देश को 21वीं सदी के आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से युक्त करना, देश को तेज गति से आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है: प्रधानमंत्री मोदी
आज देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को एक होलिस्टिक तरीके से विकसित करने पर काम चल रहा है: पीएम मोदी
आज जब देश 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य की तरफ बढ़ रहा हैतब हमें अपने शहरों को भी 21वीं सदी की दुनिया के मुताबिक बनाना ही होगा: प्रधानमंत्री

मेरे प्‍यारे भाइयो और बहनों।

नमस्‍कार, मुम्‍बई कर।

गणपति बप्‍पा मोरेया। गणपति बप्‍पा मोरेया।

यहाँ आने से पहले मुझे पारले में लोकमान्‍य सेवा संघ में गणपति बाप्‍पा के दर्शन का सौभाग्‍य मिला। इस वर्ष लोकमान्‍य सेवा संघ के गणेशोत्‍सव का शताब्‍दी वर्ष भी है। लोकमान्‍य तिलक ने समाज को मजबूत करने के लिए जिस परम्‍परा का विस्‍तार किया, आज उसकी गूँज देश-विदेश में भी है।

हमारे नए Governor भी यहाँ आए हैं, श्रीमान कोशियारी जी। बहुत कम लोगों को मालूम  होगा ये उत्‍तराखंड के बहुत ही यशस्‍वी मुख्‍यमंत्री रहे हैं। और इससे भी बड़ा बात, जिसका उल्‍लेख करने में मुझे गर्व महसूस होता है कि जब मैं भारतीय जनता पार्टी के संगठन का कार्य करता था, कभी उत्‍तराखंड का प्रभारी हुआ करता था तो उन्‍हीं के मार्गदर्शन में मैं काम करता था।

साथियो, मुम्‍बई और महाराष्‍ट्र के लोगों की सादगी और स्‍नेह मुझे हमेशा अभिभूत कर देता है। चुनाव प्रचार के दौरान महाराष्‍ट्र में यहाँ के अनेक शहरों में गया, आप लोगों से संवाद किया। मुम्‍बई में तो जो रात में सभा हुई थी, उसकी चर्चा कई दिनों तक चली थी। इस स्‍नेह के लिए, इस आशीर्वाद के लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूँ1

बनते-बिगड़ते मौसम के बीच आज भी आप अपना समय निकालकर इतनी बड़ी तादाद में आ करके इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई, ये आपके मिजाज की पहचान है और आपके सपनों का संकेत भी है।

साथियो, मैं Russia में था, तब भी मुझे मुम्‍बई का हाल मिल रहा था। मैं कल सुबह ही वहाँसे लौटा फिर शाम को बैंगलुरू चला गया। बैंगलुरू में रात भर इसरो के अपने वैज्ञानिक साथियों के साथ रहा। उन्‍होंने जो हौसला दिखाया है, उसे देख करके मैं बहुत प्रभावित हूँ। अपने लक्ष्‍य के लिए कैसे दिन-रात एक कर दिया जाता है, कैसे विपरीत से विपरीत परिस्थिति में भी, बड़ी से बड़ी चुनौती में भी तन्‍मयता के साथ कैसे अपने लक्ष्‍य को प्राप्‍त किया जाता है; ये इसरो के हमारे वैज्ञानिकों, हमारे इंजीनियरों से हम सब सीख सकते हैं।

भाइयो और बहनों, हमारे शास्‍त्र में एक प्रकार से ज्ञान का भंडार है। भर्तृहरि ने कहा था-

प्रारभ्यते न खलु विघ्नभयेन नीचैः ,

प्रारभ्य विघ्नविहिता विरमन्ति मध्याः ।

विघ्नै: पुनः पुनरपि प्रतिहन्यमानाः ,

प्रारभ्य च उत्तमजनाः न परित्यजन्ति ।।

यानी किसी भी लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने के‍ लिए प्रयास करने वाले तीन तरह के लोग होते हैं। सबसे निचले पायदान पर वो लोग होते हैं जो रुकावटों के डर से कभी काम की शुरूआत ही नहीं करते; इसके बाद मध्‍य स्‍तर के- अब मध्‍य स्‍तर पर कुछ लोग ऐसे होते हैं जो काम तो शुरू कर देते हैं, लेकिन पहली रुकावट आते ही नौ, दो, ग्‍यारह हो जाते हैं, भाग जाते हैं। इन दोनों तरह के लोगों से अलग सबसे ऊंचे स्‍तर पर वो लोग पहुँचते हैं जो लगातार रुकावट के बावजूद, बड़ी से बड़ी चुनोतियों के बावजूद निरन्‍तर प्रयास करते हैं और अपने लक्ष्‍य को प्राप्‍त करके ही दम लेते हैं।

साथियो, इसरो और उसके साथ काम करने वाले लोग, ये तीसरी प्रवृत्ति वाले लोग हैं। जब तक लक्ष्‍य प्राप्‍त नहीं हो जाता, वो न रुकते हैं, न थकते हैं, न बैठते हैं। अब मिशन चंद्रयान में एक रुकावट आज हमने देखी है, लेकिन इसरो के वैज्ञानिक तब तक नहीं रुकेंगे जब तक मं‍जिल पर नहीं पहुँच जाते हैं। चाँद पर पहुँचने का सपना पूरा हो करके रहेगा।

और सा‍थियो, हमें ये भी याद रखना है कि चंद्रयान के साथ भेजा गयाorbiter अभी वहीं है, चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा है, ये भी एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। मैंने मुम्‍बई के लोगों की spirit के बारे में बहुत सुना है, देखा है, अनुभव किया है। आज इसरो के लोगों की spiritदेखी और समझी तो मुझे जरूरी लगा कि आपसे भी उन बातों को जरा शेयर करूँ।

भाइयो और बहनों, अपने संकल्‍पों के लिए निरन्‍तर प्रयास, गणेशोत्‍सव की उमंग और इसी माहौल में आज महाराष्‍ट्र में हजारों करोड़रुपये की योजनाओं का श्रीगणेश हो रहा है, शुभारंभ हो रहा है।

मुम्‍बई के बाद मेरा औरंगाबाद जाने का भी कार्यक्रम है। वहाँ भी अनेक परियोजनाओं की शुरूआत होगी। मैं विशेषकर मुम्‍बई और उसके Suburban  इलाकों में रहने वाले लोगों को ब‍हुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ। 20 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा का काम आज यहाँ शुरू हो रहा है। नई मेट्रो लाइन हो, मेट्रो भवन हो, मेट्रो स्‍टेशन में सुविधा का विस्‍तार हो, बांद्रा-कुर्ला कॉम्‍पलेक्‍स को Eastern express highway से जोड़ने का प्रोजेक्‍ट हो; ये सभी परियोजनाएँ मुम्‍बई के Infrastructure को नया आयाम तो देंगी ही, यहाँ के लोगों के जीवन को आसान बनाने में भी मदद करेंगी।

बांद्रा-कुर्ला को express highway से जोड़ने वाला प्रोजेक्‍ट तो लाखों professionals के लिए बहुत बड़ी राहत ले करके आएगा।

बीकेसी तो business activity का बहुत बड़ा सेंटर है। अब यहाँ आना जाना और आसान होगा, कम समय में हो पाएगा और अब तो मिनटो में मुम्‍बई। हर कोई आवाज करता है- मिनटो में मुम्‍बई। इन सारी परियोजनाओं के लिए मैं आप सभी को, हर मुम्‍बईकर को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

साथियो, मुम्‍बई वो शहर है, जिसकी गति ने देश को भी गति दी है। यहाँ के परिश्रमी लोग, यहां के professionals, यहाँ की माताएँ, बहनें, युवा, आप सभी लोग इस शहर से प्‍यार करते हैं, गर्व से कहते हैं मी मुम्‍बईकर। बीते पाँच वर्षों में आमची मुम्‍बई के Infrastructure को सुधारने के लिए हमने बहुत ईमानदारी से प्रयास किया है। यहाँ फडणवीसजी की सरकार ने मुम्‍बई और महाराष्‍ट्र के एक-एक प्रोजेक्‍ट के लिए कितनी मेहनत की है, ये मैं भली-भांति जानता हूँ। आज इन्‍हीं सब प्रयासों का ये असर है कि मुम्‍बई में धीरे-धीरे बदलाव आने की शुरूआत हुई है। और मैं इसमें सबसे सकारात्‍मक पक्ष ये देखता हूँ कि वर्तमान के साथ ही भविष्‍य की जरूरतों, आने वाले दशकों की आवश्‍यकताओं के हिसाब से अभी से काम किया जा रहा है।

भाइयो और बहनों, आज जब देश 5 trillion dollar  economy के लक्ष्‍य की तरफ बढ़ रहा है, तब हमें अपने शहरों को भी 21वीं सदी की दुनिया के मुताबिक बनाना ही होगा। Mobility हो, connectivity हो, productivity हो, sustainability हो या फिर safety, हर लिहाज से एक बेहतर व्‍यवस्‍था हमें तैयार करनी है। इसी सोच के साथ हमारी सरकार अगले पाँच साल में आधुनिक Infrastructure पर 100 लाख करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। इस राशि का बहुत बड़ा लाभ मुम्‍बई के साथ-साथ पूरे महाराष्‍ट्र के तमाम शहरों को भी होने वाला है।    

साथियो, देशभर में शहरों में mobility को, transport को बेहतर बनाने के लिए हम एक integrated system पर बल दे रहे हैं। रोड़ हो, रेल हो, मेट्रो हो; ऐसे हर माध्‍यम को एक-दूसरे से connect किया जा रहा है। आज यहां  Mumbai metropolitan region, उसमें बेहतर public transport system तैयार करने के लिए भी एक vision document release किया गया है। इसमें आने-जाने के अलग-अलग माध्‍यमों, जैसे- मुम्‍बई लोकल हो, बसों का सिस्‍टम हो, या फिर मेट्रो। इनका कैसे सही उपयोग हो सके, इसका विस्‍तार से ब्‍यौरा दिया गया है। खासतौर पर मुम्‍बई मेट्रो के लिए मास्‍टर प्‍लान इसमें बनाया गया है।

भाइयो और बहनों, बीते पाँच वर्षों से मुझे मुम्‍बई मेट्रो के विस्‍तरीकरण से निरंतर जुड़ने का मौका मिलता रहा है। करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये की लागत से मेट्रो नेटवर्क का विस्‍तार यहाँ किया जा रहा है। अभी मुम्‍बई में सिर्फ 11 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क है। लेकिन 1920, 1923, 1924 तक ये बढ़कर सवा तीन सौ किलोमीटर से अधिक हो जाएगा। इसका सबसे बड़ा लाभ ये होगा कि आज जितने लोग मुम्‍बई में लोकल ट्रेन से रोज सफर करते हैं, लगभग उतनी ही capacity मेट्रो की भी हो जाएगी। लोकल को आधुनिक बनाने के साथ ही मेट्रो के विस्‍तार का ये combination मुम्‍बई की वर्तमान जरूरतें पूरी करने के साथ ही आन वाले वर्षों के लिए भी तैयार करेगा।

साथियो, हम सिर्फ मेट्रो लाइन ही नहीं, सिर्फ उसे ही बिछा रहे हैं ऐसा नहीं, बल्कि इन लाइनों पर जो मेट्रो दौड़ेगी, उसके कोच भी भारत में ही बन रहे हैं। थोड़ी देर पहले ही मैंने मोकप कोच को देखा है।Make In India के तहत बनने वाले ये आधुनिक मेट्रो कोच मुम्‍बई मेट्रो को सुरक्षित और सुविधाजनक और किफायती बनाने वाले हैं।

भाइयो और बहनों, infrastructure का जितना रिश्‍ता इकोनॉमी से है, ease of living से है, उतना ही employment से भी है। Infra पर निवेश का मतलब है उतना ही रोजगार के नए अवसर बनना। अगर मैं सिर्फ मुम्‍बई में शुरू हुए मेट्रो के कार्यों की बात करूँ तो इससे 10 हजार इंजीनियर और 40 हजार skilled और unskilled लोगों को रोजगार के मौके मिलेंगे।

भाइयो और बहनों, infrastructure का जो काम गांवों में हो रहा है, शहरों में हो रहा है, वो स्‍थानीय स्‍तर पर जिस तरह से employment पैदा करता है, छोटे-छोटे व्‍यापारियों के लिए बिजनेस के मौके बनाता है, उसकी बहुत चर्चा लोग करते नहीं हैं। संभवत: इसकी एक वजह ये भी रही है कि आज जिस speed और scale पर काम हो रहा है, वो पहले कभी हुआ ही नहीं। इसलिए इस ओर लोगों का ध्‍यान भी कम होना बहुत स्‍वाभाविक है। अब जब स्थितियाँ बदल रही हैं तो ये विषय भी अब चर्चा में आना शुरू होगा। सोचिए, क्‍या कोई पहले सोच भी सकता था कि वर्षों से अटका हुआ नवी-मुम्‍बई एयरपोर्ट का काम, मुम्‍बई ट्रांस हार्बर लिंक का काम, मुम्‍बई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का काम इतने व्‍यापक रूप से शुरू होगा? इतनी तेज गति से आगे बढ़ेगा? ये सारे प्रोजेक्‍ट मुम्‍बई और आसपास के लोगों के रोजगार के आने को नए अवसर दे रहे हैं।

भाइयो और बहनों, जब मैं speed और scale की बात करता हूँ तो मेरे पास इतने उदाहरण होते हैं कि उन्‍हें गिनाते-गिनाते शायद शाम हो जाए। आज यहाँ मेट्रो के बड़े प्रोजेक्‍ट शुरू हुए हैं तो मैं उसी का उदाहरण आपको देना चाहता हूँ।

साथियो, हमारे देश में पहली मेट्रो 30-35 साल पहले शुरू हुई थी। इसके बाद 2014 तक कुछ ही बड़े शहरों में मेट्रो चल पाई। आज देश में 27 शहरों में मेट्रो या तो शुरू हो चुकी है या निकट भविष्‍य में शुरू होने वाली है। आज देशभर में पौने सात सौ किलोमीटर लाइन operational है, जिसमें से 400 किलोमीटर की मेट्रो सेवा बीते पाँच वर्ष में शुरू हुई है। सोचिए! आधे से ज्‍यादा मेट्रो लाइन पिछले पाँच साल में जुड़ी है। और अभी 850 किलोमीटर से अधिक की मेट्रो लाइन पर काम चल रहा है।

भाइयो और बहनों, करीब-करीब 600 किलोमीटर की नई मेट्रो लाइनों की स्‍वीकृति पिछले पाँच साल में दे दी गई है। मुम्‍बई हो, पुणे या नागपुर, मेट्रो इन के काम इसी दौरान शुरू हुए और मैं फडणवीज जी की प्रशंसा करूँगा कि इन परियोजनाओं पर बहुत तेजी से काम किया जा रहा है।

भाइयो और बहनों, देश को 21वीं सदी के आधुनिक infrastructure से युक्‍त करना देश को तेज गति से आगे बढ़ाने के लिए बहुत आवश्‍यक है। आज देश के infrastructure को एक holistic तरीके से विकसित करने पर काम चल रहा है। टुकड़ों-टुकड़ों में नहीं, एक भारत श्रेष्‍ठ भारत के नजरिए के साथ ही हम आगे बढ़ रहे हैं। One Nation, One Power Grid से लेकर One Nation one Mobility Card तक, One Nation One Tax से लेकर One Nation One Network of Optical Fibreतक, पूरे देश में हमारी सरकार आधुनिक infrastructure का निर्माण कर रही है।

भाइयो और बहनों, हम सभी का ये दायित्‍व है कि हमारे बच्‍चे, हमारी आने वाली पीढ़ियाँ उस परेशानी में न रहें जिसमें हम रहते आए हैं। हम बच्‍चों को विरासत में परेशानी न दें। हर व्‍यक्ति के जीवन स्‍तर में होने वाला सुधार देश की स्थिति में सुधार ला देता है। हमें अपना वर्तमान, अतीत के सपनों को पूरा करने के साथ ही भविष्‍य की तैयारियों में भी खपाना होगा। देश भविष्‍य के लिए आज से तैयार होगा, तभी आपके बच्‍चे सुखी जीवन बिता पाएँगे।

आपके आशीर्वाद से नई सरकार बनने के बाद हमारी सरकार ने जो फैसले लिए, वो भारतवासियों के भविष्‍य को मजबूत करेंगे, सुरक्षित करेंगे।

साथियो, देश की जनता ने जो जनादेश दिया था, उसका सम्‍मान करते हुए सही दिशा में अनेक महत्‍वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। इस सरकार को 100 दिन हो रहे हैं और इन 100 दिनों में ही ऐसे-ऐसे कार्य हुए हैं, जो अभूतपूर्व भी हैं, ऐतिहासिक भी हैं। जलजीवन मिशन की शुरूआत हो या देश के हर किसान को किसान-सम्‍मान निधि के दायरे में लाने का फैसला हो, हमारी मुस्लिम बहन-बेटियों को तीन तलाक के संकट से मुक्ति दिलाने वाला कानून हो या बच्‍चों की सुरक्षा से जुड़ा कानून; हर क्षेत्र में बहुत तेजी से काम किया जा रहा है।

लेकिन सरकार के इन फैसलों और इन कार्यों के बीच, आपकी सेवा के बीच मैंने एक और संकल्‍प लिया है। ये संकल्‍प है ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को, ज्‍यादा से जयादा अवसरों पर अपने दायित्‍वों के प्रति सजग करने का। एक भारतीय-एक संकल्‍प। लोकमान्‍य तिलक जी ने कहा था, ‘स्‍वराज मेरा जन्‍मसिद्ध अधिकार है’। आजादी के 75 साल होने वाले हैं, हमारे लिए नया मंत्र है- ‘सुराज्यहम देशवासियों का कर्तव्‍य है’। एक भारतीय-एक संकल्‍प के साथ मैं आपसे प्रार्थना करूँगा- अपना तय किया हुआ संकल्‍प...एक तो आप संकल्‍प जरूर करें और जो संकल्‍प करें, देशहित के लिए करें और संकल्‍प पूरा करने के विषय में कभी भी पीछे न हटें। आप लोग मुम्‍बई के हित में, महाराष्‍ट्र के हित में जो संकल्‍प लेना चाहें वो संकल्‍प ले सकते हैं।

वैसे एक सुझाव मैं आपको अभी ही दे सकता हूँ, आप मनेंगे क्‍या? आवाज थोड़ी धीमी हो गई। मानेंगे? पक्‍का मानेंगेँ? पूरा करेंगे? अकेले भी करेंगे, मिलकर भी करेंगे?

साथियो, बप्‍पा की विदाई के दौरान बहुत सारा प्‍लास्टिक और दूसरा waste हमारे समंदर में चला जाता है। इस बार हमें कोशिश करनी है कि ऐसा सामान जो जल-प्रदूषण बढ़ाता है, उसको पानी में नहीं बहाएंगे। इतना ही नहीं, विसर्जन के बाद हम अपने-अपने स्‍तर पर समंदर से मीठी नदी सहित पानी के दूसरे स्रोतों को प्‍लास्टिक्‍ मुक्‍त करने में जुटेंगे। आप ये काम करेंगे? जरा पीछे आवाज आ जाए, करेंगे? पक्‍का करेंगे? मुझे पूरा विश्‍वास है कि आपका यही उत्‍साह पूरे देश को प्‍लास्टिक मुक्‍त करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा।

एक बार फिर आप सभी को विकास के तमाम projects के लिए अनेक-अनेक शुभकामनाएँ, बहुत-बहुत बधाई। उत्‍सव के समय तमाम व्‍यस्‍तताओं के बीच भी आप यहाँ पधारे, इसके लिए मैं हृदय से आपका आभार व्‍यक्‍त करता हूँ।

जय मुम्‍बई, जय महाराष्‍ट्रा।

भारत माता की – जय

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भारत माता की – जय

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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PM Congratulates India’s Men’s Junior Hockey Team on Bronze Medal at FIH Hockey Men’s Junior World Cup 2025
December 11, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi, today congratulated India’s Men’s Junior Hockey Team on scripting history at the FIH Hockey Men’s Junior World Cup 2025.

The Prime Minister lauded the young and spirited team for securing India’s first‑ever Bronze medal at this prestigious global tournament. He noted that this remarkable achievement reflects the talent, determination and resilience of India’s youth.

In a post on X, Shri Modi wrote:

“Congratulations to our Men's Junior Hockey Team on scripting history at the FIH Hockey Men’s Junior World Cup 2025! Our young and spirited team has secured India’s first-ever Bronze medal at this prestigious tournament. This incredible achievement inspires countless youngsters across the nation.”