी है।जैसे-जैसे यूपी में एक्सप्रेसवे तैयार होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे यहां इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का काम भी शुरु होता जा रहा है।पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के इर्दगिर्द बहुत जल्द नए उद्योग लगने शुरु हो जाएंगे।इसके लिए 21 जगहों कोचिन्हित भी किया जा चुका है। आने वाले दिनों में, इन एक्सप्रेसवे के किनारे जो शहर बसे हैं, उन शहरों मेंफूड प्रोसेसिंग, दूध से जुड़े उत्पाद, कोल्ड स्टोरेज, भंडारण, इनसे जुड़ी गतिविधियों तेजी से बढ़ने वाली हैं। फल-सब्ज़ी, अनाज, पशुपालन और खेती से जुड़े दूसरे उत्पाद हों या फिर फार्मा, इलेक्ट्रिकल, टेक्सटाइल, हैंडलूम, मेटल, फर्नीचर, पेट्रोकैमिकल सेक्टर से जुड़े उद्योग, इन सभी को यूपी में बनने वाले नए एक्सप्रेसवे, नई ऊर्जा देने जा रहे हैं, नए आकर्षण के केंद्र बनने वाले हैं।

साथियों,

इन उद्योगों के लिए ज़रूरी मैन पावर तैयार करने के लिए भी काम शुरू कर दिया गया है।इन शहरों में ITI, दूसरे एजुकेशन और ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, मेडिकल इंस्टीट्यूट्स, ऐसे संस्थान भी स्थापित किए जाएंगे। यानि खेत हो या उद्योग, यूपी के युवाओं के लिए रोज़गार के अनेक विकल्प आने वाले समय में यहां बनने वाले हैं। यूपी में बन रहा डिफेंस कॉरिडोर भी यहां रोज़गार के नए अवसर लाने वाला है।मुझे विश्वास है, यूपी में हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर के ये काम, आने वाले समय में यहां की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई देंगे।

भाइयों और बहनों,

एक व्यक्ति घर भी बनाता है तो पहले रास्तों की चिंता करता है, मिट्टी की जांच करता है, दूसरे पहलुओं पर विचार करता है।लेकिन यूपी में हमने लंबा दौर, ऐसी सरकारों का देखा है जिन्होंने कनेक्टिविटी की चिंता किए बिना ही औद्योगीकरण के बड़े-बड़े बयान दिए, सपने दिखाए।परिणाम ये हुआ कि ज़रूरी सुविधाओं के अभाव में यहां लगे अनेक कारखानों में ताले लग गए।इन परिस्थितियों में ये भी दुर्भाग्य रहा कि दिल्ली और लखनऊ, दोनों ही स्थानों पर परिवारवादियों का ही दबदबा रहा।सालों-साल तक परिवारवादियों की यही पार्टनरशिप, यूपी की आकांक्षाओं को कुचलती रही, बर्बाद करती रही।भाइयों और बहनों, सुल्तानपुर के सपूत श्रीपति मिश्रा जी के साथ भी तो यही हुआ था।जिनका ज़मीनी अनुभव और कर्मशीलता ही पूंजी थी, परिवार के दरबारियों ने उनको अपमानित किया।ऐसे कर्मयोगियों का अपमान यूपी के लोग कभी नहीं भुला सकते।

साथियों,

आज यूपी में डबल इंजन की सरकार यूपी के सामान्य जन को अपना परिवार मानकर काम कर रही है।यहां जो कारखाने लगे हैं, जो मिलें हैं, उनको बेहतर तरीके से चलाने के साथ-साथ नए निवेश, नए कारखानों के लिए माहौल बनाया जा रहा है।अहम ये भी है कि यूपी में आज सिर्फ 5 साल की योजना नहीं बन रही, बल्कि इस दशक की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए वैभवशाली उत्तर प्रदेश के निर्माण के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है।पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से उत्तर प्रदेश को पूर्वी समुद्री तट और पश्चिमी समुद्री तट से जोड़ने के पीछे यही सोच है।मालगाड़ियों के लिए बने इन विशेष रास्तों से यूपी के किसानों की उपज और फैक्ट्रियों में बना सामान दुनिया के बाज़ारों तक पहुंच पाएगा।इसका लाभ भी हमारे किसानों, हमारे व्यापारी, हमारे कारोबारी, ऐसे हर छोटे-बड़े साथियों को होने वाला है।

भाइयों और बहनों,

आज इस कार्यक्रम में, मैं यूपी के लोगों की, कोरोना वैक्सीनेशन के लिए बेहतरीन काम करने पर भी प्रशंसा करना चाहता हूं।यूपी ने 14 करोड़ कोरोना टीके लगाकर अपने राज्य को देश ही नहीं, बल्कि दुनिया में अग्रणी भूमिका में खड़ा किया है।दुनिया के अनेक देशों की तो इतनी कुल आबादी तक नहीं है।

साथियों,

मैं यूपी के लोगों की इस बात के लिए भी सराहना करूंगा कि उसने भारत में बनी वैक्सीन के खिलाफ किसी भी राजनीतिक अपप्रचार को टिकने नहीं दिया। यहां के लोगों के स्वास्थ्य से, उनके जीवन से खिलवाड़ की इस साजिश को यूपी के लोगों ने परास्त कर दिया है।और मैं ये भी कहूंगा- यूपी की जनताइन्हें इसी तरह आगे भी परास्त करती रहेगी।

भाइयों और बहनों,

यूपी के चौतरफा विकास के लिए हमारी सरकार दिन रात मेहनत कर रही है।कनेक्टिविटी के साथ ही यूपी में बुनियादी सुविधाओं को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।इसका सबसे अधिक लाभ हमारी बहनों को हुआ है, नारीशक्ति को हुआ है।गरीब बहनों को जब उनका अपना पक्का घर मिल रहा है, उनके नाम से मिल रहा है, तो उनको पहचान के साथ-साथ गर्मी-बरसात-सर्दी, ऐसी अनेक परेशानियों से भी मुक्ति मिल रही है।बिजली और गैस कनेक्शन के अभाव में भी सबसे अधिक परेशानी माताओं-बहनों को होती थी।सौभाग्य और उज्जवला से मिले मुफ्त बिजली और गैस कनेक्शन से ये परेशानी भी दूर हो गई।टॉयलेट के अभाव में घर और स्कूल दोनों जगह सबसे अधिक परेशानी हमारी बहनों और हमारी बेटियों को होती थी।अब इज्जतघर बनने से घर में भी सुख है और बेटियों को भी अब स्कूल में बिना किसी हिचक के पढ़ाई का रास्ता मिला है।

पीने के पानी की परेशानी में तो ना जाने माताओं-बहनों की कितनी पीढ़ियां गुज़र गईं।अब जाकर हर घर जल पहुंचाया जा रहा है, पाइप से पानी पहुंच रहा है।सिर्फ 2 साल में ही यूपी सरकार ने करीब-करीब 30 लाख ग्रामीण परिवारों को नल से जल पहुंचा दिया है,और इस वर्ष लाखों बहनों को अपने घर पर ही शुद्ध पेयजल देने के लिए डबल इंजन की सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

भाइयों और बहनों,

स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में भी अगर सबसे अधिक परेशानी किसी को होती थी, तो वो भी हमारी माताओं-बहनों को ही होती थी।बच्चे से लेकर पूरे परिवार के स्वास्थ्य की चिंता, खर्च की चिंता ऐसी होती थी कि वो अपना इलाज कराने तक से बचती थी।लेकिन आयुष्मान भारत योजना, नए अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज जैसी सुविधाओं से हमारी बहनों-बेटियों को बहुत बड़ी राहत मिली है।

साथियों,

डबल इंजन की सरकार के जब ऐसे डबल लाभ मिलते हैं, तो उन लोगों का, मैं देख रहा हूं आपा खो रहे हैं, क्‍या-क्‍या बोले जा रहे हैं, उनका विचलित होना बहुत स्वाभाविक है।जो अपने समय में असफल रहे वो योगीजी की सफलता भी नहीं देख पा रहे हैं। जो सफलता देख नहीं पा रहेहैं वो सफलता पचा कैसे पाएंगे।

भाइयो-बहनों,

इनके शोर से दूर, सेवाभाव से राष्ट्रनिर्माण में जुटे रहना यही हमारा कर्म है, यही हमारी कर्म गंगा है और हम इस कर्म गंगा को ले करके सुजलाम, सुफलाम का वातावरण बनाते रहेंगे। मुझे विश्वास है, आपका प्यार, आपका आशीर्वाद हमें ऐसे ही मिलता रहेगा।एक बार फिर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की आपको बहुत बधाई।

 

मेरे साथ बोलिए, पूरी ताकत से बोलिए,

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

बहुत-बहुत धन्यवाद !

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Prime Minister welcomes passage of SHANTI Bill by Parliament
December 18, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has welcomed the passage of the SHANTI Bill by both Houses of Parliament, describing it as a transformational moment for India’s technology landscape.

Expressing gratitude to Members of Parliament for supporting the Bill, the Prime Minister said that it will safely power Artificial Intelligence, enable green manufacturing and deliver a decisive boost to a clean-energy future for the country and the world.

Shri Modi noted that the SHANTI Bill will also open numerous opportunities for the private sector and the youth, adding that this is the ideal time to invest, innovate and build in India.

The Prime Minister wrote on X;

“The passing of the SHANTI Bill by both Houses of Parliament marks a transformational moment for our technology landscape. My gratitude to MPs who have supported its passage. From safely powering AI to enabling green manufacturing, it delivers a decisive boost to a clean-energy future for the country and the world. It also opens numerous opportunities for the private sector and our youth. This is the ideal time to invest, innovate and build in India!”