Your Royal Highness, Excellencies, Ladies & Gentleman, Friends, namaskar, Good Evening

मैं His Majesty the King and the Custodian of the two holy mosques और मेरे भाई His Royal Highness the Crown Prince का धन्यवाद करना चाहूँगा कि उन्होंने मुझे इस Forum में भाग लेने का निमंत्रण दिया। Saudi Arabia और यहाँ स्थित पवित्र mosque, दुनिया के करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र रहे हैं। यह भूमि world economy का भी ऊर्जा–स्रोत रही है। आज Riyadh के इस उर्जावान शहर में आपके बीच मुझे भी positive energy महसूस हो रही है।

Friends,

Future Investment Initiative Forum के विषय ये स्पष्ट करते हैं कि इस Forum का उद्देश्य सिर्फ यहाँ के अर्थतंत्र की ही चर्चा करना नहीं है। बल्कि विश्व में उभरते trends को समझना और इसमें विश्व-कल्याण के रास्ते ढूँढना भी है। इसी कारण, यह dynamic platform बिजनेस world के calendar का महत्वपूर्ण भाग बन गया है। सिर्फ तीन साल के कम समय में ही इस Forum ने लंबा सफ़र तय किया है। मेरे मित्र और भाई Crown Prince इस सफलता के लिए बहुत बधाई के पात्र हैं।उनके इस forum को Davos of the Desert कहा जाता है. पिछली शतब्दी में Saudi Arabia के लोगो की मेहनत और कुदरत की नेमत ने desert के रेत को सोना बना दिआ. अगर चाहता तो सऊदी अरब का नेतृत्व आराम से बैठ सकता था, मगर आपने आने वाली कई पीढ़ीओ के बारे में सोचा, भविष्य की चिंता की, पूरी मानवता का ख्याल किआ. मै His Highness Crown Prince को इस बात के लिए भी बधाई देता हूँ कि उन्होंने इस फोरम का सिर्फ नाम ही Future नहीं रखा, बल्कि इसकी पूरी संकल्पना forward looking है, भविष्य के प्रति उन्मुख है।ऐसे में, उनका भाई और पड़ोसी होने के नाते, इस उम्दा initiative में दुनिया की सबसे तेज़ विकासमान अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए स्वाभाविक ही है।

Friends,

मैं आप के बीच भारत के लोगों की शुभेच्छाएं लेकर आया हूँ। हमारा सऊदी अरब से नाता हजारों वर्षों का रहा है। ऐसी दोस्ती रही है, जैसे आप कहते हैं - सदकतुम, कि एक दुसरे के वहां हमें अपनापन लगता है।हमारे ऐतिहासिक संबंधों और संपर्कों ने हमारी strategic partnership की मजबूत बुनियाद भी रखी है। और आज हमने Crown Prince के साथ बातचीत में Strategic Partnership Council की स्थापना करके अपने संबंधों को नई ऊँचाई प्रदान की है। His Majesty the King और His Royal Highness Crown Prince के मार्गदर्शन से हम संबंधों में अप्रत्याशित प्रगति और अपनापन ला पाए हैं। मैं उनके प्रयासों के लिए, भारत के प्रति उनके अपनत्व के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

Future Investment Initiative में आज मुझे,"What’s next for Global Business” और उसमें भारत में उभरते अवसरों और संभावनाओं, हमारी अपेक्षाओं और लक्ष्यों पर अपनी बात रखने का अवसर मिला है। भारत ने अगले पांच साल में अपनी economy को दुगुनी करके 5 trillion dollars तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा है। ऐसे समय में तो ये विषय और भी प्रासंगिक और महत्वपूर्ण हो जाता है।

साथियों,

आज जब भारत में हम विकास को गति देना चाहते है तो हमें उभरते हुए trends को अच्छी तरह समझना होगा।इसलिए, आज मैं आपसे Global business को प्रभावित करने वाले पांच बड़े trends के बारे में बात करना चाहूँगा। पहला Trend है - Technology और Innovation का प्रभाव दूसरा – Global Growth के लिए Infrastructure की Importance तीसरा - human resource और future of work में आ रहा बदलाव चौथा– compassion for environmentऔर पांचवा Trend - business friendly governance.

Friends!

Technology और innovation के बढ़ते हुए प्रभाव के हम सब चश्मदीद गवाह हैं। Transformative technologies जैसे Artificial Intelligence, Genetics और nano-technology, research से आगे बढ़कर आज रोजमर्रा के जीवन का भाग बनती जा रही हैं। Technology के इस बदलाव का उन समाजों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है जिनमें नई technologies को अपनाने और उन पर further innovation का culture विकसित हुआ है। भारत में हमने इस culture को मजबूत करने के लिए अनेक स्तरों पर प्रयास किया है। चाहे वह युवाओं के लिए Start up challenges हो या Hackathons हों। या फिर school children के लिए अटल tinkering labs, जहां वो इनोवेशन को खुद अनुभव करते हैं। आज भारत में Research and Development से लेकर tech-entrepreneurship का एक व्यापक eco-system तैयार हो रहा है।हमारे इन प्रयासों के नतीजे भी आना शुरू हुए हैं। आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा startup ecosystem बन गया है। भारत के टीयर 2 और टीयर 3 शहरों में भी start-ups उभरकर आये हैं। भारत में 1 billion यूएस डॉलर से ज्यादा valuation वाले unicorns की संख्या बढती जा रही है। हमारे कई start-ups वैश्विक स्तर पर निवेश करने लगे हैं। Indian start-ups are acing everything, from food delivery to transport, to hospitality, to medical treatment, to tourism. और इसलिए,विश्व के सभी investors, खासकर venture funds से मेरा अनुरोध है कि आप हमारे start-up ecosystem का लाभ उठाएं। मुझे पूरा भरोसा है कि भारत में innovation में किया गया निवेश सबसे ज्यादा returns देगा। और ये returns सिर्फ भौतिक नहीं होंगे, बल्कि युवाओं को empower करेंगे।

Friends!

वैश्विक वृद्धि और Business के विकास के लिए Infrastructure का महत्त्व लगातार बढ़ता जा रहा है। मैं मानता हूं कि Infrastructure एक opportunity multiplier है। Infrastructure businesses को निवेश के व्यापक अवसर देता है। तो दूसरी और business की वृद्धि के लिए infrastructure आवश्यक है।

साथियों,

आज दुनिया में physical Infrastructure के अवसर सबसे ज्यादा विकासशील देशों में है। एशिया में देखे तो, infrastructure में प्रति वर्ष $ 700 billion के निवेश की जरुरत है।भारत में हमने अगले कुछ सालों में infrastructure में $1.5 trillion के निवेश का लक्ष्य रखा है। और फिर, आज हम infrastructure के बारे में silos में नहीं सोचते बल्कि हमारा प्रयास integrated approach का है।One Nation One Power Grid,One Nation One gas grid,और One Water grid,One Nation One Mobility Card,One Nation One Optical Fiber Network,ऐसे अनेक प्रयासों से हम भारत के infrastructure को integrate कर रहे हैं।हमने हर भारतीय को घर देने का, और हर घर तक बिजली और नल-जल पहुँचाने का लक्ष्य रखा है।Infrastructure के निर्माण की अपनी speed और scale को भी हमने अभूतपूर्व रूप से बढ़ाया है।और इसलिए,भारत में infrastructure की growth double-digit में रहेगी, और इसमें capacity saturation की कोई संभावना नहीं है।इसके कारण निवेशकों को return भी सुनिश्चित रहेगा।

साथियों,

तीसरा trend यानि human resource और future of work में आ रहे बदलाव भी बहुत महत्वपूर्ण है।आज International investment के निर्णय quality manpower की उपलब्धता पर निर्भर करते हैं।साथ ही, Skilled manpower किसी भी company के valuation का मानदंड बन गया है।ऐसे में, तेजी से लोगों को skilled करना हमारे सामने एक चुनौती है। जिस तरह nature of work में बदलाव आ रहा है, उससे आने वाले सालों में हमें लोगों को कई बार re-skill करना पड़ेगा।Learn-unlearn and re-learn के cycles जरुरी बन जाएंगे।

Friends!

भारत के skilled human resources को दुनिया भर में आदर और प्रतिष्ठा मिले हैं।भारतीय talent ने यहाँ सऊदी अरबिया में अनुशासित, कानून का पालन करने वाले, परिश्रमी और कुशल कार्यबल के रूप में अपनी अनूठी पहचान बनाई है। भारत में skill का विकास करने के लिए हमने एक comprehensive vision तैयार किया है और उस पर लगातार काम कर रहे हैं। Skill India initiative के माध्यम से हम अगले तीन-चार वर्षों में 400 million लोगों को विभिन्न skills में train करेंगे। भारत में निवेश करने वाली कम्पनीज को इससे assured skilled manpower मिलेगा।

साथियों,

Skilled मैनपावर का आवागमन आसान बनाने से पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी। मैं मानता हूं कि हमें international trade agreements को सिर्फ goods तक सीमित नहीं रखना चाहिए बल्कि manpower और talent mobility को भी उसका अभिन्न अंग बनाकर उसमें सरलता लानी चाहिए।

Friends!

चौथा trend यानि compassion for environment, ट्रेंड ही नहीं है, बल्कि हमारे समय की प्रमुख आवश्यकता भी बन गयी है। Climate change का प्रभाव और clean उर्जा का महत्व इतने व्यापक हैं कि उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आने वाले सालों में हमारा energy consumption का pattern और बदलेगा।Coal से oil और oil से gas और फिर renewables की तरफ झुकाव बढ़ता जाएगा।उर्जा की खपत और उर्जा की बचत दोनों ही महत्तवपूर्ण होंगे, और Storage भी।Environment degradation की चुनौतियां भी बढ़ती जएंगी।इसी को समझते हुए भारत में हम gas और oil के infrastructure में बड़ी मात्रा में निवेश बढ़ा रहे हैं।वर्ष 2024 तक हमारा refining, pipelines और gas terminals में $ 100 billion तक के निवेश का लक्ष्य है।मुझे ख़ुशी है कि Saudi Aramco ने भारत में West Coast refinery project - जो Asia की सबसे बड़ी refinery होगी - उसमें निवेश करने का निर्णय लिया है। हमने हाल ही में डाउनस्ट्रीम सेक्टर में, खास करके रीटेलिंग में, निवेश के norms को liberalize किया है, जिससे इस क्षेत्र में ease of doing business और बढ़ेगा। इसके अलावा हमने Renewables में 175 गीगा वाट उर्जा पैदा करने का जो लक्ष्य रखा था, उसे भी आने वाले वर्षों में बढ़ाकर 450 गीगा वाट तक ले जाने का तय किया है। भारत की तेज गति से बढ़ती economy के लिए ऊर्जा में निवेश बहुत जरुरी है। और हम यहाँ मौजूद energy companies से इन अवसरों का लाभ उठाने का अनुरोध करते हैं।

Friends!

Last but not the least, पांचवा trend यानि सरकार की बदलती भूमिका और उसका future of business पर प्रभाव भी बहुत व्यापक है। मेरी emphasis हमेशा Minimum Government Maximum Governance पर रही है। मैं समझता हूं कि competitive, innovative और dynamic business sector के लिए एक proactive तथा transparent government अच्छे facilitator का रोल अदा कर सकती हैं। स्पष्ट नियम और fair system private sector की growth के लिए आवश्यक हैं।इसी सोच और इसी approach के साथ भारत में पिछले पांच सालों में हमने कई major structural reforms किये हैं। FDI policy को सुगम और liberalize करने के कारण आज भारत Foreign Investment का सबसे बड़ा destination बन गया है। बीते 5 सालों में भारत में $ 286 बिलियन Foreign Direct Investment हुआ है। ये बीते 20 साल में भारत के Total FDI Inflow का लगभग आधा है। Insolvency और bankruptcy code हो या देश व्यापी एक taxation system, हमने मुश्किल से मुश्किल decisions लिए हैं।आज भारत का tax structure और IPR regime विश्व के सबसे अच्छे business regimes के साथ comparable हैं। ऐसे ही सुधारों के कारण हर Global Ranking में भारत निरंतर बेहतर प्रदर्शन करता जा रहा है। Logistics Performance Index में 10 Rank का jump Global Innovation Index में 24 नंबर का सुधारWorld Bank की Ease of Doing Business Index में 2014 में हम 142 थे। उस से ऊपर उठकर आज 2019 में हम 63वें नंबर पर हैं।लगातार तीसरे साल हम दुनिया के Top 10 reforms में है।हमने 1500 से ज्यादा ऐसे पुराने कानूनों को भी समाप्त कर दिया है, जो विकास में अड़चन पैदा कर रहे थे।

साथियों,

पिछले चार-पांच साल में additional 350 million से ज्यादा लोगों को banking system से जोड़ा गया हैं। भारत में आज लगभग हर नागरिक के पास unique ID, Mobile Phone और Bank Account हैं। इस व्यवस्था के कारण Direct Benifit Transfer में transparency से 20 बिलियन डॉलर से अधिक का leakage बंद किया जा सका। यानि 20 बिलियन डॉलर की बचत हुई।स्वास्थ्य किसी भी सरकार की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी हैं। इस क्षेत्र में quality of service बढ़ाने के लिए भारत ने कई कदम उठाए हैं। दुनिया का सबसे बड़ा Government Health Care Programme आयुष्मान भारत 500 मिलियन यानी America, Canada और Mexico की कुल आबादी से ज़्यादा लोगों को health cover देता है। यही नहीं, इस योजना के कारण भारत में health care में निवेश की अपार संभावनाएं बढ़ गयी हैं। आज भारत सबसे बड़ा health care consumer और quality healthcare provider भी है।स्वास्थ्य सेवा में technology के उपयोग ने क्रांति ला दी है। इससे न सिर्फ economic अवसर पैदा हुए हैं, बल्कि करोड़ों लोगों की productivity बढी है।

साथियों,

आज इस मंच से मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि भारत में प्रगति की ये रफ़्तार और तेज होगी। हम देश के विकास से जुड़ा हर फैसला ले रहे हैं। न हमारी नीतियों में भ्रम है और न ही हमारे लक्ष्य में संदेह।हमारे $ 5 trillion economy के लक्ष्य का roadmap तैयार है।यह लक्ष्य सिर्फ quantitative growth का ही नहीं है पर हर भारतीय की quality of life बेहतर करने का भी है। हम ease of doing business में ही नहीं ease of living में भी सुधार ला रहे हैं। Political stability, Predictable Policy और बड़े diverse market के कारण, भारत में आपका Investment सबसे अधिक लाभदायक रहेगा।

Friends,

हमारे साथी देशों का सहयोग हमारी विकास यात्रा का अभिन्न अंग है। सभी देशों के साथ पूरकता खोज कर, और सिनर्जी बढ़ा कर, हम win-win solution के लिए काम कर रहे हैं। Saudi Arabia के Vision 2030 और economy को diversify करने की योजनाओं में हम उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे।

Friends,

भारत की स्वतंत्रता को 2022 में 75 साल पूरे होंगे। हमने उस समय तक 'NEW INDIA' बनाने का लक्ष्य अपने सामने रखा है। उस NEW INDIA में हर भारतीय की आँखों में नये सपने होंगे, दिल में नया सम्बल होगा और कदमों में नई उर्जा होगी। उस नये भारत में नया सामर्थ्य और नई क्षमता होगी।

Friends

वह समर्थ और शक्तिमान भारत सिर्फ अपने लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए शांति और उल्लास का स्रोत होगा। इतिहास साक्षी है कि भारत जब दुनिया की सबसे बड़ी Economy था और सैन्य रूप से भी सबल था, तब भी हमने किसी पर दबाव नहीं डाला, किसी पर बल प्रयोग नहीं किया। भारत ने अपनी क्षमता और उपलब्धियों का पूरी दुनिया के साथ बांटा है। क्योंकि हमने पूरी दुनिया को एक परिवार माना है – 'वसुधैव कुटुम्बकम्'। नये भारत में शक्ति नयी होगी, लेकिन उसके चिंतन में वही सनातन आत्मा झलकेगी। हमारा विकास विश्व में विश्वास पैदा करेगा। हमारी प्रगति परस्पर प्रेम बढ़ायेगी।विश्व कल्याण के इस सफर में भारत के साथ पार्टनरशिप करने के लिए, मैं आपको, पूरे विश्व के बिजनेस को आमंत्रित करता हूँ। मैं और मेरी टीम सदैव आपकी सहायता के लिए तत्पर है। आपने मुझे कुछ विचार साझा करने का अवसर दिया और मुझे ध्यानपूर्वक सुना। इसके लिए मैं आप सब का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ।फिर एक बार crown prince का, kingdom का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए अपनी वाणी को विराम देता हूँ.बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

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भारत आज ग्लोबल इकोनॉमी का ग्रोथ ड्राइवर बन रहा है: पीएम मोदी
December 06, 2025
India is brimming with confidence: PM
In a world of slowdown, mistrust and fragmentation, India brings growth, trust and acts as a bridge-builder: PM
Today, India is becoming the key growth engine of the global economy: PM
India's Nari Shakti is doing wonders, Our daughters are excelling in every field today: PM
Our pace is constant, Our direction is consistent, Our intent is always Nation First: PM
Every sector today is shedding the old colonial mindset and aiming for new achievements with pride: PM

आप सभी को नमस्कार।

यहां हिंदुस्तान टाइम्स समिट में देश-विदेश से अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित हैं। मैं आयोजकों और जितने साथियों ने अपने विचार रखें, आप सभी का अभिनंदन करता हूं। अभी शोभना जी ने दो बातें बताई, जिसको मैंने नोटिस किया, एक तो उन्होंने कहा कि मोदी जी पिछली बार आए थे, तो ये सुझाव दिया था। इस देश में मीडिया हाउस को काम बताने की हिम्मत कोई नहीं कर सकता। लेकिन मैंने की थी, और मेरे लिए खुशी की बात है कि शोभना जी और उनकी टीम ने बड़े चाव से इस काम को किया। और देश को, जब मैं अभी प्रदर्शनी देखके आया, मैं सबसे आग्रह करूंगा कि इसको जरूर देखिए। इन फोटोग्राफर साथियों ने इस, पल को ऐसे पकड़ा है कि पल को अमर बना दिया है। दूसरी बात उन्होंने कही और वो भी जरा मैं शब्दों को जैसे मैं समझ रहा हूं, उन्होंने कहा कि आप आगे भी, एक तो ये कह सकती थी, कि आप आगे भी देश की सेवा करते रहिए, लेकिन हिंदुस्तान टाइम्स ये कहे, आप आगे भी ऐसे ही सेवा करते रहिए, मैं इसके लिए भी विशेष रूप से आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

इस बार समिट की थीम है- Transforming Tomorrow. मैं समझता हूं जिस हिंदुस्तान अखबार का 101 साल का इतिहास है, जिस अखबार पर महात्मा गांधी जी, मदन मोहन मालवीय जी, घनश्यामदास बिड़ला जी, ऐसे अनगिनत महापुरूषों का आशीर्वाद रहा, वो अखबार जब Transforming Tomorrow की चर्चा करता है, तो देश को ये भरोसा मिलता है कि भारत में हो रहा परिवर्तन केवल संभावनाओं की बात नहीं है, बल्कि ये बदलते हुए जीवन, बदलती हुई सोच और बदलती हुई दिशा की सच्ची गाथा है।

साथियों,

आज हमारे संविधान के मुख्य शिल्पी, डॉक्टर बाबा साहेब आंबेडकर जी का महापरिनिर्वाण दिवस भी है। मैं सभी भारतीयों की तरफ से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

Friends,

आज हम उस मुकाम पर खड़े हैं, जब 21वीं सदी का एक चौथाई हिस्सा बीत चुका है। इन 25 सालों में दुनिया ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। फाइनेंशियल क्राइसिस देखी हैं, ग्लोबल पेंडेमिक देखी हैं, टेक्नोलॉजी से जुड़े डिसरप्शन्स देखे हैं, हमने बिखरती हुई दुनिया भी देखी है, Wars भी देख रहे हैं। ये सारी स्थितियां किसी न किसी रूप में दुनिया को चैलेंज कर रही हैं। आज दुनिया अनिश्चितताओं से भरी हुई है। लेकिन अनिश्चितताओं से भरे इस दौर में हमारा भारत एक अलग ही लीग में दिख रहा है, भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ है। जब दुनिया में slowdown की बात होती है, तब भारत growth की कहानी लिखता है। जब दुनिया में trust का crisis दिखता है, तब भारत trust का pillar बन रहा है। जब दुनिया fragmentation की तरफ जा रही है, तब भारत bridge-builder बन रहा है।

साथियों,

अभी कुछ दिन पहले भारत में Quarter-2 के जीडीपी फिगर्स आए हैं। Eight परसेंट से ज्यादा की ग्रोथ रेट हमारी प्रगति की नई गति का प्रतिबिंब है।

साथियों,

ये एक सिर्फ नंबर नहीं है, ये strong macro-economic signal है। ये संदेश है कि भारत आज ग्लोबल इकोनॉमी का ग्रोथ ड्राइवर बन रहा है। और हमारे ये आंकड़े तब हैं, जब ग्लोबल ग्रोथ 3 प्रतिशत के आसपास है। G-7 की इकोनमीज औसतन डेढ़ परसेंट के आसपास हैं, 1.5 परसेंट। इन परिस्थितियों में भारत high growth और low inflation का मॉडल बना हुआ है। एक समय था, जब हमारे देश में खास करके इकोनॉमिस्ट high Inflation को लेकर चिंता जताते थे। आज वही Inflation Low होने की बात करते हैं।

साथियों,

भारत की ये उपलब्धियां सामान्य बात नहीं है। ये सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं है, ये एक फंडामेंटल चेंज है, जो बीते दशक में भारत लेकर आया है। ये फंडामेंटल चेंज रज़ीलियन्स का है, ये चेंज समस्याओं के समाधान की प्रवृत्ति का है, ये चेंज आशंकाओं के बादलों को हटाकर, आकांक्षाओं के विस्तार का है, और इसी वजह से आज का भारत खुद भी ट्रांसफॉर्म हो रहा है, और आने वाले कल को भी ट्रांसफॉर्म कर रहा है।

साथियों,

आज जब हम यहां transforming tomorrow की चर्चा कर रहे हैं, हमें ये भी समझना होगा कि ट्रांसफॉर्मेशन का जो विश्वास पैदा हुआ है, उसका आधार वर्तमान में हो रहे कार्यों की, आज हो रहे कार्यों की एक मजबूत नींव है। आज के Reform और आज की Performance, हमारे कल के Transformation का रास्ता बना रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण दूंगा कि हम किस सोच के साथ काम कर रहे हैं।

साथियों,

आप भी जानते हैं कि भारत के सामर्थ्य का एक बड़ा हिस्सा एक लंबे समय तक untapped रहा है। जब देश के इस untapped potential को ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलेंगे, जब वो पूरी ऊर्जा के साथ, बिना किसी रुकावट के देश के विकास में भागीदार बनेंगे, तो देश का कायाकल्प होना तय है। आप सोचिए, हमारा पूर्वी भारत, हमारा नॉर्थ ईस्ट, हमारे गांव, हमारे टीयर टू और टीय़र थ्री सिटीज, हमारे देश की नारीशक्ति, भारत की इनोवेटिव यूथ पावर, भारत की सामुद्रिक शक्ति, ब्लू इकोनॉमी, भारत का स्पेस सेक्टर, कितना कुछ है, जिसके फुल पोटेंशियल का इस्तेमाल पहले के दशकों में हो ही नहीं पाया। अब आज भारत इन Untapped पोटेंशियल को Tap करने के विजन के साथ आगे बढ़ रहा है। आज पूर्वी भारत में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी और इंडस्ट्री पर अभूतपूर्व निवेश हो रहा है। आज हमारे गांव, हमारे छोटे शहर भी आधुनिक सुविधाओं से लैस हो रहे हैं। हमारे छोटे शहर, Startups और MSMEs के नए केंद्र बन रहे हैं। हमारे गाँवों में किसान FPO बनाकर सीधे market से जुड़ें, और कुछ तो FPO’s ग्लोबल मार्केट से जुड़ रहे हैं।

साथियों,

भारत की नारीशक्ति तो आज कमाल कर रही हैं। हमारी बेटियां आज हर फील्ड में छा रही हैं। ये ट्रांसफॉर्मेशन अब सिर्फ महिला सशक्तिकरण तक सीमित नहीं है, ये समाज की सोच और सामर्थ्य, दोनों को transform कर रहा है।

साथियों,

जब नए अवसर बनते हैं, जब रुकावटें हटती हैं, तो आसमान में उड़ने के लिए नए पंख भी लग जाते हैं। इसका एक उदाहरण भारत का स्पेस सेक्टर भी है। पहले स्पेस सेक्टर सरकारी नियंत्रण में ही था। लेकिन हमने स्पेस सेक्टर में रिफॉर्म किया, उसे प्राइवेट सेक्टर के लिए Open किया, और इसके नतीजे आज देश देख रहा है। अभी 10-11 दिन पहले मैंने हैदराबाद में Skyroot के Infinity Campus का उद्घाटन किया है। Skyroot भारत की प्राइवेट स्पेस कंपनी है। ये कंपनी हर महीने एक रॉकेट बनाने की क्षमता पर काम कर रही है। ये कंपनी, flight-ready विक्रम-वन बना रही है। सरकार ने प्लेटफॉर्म दिया, और भारत का नौजवान उस पर नया भविष्य बना रहा है, और यही तो असली ट्रांसफॉर्मेशन है।

साथियों,

भारत में आए एक और बदलाव की चर्चा मैं यहां करना ज़रूरी समझता हूं। एक समय था, जब भारत में रिफॉर्म्स, रिएक्शनरी होते थे। यानि बड़े निर्णयों के पीछे या तो कोई राजनीतिक स्वार्थ होता था या फिर किसी क्राइसिस को मैनेज करना होता था। लेकिन आज नेशनल गोल्स को देखते हुए रिफॉर्म्स होते हैं, टारगेट तय है। आप देखिए, देश के हर सेक्टर में कुछ ना कुछ बेहतर हो रहा है, हमारी गति Constant है, हमारी Direction Consistent है, और हमारा intent, Nation First का है। 2025 का तो ये पूरा साल ऐसे ही रिफॉर्म्स का साल रहा है। सबसे बड़ा रिफॉर्म नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी का था। और इन रिफॉर्म्स का असर क्या हुआ, वो सारे देश ने देखा है। इसी साल डायरेक्ट टैक्स सिस्टम में भी बहुत बड़ा रिफॉर्म हुआ है। 12 लाख रुपए तक की इनकम पर ज़ीरो टैक्स, ये एक ऐसा कदम रहा, जिसके बारे में एक दशक पहले तक सोचना भी असंभव था।

साथियों,

Reform के इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए, अभी तीन-चार दिन पहले ही Small Company की डेफिनीशन में बदलाव किया गया है। इससे हजारों कंपनियाँ अब आसान नियमों, तेज़ प्रक्रियाओं और बेहतर सुविधाओं के दायरे में आ गई हैं। हमने करीब 200 प्रोडक्ट कैटगरीज़ को mandatory क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर से बाहर भी कर दिया गया है।

साथियों,

आज के भारत की ये यात्रा, सिर्फ विकास की नहीं है। ये सोच में बदलाव की भी यात्रा है, ये मनोवैज्ञानिक पुनर्जागरण, साइकोलॉजिकल रेनसां की भी यात्रा है। आप भी जानते हैं, कोई भी देश बिना आत्मविश्वास के आगे नहीं बढ़ सकता। दुर्भाग्य से लंबी गुलामी ने भारत के इसी आत्मविश्वास को हिला दिया था। और इसकी वजह थी, गुलामी की मानसिकता। गुलामी की ये मानसिकता, विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति में एक बहुत बड़ी रुकावट है। और इसलिए, आज का भारत गुलामी की मानसिकता से मुक्ति पाने के लिए काम कर रहा है।

साथियों,

अंग्रेज़ों को अच्छी तरह से पता था कि भारत पर लंबे समय तक राज करना है, तो उन्हें भारतीयों से उनके आत्मविश्वास को छीनना होगा, भारतीयों में हीन भावना का संचार करना होगा। और उस दौर में अंग्रेजों ने यही किया भी। इसलिए, भारतीय पारिवारिक संरचना को दकियानूसी बताया गया, भारतीय पोशाक को Unprofessional करार दिया गया, भारतीय त्योहार-संस्कृति को Irrational कहा गया, योग-आयुर्वेद को Unscientific बता दिया गया, भारतीय अविष्कारों का उपहास उड़ाया गया और ये बातें कई-कई दशकों तक लगातार दोहराई गई, पीढ़ी दर पीढ़ी ये चलता गया, वही पढ़ा, वही पढ़ाया गया। और ऐसे ही भारतीयों का आत्मविश्वास चकनाचूर हो गया।

साथियों,

गुलामी की इस मानसिकता का कितना व्यापक असर हुआ है, मैं इसके कुछ उदाहरण आपको देना चाहता हूं। आज भारत, दुनिया की सबसे तेज़ी से ग्रो करने वाली मेजर इकॉनॉमी है, कोई भारत को ग्लोबल ग्रोथ इंजन बताता है, कोई, Global powerhouse कहता है, एक से बढ़कर एक बातें आज हो रही हैं।

लेकिन साथियों,

आज भारत की जो तेज़ ग्रोथ हो रही है, क्या कहीं पर आपने पढ़ा? क्या कहीं पर आपने सुना? इसको कोई, हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ कहता है क्या? दुनिया की तेज इकॉनमी, तेज ग्रोथ, कोई कहता है क्या? हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ कब कहा गया? जब भारत, दो-तीन परसेंट की ग्रोथ के लिए तरस गया था। आपको क्या लगता है, किसी देश की इकोनॉमिक ग्रोथ को उसमें रहने वाले लोगों की आस्था से जोड़ना, उनकी पहचान से जोड़ना, क्या ये अनायास ही हुआ होगा क्या? जी नहीं, ये गुलामी की मानसिकता का प्रतिबिंब था। एक पूरे समाज, एक पूरी परंपरा को, अन-प्रोडक्टिविटी का, गरीबी का पर्याय बना दिया गया। यानी ये सिद्ध करने का प्रयास किया गया कि, भारत की धीमी विकास दर का कारण, हमारी हिंदू सभ्यता और हिंदू संस्कृति है। और हद देखिए, आज जो तथाकथित बुद्धिजीवी हर चीज में, हर बात में सांप्रदायिकता खोजते रहते हैं, उनको हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ में सांप्रदायिकता नज़र नहीं आई। ये टर्म, उनके दौर में किताबों का, रिसर्च पेपर्स का हिस्सा बना दिया गया।

साथियों,

गुलामी की मानसिकता ने भारत में मैन्युफेक्चरिंग इकोसिस्टम को कैसे तबाह कर दिया, और हम इसको कैसे रिवाइव कर रहे हैं, मैं इसके भी कुछ उदाहरण दूंगा। भारत गुलामी के कालखंड में भी अस्त्र-शस्त्र का एक बड़ा निर्माता था। हमारे यहां ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज़ का एक सशक्त नेटवर्क था। भारत से हथियार निर्यात होते थे। विश्व युद्धों में भी भारत में बने हथियारों का बोल-बाला था। लेकिन आज़ादी के बाद, हमारा डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग इकोसिस्टम तबाह कर दिया गया। गुलामी की मानसिकता ऐसी हावी हुई कि सरकार में बैठे लोग भारत में बने हथियारों को कमजोर आंकने लगे, और इस मानसिकता ने भारत को दुनिया के सबसे बड़े डिफेंस importers के रूप में से एक बना दिया।

साथियों,

गुलामी की मानसिकता ने शिप बिल्डिंग इंडस्ट्री के साथ भी यही किया। भारत सदियों तक शिप बिल्डिंग का एक बड़ा सेंटर था। यहां तक कि 5-6 दशक पहले तक, यानी 50-60 साल पहले, भारत का फोर्टी परसेंट ट्रेड, भारतीय जहाजों पर होता था। लेकिन गुलामी की मानसिकता ने विदेशी जहाज़ों को प्राथमिकता देनी शुरु की। नतीजा सबके सामने है, जो देश कभी समुद्री ताकत था, वो अपने Ninety five परसेंट व्यापार के लिए विदेशी जहाज़ों पर निर्भर हो गया है। और इस वजह से आज भारत हर साल करीब 75 बिलियन डॉलर, यानी लगभग 6 लाख करोड़ रुपए विदेशी शिपिंग कंपनियों को दे रहा है।

साथियों,

शिप बिल्डिंग हो, डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग हो, आज हर सेक्टर में गुलामी की मानसिकता को पीछे छोड़कर नए गौरव को हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है।

साथियों,

गुलामी की मानसिकता ने एक बहुत बड़ा नुकसान, भारत में गवर्नेंस की अप्रोच को भी किया है। लंबे समय तक सरकारी सिस्टम का अपने नागरिकों पर अविश्वास रहा। आपको याद होगा, पहले अपने ही डॉक्यूमेंट्स को किसी सरकारी अधिकारी से अटेस्ट कराना पड़ता था। जब तक वो ठप्पा नहीं मारता है, सब झूठ माना जाता था। आपका परिश्रम किया हुआ सर्टिफिकेट। हमने ये अविश्वास का भाव तोड़ा और सेल्फ एटेस्टेशन को ही पर्याप्त माना। मेरे देश का नागरिक कहता है कि भई ये मैं कह रहा हूं, मैं उस पर भरोसा करता हूं।

साथियों,

हमारे देश में ऐसे-ऐसे प्रावधान चल रहे थे, जहां ज़रा-जरा सी गलतियों को भी गंभीर अपराध माना जाता था। हम जन-विश्वास कानून लेकर आए, और ऐसे सैकड़ों प्रावधानों को डी-क्रिमिनलाइज किया है।

साथियों,

पहले बैंक से हजार रुपए का भी लोन लेना होता था, तो बैंक गारंटी मांगता था, क्योंकि अविश्वास बहुत अधिक था। हमने मुद्रा योजना से अविश्वास के इस कुचक्र को तोड़ा। इसके तहत अभी तक 37 lakh crore, 37 लाख करोड़ रुपए की गारंटी फ्री लोन हम दे चुके हैं देशवासियों को। इस पैसे से, उन परिवारों के नौजवानों को भी आंत्रप्रन्योर बनने का विश्वास मिला है। आज रेहड़ी-पटरी वालों को भी, ठेले वाले को भी बिना गारंटी बैंक से पैसा दिया जा रहा है।

साथियों,

हमारे देश में हमेशा से ये माना गया कि सरकार को अगर कुछ दे दिया, तो फिर वहां तो वन वे ट्रैफिक है, एक बार दिया तो दिया, फिर वापस नहीं आता है, गया, गया, यही सबका अनुभव है। लेकिन जब सरकार और जनता के बीच विश्वास मजबूत होता है, तो काम कैसे होता है? अगर कल अच्छी करनी है ना, तो मन आज अच्छा करना पड़ता है। अगर मन अच्छा है तो कल भी अच्छा होता है। और इसलिए हम एक और अभियान लेकर आए, आपको सुनकर के ताज्जुब होगा और अभी अखबारों में उसकी, अखबारों वालों की नजर नहीं गई है उस पर, मुझे पता नहीं जाएगी की नहीं जाएगी, आज के बाद हो सकता है चली जाए।

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि आज देश के बैंकों में, हमारे ही देश के नागरिकों का 78 thousand crore रुपया, 78 हजार करोड़ रुपए Unclaimed पड़ा है बैंको में, पता नहीं कौन है, किसका है, कहां है। इस पैसे को कोई पूछने वाला नहीं है। इसी तरह इन्श्योरेंश कंपनियों के पास करीब 14 हजार करोड़ रुपए पड़े हैं। म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास करीब 3 हजार करोड़ रुपए पड़े हैं। 9 हजार करोड़ रुपए डिविडेंड का पड़ा है। और ये सब Unclaimed पड़ा हुआ है, कोई मालिक नहीं उसका। ये पैसा, गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों का है, और इसलिए, जिसके हैं वो तो भूल चुका है। हमारी सरकार अब उनको ढूंढ रही है देशभर में, अरे भई बताओ, तुम्हारा तो पैसा नहीं था, तुम्हारे मां बाप का तो नहीं था, कोई छोड़कर तो नहीं चला गया, हम जा रहे हैं। हमारी सरकार उसके हकदार तक पहुंचने में जुटी है। और इसके लिए सरकार ने स्पेशल कैंप लगाना शुरू किया है, लोगों को समझा रहे हैं, कि भई देखिए कोई है तो अता पता। आपके पैसे कहीं हैं क्या, गए हैं क्या? अब तक करीब 500 districts में हम ऐसे कैंप लगाकर हजारों करोड़ रुपए असली हकदारों को दे चुके हैं जी। पैसे पड़े थे, कोई पूछने वाला नहीं था, लेकिन ये मोदी है, ढूंढ रहा है, अरे यार तेरा है ले जा।

साथियों,

ये सिर्फ asset की वापसी का मामला नहीं है, ये विश्वास का मामला है। ये जनता के विश्वास को निरंतर हासिल करने की प्रतिबद्धता है और जनता का विश्वास, यही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। अगर गुलामी की मानसिकता होती तो सरकारी मानसी साहबी होता और ऐसे अभियान कभी नहीं चलते हैं।

साथियों,

हमें अपने देश को पूरी तरह से, हर क्षेत्र में गुलामी की मानसिकता से पूर्ण रूप से मुक्त करना है। अभी कुछ दिन पहले मैंने देश से एक अपील की है। मैं आने वाले 10 साल का एक टाइम-फ्रेम लेकर, देशवासियों को मेरे साथ, मेरी बातों को ये कुछ करने के लिए प्यार से आग्रह कर रहा हूं, हाथ जोड़कर विनती कर रहा हूं। 140 करोड़ देशवसियों की मदद के बिना ये मैं कर नहीं पाऊंगा, और इसलिए मैं देशवासियों से बार-बार हाथ जोड़कर कह रहा हूं, और 10 साल के इस टाइम फ्रैम में मैं क्या मांग रहा हूं? मैकाले की जिस नीति ने भारत में मानसिक गुलामी के बीज बोए थे, उसको 2035 में 200 साल पूरे हो रहे हैं, Two hundred year हो रहे हैं। यानी 10 साल बाकी हैं। और इसलिए, इन्हीं दस वर्षों में हम सभी को मिलकर के, अपने देश को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करके रहना चाहिए।

साथियों,

मैं अक्सर कहता हूं, हम लीक पकड़कर चलने वाले लोग नहीं हैं। बेहतर कल के लिए, हमें अपनी लकीर बड़ी करनी ही होगी। हमें देश की भविष्य की आवश्यकताओं को समझते हुए, वर्तमान में उसके हल तलाशने होंगे। आजकल आप देखते हैं कि मैं मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान पर लगातार चर्चा करता हूं। शोभना जी ने भी अपने भाषण में उसका उल्लेख किया। अगर ऐसे अभियान 4-5 दशक पहले शुरू हो गए होते, तो आज भारत की तस्वीर कुछ और होती। लेकिन तब जो सरकारें थीं उनकी प्राथमिकताएं कुछ और थीं। आपको वो सेमीकंडक्टर वाला किस्सा भी पता ही है, करीब 50-60 साल पहले, 5-6 दशक पहले एक कंपनी, भारत में सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने के लिए आई थी, लेकिन यहां उसको तवज्जो नहीं दी गई, और देश सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में इतना पिछड़ गया।

साथियों,

यही हाल एनर्जी सेक्टर की भी है। आज भारत हर साल करीब-करीब 125 लाख करोड़ रुपए के पेट्रोल-डीजल-गैस का इंपोर्ट करता है, 125 लाख करोड़ रुपया। हमारे देश में सूर्य भगवान की इतनी बड़ी कृपा है, लेकिन फिर भी 2014 तक भारत में सोलर एनर्जी जनरेशन कपैसिटी सिर्फ 3 गीगावॉट थी, 3 गीगावॉट थी। 2014 तक की मैं बात कर रहा हूं, जब तक की आपने मुझे यहां लाकर के बिठाया नहीं। 3 गीगावॉट, पिछले 10 वर्षों में अब ये बढ़कर 130 गीगावॉट के आसपास पहुंच चुकी है। और इसमें भी भारत ने twenty two गीगावॉट कैपेसिटी, सिर्फ और सिर्फ rooftop solar से ही जोड़ी है। 22 गीगावाट एनर्जी रूफटॉप सोलर से।

साथियों,

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने, एनर्जी सिक्योरिटी के इस अभियान में देश के लोगों को सीधी भागीदारी करने का मौका दे दिया है। मैं काशी का सांसद हूं, प्रधानमंत्री के नाते जो काम है, लेकिन सांसद के नाते भी कुछ काम करने होते हैं। मैं जरा काशी के सांसद के नाते आपको कुछ बताना चाहता हूं। और आपके हिंदी अखबार की तो ताकत है, तो उसको तो जरूर काम आएगा। काशी में 26 हजार से ज्यादा घरों में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के सोलर प्लांट लगे हैं। इससे हर रोज, डेली तीन लाख यूनिट से अधिक बिजली पैदा हो रही है, और लोगों के करीब पांच करोड़ रुपए हर महीने बच रहे हैं। यानी साल भर के साठ करोड़ रुपये।

साथियों,

इतनी सोलर पावर बनने से, हर साल करीब नब्बे हज़ार, ninety thousand मीट्रिक टन कार्बन एमिशन कम हो रहा है। इतने कार्बन एमिशन को खपाने के लिए, हमें चालीस लाख से ज्यादा पेड़ लगाने पड़ते। और मैं फिर कहूंगा, ये जो मैंने आंकडे दिए हैं ना, ये सिर्फ काशी के हैं, बनारस के हैं, मैं देश की बात नहीं बता रहा हूं आपको। आप कल्पना कर सकते हैं कि, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, ये देश को कितना बड़ा फायदा हो रहा है। आज की एक योजना, भविष्य को Transform करने की कितनी ताकत रखती है, ये उसका Example है।

वैसे साथियों,

अभी आपने मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग के भी आंकड़े देखे होंगे। 2014 से पहले तक हम अपनी ज़रूरत के 75 परसेंट मोबाइल फोन इंपोर्ट करते थे, 75 परसेंट। और अब, भारत का मोबाइल फोन इंपोर्ट लगभग ज़ीरो हो गया है। अब हम बहुत बड़े मोबाइल फोन एक्सपोर्टर बन रहे हैं। 2014 के बाद हमने एक reform किया, देश ने Perform किया और उसके Transformative नतीजे आज दुनिया देख रही है।

साथियों,

Transforming tomorrow की ये यात्रा, ऐसी ही अनेक योजनाओं, अनेक नीतियों, अनेक निर्णयों, जनआकांक्षाओं और जनभागीदारी की यात्रा है। ये निरंतरता की यात्रा है। ये सिर्फ एक समिट की चर्चा तक सीमित नहीं है, भारत के लिए तो ये राष्ट्रीय संकल्प है। इस संकल्प में सबका साथ जरूरी है, सबका प्रयास जरूरी है। सामूहिक प्रयास हमें परिवर्तन की इस ऊंचाई को छूने के लिए अवसर देंगे ही देंगे।

साथियों,

एक बार फिर, मैं शोभना जी का, हिन्दुस्तान टाइम्स का बहुत आभारी हूं, कि आपने मुझे अवसर दिया आपके बीच आने का और जो बातें कभी-कभी बताई उसको आपने किया और मैं तो मानता हूं शायद देश के फोटोग्राफरों के लिए एक नई ताकत बनेगा ये। इसी प्रकार से अनेक नए कार्यक्रम भी आप आगे के लिए सोच सकते हैं। मेरी मदद लगे तो जरूर मुझे बताना, आईडिया देने का मैं कोई रॉयल्टी नहीं लेता हूं। मुफ्त का कारोबार है और मारवाड़ी परिवार है, तो मौका छोड़ेगा ही नहीं। बहुत-बहुत धन्यवाद आप सबका, नमस्कार।