Quoteप्रधानमंत्री मोदी ने दीनदयाल हस्तकला संकुल का उद्घाटन किया
Quoteपीएम मोदी ने महामना एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई, 1000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया
Quoteव्यापार सुविधा केंद्र से हस्तशिल्प की मांग बढ़ेगी, वाराणसी में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा: प्रधानमंत्री
Quoteभारत की सभी समस्याओं का समाधान विकास में ही है: प्रधानमंत्री मोदी
Quoteभारत आज तेजी से प्रगति कर रहा है, राष्ट्र के हित में कठोर निर्णय लिए जा रहे है: पीएम मोदी

मंच पर विराजमान उत्‍तर प्रदेश के राज्‍यपाल श्रीमान रामनायक जी, राज्य के लोकप्रिय मुख्‍यमंत्री श्रीमान योगी आदित्‍यनाथ जी, केंद्र में मंत्रीपरिषद की मेरी साथी श्रीमती स्‍मृति ईरानी जी, केंद्र में मंत्रीपरिषद में मेरे साथी श्री अजय टम्टा जी, राज्‍य के उपमुख्‍यमंत्री श्रीमान केशव प्रसाद मोर्य जी, इसी क्षेत्र के सांसद कई वर्षों तक मंत्रीपरिषद में मेरी उत्‍तम साथ देने वाले और अब उप्र भारतीय जनता पार्टी का सुकाम संभाल रहे हैं डाक्‍टर महेंद्र नाथ पांडे जी, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन श्रीमान अश्‍वनी जी जिन्‍होने गरीबों के कल्‍याण के लिए उनको आत्‍मनिर्भर बनाने के लिए बहुत बुद्धिमानी से, बारीकी से financial inclusion का एक बहुत बड़ा बीड़ा उठाया है। ऐसे उत्‍कर्ष बैंक के प्रबंध निर्देशक श्रीमान गोविंद सिंह जी और विशाल संख्‍या में पधारे हुए मेरे बनारस के मेरे प्‍यारे भाईयो और बहनों 

|

आज एक ही कार्यक्रम में एक ही मंच से एक हजार करोड़ रूपयों से ज्‍यादा लागत के कुछ प्रकल्‍पों को लोकार्पण और कुछ प्रकल्पों को शिलान्‍यास होने जा रहा है। मैं उत्‍तर प्रदेश सरकार का भी बहुत आभारी हूं। कि उन्‍होंने बनारस क्षेत्र के विकास के लिए पूर्वी भारत के विकास का जो हमारा सपना है उसमें ये बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। और इसलिए राज्‍य सरकार भी अभिनंदन की अधिकारी है। आज करीब 300 सौ करोड़ रूपयों की लागत से वस्‍त्र मंत्रालय द्वारा, Textile Ministry द्वारा जिस प्रकल्‍प का लोकार्पण हो रहा है मैं नहीं मानता हूं पिछले कई दशकों में बनारस की धरती पर इतनी बड़ी प्रकल्‍प की योजना साकार हुई हो। और जिस प्रकल्‍प का शिलान्‍यास हम करते हैं उसका उद्घाटन भी हम हीं करते हैं वर्ना राजनीति हिसाब किताब से शिलान्‍यास होते रहते हैं योजनाएं लटकती रहती हैं, पूरी नहीं होती हैं। यहां दो पुल का लोकार्पण हुआ अब कितने समय से लटकी हुई चीजे, लेकिन योगी जी ने आकर के उसका बीड़ा उठाया आज वो साकार हो गया और उस पार के लोगों के लिए विकास के लिए नए दरवाजे खुल जाते हैं सुविधाएं बढ़ जाती हैं। 

|

आज बुनकर और शिल्‍पकार भाईयो और बहनों के लिए मैं समझता हूं कि एक स्‍वर्णिम अवसर है। आपके पास अपने पूर्वजों से ये कौशल्‍य तो प्राप्‍त है। दुनिया के लोगों को अचंभित करने वाली चीजे निर्माण करने का आपका सामर्थ्‍य है लेकिन जंगल में मोर नाचा किसने देखा। अगर यही हाल रहा तो इस काशी क्षेत्र के मेरे शिल्‍पकार भाई, बुनकर भाईयो को कभी विश्‍व के सामने अपने सामर्थ्‍य का परिचय कराने का अवसर नहीं आ सकता। ये initiative ऐसा है जो हमारे इन छोटे-छोटे बुनकर भाई, शिल्‍पकार भाई-बहन जो अपनी कलाकारी के द्वारा अपनी हस्‍तकला के द्वारा जो निर्माण करते हैं अगर उसको एक वैश्विक बाजार नहीं मिलता है। तो इसकी आर्थिक गतिविधि अटक जाती है। मैं जब नया नया यहां सांसद बनकर के इन बुनकर भाईयो से बातचीत कर रहा था तो मैं एक ही बात सुन रहा था कि हमारे बच्‍चे अब इस काम जुड़ना नहीं चाहते। हमारे परिवार के सदस्‍य अब इससे बाहर निकलना चाहते हैं। वे पढ़ लिख कर के कहीं बाहर जाना चाहते हैं। और तभी मुझे लगा कि इतना बड़ा सामर्थ्‍यवान आर्थिक गतिविधि का हथियार अगर हमारे इन परिवारों से छूट जाएगा तो आने वाला इतिहास हमें माफ नहीं करेगा। क्‍योंकि एक ऐसी अमानत आपके पास है जिससे आप दुनिया को चकाचौंध कर सकते हैं। और जैसे-जैसे युग आगे बढ़ रहा है दुनिया भी भारत की इस विशेषताओं के प्रति आकर्षित हो रही है। और इसलिए 300 सौ करोड़ की लागत से बनी हुई ये इमारत, ये सिर्फ इमारत नहीं है। ये भारत के सामर्थ्‍य का परिचय कराने वाली ये हमारे काशी क्षेत्र के शिल्‍पकार बुनकरों के सामर्थ्‍य की एक ऐेसी कथा को संजोये हुए है जो भविष्‍य के नए दरवाजे खोलने की ताकत रखते हैं। मैं यहां के आटोरिक्शा ड्राइवरों से, टैक्‍सी वालों से आग्रह करूंगा कि काशी में अगर कोई भी टूरिस्‍ट आता है उस टूरिस्‍ट को यहां जरूर ले आइए। आग्रह करके ले आइए, एक ही जगह पर काशी क्षेत्र के सामर्थ्‍य का उसको परिचय करवाइए, और जो भी टूरिस्‍ट आएगा कुछ न कुछ तो खरीद कर के जाएगा। विदेशी टूरिस्‍ट आएगा वो तो शायद यहां से हटने का नाम नहीं लेगा। ये जो museum बना है वो काशी के tourism को भी बढ़ावा देगा। जो श्रद्धापूर्वक काशी में यात्रा के रूप में आते हैं वे जो ये चीजों की मुलाकात करेंगें, इसे देखेगें, काशी के सामर्थ्‍य को जानेगें मुझे विश्‍वास है कि काशी के tourism को भी बढ़ावा मिलेगा। काशी के इस कला-कौशल्‍य को भी ताकत मिलेगी। और एक नये आर्थिक गतिविधि का एक केंद्र बनेगा। 

 

|

मैं आज मेरे सभी बुनकर भाईयो बहनों को, मेरे सभी शिल्‍पकार भाईयो बहनों को ये सौगात देते हुए ह्दय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। और उनकी प्रगति के लिए शुभकामनाएं देता हूं। भाईयो बहनों हर समस्‍या का समाधान आखिर विकास में ही है। पहले ऐसी सरकारें आकर गई जिनको विकास से नफरत जैसा माहौल था उनके लिए सरकारी तिजोरी, चुनाव जीतने के कार्यक्रमों में तबाह हो जाती थी। हमारी कोशिश ये है कि विकास की वो बातें साकार हों ताकि गरीब से गरीब की जिंदगी में बदलाव लाने का अवसर तैयार हो। हमारे गरीबों का सशक्तिकरण हो अगर हमारे गरीब के हाथ में कुछ सामर्थ्‍य आ जाए, कोई अर्थव्‍यवस्‍था आ जाए। उसको काम करने का अवसर मिल जाए तो मुझे विश्‍वास है हिन्‍दुस्‍तान का कोई भी गरीब, गरीब नहीं रहना चाहता। आप किसी भी गरीब से बात कीजिए। उनसे पूछिए कि आपने जैसी जिंदगी गुजारी क्‍या आप अपने बच्चों को भी ऐसी ही जिंदगी जीने के लिए पंसद करेगें क्‍या? गरीब से गरीब कहता है कि मेरे नसीब में जो था मैंने भुगता, मेरे बाप-दादा ने जो मुझे जो दिया था मैंने तो मेरी जिंदगी काट दी लेकिन मैं नहीं चाहता हूं कि मेरी आने वाली पीढ़ी ऐसी गरीबी की जिंदगी जीने के लिए मजबूर हो जाए। हर गरीब के दिल में अपने संतानों को विरासत में गरीबी देने की इच्‍छा नहीं है वो भी चाहता है कि मैं ऐसी जिंदगी जीऊं ताकि मेरे संतानों को विरासत में गरीबी न मिले। वो अपने पैरों पर खड़े हों मेहनत करें, मजदूरी करें, काम करें, नया काम सीखें लेकिन सम्‍मान के साथ जीने वाला मैं उनको बनाना चाहता हूं। हर गरीब का जो सपना है अपने भावी पीढ़ी के लिए मेरी सरकार का भी वही सपना है जो मेरे हर गरीब की भावी पीढ़ी के लिए सपना है। और इसलिए हम सारी योजनाएं समाज के हर तबके में सशक्तिकरण आए अपने पैरों पर खड़े रहने का सामर्थ्‍य आए उस दिशा में प्रयास कर रहे हैं। इस भू‍-भाग में विशेषकर के उत्‍कर्ष बैंक के द्वारा इस काम को बल दिया जा रहा है। मैं उनको बधाई देता हूं। कि जिस समपर्ण भाव से हमारे गोविंद जी और उनकी टीम इस काम में लगी है में बधाई के पात्र है।

|



भाईयो बहनों काशी में आज एक वाटर एम्‍बुलैस का भी लोकार्पण हुआ है। जल शव वाहनी का भी लोकार्पण हुआ है। जब मैंने पहली बार जल शव वाहनी का विचार रखा था तो कई लोगों को आश्‍चर्य हुआ था। मैंने कहा कि काशी के ट्रेफिक की समस्‍या और शमशान यात्रा में जुड़े हुए लोगों की समस्‍या उसका निकार करने के लिए हमें पानी के मार्ग का भी उपयोग करना चाहिए, जलमार्ग का भी उपयोग करना चाहिए। हमारे जलमार्ग में भी एक ताकत है। उसको आर्थिक विकास से जोड़ना हमारे जलमार्ग को सामान्‍य मानवी की सुविधाओं से जोड़ना, टूरिस्‍ट के नाते जो गतिविधिया होती हैं उसे ओर अधिक आगे बढ़ाना। उस दिशा में हमने कई प्रयास शुरू किए हैं। उसी के तहत आज इसका भी लोकार्पण हो रहा है। 

|




बनारस के मेरे प्‍यारे भाईयो बहनों आपको मालूम है जब मैं बनारस में चुनाव लड़ने के लिए आया था तो उसके साथ-साथ मैं बड़ोदा में भी चुनाव लड़ रहा था। और बड़ोदा ने भी मुझे भारी मतों से विजयी बनाया था। बनारस ने भी मुझे भारी मतों से विजयी बनाया था। लेकिन जब एक सीट छोड़ने की बात आई तो मैंने सोचा कि बड़ोदा को आगे बढ़ाने के लिए बहुत सारे साथी मेरे वहां हैं। बड़ोदा की प्रगति के लिए वो कोई कमी नहीं रखेंगें। लेकिन काशी के लिए अगर मैं अपना समय खपाता हूं तो शायद मेरे जीवन का संतोष हो। और इसलिए मैंने काशी की सेवा करने का चुना लेकिन आज मुझे खुशी है कि बड़ोदरा और बनारस को जोड़ा जा रहा है। कि बड़ोदरा और बनारस महामना एक्‍सप्रेस से जुड़ रहे है। आज यहां से बड़ोदा से महामना एक्‍सप्रेस का आरंभ हुआ । बड़ोदा से सूरत होते हुए ये महामना एक्‍सप्रेस बनारस पहुंचेगी। गुजरात में से Textile सबसे पहले अहमदाबाद से चलता हुआ ये Textile उद्योग बनारस में आया। आज फिर से महामना एक्‍सप्रेस के द्वारा बड़ोदा वो भी एक संस्‍कृति नगरी है। वे भी एक विद्या का धाम है। बनारस भी संस्‍कृति नगरी है, विद्या का धाम है। दोनों को जोड़ना और वाया सूरत जो textile का धाम बना हुआ है। एक ऐसी ये रेल की व्‍यवस्‍था जिसका सीधा संबंध पूर्वी उत्‍तर प्रदेश के सामान्‍य नागरिकों के साथ तो है ही है लेकिन इसका संबंध आर्थिक गतिविधि के साथ ज्‍यादा है। मैं भारत के रेल मंत्रालय को हमारे रेल मंत्रालय पीयूष जी अभी बड़ोदा से महामना एक्‍सप्रेस की विदाई कर रहे थे और सूरत में इसी धरती की संतान हमारे रेल मंत्री श्रीमान मनोज सिन्‍हा जी सूरत से उसकी विदाई कर रहे हैं। एक अदभूत संयोग आज इस महामना एक्‍सप्रेस के लोकार्पण का भी बना है। भाइयो बहनों मैं आपका लंबा समय लेना नहीं चाहता। लेकिन आज देश तेज गति से प्रगति कर रहा है।

|

गरीब और मध्‍यम वर्ग के कल्‍याण को केंद्र में रख कर के कर रहा है। अनेक साहसपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। बीस-बीस पच्‍चीस-पच्‍चीस साल से लटके हुए मुद्दों का निपटारा बड़ी हिम्‍मत के साथ किया जा रहा है। बड़ी हिम्‍मत के साथ निर्णय किए जा रहे हैं, फैसले किए जा रहे हैं। और उसका परिणाम आज पूरी दुनिया देख रही है। कि भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। भारत बदल रहा है। हमें पूर्वी उप्र को भी बदलना है। हमें पूर्वी भारत को भी बदलना है। देश की अर्थव्‍यवस्‍था में जैसे पश्चिमी की ताकत है वैसी पूर्व की ताकत बने उस दिशा में हम काम कर रहे हैं। आज की ये योजनाएं एक हजार करोड़ रूपयों के ये प्रोजेक्‍ट मुझे विश्‍वास है कि यहां के आर्थिक जीवन में बदलाव लाने के लिए, यहां के सामाजिक जीवन में बदलाव लाने के लिए, यहां के infrastructure में बदलाव लाने के लिए एक बहुत बड़ी ताकत के रूप में काम आएंगे। मैं फिर एक बार उप्र में योगी जी के नेतृत्‍व में जो अनेक गतिविधिया तेज गति से चल रही हैं। छ: महीने के अल्‍पकाल में योगी जी ने जो कमाल करके दिखाया है। मैं उनको ह्दय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत धन्‍यवाद देता हूं।

Explore More
हर भारतीय का खून खौल रहा है: ‘मन की बात’ में पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

हर भारतीय का खून खौल रहा है: ‘मन की बात’ में पीएम मोदी
‘Bharat looks bhavya': Gaganyatri Shubhanshu Shukla’s space mission inspires a nation

Media Coverage

‘Bharat looks bhavya': Gaganyatri Shubhanshu Shukla’s space mission inspires a nation
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
PM Modi’s remarks at the BRICS session: Environment, COP-30, and Global Health
July 07, 2025

Your Highness,
Excellencies,

मुझे खुशी है कि ब्राजील की अध्यक्षता में ब्रिक्स ने पर्यावरण और स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों को उच्च प्राथमिकता दी है। ये विषय न केवल आपस में जुड़े हुए हैं, बल्कि मानवता के उज्जवल भविष्य के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

Friends,

इस वर्ष, COP-30 का आयोजन ब्राज़ील में हो रहा है। ऐसे में BRICS में पर्यावरण पर चर्चा प्रासंगिक भी है और समयानुकूल भी।

भारत के लिए Climate Change और पर्यावरण सुरक्षा हमेशा से उच्च प्राथमिकता के विषय रहे हैं। हमारे लिए Climate Change केवल ऊर्जा का विषय नहीं है। ये जीवन और प्रकृति के बीच संतुलन का विषय है।

जहां कुछ लोग इसे आंकड़ों में मापते हैं, भारत इसे संस्कारों में जीता है। भारतीय सभ्यता और संस्कृति में, पृथ्वी को माँ का दर्जा दिया गया है। इसीलिए जब पृथ्वी माँ पुकारती है, तो हम चुप नहीं रहते। हम अपनी सोच, अपने व्यवहार और अपनी जीवनशैली में बदलाव करते हैं।

भारत ने "People, Planet और Progress” की भावना से Mission LiFE, यानि, Lifestyle for Environment, एक पेड़ माँ के नाम, International Solar Alliance, Coalition for Disaster Resilient Infrastructure, Green Hydrogen Mission, Biofuels Alliance, Big Cats Alliance, जैसे कई initiatives की शुरुआत की है।

भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान, हमने sustainable development और North-South के gap को कम करने पर जोर दिया था। इस उद्देश्य से हमने सभी देशों के साथ Green Development Pact पर सहमति बनाई थी। Environment-friendly actions को प्रोत्साहित करने के लिए Green Credits Initiative की शुरुआत की है।

विश्व की fastest growing major economy होते हुए भी, भारत Paris Commitments को समय से पहले पूरा करने वाला पहला देश है। हम 2070 तक Net Zero के लक्ष्य की ओर भी तेज़ी से बढ़ रहे हैं।

पिछले दस वर्षों में भारत में solar energy की installed capacity में 4000 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है। इन प्रयासों से हम एक sustainable और green future की मजबूत नींव रख रहे हैं।

|

Friends,

भारत के लिए Climate Justice कोई विकल्प नहीं, एक नैतिक कर्तव्य है। भारत का मानना है कि ज़रूरतमंद देशों को technology transfer और affordable financing के बिना, climate एक्शन सिर्फ climate talks तक ही सीमित रहेगा।

Climate Ambition और Financing के बीच gap को कम करने में विकसित देशों की विशेष और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। हमें उन सभी देशों को साथ लेकर चलना होगा जो विभिन्न तनावों के चलते food, fuel, fertiliser और financial crisis से जूझ रहे हैं।

भविष्य को लेकर जो आत्मविश्वास विकसित देशों में है, वही आत्मबल इन देशों में भी होना चाहिए। किसी भी प्रकार के दोहरे मापदंड के रहते, मानवता का सतत और समावेशी विकास संभव नहीं है। आज जारी किया जा रहा "Framework Declaration on Climate Finance” एक सराहनीय कदम है। भारत इसका समर्थन करता है।

Friends,

पृथ्वी का स्वास्थ्य और मनुष्य का स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। कोविड महामारी ने हमें सिखाया है कि वायरस वीसा लेकर नहीं आते, और समाधान भी पासपोर्ट देखकर नहीं चुने जाते ! साझा चुनौतियों का हल सिर्फ साझे प्रयासों से ही संभव है।

भारत ने "One Earth, One Health” के मूलमंत्र से, सभी देशों के साथ सहयोग बढ़ाया है। आज भारत में विश्व की सबसे बड़ी insurance scheme, "आयुष्मान भारत” 500 मिलियन से भी ज्यादा लोगों के लिए वरदान बनी है। आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा जैसे traditional medicine systems का ecosystem खड़ा किया गया है। Digital Health के माध्यम से हम देश के हर कोने में ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचा रहे हैं। इन सभी क्षेत्रों में भारत का सफल अनुभव साझा करने में हमें खुशी होगी।

मुझे खुशी है कि ब्रिक्स में भी स्वास्थ्य सहयोग बढ़ाने पर विशेष बल दिया गया है। 2022 में लॉन्च किया गया BRICS वैक्सीन R&D Centre इस दिशा में एक मजबूत पहल है। आज जारी की जा रहा Leader’s statement on "BRICS Partnership for Elimination of Socially Determined Diseases”, हमारे सहयोग को मजबूत करने के लिए नई प्रेरणा देगा।

Friends,

आज की बहुत ही महत्वपूर्ण एवं उपयोगी चर्चाओं के लिए मैं सभी का आभार व्यक्त करता हूँ। अगले वर्ष भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता में हम सभी विषयों पर करीबी सहयोग जारी रखेंगे। भारत की BRICS अध्यक्षता में हम BRICS को नए रूप में परिभाषित करने पर काम करेंगे। BRICS का मतलब होगा – Building Resilience and Innovation for Cooperation and Sustainability.

जिस तरह, अपनी अध्यक्षता के दौरान, हमने G-20 को व्यापकता दिलाई, Global South के विषयों को agenda में प्राथमिकता दिलाई, उसी तरह BRICS की अध्यक्षता के दौरान हम इस Forum को people-centric और humanity First की भावना से आगे बढाएंगें।

एक बार फिर, राष्ट्रपति लूला को सफल BRICS Summit की हार्दिक शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।