जोतो नो खुलुमका, जोतो कहम दा?
सबई के नमोस्कार।
त्रिपुरा चुनाव की ये मेरी पहली जनसभा है। यहां मैं देख रहा हूं कि इतनी बड़ी संख्या में जहां भी मेरी नजर पहुंच रही है, लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। वहां ऊपर भी लोग खड़े हैं। आप इतनी बड़ी तादाद में हमें आशीर्वाद देने के लिए आए हैं। हम सबको आशीर्वाद देने के लिए आए हैं। मैं आपका हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। बहुत बड़ी संख्या में जनजातीय समाज के मेरे भाई-बहन, वे जब आशीर्वाद देते हैं तो उन आशीर्वाद की पवित्रता, उसका सामर्थ्य कई गुना बढ़ जाता है। ढलाई जिले का ये उत्साह साफ-साफ त्रिपुरा का मूड बता रहा है। त्रिपुरा ये ठान चुका है कि विकास का डबल इंजन अब रुकने वाला नहीं है। इसलिए आज त्रिपुरा के कोने-कोने में एक ही आवाज़ है, एक ही नारा है, एक ही जयघोष है-
फिर एक बार- भाजपा सरकार !
फिर एक बार- डबल इंजन सरकार !
फिर एक बार- भाजपा सरकार
फिर एक बार- डबल इंजन सरकार
फिर एक बार डबल इंजन सरकार का ये मंत्र
भाइयों और बहनों,
आज मैं त्रिपुरा की संतान, विजनरी नेता नरेंद्र चंद्र देबबर्मा जी उनको भी आदरपूर्वक याद कर रहा हूं। हम सब उन्हें एनसी दा के नाम से बुलाते थे। त्रिपुरा के विकास को लेकर अक्सर मुझे उनसे बहुत कुछ सीखने समझने का अवसर मिलता था। आज एनसी दा हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें हम सभी के बीच है और आने वाले समय में भी प्रेरणा देती रहेगी। मुझे संतोष है कि देश ने उनके योगदान को सम्मान देते हुए, इस वर्ष उन्हें भारत का बहुमूल्य ऐसा पद्मश्री का सम्मान दिया है। ये हमारा सौभाग्य है। श्री बिक्रम बहादुर जमातिया जी को भी पद्मश्री देकर भारतीय जनता पार्टी सरकार का गौरव बढ़ा है। भाजपा सरकार ने कोशिश की है कि त्रिपुरा और राष्ट्र के विकास में जनजातीय समाज के योगदान को पूरा देश देखे, पूरा देश जाने।
भाइयों और बहनों,
दशकों तक कांग्रेस और वामपंथियों के शासन ने त्रिपुरा को विकास के हर पैमाने पर पीछे धकेल दिया था। लेकिन डबल इंजन की सरकार सिर्फ 5 वर्षों में ही त्रिपुरा को तेज विकास की पटरी पर ले आई है। अब त्रिपुरा की पहचान हिंसा नहीं है, त्रिपुरा की पहचान पिछड़ापन नहीं है। त्रिपुरा में आए बदलाव का एक और उदाहरण ये चुनाव में भी है। आज आप देखिए, त्रिपुरा में चुनाव हो रहे हैं तो हर पार्टी का झंडा दिख रहा है। 5 साल पहले क्या किसी और दल को अपना झंडा भी गाड़ने दिया जाता था क्या? त्रिपुरा में ज्यादातर जगहों पर पहले एक ही पार्टी का झंडा फहराने की इजाजत थी। उनके लोकतंत्र की ये डेफिनेशन थी। बाकी कोई हिम्मत ही नहीं कर सकता था। और अगर किसी ने अपने घर पर झंडा लगा दिया तो घर के घर जला दिए जाते थे। आज भाजपा सरकार ने डर, भय और हिंसा से त्रिपुरा को मुक्ति दी है।
साथियों,
पहले त्रिपुरा में जीवन के हर बात में एक शब्द सुनाई देता था- चंदा। कुछ भी हो चंदा, गाड़ी आए चंदा, घर बना रहे हो- चंदा, दुकान खोल रहे हो- चंदा। इन लोगों ने तीन-तीन दशक तक चंदा, चंदा, चंदा। हर किसी को लूटने का लाइसेंस देकर रखा था। किसी ना किसी बहाने से लोगों को चंदा देना ही पड़ता था। अब भाजपा सरकार ने त्रिपुरा को चंदा, चंदा करने वालों से ही मुक्त कर दिया है।
पहले त्रिपुरा के सरकारी कर्मचारियों को पुराने आधार पर ही वेतन मिला करता था। भाजपा सरकार ने त्रिपुरा में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करके लाखों कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया है। पहले त्रिपुरा में सिर्फ वामपंथी काडर को ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता था। अब भाजपा सरकार में त्रिपुरा के हर नागरिक को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। पहले त्रिपुरा में लोग पुलिस थाने तक मुश्किल से पहुंच पाते थे, पहुंचने के पहले भी चंदा देना पड़ता था, पहुंचने के बाद भी चंदा देना पड़ता था। थानों पर भी सीपीएम काडर का ही कब्जा था। अब भाजपा के शासन में त्रिपुरा में कानून का राज स्थापित हुआ है।
साथियों,
आप याद करिए, हिंसा के उस दौर में महिलाओं पर, हमारी बहनों- हमारी बेटियों पर कितने अत्याचार हुए थे। लेकिन आज त्रिपुरा में महिला सशक्तिकरण हो रहा है, महिलाओं का जीवन आसान बनाने वाले काम हो रहे हैं। अभी मेरे त्रिपुरा के एक मां ने आकर के मुझे पगड़ी पहनाई। सिर्फ पगड़ी ही नहीं पहनाई, बेटे की तरह उस मां मेरे सिर पर हाथ रखके आशीर्वाद दिया। इससे बड़ा जीवन का सौभाग्य क्या होता है। मुझे खुशी है इस चुनाव में यहां से हमारी एक युवा बेटी ही भाजपा की उम्मीदवार है।
साथियों,
पहले की सरकारों के दौर में ढलाई भारत के सबसे पिछड़े जिलों में से एक था। लेकिन डबल इंजन सरकार ने ढलाई को आकांक्षी जिला घोषित किया और विकास के हर पहलू पर ध्यान दिया। इसका परिणाम ये है कि आज ढलाई देश के 110 आकांक्षी जिलों में दूसरे स्थान पर आ चुका है। दूसरे स्थान पर...ये बहुत बड़ा काम है। मैं सरकार को, सभी अफसरों को ढलाई की इतनी बड़ी सेवा करने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
भाइयों और बहनों,
मुझे खुशी है कि आज ढलाई के साथ ही पूरे त्रिपुरा में विकास के हर पैमाने पर प्रगति दिखाई दे रही है। मैं त्रिपुरा बीजेपी की सराहना करूंगा जिसने बहुत मंथन करके, यहां के गांव-गांव जाकर के, लोगों को क्या चाहिए, लोग क्या कहना चाहते हैं, हर किसी से सुझाव लेकर के एक सशक्त संकल्प-पत्र जारी किया है। ये संकल्प-पत्र साबित करता है कि भाजपा जो कहती है, वो वही होता है जो आप चाहते हैं। और भाजपा वही करती है जो आपकी प्राथमिकता होती है, आपकी जरूरत होती है।
त्रिपुरा के गरीबों के लिए, युवाओं के लिए, हमारी माताओं-बहनों के लिए, हमारे विशाल जनजातीय समुदाय के लिए, यहां की कनेक्टिविटी के लिए, भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने नए लक्ष्य तय किए हैं। और भाजपा ने संकल्प पत्र में, मेनिफेस्टो में नए लक्ष्य के साथ नए कदम का फैसला लिया है। मैं हमारे मित्र और यहां के जनप्रिय लोकप्रिय मुख्यमंत्री माणिक साहा जी, प्रदेश भाजपा के सभी साथियों को भी इतना बढ़िया संकल्प पत्र देने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
त्रिपुरा के लोगों को याद रखना है- 16 फरवरी को आपका एक-एक वोट भाजपा और उसके सहयोगी दलों को ही देना है। आपके एक वोट की शक्ति से ही त्रिपुरा, वामपंथियों के कुशासन से मुक्त हुआ है। अब आपका एक वोट ही डबल इंजन की सरकार की वापसी कराएगा, वामपंथियों को सरकार से दूर रखेगा।
साथियों,
5 साल पहले जब मैं त्रिपुरा आया था तो आपसे HIRA यानि हाईवे, इंटरनेट, रेलवे और एयरवे का वादा किया था। त्रिपुरा के विकास को हाईवे, इंटरनेट, रेलवे और एयरवे से सशक्त करने के लिए भाजपा की डबल इंजन सरकार ने दिन रात काम किया है। त्रिपुरा में नेशनल हाईवे की लंबाई दोगुनी करने का काम तेज गति से चल रहा है। चुराईबारी से अगरतला नेशनल हाईवे भी 2 लेन से 4 लेन का हो गया है। त्रिपुरा में गांवों को जोड़ने के लिए बीते वर्षों में 5 हजार किलोमीटर के करीब नई सड़कों का निर्माण किया गया है। पिछले साल जनवरी में अगरतला को नए एयरपोर्ट की सौगात मिलने के अवसर पर मैं आप सबके बीच भी आया था। आज जो कोई अगरतला एयरपोर्ट आता है तो उसकी भव्यता देखकर वो हैरान रह जाता है। त्रिपुरा में गांव-गांव तक ऑप्टिकल फाइबर बिछाने और मोबाइल टॉवर के द्वारा 4G कनेक्टिविटी पहुंचाने के प्रयास जारी हैं। पिछले 8 वर्षों में त्रिपुरा में तीन गुने से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर बिछाए जा चुके हैं।
साथियों,
कनेक्टिविटी का ये विस्तार सिर्फ त्रिपुरा के भीतर ही नहीं हो रहा, बल्कि आज त्रिपुरा अभूतपूर्व तरीके से दुनिया से कनेक्ट कर रहा है। अब मेरा त्रिपुरा ग्लोबल बन रहा है ग्लोबल। हम त्रिपुरा और नॉर्थ ईस्ट को बंदरगाहों से जोड़ने के लिए वाटरवेज को भी विकसित कर रहे हैं। बांग्लादेश और भूटान के साथ-साथ नदियों के रास्ते पहले से व्यापार हो रहा है। बांग्लादेश के साथ सड़क और रेल कनेक्टिविटी भी मजबूत हो रही है। जल्द ही अगरतला से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान भी शुरू हो जाएंगी। त्रिपुरा दक्षिण पूर्व एशिया का गेटवे बनने की ओर अग्रसर है। और अभी मुख्यमंत्री जी एक्ट ईस्ट पॉलिसी की चर्चा भी कर रहे थे। इसका बहुत बड़ा लाभ त्रिपुरा की अर्थव्यवस्था को होगा, त्रिपुरा के नौजवानों को होगा, यहां के लोगों को होगा।
साथियों,
त्रिपुरा पर मां त्रिपुरसुंदरी का आशीर्वाद है। भाजपा सरकार, त्रिपुरा की ताकत को एक और त्रिशक्ति से बढ़ा रही है। इसमें पहली शक्ति है- आवास, त्रिपुरा के लोगों को पक्का घर। दूसरी शक्ति है- आरोग्य, त्रिपुरा के लोगों को स्वास्थ की सुविधाएं। तीसरी शक्ति है- आमदनी, त्रिपुरा के लोगों की आय में वृद्धि आवास। आरोग्य और आय की ये त्रिशक्ति, त्रिपुरा के लोगों का जीवन आसान बना रही है। मेरे गरीब भाई-बहन, मेरी माताएं-बहनें- हमारी बेटियां, मेरे किसान भाई-बहन, हमारे श्रमिक भाई-बहन, सभी को बीते 5 वर्षों में भाजपा सरकार की इस त्रिशक्ति का लाभ लगातार मिलता रहा है।
साथियों,
त्रिपुरा में पीएम आवास योजना ने यहां के लोगों का जीवन बदल दिया है। वो गरीब, जो कभी सोच तक नहीं सकते थे...पीढ़ियां बीत गईं, पक्का घर कभी मिला नहीं, उन्हें भी पीएम आवास योजना का पक्का घर मिल रहा है। त्रिपुरा में भाजपा सरकार ने बीते पांच साल में करीब-करीब तीन लाख पक्के घर बनाकर गरीबों को दिए हैं। जो दिल्ली में बैठे हुए हैं न, वो जब ये आंकड़ा सुनेंगे तो वो सोचते रह जाएंगे। त्रिपुरा जैसा छोटा राज्य और इतने कम समय में तीन लाख परिवारों को पक्का घर। इससे बड़ी सरकार की तेज गति क्या हो सकती है, डबल इंजन की ताकत क्या हो सकती है। और अगर एक परिवार में चार से पांच लोग भी मानूं तो 10 से 12 लाख लोगों को सीधे-सीधे पीएम आवास योजना का लाभ हुआ है। उनकी जिंदगी में एक नई आशा का संचार हुआ है। त्रिपुरा की 40 लाख की आबादी को देखते हुए ये आंकड़ा बहुत बड़ा है। ये है भाजपा सरकार के काम करने का तरीका, ये है डबल इंजन की सरकार के काम करने के परिणाम। जो लोग झूठ बोलकर, साजिशें रचकर भाजपा सरकार को हटाने के सपने देख रहे हैं, उनके सामने ये लाखों लोग भाजपा का सुरक्षा कवच बनकर के आज दीवार बनकर के खड़े हैं।
साथियों,
त्रिपुरा के लोगों ने लेफ्ट और कांग्रेस के बरसों के कुशासन में एक बहुत बड़ी पीड़ा भुगती है। ये पीड़ा थी- स्वास्थ्य की सुविधाओं में कमी। घर में कोई बीमार हो जाए, तो यहां के लोगों के पास इलाज के लिए ना तो अच्छे अस्पताल थे। इलाज के पैसे भी उनकी बहुत बड़ी चिंता थे। भाजपा सरकार को आपकी इस चिंता का ध्यान था। इसलिए ही हम 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा देने वाली आयुष्मान भारत योजना लेकर के आए। और मुझे खुशी है कि त्रिपुरा के करीब-करीब 2 लाख से भी ज्यादा गरीब मरीजों को गंभीर बीमारी की स्थिति में आयुष्मान योजना ने मदद की है। और उनकी जिंदगी बचाने का पुण्य प्राप्त किया है।
आप कल्पना करिए, अगर आयुष्मान योजना ना होती, अगर भाजपा सरकार ना होती, तो क्या ये सुविधाएं त्रिपुरा के गांवों में मेरे गरीब के घर तक पहुंचती क्या? जनजातीय समुदाय के घर तक पहुंचती क्या? हमारी माताओं-बहनों को बीमारी से मुक्ति मिलती क्या? आयुष्मान योजना के साथ-साथ हमने त्रिपुरा में अस्पतालों के निर्माण पर भी बल दिया है। हाल में ही पहला, आजादी के इतने सालों बाद पहला डेंटल कॉलेज भी त्रिपुरा को देने का सौभाग्य हमें मिला है। कांग्रेस और लेफ्ट, गरीब से सिर्फ विश्वासघात करना जानते हैं, वो गरीब को कभी किसी चिंता से मुक्त नहीं कर सकते।
साथियों,
भाजपा सरकार की कोशिश सिर्फ आपको बेहतर इलाज की सुविधा देने की ही नहीं है। लेकिन भाजपा सरकार हर वो उपाय कर रही है कि आपको बीमार पड़ने की नौबत ही नहीं आए। जब हर घर नल से जल आता है, तो घर में बीमारी कम होती है। जब हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंचती है, तो घर से बीमारी भी दूर भागती है। जब हर घर में उज्जवला का गैस कनेक्शन पहुंचता है तो रसोई से धुआं कभी ऊपर नहीं उठ पाता है, उसको भागना ही पड़ता है। और सिर्फ धुआं नहीं, बीमारी भी भागती है। भाजपा आपकी सेवक की तरह, सच्चे साथी की तरह, आपके सुख-दुख के संबल की तरह, आपकी हर चिंता दूर करने का काम आज भाजपा सरकार दिन रात मेहनत करके कर रही है। भाजपा सरकार की वजह से यहां चार लाख से ज्यादा घरों में शौचालय बने हैं। भाजपा सरकार की वजह से यहां चार लाख से ज्यादा घरों में पाइप से पीने का पानी पहुंचा है। भाजपा सरकार की वजह से यहां करीब-करीब तीन लाख घरों में गैस कनेक्शन पहुंचा है।
आप मुझे बताइए साथियों,
कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां कभी आपकी सेवक बनकर काम कर सकती हैं?कांग्रेस और लेफ्ट तो त्रिपुरा के लोगों का जीवन आसान बनाने वाली ऐसी हर योजना को बंद कर देना चाहती हैं। इसलिए त्रिपुरा के लोगों को लेफ्ट और कांग्रेस की ये दुधारी तलवार से सतर्क रहना है।
भाइयों और बहनों,
आवास, आरोग्य के साथ ही आय भी त्रिपुरा के लोगों की नई त्रिशक्ति बनी है। भाजपा सरकार ने जितना त्रिपुरा के लोगों की आय बढ़ाने के लिए किया है, उतना पहले कभी त्रिपुरा में हुआ ही नहीं। आय उनकी बढ़ती थी क्योंकि वे चंदा ले लेते थे। हम आपकी आय बढ़ाने में लगे हैं। भाजपा सरकार अभी तक त्रिपुरा के ढाई लाख से ज्यादा किसान परिवारों के बैंक खाते में 500 करोड़ रुपए से अधिक जमा कर चुकी है। और वहां कोई बिचौलिया नहीं, कोई चंदा चोर नहीं। यहां ढलाई के भी करीब 40 हजार किसानों के बैंक खाते में पीएम किसान निधि के 80 करोड़ रुपए भेजे गए हैं। पीएम किसान सम्मान निधि का बहुत लाभ त्रिपुरा के धान बोने वाले किसानों को हुआ है। अब तो त्रिपुरा बीजेपी ने ऐलान किया है कि सरकार में वापसी के बाद इस राशि में और वृद्धि की जाएगी।
साथियों,
मुझे याद है, जब त्रिपुरा में भाजपा सरकार नहीं थी तो किसानों को MSP के नाम पर कुछ खास नहीं मिलता था। लेफ्ट के शासन में किसानों को MSP का लाभ मिलना एक सपने की तरह था। लेकिन अब भाजपा सरकार में जब MSP की घोषणा होती है, तो यहां त्रिपुरा के भी हर किसान को उसका लाभ मिलता है। त्रिपुरा में धान पैदा करने वाले 27 हजार से ज्यादा किसानों के खाते में भाजपा सरकार ने करोड़ों रुपए सीधे भेजे हैं।
भाइयों और बहनों,
आवास, आरोग्य और आय की इस त्रिशक्ति का सबसे बड़ा लाभार्थी हमारा जनजातीय समाज है। ये क्षेत्र तो वन संपदा के लिए, वन उपज के लिए मशहूर है। ‘बांस करील’ को लेकर पहले की सरकारों का क्या रवैया था, ये आप भी जानते हैं। कांग्रेस और लेफ्ट की सरकारों के दौरान तो बांस काटना और इसका व्यापार, उस पर भी प्रतिबंध था, बैन था। ये भाजपा सरकार ही है जिसने इस कानून को हटाया। भाजपा सरकार तो अब बांस से बने उत्पादों का देश-दुनिया में प्रचार कर रही है। इसका लाभ सबसे अधिक जनजातीय समाज को हो रहा है। मुझे खुशी है कि आज त्रिपुरा में देश का पहला बांस पार्क बना है।
साथियों,
त्रिपुरा में भाजपा सरकार, ‘अगर वुड’ की खेती को भी प्रोत्साहित कर रही है। भाजपा सरकार ‘अगर नीति' लेकर भी आई है। इससे हज़ारों किसानों की आय बढ़ने वाली है। 2014 से पहले कुछ ही वन उपजों पर एमएसपी मिलता था। लेकिन हम 90 से अधिक वन उपजों को एमएसपी के दायरे में लाए हैं।
साथियों,
भाजपा सरकार देश में कहीं भी हो, जनजातीय समाज के विकास के लिए पूरी ईमानदारी से काम करती है। अटल जी की सरकार ने पहली बार आदिवासी समुदाय के लिए अलग मंत्रालय बनाया, अलग बजट बनाया। अब तो हमने आदिवासी विकास के लिए बजट को 5 गुणा कर दिया है। जब दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी, उसके मुकाबले 1 लाख करोड़ रुपए ज्यादा का बजट इस बार जनजातीय समाज के लिए रखा है। इसका बहुत बड़ा लाभ मेरे त्रिपुरा के जनजातीय समाज को होने वाला है।
साथियों,
ये हमारी ही भाजपा सरकार है जिसने सरकारी स्कूलों में कोकबोरोक भाषा को एक विषय के रूप में शामिल किया है। आज इसे त्रिपुरा के सैकड़ों स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है। भाजपा सरकार ने जो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई है, उससे स्थानीय भाषा में पढ़ाई और आसान हुई है। अब डॉक्टरी और इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी स्थानीय भाषाओं में हो सकेगी। यानि मेरे गरीब आदिवासी भाई-बहन का बेटा औऱ बेटी भी अब डॉक्टर इंजीनियर बनने का सपना आसानी से पूरा कर सकेगा।
साथियों,
दिल्ली में जब कांग्रेस-लेफ्ट की सरकार थी, जब यहां सीपीएम की सरकार थी, तब उन्होंने जनजातियों के बीच भी दरारें पैदा कर दी। इन दलों ने समाज में एक-दूसरे के बीच टकराव को बढ़ावा दिया। दशकों तक यहां ब्रू-रियांग का मुद्दा चलता रहा। लेकिन इन्होंने उसके स्थाई समाधान के लिए प्रयास नहीं किए। डबल इंजन सरकार ने इसे सुलझाया और आज हम ब्रू-रियांग समुदाय की हर समस्या का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं। इस बजट में ब्रू-रियांग जैसी जनजातियों के लिए भी एक विशेष योजना बनाई गई है। यही सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास है। यही डबल इंजन सरकार की पहचान है।
लेकिन साथियों मैं आपको एक बात से सतर्क करना चाहता हूं। कांग्रेस और लेफ्ट के लोग मिलकर छल-कपट में जुटे हैं। कुशासन के पुराने खिलाड़ियों ने हाथ मिला लिया है। साथ ही कुछ दूसरे दल भी उनकी पीछे से मदद कर रहे हैं। ऐसे दलों का नाम और नारा कुछ भी हो, लेकिन उनको जाने वाला एक-एक वोट त्रिपुरा को फिर से पीछे धकेल देगा। इसलिए 16 फरवरी को सिर्फ और सिर्फ कमल के फूल पर और IPFT के चुनाव चिन्ह पर ही बटन दबाना है। आप ये याद रखेंगे न? रखेंगे न। गांव-गांव जाएंगे?, आस-पड़ोस जाएंगे? औरों को भी बताएंगे?
अच्छा मेरा एक काम करेंगे? करेंगे, पक्का करेंगे? सबके घर जाना और बताना कि हमारे मोदी जी आए थे और मोदी जी ने आपको प्रणाम भेजा है। इतना मेरा संदेश बता देंगे। बता देंगे।
चलिए इतनी बड़ी संख्या में आकर के आपने आशीर्वाद दिया। मैं आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।
भारत माता की।
वंदे, वंदे, वंदे।