प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लगभग 620 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
बीते 6 सालों से बनारस में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी अभूतपूर्व काम हुआ है। आज काशी यूपी ही नहीं, बल्कि एक तरह से पूरे पूर्वांचल के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का हब बनता जा रहा है : पीएम
मेरा आग्रह है कि वोकल फॉर लोकल के साथ ही #Local4Diwali को भी खूब प्रमोट करें। देश के लोग जो पसीना बहा रहे हैं, कुछ न कुछ नया कर रहे हैं, उनका हाथ थामना हम सबका दायित्व है : प्रधानमंत्री

अभी आप सभी साथियों से मुझे बात करने का मौका मिला, जरा मुझे अच्‍छा लगा और शहर में विकास के जो काम हो रहे हैं, जो निर्णय सरकार ने लिए हैं, उनका लाभ बनारस के लोगों को भी हो रहा है। और ये सब कुछ हो रहा है, तो इसके पीछे बाबा विश्वनाथ का ही आशीर्वाद है और इसलिए जब मैं आज भले वर्चुअली यहां आया हूं लेकिन जो हमारी काशी की परम्‍परा है उस परम्‍परा को निभाए बिना हम आगे नहीं जा सकते हैं। इसलिए अभी जो भी मेरे साथ कार्यक्रम में जुड़े हैं, हम सभी एक साथ बोलेंगे - हर हर महादेव ! धनतेरस, दीपावली, अन्नकूट, गोवर्धन पूजा अऊर डाला छठ क आप सब लोगन के बहुत बधाई हौ ! माता अन्नपूर्णा आप सबके धन धान्य से समृद्ध करैं ! हमार कामना हौ कि बाजारन में रौनक और बढ़े। मेरी काशी की गलियॉ गुलजार हों और बनारसी साड़ियों का कारोबार भी चमके। कोरोना से लडते हुए भी हमार किसान भाईन खेती पर खूब ध्यान दिहलन। बनारस ही नहीं पूरे पूर्वांचल में एह बार अगहनी फसल अच्छी हौ, इ की खबर मिलल हौ। किसानन का परिश्रम स्वत: के लिए नाहिं बल्कि पूरे देश के काम आवैला। आप अन्न देवता लोगन का बहुत अभिनंदन हौ। कार्यक्रम में मेरे साथ जुड़े उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्रीमान् योगी आदित्यनाथ जी, उप-मुख्‍यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य जी, यूपी सरकार के मंत्रीगण, विधायकगण, बनारस के सभी चुने हुए जनप्रतिधिगण, बनारस के मेरे प्यारे प्रिय भाइयों और बहनों !

महादेव के आशीर्वाद से काशी कभी थमती नहीं है। माँ गंगा की तरह निरंतर आगे बढ़ती रहती है। कोरोना के कठिन काल में भी काशी अपने इसी स्वरूप में आगे बढ़ती रही। कोरोना के खिलाफ बनारस ने जिस जीवटता से लड़ाई लड़ी है, इस मुश्किल समय में जिस सामाजिक एकजुटता का परिचय दिया है, वो सच-मुच में बहुत ही प्रशंसनीय है। अब आज इसी कड़ी में बनारस के विकास से जुड़े हजारों करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हो रहा है। वैसे ये भी महादेव का आशीर्वाद ही है जब भी काशी के लिए कुछ नए कार्यों की शुरुआत होती है, पुराने कई संकल्प सिद्ध हो चुके होते हैं। यानी, एक तरफ शिलान्यास, तो दूसरी तरफ लोकार्पण। आज भी लगभग 220 करोड़ रुपए की 16 योजनाओं के लोकार्पण के साथ-साथ करीब 400 करोड़ रुपए की 14 योजनाओं पर काम शुरू हुआ है। मैं सभी विकास कार्यों के लिए बनारस के लोगों को बहुत बधाई देता हूँ। काशी में, उत्तर प्रदेश में, बिना रुके, बिना थके, चल रहे इन विकास कार्यों का श्रेय मुख्यमंत्री श्रीमान् योगी आदित्यनाथ जी और उनकी पूरी टीम को – मंत्री परिषद के सदस्‍यों को, चुने हुए जनप्रतिनिधियों को, सरकारी मशीनरी के साथ जुड़े हुए सभी मुलाजिम को इन सब को इस सफलता के लिए पूरा का पूरा श्रेय जाता है। योगी जी और उनकी टीम को जनसेवा के इस एकनिष्ठ प्रयासों के लिए बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।

साथियों,

बनारस में शहर व देहात के इ विकास योजना में पर्यटन भी हौ, संस्कृति भी अऊर सडक, बिजली, पानी भी। हरदम प्रयास यही होला कि आपन काशी के हर शख्स के भावनाओं के अनुरुप ही विकास क पहिया आगे बढै। इसलिए, ये विकास आज अपने आपमें इस बात का उदाहरण है कि बनारस कैसे एक साथ हर क्षेत्र में, हर दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। माँ गंगा की स्वच्छता से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं तक रोड और इनफ्रास्ट्रक्चर से लेकर पर्यटन तक, बिजली से लेकर युवाओं के लिए खेलकूद तक, और किसान से लेकर गाँव-गरीब तक, हर क्षेत्र में बनारस विकास की नई गति प्राप्त किए हुए है। आज गंगा एक्शन प्लान प्रोजेक्ट के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के renovation का काम पूरा हो चुका है। साथ ही, शाही नाला से अतिरिक्त सीवेज गंगा में गिरने से रोकने के लिए diversion line का शिलान्यास भी कर दिया गया है। 35 करोड़ से अधिक की लागत से खिड़किया घाट को भी सजाया संवारा जा रहा है। यहां सीएनजी से नांव भी चलेंगी जिससे गंगा में प्रदूषण भी कम होगा। इसी तरह दशाश्वमेध घाट पर टूरिस्ट प्लाज़ा भी आने वाले दिनों में पर्यटकों की सुविधा और आकर्षण का केंद्र बनेगा। इससे घाट की सुंदरता भी बढ़ेगी, व्यवस्था भी बढ़ेगी। जो स्थानीय छोटे छोटे व्यापार हैं, ये प्लाज़ा बनने से उनकी भी सुविधा और ग्राहक बढ़ेंगे।

साथियों,

मां गंगा को लेकर ये प्रयास, ये प्रतिबद्धता काशी का संकल्प भी है, और काशी के लिए नई संभावनाओं का रास्ता भी यही है। धीऱे-धीरे यहां के घाटों की तस्वीर बदल रही है। कोरोना का प्रभाव कम होने पर जब पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी, तो वो बनारस की और सुंदर छवि लेकर यहां से जाएंगे। गंगा घाटों की स्वच्छता और सुंदरीकरण के साथ-साथ सारनाथ भी नए रंगरूप में निखर रहा है। आज जिस लाइट एंड साउंड प्रोग्राम का लोकार्पण किया गया है, उससे सारनाथ की भव्यता और अधिक बढ़ जाएगी।

भाइयों और बहनों,

काशी की एक बड़ी समस्या यहां लटकते बिजली के तारों के जाल की रही है। आज काशी का बड़ा क्षेत्र बिजली के तारों के जाल से भी मुक्त हो रहा है। तारों को अंडरग्राउंड करने का एक और चरण, आज पूरा हो चुका है। कैंट स्टेशन से लहुराबीर, भोजूबीर से महाबीर मंदिर, कचहरी चौराहा से भोजूबीर तिराहा, ऐसे 7 रूट्स पर भी बिजली के तारों से अब छुटकारा मिल गया है। इतना ही नहीं, स्मार्ट LED lights से गलियों में रोशनी और सुंदरता भी फैलेगी।

साथियों,

बनारस की कनेक्टिविटी हमेशा से हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। काशीवासियों का और काशी आने वाले हर पर्यटक, हर श्रद्धालु का समय सड़क जाम में न व्यर्थ हो, इसके लिए नए इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जा रहा है। बनारस में आज एयरपोर्ट पर सुविधाएं बढ़ रही हैं। बाबतपुर से शहर को कनेक्ट करने वाली सड़क भी अब बनारस की नई पहचान बनी है। आज एयरपोर्ट पर दो Passenger Boarding Bridge का लोकार्पण होने के बाद इन सुविधाओं का और विस्तार होगा। ये विस्तार इसलिए भी जरूरी है क्योंकि 6 वर्ष पहले यानि आपने मुझे आपकी सेवा करने का अवसर दिया उसके पहले बनारस में हर दिन 12 फ्लाइट्स चलती थीं, आज इससे 4 गुणा यानि 48 फ्लाइट्स चलती हैं। यानि बनारस में सुविधाएं बढ़ती देख, बनारस आने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ रही है।

भाइयों और बहनों,

बनारस में तैयार हो रहा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, यहां रहने वाले और यहां आने वाले, दोनों ही तरह के लोगों का जीवन आसान बना रहे हैं। एयरपोर्ट से जुड़ी कनेक्टिविटी के साथ-साथ रिंग रोड हो, महमूरगंज-मण्डुवाडीह फ्लाई ओवर हो, एनएच-56 का चौड़ीकरण हो, बनारस आज रोड इनफ्रास्ट्रक्चर का भी कायाकल्प होते देख रहा है। शहर के भीतर और आस पास के इलाकों में भी सड़कों की तस्वीर बदली है। आज भी वाराणसी के अलग-अलग क्षेत्रों के लिए सड़क निर्माण कार्यों का काम शुरू हुआ है। नेशनल हाईवे, फुलवरिया-

लहरतारा मार्ग, वरूणानदी और 3 पुल और कई सड़कों का निर्माण, ऐसे कितने ही काम हैं जो आने वाले समय में बहुत जल्‍दी पूरे होने वाले हैं। Roadways के इस नेटवर्क के साथ साथ बनारस अब waterways की connectivity में भी एक मॉडल बन रहा है। हमारे बनारस में आज देश का पहला इनलैण्ड वाटर पोर्ट बन चुका है।

भाइयों और बहनों,

बीते 6 सालों से बनारस में Health Infrastructure पर भी अभूतपूर्व काम हुआ है। आज काशी यूपी ही नहीं, बल्कि एक तरह से पूरे पूर्वांचल के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का हब बनता जा रहा है। आज रामनगर में लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के modernization से जुड़े कामों के लोकार्पण से काशी की इस भूमिका का विस्तार हुआ है। रामनगर के अस्पताल में अब Mechanised Laundry, व्यवस्थित रजिस्ट्रेशन काउंटर और कर्मचारियों के लिए आवासीय परिसर जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। होमी भाभा कैंसर हास्पिटल और पंडित महामना मालवीय कैंसर हास्पिटल जैसे बड़े कैंसर इंस्टीट्यूट यहां पहले से ही सेवाएं दे रहे हैं। इसी तरह ESIC अस्पताल और BHU Super Specialty Hospital भी यहां गरीब से गरीब साथियों को, गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दे रहे हैं।

साथियों,

बनारस में आज जो ये चौतरफा विकास हो रहा है, हर सेक्टर में विकास हो रहा है, उसका पूर्वांचल सहित पूरे पूर्वी भारत को लाभ हो रहा है। अब पूर्वांचल के लोगों को छोटी-छोटी ज़रूरतों के लिए दिल्ली और मुंबई के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। बनारस और पूर्वांचल के किसानों के लिए तो स्टोरेज से लेकर ट्रांसपोर्ट तक की अनेक सुविधाएं बीते सालों में यहां तैयार की गई हैं। International Rice Institute का Center हो, Milk Processing Plant हो, Perishable Cargo Center का निर्माण हो, ऐसी अनेक सुविधाओं से यहां के किसानों को बहुत लाभ हो रहा है। ये भी हमारे लिए गर्व की बात है कि इस साल पहली बार वाराणसी क्षेत्र से फल, सब्जी और धान को विदेश के लिए निर्यात किया गया है। किसानों के लिए बनी स्टोरेज सुविधाओं को विस्तार देते हुए आज कपसेठी में 100 मीट्रिक टन स्टोरेज क्षमता वाले गोदाम का लोकार्पण भी किया गया है। इसके अलावा जंसा में भी multi-purpose बीज गोदाम और डिस्सेमिनेशन सेंटर बनाया गया है।

भाइयों और बहनों,

गाँव-गरीब और किसान आत्मनिर्भर भारत अभियान के सबसे बड़े स्तंभ भी है और सबसे बड़े लाभार्थी भी हैं। हाल में जो कृषि सुधार हुए हैं, उनसे किसानों को सीधा लाभ होने वाला है, बाजार से उनकी सीधी कनेक्टिविटी सुनिश्चित होने वाली है। किसानों के नाम पर, किसानों की मेहनत को हड़प जाने वाले बिचौलियों और दलालों को अब सिस्टम से बाहर किया जा रहा है। इसका सीधा लाभ उत्तर प्रदेश के, पूर्वांचल के, बनारस के हर किसानों को होने वाला है।

साथियों,

किसान की तरह ही रेहड़ी-पटरी, ठेला चलाने वाले साथियों के लिए भी एक बहुत ही महत्‍वाकांक्षी योजना शुरू की गई है। आज प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के जरिए रेहड़ी पटरी वाले भाई बहनों को आसान लोन मिल रहा है। कोरोना के कारण इनको जो दिक्कतें आईं, वो दूर हो सकें, उनका काम फिर से शुरू हो सके, इसके लिए उन्हें 10 हजार रुपए की लोन सहायता दी जा रही है। इसी तरह, गांव में रहने वाले लोगों को, गांव की जमीन, गांव के घर का, कानूनी अधिकार देने के लिए 'स्वामित्व योजना' शुरू की गई है। गाँवों में घर मकान को लेकर जो विवाद होते थे, कभी-कभी तो मार-काट हो जाती थी। कभी अगर गांव से शादी-ब्‍याह में गए वापस आते थे तो कोई और कब्‍जा कर लेता था। इन सारी समस्‍याओं से मुक्ति के लिए ये स्‍वामित्‍व योजना से मिले प्रॉपर्टी कार्ड के बाद, इस प्रकार की मुसीबतों की गुंजाइश नहीं रह जाएगी। अब गाँव के घर या जमीन पर ये प्रापर्टी कार्ड आपके पास होने के कारण बैंक से ऋण मिलना भी आसान होगा। साथ ही जमीन पर अवैध कब्जेदारी का खेल भी खत्म हो जाएगा। पूर्वांचल को, बनारस को इन योजनाओं का बहुत बड़ा लाभ मिलने वाला है।

साथियों,

हमारे शास्त्रों में कहा गया है- 'काश्याम् हि काशते काशी, काशी सर्व प्रकाशिका'। अर्थात, काशी को काशी ही प्रकाशित करती है और काशी सभी को प्रकाशित करती है। इसलिए, आज विकास का जो प्रकाश फैल रहा है, जो बदलाव हो रहा है, ये सब काशी और काशीवासियों के आशीर्वाद का ही परिणाम है। काशी के आशीर्वाद से ही साक्षात महादेव का आशीर्वाद है, और जब महादेव का आशीर्वाद है तो बड़े से बड़ा काम भी आसान हो जाता है। मुझे विश्वास है कि काशी के आशीर्वाद से विकास की ये गंगा ऐसे ही कलकल करती रहेगी, अविरल बहती रहेगी। इन्हीं शुभकामनाओं के साथ, आप सभी को एक बार फिर दीपावली, गोवर्धन पूजा और भइया द्वीज की हार्दिक बधाई। और मेरा आपसे एक आग्रह और भी है।

आजकल आप देख रहे हैं, 'लोकल के लिए वोकल' ‘वोकल फॉर लोकल’ इसके साथ ही, 'लोकल फॉर दीवाली' इसके मंत्र की गूंज चारों तरफ सुनाई देने लगी है। मेरा बनारस के लोगों से भी और देशवासियों से भी मेरा कहना है कि लोकल फॉर दीवाली को खूब प्रमोट करें, खूब प्रचार करें। कितने शानदार हैं, किस तरह हमारी पहचान हैं, तो ये बातें दूर-दूर तक जाएंगी। इससे स्थानीय पहचान तो मजबूत होगी ही, जो लोग इन सामानों को बनाते हैं, उनकी दीवाली भी और रोशन हो जाएगी। इसलिए मैं देशवासियों को दीवाली के पूर्व बार बार आग्रह करता हूं कि हम लोकल के लिए आग्रही बनें हर कोई वोकल बने लोकल के लिए, दीवाली बनाएं लोकल के साथ। आप देखिए पूरी अर्थव्‍यवस्‍था में एक नई चेतना आ जाएगी, नई जान आ जाएगी। वो चीजें जिसमें मेरे देशवासी के पसीने की महक हो, जो चीजें मेरे देश के नौजवानों की बुद्धिशक्ति का परिचायक हों, वो चीजें जो मेरे देश के अनेक परिवारों को नए उमंग और उत्‍साह के साथ नए संकल्‍प लेकर के अपने कार्य का विस्‍तार करने की ताकत देती है। उन सबके लिए एक हिन्‍दुस्‍तानी के नाते मेरे देशवासियों के प्रति मेरा कर्त्‍तव्‍य बनता है। मेरे देश की हर चीज के लिए मेरा कमिटमेंट बनता है।

आईए, इसी भावना के साथ लोकल के लिए वोकल बनें। दीवाली लोकल से बनाएं और सिर्फ दीएं नहीं वरना कुछ लोगों को तो लगता है लोकल मतलब दिया ले लो, नहीं भाई, हर चीज, हर चीज। कोई ऐसी चीज हो जो बिल्‍कुल हमारे देश में बनना संभव ही नहीं है, जरूर बाहर से लेना पड़ेगा। मैं यह भी कहूंगा कि आपके घर में बाहर से कोई चीज पहले लाई हुई है उसको फेंक दो, गंगाजी में बहा दो, जी नहीं, मैं ऐसे नहीं कहता। मैं इतना ही चाहता हूं मेरे देश के लोग जो पसीना बहा रहे है, मेरे देश के नौजवान जो अपने बुद्धि, शक्ति, सामर्थ्‍य से कुछ न कुछ नया करने की कोशिश कर रहे हैं उनकी उंगली पकड़ना हम सब का दायित्‍व बनता है, उनका हाथ पकड़ना हम सबका दायित्‍व बनता है।

उनकी चीजें लेते हैं उनका हौंसला बुलंद हो जाता है। आप देखिए, देखते ही देखते विश्‍वास से भरा हुआ एक नया पूरा वर्ग तैयार हो जाएगा जो हिन्‍दुस्‍तान को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक नई शक्ति के रूप में जुड़ जायेगा और इसलिए मैं आज फिर से एक बार मेरे काशीवासियों से जब बात कर रहा हूं तब, दिवाली की शुभकामनाओं के साथ-साथ काशी से जब मैंने मांगा, जो मांगा, काशी ने जी भर करके मुझे दिया है, खुले मन से दिया है लेकिन मैंने मेरे लिए न कभी मांगा है, न मुझे कोई जरूरत रहे ऐसा आपने कुछ बाकी नहीं रखा है लेकिन मैं काशी की हर जरूरत के लिए, काशी में निर्माण होने वाली हर चीज के लिए गीत गाता हूं, गौरव करता हूं, घर-घर बात पहुंचाने का प्रयास करता हूं। मेरे देश की हर चीज को यह मौका मिले यही मेरा आग्रह है। फिर एक बार मैं काशीवासियों को नमन करते हुए, काशी विश्‍वनाथ जी के चरणों में सर झुकाते हुए, काल भैरव को नमन करते हुए, माता अन्‍नपूर्णा को प्रणाम करते हुए आप सबको आने वाले सभी पर्वों की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

बहुत बहुत धन्यवाद!

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PM Modi hails the commencement of 20th Session of UNESCO’s Committee on Intangible Cultural Heritage in India
December 08, 2025

The Prime Minister has expressed immense joy on the commencement of the 20th Session of the Committee on Intangible Cultural Heritage of UNESCO in India. He said that the forum has brought together delegates from over 150 nations with a shared vision to protect and popularise living traditions across the world.

The Prime Minister stated that India is glad to host this important gathering, especially at the historic Red Fort. He added that the occasion reflects India’s commitment to harnessing the power of culture to connect societies and generations.

The Prime Minister wrote on X;

“It is a matter of immense joy that the 20th Session of UNESCO’s Committee on Intangible Cultural Heritage has commenced in India. This forum has brought together delegates from over 150 nations with a vision to protect and popularise our shared living traditions. India is glad to host this gathering, and that too at the Red Fort. It also reflects our commitment to harnessing the power of culture to connect societies and generations.

@UNESCO”