अंग्रेजों के जुल्मों सितम के खिलाफ शसस्त्र संग्राम करके शहादत देनेवाले आदिवासियों की स्मृति में मानगढ़ क्रांति के महानायक गोविन्द गुरु स्मृतिवन निर्माण का मुख्यमंत्रीने किया शुभारम्भ

 

मानगढ़ में 1913 की आदिवासी शहादत की शताब्दी 2013 में गुजरात मनाएगा : श्री मोदी

 

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात और राजस्थान की सीमा पर स्थित पंचमहाल जिले के आदिवासियों के राष्ट्रीय तीर्थ समान मानगढ़ हिल पर 63 वें गुजरात वन महोत्सव का शुभारम्भ करते हुए मानगढ़ क्रांति के महानायक श्री गोविंद गुरु स्मृति वन के निर्माण की घोषणा करते हुए कहा कि 1913 में हुई शहादत की आदिवासी बलिदान गाथा की शताब्दी गुजरात मनाएगा।

श्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि आजादी के लिए शहादत की इस ऐतिहासिक संग्राम की घटना की शताब्दी मनाने की इस सरकार की प्रतिबद्धता को राजनैतिक नजरिये से देखने वाले आदिवासियों की शहादत का अपमान कर रहे हैं।

अरावली पर्वतमाला की इस मानगढ़ टेकरी पर 17 नवम्बर 1913 को अंग्रेजों के जुल्मो सितम के खिलाफ श्री गोविन्द गुरु की नेतृत्व में की गई शसस्त्र क्रांति संग्राम में 1507 जितने देशभक्त आदिवासी शहीद हुए थे और इसकी शताब्दी के वर्ष की शुरुआत में आज मानगढ़ क्रांति के महानायक की स्मृति और भील आदिवासी शहीदों की याद को चिरंजीवी बनाने के लिए श्री मोदी ने 63वां गुजरात वन महोत्सव मानगढ़ हिल पर गोविन्द गुरु स्मृति वन के भव्य निर्माण के लिए वृक्षारोपण कर किया।

वन महोत्सव के इस मौके पर मानगढ़ पहाड़ी क्षेत्र में गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश के आदिवासी गावों से हजारों की तादाद में वनवासी परिवार उमड़ पड़े थे। सर्वांगीण आदिवासी कल्याण की वनबन्धु विकास योजना के आदिवासी लाभार्थियों को सहायता का वितरण भी श्री मोदी ने किया।

मानगढ़ हिल पर विराट वनवासी जनसैलाब का अभिवादन करते हुए श्री मोदी ने कहा कि पहली बार वनक्षेत्र में वन महोत्सव आयोजित हो रहा है और इसे सांस्कृतिक विरासत कीआस्था के साथ जोड़ने की पहल की गई है। गुजरात सरकार ने 2004 से सांस्कृतिक वनों के निर्माण से वन महोत्सव की पुरानी रूढ़ीवादी परम्परा को बदलते हुए नया आयाम अपनाया है। इसके परिणामस्वरूप समाज के लिए प्राकृतिक संसाधनों की स्थाई सम्पत्ति खड़ी करने के लिए वन महोत्सव का माध्यम अपनाया गया है। गांधीनगर में पुनीत वन, अम्बाजी में मांगल्य वन, जैन तीर्थ में तारंगाजी में तीर्थंकर वन, सोमनाथ में हरिहर वन, शामडाजी में श्यामल वन, चोटीला में भक्ति वन, पालिताणा में पावक वन और पावागढ़ में विरासत वन हरियाली सेभरपूर बन गए हैं।

मानगढ़ क्रांति के महानायक गोविन्द गुरु की स्मृति से आदिवासियों का सीना चौड़ा हो जाता है मगर दुर्भाग्य से इतिहास में से उनका नाम मिटा दिया गया है। 1913 में गोविन्द गुरु ने आदिवासियों में निशस्त्र सहयोग सभा और भगतपंथी जनचेतना का सामाजिक ज्वार खड़ा किया था। इसके बाद भारतमाता की आजादी के लिए अंग्रेजों की फौज के सामने झुकने के बजाए तोप और गोलियों के सामने शहादत स्वीकार कर ली थी और जलियांवाला बाग से भी दोगुनी संख्या में आदिवासियों ने बलिदान दिया था। इस ऐतिहासिक शहादत की शताब्दी गुजरात सरकार 2013 में मनाएगी और आदिवासी शहीदों की देशभक्ति के खमीर और खुमारी को दुनिया में प्रतिष्ठा दिलाएगी। एक समय ऐसा जरूर आएगा जब गोविंद गुरु जैसे आजादी की भारत भक्ति के सुधारों को आनेवाली पीढ़ीयां याद रखेगी।

आदिवासियों के उत्कर्ष के लिए आजादी के बाद की सरकारें विफल रही हैं मगर इस सरकार ने आवास विहीन आदिवासियों को दो लाख घरों के लिए प्लोट दिसम्बर तक देने का अभियान शुरु किया है। वनबन्धु योजना के तहत प्रथम पांच वर्ष में 15,000 करोड़ और अब पांच वर्ष के लिए और ज्यादा बजट पेकेज देने का फैसला किया है।

आदिवासियों के आरक्षण के नाम पर राजनैतिक खेलों के बजाए इस सरकार ने प्रत्येक आदिवासी तहसील में अम्बाजी से उमरगाम तक के आदिवासी पट्टे में विज्ञान प्रवाह की उच्च माध्यमिक शालाएं शुरु की हैं जिससे आदिवासी भी डॉक्टर और इंजिनियर बन सके हैं। आईटीआई और नर्सिंग कॉलेजें भी शुरु की गई हैं। आदिवासी किसानों और पशुपालकों को दूधारु पशु देकर उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने का काम गुजरात में हो रहा है जबकि दिल्ली की केन्द्र सरकार गौ मांस के लिए सब्सिडी देती है। 1857 में ही गौ मांस की चर्बीवाले कारतूस सेना को देने पर शसस्त्र क्रांति शुरु हुई थी।

श्री मोदी ने कहा कि शसस्त्र क्रांति की यशोगाथा को कोई भुला नहीं सकता। उन्होंने जंगल बचाने और वृक्ष लगाने का आह्वान किया। उन्होंने वर्षा जल्द ही होने की आशा जताई।

राज्य के वन मंत्री मंगु भाई पटेल ने भी इस समारोह में अपने विचार रखे। सांसद पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा की मानगढ़ में शहीदों को श्र्द्धांजलि देने आनेवाली पहले मुख्यमंत्री श्री मोदी हैं। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने श्री मोदी को राष्ट्र का गौरव करार दिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री द्वारा गोविन्द गुरु की परम्परा के वारिस महंत मानगिरी महाराज और नाथुराम महाराज का सम्मान करने के साथ ही वन विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का विमोचन किया और वन पंडित पुरस्कारों का वितरण भी किया। वन राज्य मंत्री किरिट सिंह राणा ने मानगढ़ को पर्यटन तीर्थ बनाने का राज्य सरकार का संकल्प दर्शाया।

कार्यक्रम में मंत्री फकिरभाई वाघेला, जितेन्द्र भाई सुखडिया, जसवंत सिंह भाभोर, जयद्रथ सिंह परमार, संसदीय सचिव हर्षद भाई वसावा, सांसद रामसिंह भाई राठवा, फजानसिंह कुलस्ते, प्रभात सिंह चौहाण, राज्सथा के अग्रणी ओम माथुर, पूर्व कानजी भाई पटेल, विधायक जेठाभाई आहिर, फतेसिंह चौहाण, अरविन्दसिंह राठौड़, तुषार सिं जी, जिलाधीश मनीषा चन्द्रा, शालिनी अग्रवाल सहित कई जन प्रतिनिधि, अधिकारी और आदीवासी मौजूद थे। वन विभाग के अग्र सचिव एस के. नन्दा ने सभी का स्वागत किया।

 

Gujarat's Cultural Van

Explore More
आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी
India leads globally in renewable energy; records highest-ever 31.25 GW non-fossil addition in FY 25-26: Pralhad Joshi.

Media Coverage

India leads globally in renewable energy; records highest-ever 31.25 GW non-fossil addition in FY 25-26: Pralhad Joshi.
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Prime Minister condoles loss of lives due to a mishap in Nashik, Maharashtra
December 07, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has expressed deep grief over the loss of lives due to a mishap in Nashik, Maharashtra.

Shri Modi also prayed for the speedy recovery of those injured in the mishap.

The Prime Minister’s Office posted on X;

“Deeply saddened by the loss of lives due to a mishap in Nashik, Maharashtra. My thoughts are with those who have lost their loved ones. I pray that the injured recover soon: PM @narendramodi”