Statue of Unity

Published By : Admin | October 7, 2010 | 17:25 IST

मित्रों,

मैं मुख्यमंत्री के रूप में पिछले नौ वर्षों से गुजरात की सेवा करके गौरवान्वित हुआ हुँ। और मैं गुजरात और भारत के लोगों का उनके अदम्य समर्थन और सहयोग देने के लिए अत्यंत आभारी हूं। कई बाधाओं और तूफान, प्राकृतिक आपदाओं और वह भी राजनैतिक असहिष्णुता और दुर्भावनाओं और गलत सूचनाओं की बौछार के वातावरण के बीच होने के बावजूद भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने राज्य में नौ साल पूरे कर लियें हैं। यह हालाँकि 21 वीं सदी में गुजरात में विकास के एक दशक के रूप में इतिहास के वृतान्त में अंकित होगा।

हमने इस सरकार की दसवें वर्ष में प्रविष्टि को ‘एकता की प्रतिमा’ (स्टॅच्यू ऑफ यूनिटी) - दुनिया की सबसे बडी 182 मीटर उँची सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा बनाने की भव्य योजना को प्रस्तुत करने के द्वारा चिह्नित किया है। भारत के लौह पुरुष की प्रतिष्ठा के उपयुक्त, यह प्रतिमा, अमेरिका में ‘स्वतंत्रता की मूर्ति’ (स्टॅच्यू ऑफ लिबर्टी) की ऊंचाई से दोगुनी और रियो डी जेनेरो के ‘मुक्तिदाता ईसा मसीह’ (क्राइस्ट, दी रिडीमर) से चार गुनी होगी।

इसे 'एकता की प्रतिमा' नाम दिया जा रहा है क्योंकि वह सरदार थे जिसने आजादी के बाद के सबसे मुश्किल समय में, लगभग 550 रियासतों को भारत के संघ के अंदर मिलाके, और सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के अलावा आधुनिक खेती और आदिवासी समुदायों के सशक्तिकरण जैसे विविध क्षेत्रों में एक योग्य प्रशासक के रूप में अच्छा शासन प्रदान करके भारत को एकजुट किया था।

यह 'एकता की प्रतिमा' सरदार सरोवर बांध से लगभग 3 किलोमीटर पर नर्मदा नदी के ताल पर साधु बेट पर निर्माण किया जाएगा जहाँ पर नावों में पहुंचा जा सकेगा। मेरा स्वप्न इस जगह को आने वाले युग के लिए प्रेरणा के एक स्रोत के रूप में विकसित करना है। उसमें एक उच्च तकनीक का संग्रहालय होगा, जो भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के 90 साल के इतिहास का वृतान्त देगा (1857-1947)। सिर्फ एक संरचना से बहुत आगे जाते हुए – भारत की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए, इसकी समृद्ध संस्कृति और विरासत के लिए, कृषि पर अनुसंधान के लिए जो कि सरदार को प्रिय था, जनजातीय जीवन पर अनुसंधान के लिए और ऐसे बहुत से ओर कामों के लिए इसे एक अनुसंधान और शैक्षिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इस प्रकार, यह न सिर्फ मीटर और फुट में लेकिन शैक्षिक, ऐतिहासिक, राष्ट्रीय और आध्यात्मिक मूल्यों के संदर्भ में भी बहुत उँचा खड़ा होगा।

हम भारत की महान संतानों को उचित श्रद्धांजलि दे रहें हैं – चाहे वह गांधीनगर में बन रहा महात्मा मंदिर हो, मांडवी-कच्छ में क्रांतिगुरु श्यामजी कृष्ण वर्मा स्मारक हो या सुरत के पास हरिपुरा (नेताजी सुभाष चंद्र बोस के ऐतिहासिक कांग्रेस सत्र के आयोजन का स्थल) से ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी हो।

मित्रों, मुझे आशा है कि आपको यह उपहार पसंद आएगा, इस खुशी के मौके पर गुजरात की ओर से राष्ट्र और दुनिया के लिए एक और। इस पर की वीडियो क्लिप जरुर देखें। मुझे इस ऐतिहासिक स्मारक के लिए आपके सुझाव प्राप्त करना अच्छा लगेगा।

जय जय गरवी गुजरात ! जय जय स्वर्णीम गुजरात !

आपका,

 

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आपकी पूंजी, आपका अधिकार
December 10, 2025

कुछ दिन पहले ‘हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट’ में अपनी स्पीच के दौरान, मैंने कुछ चौंकाने वाले आंकड़े रखे थे:

भारतीय बैंकों में हमारे अपने नागरिकों के 78,000 करोड़ रुपये अनक्लेम्ड पड़े हैं।

इंश्योरेंस कंपनियों के पास करीब 14,000 करोड़ रुपये अनक्लेम्ड पड़े हैं।

म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास लगभग 3,000 करोड़ रुपये हैं और 9,000 करोड़ रुपये के डिविडेंड भी अनक्लेम्ड पड़े हैं।

इन बातों ने बहुत से लोगों को चौंका दिया है।

आखिरकार, ये एसेट्स अनगिनत परिवारों की मेहनत से बचाई गई सेविंग और इन्वेस्टमेंट को दिखाते हैं।

इसे ठीक करने के लिए, अक्टूबर 2025 में आपकी पूंजी, आपका अधिकार - Your Money, Your Right पहल शुरू की गई थी।

इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक नागरिक अपने अधिकार के अनुसार अपना हक वापस पा सके।

फंड को ट्रैक करने और क्लेम करने की प्रक्रिया को आसान व पारदर्शी बनाने के लिए, डेडिकेटेड पोर्टल भी बनाए गए हैं। जो इस प्रकार हैं:

• भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) – UDGAM पोर्टल https://udgam.rbi.org.in/unclaimed-deposits/#/login

• भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) – बीमा भरोसा पोर्टल: https://bimabharosa.irdai.gov.in/Home/UnclaimedAmount

• भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI)– MITRA पोर्टल: https://app.mfcentral.com/links/inactive-folios

• कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय, IEPFA पोर्टल: https://www.iepf.gov.in/content/iepf/global/master/Home/Home.html

मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि दिसंबर 2025 तक, पूरे ग्रामीण और शहरी भारत के 477 जिलों में फैसिलिटेशन कैंप लगाए गए हैं। हमारा जोर दूर-दराज के इलाकों को कवर करने पर रहा है।

सरकार, नियामक संस्थाओं, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों सहित सभी हितधारकों की संयुक्त कोशिशों के माध्यम से, करीब 2,000 करोड़ रुपये पहले ही वास्तविक हकदारों को वापस मिल चुके हैं।

लेकिन हम आने वाले दिनों में इस अभियान को और बढ़ाना चाहते हैं। और ऐसा करने के लिए, मैं आपसे इन बातों पर मदद का अनुरोध करता हूँ:

पता कीजिए कि क्या आपके या आपके परिवार के पास कोई अनक्लेम्ड डिपॉजिट, बीमा की रकम, डिविडेंड या इन्वेस्टमेंट हैं।

ऊपर बताए गए पोर्टलों पर जाएं।

अपने जिले में सुविधा कैंप का लाभ उठाएं।

जो आपका है, उसे क्लेम करने के लिए अभी कदम बढ़ाएं और एक भूली हुई फाइनेंशियल संपत्ति को एक नए अवसर में बदलें। आपका पैसा आपका है। आइए, यह सुनिश्चित करें कि यह आपको वापस मिले।

आइए, साथ मिलकर एक पारदर्शी, आर्थिक रूप से सशक्त और समावेशी भारत बनाएं!