राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और मीडिया के सदस्यों,

राष्ट्रपति पुतिन का भारत में स्वागत करते हुए सचमुच बहुत प्रसन्नता हो रही है। हम पहले दो बार विश्व की दो विपरीत अलग-अलग धुरियों-ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया में मिले थे। मुझे दिल्ली में वार्षिक शिखर बैठक के लिए उनकी मेजबानी करने का सम्मान मिला है। नई शताब्दी की शुरूआत से श्री पुतिन दोनों देशों के बीच भागीदारी के प्रमुख रचनाकार रहे हैं।

राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2000 में वार्षिक शिखर बैठकों की शुरूआत की थी। नवम्बर, 2001 में जब प्रधानमंत्री श्री वाजपेयी ने मास्को में पहले शिखर सम्मेलन में भाग लिया उस समय मैं गुजरात और अस्तराखान के बीच सहयोगी राज्य यानी सिस्टर स्टेट के समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए वहीं मास्को में था।

राष्ट्रपति पुतिन एक ऐसे महान राष्ट्र के नेता हैं जिसके साथ हमारी अनूठे आपसी विश्वास और सदभाव की मैत्री है। हमारी सामरिक भागीदारी की विषय वस्तु की कहीं कोई समानता नहीं की जा सकती। रूस की जनता का भारत के प्रति समर्थन हमारे इतिहास में कठिन क्षणों में भी बना रहा है। यह भारत के विकास, सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की मजबूती का स्तम्भ भी रहा है। भारत अपनी चुनौतियों का सामना करते हुए भी रूस के साथ हमेशा खड़ा रहा।

वैश्विक राजनीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के स्वरूप और चरित्र में परिवर्तन आ रहा है। इस संबंध का महत्व और भारत की विदेश नीति में इस के अद्वितीय स्थान में हालाकि परिवर्तन नहीं आएगा। दोनों देशों के लिए हमारे संबंधों का महत्व कई तरीकों से आने वाले वर्षों में और बढ़ेगा।

रूस कई दशकों से भारत का प्रमुख रक्षा भागीदार रहा है। प्रधानमंत्री के रूप में दिल्ली से बाहर मैं पहली यात्रा पर वायुसेना के नये कैरियर जहाज आईएनएस विक्रमादित्य में गया। यह हमारे समुद्र में हमारे रक्षा सहयोग के महान प्रतीक के रूप में तैरता दिखाई देता है। आज हालांकि भारत के सामने विकल्प बढ़ गये हैं फिर भी रूस हमारा अत्यंत महत्वपूर्ण रक्षा भागीदार बना रहेगा। हमने पिछले छः महीनों में सेना के तीनों अंगों के संयुक्त अभ्यास किए हैं।

राष्ट्रपति पुतिन और मैंने रक्षा परियोजनाओं के व्यापक क्षेत्र पर परिचर्चा की है। हमने मेक इन इंडिया समेत भारत की प्राथमिकताओं के अनुरूप दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध बनाने के तौर तरीकों पर भी चर्चा की।

मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि रूस ने अपने अति उन्नत हेलिकॉप्टरों का पूरी तरह भारत में निर्माण करने की पेशकश की है। इसमें भारत से निर्यात की संभावना भी शामिल है। इसे सैन्य और असैन्य दोनों उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। हम इस पर तेजी से आगे कार्रवाही करेंगे।

मैंने प्रस्ताव किया कि रूस को अपने देश के रक्षा उपकरणों के हिस्से पुर्जों के निर्माण की सुविधाएं भारत में विकसित करनी चाहिएं। श्री पुतिन ने मेरे अनुरोध पर बहुत अनुकूल प्रतिक्रिया दी।

भारत के आर्थिक विकास और यहां के युवकों के लिए रोजगार विकसित करने के लिए ऊर्जा सुरक्षा महत्वपूर्ण है। रूस भी इस क्षेत्र में प्रमुख भागीदार है।

मुझे खुशी है कि कुडंनकुलम परमाणु विद्युत संयंत्र की पहली इकाई में उत्पादन हो रहा है। इससे भारत की मौजूदा परमाणु विद्युत क्षमता में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हम कम से कम एक-एक हजार मेगावाट क्षमता की तीन और इकाइयां संस्थापित करने की स्थिति में हैं। हमने आज कम से कम दस और रियेक्टरों के साथ परमाणु ऊर्जा के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई है। इसमें सुरक्षा के ऐसे मानक होंगे जो विश्व में सबसे सुरक्षित माने जाएंगे। इसमें भारत में ही उपकरणों और हिस्सों पुर्जों का निर्माण किया जाएगा। इससे हमारी मेक इन इंडिया नीति को बल मिलेगा।

रूस विश्व में पेट्रोलियम संसाधनों का शीर्ष स्रोत है और भारत विश्व में इनका सबसे बड़ा आयातक है। हमारी घनिष्ठ मैत्री के बावजूद इस क्षेत्र में हमारा सहयोग निराशाजनक रहा है। हमने आज कुछ महत्वपूर्ण समझौतों के साथ नई शुरूआत की है। इतना ही नहीं हम तेल और प्राकृतिक गैस में भागीदारी का महत्वाकांक्षी एजेंडा बनाएंगे।

हमने आज कई फैसले लिए हैं और कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इनसे आज के विश्व में हमारे साझे विश्वास की झलक मिलती है और हमारे जीवंत आर्थिक संबंधों से सशक्त सामरिक भागीदारी की बुनियाद बनती है। इसी तरह शिक्षा, संस्कृति और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों की जनता के बीच घनिष्ठ संपर्क भी महत्वपूर्ण है।

मैं यूराएशियन आर्थिक संघ के साथ भारत के घनिष्ठ संबंधों के लिए समर्थन देने पर राष्ट्रपति पुतिन का धन्यवाद करता हूं। अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा हमें यानी दोनों देशों को बेहतर तरीके से जोड़ेगा और आज हम दोनों मिलकर विश्व हीरा सम्मेलन-वर्ल्ड डायमंड कांफ्रेस में उपस्थित रहेंगे। इससे आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए हमारा नया दृष्टिकोण उजागर होता है।

राष्ट्रपति पुतिन और मैं इस बात पर सहमत हैं कि विश्व में यह एक चुनौतीपूर्ण क्षण है। हमारी भागीदारी और एक दूसरे के हितों के लिए सदैव रही सशक्त संवेदनशीलता दोनों देशों की मजबूती का स्रोत बनेगी।

मैं चेचेन्या में आतंकी हमलों में मारे गये लोगों के प्रति अपनी ओर से गहरा शोक व्यक्त करता हूं। इससे हमारी कई साझी चुनौतियों का भी पता चलता है। सहयोग के लिए हमारे प्राथमिकता के क्षेत्र में आतंकवाद और उग्रवाद को काबू पाना; अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना; स्थिर, संतुलित, शांतिपूर्ण और समृद्ध एशिया प्रशांत के लिए काम करना; और अन्य देशों में विकास के लिए सहयोग देना शामिल है।

ब्रिक्स, पूर्व एशिया शिखर बैठक और जी-20 जैसे संगठनों ने हमारे सहयोग का दायरा भी विस्तृत बना दिया है। यह राष्ट्रपति पुतिन की 11वीं वार्षिक शिखर बैठक और मेरी पहली ऐसी बैठक है। इस शिखर बैठक से इस भागीदारी के असाधारण महत्व और मूल्य तथा शक्ति में मेरी प्रतिबद्धता मजबूत हुयी है। मुझे विश्वास है कि हमारे द्विपक्षीय सहयोग और हमारी अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी में आने वाले वर्षों में नई ऊर्जा आयेगी और यह नयी बुलंदियों को छूएगी।

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When it comes to wellness and mental peace, Sadhguru Jaggi Vasudev is always among the most inspiring personalities: PM
February 14, 2025

Remarking that Sadhguru Jaggi Vasudev is always among the most inspiring personalities when it comes to wellness and mental peace, the Prime Minister Shri Narendra Modi urged everyone to watch the 4th episode of Pariksha Pe Charcha tomorrow.

Responding to a post on X by MyGovIndia, Shri Modi said:

“When it comes to wellness and mental peace, @SadhguruJV is always among the most inspiring personalities. I urge all #ExamWarriors and even their parents and teachers to watch this ‘Pariksha Pe Charcha’ episode tomorrow, 15th February.”