महामहिम, ब्रिक्‍स देशों के राष्‍ट्रपतियो

महामहिम, दक्षिण अमरीकी देशों के राष्‍ट्रपतियो, विशिष्‍ट प्रतिनिधियो

मैं, दक्षिण अमरीकी देशों के नेताओं के साथ वार्तालाप का अवसर प्रदान करने के लिए ब्राजील का आभार व्‍यक्‍त करता हूं। मैं आप सभी महामहिमों का आभारी हूं कि आपने आज अपना बहुमूल्‍य समय इस बैठक के लिए दिया। दक्षिण अमरीका में विशाल संभावनाएं हैं। वहां व्‍यापक संसाधन और प्रतिभा उपलब्‍ध है। आर्थिक अनिश्चितता को देखते हुए दक्षिण अमरीका का विकास वैश्विक समृद्धि के लिए अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण हो सकता है। एक वैश्विक और परस्‍पर संबद्ध विश्‍व में हम सभी की नियतियां भी परस्‍पर सम्‍बद्ध हैं। हम सभी साझा आकांक्षाओं और साझा चुनौतियों के प्रति आबद्ध हैं। एक दूसरे की सफलता में हम सभी की भागीदारी है। दूरी अवसरों के मार्ग में कोई रुकावट नहीं है। दूरी के कारण विश्‍व के अन्‍य भागों की चुनौतियों से हम अछूते भी नहीं रह सकते।


महामहिमों, गुजरात के मुख्‍य मंत्री के रूप में मुझे दिल्‍ली में आपके राजदूतों के साथ भी विचार विमर्श का अवसर मिला था।

मैं दक्षिण अमरीका और भारत के बीच संबंध बढ़ाने की उनकी इच्‍छा से प्रभावित हूं।

मैं आपको आश्‍वासन देता हूं कि भारत दक्षिण अमरीका के साथ पहले से अधिक निकटता से काम करेगा। द्विपक्षीय स्‍तर पर, ब्रिक्‍स सदस्‍य के रूप में, जी-77 और अन्‍य अंतर्राष्‍ट्रीय मंचों पर भारत का अधिक सहयोग दिखाई देगा।

महामहिमों, हाल के वर्षों में भारत और दक्षिण अमरीका के व्‍यापार में भारी बढ़ोतरी हुई है।

दक्षिण अमरीका में भारतीय निवेशकों की मौजूदगी बढ़ रही है लेकिन अभी यह वांछित स्‍तर से बहुत कम है। हाइड्रो कार्बन से लेकर फार्मास्‍युटिकल्‍स, टेक्‍सटाइल से चमड़े तक, इंजीनियरी सामान से आटोमोबाइल तक निवेश के असंख्‍य अवसर उपलब्‍ध हैं। हमें भारत और मरकोसर ट्रेड ब्‍लॉक तथा चिली के साथ वरीयता व्‍यापार समझौते का अधिक कारगर ढंग से इस्‍तेमाल करना चाहिए। हम दक्षिण अमरीकी और कैरिबीयाई व्‍यापार सम्‍मेलन को महत्‍व देते हैं जो हर वर्ष भारत में आयोजित किया जाता है। ऐसा ही एक निवेश सम्‍मेलन अक्‍तूबर 2014 में आयोजित किया जा रहा है। मैं आप सभी महामहिमों से अनुरोध करता हूं कि आप अपने बड़े व्‍यापारियों को प्रोत्‍साहित करें कि वे इस अवसर का लाभ उठा सकें।

मेरा पूरा यकीन है कि सहयोग की संभावनाएं दूरी से कभी सीमित नहीं हो सकतीं, आवश्‍यकता है कि हम अपनी कल्‍पना शक्ति और प्रयासों को बनाए रखें। समावेशी और स्‍थाई विकास की यात्रा में हमें एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखना है। हमें अपने अनुभवों, उत्‍कृष्‍ट पद्धतियों और नवीन समाधानों की जानकारी एक दूसरे को अवश्‍य देनी चाहिए। भारत इसके लिए वचनबद्ध है। मुझे खुशी है कि भारत ने दक्षिण अमरीकी क्षेत्र में कृषि बागवानी आपदा प्रबंधन संचार और विधि के क्षेत्रों में अपने विशेषज्ञ नियुक्‍त किए हैं। हम नवीकरणीय ऊर्जा के लिए भी काम कर रहे हैं।

दक्षिण अमरीका से करीब 250 विद्यार्थी हर वर्ष हमारे अंतर्राष्‍ट्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम में हिस्‍सा ले रहे हैं। किंतु मेरा मानना है कि यह संख्‍या पर्याप्‍त नहीं है। हमें इसमें महत्‍वपूर्ण वृद्धि करना चाहते हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी में भारत की विशेषज्ञता में हिस्‍सेदारी के लिए हम दक्षिण अमरीकी देशों में सूचना प्रौद्योगिकी के उत्‍कृष्‍ट केंद्रों की स्‍थापना करेंगे।

Prime Minister, Shri Narendra Modi meeting the President of the Republic of Suriname, Mr. Desi Bouterse


भारत ने टेलीमेडिसिन, टेली एजुकेशन और ई गवर्नेंस जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने का प्रस्‍ताव किया है। हमने मौसम संबंधी भविष्‍यवाणी, संसाधनों के मापन और आपदा प्रबंधन के लिए अपनी अंतरिक्ष क्षमताओं का विस्‍तार किया है। दिल्‍ली में जारी संसद के वर्तमान सत्र को देखते हुए मैं यहां अधिक समय नहीं लगा पाउंगा लेकिन मुझे इस सुंदर और विशाल महाद्वीप और इसके लोगों से फिर मिलने के अवसर का इंतजार रहेगा। आने वाले वर्षों में मैं भारत और दक्षिण अमरीका के बीच सहयोग के सभी क्षेत्रों में संबंधों का स्‍तर अधिक गहन बनाने का प्रयास करूंगा।

धन्‍यवाद।

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
Taiwan proud to align with Make in India initiative: DG Taipei Economic & Cultural Centre

Media Coverage

Taiwan proud to align with Make in India initiative: DG Taipei Economic & Cultural Centre
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर पीएम मोदी का छात्रों से सहज संवाद
January 23, 2025

प्रधानमंत्री : 2047 तक का क्या लक्ष्य है देश का?

विद्यार्थी: विकसित बनाना है अपने देश को।

प्रधानमंत्री: पक्का?

विद्यार्थी: यस सर।

प्रधानमंत्री: 2047 क्यों तय किया?

विद्यार्थी: तब तक हमारी जो पीढ़ी है वह तैयार हो जाएगी।

प्रधानमंत्री: एक, दूसरा?

विद्यार्थी: आजादी को 100 साल हो जाएंगे।

प्रधानमंत्री: शाबाश!

प्रधानमंत्री: नॉर्मली कितने बजे घर से निकलते हैं?

विद्यार्थी: 7:00 बजे।

प्रधानमंत्री: तो क्या खाने का डब्बा साथ रखते हैं?

विद्यार्थी: नहीं सर, नहीं सर।

प्रधानमंत्री: अरे मैं खाऊंगा नहीं, बताओ तो सही।

विद्यार्थी: सर खाकर कर आए हैं।

प्रधानमंत्री: खाकर आ गए, लेकर नहीं आए? अच्छा आपको लगा होगा प्रधानमंत्री वो ही खा लेंगे।

विद्यार्थी: नहीं सर।

प्रधानमंत्री: अच्छा आज का क्या दिवस है?

विद्यार्थी: सर आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी का जन्म दिन है।

प्रधानमंत्री : हां।

प्रधानमंत्री: उनका जन्म कहां हुआ था?

विद्यार्थी: ओडिशा।

प्रधानमंत्री: ओडिशा में कहां?

विद्यार्थी: कटक।

प्रधानमंत्री: तो आज कटक में बहुत बड़ा समारोह है।

प्रधानमंत्री: नेताजी का वो कौन सा नारा है, जो आपको मोटिवेट करता है?

विद्यार्थी: मैं तुम्हें आजादी दूंगा।

प्रधानमंत्री: देखो आजादी मिल गई अब तो खून देना नहीं, तो क्या देंगे?

विद्यार्थी: सर फिर भी वह दिखाता है कैसे वो लीडर थे, और कैसे वो अपने देश को अपने ऊपर सबसे उनकी प्रायोरिटी थी, तो उससे बहुत प्रेरणा मिलती है हमें।

प्रधानमंत्री: प्रेरणा मिलती है लेकिन क्या-क्या?

विद्यार्थी: सर हम SDG कोर्स जो हैं हमारे, हम उनके माध्यम से जो कार्बन फुटप्रिंट है हम उसे रिड्यूस करना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री: अच्छा क्या-क्या, भारत में क्या-क्या होता है.......कार्बन फुटप्रिंट कम करने के लिए क्या-क्या होता है?

विद्यार्थी: सर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स तो आ ही गए हैं।

प्रधानमंत्री: इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, शाबाश! फिर?

विद्यार्थी: सर buses भी अब इलेक्ट्रिक ही है।

प्रधानमंत्री: इलेक्ट्रिक बस आ गई है फिर?

विद्यार्थी: हां जी सर और अब...

प्रधानमंत्री: आपको मालूम है दिल्ली में भारत सरकार ने कितनी इलेक्ट्रिक बसे दी हैं?

विद्यार्थी: सर है बहुत।

प्रधानमंत्री: 1200, और भी देने वाले हैं। देश भर में करीब 10 हजार बसें, अलग-अलग शहरों में।

प्रधानमंत्री: अच्छा पीएम सूर्यघर योजना मालूम है? कार्बन फुटप्रिंट कम करने की दिशा में। आप सबको बताएंगे, मैं बताऊ आपको?

विद्यार्थी: हां जी, आराम से।

प्रधानमंत्री: देखिए पीएम सूर्यघर योजना ऐसी है कि ये क्लाइमेट चेंज के खिलाफ जो लड़ाई है, उसका एक हिस्सा है, तो हर घर पर सोलर पैनल है।

विद्यार्थी: यस सर, यस सर।

प्रधानमंत्री: और सूर्य की ताकत से जो बिजली मिलती है घर पर, उसके कारण क्या होगा? परिवार में बिजली बिल जीरो आएगा। अगर आपने चार्जर लगा दिया है तो इलेक्ट्रिक व्हीकल होगा, चार्जिंग वहीं से हो जाएगा सोलर से, तो वो इलेक्ट्रिक व्हीकल का खर्चा भी, पेट्रोल-डीजल का जो खर्चा होता है वह नहीं होगा, पॉल्यूशन नहीं होगा।

विद्यार्थी: यस सर, यस सर।

प्रधानमंत्री: और अगर उपयोग करने के बाद भी बिजली बची, तो सरकार खरीद करके आपको पैसे देगी। मतलब आप घर में बिजली बना करके अपनी कमाई भी कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री: जय हिंद।

विद्यार्थी: जय हिंद।

प्रधानमंत्री: जय हिंद।

विद्यार्थी: जय हिंद।

प्रधानमंत्री: जय हिंद।

विद्यार्थी: जय हिंद।