Seychelles Interview

रश्न1 - छुट्टियां मनाने के लिए आपकी सबसे पसंदीदा जगह कौन सी है?

उत्तर : प्रश्न पूछने के लिए धन्यवाद। दरअसल इस प्रश्न से बहुत सारी यादें ताज़ा हो जाती हैं।

मेरे जीवन के 40 से अधिक वर्षों तक, जब तक मैंने कार्यकारी पद नहीं संभाला था, मैं संगठनात्मक कार्यों में शामिल था जिसके कारण मुझे संपूर्ण भारत की यात्रा करने का अवसर मिला। प्रत्येक जगह अपने आप में विशिष्ट है, नए-नए अनुभव मिलते हैं और आनंद प्राप्त होता है।

प्रश्न2 – ऐसी पुस्तक जिससे आपके जीवन में परिवर्तन आया हो?

उत्तर : जीवन के कई पहलू हैं। केवल एक पहलू के बदलने से पूरा जीवन नहीं बदल सकता। जीवन की यात्रा विकास की एक प्रक्रिया है, यह स्वभावतः सिर्फ़ परिवर्तन नहीं है, इससे भी ज्यादा कुछ है।

हमारी संस्कृति में हमें सिखाया गया है कि हम सभी क्षेत्रों के सर्वश्रेष्ठ विचारों को आत्मसात करें, विभिन्न ग्रंथों, शास्त्रों, सम्मानित संतों और अन्य जानकार पुरुषों और महिलाओं से सीखें। मैं भाग्यशाली रहा हूँ कि मुझे यह अनुभव मिला, लोगों के विविध विचारों को सुनने का अवसर मिला। मुझे किताब पढ़ने का भी बहुत शौक है। इससे मुझे सकारात्मक और नवीन विचार मिलते हैं और साथ-ही-साथ प्रेरणादायक संदेश जो मेरे मन को प्रभावित करते हैं।

प्रश्न3 – आप अपने आप को आराम कैसे देते है?

उत्तर : कार्य निर्धारित समय में संपन्न हो और पूर्णतः संपन्न हो – इससे मुझे सबसे ज्यादा सुकून और आराम मिलता है।

मैं जानता हूँ कि अपने आस-पास के माहौल को बदलना या इसके लिए कोशिश करना आराम करने का एक सामान्य तरीका है – अपने काम से कुछ समय के लिए विराम लेना या काम करने के माहौल को बदलना। कई लोग ऐसा करना भी पसंद करते हैं।

अपने अनुभव से सीखा है, मैं
योगः कर्मसु कौशलं में विश्वास करता हूँ - काम में उत्कृष्टता ही योग है। इस लोकनीति को आत्मसात करने से मुझे संतुष्टि मिलती है। कार्य से संतुष्टि मिलती है और इस संतुष्टि से काफी  आराम एवं सुकून मिलता है।

 

प्रश्न4 – क्या आप खाना बना सकते हैं?

उत्तर : मेरा अधिकतर जीवन कठिनाईयों से भरा रहा है, एक जगह कभी स्थिर नहीं रहा और अपनी बदौलत अपना जीवन बसर किया है। इस वजह से मुझे खाना पकाना सीखना पड़ा और धीरे-धीरे यह एक आदत बन गई।

स्वभावतः मैं किसी चीज को अच्छी तरह से करना पसंद करता हूँ और यही प्रयास मैं खाना पकाने के समय भी करता हूँ! लेकिन अब 15-20 साल हो गए हैं। फिर भीमैंने एक बार बनाया था जब मैं अपने गृह राज्य का मुख्यमंत्री था।

प्रश्न5 – आपके अनुसार आपके मुख्य गुण क्या-क्या हैं?

उत्तर : हमारी संस्कृति में और हमारे पवित्र ग्रंथों के अनुसार यह माना जाता है कि बाहरी दुनिया का पता लगाना और उसकी खोज करना अपेक्षाकृत आसान है बजाय अपने अन्दर का पता लगाने और इसकी खोज करने के। और एक बार अगर व्यक्ति अपना निजी व्यक्तित्व (सेल्फ़) खोज लेता है तो इसके बाद उसके सीखने के लिए कुछ भी नहीं बचता है और न ही उसके लिए यह आवश्यक रह जाता है कि वह खुद उन चीजों के लिए आत्मप्रशंसा करे जो सब उसने इस प्रक्रिया में सीखा है।

आज भीमैं अपने निजी व्यक्तित्व (सेल्फ़) को खोजने की कोशिश कर रहा हूँ और अपने दोस्तों और शुभचिंतकों के माध्यम से मैं इसे खोजता रहता हूँ।

प्रश्न6 – क्या आपका कोई शौक है?

उत्तर : मुझे लोगों से मिलना पसंद है, विभिन्न तरह के लोगों से मिलना और उनके अनुभवों से सीखना पसंद है। मुझे एकांत में भी समय बिताना पसंद है।

प्रश्न7 – भारत में आपकी मनपसंद जगह कौन सी है?

उत्तर : हिमालय

प्रश्न8 – आपको सबसे पसंदीदा राजनीतिज्ञ कौन हैं?

उत्तर : भारत को एकीकृत करने और इसकी एकजुटता के उनके प्रयासों के लिए मुझे सरदार वल्लभभाई पटेल बहुत पसंद हैं।

मुझे भगत सिंह जैसे वीर लोग बहुत पसंद हैं जिन्होंने इतनी कम उम्र में देश के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया।

लोगों की चेतना जगाने और स्वतंत्रता के संघर्ष में उन्हें एकीकृत करने के लिए महात्मा गांधी मेरे आदरणीय हैं।

ऐसे कई अन्य महापुरुष एवं वीरांगनाएं हैं जिनका मेरे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इस दुनिया को बेहतर बनाने की अपनी खोज में हमें उन लोगों से सीखना चाहिए।

प्रश्न9 - आपकी सबसे पुरानी यादें क्या हैं?

उत्तर : मेरी यादें अपने गृह राज्य के एक छोटे से शहर में अपने लालन-पोषण की हैं जब हमारा देश स्वतंत्र हुआ था। मैं बहुत धनी परिवार से नहीं था ऐसे लोगों को अपने शुरूआती दिनों की कठिनाईयों हमेशा याद रहतीं हैं। और अन्य यादों में मुझे वो अपना समय याद रहता है जब मैं स्थानीय रेलवे स्टेशन पर अपने पिता की चाय की दुकान पर चाय बेचता था। मैं वो भी समय याद करता हूँ जब हमारा देश युद्ध लड़ रहा था और मैं सफ़र के दौरान सैनिकों को चाय पिलाता था। एक याद यह भी है जब मैं और मेरे मित्रों ने एक फूड स्टाल स्थापित किया था और उससे हुई आय को हमने स्थानीय बाढ़ से प्रभावित लोगों की सहायता हेतु दान में दे दिया था।

प्रश्न10 – आपकी सबसे बड़ी शक्ति क्या है?

उत्तर : क्या मुझे सुपर पावर के बारे में विचार करना चाहिए या सुप्रीम पावर के बारे में? मुझे लगता है हम सब पर उस सर्वोच्च शक्ति की कृपा  है, हम सब उसी के अंदर हैं। वो सर्वोच्च शक्ति क्या है...न मैं जानता हूँ और न ही मैं आपको उसका वर्णन कर सकता हूँ।

प्रश्न11 – जीवन में आपने सबसे महत्वपूर्ण सबक क्या सीखा है?

उत्तर :  अपनी कठिनाईयों से मैंने सीखा, मन से काम करना और उसे पूर्णतः संपन्न करना।

प्रश्न12 – आपका सबसे बड़ा डर क्या है?

उत्तर : मेरा जीवन ऐसा रहा है कि डर के लिए मेरे जीवन में कोई खास जगह नहीं रही है।

लेकिन मेरे दिमाग में यह हमेशा चलता रहता है कि अपने अंतिम समय तक मैं किसी के लिए बोझ न बनूँ। मुझे इस संभावना से डर लगता है (मैं किसी के ऊपर बोझ न बन जाऊं)।

 

प्रश्न13 – लोगों की कौन से आदतों से आपको सबसे ज्यादा गुस्सा आता है?

उत्तर : स्वभावतः मुझे गुस्सा नहीं आता है। गुस्सा करना मेरी शैली नहीं है। लेकिन हाँ, जैसा कि मैंने पहले कहा जब कोई व्यक्ति अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं देता है तो वो चीज़ मुझे पसंद नहीं आती है। असफलता से घबराना नहीं चाहिए, अपना प्रयास जारी रखना चाहिए।

दोहरे मापदंड रखने वाले लोग भी मुझे पसंद नहीं हैं। आप जो हैं, वही रहें यह बहुत महत्वपूर्ण है।

 प्रश्न14 – जब आप बड़े हो रहे थे तब आपने क्या बनने का सपना देखा था?

उत्तर : मैं एक ऐसे माहौल में पैदा हुआ और बड़ा हुआ जिसमें गरीब सपने भी नहीं देख सकते थे। उसी समय मैंने अपने अंतर्मन में महसूस किया कि हर किसी को सिर्फ़ अपने लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए भी जीना चाहिए। हालांकि, मुझे अपने आगे के पथ के बारे में पता नहीं था जिस पर चलकर मैं अपने भीतर की इस सोच को साकार कर सकता था। मैं उसी पथ पर चलता रहा जिस पथ पर मेरा भाग्य मुझे ले जाता रहा। हालाँकि, एक बात जो निरंतर बनी रही, वह यह कि दूसरों की सेवा के लिए जीवन जीना है।

प्रश्न15 – आपकी सबसे पसंदीदा फ़िल्म कौन सी है और क्यों?

उत्तर : आम तौर पर मेरा फिल्मों की तरफ झुकाव नहीं रहा है। लेकिन मैं अपनी युवावस्था में फ़िल्में देखता था, जिज्ञासा से, ऐसी जिज्ञासा जो सिर्फ़ युवावस्था में होती है। फिर भी सिर्फ मनोरंजन के लिए फिल्में देखना मेरे स्वभाव कभी नहीं रहा। इसके बजाय, मैं फिल्मों में दिखाई गई कहानियों से जीवन के लिए सबक ढूंढ़ता था। याद है, एक बार मैं अपने शिक्षकों और कुछ दोस्तों के साथ आर के नारायण की उपन्यास पर आधारित मशहूर हिंदी फिल्म गाइड देखने गया था। और फिल्म के बाद मेरी अपने दोस्तों के साथ इस फ़िल्म पर गहन चर्चा हुई थी। मेरा तर्क यह था कि इस फिल्म में मुख्य चीज यह दिखाई गई है कि अंत में हर कोई अपनी अंतरात्मा से ही निर्देशित होता है। लेकिन तब मैं बहुत छोटा था, मेरे दोस्तों ने मेरी बात को गंभीरता से नहीं लिया!

प्रश्न16 – आपके अपने जीवन पर बनी फ़िल्म में आप किसे चाहेंगे जो आपकी भूमिका निभाये?

उत्तर : हर व्यक्ति की अपनी-अपनी सोच होती है। हम इस बात की इच्छा क्यों करें कि मेरे जाने के बाद लोग मुझे याद रखें? अगर उन्हें कुछ याद रखना भी हो तो हमारे कार्यों, दूसरों के लिए किये गए हमारे योगदान को उन्हें याद रखना चाहिए। और अगर आपने अपने जीवन में योग्य काम किया गया है तो जो उस कार्य को आगे ले जाएगा वही मेरे जीवन की भी भूमिका निभा रहा होगा और अपने जीवन की भी!

प्रश्न17 – अगर आप अतीत में जा सकें तो आप कहाँ जाना चाहेंगे?

उत्तर : यह बहुत ही पुराना प्रश्न है। हर किसी को अपना बचपन सबसे ज्यादा पसंद होता है, हर कोई वही समय याद करता है; वो मासूमियत, वो मुक्त जीवन, तालाब में तैराकी, गली में खेलना!

प्रश्न18 – अगर आपके घर में आग लगी हो तो वो कौन-सी एक चीज है जिसे आप बचाना चाहेंगे?

उत्तर - मेरी स्वाभाविक प्रतिक्रिया यह देखने की होगी कि आग आस-पास के क्षेत्र में कहाँ तक फैली है। मुझे लगता है कि अगर मैं ऐसा करने में सक्षम हो गया तो अपने आप ही बहुत सारी चीजों को जलने से बचाया जा सकेगा।

प्रश्न19 – अगर आपको रात के खाने पर तीन लोगों, मृत या जीवित, को आमंत्रित करना हो तो वो कौन-कौन से लोग होंगे?

उत्तर : स्वभाव से, मैं एक ऐसा व्यक्ति हूँ जो आध्यात्मिक प्रयोजनों के लिए उपवास रखता हूँ। अतः इस यात्रा में, अगर मैं इसी तरह के किसी व्यक्ति से मिलता हूँ तो वो मेरे पहली पसंद होंगे; स्वामी विवेकानंद,रामकृष्ण परमहंस और महर्षि रमण जैसे महान व्यक्तित्व वाले। ये सब परम आत्मा वाले महापुरुष हैं जिन्हें रात के खाने की जरूरत नहीं है!

प्रश्न20 – आपका पसंदीदा उद्धरण?

उत्तर : मेरा पसंदीदा उद्धरण है – “सत्यमेव जयते, सत्य की हमेशा जीत होती है।”

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Prime Minister expresses joy on the commencement of 20th Session of UNESCO’s Committee on Intangible Cultural Heritage in India
December 08, 2025

The Prime Minister has expressed immense joy on the commencement of the 20th Session of the Committee on Intangible Cultural Heritage of UNESCO in India. He said that the forum has brought together delegates from over 150 nations with a shared vision to protect and popularise living traditions across the world.

The Prime Minister stated that India is glad to host this important gathering, especially at the historic Red Fort. He added that the occasion reflects India’s commitment to harnessing the power of culture to connect societies and generations.

The Prime Minister wrote on X;

“It is a matter of immense joy that the 20th Session of UNESCO’s Committee on Intangible Cultural Heritage has commenced in India. This forum has brought together delegates from over 150 nations with a vision to protect and popularise our shared living traditions. India is glad to host this gathering, and that too at the Red Fort. It also reflects our commitment to harnessing the power of culture to connect societies and generations.

@UNESCO”