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भारत और पुर्तगाल संस्कृति से आपस में जुड़े हुए हैं: प्रधानमंत्री मोदी 
भारत आज विश्व में सबसे तेज़ी से बढ़ रहे देशों में से एक: प्रधानमंत्री 
योग दिवस समारोह में पूरे उत्साह से भाग लेने के लिए पुर्तगाल के लोगों को धन्यवाद: प्रधानमंत्री 
अंतरिक्ष के क्षेत्र में हमारे वैज्ञानिकों ने बेहतरीन काम किया है। हाल ही में हमने 30 नैनो उपग्रहों को लॉन्च किया है: प्रधानमंत्री

मुझे यहा आने का अवसर मिला और जिस प्रकार से प्रधानमंत्री जी ने, पुर्तगाल की सरकार ने, यहां के लोगों ने हमारा स्‍वागत-सम्‍मान किया। इसके लिए मैं उनका बहुत आभारी हूं और यह स्‍वागत-सम्‍मान एक व्‍यक्ति का नहीं सवा सौ करोड़ हिंदुस्‍तानियों का स्‍वागत है।

यह राधाकृष्‍ण मंदिर एक प्रकार से यहां की सामाजिक चेतना का प्रतीक है। सभी सम्‍प्रदाय के लोग उनके प्रतिनिधियों से आज मुझे मिलने का सौभाग्‍य मिला है। कोई भेद रेखा नहीं है और यही भारत की विशेषता है, यह विविधता यही भारत की पहचान है और यही भारत की ताकत है।

पिछले दिनों पुर्तगाल में forest fire के कारण एक बहुत बड़ा हादसा हो गया। कई निर्दोष लोग उस आग में शिकार हो गए। जिन-जिन लोगों की मृत्‍यु हुई, उनके सबके प्रति मैं उन सबके प्रति मैं आदरपूर्वक श्रद्धांजलि व्‍यक्‍त करता हूं और उनके परिवारजनों को परमात्‍मा शक्ति दें, यह प्रर्थाना करता हूं।

पुर्तगाल का भारत के सांस्‍कृतिक विरासत के रूप में एक संबंध रहा, बड़ी निकटता रही। लेकिन गुजरात के साथ उनका एक विशेष नाता रहा। हम सब सुनते आये हैं कि कि वास्‍कोडिगामा जब भारत पहुंचे तो, कहते हैं - एक गुजराती कांजी मालम उन्‍होंने वास्‍कोडिगामा का मार्गदर्शन किया और उनकी मदद से वो वास्‍कोडिगामा भारत पहुंचे। कांजी मालम गुजरात से निकलेंगे, अफ्रीका में settle हुए, वहां एक बंदरगाह पर उनकी मुलाकात वास्‍कोडिगामा से हुई और वहीं से भारत जाने की उनकी यात्रा बनी। तो इस प्रकार से कांजी मालम के माध्‍यम से पूरे यूरोप का भारत के साथ व्‍यापारिक संबंधों का प्रारंभ हो गया और पुर्तगाल का उसका बड़ा महत्‍व है। तो यह नाता जिनके साथ हमारा रहा है, पुराना नता रहा है।

यह बात सही है कि 70 साल में पहली बार हिंदुस्‍तान से कोई प्रधानमंत्री bilateral visit के लिए यहां आया है और यह सौभाग्‍य मुझे मिला है। जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तो वे यहां आए थे, लेकिन उस समय उनकी यात्रा bilateral visit के रूप में नहीं थी, यूरोपियन यूनियन की एक कॉन्‍फ्रेंस के लिए वो आए थे। मुझे यह सौभाग्‍य मिला आज आने का और कई विषयों पर जैसे प्रधानमंत्री जी ने बताया, कई विषयों पर चर्चा हुई, कई महव्‍पूर्ण निर्णय किए और भारत और पुर्तगाल कंधे से कंधा मिला करके, हम दोनों के पास जो अनुभव है, दोनों के पास जो शक्ति है, दोनों की जो आवश्‍यकता है, उसको ले करके आगे बढ़ने की दिशा में कई महत्‍वपूर्ण निर्णय किए हैं।

पुर्तगाल के महान नेता Shri Mario Soares 1992 में भारत के गणतंत्र दिवस के मुख्‍य मेहमान के रूप में पधारे थे। उन्‍हीं के कालखंड में भारत और पुर्तगाल के संबंधों को एक नई ऊर्जा, नई चेतना मिली थी और जब प्रधानमंत्री जी भारत थे, उसी समय उनका यहां स्‍वर्गवास हुआ, तो भारत के लोगों ने प्रवासी भारतीय दिवस में सामूहिक रूप से उनको श्रद्धांजलि दी थी। तो यह आदर-भाव पुर्तगाल के साथ भारत का बना हुआ है।

पिछले दिनों मुझे यहां के पूर्व प्रधानमंत्री और अब United Nations के Secretary General श्रीमान एंटोनियो गुटेरेस से रशिया में मिलने का सौभाग्‍य मिला और मैं इतना प्रसन्‍न था कि उनके साथ बातों में उन्‍होंने योगा पर इतनी detail चर्चा की मेरे साथ। उन्‍होंने कहा मेरे परिवार के सभी व्‍यक्ति योगा से जुड़े हुए हैं। योगा के प्रति उनका आदर-भाव और आज भी मैंने देखा यहां के नागरिकों ने योगा का बहुत अच्‍छा उत्‍तम प्रदर्शन किया। ओंकार मंत्र का जाप किया, ओम नम: शिवाय का जाप किया। और योग को मने.. आज प्रधानमंत्री जी मेरे से चर्चा कर रहे थे Holistic Health Care की Preventive Health Care की Low-Cost Health Care की और उन सब के अंदर वो बड़े आत्‍मविश्‍वास के साथ कह रहे थे कि हम पुर्तगाल में योग के माध्‍यम से wellness की movement और स्‍कूलों में भी योग के माध्‍यम से बच्‍चों को प्रशिक्षित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। मैं प्रधानमंत्री जी को हृदय से अभिनंदन कर रहा हूं कि पुर्तगाल ने योग के आंदोलन को आगे बढ़ाने में पूरे यूरोप में पुर्तगाल lead रह रहा है, और पिछले दिनों 21 जून को भी जब अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस हुआ। पूरा विश्‍व योग मना रहा था, उस समय पुर्तगाल ने भी बहुत बड़ी मात्रा में उत्‍साह और उमंग के साथ उसमें शरीक हुए। मैं पुर्तगाल के योग प्रेमी भाईयों-बहनों का भी हृदय से अभिनंदन करता हूं। और मानव कल्‍याण के लिए Zero coast Health Care के लिए योग की जो movement चली है, उसको जब प्रधानमंत्री जी स्‍वयं आशीर्वाद दे रहे हैं, मुझे विश्‍वास है कि पुर्तगाल की भावी पीढ़ी के जीवन के लिए यह उनकी बहुत बड़ी सौगात होने वाली है और आने वाली सदियों तक लोग उनको याद करने वाले हैं।

पुर्तगाल ने startup की दुनिया में अपना नाम कमाया। यहां के youth ने उनके talent ने और सरकार की pro-active नीतियों के कारण startup movement को एक बहुत बड़ा बल मिला है। और पुर्तगाल एक प्रकार से startup का एक बहुत बड़ा creative hub बन सकता है। आज भारत ने और पुर्तगाल ने एक portal launch किया है। जिसमें startup के क्षेत्र में, innovation के क्षेत्र में काम करने वाले नौजवान मिल करक अपने experience share करते हुए, अपने achievement share करते हुए एक Global Platform का निमार्ण करने की दिशा में आगे बढ़े। पिछले दिनों जब startup event यहां हुआ था भारत से सात सौ से ज्‍यादा startup को ले करके काम करने वाले innovation में जुड़े हुए सारे नौजवान यहां आए थे और एक बड़ा प्रेरक कार्यक्रम, एक बड़ा प्रेरणा का काम यहां पर हुआ था।

पुर्तगाल sports की दुनिया में भी भारत के साथ जुड़ा हुआ है। और जब sports की चर्चा आती है तो क्रिस्टियानो रोनाल्डो उसको कौन याद नहीं करेगा। ऐसे-ऐसे क्षमतवान लोग फुटबॉल की दुनिया के लिए प्रेरक हैं। भारत में भी रोनाल्डो का नाम सुनते ही फुटबॉल के खिलाडि़यों में एक नई ऊर्जा और चेतना आ जाती है। तो यह एक प्रकार से अनेक क्षेत्र हैं कि जिसमें हम बहुत कुछ मिल करके काम कर सकते हैं। हमारे democratic values हैं। हम विश्‍व के सभी समुदायों को अपने साथ ले करके चलने वाले स्‍वभाव के देश हैं। हम मिल करके न सिर्फ भारत और पुर्तगाल का ही भला करे, लेकिन हम मिल करके दुनिया की भलाई के अंदर भी अपना बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं और आज वो अवसर मैं देख रहा हूं, यहां की ताकत को मैं अनुभव कर रहा हूं।

भाईयों-बहनों भारत बहुत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। विकास की नई ऊंचाईयों को पार कर रहा है। भारत भाग्‍यशाली है, वो आज युवा देश है। 65 प्रतिशत जनसंख्‍या 35 से कम आयु की। जिस देश के पास ऐसी जवानी हो, वो देश के सपने भी जवान होते हैं और उन जवान सपनों का सामर्थ्‍य भी कुछ और होता है। और उसको ले करके भारत नई सीमाओं को पार करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। हर क्षेत्र में भारत आज विकास की बुलंदियों की ओर छू रहा है।

पिछले तीन वर्ष से मुझे देश में प्रधान सेवक के रूप में सेवा करने का अवसर मिला है और आप अनुभव करते होंगे आपके पास खबरें पहुंचती होंगी और आजकल तो social media के कारण बहुत सी बातें बड़ी आसानी से मिल जाती हैं। आप में से बहुत लोग होंगे जो शायद NarendraModiApp को भी अपने मोबाइल में download किया होगा। नहीं किया हो तो जरूर कर लीजिए। मैं हर पल, हर पल आपके जेब में रहता हूं। आपके मोबाइल फोन में available रहता हूं। भारत की हर गतिविधि का परिचय विकास कितनी तेजी से हो रहा है, कितने क्षेत्रों में हो रहा है आपको मिलता होगा।

स्‍पेस की दुनिया में भारत के youth ने, भारत के वैज्ञानिकों ने कमाल करके दिखा दिया। कल ही 30 Nano-satellites launch करने का काम भारत के स्‍पेस साइंटिस्‍टों ने किया। कुछ दिन पहले हमारे स्‍पेस साइंटिस्‍टों ने World Record बनाया। एक साथ 104 satellites को लॉन्‍च करके दुनिया को अचरज हो गया था यह शक्ति भारत के पास है तो भारत एक नई ऊर्जा के साथ सामर्थ्‍य के साथ विकास की नई ऊंचाईयों को पार कर रहा है।

आर्थिक क्षेत्र में भी अनेक विद्-नये बदलाव आ रहे हैं। नियमों में बदलाव आ रहे हैं। foreign direct investment के लिए कई द्वार खोल दिए गए हैं। भारत में 21वीं सदी के अनुकूल infrastructure बने। हमारे रेल, रोड 21वीं सदी के अनुकूल global benchmark वाले कैसे बने उस दिशा में इन दिनों भारत लगातार कोशिश कर रहा है। तेज गति से आगे बढ़ रहा है।

Tourism की दृष्टि से भी पहले की तुलना में बहुत बड़ी मात्रा में विश्‍व का ध्‍यान आकर्षित किया है भारत ने। भारत को जानना, पहचानना, भारत से कुछ पाना यह विश्‍व में एक आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पिछले एक साल में ही बहुत बड़ी मात्रा में विदेशी टूरिस्‍टों की संख्‍या भारत में बढ़ रही है। हर क्षेत्र में भारत विकास की नई ऊंचाईयों को पार कर रहा है।

और मुझे विश्‍वास है कि विश्‍व में फैले हुए मेरे भारतीय समुदाय के भाई-बहन और हमें खुशी है कि भारतीय जहां गए हैं, वहां अपनी पंरपराओं को बरकरार रखा। अपनी सांस्‍कृतिक विरासत को बनाए रखा। यहां बहुत लोग होंगे कोई दो पीढ़ी वाले होंगे, कोई तीसरी पीढ़ी के होंगे, कोई नई पीढ़ी के होंगे, लेकिन आज भी अपनी उन महान परंपराओं के प्रति उतना ही गर्व है। लेकिन साथ-साथ जिस मिट्टी की रोटी खाते हैं, जिसका नमक खाते हैं उस देश के लिए भी जी-जान से काम करते हैं। आप लोग पुर्तगाल के लिए भी उसी भाव से काम कर रहे हैं, समर्पित भाव से काम कर रहे हैं। और दुनिया में जहां-जहां भारतीय गया है, उस समाज के साथ घुल‍-मिल जाना उस समाज के विकास के अंदर अपना योगदान देना, जितना भी positive करना है, वो करते रहना, अपनी पंरपराओं को निभाते हुए करते रहना यह भारतीय समाज की विशेषता रही है। सर्व-समावेश से स्‍वभाव है हमारा, क्‍योंकि भारत में हमारा लालन-पालन ही जिस देश में सौ भाषाएं बोली जाती हा। जिस देश के अंदर 1700 से ज्‍यादा बोलियां हो, जिस देश में हर 20 मील के बाद खान-पान का नया टेस्‍ट मिलता हो। इतनी विविधताओं के बीच जो पले-बढ़े हैं। वो दुनिया की हर विविधता को अपने में समाहित करने का सामर्थ्‍य रखते हैं और उस संस्‍कारों के कारण आज विश्‍व में एक स्‍वीकृत समाज के नाते, एक acceptable society के नाते भारतीय समाज ने अपनी जगह बनाई है। यह काम आपने किया है, आपके पूर्वजों ने किया है। एक प्रकार से भारत के सच्‍चे ambassador के रूप में आप सब मेरे भारतवासी काम कर रहे हैं। मैं आपको हदृय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

आज आपके बीच आने का अवसर मिला। बहुत-बहुत धन्‍यवाद। आप सबको मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं। विवा पुर्तगाल।

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Text of PM’s address at the closing ceremony of Kashi Sansad Sanskritik Mahotsav 2023 and dedication of Atal Awasiya Vidyalayas in Varanasi
September 23, 2023
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Inaugurates 16 Atal Awasiya Vidyalayas
“Efforts like Kashi Sansad Sanskritik Mahotsav strengthen the cultural vibrancy of this ancient city”
With the blessings of Mahadev, Kashi is scripting unprecedented dimensions of development”
“Kashi and culture are the two names of the same energy”
“Music flows in every corner of Kashi, after all, this is the city of Natraj himself
“When I came here in 2014, the dream of development and heritage of Kashi that I had imagined is now slowly coming true”
“Varanasi has been a center of learning for centuries due its all inclusive spirit”
“I want the culture of tourist guides to flourish in Kashi and Tourist Guides of Kashi to be the most respected in the world”

हर हर महादेव!

उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान योगी आदित्यनाथ जी, मंच पर उपस्थित सभी महानुभाव, काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के सभी प्रतिभागी साथियों, और रुद्राक्ष सेंटर में उपस्थित मेरे प्यारे काशीवासियों!

बाबा के आशीर्वाद से काशी का सम्मान आज नित नई-नई ऊँचाइयों को छू रहा है। G-20 समिट के जरिए भारत ने पूरी दुनिया में अपना झण्डा गाड़ा है, लेकिन उसमें काशी की चर्चा विशेष है। काशी की सेवा, काशी का स्वाद, काशी की संस्कृति और काशी का संगीत....जी-20 के लिए जो-जो मेहमान काशी आया वो इसे अपनी यादों में समेटते हुए साथ लेकर के गया है। मैं मानता हूँ कि G-20 की ये अद्भुत सफलता महादेव के आशीर्वाद से ही संभव हुई है।

साथियों,

बाबा की कृपा से काशी अब विकास के ऐसे आयाम गढ़ रही है, जो अभूतपूर्व हैं। आपको भी लगता है ना? आप बोलेंगे तो पता चलेगा। मैं जो कह रहा हूं आपको सच लग रहा है? आप बदलाव देख रहे हैं? काशी चमक रही है? दुनिया में काशी का नाम बढ़ता चला जा रहा है?

साथियों,

आज ही मैंने बनारस के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास किया है। और अभी-अभी मुझे यूपी के 16 अटल आवासीय विद्यालयों के लोकार्पण का अवसर भी मिला है। मैं इन सभी उपलब्धियों के लिए काशीवासियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। उत्तर प्रदेश के लोगों को बधाई देता हूं, मेरे श्रमिक परिवारों को बधाई देता हूं।

मेरे परिवारजनों,

2014 में जब मैं यहाँ आया था, तो मैंने जिस काशी की कल्पना की थी, विकास और विरासत का वो सपना अब धीरे-धीरे साकार हो रहा है। दिल्ली में व्यस्तता के बीच भी मैं काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के जो आपका कार्यक्रम चला और मैंने तो देखा बहुत व्यापक रूप से लोगों ने हिस्सा लिया, तो मैं कभी रात को देर से पहुंचता था तो भी दो पांच दस मिनट निकालकर के वीडियो देख लेता था क्या चल रहा है? और मैंने देखा बड़ी प्रभावित करने वाली आपकी प्रस्तुतियां थी। अद्भुत संगीत, अद्भुत प्रस्तुति! मुझे गर्व है कि सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के जरिए मुझे इस क्षेत्र की, इस धरती की, इतनी प्रतिभाओं से सीधा जुड़ने का अवसर मिल गया। और अभी तो इस आयोजन का ये पहला साल रहा है। लेकिन फिर भी इसमें करीब 40 हजार लोगों ने, कलाकारों ने हिस्सा लिया, और लाखों दर्शक प्रत्यक्ष रूप में इसका आनंद लेने के लिए आए। मुझे विश्वास है, बनारस के लोगों के प्रयास से, आने वाले वर्षों में ये सांस्कृतिक महोत्सव अपने आप में काशी की एक अलग पहचान बनने वाला है। इसका सामर्थ्य इतना बढ़ने वाला है कि हर कोई लिखेगा कि मैं उस स्पर्धा में मैंने हिस्स लिया था। मैंने उस स्पर्धा में ईनाम पाया था। और दुनिया भी पूछेगी अच्छा उसमें आप नंबर लाए थे तो आ जाइये आपके इंटरव्यू की जरूरत नहीं है, ये होने वाला है। ये देश दुनिया के पर्यटकों के लिए ये हमारा काशी आकर्षण का एक नया केंद्र भी बनेगा ये मानकर के चलिए।

मेरे परिवारजनों,

काशी और संस्कृति, एक ही चीज के, एक ही ऊर्जा के दो नाम हैं। आप उनको अलग कर ही नहीं सकते। और काशी को तो देश की सांस्कृतिक राजधानी होने का गौरव प्राप्त है। और काशी की तो गली-गली में गीत गूँजते हैं। और ये स्वाभाविक भी है। क्योंकि ये नटराज की अपनी नगरी है। और सारी नृत्य कलाएं नटराज के तांडव से ही प्रकट हुई हैं। सारे स्वर महादेव के डमरू से उत्पन्न हुये हैं। सारी विधाओं ने बाबा के विचारों से जन्म लिया है। इन्हीं कलाओं और विधाओं को भरत मुनि जैसे आदि आचार्यों ने व्यवस्थित और विकसित किया। और काशी मतलब ‘सात वार- नौ त्यौहार’, ये ‘सात वार- और नौ त्यौहार’ वाली मेरी काशी में कोई भी उत्सव गीत-संगीत के बिना पूरा हो ही नहीं सकता। चाहे घर की बैठकी हो या बजड़े पर बुढवा मंगल, भरत मिलाप हो या नाग नथैया, संकटमोचन का संगीत समारोह हो या देव-दीपावली पर यहाँ सब कुछ सुरों में समाया हुआ है।

साथियों,

काशी में शास्त्रीय संगीत की जितनी गौरवशाली परंपरा है, उतने ही अद्भुत यहाँ के लोकगीत भी हैं। यहाँ तबला भी है, यहाँ शहनाई और सितार भी है। यहाँ सारंगी के सुर भी हैं, यहाँ वीणा का वादन भी है। ख्याल, ठुमरी, दादरा, चैती और कजरी जैसी कितनी ही विधाओं को बनारस ने सदियों से सहेजकर रखा है। पीढ़ी-दर-पीढ़ी परिवारों ने, गुरू-शिष्य परम्पराओं ने भारत की इस मधुर आत्मा को जीवित बनाए रखा। बनारस का तेलिया घराना, पियरी घराना, रामापुरा-कबीरचौरा मोहल्ले के संगीतज्ञ, ये विरासत अपने आपमें कितनी समृद्ध रही है! बनारस के ऐसे कितने ही कलाकार हैं, जिन्होंने पूरे विश्व में अपनी छाप छोड़ी है। मैं सबके नाम लेना शुरू करूंगा तो शायद कितने दिन निकल जाएँ। कितने ही विश्व प्रसिद्ध नाम यहाँ अभी हमारे सामने उपस्थित हैं। मेरा सौभाग्य है कि मुझे बनारस के ऐसे कई सांस्कृतिक आचार्यों से मिलने का, उनके साथ समय बिताने का सौभाग्य मिला है।

साथियों,

आज यहां काशी सांसद खेल प्रतियोगिता के पोर्टल को भी लॉन्च किया गया है। सांसद खेल प्रतियोगिता हो, सांसद सांस्कृतिक महोत्सव हो, काशी में नई परंपराओं की ये तो शुरुआत है। अब यहां काशी सांसद ज्ञान प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा। कोशिश यही है कि काशी के इतिहास, यहां की समृद्ध विरासत, यहां के त्योहार, यहां के खान-पान के प्रति जागरूकता और बढ़े। सांसद ज्ञान प्रतियोगिता भी बनारस के शहरी और ग्रामीण इलाकों में अलग-अलग स्तर पर आयोजित की जाएगी।

साथियों,

काशी के बारे में सबसे ज्यादा काशी के ही लोग जानते हैं, और यहां का हर व्यक्ति, हर परिवार वो सच्चे अर्थों में काशी का ब्रांड एंबेसडर है। लेकिन साथ ही ये भी जरूरी है कि सभी लोग काशी के बारे में अपनी जानकारी को अच्छी तरह बता पाएं। और इसलिए शायद देश में पहली बार मेरे मन में एक इच्छा है, यहां शुरू करूं। अब सबका साथ मिलेगा? आपको पता तो है नहीं मैं क्या कहने वाला हूं, फिर भी हां कह दिया। देखिए कोई भी टूरिस्ट प्लेस होता है, यात्रा धाम होता है तो वहां पर आज के युग में उत्तम से उत्तम गाइड बहुत आवश्यक होते हैं। और गाइड प्रतिभावान हो, जानकारियों के संबंध में परफैक्ट हो, गोलमोल नहीं। ये दो सौ साल है दूसरा बोलेगा ढाई सो साल पुराना है, तीसरा बोलेगा तीन सौ साल पुराना है, ऐसा नहीं। वो 240 बोलेगा मतलब 240। ये ताकत काशी में होनी चाहिए। और आजकल टूरिस्ट गाइड का भी एक बहुत बड़ा रोजगार बन रहा है। क्योंकि जो टूरिस्ट आता है वो सब चीजों को समझना चाहता है। और टूरिस्ट गाइड को पैसे भी देना चाहता है। और इसलिए मेरी एक इच्छा है और मैं कोशिश कर रहा हूं शुरू करेंगे अब यहां काशी सांसद टूरिस्ट गाइड उसकी कम्पटीशन भी आयोजित की जाएगी। आप गाइड बनकर के आइये, लोगों को समझाइये कि जगह के विषय में और इनाम पाईये। उसके कारण लोगों को पता चलेगा कि इस शहर में गाइड का एक कल्चर बन रहा है। और मुझे ये काम इसलिए करना है कि मैं चाहता हूं कि मेरी काशी का पूरी दुनिया में डंका बजना चाहिए। और में चाहता हूं कि पूरी दुनिया में अगर कोई कहीं गाइड की बात करे तो काशी के गाइड्स का नाम सबसे सम्मान से लिया जाए। मैं सभी काशी वासियों से अपील करना चाहूंगा कि आप अभी से तैयारी करिए, और बढ़-चढ़कर के उसमें हिस्सा लें।

मेरे परिवारजनों,

हमारा बनारस सदियों से शिक्षा का भी एक बड़ा केंद्र रहा है। बनारस की शैक्षणिक सफलता का सबसे बड़ा आधार है- इसका सर्वसमावेशी स्वभाव! देश और दुनिया के कोने-कोने से आकर लोग यहाँ पढ़ाई करते हैं। आज भी दुनिया के कितने ही देशों से लोग यहाँ संस्कृत सीखने आते हैं, ज्ञान लेने आते हैं। आज हमने इसी भावना को केंद्र में रखकर यहाँ से अटल आवासीय विद्यालयों का शुभारंभ किया है। आज जिन अटल आवासीय विद्यालयों का लोकार्पण हुआ है उन पर करीब 11 सौ करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। और ये स्कूल इतने भव्य स्कूल हमारे श्रमिक, हमारे यहां मजदूरी करने वाले जो लोग हैं और समाज के जो सबसे कमजोर वर्ग हैं, उनके बेटे बेटियों के लिए किया गया काम है। और इससे उनको अच्छी शिक्षा मिलेगी, संसकार मिलेंगे, आधुनिकतम शिक्षा मिलेगी। जिन लोगों की कोरोना में दु:खद मृत्यु हो गई, उनके बच्चों को भी इन आवासीय विद्यालयों में निःशुल्क पढ़ाया जाएगा। मुझे बताया गया है कि इन स्कूलों में कोर्स के साथ-साथ संगीत, कला, क्राफ्ट, कंप्यूटर, और स्पोर्ट्स के लिए भी शिक्षक होंगे। यानी, गरीब के बच्चे भी अब अच्छी से अच्छी पढ़ाई का, सर्वांगीण शिक्षा का सपना पूरा कर पाएंगे। और केंद्र सरकार की ओर से हमने इसी तरह जनजातीय समाज के बच्चों के लिए एकलव्य आवासीय स्कूल बनाए हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए हमने शिक्षा व्यवस्था की पुरानी सोच को भी बदला है। अब हमारे स्कूल्स आधुनिक बन रहे हैं। क्लासेस स्मार्ट हो रही हैं। भारत सरकार ने देश के हजारों स्कूलों को आधुनिक बनाने के लिए पीएम-श्री अभियान भी शुरू किया है। इस अभियान के तहत देश के हजारों स्कूलों को मॉर्डन टेक्नोल़ॉजी से लैस किया जा रहा है।

साथियों,

काशी में सांसद के तौर पर जो भी नए कार्यक्रम शुरू हो रहे हैं, उन सभी में मुझे आपका भरपूर सहयोग मिल रहा है। ये जो अटल आवासीय विद्यालय है ना, ये जो construction workers होते हैं। जो कभी ये गांव दूसरे गांव ऐसा काम करते हैं ना, बच्चों की पढ़ाई छुट जाती है और उसके लिए एक बजट रखा जाता है। उसमें से उनके बच्चों की चिंता करने का विषय होता है। आप देखिए कि तत्कालीन राजनीतिक लाभ लेने का जिनका इरादा नहीं होता है, स्वार्थभाव नहीं होता है वो कैसे काम करते हैं। और जिनके दिल दिमाग में सिर्फ चुनाव ही भरा रहता है, कैसे भी करके वोट बटोरने के खेल खेलने की आदत रहती है। वो ऐसे पैसों को कैसे बर्बाद करते हैं आप हिन्दुस्तान में जानकारी लेंगे तो पता चलेगा। ये पैसे सभी राज्यों के पास हैं और भारत सरकार ने पूरी की पूरी उनको छूट देकर रखी है। लेकिन ज्यादातर राज्य वोट मिलने वाले कामों के लिए उन पैसों को खपा रहे हैं। जबकि योगी जी ने और मेरी बात तो बहुत पहले हुई थी लेकिन उन्होंने मन में रखा और आज और ये बच्चे इतने तैयार होंगे ना उस परिवार को फिर मजदूरी करने की नौबत ही नहीं रहेगी। अभी मैं अटल आवासीय विद्यालय के कुछ बच्चों से मिलकर आया, श्रमिक परिवार के बच्चे थे, पक्का घर भी कभी देखा नहीं था। लेकिन इतने कम समय में जो आत्मविश्वास मैंने उनका देखा, मैं उनके सभी टीचर्स को भी बधाई देता हूं। जिस आत्मविश्वास से वो बातें कर रहे थे और प्रधानमंत्री को जिस प्रकार से वो बता रहे थे, ऐसे सवाल पूछ रहे थे, मैं भी तो कोई स्लेबस पढ़कर आया नहीं था। मुझे दिख रहा था कि इन बच्चों में स्पार्क है, सामर्थ्य है, मैं पक्का मानता हूं दोस्तों, 10 साल के भीतर-भीतर देखना इन स्कूलों में से उत्तरप्रदेश की और काशी की आन-बान-शान निखरने वाली है।

मेरे प्यारे काशीवासियों,

मुझ पर अपने आशीर्वाद ऐसे ही बनाए रखिए। इसी भावना के साथ, आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद!

हर हर महादेव!